सरायकेला : बामनी गांव के निवासी भुदेव महतो ने सेमियोलता की खेती कर कर रहा है लाह का उत्पादन।*
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सरायकेला : जिला के नीमडीह थाना क्षेत्र के दलमा जंगल की तराई में बसे बामनी गांव के निवासी भुदेव महतो ने सेमियोलता की खेती माध्यम से लाह की खेती कर रहे हैं। इस तरह की खेती में लगभग दो वर्षो में पौधे के साथ लाह तैयार होती है।
नीमडीह प्रखंड के अधीन विभिन्न पंचायतों में वन उपज लाह की खेती अब तक पलास,बैर,कुसम के टहनी में लाह उत्पादन की जाती थी ,लेकिन अब सेमियोलता की लाह खेती इस क्षेत्र कम होती है।
सेमियोलता की लाह सबसे उत्तम माना जाता है। जोहर परियोजना जे०एस० एल० पी०एस० नीमडीह प़्रखंड के कर्मी की देखरेख में समानपुर पंचायत के बामनी निवासी भुदेव महतो उनके सहपत्नी के सहयोग से सेमियोलता की खेती लाह उत्पादन के लिए पहेली बार प्रयास कर रहे।जोहार परियोजना के माध्यम से भुदेव महतो चारा मुहैया कराया गया।भुदेव महतो के पास सिंचाई हेतु डीप बोरिंग,तलाब, कुआं का साधन है।भुदेव महतो की पत्नी जोहर परियोजना के जे एस एल पी एस के साथ जुड़ी हुई है।भुदेव ने कहा की प्रखंड से खेती के लिए कोई सुविधा या स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधि देख के नहीं आऐ। संनद् रहे नीमडीह प्रखंड के पश्चिमी बंगाल के सीमाबत्ती के करीब लाह का अंतराष्ट्रीय लाह का बाजार पुरुलिया जिला बहरामपुर है।लाह की बाजार भी गांव से लगभग पन्द्रह किलोमीटर पड़ता है सेमियोलाता पौधे बीज लगने के लगभग बारह से पन्द्रह माह के बाद लाह का बीज लगाया जाता है।लाह कीड़े से लगभग छह माह में तैयार हो जाता है।लाह की कीड़े लगभग फरवरी माह अप्रैल तक लगया जाता है।लाह की कटाई लगभग अगस्त से सितम्बर तक हो जाती है।भुदेव महतो ने कहा की एक विग्धा में चार रूपए की लागत से पांच सौ ग्राम बीज डाल गया। जिसमें लगभग चार पौधे लगाए गए। सेमियोलता पौधे की समय समय पर निगरानी तथा उपाचार की जाती है। सेमियोलता का वृक्ष ईख के भांति होता है समियोलता के पौधे को कातर बद्ध लगया गया।एक वृक्ष से दुसरे वृक्ष के दुरी रखकर किया गया।इन दुरी में टमाटर,चना,बीम, मार्च,की खेती किसान भुदेव महतो कर रहे।
Feb 03 2024, 21:07