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आखिर अजित पवार ने क्यों लिया एनसीपी से अलग होने का फैसला? जनता को लिखे पत्र में बताई एनडीए में शामिल होने की वजह

#Ajit_pawar_clarify_his_reasons_for_switching_sides_joining_hands_with_bjp

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जनता के नाम एक खुला पत्र लिखा है। इस पत्र में अजीत पावर ने पाला बदलने और बीजेपी और शिवसेना से हाथ मिलाने के अपने कारणों को स्पष्ट किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ये पत्र जारी किया है। अजित पवार ने पत्र में लिखा है कि भाजपा और शिवसेना में शामिल होते समय अलग तरह से सोचा। यह पत्र मेरी सही स्थिति और सोच के बारे में राज्य के लोगों को बताने के उद्देश्य से लिखा गया है।

अजित पवार ने अपने पत्र के जरिए महाराष्ट्र की जनता को बताया कि, अपने सियासी सफर में कुछ समय तक वह सत्ता में रहे और कुछ समय तक विपक्ष में रहे। सत्ता में रहते हुए काम की गति और विपक्ष में रहते हुए रुके हुए काम, दोनों का अनुभव किया। इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि यदि कोई जनता के प्रतिनिधि के रूप में काम करना चाहता है, तो उसके पास शक्ति होनी चाहिए। विचारधारा और लक्ष्यों से कोई समझौता किए बिना विकास कार्यों को गति देने के उद्देश्य से एक अलग रुख अपनाया गया। 

चाचा शरद पवार का नाम लिए बिना अजीत पवार ने कहा कि किसी का अपमान करने, किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने, किसी के साथ विश्वासघात करने या किसी की पीठ में छुरा घोंपने का बिल्कुल भी इरादा नहीं था और न ही कभी होगा। मेरे मन में हमेशा बड़ों के प्रति सम्मान, साथियों को साथ लेकर चलने और युवाओं को जगह-जगह अवसर देने की भावना रही है।

पवार ने आगे लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में इस देश में किए जा रहे विकास कार्य महत्वपूर्ण हैं। मुझे उनके गुण पसंद आए जैसे तेज नेतृत्व और सही निर्णय लेने की प्रक्रिया। मेरी कार्यशैली और उनकी शैली बहुत समान है। हमें काम के प्रति अधिक प्यार है और मैं उनके साथ अपनी भविष्य की विकास योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से लागू कर पाऊंगा।

बता दें कि अजित पवार जुलाई 2023 में एनसीपी के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। प्रदेश में इस सियासी घटनाक्रम के बाद शरद पवार गुट ने स्पीकर से पार्टी तोड़ने वाले विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। 6 फरवरी चुनाव आयोग ने भी अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया था। आयोग ने कहा था कि बहुमत के आधार पर अजित गुट ही असली है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने अजित गुट वाली एनसीपी को चुनाव चिह्न घड़ी के इस्तेमाल का अधिकार दिया था। वहीं, विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने विधायकों की अयोग्यता को लेकर 15 फरवरी को फैसला सुनाते हुए अजित गुट को ही असली एनसीपी करार दिया था और उनके गुट के 41 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया था।

आज भी ईडी के सामने पेश नहीं होंगे सीएम केजरीवाल, आप ने कहा-इस तरह दवान ना बनाए मोदी सरकार

#cmarvindkejriwalwillnotappeartodayonseventhsummonsed

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं होंगे। उन्हें ईडी ने 7वां समन जारी कर पेश होने के लिए कहा था। आम आदमी पार्टी ने बताया कि मामला कोर्ट में है और अगली सुनवाई 16 मार्च को है। ऐसे में केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हो रहे हैं। 

दिल्ली शराब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सातवां समन भेजा था। केजरीवाल को बीती 22 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने सातवां समन जारी कर सोमवार 26 फरवरी को पेश होने के लिए कहा था।हालांकि केजरीवाल ने जिस तरह से अब तरक 6 समन की अनदेखी की उसी तरह सातवें समन को भी इग्नोर कर दिया।आम आदमी पार्टी ने ईडी के सातवें समन पर कहा कि सोमवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल ईडी के ऑफिस नहीं जाएंगे। क्योंकि अभी मामला कोर्ट में लंबित है। जिसकी सुनवाई 16 मार्च को होगी। आप ने आगे कहा कि रोज समन भेजने के बजाय कोर्ट के फैसले का इंतजार करें। हम इंडिया गठबंधन का साथ नहीं छोड़ेंगे। हमारे ऊपर इस तरह से मोदी सरकार दबाव न बनाए। 

छह समन के बावजूद ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं केजरीवाल

दिल्ली शराब घोटाले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं और इसी मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को समन जारी किया है। इससे पहले बीती 14 फरवरी को भी ईडी ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन भेजा था, लेकिन केजरीवाल छठे समन पर भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। इससे पहले बीती साल 2 नवंबर, 21 दिसंबर और इस साल 3 जनवरी, 18 जनवरी और 2 फरवरी को भी ईडी केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन जारी कर चुकी थी।

बार-बार समन की कर रहे अनदेखी

दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बार-बार समन भेजकर पूछताछ के लिए बुला रही है, लेकिन वह पूछताछ के लिए ईडी के समक्ष पेश नहीं हो रहे हैं। छठवें समन पर भी सीएम अरविंद केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। सीएम केजरीवाल ने कहा था कि ईडी के समन ग़ैरक़ानूनी है और ईडी के समन की वैधता का मामला अब कोर्ट में है। केजरीवाल ने कहा कि ईडी इसे लेकर ख़ुद कोर्ट गई है और अब उन्हें बार बार समन भेजने की बजाय कोर्ट के फ़ैसले का इंतज़ार करना चाहिए।

क्या है पूरा मामला?

आरोप है कि दिल्ली सरकार ने 2021-22 के लिए एक्साइज नीति के तहत जिन शराब व्यापारियों को लाइसेंस जारी किए थे, उन्होंने इसके लिए रिश्वत दी थी और साथ ही मनपसंद शराब व्यापारियों को ही लाइसेंस जारी किए गए। दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021/22 को बनाने और उसके क्रियान्वयन में घोटाले के आरोपों के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 20 जुलाई, 2022 को मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। जिसके बाद 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने शिकायत दर्ज की थी। जिसमें तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर 1 बनाया था।सीबीआई के बाद ईडी ने 22 अगस्त, 2022 को आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एंगल पर जांच शुरू की।

किसानों का ट्रैक्टर मार्च आज, दिल्ली की सीमा सील

#kisantractormarch_today

किसान अपनी मांगों को लेकर अभी भी शंभू बॉर्डर डटे हुए हैं। किसान नेताओं का कहना है कि वो इस बार अपनी मांग पूरी करवाए बिना पीछे नहीं हटने वाले हैं। इन्हीं मांगों को लेकर 26 फरवरी यानी आज सोमवार को किसान ट्रैक्टर मार्च निकालने वाले हैं। भारतीय किसान यूनियन और संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में किसान यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते दिल्ली की तरफ ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे।इस दौरान किसान दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक अपने ट्रैक्टर नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर खड़े करेंगे। इसके साथ ही भारतीय किसान परिषद और ऑल इंडिया किसान सभा एनटीपीसी नोएडा ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद नोएडा में ट्रैफिक बढ़ सकता है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। किसानों ने दावा किया है कि प्रदर्शन के दौरान वो ट्रैफिक जाम नहीं करेंगे। हालांकि, इसके बाद भी पुलिस अलर्ट मोड पर है।

पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

भारतीय किसान यूनियन का ग्रेटर नोएडा से नोएडा की ओर ट्रैक्टरों की कतार लगाने और यमुना एक्सप्रेसवे के साथ मार्च करने की प्लानिंग है। हालांकि, बीकेयू का कहना है कि यातायात बाधित किए बिना ट्रैक्टर खड़े करेंगे, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है। नोएडा से दिल्ली की ओर लगने वाले सभी बॉर्डर पर बैरियर लगाकर दिल्ली पुलिस और नोएडा पुलिस की ओर से चेकिंग का निर्णय लिया गया है। ट्रैक्टर मार्च को देखते हुए कई मार्गों पर डायवर्जन किया गया है और नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने इसको लेकर एडवाइजरी जारी की है।

दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर अलर्ट

संयुक्त किसान मोर्चा के आहवान पर भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट द्वारा यमुना एक्सप्रेस-वे, लुहारली टोल प्लाजा एवं महामाया फ्लाई ओवर पर ट्रैक्टर मार्च और अग्रिम आदेश होने पर दिल्ली कूच किया जाना प्रस्तावित है। ऐसे मेंगौतमबुद्धनगर से दिल्ली सीमा लगने वाले सभी बॉर्डरों पर बैरियर लगाकर दिल्ली पुलिस एवं गौतमबुद्धनगर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया है। गौतमबुद्धनगर से दिल्ली बॉर्डर लगने वाले मार्गों और यमुना एक्सप्रेस-वे, लुहारली टोल प्लाजा आदि पर ट्रैफिक जाम लग सकता है। ऐसे में कई रूट्स पर डायवर्जन किया गया है। पुलिस ने कहा है कि लोग मेट्रो से यात्रा करें।यमुना एक्सप्रेस-वे से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे होकर दिल्ली जाने वाले तथा सिरसा से परीचौक होकर सूरजपुर जाने वाले मार्ग पर सभी प्रकार के मालवाहक वाहनों का आगमन प्रतिबन्धित रहेगा।

किसानों का आगे का कार्यक्रम

किसानों के गे कके क्रायक्रम पर सरवन सिंह पंढेर ने कहा, शंभू और खनौरी सीमाओं पर एक सम्मेलन करेंगे और डब्ल्यूटीओ डब्ल्यूटीओ पर चर्चा होगी। हमने भारत सरकार से मांग की है कि सरकार कृषि क्षेत्र को डब्ल्यूटीओ से बाहर निकाले। हम शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। 26 फरवरी की दोपहर में दोनों बॉर्डरों पर 20 फीट से ऊंचे पुतलों का दहन किया जाएगा। 27 फरवरी को किसान मजदूर मोर्चा, (गैर राजनीतिक) देश भर के अपने सभी नेताओं की बैठक करेगा। 28 फरवरी को दोनों मंच बैठेंगे और चर्चा करेंगे। 29 फरवरी को अगले कदम को लेकर फैसला किया जाएगा। हम प्रधानमंत्री मोदी से किसानों के साथ जो कुछ भी हो रहा है उस पर बोलने की मांग कर रहे हैं।

ड्राइवर चाय पीने चला गया! इधर, बिना ड्राइवर के 84 किलोमीटर तक दौड़ती रही ट्रेन, रेलवे में मच गया हड़कंप, पढ़िए, पूरा मामला

जम्मू-कश्मीर के कठुआ रेलवे स्टेशन पर रविवार सुबह रुकी एक मालगाड़ी अचानक पठानकोट की ओर चल पड़ी। यह ट्रेन ढलान के कारण बिना ड्राइवर के चलने लगी थी, जिसके बाद करीब 84 किलोमीटर तक दौड़ती रही। इस घटना से रेलवे के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। 

गनीमत रही कि इस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई। आनन-फानन में कड़ी मशक्कत के बाद ट्रेन को पंजाब के मुकेरियां में ऊंची बस्सी के पास रोका गया। ट्रेन को पंजाब के दसूहा के पास रोका गया। रेलवे ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। कठुवा रेलवे स्टेशन के करीबी सूत्रों का कहना है कि मालगाड़ी कंक्रीट लेकर जा रही थी। यह कंक्रीट कठुआ से लोड किया गया था। जब चालक और सह-चालक चाय के लिए रुके तो इंजन चालू था। 

7:10 बजे: कठुआ रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी 14806R को रोका गया।

ड्राइवर चाय पीने चला गया।

ट्रेन ढलान के कारण बिना ड्राइवर के चलने लगी।

84 किलोमीटर तक ट्रेन दौड़ती रही।

मुकेरियां में ऊंची बस्सी के पास ट्रेन को रोका गया।

जांच की गई शुरू

रेलवे ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

कारणों का पता लगाने के लिए एक टीम फिरोजपुर से भेजी गई है।

संभावित कारण

ड्राइवर द्वारा हैंडब्रेक नहीं खींचना।

इंजन चालू रहना।

कांग्रेस में नहीं थी इच्छाशक्ति, हमने दृढ़ संकल्प से बदली देश की तस्वीर', द्वारका में पीएम मोदी ने विपक्ष पर साधा जमकर निशाना

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इसके बाद उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने गहरे समंदर के भीतर जाकर प्राचीन द्वारका जी के दर्शन किए।

 पीएम मोदी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की कर्मभूमि द्वारकाधाम को मैं श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। देवभूमि द्वारका में भगवान कृष्ण द्वारकाधीश के रूप में विराजते हैं। यहां जो कुछ भी होता है वो द्वारकाधीश की इच्छा से ही होता है। मैंने गहरे समंदर के भीतर जाकर प्राचीन द्वारका जी के दर्शन किए।

उन्होंने कहा कि पुरातत्व के जानकारों ने समंदर में समाई उस द्वारका के बारे में काफी कुछ लिखा है। कहते हैं कि भगवान विश्वकर्मा ने खुद इस द्वारका नगरी का निर्माण किया था।आज मेरा मन बहुत गदगद है, मैं भाव विभोर हूं। दशकों तक जो सपना संजोया हो और आज उस पवित्र भूमि को स्पर्श करके पूरा हुआ होगा। आप कल्पना कर सकते हैं कि मेरे भीतर कितना आनंद होगा। मैं आज समुद्र द्वारका के उस दर्शन से विकसित भारत के संकल्प को और मजबूत करके आया हूं।

रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों से वर्ल्ड इकोनॉमी पर खतरा, पाबंदियों पर रूस ने दिया बड़ा बयान

डेस्क: रूस और यूक्रेन में जंग के दो साल पूरे हो गए। इसी बीच अमेरिका ने रूस पर 500 प्रतिबंध लगा दिए। इस प्रतिबंध से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी खतरा मंडरा रहा है। हालांकि इस प्रतिबंध के बाद रूस की ओर से भी बयान आया है। इन पाबंदियों पर रूस ने कहा है कि उस पर इन पाबंदियों का कोई असर नहीं पड़ेगा। रूस का यूक्रेन पर हमला और विपक्षी नेता नवलनी की मौत की वजह से यह प्रतिबंध अमेरिका ने लगाए हैं। 

प्रतिबंधों पर क्या बोले रूसी राजदूत?

वाशिंगटन में रूसी राजदूत अनातोली एंतोनोव ने कहा, ये अवैध प्रतिबंध रूसी संघ के आंतरिक मामलों में दखल का एक और बेशर्म व निंदनीय प्रयास है। प्रतिबंधों के जवाब में रूस ने यूरोपीय संघ (ईयू) के कई अन्य अधिकारियों के देश में घुसने पर रोक भी लगा दी है। उधर, विशेषज्ञों ने कहा, नए प्रतिबंधों से रूस-अमेरिका के साथ ही वैश्विक अर्व्यवस्था को भी झटका लग सकता है। अटलांटिक काउंसिल के किम डोनोवन ने कहा, रूस के लिए हम जो कदम उठा रहे हैं, वह वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बुरे प्रभाव डाल सकते हैं। 

जंग के दो साल पर कीव पहुंचे वैश्विक नेता

रूसी हमले की दूसरी वर्षगांठ पर एकजुटता दिखाने के लिए यूरोप, इटली, कनाडा और बेल्जियम के नेता कीव पहुंचे और यूक्रेन को समर्थन का संकल्प जताया। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, यूरोप तब तक यूक्रेन का समर्थन करेगा जब तक वह अंततः स्वतंत्र नहीं हो जाता।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर भीषण हादसा, खड़े ट्रक में कार ने मारी टक्कर; चार लोगों की मौत

डेस्क: उत्तर प्रदेश में हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। हर रोज कई सड़क हादसे हो रहे हैं और इसमें लोगों की जान जा रही है। इसमें भी आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर तो कई भीषण हादसे होते हैं। शनिवार को भी एक ऐसा ही भीषण हादसा देखने को मिला। यहां मैनपुरी के नजदीक यह हादसा हुआ है। इस हादसे में चार लोगों की मौत हुई है। 

कार ने खड़े ट्रक में मारी टक्कर

पुलिस ने बताया कि आगरा एक्सप्रेस-वे के 97 माइल स्टोन के पास एक ट्रक खड़ा था। वहीं पीछे से आ रही एक कार ने इसमें टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि कार के परखच्चे ही उड़ गए। वहीं कार में सवार चार लोगों की मौत हो गई।बताया जा रहा है कि कार सवार पश्चिम बंगाल के कोलकाता के रहने वाले थे। हादसे के बाद मौके पर पुलिस पहुंची और कार से चारों शवों को बाहर निकाला। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए मैनपुरी पोस्टमार्टम हाउस भेजा है।

शनिवार को कासगंज में 22 लोगों की हुई थी मौत

वहीं इससे पहले शनिवार को प्रदेश के कासगंज में ही 22 लोगों की मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक यूपी के कासगंज में माघ मेले में गंगा स्नान के लिए जाते वक्त ट्रैक्टर ट्रॉली पलट गई, जिससे सात बच्चों समेत 22 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही इस हादसे में कई लोग घायल भी हुए थे। माघ पूर्णिमा के मौके पर कासगंज जनपद के कादरगंज गंगाघाट पर स्नान करने जा रहे थे सभी लोग, एटा जनपद के जैथरा थाना क्षेत्र के कसा गांव के हैं।

उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी, सफेद चादर से ढके कई गांव, सुबह धूप खिली तो चांदी जैसे चमकने लगा पूरा क्षेत्र

उत्तराखंड में शनिवार देर रात को हुई बर्फबारी के बाद सुबह जब धूप निकली तो वादियां चांदी सी चमक उठीं। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी अब निचले क्षेत्रों तक भी पहुंच गई। गांव में चौक, खेत खलियान और आम रास्ते बर्फ से ढक गए। रात को पाला गिरने से बर्फ जम गई। अब ठिठुरन भरी ठंड पड़ रही है।

रामणी गांव के ग्राम प्रधान सूरज पंवार ने बताया कि बर्फबारी के बाद धूप खिलने से थोड़ी राहत मिली है। घूनी, पडेरगांव, जोशीमठ के साथ ही तपोवन क्षेत्र के गांवों में भी बर्फबारी हुई है। पोखरी ब्लॉक के मोहनखाल, ब्राह्मण थाला, नैल, कलसिर गांव में भी बारिश के साथ ही बर्फबारी हुई।

शनिवार को बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, रुद्रनाथ, लाल माटी, औली, गौरसों बुग्याल, फूलों की घाटी सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई थी। जिसके बाद ठिठुरन बढ़ गई है।बर्फबारी से निचले क्षेत्रों में शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। जोशीमठ नगर क्षेत्र में इस सीजन की पहली बर्फबारी हुई, लेकिन बर्फ जल्दी पिघल गई।शनिवार को बर्फबारी होने से बदरीनाथ हाईवे और मलारी हाईवे पर जमी बर्फ हटाने का कार्य प्रभावित हो गया था।

दोपहर बाद जैसे ही बर्फबारी शुरू हुई तो दोबारा वहां बर्फ जम गई जहां से बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) ने बर्फ हटाई थी। इधर, औली रोड पर बर्फबारी के बाद फिसलन बढ़ गई है। वहीं, यमुना घाटी में देर रात तक हुई बर्फबारी के बाद सुबह मौसम साफ हो गया। चटख धूप खिलने के बीच यमुनोत्री घाटी के साथ मां यमुना के मायके खरशालीगांव में स्थित यमुना मंदिर, भूतेश्वर महादेव मंदिर का भी अद्भुत नजारा दिखा।

अब यूक्रेन को नक्शे से मिटाने की तैयारी, कीव ने किया बड़ा दावा, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तरी कोरिया के तानाशाह किम जोंग आए एक साथ

यूक्रेन और रूस के बीच महायु्द्ध तीसरे साल में प्रवेश कर चुका है। 24 फरवरी 2022 के दिन रूसी सेना ने पूरी ताकत से यू्क्रेन की धरती पर हमला बोल दिया था। चार गुना ज्यादा सैन्य बल के बावजूद रूसी सेना यूक्रेन को मात नहीं दे पाई, क्योंकि उसके पीछे अमेरिका और पूरी पश्चिम देशों की ताकत है। इस बीच कीव ने बड़ा दावा किया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तरी कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन मिलकर उसके खिलाफ बड़ी साजिश रच रहे हैं। मकसद यूक्रेन को नक्शे से ही मिटाने का है। उत्तरी कोरिया ने रूस को ऐसी घातक मिसाइलें दी हैं, जो यूक्रेनी शहरों को पलभर में तबाह कर सकते हैं। अमेरिका ने भी यूक्रेन के दावे पर चिंता जताई है। 

यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (एसबीयू) ने नया दावा करते हुए सनसनी मचा दी है कि रूस ने दिसंबर के अंत से यूक्रेन पर हमलों में कम से कम 20 उत्तर कोरियाई बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया है। आशंका जताई है कि पुतिन और उत्तरी कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बीच डील हो गई है, जिसमें यूक्रेन को और अधिक मार देने की प्लानिंग तैयार हो गई है।

किम की अमेरिका से नफरत यूक्रेन पर पड़ेगी भारी

पुतिन का साथ देने के लिए किम इसलिए तैयार हो गए हैं क्योंकि अमेरिका और पश्चिम देश यूक्रेन का साथ दे रहे हैं और किम अमेरिका पर दक्षिण कोरिया और जपान को मदद के आरोप लगाता रहा है। किम कई बार खुले तौर अमेरिका को सबसे बड़ा दुश्मन भी बता चुके हैं। किम के भी जंग में सीधे तौर पर उतरने से इस युद्ध के तीसरे साल में महायुद्ध बनने के पूरे आसार हैं, जिसे लेकर अमेरिका और यूक्रेन दोनों काफी चिंतित हैं। 

यूक्रेन में जांचकर्ताओं का दावा है कि रूस द्वारा दागी गई ह्वासोंग-11 मिसाइलें - जिन्हें केएन-23 और केएन-24 के नाम से भी जाना जाता है - ने यूक्रेन में कम से कम 24 नागरिकों की जान ले ली है और कम से कम 100 घायल हो गए हैं।

एक बयान के अनुसार, एसबीयू ने केएन-23 बैलिस्टिक मिसाइल जैसा दिखने वाला मलबा भी बरामद किया है। इससे इस बात की पुष्टि हो गई है कि उत्तरी कोरिया इस जंग में पुतिन का साथ दे रहा है।

एसबीयू ने कहा कि रूस ने पहली बार उत्तर कोरियाई मिसाइलों का इस्तेमाल 30 दिसंबर 2023 को यूक्रेन के दक्षिणपूर्वी ज़ापोरीज़िया क्षेत्र में गोलाबारी के दौरान दर्ज किया था। इसमें कहा गया है कि उत्तर कोरियाई मिसाइलों से अगला हमला जनवरी की शुरुआत में कीव में दर्ज किया गया था। सुरक्षा सेवा के अनुसार, कीव में एक अपार्टमेंट इमारत के चार निवासियों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। रूसियों ने फरवरी में डोनेट्स्क क्षेत्र में पांच गांवों पर गोलाबारी करने के लिए उत्तर कोरियाई मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया, जिसमें 17 नागरिक मारे गए।

यूक्रेन के दो बड़े शहरों पर पुतिन का कब्जा

24 फरवरी 2022 से जारी इस महायुद्ध में जहां पुतिन के पास अनगिनत सैन्य क्षमता और अकूत संपति है। वहीं, यूक्रेन सीमित संसाधनों के साथ इस जंग में अमेरिका और पश्चिम की मदद से मजबूती से खड़ा है। हालांकि हाल ही के कुछ महीनों में रूस ने इस युद्ध में अप्रयाशित रूप से जीत हासिल की है, यूक्रेन के दो बड़े शहरों पर उसने कब्जा कर लिया है।

लगातार बढ़ती महंगाई से कब मिलेगी राहत? अब एफएमसीजी कंपनियां गिराने वाली हैं गाज, जानिए, किन सामानों के अब बढ़ सकती हैं कीमतें


महंगाई से राहत का इंतजार कर रहे आम लोगों को निराशा हाथ लग सकती है. एक तरफ खाने-पीने की चीजों की महंगाई में कमी आ रही है, दूसरी ओर एफमसीजी कंपनियां महंगाई की नई गाज गिराने की तैयारी में हैं. खबरों के अनुसार, एफएमसीजी कंपनियां आने वाले दिनों में अपने विभिन्न उत्पादों के दाम को बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं.

2 से 4 फीसदी तक बढ़ सकते हैं दाम

ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, डाबर और ईमामी समेत कई एफसीजी कंपनियां अपने विभिन्न उत्पादों के दाम बढ़ाने वाली हैं. ये कंपनियां इस साल अपने उत्पादों के दाम 2 से 4 फीसदी तक बढ़ा सकती हैं. कंपनियों को उम्मीद है कि दाम बढ़ाने से इस साल के दौरान उनकी ग्रोथ को सपोर्ट मिलने वाला है.

पिछले साल प्रभावित हुई थी ग्रोथ

एफएमसीजी कंपनियों ने पिछले साल दाम घटाए थे. रिपोर्ट के अनुसार, इनपुट मटीरियल्स की कीमतों में तेज डिफ्लेशन के चलते एफएमसीजी कंपनियों ने अपने उत्पादों के दामों में पिछले साल कटौती की थी, जिससे एफएमसीजी इंडस्ट्री की वैल्यू ग्रोथ रेट प्रभावित हुई थी. इस साल दाम बढ़ाने से ग्रोथ की रफ्तार भी बढ़ने की उम्मीद है.

इन सामानों के बढ़ सकते हैं भाव

एफएमसीजी प्रोडक्ट यानी फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स उन उत्पादों को कहते हैं, जिनका लोग रोजमर्रा इस्तेमाल करते हैं. साबून, शैम्पू, टूथपेस्ट, टूथब्रश से लेकर प्रोसेस्ड फूड और सॉफ्ट ड्रिंक आदि एफएमसीजी प्रोडक्ट में गिने जाते हैं. इनके दाम बढ़ने से हर किसी के जीवन पर असर पड़ता है और हर घर का बजट बिगड़ता है, क्योंकि आज के समय में लगभग हर कोई इन सामानों का इस्तेमाल कर रहा है.

अभी नहीं टला है महंगाई का खतरा

भारत में महंगाई की बात करें तो पिछले महीने इसमें कुछ नरमी देखी गई. जनवरी महीने में खुदरा महंगाई की दर कम होकर 5.1 फीसदी पर आ गई, जो कि तीन महीने में सबसे कम है. हालांकि यह अभी भी रिजर्व बैंक को 4 फीसदी के दिए गए लक्ष्य से ऊपर है. यही कारण है कि फरवरी महीने के दौरान हुई एमपीसी बैठक में भी रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को नहीं बदलने का फैसला लिया. रिजर्व बैंक को अभी भी महंगाई से चुनौती की आशंका है.