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*मदरसा बोर्ड परीक्षा की तैयारी तेज*

गोरखपुर। उप्र मदरसा शिक्षा परिषद की मुंशी/मौलवी (सेकेंडरी) व आलिम (सीनियर सेकेंडरी), कामिल व फाजिल वर्ष 2024 की परीक्षाएं 13, 14, 15, 19, 20 एवं 21 फरवरी को होंगी।

शुक्रवार को जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में केंद्र व्यवस्थापकों की बैठक हुई। सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में सुबह आठ बजे से 11 बजे तक पहली पाली और दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक दूसरी पाली की परीक्षाएं होंगी।

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कमलेश कुमार मौर्य ने बताया कि जिले के छह मदरसों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। इसमें से तीन केंद्र शहरी क्षेत्र में जबकि तीन ग्रामीण क्षेत्र के मदरसे शामिल हैं। इस परीक्षा में 42 मदरसों के करीब 1795 विद्यार्थी शामिल होंगे

। सभी मदरसों के प्रधानाचार्य और प्रबंधकों को परीक्षा की समय सारिणी भेज दी गई है। इसके अलावा मदरसा बोर्ड की वेबसाइट पर भी समय सारिणी उपलब्ध है। परीक्षा केंद्रों पर इंटरनेट की व्यवस्था भी की जाएगी, जिससे परीक्षा की वेबकास्टिंग हो सके।

उन्होंने बताया कि परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र, डेस्क स्लिप एवं उपस्थिति पत्रक मदरसा पोर्टल https://madarsaboard.upsdc.gov.in पर ऑनलाइन जारी कर दिए गए हैं। मदरसों द्वारा अपने लॉग इन से प्रवेश पत्र डाउनलोड  करते हुए मदरसा प्रधानाचार्य द्वारा अपने हस्ताक्षरोंपरान्त सम्बन्धित परीक्षार्थियों को उपलब्ध करा दी जाए।

ये हैं परीक्षा केंद्र

1. मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया इमामबाड़ा दीवान बाजार

2. मदरसा जियाउल उलूम पुराना गोरखपुर, गोरखनाथ

3. मदरसा अंजुमन इस्लामिया खूनीपुर

4. मदरसा अरबिया मिस्बाहुल उलूम असौजी बाजार

5. मदरसा अरबिया शमसुल उलूम सिकरीगंज

6. नोवाइस एकेडमी, जगंल माघी भटहट

*आपदा प्रबंधन में नारी शक्ति की अहम भूमिका: योगेंद्र डिमरी*

गोरखपुर। योगीराज बाबा गंभीर नाथ प्रेक्षा गृह एवं सांस्कृतिक केंद्र में महिला स्वयं सहायता समूह की आपदा प्रबंधन में भूमिका विषय मंडल स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 348 महिलाएं प्रतिभाग की।

कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, लखनऊ ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने नारी शक्ति की आपदा प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण भूमिका सिद्ध करते हुए ग्राम स्तर पर जन समुदाय को आपदा के प्रभाव को न्यून करने में प्रशिक्षित व शिक्षित करने की अपील की। साथ में राज्य स्तर से प्रवीन किशोर समन्वयक प्रशिक्षण ने प्रतिभाग किया।

आपदा के दौरान जन समुदाय की आजीविका प्रभावित न हो, कृषि उत्पादन उपयुक्त रहे तथा संक्रामक रोग न फैलने पाए आदि विषयों पर विषय विशेषज्ञ के के सिंह जीईएजी, घनश्याम मिश्रा एवं अंकिता यूनिसेफ ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। किसी भी आपदा के दौरान महिलाएं प्रथम प्रति उत्तरदाता होती हैं इसलिए उनका प्रशिक्षित होना आवश्यक है।

संतोष कुमार, डिप्टी कमांडेंट एवं सुधीर इंस्पेक्टर 11वीं वाहिनी एनडीआरफ के नेतृत्व में महिलाओं को प्राथमिक उपचार घरेलू संसाधनों से निर्मित होने वाले जीवन रक्षक उपकरण तथा विभिन्न आपदाओं के दौरान क्या करें क्या ना करें पर प्रयोगात्मक विधि के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए अपर जिलाधिकारी (वि/रा)/ प्रभारी अधिकारी (आपदा) विनीत कुमार सिंह ने उपस्थिति महिलाओं से अनुरोध किया कि उपलब्ध कराए जा रहे अध्ययन सामग्री को समूह की महिलाओं के साथ साझा कीजिए और प्रत्येक ग्राम स्तर पर सत्र का आयोजन कीजिए।

क्विज प्रतियोगिता का आयोजन: संचालित किये जा रहे कार्यक्रम के आधार पर प्रत्येक जनपद से पांच-पांच महिलाओं से प्रश्न पूछे गए, जिसका सही उत्तर प्राप्त होने पर प्रत्येक महिला को रुपए 1000 नगद धनराशि प्रदान की गई।

कार्यशाला में कुशीनगर, देवरिया महाराजगंज के आपदा विशेषज्ञ क्रमशः रवि राय, पंकज कुमार, एवं चंदन द्विवेदी ने समूह की महिलाओं के साथ प्रतिभाग किया और संबोधित किया। कार्यशाला का संचालन गौतम गुप्ता आपदा विशेषज्ञ गोरखपुर ने किया। कार्यशाला को सफल बनाने में मनोज, मनदीप, अंकित एवं राणा तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

*यात्री का कीमती समानो से भरा बैंग टैम्पो में छूटा, सिपाही ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से बैग बरामद कर किया सुपुर्द*

गोरखपुर। कैंट थाना क्षेत्र के रेलवे स्टेशन चौकी पर तैनात कांस्टेबल संजीव यादव को जैसे ही कीमती समानो से भरे बैग के टैम्पो में छूटने की सूचना मिली। तत्परता दिखाते हुए सीसीटीवी फुटेज की मदद से महज कुछ ही घण्टो में उन्होंने बैग को ढूंढने में सफलता पाई।उसके बाद मलिक को बुलाकर बैग को उन्हें सुपुर्द कर दिया गया।हालांकि इस सराहनीय कार्य को देखते हुए एडीजी जोन डा० के०एस० प्रताप कुमार ने आज कांस्टेबल संजीत यादव को प्रशस्वी पत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया।

दशहरा बाग थाना कोतवाली नगर जनपद बाराबंकी के रहने वाले राहुल सिंह पुत्र स्वर्गीय पुतलू सिंह विगत 1 फरवरी को कैंट थाना क्षेत्र के कूड़ाघाट में एक शादी समारोह में अपनी मां के साथ शामिल होने आए थे।

अगले दिन वह वापस जाने के लिए रेलवे स्टेशन के गेट न० 2 पर उनका ट्रॉली बैग ऑटो में भूल बस छूट गया।जिसमें कपड़े के साथ कीमती जेवरात रखे थे।इसकी सूचना राहुल सिंह ने रेलवे चौकी को दिया। जिस पर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए सीसीटीवी फुटेज की मदद से महज कुछ घंटे में बैग को ढूढने में सफलता पाई।

हालांकि बैग में सारे जेवरात और कपड़े आदि सुरक्षित मौजूद थे। वहीं आज आवेदक को बुलाकर पुलिस ने आज उन्हें ट्रॉली बैग सुपुर्द कर दिया। इस दौरान बैंग में अपना सारा सामान सुरक्षित पाकर आवेदक ने गोरखपुर पुलिस की भूरि भूरि प्रशंसा किया।वही कांस्टेबल द्वारा इस सराहनीय कार्य को देखते हुए एडीजी जॉन डॉक्टर एस०के० प्रताप कुमार ने कांस्टेबल संजीत यादव को प्रशस्ति पत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया।

*राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, आगामी 11 फरवरी को महा रैली में सैथवार मल्ल महासभा करेगा शक्ति प्रदर्शन*

गोरखपुर। सैथवार मल्ल महासभा द्वारा आगामी 11 फरवरी को चंपा देवी पार्क में महारैली का आयोजन किया जा रहा है। इस रैली के माध्यम से समाज की राजनीतिक सहित अन्य भागीदारी को लेकर समाज के लोगों के साथ विस्तार पूर्वक चर्चा की जाएगी। 

उक्त बाते सैथवार मल्ल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गंगा सिंह सैथवार ने कही। उन्होंने कहा की जो भी राजनीतिक दल उनके समाज का उत्थान और समाज से जुड़े हुए लोगों को उचित मंच देगा समाज उसे जिताने का कार्य करेगा। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हम परिवारवाद के खिलाफ है यदि मुझे किसी पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिलेगा तो भी मैं महासभा के बेहतरीन ही कार्य करूंगा और ना ही अपने परिवार के किसी सदस्य को महासभा की आड़ में उसे लाभ पहुंचाने का कार्य करूंगा। इस महारैली में पूर्वांचल के सभी जिलों से बड़ी संख्या में सैथवार समाज के लोग पहुंच रहे हैं, यूपी के लगभग 40 विधानसभा सीटों पर 39 फ़ीसदी सैथवार समाज उन विधानसभा की सीटों को जीतने का कार्य करता है मौजूदा गोरखपुर के मुख्यमंत्री के साथ भी पिछले कई वर्षों से समाज के लोग लगे हुए हैं लेकिन उनकी भी सरकार में समाज का एक भी व्यक्ति कैबिनेट मंत्री के रूप में नहीं। सैथवार मल्ल महासभा मांग करता है कि किस लोकसभा चुनाव में समाज से जुड़े व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया जाए।

*बांसगांव सांसद कमलेश पासवान ने गोरखपुर लिंक-वे एक्सप्रेस से देवरिया तक जोड़़ने के लिये लोकसभा में उठाई मांग*

गोरखपुर। बांसगांव लोकसभा सांसद कमलेश पासवान ने लोकसभा में कहा कि सभापति पूर्वी उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे बनकर पिछले दो वर्षों से चल रहा है। जिसको गोरखपुर फोर लेन से लिंक किया जा रहा हमारे यहां एक ही सड़क गोरखपुर से लखनऊ जाने के लिए होती थी।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के रास्ते लखनऊ जाने की दूरी कम हो गई और वहीं दूसरी तरफ भीड़ भी कम हो गई और कहा कि मैंने केन्द्रीय सड़़क एवं परिवहन मंत्री से भी आग्रह किया था और इस बात को सदन में भी उठा चुका हूं।

अगर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जनपद देवरिया को खजनी बांसगांव कौड़ीराम गजपुर रुद्रपुर होते हुए जोड़ दिया जाए तो निश्चित तौर पर यह सड़क लोगों के आवागमन के लिए और बेहतर हो जाएगी और लाखों लोगों का व्यापार के साथ रोजगार के अवसर प्राप्त होगा और साथ ही साथ लगभग 50 लाख लोगों के लिए लखनऊ की दूरी भी कम हो जाएगी जिससे ट्रैफिक भी कम होने के साथ ही साथ देवरिया व बिहार प्रदेश से लखनऊ आवागमन में लगभग सौ किलोमीटर की दूरी भी कम हो जायेगी।

*मदनपुरा इंटरकॉलेज में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य मंच का गठन हुआ*

खजनी गोरखपुर।ब्लॉक क्षेत्र के मदनपुरा गांव में स्थित नवभारत कृषक इंटरकॉलेज मदनपुरा में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य मंच का गठन किया गया। जिसमें उपस्थित विद्यार्थियों को स्वास्थ्य एवं बिमारियों से बचाव के लिए अपनाए जाने वाले विभिन्न उपायों की विस्तार सहित जानकारियां दी गईं।

इस दौरान इंटरकाॅलेज में आयोजित प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मनीषा चौबे द्वितीय पुरस्कार खुशी तृतीय पुरस्कार दिव्या तथा 10 बच्चों को अतिरिक्त सांत्वना पुरस्कार देत कर सम्मानित किया गया। इस दौरान डा.त्रिवेणी कुमार द्विवेदी डॉ.सी.बी. यादव,विकास कुमार, विजय कुमार,सुबेश राय एवं विद्यालय के प्राचार्य शैलेन्द्र कुमार,सीमा तिवारी,प्रिया रौनियार, सुनीता राय, सुरेन्द्र मिश्रा आदि उपस्थित रहे।

*टीबी और कुष्ठ रोगी खोजने में मददगार बनेंगे आयुष, यूनानी और होम्योपैथिक चिकित्सक*

गोरखपुर। जिले के आयुष, यूनानी और होम्योपैथिक चिकित्सक भी टीबी और कुष्ठ रोगी खोज कर उनका उपचार करवाने में मददगार बनेंगे । इसी उद्देश्य से पहली बार जिले के ऐसे तीन सौ से अधिक चिकित्सकों का एनेक्सी भवन सभागार में गुरूवार की देर शाम तक संवेदीकरण किया गया ।

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे के दिशा निर्देशन में हुई इस संवेदीकरण कार्यशाला के दौरान चिकित्सकों को यह भी बताया गया कि गैर सरकारी नियमित चिकित्सक के अलावा अगर कोई चिकित्सक नया टीबी मरीज खोज कर नोटिफिकेशन करता है तो उसे राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 500 रुपये सूचनादाता के तौर पर उसके खाते में दिये जाते हैं ।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए जिला क्षय और जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ गणेश यादव ने कहा कि अगर किसी को भी दो सप्ताह से अधिक की खांसी, पसीने के साथ बुखार, सीने में दर्द, बलगम में खून आने, सांस फूलने, भूख न लगने और अत्यधिक कमजोरी की दिक्कत हो तो उसे टीबी की जांच अवश्य करवानी चाहिए । इसकी सुविधा सभी सरकारी अस्पतालों और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) पर भी उपलब्ध है ।

 जांच में टीबी की पुष्टि होने पर मरीज का इलाज शुरू कर दिया जाता है और उसके निकट सम्पर्कियों की भी जांच कर बचाव के सभी उपाय किये जाते हैं। टीबी मरीज जब उपचार लेना शुरू कर देता है तो तीन सप्ताह के बाद उससे दूसरे लोगों को टीबी संक्रमण की आशंका नहीं रह जाती है । यही वजह से कि टीबी के लक्षण वाले अधिकाधिक मरीजों की टीबी जांच कर समय से उनका उपचार करने पर जोर है ।

 सभी चिकित्सकों को चाहिए कि अपने ओपीडी में आने वाले मरीजों में से पांच से दस फीसदी की टीबी जांच अवश्य करवाएं।

डॉ गणेश यादव ने कहा कि अगर शरीर पर सुन्न दाग धब्बे हैं जो चमड़ी के रंग से हल्के हों तो यह कुष्ठ रोग हो सकता है । इसके जांच और इलाज की सुविधा सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों पर उपलब्ध है ।

 जांच व इलाज में देरी होने पर यह दिव्यांगता और विकृति का रूप ले सकता है । उपचार लेने वाले कुष्ठ रोगी से इसके संक्रमण का खतरा नहीं होता है । कुष्ठ न तो पूर्व जन्म का पाप है और न ही यह वंशानुगत बीमारी है।

 छह माह (पीबी कुष्ठ रोग) से एक वर्ष तक (एमबी कुष्ठ रोग) के इलाज से यह पूरी तरह से ठीक हो जाता है । कुष्ठ मरीजों को जिला कुष्ठ रोग कार्यालय द्वारा विभिन्न विभागीय और सामाजिक योजनाओं का लाभ भी दिया जा रहा है जिसके लिए किसी भी कार्यदिवस पर सम्पर्क किया जा सकता है ।

कार्यक्रम को क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ मीनू सोनी, जिला होम्योपैथिक अधिकारी डॉ मीना दोहरे, मंडलीय यूनानी अधिकारी डॉ अब्दुल बारी और प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ धनंजय आनंद ने भी सम्बोधित किया । 

इस मौके पर उप जिला क्षय रोग अधकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव, जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ भोला गुप्ता, विश्व स्वास्थ्य संगठन के कंसल्टेंट डॉ दीपक चतुर्वेदी, डीपीसी धर्मवीर प्रताप सिंह, पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्र, मिर्जा आफताब बेग और आसिफ प्रमुख तौर पर मौजूद रहे ।

मिलीं कई अहम जानकारियां

कार्यक्रम की प्रतिभागी व आयुष चिकित्सक डॉ स्वाति त्रिपाठी ने बताया कि वह 14 वर्षों से प्रैक्टिस कर रही हैं। टीबी के बारे में तो बेसिक जानकारी थी लेकिन पहली बार इससे जुड़ी योजनाओं के बारे में इतने विस्तार से जानकारी मिली है । 

हमे बताया गया है कि खांसी और बुखार वाले पांच से दस फीसदी मरीजों की टीबी जांच अवश्य करवानी है । टीबी मरीज का इलाज चलने तक प्रति माह 500 रुपये की दर से पोषण के लिए धनराशि उसके खाते में भेजी जाती है । पिछले 13 वर्षों से प्रैक्टिस कर रहे आयुष चिकित्सक डॉ धनंजय ने बताया कि कुष्ठ के बारे में पहली बार विस्तार से जानने को मिला है । सुन्न दाग धब्बों के अलावा नसों में सूजन और मोटापन के लक्षण वाले मरीजों की स्क्रिनिंग कर कुष्ठ जांच करवाना है। कुष्ठ का सम्पूर्ण इलाज संभव है ।

जिले की स्थिति

डॉ गणेश यादव ने बताया कि जिले में इस समय 277 कुप्ठ रोगी उपचाराधीन हैं। 9496 ड्रग सेंसिटिव टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 361 ड्रग रेसिस्टेंट मरीज भी उपचार ले रहे हैं । 

जिले में 122 फीसदी टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन हुआ है । अधिकाधिक टीबी और कुष्ठ मरीजों को खोज कर उपचार देने के उद्देश्य से जिले में प्रभावशाली समूहों के लिए संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।

*गोरखपुर में जल्द शुरू होगा सीबीजी का कमर्शियल उत्पादन*

गोरखपुर। जल्द ही गोरखपुर देश के बायो फ्यूल उत्पादन करने वाले जिलों की रैंकिंग में शामिल हो जाएगा। इसके लिए धुरियापार के बायो फ्यूल कॉम्प्लेक्स में कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) के कमर्शियल उत्पादन की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। अक्टूबर 2023 से ही यहां स्थापित प्लांट का ट्रायल जारी है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इसका औपचारिक उद्घाटन होगा।

गुरुवार को कमिश्नर अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश और मुख्य विकास अधिकारी संजय मीना ने इंडियन ऑयल की तरफ से लगाए गए प्लांट का निरीक्षण कर ट्रायल का अवलोकन किया और इसे पूर्णरूप से संचालन योग्य बनाने के आयामों पर चर्चा की।

धुरियापार की बंद पड़ी चीनी मिल के 50 एकड़ परिसर में बायो फ्यूल कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराने की जिम्मेदारी इंडियन ऑयल काॅरपोरेशन लिमिटेड के पास है।

इसका शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और तत्कालीन केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 18 सितंबर 2019 को किया था। इस कॉम्प्लेक्स में पहले चरण में सीबीजी और दूसरे चरण में एथेनाल का उत्पादन होना है। पहले चरण में सीबीजी प्लांट तैयार हो गया है जबकि दूसरे चरण में 900 करोड़ रुपये से टूजी (सेकेंड जेनरेशन) एथेनॉल प्लांट का निर्माण होगा। 169 करोड़ रुपये की लागत वाली सीबीजी प्लांट में प्रतिदिन 230 टन कचरे से 28 टन बाॅयो गैस बनाई जाएगी। इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद अक्टूबर 2023 से ही ट्रायल चल रहा है। इसमें पराली (पुआल, गेहूं के डंठल, मक्के की डाठ, गन्ने की पत्ती) और गोबर का इस्तेमाल किया जाएगा।प्लांट में कमर्शियल उत्पादन शुरू होने के साथ ही प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से पांच हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

सीबीजी प्लांट का ट्रायल देखने पहुंचे कमिश्नर व डीएम को इंडियन ऑयल के अधिकारियों ने बताया कि कम्प्रेस्ड बायो गैस के उत्पादन के साथ ही यहां प्रतिदिन 150 कुंतल बायो खाद भी तैयार होगी। इस खाद को किसान प्लांट से सीधे खरीद सकेंगे। बायो खाद से मिट्टी की उर्वरा शक्ति के साथ फसलों की पैदावार भी बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन पराली व गोबर की आवश्यकता को देखते हुए अभी से इंतजाम किया जा रहा है ताकि प्लांट का संचालन निर्बाध हो सके।

बायो फ्यूल कॉम्प्लेक्स से किसानों को सर्वाधिक फायदा होगा। इसमें कच्चे माल के रूप में अब तक खेतों में जला दी जाने वाली पराली, अन्य अपशिष्ट और गोबर का प्रयोग होगा। प्लांट की ओर से इन चीजों की खरीद की जाएगी, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। इसके साथ ही उत्पादन से वितरण तक विभिन्न प्रकार के रोजगार भी सृजित होंगे।

*आर्थ्रोस्कॉपी दूरबीन विधि से निकाला गया घुटने का बड़ा ट्यूमर*

गोरखपुर।24 साल के बड़हलगंज के सिविल इंजीनियर नवनीत सिंह बिसेन को पिछले 3 साल से दाहिने घुटने में दर्द और सूजन था। 1 साल पहले SGPGI लखनऊ में दिखाने पर MRI कराया गया तो पता चला की उसके दाहिने घुटने में tumor है. उसके बाद नवनीत कई जगह इलाज कराते रहे मगर कोई लाभ नहीं मिला।

वरिष्ठ जोड़ प्रत्यारोपण एवं दूरबीन विधि के ऑपरेशन के विशेषज्ञ डॉ इमरान अख्तर को दिखाने पर उन्होंने कल दिनांक 6 फरवरी 2024 को दूरबीन विधि( आर्थ्रोस्कॉपी) द्वारा 4 मिलीमीटर छोटे छेद से ट्यूमर के छोटे-छोटे टुकड़े करके उसे निकाल दिया. ऑपरेशन के दिन से ही मरीज को दर्द और सूजन से राहत हो गई और उसने आज से ही अच्छे से चलना शुरू कर दिया।

डॉ इमरान अख्तर ने बताया की जोड़ों का दूरबीन विधि ( आर्थ्रोस्कॉपी) द्वारा बहुत सारी बीमारियों का इलाज संभव हो जाता है, 4 मिलीमीटर छोटे छेद से पूरा ऑपरेशन हो जाता है , ऑपरेशन के बाद दर्द बहुत कम होता है ,खून का स्राव ना के बराबर होता है, और मरीज अगले दिन से चलना शुरू कर देता है इससे उसके अंदर ठीक होने का आत्मविश्वास जाग उठता है. यह सुविधा अब गोरखपुर में उपलब्ध है।

*भारत-नेपाल सीमावर्ती थारू जनजाति क्षेत्रों में चतुर्थ गुरू गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा 9 फरवरी को होगा आयोजित*

 गोरखपुर ।विगत चार वर्षों से "नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन (एन०एम०ओ०)" गोरक्ष प्रान्त एवं अवध प्रान्त एवं अन्य सहयोगी संगठनों के सम्मिलित प्रयासों से भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा का सफल आयोजन करता रहा है।यह यात्रा भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में थारू जनजातीय एवं समीपवर्ती क्षेत्रों के 6 जिलों (लखीमपुर खीरी, बहराईच्च, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर एवं महराजगंज) में थारू जनजाति सहित सर्वसमाज के रोगियों की सेवा में आयोजित होती रही है। तीन दिन तक चलने वाले इस स्वास्थ्य सेवा यात्रा में 800 चिकित्सक उन्हीं के बीच रहेंगे और 290 गावों में जाकर लोगों की बीमारियों का निःशुल्क इलाज करेंगे।

चिकित्सा क्षेत्र में राष्ट्री स्वयंसेवक संघ की आनुशांगिक शाखा "नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन' गोरक्ष प्रान्त इस वर्ष गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा 08 फरवरी से फिर निकालने जा रहा है। यह यात्रा 8, 9, 10 एवं 11 फरवरी 2024 तक चलेगी। (प्रान्त विद्यार्थी प्रमुख) डॉ अखिलेश्वर धर दूबे यात्रा संरक्षक डा महेन्द्र अग्रवाल व डा मंगलेश श्रीवास्तव (महापौर गोरखपुर) ने बुद्धवार को प्रेस क्लब गोरखपुर में पत्रकारों को बताया कि महापौर डा मंगलेश श्रीवास्तव, प्रान्त प्रचारक आर०एस०एस० सुभाष व मण्डलायुक्त अनिल ढींगरा गोरखनाथ मन्दिर से 08 फरवरी दोपहर 03 बजे यात्रा को रवाना करेंगे।

उत्तराखण्ड, बिहार व नेपाल के सीमावर्ती जिले (लखीमपुर खीरी, बहराईच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर व महराजगंज) जिलों में थारू जनजाति के साथ ही सर्वसमाज के मरीजों की सेवा करेंगे। सेवाकार्य का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यात्रा संरक्षक ने बताया कि इस स्वास्थ्य सेवा यात्रा में बी०आर०डी० मेडिकल कालेज गोरखपुर, एम्स गोरखपुर, पीआईडीएस गोरखपुर, देवरिया मेडिकल कालेज, आजमगढ़ मेडिकल कालेज, बस्ती मेडिकल कालेज व सिद्धार्थ नगर मेडिकल कालेज तथा प्राइवेट प्रैक्टिशनर के 800 चिकित्सक 09 से 11 फरवरी तक सेवा कार्य करेंगे।

चिकित्सकों की टोली 290 गावों में जाकर करीब सवा लाख से अधिक मरीजों की सेहत का संस्कार देगी।

उन्होंने बताया कि लोगों को बीमारी से बचाने के साथ ही चिकित्सकों में भी राष्ट्रीयता, नैतिकता व देशप्रेम का भाव जागृत करने का निरन्तर प्रयास किया जा रहा है।"नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन" के सचिव डा अमित सिंह श्रीनेत ने बताया कि पिछले वर्ष यह यात्रा 22 से 24 फरवरी तक आयोजित हुई थी।

 उस समय 52 मेडिकल कालेजों के 650 चिकित्सकों ने 280 शिविर लगाकर 85000 मरीजों का निःशुल्क उपचार, जांच करके दवायें दी थीं। उन्होंने कहा कि देशभर में सबसे अधिक रोगियों का ईलाज गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा में ही हो रहा है।

डा0 अमित सिंह ने बताया कि 09, 10 फरवरी को नोतनवा, निचलौल व सिद्धार्थनगर में कैम्प लगाकर रोगियों का निःशुल्क ईलाज तथा दवाइयां वितरित की जायेंगी। 

11 फरवरी को फरेन्दा तथा महराजगंज पी०जी कालेज में मेगा कैम्प की भी व्यवस्था की गयी है।प्रेस कॉन्फ्रेन्स मे महापौर डा0 मंगलेश श्रीवास्तव, डा० महेन्द्र अग्रवाल, डा० अमित सिंह श्रीनेत, बी०आर०डी० मेडिकल कालेज के डा0 अमरेश सिंह, डा० विभा सिंह, प्रान्त प्रचार प्रमुख आर०एस०एस० उपेन्द्र द्विवेदी आदि मौजूद रहेंगे।