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पूर्व खाद्य मंत्री भगत ने धान खरीदी के लक्ष्य पर भाजपा सरकार को किया चैलेंज

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर लंबे समय से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वार-पलटवार हो रहा है. ताजा घटनाक्रम में पूर्व खाद्य मंत्री ने भाजपा सरकार के प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी के लक्ष्य के हिसाब से 140 लाख मीट्रिक टन खरीदी की बात कही है. वहीं मंत्री केदार कश्यप ने धान खरीदी का रिकार्ड बनने के साथ आवश्यकता पढ़ने पर धान खरीदी की समय अवधि भी बढ़ाने का भरोसा दिया है.

पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने धान खरीदी को लेकर कहा कि हमने जो एक लाख तीस हजार मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य अनुमानित किया था, वह 20 क्विंटल (प्रति एकड़) के हिसाब से था. बीजेपी सरकार 21 क्विंटल तय किया है, इस हिसाब से तो 140 लाख मीट्रिक टन जाना चाहिए. सभी को अवसर मिलना चाहिए, सभी का धान खरीदना चाहिए. किसानों से जो धान का एक-एक दाना खरीदने का वादा किया था, उस पर अमल करना चाहिए.

वहीं 3100 रुपए में धान खरीदी के लिए अब तक आदेश जारी नहीं होने पर अमरजीत भगत ने कहा कि इनके यहां पहले फाइल नागपुर जाती है, फिर दिल्ली जाती है, और उसके बाद फैसला होता है. पिछली सरकार में निर्णय यहीं हो जाता था.

असम में राहुल गांधी के खिलाफ केस दर्ज किए जाने वाले बयान पर पूर्व मंत्री ने कहा कि हेमंता बिस्वा सरमा बड़बोले कैटेगरी के नेता हैं. थोड़ा बोलकर सुर्खियां बटोरकर मोदी जी के आंखों का तारा बनना चाहते हैं. वह भूल जाते हैं, उनका उद्गम कांग्रेस से हुआ है. जिन शब्दों का प्रयोग करते हैं राजनीति में यह उचित नहीं है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि असम के सीएम को कुंठित विचारधारा से बाहर आना चाहिए. बदले की भावना से पक्षपात नहीं करना चाहिए. अपना कार्यक्रम करने का सबको संवैधानिक अधिकार है. यात्रा को रोकना पीड़ादायक है.

 जरूरत पड़ने पर बढ़ेगी धान खरीदी की अवधि 

वहीं कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने धान खरीदी को लेकर कहा कि भाजपा ने जो गारंटी दी थी, जो संकल्प लिया था, उसे पूरा किया. अभी और रिकॉर्ड बनेगा. ऐतिहासिक दिन है. आवश्यकता पढ़ने पर समय अवधि भी बढ़ाई जाएगी. वहीं कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक को लेकर केदार कश्यप ने तंज कसते हुए कहा कि वो कांग्रेस के पीसीसी के अध्यक्ष और नेतागण बता पाएंगे.

उन्होंने कहा कि जो आरोप उन पर लगे हैं, वो फिर से उनपर ना लगे. कांग्रेस में कोई सामने आने की स्थिति में नहीं हैं. पूरे देश में मोदी की लहर हैं. चार सौ से ज्यादा सीटों पर हमारी विजय होगी, और छत्तीसगढ़ में ग्यारह सीट पर विजय होगी.

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में आज से नया रोस्टर हुआ लागू, अब 3 डिवीजन और 6 स्पेशल समेत इन 19 बेंच में होगी मामलों की सुनवाई

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में आज से नया रोस्टर लागू कर दिया गया है. जिसके मुताबिक अब हाई कोर्ट में 10 सिंगल बेंच, 3 डिवीजन बेंच और 6 स्पेशल बेंच में होगी मामलों की सुनवाई. इनमें पहली डिवीजन बेंच में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा शामिल है जो कि डिवीजन बेंच के सभी रिट मैटर, पल ओमान हेवियस कॉरपस पिटीशन आदि की सुनवाई करेंगे. दूसरी डिवीजन बेंच में जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल हैं. इस बेंच में टैक्स के मामलों के अलावा डिवीजन बेंच में सुने जाने वाले कमर्शियल सिविल और कंपनी मामलों की अपील सुनी जाएगी. वहीं तीसरी डिवीजन बेंच में जस्टिस संजय के अग्रवाल और जस्टिस संजय कुमार जायसवाल शामिल हैं. इस बेंच में क्रिमिनल मैटर अपील और ट्रिब्यूनल के रिट मैटर की सुनवाई होगी.

इसी तरह हाई कोर्ट में मामलों की सुनवाई के लिए 6 स्पेशल बेंच गठित की गई है, जिसमें पहली बेंच में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, दूसरी बेंच में जस्टिस गौतम भादुड़ी, तीसरी बेंच में जस्टिस संजय के अग्रवाल, चौथी बेंच में जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल, पांचवी बेंच में जस्टिस संजय कुमार जायसवाल और छठी बेंच में जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल शामिल है. यह बेंच दोपहर 2:15 बजे के बाद विभिन्न मामलों की सुनवाई करेगी.

इसी तरह मामलों की सुनवाई के लिए 10 सिंगल बेंच का भी गठन किया गया है. जिसमें पहली बेंच में दूसरी बेंच में जस्टिस संजय अग्रवाल, दूसरी बेंच में अरविंद सिंह चंदेल, तीसरी बेंच में जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू, चौथी बेंच में जस्टिस रजनी दुबे, पांचवी बेंच में जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास, छठी बेंच में जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी, सातवीं बेंच में जस्टिस दीपक कुमार तिवारी, आठवीं बेंच में जस्टिस सचिन सिंह राजपूत, नौवीं बेंच में जस्टिस राकेश मोहन पांडे और दसवीं बेंच में जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल का नाम शामिल है. विस्तृत जानकारी के लिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई जानकारी का अवलोकन कर सकते है.

*काउंटिंग में गड़बड़ी ! पत्थलगांव विधायक गोमती साय को HC का नोटिस, कांग्रेस प्रत्याशी रामपुकार सिंह ने दायर की थी याचिका*

जशपुर-   निर्वाचन में गड़बड़ी के मामले में पत्थलगांव विधानसभा विधायक गोमती साय को हाईकोर्ट ने नोटिस भेजा है. इस सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे रामपुकार सिंह की याचिका पर उच्च न्यायालय में बुधवार को सुनवाई हुई है. दायर याचिका में काउंटिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था. जिस पर आज अदालत ने गोमती साय को नोटिस जारी किया है.

जस्टिस नरेन्द्र कुमार व्यास की एकलपीठ जो इलेक्शन ट्रिब्यूनल का कार्य कर रही है, उसने प्राथमिक सुनवाई के बाद गोमती साय समेत सभी 6 अन्य प्रत्याशियों को नोटिस जारी कर याचिका का जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये हैं. अब इस मामले में 28 फरवरी को अगली सुनवाई होनी है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और सुदीप वर्मा ने हाईकोर्ट को बताया कि इस चुनाव में पोस्टल बैलेट का हिसाब किताब नियमानुसार नहीं रखा गया. साथ ही बड़ी संख्या में याचिकाकर्ता को मिले मत निरस्त घोषित हुए है. वहीं वीवीपैट का मिलान भी ईवीएम से नहीं किया गया है.

बता दें कि गोमती साय ने भाजपा की टिकट पर पत्थलगांव सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामपुकार सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था. जिसमें उन्होंने महज 255 वोटों से जीती दर्ज की थी. गोमती साय ने ये पहला विधानसभा चुनाव लड़ा है. पहली बार की सांसद हैं. जशपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.

गौरतलब है कि इस मामले में याचिकाकर्ता द्वारा लगाया गया रिकाउंटिंग का आवेदन भी रिटर्निंग ऑफिसर ने रद्द कर दिया था. इसके अलावा अन्य सभी आवश्यक दिशा-निर्देशों को उल्लंघन कर याचिकाकर्ता या उसके इलेक्शन एजेंट को बिना जानकारी दिये परिणाम घोषित कर गोमती साय को निर्वाचित घोषित किया. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में गोमती साय और उनके चुनाव अभिकर्ता और भाजपा के पदाधिकारियों पर याचिकाकर्ता के खराब स्वास्थ्य की अफवाह फैलाना का भी आरोप लगाया है. जिसके कारण या तो बहुत से समर्थक वोट डालने नहीं गये या फिर उन्होंने किसी और प्रत्याशी को वोट दे दिया.

केवल 255 मतों से निर्धारित हुए इस चुनाव में अन्य दलों और निर्दलिय 6 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. इन सभी राजाराम लकड़ा (आप), इनोसेंट कुजूर (बसपा), अनिल कुमार परहा (हमर राज पार्टी), नेहरू लकड़ा (जोगी कांग्रेस), रथुराम पैकरा निर्दलिय सुनिल कुमार खलखों (भा.मु.पा) को एक हजार से ज्यादा और कुल मिलाकर 11500 से ज्यादा वोट मिले हैं. वहीं नोटा को भी 3000 से ज्यादा वोट मिला. याचिकाकर्ता का कहना है कि खराब स्वास्थ्य की अफ़वाह के कारण मिलने वाले वोट अन्य प्रत्याशियों को चले गये और परिणाम प्रभावित हुआ.

 भाजपा ने बदला चेहरा, कांग्रेस से 10वीं बार पुकार 

बता दें कि इस सीट पर भी भाजपा ने अपना चेहरा बदला था. भाजपा ने सांसद गोमती साय पर भरोसा जताया था. 2018 में इस सीट से शिवशंकर पैकरा लड़े थे. वहीं कांग्रेस ने अपने दिग्गज आदिवासी नेता और 90 सीटों में सबसे वरिष्ठ विधायक रामपुकार सिंह पर ही भरोसा जताया था.

वर्तमान में प्रचलित सभी राशनकार्डों के नवीनीकरण का कार्य कल से होगा प्रारंभ

रायपुर-     प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वर्तमान में प्रचलित सभी सभी 77 लाख राशनकार्डों के नवीनीकरण के लिए राज्य स्तरीय अभियान 25 जनवरी 2024 से प्रारंभ होने जा रहा है। राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि वर्तमान में प्रचलित सभी राशनकार्डों के नवीनीकरण का कार्य 25 जनवरी 2024 से 29 फरवरी 2024 के दौरान किया जाएगा। इस संबंध में सभी कलेक्टरों को 19 जनवरी को विस्तृत निर्देश जारी किए जा चुके हैं। राशनकार्ड नवीनीकरण खाद्य विभाग द्वारा नया मोबाईल एप्प तैयार किया गया है, जिसे राशनकार्डधारी अपने मोबाईल में डाउनलोड कर इलेक्ट्रानिक आवेदन ऑनलाईन प्रस्तुत कर सकते हैं। हितग्राही द्वारा खाद्य विभाग की वेबसाइट (http://khadya.cg.nic.in/) में आज अपलोड कर दिया गया है। ऐसे हितग्राही जिनके पास एन्ड्राईड मोबाईल नहीं है अथवा जहां पर मोबाईल कनेक्टिविटी नहीं है वहां उचित मूल्य दुकान स्तर पर ऑनलाईन तथा ऑफलाईन प्रक्रिया के जरिए राशनकार्डों हेतु इलेक्ट्रानिक आवेदन प्रस्तुत करने का प्रावधान किया गया है। इस एप को आज अपलोड करने के एक घंटे के भीतर 254 हितग्राहियों द्वारा इसे डाउनलोड कर नवीनीकरण हेतु आवेदन प्रस्तुत भी कर दिया है।

संचालक खाद्य विभाग द्वारा कलेक्टरों से कहा गया है कि राशनकार्ड नवीनीकरण के संबंध में उचित मूल्य दुकान, ग्राम पंचायत तथा स्थानीय स्तर पर प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करने निर्देशित करें। बस्तर संभाग के जिले जहां मोबाईल कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है या नियमित कनेक्टिविटी नहीं है वहां हितग्राहियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विशेष छूट का प्रावधान रखा जाए। साथ ही ऐसे अति वृृद्ध तथा शारीरीक रूप से निःशक्त हितग्राही, जिनके द्वारा अपना ई-केवाईसी अब तक नहीं कराया गया हैं, उन्हें भी राशनकार्ड नवीनीकरण में विशेष सुविधा की जाए। खाद्य विभाग द्वारा तैयार किए गए मोबाईल एप्प में हितग्राहियों के पास वर्तमान में उपलब्ध क्यूआर कोड को स्केन करने की सुविधा है, जिसके जरिए राशनकार्ड के आवेदन संबंधी समस्त जानकारी स्वतः खाद्य विभाग के डेटाबेस से मोबाईल एप्प के जरिए उपलब्ध हो जाएगी, जिसकी पुष्टि हितग्राही द्वारा अपने मोबाईल के जरिए करते हुए आवेदन सुगमता से प्रस्तुत किया जा सकेगा।

राशनकार्डधारियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन द्वारा राशनकार्ड के नवीनीकरण की प्रक्रिया को पहले से अधिक बेहतर तथा सरल बनाया गया है ताकि कोई भी पात्र हितग्राही अपना राशनकार्ड नवीनीकृृत कराने से वंचित न रहे। राशनकार्ड में शामिल सदस्यों में से किसी भी एक सदस्य का ई-केवाईसी पूर्ण होने की स्थिति में हितग्राही द्वारा मोबाईल एप्प के जरिए इलेक्ट्रानिक आवेदन प्रस्तुत किया जा सकेगा। इस प्रक्रिया से हितग्राहियों के राशनकार्ड फरवरी 2024 तक नवीनीकृृत होने के साथ-साथ छूटे हुए सदस्यों के ई-केवाईसी का कार्य भी तेजी से पूर्ण हो जाएगा।

अन्त्योदय, प्राथमिकता, निराश्रित तथा निःशक्तजन श्रेणी के जारी राशनकार्डों के लिए राशनकार्ड नवीनीकरण की पूर्ण प्रक्रिया निःशुल्क होगी तथा उन्हें नए राशनकार्ड प्राप्त करने हेतु किसी भी प्रकार की राशि का भुगतान नहीं करना होगा। सामान्य श्रेणी के राशनकार्डधारियों हेतु एप्प के माध्यम से नवीनीकरण के लिए 10 रूपए की राशि निर्धारित की गयी है।

भाजपा सांसद ने कहा- धर्मांतरण के पीछे मिशनरी और कुछ एनजीओ वाले, मेरे क्षेत्र में बांटा गया बाइबल

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा गर्म है. एक के बाद एक बाबाओं से लेकर राजनेता इस मुद्दे पर बयान दे रहे हैं. टी. राजा और बागेश्वर वाले बाबा के बयान की चर्चा अभी खत्म नहीं हुई थी कि, अब कांकेर से भाजपा सांसद मोहन मंडावी ने इस मुद्दे पर बयान देकर माहौल और गर्मा दिया है.

सांसद मोहन मंडावी ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में जमकर धर्मांतरण हुआ है. मेरे क्षेत्र में धर्मांतरण के मामले बढ़े हैं. इसे रोकने की कोशिश जारी है. मेरे इलाके में बाइबल बांटा गया. आदिवासियों को गुमराह किया गया. मैं इसी को लेकर जनजागरण में लगा हूं. मैं राम चरित मानस की पुस्तक बांट रहा हूं.

मोहन मंडावी ने यह भी कहा कि, आदिवासियों को भड़काया जा रहा है. हमारे मेला मड़ई खत्म होने की कगार पर है. अन्य समाज भी उनकी गिरफ्त में हैं. राम के भरोसे एकता स्थापित हो सकती है. मंदिर के निर्माण के कारण देश की दिशा बदली है. मिशनरी के लोग कई एनजीओ संगठन धर्म परिवर्तन में लगे हैं. हमारे समाज के लोगों को जेल में डाला गया और मिशनरियों को बचाया गया. लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा. धर्म परिवर्तन करने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी.

धीरेंद्र शास्त्री के मंदिर तोड़ा जा रहा है वाले बयान पर मोहन मंडावी ने कहा, हमारी धर्म और संस्कृति को ना तोड़ें. तोड़ने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. अगर हमारे धार्मिक स्थलों को तोड़ते हैं तो विधर्मी लोगों के स्थलों को भी तोड़ा जाएगा.

मुख्यमंत्री साय ने प्रदेशवासियों को छेरछेरा पर्व की दी शुभकामनाएं

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक पर्व छेरछेरा की बधाई और शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों की खुशहाली की मंगल कामना की है। श्री साय ने छेरछेरा पर्व की पूर्व संध्या पर जारी अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि महादान और फसल उत्सव के रूप में मनाया जाने वाला छेरछेरा त्योहार हमारी सामाजिक समरसता, दानशीलता की और समृद्ध गौरवशाली परम्परा का संवाहक है। यह नई फसल के घर आने की खुशी में पौष मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसी दिन मां शाकम्भरी जयंती भी मनाई जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शंकर ने माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी, इसलिए लोग धान के साथ साग-भाजी, फल का दान भी करते हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से पुलिस भर्ती में शामिल हो रहे अभ्यर्थियों ने की सौजन्य मुलाकात

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज यहाँ राज्य अतिथि गृह पहुना में पुलिस भर्ती में शामिल हो रहे अभ्यर्थियों ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को पुष्प भेंटकर राज्य शासन द्वारा शासकीय नौकरी भर्ती में छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासियों को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट की अवधि को पांच साल के लिए बढ़ाने के फैसले के लिए उनके प्रति आभार प्रकट किया। गौरतलब है कि मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश के शिक्षित बेेरोजगारों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासियों को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट की अवधि को पांच साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। अभ्यर्थियों को आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट का लाभ 31 दिसम्बर 2028 तक मिलेगा। छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष में दी गई, पांच वर्ष की छूट अवधि को 01 जनवरी 2024 से 31 दिसम्बर 2028 तक अर्थात् पांच वर्ष तक बढ़ाए जाने एवं अन्य विशेष वर्गों के लिए अधिकतम आयु सीमा में देय छूट को यथावत रखते हुए सभी छूटों को मिलाकर अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष यथावत निर्धारित रहेगी। यह छूट गृह (पुलिस) विभाग के लिए लागू नहीं होगी। छत्तीसगढ़ पुलिस के जिला पुलिस आरक्षक संवर्ग में भर्ती के लिए वर्ष 2018 में 2259 रिक्त पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया था। इसके पश्चात लगभग 5 वर्ष उपरांत दिनांक 04/10/2023 को जिला पुलिस बल के आरक्षक संवर्ग के 5967 रिक्त पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया है। ऑनलाईन आवेदन लेने की प्रक्रिया जारी है। अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए मंत्रिपरिषद द्वारा पुरूष अभ्यर्थियों को उच्चतर आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट देने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी अभ्यर्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से आप सभी को भर्ती में भाग लेने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान अंगद भारद्वाज ने बताया कि उम्र सीमा अधिक हो जाने के कारण वे भर्ती परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पा रहे थे। उन पर दो बहनों की जिम्मेदारी है और रोजगार नहीं मिलने से चिंतित थे। ऐसे में आयु सीमा में छूट मिलने पर वे फिर से भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर पाएंगे। अभ्यर्थियों द्वारा आयु सीमा में छूट के विचार के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने बताया कि वे ग्रामीण परिवेश से जुड़े व्यक्ति हैं। उन्हें लोगों से मुलाकात के दौरान सभी की समस्याओं से रूबरू होने का मौका मिलता है। इस अवसर पर मनोज बघेल, सैलू कश्यप, आलोक शर्मा, सालिक सिन्हा एवं अभ्यर्थीगण उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ में नागपंचमी, पोला और महानवमी पर रहेगी छुट्टी, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश

रायपुर- सामान्य प्रशासन विभाग छग शासन ने नागपंचमी, पोला और महानवमी के लिए छुट्टी का आदेश जारी कर दिया है. इन त्याहरों में नवा रायपुर अटल नगर एवं रायपुर शहर में स्थित सभी सरकारी कार्यालय संस्थाओं में छुट्टी रहेगी. अवर सचिव छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी आदेश में नागपंचमी 9 अगस्त दिन शुक्रवार, पोला दो सितंबर दिन सोमवार और महानवमी 11 अक्टूबर दिन शुक्रवार को छुट्टी घोषित की गई है.
हमें अपने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करना चाहिए : श्री हरिचंदन

रायपुर- राजभवन में आज राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन के मुख्य आतिथ्य में उत्तर प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश दादर एवं नगर हवेली तथा दमन दीव का स्थापना दिवस रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने इस अवसर पर कहा कि हमें अपने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करना चाहिए और इस पर गर्व करना चाहिए। केन्द्र सरकार के “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम के तहत विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्य एक दूसरे का स्थापना दिवस मनाते है। इसी कड़ी में राजभवन में उत्तर प्रदेश, मेघालय, में मणिपुर, त्रिपुरा राज्यों और केंद्र शासित दादर एवं नगर हवेली तथा दमन दीव का स्थापना दिवस हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। राज्यपाल ने स्थापना दिवस के अवसर पर इन राज्यों के लोगों को बधाई दी। राज्यपाल श्री हरिचंदन ने अपने उद्बोधन में कहा कि विभिन्न राज्यों की भाषा, संस्कृति, परंपराओं और प्रथाओं का ज्ञान साझा करने से आपसी समझ और जुड़ाव बढ़ेगा, जिससे भारत की एकता और अखंडता मजबूत होगी। हमारी सांस्कृतिक विरासत, अद्वितीय इतिहास और खान-पान की परंपराए ही हमारी पहचान, स्वाभिमान और समृद्धि का आधार हैं। स्थापना दिवस न केवल हमें किसी राज्य की प्रगति की यात्रा की याद दिलाता है, बल्कि हमारे भविष्य की राह तैयार करने का अवसर भी प्रदान करता है। राज्यपाल ने इन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशो के इतिहास, संस्कृति, परंपराओं और महत्वपूर्ण विशेषताओं को रेखांकित किया। हमारा देश ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम‘‘ की अवधारणा पर आगे बढ़ रहा है। देश में रामराज्य प्रतिष्ठित करना है। सबको एक करके, सबके सुख शांति के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने समन्वित रूप से प्रयास किया। भारत नेे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विश्व के राजनीतिक पटल पर एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है। हमारी संस्कृति, परंपरा, इतिहास को स्मरण करके भारत कोे सारी दुनिया में श्रेष्ठ देश के रूप में प्रतिस्थापित करने का कार्य उन्होंने किया है। कार्यक्रम को उत्तप्रदेश के प्रतिनिधि के रूप में पं. रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ला और मेघालय के प्रतिनिधि के रूप में ऑफ्ट विश्वविद्यालय के डीन संतोष स्वर्णकार, मणिपुर के प्रतिनिधि के रूप में डेनियल एल, डिप्टी कमांडेंट सीआरपीएफ और त्रिपुरा के प्रतिनिधि के रूप में बी. पी. जमालिया असिस्टेंट कमांडेट सीआरपीएफ ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर उत्तप्रदेश के कत्थक नृत्य सहित चारो राज्यों एवं दोनो केंद्र शासित प्रदेशों के लोकनृत्यों की रंगारंग प्रस्तुति विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने की। सीआरपीएफ के जवानों के लोकनृत्य ने अतिथियों को भाव विभोर कर दिया। इन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों को राज्यपाल ने राजकीय गमछा पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने भी राज्यपाल को शाल पहनाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो, विधिक सलाहकार राजेश श्रीवास्तव, संबंधित राज्यों के प्रतिनिधि, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव में शामिल हुए।
दो दिवसीय राष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्सव का आयोजन रायपुर के मेडिकल कॉलेज स्थित अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम में किया गया है। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।


मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सड़क सुरक्षा पर बनी लघु फिल्म ’फाइनल्स’ तथा ’गलती मोर सजा तोर’ भी देखी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव में लघु फिल्मों के माध्यम से बताया गया कि छोटी-छोटी लापरवाहियों से एक अनमोल जीवन चला जाता है। इसे बचाया जा सकता है, यदि ट्रैफिक के नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाए। मैंने यह फिल्में देखी और यातायात विभाग ने क्रिएटिव माध्यम से इन लापरवाहियों को बताया है, जिसका बहुत अच्छा असर दर्शकों पर पड़ेगा और वे ट्रैफिक से संबंधित सावधानियां बरतेंगे। यातायात के नियमों का पालन नहीं करने के कारण लोग असमय ही काल के ग्रास में चले जाते है। यातायात विभाग और पुलिस विभाग यातायात नियमों के पालन सड़क सुरक्षा के उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य तो लगातार करते ही रहते हैं, अभियान भी चलाते हैं। लेकिन हमें स्वयं भी सड़क सुरक्षा के उपाय का कड़ाई के साथ पालन करना चाहिए। सभी का जीवन बहुत कीमती हैं, छोटी-छोटी लापरवाही से सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और इसमें कई लोगों की मृत्यु हो जाती है। कई परिवार उजड़ जाते हैं। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरूण साव, सांसद सुनील सोनी, विधायक पुरंदर मिश्रा, अनुज शर्मा और विधायक मोतीलाल साहू, परिवहन विभाग के सचिव एस. प्रकाश, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक द्वय प्रदीप गुप्ता और दीपांशु काबरा, जनसंपर्क आयुक्त मयंक श्रीवास्तव भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा जागरूकता के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्सव के आयोजन के लिए यातायात विभाग की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह फिल्म महोत्सव लोगों को यातायात के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक करने में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि जनजागरूकता के ऐसे ही कार्यक्रम होते रहने चाहिए। आज कार्यक्रम के दौरान दिखाई गई लघु फिल्मों की क्लिपिंग में बड़े प्रभावित तरीकों से छोटी-छोटी लापरवाहियों के दर्दनाक परिणाम को दिखाया गया है। यह फिल्में लोगों को यातायात और सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करेंगी। मुख्यमंत्री ने ड्राइविंग के दौरान हेलमेट लगाने, मोबाइल का उपयोग न करने और नशा करके गाड़ी न चलाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि आज गाड़ियों की संख्या में वृद्धि हुई है। सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ी है। सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि आज दुनिया में चिंता का बड़ा विषय है। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी लापरवाही के परिणाम बहुत गंभीर होते हैं। कई बार दुर्घटना पीड़ित का जीवन बोझ बन जाता है। उन्होंने कहा कि देशभक्ति के लिए सीमा पर जाकर लड़ने की ही आवश्यकता नहीं है, यातायात नियमों का पालन करें और दूसरे लोगों को भी इसके लिए जागरूक करें। हम सब मिलकर सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें और आदर्श तथा देशभक्त नागरिक होने का परिचय दें। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर यातायात संदर्शिका और पोस्टर का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्सव में छत्तीसगढ़ी और छत्तीसगढ़ की विभिन्न भाषाओं तथा भारतीय भाषाओं की लघु कैटेगरी की श्रेष्ठ फिल्मों, सर्वश्रेष्ठ कहानी और सर्वश्रेष्ठ कलाकार को पुरस्कार राशि का चेक और स्मृति चिन्ह देकर पुरस्कृत किया। छत्तीसगढ़ी फिल्मों की श्रेणी में लघु फिल्म ’गलती मोर सजा तोर’ को प्रथम, ’द टेल ऑफ नेगलिजेन्स’ को द्वितीय और हेलमेट लघु फिल्म को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इस श्रेणी में बेस्ट स्टोरी के लिए ’गलती मोर सजा तोर’ फिल्म के लिए लिमेश कुमार साहू, बेस्ट सिनेमेटोग्राफी का पुरस्कार द टेल ऑफ नेगलिजेन्स के रिशिल थवारे और सर्वश्रेष्ठ कलाकार का पुरस्कार हेलमेट के बिन्नी पाल को दिया गया। इसी तरह भारतीय भाषाओं की लघु फिल्म की श्रेणी में फाइनल्स को प्रथम, रक्षासूत्र को द्वितीय और द ग्रेट गैम्बलर को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। बेस्ट स्टोरी के लिए फाइनल्स फिल्म के विवेक विजेयन, बेस्ट सिनेमेटोग्राफी का पुरस्कार ट्रैफिक रूल्स के शैलेष अनिखिंडी, सर्वश्रेष्ठ कलाकार का पुरस्कार हड़बड़ी में गड़बड़ी फिल्म के अभिनेता तुलेन्द्र पटेल को प्रदान किया गया। बेस्ट मूवी इन एप्रिसिएशन का पुरस्कार गंगुआ फिल्म डायरेक्टर देवेन्द्र जांगड़े को प्रदान किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जुरी के सदस्यों मनोज वर्मा, हीरा मानिकपुरी और योग मिश्रा को सम्मानित किया। उन्होंने यातायात विभाग में उत्कृष्ट कार्य करने वाले रायपुर के पुलिस उपनिरीक्षक टी.के. लाल भोई, मुंगेली के मुकेश यादव, जशपुर के बेलचंदन एक्का और दंतेवाड़ा के वीरेन्द्र वर्मा को भी सम्मानित किया गया। स्वागत भाषण परिवहन विभाग के सचिव एस. प्रकाश ने दिया। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा के उपायों के प्रति जनजागरूकता लाने के लिए हर साल रोड सेफ्टी सप्ताह मनाया जाता था। भारत सरकार के निर्देश पर इस वर्ष रोड सेफ्टी माह मनाया जा रहा है। उन्होंने विभाग के कार्यों की जानकारी दी। यातायात विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक प्रदीप गुप्ता ने कहा कि वर्ष 2023 तक संयुक्त राष्ट्र संघ ने सड़क दुर्घटनाओं में होने वाले मृत्यु की घटना में 50 प्रतिशत तक कमी लाने का लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने कहा कि वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने में लापरवाही, कार ड्राइविंग के समय सीट बेल्ट न लगाने, ओवर स्पीड ड्राइविंग और नशे में गाड़ी चलाना दुर्घटना का मुख्य कारण है, इससे बचना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस राष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्सव में 19 राज्यों से 6 भाषाओं की 650 से ज्यादा फिल्मों की प्रविष्टियां आई, जिनमें से 450 फिल्मों का चयन किया गया है। इसके पहले मुख्यमंत्री ने अतिथियों के साथ सड़क सुरक्षा पर परिवहन विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने प्रदर्शनी स्टॉल में पावर हाउस और भिलाई लेन में ट्रैफिक दबाव के नियंत्रण के लिए बनाए गए ओव्हरब्रिज मॉडल और परिवहन विभाग द्वारा आम लोगों-युवाओं के लर्निंग लाईसेंस के लिए परिवहन सुविधा केन्द्र का अवलोकन कर प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने वाहन चालकों को वाहन चलाने की ट्रेनिंग व्यवस्था का अवलोकन किया।