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*मैनपाट महोत्सव 2024 - मुख्यमंत्री ने साइकिल रेस विजेताओं को किया पुरस्कृत

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मैनपाट महोत्सव के अवसर कल शाम साइकिल रेस प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार राशि का चेक प्रदान कर सम्मानित किया। मैनपाट महोत्सव 2024 के अवसर पर गुरुवार को जिला प्रशासन द्वारा साइकिल रेस प्रतियोगिता आयोजित की गई थी।

साइकिल रेस प्रतियोगिता में पुरुष वर्ग में बिलासपुर निवासी दिव्यांशु सिंह ने प्रथम स्थान, रायगढ़ निवासी उदित नारायण प्रधान ने द्वितीय स्थान, रायगढ़ निवासी अतुल प्रधान ने तृतीय स्थान प्राप्त किया है। वहीं महिला वर्ग में जशपुर निवासी एलिजाबेथ बेक ने प्रथम स्थान, कटघोरा निवासी अनुसुईया ने द्वितीय स्थान और मानिकप्रकाशपुर निवासी प्रियंका मिंज ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

साइकिल रेस के विजेता महिला एवं पुरूष प्रतिभागियों को जिला प्रशासन सरगुजा की ओर से प्रथम स्थान प्राप्त महिला और पुरूष खिलाड़ी को पृथक-पृथक क्रमशः 21,000 रुपए, द्वितीय स्थान प्राप्त महिला और पुरूष खिलाड़ी को 11,000 रुपए एवं तृतीय स्थान प्राप्त महिला और पुरूष खिलाड़ी को 5,100 रूपये का पृथक-पृथक नगद पुरस्कार प्रदान किया गया है। इसके अलावा 1100 रुपए का सांत्वना पुरूस्कार भी प्रदान किया गया।

सिरपुर महोत्सव का आगाज आज से, पहली बार होगा गंगा आरती का आयोजन

रायपुर- सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक नगरी सिरपुर में माघ पूर्णिमा के अवसर पर तीन दिवसीय सिरपुर महोत्सव का आगाज 24 फरवरी को शाम 06ः00 बजे और समापन 26 फरवरी को होगा। सिरपुर में पहली बार श्री गंधेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट समिति एवं जिला प्रशासन के तत्वाधान में गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक तैयारी की गई है। सिरपुर महोत्सव के तीनों दिन ख्याति प्राप्त एवं स्थानीय कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जाएगी। सांस्कृतिक संध्या प्रतिदिन दोपहर 03ः30 बजे से रात्रि 10 बजे तक आयोजित होगा।

सिरपुर महोत्सव में स्नान के लिए पहली बार कुण्ड बनाया गया है। गंगा आरती शाम 06ः30 बजे से 07 बजे तक होगा। आरती में स्थानीय ग्रामीणों के अलावा मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को शामिल होने का आग्रह किया गया है। सिरपुर महोत्सव में इंडियन आइडल विजेता अभिजीत सावंत, छॉलीवुड गायक सुनील सोनी, बाल कलाकार आरू साहू, रंग सरोवर बारूका सहित लाइट एंड साउंड कार्यक्रम मुख्य आकर्षण होंगे।

प्रथम दिवस छॉलीवुड गायक सुनील सोनी और लोककलाकार भूपेंद्र साहू देंगे प्रस्तुति

सिरपुर महोत्सव में शनिवार 24 फरवरी को आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम दोपहर 03ः30 से 04 बजे तक जय गौरी गौर सुआ नृत्य छपोराडीह सिरपुर द्वारा सुआ नृत्य, शाम 04 बजे से 06 बजे तक लोक महक पचपेड़ी द्वारा लोक कला मंच की प्रस्तुति होगी। शाम 06 बजे से 06ः30 बजे तक सिरपुर महोत्सव का उद्घाटन होगा। शुभारम्भ समारोह के पश्चात शाम 06ः30 बजे से रात्रि 08ः00 बजे तक अंचल के प्रख्यात लोक कला मंच रंग सरोवर भूपेन्द्र साहू बारूका गरियाबंद द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। तत्पश्चात् रात्रि 08 बजे से 10 बजे तक छॉलीवुड गायक सुनील सोनी नाइट लोक कला मंच की रंगारंग प्रस्तुति होगी।

महोत्सव के लिए जिला प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारी की जा रही है। मुख्य मंच को लक्ष्मण मंदिर के प्रतिकृति के रूप में सजाया गया है। आकर्षक लाइट और सज्जा के साथ मंच की भव्यता देखते ही बनती है। इसके अलावा स्वागत गेट, मंदिरों में लाइटिंग, साफ-सफाई और पार्किंग की व्यवस्था की गई है। आगुंतकों के लिए पुलिस सहायता केंद्र स्थापित किया गया है। अपर कलेक्टर रवि साहू ने तहसीलदार, लोक निर्माण विभाग, पी एच ई, सी एम ओ, विद्युत आदि विभाग के साथ तैयारियों का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री ने संत रविदास जयंती की दी बधाई

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महान संत एवं समाज सुधारक संत शिरोमणि रविदास जी की 24 फरवरी को जयंती पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को संत रविदास जयंती की बधाई देते हुए कहा है कि संत रविदास जी ने समाज में एकता और भाईचारा स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने अपने उपदेशों के माध्यम से समाज में मानवतावादी मूल्यों की नींव रखी। सामाजिक कल्याण और उत्थान के लिए उनके उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राजिम कुंभ कल्प की दी बधाई और शुभकामनाएं

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज से शुरू हो रहे राजिम कुंभ कल्प और शिवरीनारायण मेला की प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। श्री साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के रूप में प्रसिद्ध राजिम में आयोजित होने वाला राजिम कुंभ कल्प छत्तीसगढ़ की आस्था का प्रतीक है। राज्य सरकार राजिम कुंभ की विशिष्टता और भव्यता को उसके मूल स्वरूप में लौटाने जा रही हैं। इसके लिए ’राजिम माघी पुन्नी मेला’ को ’राजिम कुंभ कल्प’ का नाम दिया है। इससे हमारे गौरवशाली सांस्कृतिक परम्पराओं को संरक्षित और संवर्धित होने का अवसर मिलेगा। राजिम कुंभ कल्प इस वर्ष 24 फरवरी माघपूर्णिमा से 8 मार्च महाशिवरात्रि तक आयोजित होगा। इस साल राजिम कुंभ कल्प को रामोत्सव के रूप में मनाया जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के पवित्र त्रिवेणी संगम पर सदियों से राजिम कुंभ मेला का आयोजन होता है। बड़ी संख्या में आसपास के राज्यों के लोग भी श्रद्धापूर्वक इस मेले में शामिल होते हैं। यहां छत्तीसगढ़ की धार्मिक परंपराओं के साथ-साथ लोक संस्कृति के भी दर्शन होते हैं। इस साल राजिम त्रिवेणी संगम में भव्य तैयारियां की जा रही है। यहां देशभर से साधु संत और श्रद्धालुओं का आगमन होगा। राजिम कुंभ कल्प के आयोजन के दौरान तीन पुण्य स्नान होंगे और विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

श्री साय ने कहा कि राजिम की तरह माघ पूर्णिमा के अवसर पर शिवरीनारायण में भी महानदी, शिवनाथ और जोंक नदी के पावन संगम पर मेले का आयोजन होता है। इस मेले में भी लोग बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ शामिल होते हैं। उन्होंने महानदी के तट पर सिरपुर में माघी पूर्णिमा के दिन से शुरू हो रहे सिरपुर महोत्सव की भी शुभकामनाएं प्रदेशवासियों को दी है।

वन मंत्री केदार कश्यप के विभागों के लिए 5608 करोड़ रूपए से अधिक की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित

रायपुर-  वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, सहकारिता एवं कौशल विकास मंत्री केदार कश्यप के विभागों के लिए आज 5608 करोड़ 54 लाख 69 हजार रूपए की अनुदान मांगें छत्तीसगढ़ विधानसभा में ध्वनिमत से पारित कर दी गई। इनमें वन विभाग के लिए 2832 करोड़ 30 लाख 64 हजार रूपए, सहकारिता विभाग के लिए 254 करोड़ 76 लाख 57 हजार रूपए, जल संसाधन विभाग के लिए 1413 करोड़ 26 लाख 58 हजार रूपए, लघु सिंचाई निर्माण कार्य हेतु 698 करोड़ 19 लाख 90 हजार रूपए, जल संसाधन विभाग से संबंधित विदेशों से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 57 करोड़ रूपए और नाबार्ड से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 353 करोड़ एक लाख रूपए शामिल हैं।

 वन विभाग 

वन मंत्री केदार कश्यप ने वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के जवाब में कहा कि प्रदेश में लगभग 44.24 प्रतिशत वन क्षेत्र हैं। यहां मुख्यतः आर्द्र एवं शुष्क साल और सागौन प्रजाति के वनों के साथ ही शुष्क मिश्रित वन एवं बांस के वन पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ ही आदिवासी भाईयों की चिंता करते हुए उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रयत्नशील है। इसके लिए 2832 करोड़ रूपए से भी अधिक की राशि का बजट प्रावधान अगले वित्तीय वर्ष में किया गया है। प्रदेश में हरियाली के प्रसार हेतु वन क्षेत्रों में ‘हरियर छत्तीसगढ़’ योजना के तहत 2431 हेक्टेयर क्षेत्र में 20 लाख से अधिक पौधे लगाने की योजना पर कार्य कर रही है। प्राकृतिक पुनरोत्पादन के संरक्षण के लिए 240 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। इसी तरह बांस वनों के संवर्धन के लिए 68 करोड़ 89 लाख रूपए और बिगड़े वनों के सुधार के लिए 272 करोड़ 4 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। नदी तट वृक्षारोपण योजना के तहत नदी तटों पर भू-क्षरण रोकने के उद्देश्य से अधिक से अधिक पौधों के रोपण हेतु वर्ष 2024-25 में 7 करोड़ 47 लाख रूपए का प्रावधान है। भू-संरक्षण एवं बाढ़ नियंत्रण संबंधी कार्य हेतु 119 करोड़ 27 लाख रूपए, पर्यावरण वानिकी के लिए 40 करोड़ रूपए, पथ वृक्षारोपण के लिए 7 करोड़ रूपए, वन मार्गों पर रपटा एवं पुलिया निर्माण के लिए 8 करोड़ 60 लाख रूपए का प्रावधान इस बजट में किया गया है।

मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार वनों में मवेशियों के चारागाह हेतु चराई इकाईयों और घास मैदानों की स्थापना के लिए भी विशेष कार्य कर रही है। मवेशियों के लिए स्थायी चारागाह की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी इस बजट में प्रावधान किया गया है। सरकार इसके साथ ही वन विज्ञान केन्द्रों की स्थापना तथा नैसर्गिक वन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष तौर पर प्रयासरत हैं। राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों, टाइगर रिजर्व सहित अन्य क्षेत्रों में स्थापित पर्यावरण चेतना केन्द्रों, नेचर सफारी और पर्यटन स्थलों के आसपास स्थानीय निवासियों को रोजगार देने तथा संबंधित वन समितियों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्थानीय युवकों को राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त संस्थाओं जैसे जंगल लाजेस एण्ड रिसार्ट कर्नाटक, बाम्बे नेचुरल, हिस्ट्री सोसायटी से नेचर-गाइड के रूप में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

मंत्री केदार कश्यप ने सदन में कहा कि राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इको-टूरिज्म का चलन बढ़ा है। राज्य के नैसर्गिक पर्यटन केन्द्रों को इको-टूरिज्म के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से इको-टूरिज्म बोर्ड की स्थापना किया जाएगा। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि कैम्पा कार्यों के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एक हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार हाथी-मानव द्वंद के प्रति भी काफी चिंतित है। हाथी-मानव द्वंद को नियंत्रित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के तहत मानव-हाथी द्वंद को रोकने के लिए ‘मिशन बी’ योजना का विस्तार 7 जिलों में किया जाएगा। वन प्रबंधन समितियों को आबंटित वनक्षेत्र में कार्य आयोजना के प्रावधान के अनुरूप काष्ठ कूप के मुख्य पातन/वन वर्धनिक विरलन से प्राप्त होने वाले वनोत्पाद की स्थल पर कुल कीमत की 15 प्रतिशत राशि को बढ़ाकर 20 प्रतिशत तथा बांस कूप के मुख्य पातन/वन वर्धनिक विरलन के फलस्वरूप 100 प्रतिशत राशि या वनोत्पाद समिति को दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

 सहकारिता विभाग 

सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने विभागीय अनुदान मांगों पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार गरीबों, किसानों और वनवासियों सहित सभी वर्गो के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से 5 लाख रूपए तक निःशुल्क ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। लाख उत्पादक किसानों व कृषक समूहों को 2 लाख रूपए तक निःशुल्क ऋण, मत्स्य पालकों को 3 लाख रूपए तक का निःशुल्क ऋण, उद्यानिकी कृषि के लिए 3 लाख रूपए तक निःशुल्क ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकार की इस योजना के तहत किसानों में समृद्धि आई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य के 15 लाख 23 हजार किसानों को 7 हजार 629 करोड़ रूपए का अल्पकालीन कृषि ऋण उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि सहकारी शक्कर कारखानों के किसानों को गन्ना का मूल्य भुगतान सुनिश्चित करने हेतु 48 करोड़ रूपए का इस बजट में प्रावधान किया है। सहकारी समितियों की अंशपूंजी में वृद्धि हेतु 11 करोड़ 42 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार समितियों में 200 मेट्रिक टन क्षमता का गोदाम सह कार्यालय निर्माण के लिए 185 करोड़ 31 लाख रूपए की परियोजना की स्वीकृति दी गई है। वर्तमान में 409 गोदाम निर्माणाधीन है, जिसे इस वित्तीय वर्ष में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि कोण्डागांव में मक्का आधारित इथेनॉल संयंत्र निर्माण हेतु संयंत्र पर हुए डूबत व्यय की राशि 5.99 करोड़ रूपए को राइट-आफ करने निर्णय लिया गया है। उन्होंने 5 नए जिलों सारंगढ़-बिलाईगढ़, सक्ती, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई एवं मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में सहकारिता विभाग के कार्यालय की स्थापना हेतु प्रति कार्यालय 20 पद के मान से 100 पदों का सृजन किया गया है। इसके लिए बजट में 50 लाख का प्रावधान किया गया है।

 जल संसाधन विभाग 

जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने सदन में बताया कि छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है। यहां 80 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है। प्रदेश में कुल 56.83 लाख हेक्टेयर बोया गया क्षेत्र है, जहां निर्मित सिंचाई 35 प्रतिशत है। प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं के लिए 8 वृहद, 38 मध्यम और 2472 लघु सिंचाई योजनाएं तथा 827 एनीकट व स्टॉप डेम निर्मित है। इससे प्रदेश के 21.57 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती है। श्री कश्यप ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2432 योजनाएं/कार्यों के लिए 300 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है, जिनके पूर्ण होने से सिंचाई क्षमता में एक लाख 81 हजार हेक्टेयर का विस्तार संभव होगा। बजट में सिकासार-कोडार-इटरलिंकिंग परियोजना के सर्वेक्षण हेतु प्रावधान किया गया है, जो यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अंतर्गत सरकार की प्राथमिकता में है। उन्होंने बताया कि सिंचाई की 4 प्रमुख वृहद परियोजनाओं अरपा-भैंसाझार, केलो जलाशय, राजीव-समोदा-निसदा-व्यपवर्तन एवं सोंढूर जलाशय के लिए इस बजट में 316 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है।

श्री कश्यप ने कहा कि हमारी सरकार आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार कर कार्य कर रही है। इसके तहत बस्तर संभाग में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार हेतु 2200 करोड़ की लागत वाली 350 योजनाओं को इस बजट में शामिल किया गया है। इससे 35 हजार 600 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके साथ ही बजट में बस्तर के वनांचलों में रबी सीजन में भी ज्यादा से ज्यादा सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कार्य किया जा रहा है। सरगुजा संभाग में सिंचाई सुविधा हेतु 780 परियोजनाओं के लिए 6 हजार 400 करोड़ रूपए का प्रावधान इस बजट में किया गया है। इससे 62 हजार 700 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी। बेहतर जल प्रबंधन के लिए ज्ञानवर्धक उत्पादक विश्लेषनात्मक उपकरणों और निर्णय समर्थन प्रणाली को विकसित करने के लिए एसडब्ल्यूआईसी राज्य जल सूचना केन्द्र का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में अनेक छोटे-बड़े और मध्यम श्रेणी के बांध है और कुछ बांध 100 वर्ष से अधिक पुराने हैं। इनकी सुरक्षा के लिए 72 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

 कौशल विकास 

कौशल विकास मंत्री केदार कश्यप ने अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि हमारी सरकार राज्य के युवाओं को रोजगार और स्व-रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में अनवरत प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश के युवाओं को विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षित करने के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं। लाईवलीहुड कॉलेज सोसायटी के लिए इस वर्ष के बजट में 22 करोड़ 56 लाख 50 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अब तक 4 लाख 77 हजार 610 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। इन प्रशिक्षित युवाओं में से 2 लाख 61 हजार 881 युवाओं को नियोजित किया गया है। इस वर्ष 7368 युवाओं को प्रशिक्षित कर 4368 युवाओं को नियोजित किया गया है। वर्तमान में 2395 युवा विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षणरत हैं।

लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों के निर्माण के लिए 36.61 करोड़ रुपए मंजूर

रायपुर- राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा मुंगेली, रायगढ़ राजनांदगांव, रायपुर, जशपुर, बस्तर और सूरजपुर जिले में विभिन्न सड़कों के निर्माण के लिए 36 करोड़ 60 लाख 50 हजार रुपए मंजूर किए गए हैं। उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद विभाग ने 18 कार्यों के लिए कुल 39 करोड़ 58 लाख 99 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है।

लोक निर्माण विभाग द्वारा मुंगेली जिले के लोरमी विकासखंड में रहंगी नाला पर उच्च स्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग के लिए एक करोड़ 85 लाख रुपए, खैरवार बघमार से अमलडीही मार्ग के लिए एक करोड़ 84 लाख रुपए, लोरमी विकासखंड के डी-1 नहर से पठारी कांपा मार्ग के लिए दो करोड़ तीन लाख रुपए और अखरार से श्मशान घाट पहुंच मार्ग के लिए एक करोड़ 38 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं।

विभाग द्वारा रायगढ़ जिले के लोहरसिंग-लिंजीर मार्ग के चौड़ीकरण व मजबूतीकरण के लिए एक करोड़ 76 लाख रुपए, राजनांदगांव के पारीखुर्द में आंगनबाड़ी से श्मशान घाट पहुंच मार्ग के लिए 79 लाख 42 हजार रुपए, ईरा में गौठान से मुक्तिधाम पहुंच मार्ग के लिए एक करोड़ 70 लाख रुपए, रायपुर में बजाज कॉलोनी, एन.एम.डी.सी. कॉलोनी, प्रियदर्शिनी नगर, वल्लभ नगर चतुर्दिक मार्ग के डामरीकरण के लिए दो करोड़ 81 लाख रुपए, कटोरा तालाब, शैलेन्द्र नगर, पुराना राजेन्द्र नगर मार्ग के डामरीकरण के लिए दो करोड़ 51 लाख रुपए तथा मठपुरैना-रावतपुरा चतुर्दिक मार्ग के डामरीकरण के लिए दो करोड़ 80 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।

लोक निर्माण विभाग ने जशपुर जिले में मस्कामारा-लवाकेरा मुख्य मार्ग के लिए एक करोड़ 81 लाख रुपए, राज्यीय राजमार्ग-17 से पुटकेला पहुंच मार्ग के लिए दो करोड़ 89 लाख रुपए, बस्तर जिले के खंडसरा-सारेगांव मार्ग के लिए दो करोड़ 95 लाख रुपए, सोनारपाल-चपका मार्ग के लिए दो करोड़ 96 लाख रुपए, करंदोला रानीगुड़ा से राष्ट्रीय राजमार्ग-30 तक सड़क निर्माण के लिए एक करोड़ 66 लाख रुपए तथा सूरजपुर जिले के श्रीराम वनगमन पथ के मिसिंग लिंक मार्ग रकसगंडा जलप्रपात पहुंच मार्ग के लिए दो करोड़ 54 लाख रुपए मंजूर किए हैं। रायपुर के सिविल लाइन स्थित नवीन विश्राम भवन में फर्नीचर और फिनिशिंग संबंधी कार्य के लिए विभाग द्वारा दो करोड़ 98 लाख 49 हजार रुपए स्वीकृत किए गए हैं।

राज्य स्थापना के दिन 1 नवंबर को जनता को समर्पित होगा “ अमृतकालः छत्तीसगढ़ विजन@2047” – वित्तमंत्री ओपी चौधरी

रायपुर-  वित्त मंत्री ओपी चौधरी के विभागों से संबंधित अनुदान मांगे आज विधानसभा में चर्चा के बाद सर्मसम्मति से पारित कर दी गई। इसमें वित्त विभाग के अंतर्गत 7 हजार 956 करोड़ 87 लाख 39 हजार रूपए, आवास एवं पर्यावरण विभाग से संबंधित 1 हजार 174 करोड़ 3 लाख 90 हजार रूपए तथा योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग से संबंधित 428 करोड़ 71 लाख 44 हजार रूपए की अनुदान मांगे शामिल हैं। अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान विधानसभा सदस्यों ने अपने अपने क्षेत्र की मांगे रखीं और अपने सुझाव भी दिए।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस रणनीति के तहत भारत की अर्थव्यवस्था के लिए काम कर रहे हैं, वैसा ही प्रयास नवोदित राज्य छत्तीसगढ़ के लिए भी किया जा रहा है और ये बड़े सौभाग्य की बात है कि हम वर्ष 2047 तक भारत के साथ ही छत्तीसगढ़ को भी विकसित करेंगे। छत्तीसगढ़ 2047 तक कैसे विकासशील राज्य से विकसित राज्य बनेगा इसका विजन डाक्यूमेंट तैयार किया जाएगा जिसे छत्तीसगढ़ में राज्य स्थापना के दिन 1 नवंबर 2024 को जनता को समर्पित किया जाएगा जिसना नाम “अमृतकालः छत्तीसगढ़ विज होगा।

ओपी चौधरी ने कहा कि मिडटर्म टारगेट के दौर पर मोदी जी की गारंटी में भारत की अर्थव्यवस्था 11वें स्थान से छलांग लगाकर 10 साल के भीतर 5वें स्थान पर पहुंची है और इसी मिडटर्म टारगेट के तौर पर हमने अगले पांच साल में छत्तीसगढ़ की जीएसडीपी को 5 लाख करोड़ से बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रूपए करने का लक्ष्य रखा है।

ओपी चौधरी ने कहा कि राज्य में हम तकनीक के प्रयोग को अत्यधिक महत्व देंगे और इसी वजह से टेक्नोलाजिकटल इंटरवेंशन के लिए 266 करोड़ रूपए का बजटीय प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए जहां भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकता है हम उसे महत्व दे रहे हैं और अर्थव्यवस्था को बढ़ाने की जो हमारी रणनीति है उसका मूल आधार तकनीकी रिफॉर्म और इनोवेशन ही है।हम प्रदूषण के मानकों को भी बेहतर करने के लिए तकनीक के इस्तेमाल में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के अर्थव्यवस्था के नीतियों के निर्धारण के लिए छत्तीसगढ़ एडवायडरी काउंसिल के गठन का भी निर्णय लिया गया है। ओपी चौधरी ने कहा कि राज्य में गहरे अध्ययन के बाद हम जीएसटी में बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जिसका प्रभाव अगले एक वर्ष में दिख जाएगा। उन्होंने कहा कि इन सब के आधार पर हम लोगों ने निर्णय लिया कि हम अपने राजस्व को 22 फीसदी की दर से बढ़ाएंगे और हम ईमानदारी से अपना प्रयास करेंगे।

उन्होंने कहा कि दुर्ग संभाग में शासकीय सेवकों को वित्त एवं लेखा प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नवीन संभागीय वित्त एवं लेखा प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जाएगी। इसके लिए नवीन 18 पदों का सृजन तथा भवन निर्माण के लिए 1 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही संभागीय वित्त एवं लेखा प्रशिक्षण संस्थान , रायपुर के नवीन भवन निर्माण के लिए भी 1 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

ओपी चौधरी ने कहा कि हम निश्चित रूप से सभी मंत्रालयों के बीच एक बढ़िया सामंजस्य स्थापित करेंगे और माननीय मंत्रियों से चर्चा करेंगे ताकि अवैध कॉलोनियों को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि विकास की गति न रुके और पूंजीगत व्यय भी होता रहे, सड़कें पुल भी बनते रहें उसके लिए भी हमारी सरकार प्रतिबद्ध है और इतने सारे बड़े वित्तीय दावों के बीच में हम आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।

श्री चौधरी ने जानकारी देते हुए कहा कि शासकीय सेवकों के पेंशन एवं सेवानिवृत्ति लाभ के भुगतान हेतु 7 हजार 729 करोड़ 14 लाख रूपए का प्रावधान बजट में शामिल है। इससे राज्य के लगभग 1 लाख 31 हजार पेंशनरों को नियमित रूप से पेंशन, परिवार पेंशन, सारांशीकरण की राशि, ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण का भुगतान किया जायेगा। इसमें पेंशन निधि के लिए 340 करोड़ का प्रावधान भी शामिल है।

अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव का किया शंखनाद, क्लस्टर की बैठक में कार्यकर्ताओं को दिया जीत का मंत्र

कोंडागांव- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अध्यक्षता में बस्तर क्लस्टर की बैठक संपन्न हुई. कोंडागांव जिले के ऑडिटोरियम हॉल में हुए तीन लोकसभा क्षेत्र की क्लस्टर की बैठक में बस्तर, कांकेर और महासमुंद लोकसभा सीट के सभी भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे. अमित शाह ने भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को इन तीन सीटों में जीत का मंत्र दिया. लगभग 2 घंटे तक चले इस बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारी से लेकर एक-एक चेकलिस्ट पर गहन चर्चा की गई. साथ ही वर्तमान में जिन सीटों में कांग्रेस का कब्जा है उन सीटों में अभी से चुनाव की तैयारी में जुट जाने के आदेश अमित शाह ने दिया.

क्लस्टर की बैठक में अमित शाह ने लोकसभा चुनाव का शंखनाद किया. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के पूरे 11 सीटों में भाजपा की जीत के लिए एक- एक कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर जुटकर काम करना है और पिछले 10 सालों के मोदी सरकार के एक-एक उपलब्धि को जनता को बताना है. अमित शाह ने यह भी कहा कि जिस तरह से विधानसभा चुनाव में नतीजे भाजपा के पक्ष में आए हैं. इसी तरह छत्तीसगढ़ के 11 के 11 लोकसभा सीटों में भाजपा को ही जीत का परचम लहराना है. गृहमंत्री अमित शाह ने क्लस्टर की बैठक के साथ ही बस्तर में लोकसभा चुनाव का शंखनाद किया.

इस बैठक में शामिल हुए भाजपा के विधायक और वरिष्ठ नेता अजय चंद्राकर ने बताया कि भाजपा ने अपने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. गुरुवार को अमित शाह की अध्यक्षता में तीन लोकसभा सीट जिसमें बस्तर कांकेर और महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के क्लस्टर की बैठक संपन्न हुई है. इस बैठक के लिए चेकलिस्ट तैयार किया गया था, जिसमें एक-एक चेक लिस्ट पर गहन चर्चा की गई मुख्य रूप से की गई है.

दामाखेड़ा का नाम अब होगा कबीर धर्म नगर दामाखेड़ा - मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज बलौदाबाजार-भाटापारा जिला के दामाखेड़ा में माघपूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाले सद्गुरू कबीर संत समागम समारोह में शामिल हुए। धर्म गुरू पंथश्री प्रकाश मुनि नाम साहेब ने मुख्यमंत्री के रूप में पहली दफा दामाखेड़ा आगमन पर श्री साय का कबीरपंथी समाज की ओर से आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मौके पर दामाखेड़ा का नाम कबीर धर्म नगर दामाखेड़ा करने की घोषणा की। उन्होंने पूर्व में स्वीकृत 22 करोड़ रूपये से अधिक लागत से बनने वाले कबीर सागर के निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। श्री साय ने कहा कि दामाखेड़ा के 10 किलोमीटर की परिधि में कोई भी नया औद्योगिक प्रतिष्ठान शुरू न हो इसके लिए विचार किया जाएगा। समारोह में मुख्यमंत्री श्री साय ने पंथश्री हुजूर प्रकाश मुनि नाम साहेब से छत्तीसगढ़ की तरक्की और खुशहाली के लिए आशीर्वाद लिया। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, केबिनेट मंत्री दयाल दास बघेल, सांसद सुनील सोनी, भाटापारा विधायक इंद्र कुमार साव, लुण्ड्रा विधायक प्रमोद मिंज, भाटापारा पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा ने भी दर्शन कर गुरू से आशीर्वाद प्राप्त किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश का मुख्यमंत्री का दायित्व मुझे मिला है इस दायित्व से जनता की सेवा और प्रदेश के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा। आप सभी के विश्वास और सहयोग से प्रदेश में विकास की गंगा बहाएंगे। उन्होंने ने कहा कि बचपन से ही मेरा जुड़ाव कबीर पंथ से रहा है और चौका आरती में शामिल होते रहा हूं। मेरे गृह ग्राम बगिया में कबीर पंथ के मुनियों का पदार्पण हुआ है जो मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि एक छोटे से गांव के किसान के बेटे को आप लोगों ने मुख्यमंत्री का बड़ा दायित्व दिया है। इस चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी पर खरा उतरने में लिए आप सबका सहयोग और मार्गदर्शन मिलता रहे। जिस प्रकार से मोदी जी की गारंटी पर आपने विश्वास जताया है उसे आगे भी कायम रखते हुए सेवा का अवसर देते रहेंगे। हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ को विकास के पथ पर आगे ले जाएंगे।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार ने केवल 2 माह में ही लंबे समय से रुके बड़े बड़े काम को पूरे किए हैं। इस अवधि में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति, महतारी वंदन योजना तथा युवाओं की मांग पर पीएससी परीक्षा में हुए गड़बड़ी की सीबीआई जांच जैसे बड़े काम किए है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार विकास कार्य के लिए प्रतिबद्ध है और निरन्तर विकास के काम होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि धर्मनगर दामाखेड़ा कबीरपंथियों की आस्था का एक प्रमुख केन्द्र है। संपूर्ण दामाखेड़ा के विकास के लिए वचनबद्ध है। यहां दर्शन के लिए आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालु दामाखेड़ा की मधुर स्मृति लेकर वापस लौटेंगे। समारोह को खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर नवोदित वंशाचार्य उदित मुनि साहेब, गुरूगोसांई भानुप्रताप साहब, दामाखेड़ा के पूर्व सरपंच कमलेश साहू, कलेक्टर चंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार, डीएफओ मयंक अग्रवाल, जिला पंचायत सीईओ नम्रता जैन अपर कलेक्टर बीसी एक्का अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश यादव,सहित जनप्रतिनिधि गण एवं श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

मैनपाट महोत्सव में नर्मदापुर में झंडा पार्क की स्थापना के लिए एक करोड़ रूपए की घोषणा

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज तीन दिवसीय मैनपाट महोत्सव के शुभारंभ में पहुंचे। समारोह में उन्होंने मैनपाट को पर्यटन की दिशा में और सुदृढ़ करने की बात कही, ताकि लोग सनातन और बौद्ध धर्म दोनों के समागम स्थल में सुकून की अनुभूति महसूस करें।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के सभी वर्गों के समावेशी विकास की दिशा में कार्य कर रही है। श्री साय ने माताओं एवं बहनों का भी अभिनंदन करते हुए कहा कि प्रदेश भर की महिला शक्ति को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महतारी वंदन योजना के तहत राशि मिलना शीघ्र प्रारंभ हो जाएगा। प्रदेश भर से 70 लाख महिलाओं ने इसका फॉर्म भरा है और फॉर्म भरने की प्रक्रिया आगे भी प्रारंभ रहेगी, ताकि हमारी पात्र माताओं एवं बहनों को इसका लाभ मिल सके।

उन्होंने बताया कि हमारी सरकार हर छत्तीसगढ़िया के भांजे श्री राम के दर्शन का सपना पूरा करेगी। साथ ही चरण पादुका योजना को फिर से शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मैनपाट महोत्सव में नर्मदापुर में झंडा पार्क की स्थापना के लिए एक करोड़ की घोषणा की। साथ ही मैनपाट महोत्सव आयोजन के लिए प्रतिवर्ष 50 लाख रुपए की घोषणा की। इस अवसर पर सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो, लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज एवं अम्बिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का तिब्बती शरणार्थी बंधुओं द्वारा पारंपरिक वेशभूषा में तिब्बती परम्परा से आत्मीय स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री श्री साय ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया। इस अवसर पर स्थानीय कलाकारों द्वारा साईक्लिंग सहित कई एडवेंचर स्पोर्ट्स का आयोजन किया गया। महोत्सव के दौरान नौकायन, जूमरिंग, आर्चरी, पतंग उत्सव, राज्य स्तरीय साइकिल रेस, पैरा सीलिंग, वैली क्रासिंग, हैंगिंग बॉल सहित अन्य रोमांचक खेलों का आयोजन होगा।

 मुख्यमंत्री श्री साय ने किया विभागीय स्टॉल का अवलोकन 

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मैनपाट महोत्सव में विभिन्न विभागों के स्टॉल का निरीक्षण किया जहां विभागीय योजनाओं पर आधारित जीवंत मॉडल बनाए गए हैं। विभागों द्वारा स्टॉल में कृषि विभाग द्वारा प्रधानमंत्री जनमन योजना अंतर्गत कृषि विकास पर आधारित प्रदर्शनी लगाई गई। पशुपालन विभाग द्वारा हर घर कुक्कुट पालन, रेशम विभाग द्वारा टसर धागाकरण, वन विभाग द्वारा वन सम्पदा, जल संसाधन विभाग द्वारा घुनघुट्टा डेम, मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालन से समृद्धि, आदिवासी विकास विभाग द्वारा देवगुड़ी पर आधारित, जीवंत मॉडल बनाया गया। इसी तरह लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा हर घर नल पर आधारित, शिक्षा विभाग द्वारा पीएम श्री योजना, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना एवं महिला सशक्तिकरण तथा अंत्याव्यवसायी विभाग, समाज कल्याण विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, स्वास्थ्य विभाग द्वारा, कृषि विज्ञान केंद्र, केंद्रीय जेल द्वारा कैदियों द्वारा बनाए गए विभिन्न काष्ठ शिल्पों, सीएसपीडीसीएल, हथकरघा के स्टॉल लगाए जाएंगे।

 मुख्यमंत्री श्री साय ने विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को बांटे सामग्री एवं प्रमाण पत्र 

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा विभिन्न विभागों के हितग्राहियों को सामग्री एवं प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। इसमें कृषि विभाग द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड, उद्यान विभाग द्वारा पावर स्प्रेयर, पशुधन चिकित्सा विभाग द्वारा बैकयार्ड कुक्कट इकाई, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल जीवन मिशन, मत्स्य पालन विभाग द्वारा नाव जाल योजना और फुटकर मछली विक्रय योजना, स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयुष्मान कार्ड, शिक्षा विभाग द्वारा स्थाई कोरवा जाति प्रमाण पत्र, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, खाद्य विभाग द्वारा प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, श्रम विभाग द्वारा असंगठित कर्मकार प्रसूति सहायता योजना, अंत्यवसाई विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति आदिवासी महिला सशक्तिकरण, स्मॉल बिजनेस योजना, अंत्योदय स्वरोजगार योजना और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सुकन्या समृद्धि योजना के 05-05 हितग्राही शामिल रहे।