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बजट 2024: आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में सामाजिक सरोकार पर सरकार करेगी अधिक खर्च, पीएम आवास और आयुष्मान भारत पर रहेगा फोकस


नई दिल्ली। आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में सामाजिक सरोकार पर सरकार अधिक खर्च करने जा रही है। आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना, पेयजल जैसी अन्य सामाजिक सेवाओं से जुड़े मदों में सरकार चालू वित्त वर्ष की तुलना में पांच प्रतिशत अधिक राशि का आवंटन कर सकती है। चालू वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में सरकार ने सामाजिक सेवाओं से जुड़े मदों में 22.4 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया था।

6.6 लाख करोड़ का आवंटन

वित्त वर्ष 2013-14 में सामाजिक सेवाओं से जुड़े मदों में सिर्फ 6.6 लाख करोड़ का आवंटन किया गया था। इस हिसाब से वित्त वर्ष 2013-14 से लेकर चालू वित्त वर्ष में सामाजिक सरोकार से जुड़े मदों में सालाना 14.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक, आयुष्मान भारत मिशन के साथ स्वच्छता अभियान, पीएम आवास, पेयजल सुविधा जैसी स्कीम पर फोकस से व्यक्तिगत रूप से स्वास्थ्य पर होने वाले जेब से बाहर (आउट ऑफ पाकेट) खर्च में वित्त वर्ष 2014 से वित्त वर्ष 2019 के दौरान 16 प्रतिशत की कमी आई है।

40 प्रतिशत से अधिक लोगों के पास अपना घर नहीं

स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च के लिए कर्ज में कमी से लोगों की आय बढ़ी है और इससे ग्रामीण खपत में बढ़ोतरी हुई।सूत्रों के मुताबिक, आयुष्मान भारत में अभी पांच लाख रुपए तक के हेल्थ इंश्योरेंस का कवर दिया जाता है जिसे बढ़ाकर 7.5 लाख रुपए तक किया जा सकता है। सभी को आवास मुहैया कराने पर सरकार का विशेष जोर रह सकता है। नीति आयोग के मुताबिक, अब भी 40 प्रतिशत से अधिक लोगों के पास अपना घर नहीं है।

जीडीपी को बढ़ाने में मिलेगी मदद

आर्थिक जानकारों के मुताबिक, सामाजिक सरोकार जैसे मदों में खर्च की बढ़ोतरी से लोगों के जीवन स्तर को ऊपर ले जाने में मदद मिलती है जिससे लोगों की उत्पादकता बढ़ती है और देश के जीडीपी को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसलिए सरकार का फोकस इस दिशा में है।

मनरेगा के मद में भी बढ़ोतरी संभव

चालू वित्त वर्ष के बजट के आरंभ में मनरेगा के मद में सिर्फ 60,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था जिसे पूरक अनुमोदन में बढ़ाकर 74,500 करोड़ कर दिया गया। लेकिन मनरेगा के मद में होने वाले खर्च को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के आखिर तक इस मद में 98,000 करोड़ तक खर्च होने का अनुमान है। आगामी वित्त वर्ष के लिए सरकार इस खर्च को देखते हुए ही मनरेगा के मद में आवंटन करेगी।

अयोध्या के नए राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए कैबिनेट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का किया अभिनंदन


रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की ओर से कैबिनेट के सामने पेश प्रस्ताव में इसे भारत की आत्मा की प्राण प्रतिष्ठा बताया गया।

नई दिल्ली। अयोध्या के नए राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए कैबिनेट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनंदन किया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की ओर से कैबिनेट के सामने पेश प्रस्ताव में इसे भारत की आत्मा की प्राण प्रतिष्ठा बताया गया। कठिन अनुष्ठान के साथ प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के सफल आयोजन को ऐतिहासिक बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी को युग प्रवर्तक बताया गया।

प्राण प्रतिष्ठा के साथ नए युग की शुरुआतः अनुराग ठाकुर

कैबिनेट में पारित प्रस्ताव की जानकारी देते हुए सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जनता के बीच लोकप्रियता को देखते हुए प्रधानमंत्री जननायक तो पहले से हैं, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा के साथ नए युग की शुरुआत के बाद नवयुग प्रवर्तक के रूप में सामने आए हैं।कैबिनेट में बैठे मंत्रियों ने प्राण प्रतिष्ठा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन का उल्लेख करते हुए कहा कि हजार सालों तक बरकरार रहने वाले मंदिर निर्माण और इससे हजार सालों तक देश को दिशा मिलने का काम होने के बाद हुई हुई कैबिनेट की पहली बैठक को भी सहस्त्राब्दी की कैबिनेट (कैबिनेट ऑफ मिलेनियम) कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।

कैबिनेट ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया

कैबिनेट के सदस्यों ने कहा कि हम सिर्फ मंत्री के रूप में नहीं, बल्कि भारत के एक सामान्य नागरिक रूप में आभार व्यक्त करते हैं। अनुराग ठाकुर के अनुसार प्रस्ताव में कहा गया है कि प्राण प्रतिष्ठा के दौरान उमड़ा जनसैलाब और उनके भावनाओं का उभार अद्वितीय था। आपातकाल के खिलाफ आंदोलन के दौरान आम लोगों के बीच एकता जरूर देखी गई थी, लेकिन वह एकता सिर्फ एक तानाशाह के खिलाफ और प्रतिरोधी आंदोलन की थी। भगवान राम के लिए उभरा जन सैलाव एक नए युग के प्रवर्तन का संकेत है।

प्रस्ताव में राम जन्मभूमि आंदोलन की चर्चा

प्रस्ताव के अनुसार राम जन्मभूमि आंदोलन स्वतंत्र भारत का एकमात्र आंदोलन था, जिसमें पूरे देश के लोग एकजुट हुए थे और करोड़ों भारतीयों की भावनाएं जुड़ी हुई थी। प्राण प्रतिष्ठा के दिन भावनाओं का ज्वार भी इसी से जुड़ा है। राम को भारत की नियति बताने वाले प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन का उल्लेख करते हुए प्रस्ताव में कहा गया कि इस नियति का वास्तव में मिलन 22 जनवरी को हुआ है।इसके बाद हुई पहली बैठक में शामिल होने पर मंत्रियों ने खुद को सौभाग्यशाली बताया और कहा कि ऐसा सौभाग्य कई जन्मों में एक बार मिलता है। प्रस्ताव में कहा गया कि स्वतंत्र भारत में होने वाली कैबिनेट की बैठकों में ही नहीं, बल्कि अंग्रेजी शासन काल में वायसराय की एक्जीक्यूटिव कौंसिल की बैठकों में भी ऐसा अवसर नहीं आया होगा।

हेल्थ टिप्स:वजन कम करना चाहते है तो नाश्ते में खाएं ये हेल्दी चीजे,तेजी से घटने लगेगा वजन


ब्रेकफास्ट यानी यानी सुबह का नाश्ता ब्रेकफास्ट को पूरे दिन का सबसे जरूरू मील माना जाता है. सुबह का नाश्ता बॉडी में दिनभर एनर्जी बनाकर रखता है. सुबह का नाश्ता ठीक से न खाने से पूरे दिन बार-बार भूख लगती है. वजन घटाने वाले ज्यादातर लोग अपने ब्रेकफास्ट को स्किप करते हैं. वही, कुछ लोग अपनी डाइट में प्रोटीन लेना शुरू कर देते हैं, जिससे उन्हें बार-बार भूख नहीं लगती और लंबे समय तक पेट भरा रहता है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें को प्रोटीन फैट लॉस में बड़ी भूमिका निभाता है. इसके अलावा,ये मेटाबॉलिक रेट को भी हाई रखता है. आज यहां हम आपको कुछ ऐसी डिशेज के बारे में बताने वाले हैं, जो वजन कम करने वाले लोगों के लिए परफेक्ट मील हैं.

दलिया

दलिया को सुपरफूड भी कहा जाता है. ये खाने में जितना हेल्दी होता है, पचने में भी उतना ही आसान ही होता है. इसे खाने से बार-बार भूख नहीं है. सुबह के नाश्ते में दलिया खाकर वजन कम किया जा सकता है. अगर आप मीठा दलिया नहीं खाना चाहते हैं तो नमकीन भी बना सकते हैं.

पोहा

पोहा उत्तर भारत में खूब खाया जाता है. पोहा लो कैलोरी फूड माना जाता है. स्वाद और हेल्थ में पोहा अच्छा माना जाता है. पोहा बनाने के दौरान कई मसालों और सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे शरीर को कई सारे न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं.

उपमा

साउथ इंडियन डिश उपमा भी खाने में बेहद टेस्टी लगता है. इसे पचाना भी आसान होता है. उपमा को लाइट नाश्ता माना जाता है, जो वेट लॉस के लिए जाना जाता है. ये कुछ ही मिनटों में तैयार हो जाता है.

अंडे की भुजिया

प्रोटीन के सबसे रिच सोर्स में अंडे को शामिल किया जाता है. सुबह के हेल्दी ब्रेकफास्ट में अंडे की भुजिया का ऑमलेट को शामिल किया जा सकता है. इसमें आप अपनी मनपसंद की सब्जियां बना सकते हैं.

सरायकेला : नारायण आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में संयुक्त बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जी की जयंती मनाई गई


सरायकेला : नारायण आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में संयुक्त बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जी की जयंती मनाई गई एवं उनके तस्वीर पर श्रद्धा सुमन पुष्प अर्पित किया गया इस अवसर संस्थान का संस्थापक डॉक्टर जटाशंकर पांडे जी ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री तथा दो बार मुख्यमंत्री थे। 

लोकप्रियता के कारण उन्हें 'जननायक' कहा जाता है। 23 जनवरी 2024 को भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरान्त भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है।कर्पूरी ठाकुर का जन्म भारत में ब्रिटिश शासन काल के दौरान समस्तीपुर के एक गांव पितौंझिया, जिसे अब कर्पूरीग्राम कहा जाता है, में नाई जाति में हुआ था।उनके पिताजी का नाम श्री गोकुल ठाकुर तथा माता जी का नाम श्रीमती रामदुलारी देवी था।

 इनके पिता गांव के सीमान्त किसान थे तथा अपने पारंपरिक पेशा बाल काटने का काम करते थे।उन्होंने 1940 में मैट्रिक की परीक्षा पटना विश्‍वविद्यालय से द्वितीय श्रेणी में पास की। 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन छिड़ गया तो उसमें कूद पड़े। 

परिणामस्वरूप 26 महीने तक भागलपुर के कैंप जेल में जेल-यातना भुगतने के उपरांत 1945 में रिहा हुए। 1948 में आचार्य नरेन्द्रदेव एवं जयप्रकाश नारायण के समाजवादी दल में प्रादेशिक मंत्री बने। सन् 1967 के आम चुनाव में कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में संयुक्त समाजवादी दल (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी(संसोपा ) बड़ी ताकत के रूप में उभरीकर्पूरी ठाकुर सदैव दलित, शोषित और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए प्रयत्‍नशील रहे और संघर्ष करते रहे। उनका सादा जीवन, सरल स्वभाव, स्पष्‍ट विचार और अदम्य इच्छाशक्‍त‌ि बरबस ही लोगों को प्रभावित कर लेती थी और लोग उनके विराट व्यक्‍त‌ित्व के प्रति आकर्षित हो जाते थे। 

बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में उसे प्रगति-पथ पर लाने और विकास को गति देने में उनके अपूर्व योगदान को सदैव स्मरण किया ।

इस अवसर मुख्य रूप से उपस्थित थे एडवोकेट निखिल कुमार, पवन कुमार महतो,देव कृष्ण महतो,गौरव महतो,अजय मंडल, कृष्ण पद महतो,निमाई मंडल,दिलीप हेंब्रम,नारायण हेंब्रम, आदि मौजूद रहे।

भारत से राजनयिक विवाद के बीच मालदीव ने फिर चली उल्टी चाल, चीन के जासूसी जहाज को घुसने की दी इजाजत


 भारत से राजनयिक विवाद के बीच मालदीव ने एक बार फिर उल्टी चाल चली है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अपना मित्र बताने वाले मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के खिलाफ नई साजिश रची है। उन्होंने चीन के जासूसी जहाज को अपने क्षेत्र में घुसने की इजाजत दे दी। भारत से तनावपूर्ण संबंधों के बीच मालदीव ने चीनी जहाज के माले आने की पुष्टि करते हुए कहा कि मित्र राष्ट्रों के जहाजों का स्वागत है। चीनी जहाज के कुछ हफ्तों में मालदीव पहुंचने की संभावना है। इसने भारत की चिंता बढ़ा दी है भारत की चिंता इसलिए भी गंभीर है क्योंकि पिछले साल चीन ने अपने जासूसी जहाज को श्रीलंकाई धरती पर उतारा था, तब भी काफी बवाल हुआ था।

मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद से मोहम्मद मुइज़ू के उठाए कदम भारत के खिलाफ ही रहे हैं। मालदीव का सर्वेसर्वा बनने से पहले उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय सेना की आलोचना की थी और जीतने पर भारतीय सेना को देश से बाहर करने का वादा भी किया था। राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू ने किया भी ऐसा ही। मुइज्जू सरकार ने भारत को सेना के वापस चले जाने के लिए 15 फरवरी तक का वक्त दिया है। इतना ही नहीं मालदीव की परंपरा को तोड़ते हुए मालदीव के राष्ट्रपति भारत न जाकर चीन दौरे पर गए। इसी महीने मुइज्जू ने शी जिनपिंग से मुलाकात की थी, यह उनकी पहली राजकीय यात्रा भी थी। 

एक स्वतंत्र खुफिया शोधकर्ता और ओपन सोर्स डेटा के अनुसार, एक चीनी जासूसी जहाज के जल्द ही मालदीव पहुंचने की संभावना है। बता दें कि चीनी जासूसी जहाज पिछले साल श्रीलंकाई धरती पर उतरा था, जिसके बाद चीनी जहाज पर भारत की जासूसी करने के आरोप भी लगे थे। चीन ने इस बार मालदीव के सहारे भारत पर निशाना साधने की कोशिश की है।

चीन के पास रिसर्च और जासूसी क्षेत्रों में जहाजों का सबसे बड़ा बेड़ा है, जिसके बारे में विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह वैज्ञानिक और सैन्य दोनों उद्देश्यों की पूर्ति करने में सक्षम है। रिपोर्ट के अनुसार, चीनी पोत जियांग यांग होंग 03 "हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है और माले की ओर कदम बढ़ा चुका है। उधर, मालदीव ने भी पुष्टि कर दी है कि चीनी जहाज को उसने अपने क्षेत्र में आने की इजाजत दे दी है। मालदीव ने आधिकारिक बयान में कहा कि मित्र राष्ट्र चीन का उसके क्षेत्र में स्वागत है। उधर, हिन्द महासागर में चीन की उपस्थिति ने भारत की चिंता बढ़ा दी है।

चीनी जहाज कब निकला और कब पहुंचेगा मालदीव

शिपस्पॉटिंग पोर्टल Marinetraffic.com के आंकड़ों के अनुसार , जियांग यांग होंग 03 पोत 16 जनवरी को चीनी बंदरगाह से माले के लिए रवाना हुआ था। वर्तमान में जावा सागर में मंडराते हुए जहाज के 8 फरवरी के आसपास मालदीव पहुंचने की उम्मीद है, हालांकि उम्मीद यह भी है कि जहाज 30 जनवरी तक भी पहुंच सकता है। 

हालांकि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि भारत ने चीन के जासूसी जहाज की यात्रा पर मालदीव के साथ आपत्ति व्यक्त की है या नहीं, लेकिन नई दिल्ली सरकार ने पहले भी ठोस कदम उठाए थे, जब चीनी जहाज ने पड़ोसी देश श्रीलंका का दौरा किया था। रक्षा सूत्रों का कहना है कि भारतीय नौसेना जहाज की गतिविधि पर नजर रख रही है।

घाटशिला में सुसनी जोबनी निवासी आयुर्वेद चिकित्सक के पुत्र का सड़क दुर्घटना में निधन


घाटशिला :19 जनवरी 2024 को घाटशिला के सुसनी जोबनी निवासी आयुर्वेद के चिकित्सक डॉ अनंत कालिंदी तथा उनके इकलौते पुत्र हरीश कालिंदी का  सड़क दुर्घटना में ट्रक के चपेट में आने से अकास्मिक निधन हो गया।  

इस दुर्घटना में उनके साथ अंगद कालिंदी भी गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना की सूचना पाकर झारखंड कांग्रेस प्रदेश सचिव सह 20 सूत्री पूर्वी सिंहभूम जिला सदस्य श्री सनत कालटू चक्रवर्ती जी के द्वारा उनके घर जाकर उनके शोक संतृप्त परिवार से मिलकर उनको शोक संवेदना व्यक्त किया ।

उन्होंने कहा की फुलडुंगरी क्षेत्र में एनएच 18 पर हमेशा सड़क दुर्घटना होती रहती है परंतु एनएच ऑथरिटी और केंद्र सरकार को इससे कोई सरोकार नहीं हैं उनको सिर्फ नोट छापना है, दो - दो टोल बूथ बना दिया है । बस पैसा डालो गाड़ी चलाओ उसके बाद कुछ भी हो उनको देखना नहीं है ।

इस जगह पर सुरक्षा के नाम से दो क्रॉस प्वाइंट को बंद कर दिया गया है क्या इससे स्थायी समाधान हो जाएगा, क्या इस तरफ के लोग उस तरफ और उधर के लोग इधर आना जाना नहीं करेंगे.. सड़क के एक तरफ अनुमण्डल हॉस्पिटल है, स्कूल है, पर्यटन स्थल हैं जबकी दूसरे तरफ प्रखंड कार्यालय है, कोर्ट है, बाज़ार है क्या लोग इन सबका प्रयोग नहीं करेंगे ।  

हमने पहले भी इस मुद्दे पर आंदोलन किया था और मांग किया था की इस जगह पर गोलचक्कर या फिर अंडर पास हो ना चाहिए परंतु उस वक्त केन्द्र के सत्ताधारी पार्टी के नेताओ ने कहा था की इनको सड़क का बन जाना हज़म नहीं हो रहा है ये लोग विकास विरोधी है और उनके बहकावे में आकार हमें बहुत ज्यादा जनसमर्थन नहीं मिला था ।

हम आज भी एनएच अथॉरिटी से मांग करते हैं की इस जगह पर अभिलंब गोलचक्कर या अंडर पास बनवाया जाए ताकी आम जनता को सहुलियत हो तथा आम जनता से भी इस मुद्दे पर समर्थन की अपेक्षा करते है ।

इस मौके पर घाटशिला कांग्रेस प्रखण्ड अध्यक्ष श्री सत्यजीत सीट जी, भुजंग भूषण मन्ना जी, विजय सीट जी, विश्वनाथ प्रताप सहित अन्य उपस्थित रहे ।

घाटशिला:नेताजी की जीवनी भारतीय युवाओं के लिए बेहद प्रेरणादायक - लखन मार्डी


घाटशिला : आज महान क्रांतिकारी व आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती पर नेताजी उद्यान निर्माण समिति बेनासोल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नेताजी के आदम कद मुर्ति पर घाटशिला विधानसभा निवर्तमान भाजपा प्रत्याशी लखन मार्डी, शौर्य चक्र विजेता पूर्व सैनिक मोo जावेद, पूर्व सैनिक धानो टुडू, स्वर्गीय दिलीप बेसरा के माता-पिता, कैलाश मेहता,अप्पू अधिकारी ने माल्यार्पण किये।

श्री लखन मार्डी ने कहा एक महापुरुष के आह्वान पर हजारों लोग आजादी की लड़ाई में कूद पड़े।जिसके जादुई और अद्भुत नेतृत्व कौशल ने भारतीय स्वतंत्र संग्राम में नई जान फूंकी। 23 जनवरी को आज महान स्‍वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस की जयंती है । 

आज कृतज्ञ राष्‍ट्र उन्‍हें याद कर रहा है।नेताजी की जीवनी, उनके क्रांतिकारी विचार और उनका कठोर त्याग व बलिदान भारतीय युवाओं के लिए बेहद प्रेरणादायक रहा है और आगे भी रहेगा।

आज भारत पराक्रम दिवस भी मना रहा है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने वर्ष 2021 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की थी। 

सुभाष चंद्र बोस ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ऐसे कई नारे दिए जिन्होंने आजादी की लड़ाई में नई जान फूंकी जैसे 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्‍हें आजादी दूंगा....!', और जय हिन्द! ऐसे नारे थे जिन्होंने आजादी की लड़ाई को तेज किया और उसे धार दी. हमसब के दिलों में स्‍वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस के लिए एक आदर और आभार है। 

हर भारतवासी को अपने देश के लिए न्योछावर होने की सीख देती है, जब बात राष्ट्र की आती है तो हमारी जान भी देश के आगे कुछ नहीं है।मौके पर शौर्य चक्र विजेता मो० जावेद, पूर्व सैनिक धिनौ टुडू, पप्पू अधिकारी,कैलाश मेहता, सुन राम सोरेन, अमित चौरसिया, दिलीप कुमार हसदा, धनो मुर्मू, हेमंती मुर्मू, भोला दास,विनय शाह आदि उपस्थित थे।

नारायण आईटीआई चांडिल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जायंती मनाई गई


सरायकेला : कोल्हान के चांडिल अनुमंडल स्थित नारायण आईटीआई लुपुंगडीह कॉलेज परिसर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जायंती मनाई गई ।

 इस अवसर पर संस्थान के सभी छात्र-छात्राएं एवं संस्थान के शिक्षक उनके तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया ।

इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक डॉक्टर जटाशंकर पांडे ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में कहा की वे 23 जनवरी 1897 - 1945 भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिए, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फ़ौज का गठन किया था। उनके द्वारा दिया गया "जय हिन्द" का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया।

भारतवासी उन्हें नेता जी के नाम से सम्बोधित करते हैं।कुछ इतिहासकारों का मानना है कि जब नेता जी ने जापान और जर्मनी से सहायता लेने का प्रयास किया था, तो ब्रिटिश सरकार ने अपने गुप्तचरों को 1941 में उन्हें खत्म करने का आदेश दिया था।

नेता जी ने 5 जुलाई 1943 को सिंगापुर के टाउन हाल के सामने 'सुप्रीम कमाण्डर' (सर्वोच्च सेनापति) के रूप में सेना को सम्बोधित करते हुए "दिल्ली चलो!" का नारा दिया और जापानी सेना के साथ मिलकर ब्रिटिश व कामनवेल्थ सेना से बर्मा सहित इम्फाल और कोहिमा में एक साथ जमकर मोर्चा लिया।

अपने सार्वजनिक जीवन में सुभाष को कुल 11 बार कारावास हुआ। सबसे पहले उन्हें 16 जुलाई 1921 में छह महीने का कारावास हुआ। 

इस कार्यकर्म के अवसर मुख्य रूप से उपस्थित थे जयदीप पांडे ,शांति राम महतो ,निखिल कुमार,गौरव महतो,देव कृष्णा महतो,अजय मंडल ,पवन कुमार महतो, आदि मौजूद थे।

बिष्णुपुर रेलवे स्टेशन पर चलाया गया UOM (UTS on mobile) एप्प एवं ATVM जागरूकता अभियान"

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सरायकेला : आद्रा मंडल में यात्रियों को अनारक्षित टिकट हेतु UOM (UTS on mobile) एप्प तथा ATVM मशीन का अघिक से अधिक उपयोग करने के लिए आद्रा मण्डल के विभिन्न स्टेशनो पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। भारतीय रेलवे द्वारा यात्रीयो को बेहतर सुविधा प्रदान करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है, इस प्रयास में अनारक्षित टिकट प्राप्त करने हेतु UOM (UTS on mobile) एप्प की व्यवस्था की गई है। 

UOM (UTS on mobile) एप्प एक मोबाइल टिकटिंग एप्प है, जिसके माध्यम से यात्रियों को अपने स्मार्टफोन पर अनारक्षित टिकट बुक करने की सुविधा प्रदान करती है। इससे यात्रियों को टिकट के लिए कतार में इंतज़ार करने की आवश्यकता नही होगी। वे UOM (UTS on mobile) एप्प और ATVM मशीन का उपयोग कर अनारक्षित टिकट, सीजन टिकट, आदि आसानी से प्राप्त कर सकते है। 

इस क्रम मे आज दिनांक-23.01.2024 को आद्रा मंडल के बिष्णुपुर रेलवे स्टेशन पर UOM (UTS on mobile) एवं ATVM के उपयोग से संबंधित जागरूकता अभियान चलाया गया और यात्रियों को UOM (UTS on mobile) एप्प तथा ATVM के उपयोग के प्रति जागरूक किया गया। साथ ही UOM (UTS on mobile) एप्प में पंजीकरण, एप्प के माध्यम से अनारक्षित टिकट बुक करने, एप्प वॉलेट रिचार्ज तथा ATVM का उयोग कर टिकट प्राप्त करने आदि की जानकारी प्रदान की गई।

 यह जागरूकता अभियान मंडल के विभिन्न स्टेशनों पर आगे भी जारी रहेगी।

नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 127 वीं जयंती पर नौरंगराय सुर्यदेवी सरस्वती शिशु विद्या मंदिर रुचाप चांडिल के छात्र-छात्राओं ने निकाली रैली


सरायकेला : मंगलवार को नौरंगराय सुर्यदेवी सरस्वती शिशु विद्या मंदिर रुचाप चांडिल के भैया बहनो के द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 127 वां जयंती पर एक विशाल रैली का आयोजन किया गया। 

इस रैली मे विद्यालय के लग्भग 1000 भैया बहनो मे भाग लिया। यह पथ संचालन विद्यालय परिसर से प्रारंभ होकर डैम रोड, मिडिल स्कूल चांडिल, हाई स्कूल, बाजार, बस स्टैंड, तंति बांध होते हुए चांडिल बाईपास होकर पुनः विद्यालय परिसर मे आकर जयंती के रूप मे भव्य कार्यक्रम मे बदल गया।

 इस दौरान पुरा क्षेत्र नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जयकारे के साथ भारत माता की जय के नारे से गूंज उठा। समाजसेवी श्री अनिल जलान् जी के द्वारा सभी भैया बहनो के बीच पानी बोतल का वितरण किया गया। 

इसके बाद विद्यालय परिसर मे बड़े ही धूम धाम से नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती को पराकर्म दिवस के रूप मे मनाया गया। भैया बहनो ने जयंती पर स्वागत गीत, भाषण, नृत्य आदि संबंधित अनेक कार्यक्रम किये। कार्यक्रम को सुब्रत जी के द्वारा भी संबोधित किया गया जिन्होंने उनकी जीवनी के बारे मे बच्चों को अवगत कराया।

 कार्यक्रम के सफल संचालन मे विद्यालय के प्राचार्य श्री कुणाल कुमार, उप प्राचार्य श्री सुब्रत चटर्जी के साथ ही सभी आचार्य और दिदीजी की भूमिका सराहनिय रही।