*प्रसिद्ध सूफी संत हजरत गुलजार शाह का मेला औपचारिकता के साथ सम्पन्न*
आरएन सिंह
बिसवा (सीतापुर)। कौमी एकता के लिए प्रसिद्ध सूफी संत हजरत गुलजार शाह का मेला औपचारिकता के साथ सम्पन्न हो गया मेले मे इस बार होने वाले तमाम कार्यक्रमों में नगर का आम आदमी नहीं जुट सका मेला कमेटी का ध्यान मेले मे होने वाले प्रमुख कार्यक्रमों से अधिक धन उगाही पर दिखा। इसी कारण दंगल से लेकर मुसायरे तक भीड़ नहीं जुटी मेले में कोई भी वी आई पी मेला कमेटी विवादो के चलते नहीं ला सकी ।
सूफी संत हजरत गुलज़ार शाह जिन्हे लोग टक्करी बाबा भी कहते है का उर्स हर वर्ष मनाया जाता है बाराबंकी में देवा मेले के बाद प्रदेश में दूसरे स्थान पर होने वाला मेला कभी मना जाता था लोग पूरे वर्ष इस मेले का इंतजार करते थे परंतु कमेटियों के विवाद के चलते धीरे धीरे मेले का अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है मेला कमेटी मेले के विकास से अधिक दुकान दारो से हर वर्ष बढ़ी हुई कीमतो पर जमीन देकर अपनी जेभे भरने का काम कर रही है।
सूफी संत हजरत गुलज़ार साहब कौमी एकता के प्रतीक माने जाते हैं हर धर्म संप्रदाय के लोग इनकी मजार पर आके इबादद के साथ चादर चढ़ा कर अपनी मनो कामना पूरी करते हैं इस मेले में पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी से लेकर देश एव प्रदेश की तमाम हस्तियां इस मेले मे आकर सूफी संत का आशीर्वाद प्राप्त कर चुकी हैं यहीं नहीं मेले में होने वाला ऑल इंडिया मुसायरा एव कवि सम्मेलन मे देश के बड़े बड़े सायरो कवियों ने आकर यन्हा की रौनक बढ़ाने का काम किया है।
बड़ी संख्या में लोग इन्हें सुनने आते थे यही इस्थति मेले में होने वाले दंगल हॉकी मैच संगीत संध्या अतीस बाजी की थी पर धीरे धीरे इन कार्यक्रमों ग्रहण लग चुका है मेला मात्र पांच रुपए, दस रुपए हरमाल की दुकानों तक सीमित रह गया है।
Feb 07 2024, 14:28