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*सम्मान निधि लेकर फरार हो गए नौ हजार किसान, 12 किस्त में 22 करोड़ रुपए ले उड़े हो रही तलाश*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना भी घोटालेबाजों के चक्रव्यूह से नहीं बच सकी। साल 2023 में कृषि विभाग के सत्यापन में नौ हजार से अधिक किसान नहीं मिले। जिन लोगों ने योजना का लाभ लिया उस नाम का व्यक्ति गांव में मिला ही नहीं। एक, दो नहीं करीब 12 किस्त लेने के बाद जब खोज हुई तो उनका पता नहीं चल सका। 13वीं किस्त भले ही रोक दी गई लेकिन दो-दो हजार की दर से करीब 22 करोड़ रुपये सरकारी राजस्व का चूना लगाने वाले ऐसे किसानों से वसूली करना विभाग के लिए टेढ़ी खीर बन गया है।

कर्ज के बोझ से दबे और आत्महत्या कर रहे किसानों को राहत देने के लिए केंद्रीय बजट में किसानों को छह हजार वार्षिक देने की व्यवस्था की गई है। यह धनराशि किसानों को तीन किस्तों में दी जाती है। पहली किस्त दिसंबर 2018 से शुरू हुई। 2019 के चुनाव के मद्देनजर शुरूआत में आनन-फानन में योजना का लाभ दिया गया। जिसमें बड़ी संख्या में अपात्र भी शामिल हो गए। साल दर साल लाभार्थियों की संख्या बढ़ती गई। दिसंबर 2022 तक लाभार्थियों की संख्या दो लाख 26 हजार पहुंच गई।

लाभार्थियों की संख्या बढ़ने के बाद शुरू हुआ सत्यापन

12वीं किस्त जारी करने से पूर्व शासन ने लाभार्थियों का सत्यापन शुरू किया। जिले की तीनों तहसीलों में 200 से अधिक लेखपाल इसमें लगाए गए। करीब पांच से छह महीने के सत्यापन में योजना की तस्वीर सामने आ गई। दो लाख 26 हजार लाभार्थियों में 9200 ऐसे किसान मिले जो ढूंढने से नहीं मिल रहे। राजस्व और कृषि विभाग की टीमों ने गांव में दो से तीन बार जायजा लिया, लेकिन सूची में जिनका नाम था वह मिले ही नहीं। यह किसान 12 किस्तों में सरकार से करीब 22 करोड़ रुपये भी ले लिए। यही नहीं 21 हजार भूमिहीन और मृतक भी पाए गए। सत्यापन पूर्ण होने पर लाभार्थियों की संख्या भी एक लाख 75 हजार तक पहुंच गई। अब ई-केवाईसी न कराने के कारण 15वीं किस्त का लाभ सिर्फ एक लाख 55 हजार को ही मिल सका।

ढाई हजार आयकर दाता भी पकड़े जा चुके

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के शुरूआती जांच में ढाई हजार आयकर दाता भी पकड़ में आए। जिनको नोटिस भेजकर पैसा जमा करने का निर्देश दिया गया। अब तक करीब 85 लाख रुपये वापस भी हो चुके हैं, जो आयकर दाता पैसे नहीं जमा किए उनको तीसरा नोटिस भी भेजा जा चुका है।

16वी किस्त चाहिए तो ईकेवाईसी कराएं: डीडी

उप निदेशक कृषि डॉ. अश्वनी कुमार सिंह ने कहा कि फरवरी के अंतिम सप्ताह या मार्च के पहले सप्ताह में सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 16वीं किस्त जारी करेगी। ई-केवाईसी कराने वाले किसानों को ही योजना का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि 20 हजार से अधिक किसानों की अब तक ईकेवाईसी नहीं हो सकी है।

शासन के निर्देश पर साल 2023 में सत्यापन में करीब 9200 ऐसे किसान मिले, जिनका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। उनके बारे में उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। अभी तक कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है। आदेश मिलने पर आगे की कार्रवाई होगी।

*इतिहास को खुद में समेटे हैं बरगद, सीता समाहित स्थल वाल्मिक आश्रम के पास है सौ साल पुराना पेड़*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- धरती पर पेड़ों के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। ऐसे में पुराने व ऐतिहासिक पेड़ों को संरक्षित करने का बीड़ा प्रदेश सरकार ने उठाया है। इस कड़ी में सूबे के अन्य जनपदों की तरह कालीन नगरी से गत वर्षों में सूची मांगी गई थी। वन विभाग की ओर से प्रदेश सरकार को सौ साल से पुराने पांच वृक्षों की लिस्ट भेजी गई है।

इन पेड़ों की महत्ता, इतिहास आदि के बारे में Street buzz news पड़ताल कर जानकारी अपने पाठकों तक पहुंचाने का काम कर रहा है। प्रभारी वनाधिकारी भदोही ने बताया कि जिले के एक मात्र पर्यटन स्थल सीता समाहित स्थल स्थित वाल्मिक आश्रम के पास विशालकाय बरगद का पेड़ है। जिसकी उम्र सौ वर्षों से अधिक है। वृक्ष की मोटाई 5.90 मीटर है। यहां पर बड़ी तादाद में लोग दर्शन पूजन को आते हैं। दंत कथाओं के अनुसार पेड़ के आसपास वाल्मिकी जी का आश्रम था। जहां पर माता सीता रहती थी जबकि उनके दोनों पुत्रों लव व कुश ने शिक्षा दीक्षा ली थी।

यहां पर महिला दर्शनार्थी अखंड सौभाग्य व्रत मांगती है। आसपास के लोगों ने बताया कि पेड़ काफी पुराना है। वह खुद में इतिहास को समेटे हुए है। प्रदेश सरकार की इस नेक पहल को लोगों ने दिल से स्वीकारा है। पेड़ बचेंगे बल्कि उनके इतिहास के बारे में लोगों को जानकारी भी होगी।

*13 से 15 फरवरी के बीच बारिश के आसार*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- मौसम विभाग ने 13 से 15 फरवरी के बीच एक बार फिर बारिश होने की संभावना व्यक्त किया है। बता दें कि दिसंबर माह की शुरुआत में कोहरे का असर इस वर्ष कम देखा गया था। इस बीच, दिसंबर माह के आखिरी सप्ताह से शुरू हुए कोहरे व ठंड का कहर जनवरी माह के अंत तक बना रहा। इस दौरान ठंड लोगों को खूब परेशान किया। ठंड से बचाव के लिए क‌ई उपाय किए। जरुरी होने पर ही लोग घरों से बाहर निकले।

इसी बीच बादलों की आमद के बाद फरवरी माह की शुरुआत का क्रम देखा गया। जिला कृषि मौसम वैज्ञानिक सर्वेश कुमार बरनवाल ने बताया 13 से 15 फरवरी के बीच बारिश के आसार बन रहे हैं।

*अस्पताल में बढ़े मरीज*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही।जिला अस्पताल में 776 मरीजों की ओपीडी हुई। अधिकतर मरीज सर्दी - जुकाम और वायरल फीवर से पीड़ित रहें। फिजिशियन डॉ प्रदीप यादव ने बताया कि आजकल के मौसम में थोड़ा सी भी लापरवाही लोगों पर भारी पड़ जाती है। सतर्क रहना बेहद जरूरी है। बीमारी से बचने के लिए हर कोई सुबह शाम गर्म कपड़ा पहनें इसके अलावा सोते वक्त गुनगुना पानी पीएं।

*जिले की इकलौती बर्न यूनिट में नियमित चिकित्सक तक नहीं,2017 में हुआ निर्माण*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सरपतहां स्थित सौ शय्या अस्पताल में जिले की इकलौती बर्न यूनिट में एक साल में किसी का उपचार नहीं हो सका है। संसाधनों के अभाव और चिकित्सकों की कमी के कारण यूनिट निरर्थक हो गई है।

पिछले साल जनपद के दौरे पर आये डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बर्न यूनिट को संचालित करने का निर्देश दिया था। उसके बाद जैसे-तैसे बर्न यूनिट का संचालन शुरू कर दिया गया। चार नर्सों की ड्यूटी लगाई गई। चिकित्सकों को कॉल करके बुलाने की व्यवस्था की गई। इतनी व्यवस्था के बाद भी मरीज बर्न यूनिट में नहीं पहुंच रहे हैं। यहां जिन चार नर्सों की ड्यूटी लगाई गई है, वे भी अक्सर गायब ही रहती हैं। यूनिट में ताला लटका रहता है।अधिकारियों का कहना है कि दवा होने के कारण ताला लगाया गया है। अस्पताल में बर्न यूनिट का भवन 2017 में तैयार हो चुका था।

बर्न यूनिट का संचालन तो जैसे-तैसे कर दिया गया है। लेकिन संसाधन और चिकित्सक न होने के कारण बर्न के मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। यूनिट को पूर्ण रुप से चलाने के लिए सर्जन, फार्मासिस्ट, नर्स, वार्ड बॉय सहित अन्य संसाधनों की जरूरत होती है।बर्न यूनिट का संचालन शुरु है, चिकित्सक और नर्स की ड्यूटी लगाई गई है। नर्स की ड्यूटी रोजाना होती है। इसके अलावा चिकित्सक ऑनकाल होते हैं। बर्न केस आने पर वो तत्काल पहुंचते हैं।

-- डॉ. एसके चक सीएमओ भदोही

अस्पताल की चार नर्सों की ड्यूटी वहां पर लगाई है, जो प्रतिदिन ड्यूटी करती है। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाती है, बर्न केस आने पर मरीजों को समुचित उपचार मिलता है। -- डॉ. सुनील पासवान, सीएमएस सौ शय्या अस्पताल

*भदोही: गंगा घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब, गूंजा हर-हर महादेव*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही । सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। साल में प्रत्येक महीने अमावस्या तिथि पड़ती है। माघ का पवित्र महीना चल रहा है और माघ में पड़ने वाली अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और जप तप करने का विधान है। साथ ही इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व होता है। यह अमावस्या पितृ दोष से छुटकारा पाने और पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए बेहद खास मानी जाती है। इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए तर्पण, पिंडदान और दान आदि करने की परंपरा है।

ठंडी हवाओं के बाद भी आस्थावानों में बना रहा उत्साह

मौनी अमावस्या पर शुक्रवार को गंगा घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह बह रही ठंडी हवाओं के बाद भी आस्थावानों में उत्साह बना रहा। गंगा घाटों पर स्नान व दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। दर्शन पूजन कर अन्नदान किया। घाटों पर भीड़ अधिक होने से मेला जैसे नजारा रहा। मेला क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए थे।सेमराधनाथ मेले में कल्पवासियों के भजन कीर्तन की गूंज दूर-दूर तक गूंजती रही। स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर तो आस्था का यहां जमघट लगा रहा।

हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई

तंबुओं की नगरी में तब्दील हो चुके घाट पर सुबह से ही भारी संख्या में श्रद्धालु हर-हर गंगे-जय-जय गंगे की धुन रमाते रेती पर नजर आए। और पग बढ़ते हुए आगे बढ़ रहे थे।सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी में भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। स्नान करने के बाद आदि शक्ति का विधि-विधान से दर्शन-पूजन किया। जनपद के गेंगराव, नेवड़िया आदि घाटों पर स्नानार्थियों की भीड़ लगी रही। स्नान करने के बाद भक्त तिल आदि का दान भी कर रहे थे। जगह-जगह दुकानें सजी रही। गृहणियां गृहस्थी के सामानों की खरीदारी करने में जुटी रही।

*जिले में एक बार फिर 12 फरवरी से बारिश होने की संभावना*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। कालीन नगरी में एक बार फिर 12 बारिश के आसार नजर आ रहे हैं। जिला कृषि मौसम वैज्ञानिक सर्वेश कुमार बरनवाल ने बताया कि आगामी दिनों में मौसम साफ व शुष्क रहेगा।

इस दौरान हल्के बादलों की आमद की देखने को मिलेगा। इसके कारण दिन का तापमान 22 व रात का नौ डिग्री तक देखा जाएगा। कहा कि सुबह व शाम को कोहरा नजर आ सकता है। 12 फरवरी से एक बार बारिश होने की उम्मीदें हैं।

*सामूहिक विवाह में हर न‌ए आवेदन की 3 बार जांच होगी,बलिया में हुई धांधली को लेकर शासन का निर्देश, अलर्ट मोड में आया जिला प्रशासन*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। बलिया में सामूहिक विवाह में धांधली को लेकर शासन सख्त हो गया है। अब आवेदन करने वाले लाभार्थियों की त्रिस्तरीय जांच होगी। सचिव, एडीओ संग हर ब्लॉक में एक जिला स्तरीय अधिकारी को नोडल नामित किया जाएगा। तीन स्तर पर जांच के बाद ही लाभार्थी को विवाह के लिए पात्र माना जाएगा।

समाज कल्याण विभाग इसको अमलीजामा पहनाने में जुट गया है।गरीब बेटियों के हाथ पीले करने के लिए प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना शुरू की है। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों की शादी की जाती है। जिसमें कन्या के खाते में 35 हजार भेजने के साथ 10 हजार का उपहार दिया जाता है। इसके अलावा शादी समारोह पर 10 हजार खर्च होता है।

बलिया के मनियर ब्लॉक में सामूहिक विवाह में धांधली से शासन स्तर पर खलबली मच गई है। उस घपले की आंच जिले में भी देखने को मिल रही है। भविष्य में धांधली न हो इस लिए आवेदनों का सत्यापन त्रिस्तरीय करने का निर्णय लिया गया है। ग्राम पंचायत में सचिव और ब्लॉक स्तर पर एडीओ स्तर की जांच के साथ ही प्रशासन की तरफ से नामित एक नोडल अधिकारी भी जांच करेंगे। इसके लिए हर ब्लॉक में एक-एक जिला स्तरीय अधिकारी को नामित किया जाएगा।

जिला समाज कल्याण अधिकारी ऐश्वर्यराज लक्ष्मी ने बताया कि बलिया की घटना को लेकर शासन गंभीर है। भविष्य में होने वाले सामूहिक विवाह में आनलाइन आवेदनों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की जांच के बाद डीएम और सीडीओ के स्तर से नामित नोडल अधिकारी भी जांच करेंगे।

*10 संवेदनशील और चार अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्र,पूर्व की परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले विद्यालयों पर रहेगी विशेष नजर, होगी विशेष निगरानी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। यूपी बोर्ड टापर की तैयारियां धीरे-धीरे अंतिम दौर में पहुंच गई है। जिले के 96 परीक्षा केंद्रों में वित्तविहीन बने 71 केंद्रों में 14 संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केंद्र प्रस्तावित हुए हैं। इन केंद्रों पर गत पांच साल में परीक्षा के दौरान किसी न किसी कारण नकल कराने के आरोप लगे हैं। जिन पर प्रशासन और शिक्षा विभाग की विशेष निगरानी रहेगी। शिक्षा विभाग इन केंद्रों के लिए एल‌आईयू से रिपोर्ट लेगा। जिले में 22 फरवरी से शुरू से रही बोर्ड परीक्षा के लिए 96 केंद्र बनाए गए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में यह संख्या नौ कम है।

96 परीक्षा केंद्रों में दो राजकीय, 23 शासकीय और 71 वित्तविहीन विद्यालय केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा को सकुशल एवं सुचितापूर्ण संपन्न कराने के लिए प्रशासन से लेकर शिक्षा महकमा पूरी तैयारी में लगा है। वित्तविहीन बनाए गए 71 केंद्रों पर स्कूल के केंद्र व्यवस्थापक के अलावा अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक के अलावा अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक तैनात होंगे। इसके अलावा सभी केंद्रों पर एक - एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट भी लगाए जाएंगे। तीनों एमडीएम जहां जोनल मजिस्ट्रेट रहेंगे, वहीं 12 जिलास्तरीय अधिकारी सेक्टर मजिस्ट्रेट बनेंगे। 2019 से बोर्ड परीक्षा के दौरान केंद्रों पर गड़बड़ी सामने आई।

जिसको लेकर 14 केंद्रों पर संवेदनशील एवं अति संवेदनशील चिह्नित किया गया है। इसमें डीघ ब्लॉक में तीन, सुरियावां में दो ,पूरेनगरी में एक, औराई में चार, ज्ञानपुर में तीन और भदोही में एक केंद्र शामिल हैं। बताते चलें कि बोर्ड परीक्षा में हाईस्कूल में कुल 31,749 और इंटर में 24 हजार 525 समेत कुल 57 हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे। जिला विद्यालय निरीक्षक विकालय भारती ने बताया कि पूर्व में जिन विद्यालयों में गड़बड़ी मिली है, उन्हें चिन्हित किया गया है। एल‌आईयू से रिपोर्ट लेकर ऐसे केंद्रों पर विशेष निगरानी की जाएगी।

परीक्षा केंद्रों के आसपास लाउडस्पीकर प्रतिबंधित

डीआईओएस विकालय भारती ने बताया कि बोर्ड परीक्षा के समय परीक्षा केंद्रों के आसपास लाउडस्पीकर पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। केंद्र के 100 मीटर परिधि में फोटो स्टेट की दुकाने नहीं रहेगी। 200 मीटर परिधि में धारा 144 प्रभावी रहेगा। उड़का दस्ता और परीक्षा कार्य में लगे शिक्षकों व केंद्र व्यवस्थापकों को लोक सेवक माना जाता है। ऐसे में इन पर हमला करने वालों पर संज्ञेय अपराध की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

*ढाई हजार अध्यापकों की लगाई जाएगी ड्यूटी,परीक्षा समाप्त होने पर पुलिस की मौजूदगी में जमा होंगी कापियां*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही।जिले में यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 22 फरवरी हो रही है। इसे लेकर कुल 96 परीक्षा में बनाए गए हैं। जिनमें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के 56 हजार विद्यार्थी दिमागी कसरत करेंगे।

जिले को तीन जोनल और 12 सेक्टर मजिस्ट्रेट के अलावा सभी केंद्रों पर एक - एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए जाएंगे। एक - एक कक्ष में छात्र संख्या के आधार पर कक्ष निरीक्षकों की तैनाती होगी। माध्यमिक के 16 सौ शिक्षकों के साथ नौ सौ बेसिक शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके लिए विभागीय स्तर से पत्र भी लिखा गया है।

जिला विद्यालय निरीक्षक विकालय भारती ने बताया कि सभी स्कूलों के शिक्षकों का डाटा आनलाइन उपलब्ध हैं। परीक्षा केंद्रों पर छात्र संख्या, कक्षों के आधार पर कक्ष निरीक्षकों का आवंटन किया जाएगा।