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मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि

राँची: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती, आज पूरा देश "पराक्रम दिवस" के रूप में मना रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राजधानी रांची के नेताजी सुभाष चंद्र बोस उद्यान स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के स्वाधीनता संग्राम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की निर्णायक भूमिका रही थी। आजादी की लड़ाई में उनके योगदान को हम कभी भूल नहीं सकते। उन्होंने आम जनमानस के गौरव को स्थापित किया। हमें इस बात का गर्व है कि हम एक ऐसे लोकतांत्रिक देश में रहते हैं जहां अनेक वीरों तथा वीरांगनाओं ने जन्म लिया। इनके नाम इतिहास के सुनहले पन्नों पर दर्ज हैं। हम अपने इन अमर वीर शहीदों के सपनों को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं ।

कटलरी डिजाइन प्रतियोगिता" में शीर्ष 7 संस्थानों में आईएचएम रांची ने बनायी अपनी जगह


राँची: इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (आईएचएम) राँची ने पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एनसीएचएमसीटी, नॉएडा के समन्वय से 15 जनवरी को इंडियन कलिनरी इंस्टिट्यूट, नोएडा में आयोजीत "एड़ीबल कटलरी डिजाइन प्रतियोगिता" में देशभर के सभी होटल प्रबंधन संस्थानों में शीर्ष 7 में अपनी जगह बनाकर एक नया कृतिमान स्थापित किया है। 

इसकी जानकारी देते हुए आईएचएम के प्राचार्य भूपेश कुमार ने बताया कि इस प्रतियोगिता में पूरे देशभर के कुल 23 होटल प्रबंधन संस्थानों ने भाग लिया, जिसमें आईएचएम राँची के प्राचार्य डॉ.भूपेश कुमार के नेतृत्व् एवं डॉ लाडली रानी, बायो टेक्नोलॉजी विभाग, रांची विश्वविद्यालय और प्रवीण रमन, सम्पादक, हैलो लाइफ पत्रिका के मार्ग दर्शन में शेफ टॉम थॉमस, व्याख्याता तथा तृतीय वर्ष के छात्र सारांश सोनी, अलंकृत सहाय ने मडुआ से बने खाद्य कटलरी/क्रोकरी जैसे चमच, कटोरी, प्लेट एवम ग्लास इत्यादी प्रस्तुत की।

प्रतियोगिता के निर्णायक मंडली में भारत के शेफ मंजीत गिल, शेफ निशांत चौबे और पर्यटन मंत्रालय,भारत सरकार के 3 अधिकारीयों ने मूल्यांकन किया। शीर्ष 7 संस्थानों में आईएचएम राँची, आईएचएम मुंबई, आईएचएम रायपुर, आईएचएम गुरदासपुर, एआईएचएम चंडीगढ़, एसआईएचएम इंदौर, एवं आईएचएम लखनऊ शामिल रहें। डिजाइन कटलरी प्रतियोगिता में टॉप 3 विजेताओं के लिए अंतिम निर्णय दिल्ली में, फरवरी माह के पहले हफ्ते में होगा। 

 आईएचएम राँची के प्राचार्य डॉ. कुमार ने इस कृतिमान हेतु संस्थान की पूरी टीम के साथ छात्रों की कड़ी मेहनत की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि संस्थान अपने स्थापना के पश्चात एक के बाद एक नया मुकाम हासिल कर रहा इसे संस्थान के साथ साथ पर्यटन विभाग झारखंड सरकार के लिए बहुत गर्व की बात है।

दिल की सेहत का रखना चाहते है ख्याल तो अपने डायट में शामिल करे ये चार चीजे

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आज कल के बेतरतीब जीवनशैली में हार्ट की बीमारी आम हो गई है। इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोगो को बस काम की चिंता होती है, काम के प्रेशर के कारण लोग अपनी सेहत को नजर अंदाज कर देते है। अपने खान पान का ठीक से ख्याल नहीं रखते। जिस कारण कम आयु के युवा वर्ग को भी हार्ट अटैक,हार्ट फेल का खतरा बढ़ गया हैं।

दिल को हेल्दी रखने के लिए वर्कआउट के साथ-साथ सही डाइट का भी अहम रोल होता है. हेल्दी डाइट शरीर को मजबूत बनाने के साथ-साथ रोगों से लड़ने की क्षमता देता है।

रिसर्च के मुताबिक जो लोग हेल्दी डाइट फॉलो करते हैं, उनमें दिल की बीमारियों का खतरा 31 फीसदी तक कम होता है.आइए जानते है,दिल की सेहत को स्वस्थ रखने के लिए कौन-कौन से फूड खाने चाहिए।

अखरोट

अखरोट में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है. ये हमारे शरीर का कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करता है. रोजाना अखरोट खाने से धमनियों की सूजन को कम किया जा सकता है. अखरोट के हेल्दी फैट्स से दिल भी स्वस्थ रहता है.

संतरा

हाई ब्लड प्रेशर भी दिल की बीमारियों का संकेत हो सकता है. हाई बीपी की शिकायत रहने पर संतरा काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. इसमें विटामिन सी के अलावा पेक्टिन फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. इसे नियमित खाने से हाई बीपी की समस्या भी दूर रहती है.

अलसी

अलसी भी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है. अलसी को डाइट में शामिल करने ब्लड का फ्लो ठीक रहता है. बॉडी में फाइबर और फाइटोकेमिकल्स की कमी को पूरा करने वाली अलसी को भून कर और दूसरी रेसिपीज में एड करके खा सकते हैं.

हरे रंग की सब्जियां

हरे रंग की सब्जियों में विटामिन्स और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा, इनमें नाइट्रेट भी पाया जाता है. दिल को स्वस्थ रखने के लिए पालक, बीन्स, सरसों का सार और मेथी को डाइट में शामिल करना चाहिए. इन्हें खाने से शरीर में आयरन की कमी भी दूर होती है. हरी सब्जियां खाने से ऑक्सीजन रिच ब्लड आपके हार्ट तक आसानी से पहुंच पाता है।

सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर विशेषःआज भी बरकरार है नेताजी की मौत का रहस्य, क्या गुमनामी बाबा ही थे नेताजी?


क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस और गुमनामी बाबा एक ही शख्स थे? क्या नेताजी ने ही गुमनामी बाबा बनकर अपनी ज़िंदगी के आखिरी वक्त फैजाबाद में गुमनाम ज़िंदगी के तौर पर गुज़ारी थी? ऐसे कई सवाल है जिनपर अभी भी पर्दा पड़ा है, जिनके जवाब आज दशकों बाद भी तलाशे जा रहे हैं।नेताजी की मौत का रहस्य अब भी बरकरार है।

नेताजी को लेकर दावे

क्या नेताजी की मौत 1945 में प्लेन क्रैश में ही हुई थी? इसको लेकर देश विदेश में लगातार खोज चल रही है। कई लोगों का मानना था कि नेताजी जी की मौत प्लेन क्रैश में नहीं हुई। नेताजी गुमनामी बाबा के नाम से यूपी में 1985 तक रह रहे थे। नेताजी पर रिसर्च करने वाले बड़े-बड़े विद्वानों का मानना है कि गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे।

ना तो मृत्यु का प्रमाण, ना ही कोई तस्वीर

दरअसल गुमनामी बाबा की मौत से पहले उनकी ज़िंदगी एक तरह से गुमनाम सी ही थी। गुमनामी बाबा बेहद रहस्यमयी तरीके से रहा करते थे।आम लोग उनका चेहरा तक नहीं देख पाते थे। थोड़े-थोड़े वक्त पर किराए का घर बदलते रहते थे।यहां तक कि उनके निजी सेवक भी हर कुछ महीने में बदल जाते थे। यहां तक तो तब भी ठीक था,लेकिन शक और सवाल उठने लगे गुमनामी बाबा की मौत के दो दिन बाद।

गुमनामी बाबा आखिरकार 1983 में फैजाबाद में राम भवन के एक आउट-हाउस में बस गए, जहां कथित तौर पर 16 सितंबर, 1985 को उनका निधन हो गया और 18 सितंबर को दो दिन बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।अजीब बात है, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि वास्तव में उनका निधन हुआ है। शव यात्रा के दौरान कोई मृत्यु प्रमाण पत्र, शव की तस्वीर या उपस्थित लोगों की कोई तस्वीर नहीं है। कोई श्मशान प्रमाण पत्र भी नहीं है।वास्तव में, गुमनामी बाबा के निधन के बारे में लोगों को पता नहीं था, उनके निधन के 42 दिन बाद लोगों को ये पता चला। उनका जीवन और मृत्यु, दोनों रहस्य में डूबा रहा पर कोई नहीं जानता कि क्यों।

विष्णु सहाय आयोग गुमनामी बाब की पहचान नहीं कर सकी

गुमनामी बाबा के विश्वासियों ने 2010 में अदालत का रुख किया था और उच्च न्यायालय ने उनका पक्ष लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को गुमनामी बाबा की पहचान स्थापित करने का निर्देश दिया गया था। तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद गुमनामी बाबा की जांच रिपोर्ट के लिए जस्टिस विष्णु सहाय आयोग का गठन 2016 में किया। तीन साल बाद जस्टिस विष्णु सहाय आयोग ने अपनी रिपोर्ट यूपी विधानसभा में पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘गुमनामी बाबा’ नेताजी के अनुयायी थे, लेकिन नेताजी नहीं थे। इस रिपोर्ट को यूपी सरकार ने स्वीकार कर लिया है। 

इस रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए लिखा है, 'आयोग द्वारा गुमनामी बाबा उर्फ भगवान जी की पहचान नहीं की जा सकी। गुमनामी बाबा के बारे में आयोग ने कुछ अनुमान लगाए हैं। जैसे गुमनामी बाबा बंगाली थे, गुमनामी बाबा बंगाली, अंग्रेजी और हिंदी भाषा के जानकार थे। गुमनामी बाबा के राम भवन से बंगाली, अंग्रेजी और हिन्दी में अनेक विषयों की पुस्तकें प्राप्त हुई हैं। गुमनामी बाबा के स्वर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के स्वर जैसा प्राधिकार का भाव था। गुमनामी बाबा नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अनुयायी थे। 

गुमनामी बाबा की मौत के बाद उनके नेताजी होने की बात फैली

कहते हैं जब गुमनामी बाबा की मौत के बाद उनके नेताजी होने की बातें फैलने लगीं तो नेताजी की भतीजी ललिता बोस कोलकाता से फैजाबाद आईं। फरवरी 1986 में, नेताजी की भतीजी ललिता बोस गुमनामी बाबा के कमरे में मिली वस्तुओं की पहचान करने के लिए फैजाबाद आई। पहली नजर में, वह अभिभूत हो गईं और यहां तक कि उन्होंने नेताजी के परिवार की कुछ वस्तुओं की पहचान की।

जो सामान गुमनामी बाबा के पास से मिला था।उसमें कोलकाता में हर साल 23 जनवरी को मनाए जाने वाले नेताजी के जन्मोत्सव की तस्वीरें थी।लीला रॉय की मौत पर हुई शोक सभाओं की तस्वीरें थी। नेताजी की तरह के दर्जनों गोल चश्मे थे। 555 सिगरेट और विदेशी शराब थी। सुभाष चंद्र बोस के माता-पिता और परिवार की निजी तस्वीरें भी थी। एक रोलेक्स की जेब घड़ी थी और आज़ाद हिंद फ़ौज की एक यूनिफॉर्म थी।सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु की जांच के लिए बने शाहनवाज़ और खोसला आयोग की रिपोर्टें,सैकड़ों टेलीग्राम और पत्र आदि जिन्हें भगवनजी के नाम पर संबोधित किया गया था।

मुखर्जी आयोग भी रहा नाकाम

यही नहीं हाथ से बने हुए उस जगह के नक़्शे भी बरामद हुए थे, जहां नेताजी का विमान क्रैश हुआ था। गुमनामी बाबा की मौत के बाद सामान के साथ कुछ ऐसी बातें भी बाहर आईं जिनको लेकर लोगों को यकीन सा होने लगा था कि गुमनामी बाबा ही नेता जी थे। इसके बाद गुमनामी बाबा के ही नेताजी होने की जांच के लिए कई जगह प्रदर्शन हुए।इस मामले की जांच के लिए मुखर्जी आयोग का गठन किया गया। हालांकि ये साबित नहीं हो पाया कि गुमनामी बाबा ही नेता जी थे।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में उमड़ा सैलाब, दर्शन के लिए मंदिर के बाहर जुटी श्रद्धालुओं की भारी भीड़


प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। आज वो पहली सुबह है, जब रामभक्त मंदिर में जाकर अपने आराध्य का दर्शन-पूजन कर सकेंगे। रामलला की पूजा करने और दर्शन करने के लिए श्री राम मंदिर के मुख्य द्वार पर भक्त सुबह तीन बजे से ही बड़ी संख्या में जुटने शुरू हो गए थे। रामलला आज से आम श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं। सभी भक्तों के लिए नव्य राम मंदिर के द्वार खुल गए हैं।

सोमवार, 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त में पूरे विधि विधान से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होते ही रामभक्तों का बरसों का इंतजार खत्म हो गया और आज से हर आम श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेगा। रामलला के दर्शन सुबह 8 से रात 10 बजे तक होंगे। नए मंदिर में सुबह 3:30 से 4:00 बजे पुजारी मंत्र से रामलला को जगाएंगे, फिर मंगला आरती होगी। 5:30 बजे शृंगार आरती व 6 बजे से दर्शन शुरू होंगे। दोपहर में मध्याह्न भोग आरती होगी। फिर उत्थापन, संध्या आरती व भगवान को सुलाते वक्त शयन आरती होगी। पहला मौका होगा जब रामलला की भोग-सेवा सभी मानक पद्धतियों से होगी। 40 दिन तक रोज रामलला का शेष अभिषेक होगा। 60 दिन तक कलाकार स्वरांजलि देंगे।

बता दें कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को संपन्न हुआ। प्राण प्रतिष्ठा में 7000 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। राम मंदिर करोड़ों रामभक्तों की आस्था का प्रतीक है। मंदिर में भगवान राम की 51 इंच की मूर्ति स्थापित की गई है, जिसे मैसूर के शिल्पकार अरुण योगीराज में तैयार किया है। मूर्ति में भगवान विष्णु के सभी दस अवतारों, भगवान हनुमान जैसे हिंदू देवताओं और अन्य प्रमुख हिंदू धार्मिक प्रतीकों की नक्काशी भी शामिल है।

आज का पंचांग- 23 जनवरी 2024: पंचांग के अनुसार जानिए आज का मुहूर्त, तिथि और ग्रहयोग...!

विक्रम संवत - 2080, अनला

शक सम्वत - 1945 शोभकृत्

पूर्णिमांत - पौष

अमांत - पौष

तिथि

शुक्ल पक्ष त्रयोदशी- जनवरी 22 07:51 PM- जनवरी 23 08:39 PM

शुक्ल पक्ष चतुर्दशी- जनवरी 23 08:39 PM- जनवरी 24 09:49 PM

नक्षत्र

आद्रा- जनवरी 23 04:08 AM- जनवरी 24 06:26 AM

पुनर्वसु - जनवरी 24 06:26 AM- जनवरी 25 08:16 AM

योग

इंद्र - जनवरी 22 10:19 AM- जनवरी 23 08:05 AM

 वैधृति- जनवरी 23 08:05 AM- जनवरी 24 07:40 AM

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय - 7:13 AM

सूर्यास्त - 05:52 PM

चन्द्रोदय - जनवरी 23 3:33 PM

चन्द्रास्त - जनवरी 24 06:20 AM

अशुभ काल

राहू - 3:13 PM- 4:33 PM

यम गण्ड - 09:53 AM- 11:13 AM

कुलिक - 12:33 PM- 01:53 PM

दुर्मुहूर्त - 09:21 AM से 10:04 AM

वर्ज्यम् - 01:53 PM से 03:35 PM

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त - 12:12 PM से 12:54 PM

अमृत काल - 07:50 PM- 09:31 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 05:27 AM- 06:20 AM

आज का राशिफल: 23 जनवरी 2024: जानिए राशि के अनुसार आज क्या कहता है आपके भाग्य के सितारे

मेष

मेष राशि के जातक आज किसी तरह की परेशानी में पड़ सकते हैं। आज आप ना चाहते हुए भी कुछ ऐसे काम करेंगे जिसके चलते दूसरों को और सुविधा महसूस होगी। परिवार के कारण भाग दौड़ की स्थिति बनी रहेगी। आज आपका किसी भी काम में मन नहीं लगेगा।

बृषभ

वृषभ राशि के लोग आज आर्थिक परेशानी का सामना कर सकते हैं। किसी जरूरी काम के चलते यात्रा हो सकती है। अगर आप मकान या ज्यादा संबंधित क्षेत्र में पैसा लगाने के बारे में सोचते हैं तो इसके लिए थोड़ा इंतजार करें। आज निवेश से बचें यह आपको समस्या दे सकता है।

मिथुन

मिथुन राशि के लोगों के लिए आज का दिन अच्छा साबित होगा। लाभ के योग बन रहे हैं और लोगों का प्रेम भी आपको मिलेगा। कोई ऐसा खर्च सामने आ सकता है जिसके बारे में अब तक आपने सोचा नहीं था। कार्य क्षेत्र में मानसिक तनाव की स्थिति बन सकती है।

कर्क

कर्क राशि के लोगों को आर्थिक रूप से थोड़ी परेशानी हो सकती है। सुबह से आपका दिन थोड़ा उधर-पुथल भरा रह सकता है। ऑफिस के काम में थोड़ी परेशानी हो सकती है। अपनी सेहत का ख्याल रखें।

सिंह

सिंह राशि के लोगों का दिन सामान्य गुजरने वाला है। कार्य क्षेत्र में उच्च अधिकारियों के सहयोग से काम जल्दी पूरे होंगे। आपके विरोधी आपका कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएंगे। अपने काम पर थोड़ा ध्यान दें।

कन्या

कन्या राशि के लोगों का आज का दिन बिना किसी परेशानी के गुजरने वाला है। इतने समय से आपके जो काम अटके पड़े हैं आज आपने पूरा करेंगे। परिवार और ऑफिस के लोगों के साथ अच्छा समय बिताएंगे। अब तक जो भी समस्या चली आ रही थी वह सब समाप्त होगी।

तुला

तुला राशि के लोगों के लिए आज का दिन थोड़ा भाग दौड़ भरा साबित होगा। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं लोगों को थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। व्यवसाय के क्षेत्र में उठाया गया कदम लाभप्रद साबित होगा।

वृश्चिक

आज काम आपकी सोच के विपरीत होगा और आर्थिक परेशानी भी हो सकती है। जिस व्यक्ति को आप इतने दिनों से अच्छा समझ रहे हैं वह कोई ऐसा काम कर सकता है जिससे आपका असलियत पता चल जाएगी। दिन मिलाजुला दिखाई दे रहा है इसलिए थोड़ा बचकर चले।

धनु

धनु राशि के लोगों के लिए आज का दिन मिला-जुला रहने वाला है। थोड़ी परेशानी आएगी लेकिन जब काम बनने लगेंगे तो आप अच्छा महसूस करेंगे। ऑफिस में उच्च अधिकारी आपके काम से प्रसन्न रहेंगे। किसी बात का डर आपको थोड़ा परेशान करेगा।

मकर

आर्थिक मामले में आज इन लोगों का दिन काफी अच्छा है। कुछ अच्छे लोगों से मुलाकात हो सकती है जो आगे चलकर लाभप्रद साबित होगी। किसी धार्मिक कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं।

कुंभ

आज आपके कार्य क्षेत्र में थोड़े उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। परेशानी के साथ ही लेकिन आप अपने सारे काम पूरे कर लेंगे। अपने ही लोग आपकी चिंता का कारण बनेंगे।

मीन

आर्थिक मोर्चे पर आप थोड़ा परेशान हो सकते हैं और धन संबंधी दिक्कत आ सकती है। आज कामकाज ज्यादा रह सकता है लेकिन कई सारे कामों के बीच जरूरी काम पहले निपटा लें। बनते हुए कामों में रुकावट आ सकती है जिस वजह से आपका मन अशांत रहेगा। मित्रों की मदद जरूर लें।

श्रीराम मंदिर में हुए समारोह में सनातन संस्था की आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी द्वय की वंदनीय उपस्थिति


रामलला का पुनः राम मंदिर में प्रतिष्ठित होना, रामराज्य की शुरुआत 

श्रीरामजन्मभूमि हेतु 500 वर्षाें के प्रदीर्घ संघर्ष के उपरांत रामजन्मभूमि मुक्त हुई और आज हम साक्षात प्रभु श्रीरामचंद्र के भव्य राम मंदिर की निर्मिति होकर रामलला की प्राणप्रतिष्ठा का समारोह देखा। यह सनातन हिन्दू धर्मियों के लिए यह एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण दिन है। पूरे देश के सभी संत-महंतों को सम्मान देते हुए उनकी उपस्थिति में यह समारोह हुआ। 

रामलला का पुनः श्रीराम मंदिर में प्रतिष्ठित होना, रामराज्य की शुरुवात है’, सनातन संस्था की श्रीसत्शक्ति बिंदा सिंगबाळजी ने कहा। अयोध्या नगरी के श्रीराम मंदिर में मूर्ति का प्राणप्रतिष्ठा समारोह में सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी की आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी द्वयी श्रीसत्शक्ति बिंदा सिंगबाळजी तथा श्रीचित्शक्ति अंजली गाडगीळजी की वंदनीय भी उपस्थिति थी। 

इस अवसर पर अंजली गाडगीळजी ने कहा कि ‘आसेतुहिमालय से हिन्द महासागर तक प्रत्येक को एकता के धागे में पिरोनेवाले श्रीराम एक अलौकिक राष्ट्रसूत्र हैं ! प्रत्येक के मन में बसा श्रीराममंदिर का निर्माण न केवल अधर्म पर धर्म की विजय दर्शाता है; अपितु वह कलियुगांतर्गत सत्ययुग के नवनिर्मिति की, हिन्दुओं के अलौकिक ‘हिन्दू राष्ट्र निर्मिति’ की, अर्थात स्वधर्माधिष्ठित स्वराष्ट्र, सर्वशक्तिसंपन्न, सुव्यवस्थाप्रधान, सर्वसुविधायुक्त, सुखी, समृद्ध, सुसंस्कृत सुराज्य के सूर्योदय की शुरुवात है। 

 इस समय उत्तराधिकारिणी द्वयी को श्रीराम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित होने का अवसर मिला, इसके लिए श्रीराम के चरणों में कोटि-कोटि कृतज्ञता व्यक्त की।

राम राष्ट्र की संस्कृति है राम राष्ट्र के प्राण है, राम के मंदिर का मतलब भारत का नवनिर्माण है - राज्यपाल रघुवर दास

आज अयोध्या की धरती पर एक नया ऐतिहासिक लिखा गया है। भारत के लोग अपने अपने घरों में, मंदिरों में दीपावली का उत्सव मना रहे हैं, जिससे एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण की भावना महसूस हो रही है।

 उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास ने कहा कि इस शानदार और धार्मिक समय में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अद्वितीय सामर्थ्य और समर्पण के साथ इस क्षण को और भी विशेष बना दिया है। भारत आज अपनी खोई हुई विरासत, अपने गौरव को नई आध्यात्मिकता, दिव्यता, और भव्यता दे दिया है।

आज उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास भुवनेश्वर में स्थित श्री राम मंदिर में पूजा-अर्चना कर सभी देशवासियों के सुख और समृद्धि की कामना की।

टाटा समूह ने यू.के. के वेल्स स्थित पोर्ट टैलबोट स्टील प्लांट को की बंद करने की घोषणा, कामगारों में हड़कंप, 3000 लोग होंगे बेरोजगार


नई दिल्ली। बड़ी खबर आ रही है, टाटा समूह ने यू.के. के वेल्स में स्थित पोर्ट टैलबोट स्टील प्लांट बंद करने की घोषणा कर दी। अब टाटा समूह की घोषणा के बाद यू.के. की स्टील इंडस्ट्री में हड़कंप मच गया है।

 टाटा की घोषणा से एक तरफ जहां इस स्टील यूनिट में काम करने वाले 3000 वर्करों की जॉब पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ यू.के. के सामने स्टील का बड़ा संकट खड़े होने का भी खतरा है।

बता दें कि, पोर्ट टैलबोट में स्थित टाटा के यह प्लांट ब्लास्ट फर्नैस प्लाट है, जिसमें कोयले की मदद से कच्चे माल को पिघला कर स्टील का निर्माण किया जाता है और यदि टाटा अपना यह प्लांट बंद कर देता है, तो जी-20 देशों में सिर्फ यू.के. एक ऐसा देश होगा, जहां कच्चे माल से स्टील का निर्माण नहीं हो सकेगा।

टाटा यू.के. में स्टील के निर्माण के लिए पर्यावरण के लिहाज से सुरक्षित विकल्पों पर विचार कर रहा है। इस प्रक्रिया में बहुत कम वर्करों की जरूरत पड़ती है। इस मामले में टाटा के अधिकारियों और ट्रेड यूनियन के कर्मचारियों के बीच लंदन में एक मीटिंग भी हुई है।

हालांकि टाटा ने इस प्लांट को बंद करने की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की है, लेकिन अपने फैसले के बारे में प्रशासन को अवगत करवा दिया गया है।

बताते चलें कि, टाटा के यू.के. स्थित इस प्लांट आप्रेशन्स के जरिए कंपनी को वित्त वर्ष 2023-24 की जुलाई सितंबर तिमाही में 6511 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। कंपनी द्वारा एक्सचेंज को दी गई जानकारी में यह बताया गया है कि इस घाटे में 6358 करोड़ रुपए की बड़ी हिस्सेदारी इंपेयरमैंट चार्जिज की है।

यह चार्ज इस प्रोजैक्ट की डी कार्बोनाइजेशन के लिए लगाए गए हैं। कंपनी ने इलैक्ट्रिक आर्क इंडैक्शन पर आधारित प्रोजैक्ट का विश्लेषण किया है। कंपनी का कहना है कि नई टैक्नोलोजी के जरिए स्टील के निर्माण में खर्चा भी कम होगा और प्रदूषण से भी बचा जा सकेगा।

इस बीच लेबर पार्टी एम.पी. स्टीफन किनोक ने टाटा से अपील की है कि वह अपने फैसले के बारे में पुनर्विचार करे और ट्रेड यूनियनों से इस मामले में दोबारा बातचीत करे। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील को सरकार ने इन 3000 नौकरियों के गठन के लिए ही 500 मिलियन पौंड की सहायता की थी और टाटा का इस तरीके से प्लांट बंद करने का फैसला ठीक नहीं है।

इस बीच वेल्स के फर्स्ट मिनिस्टर मार्क ड्रैकफर्ड ने इस मामले में तुरन्त ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सूनक को दखल देने की मांग की है और साथ ही उनसे मीटिंग के लिए समय भी मांगा है।

उन्होंने कहा कि वेल्स में इस तरीके स्टील प्लांट का बंद होना यू.के. की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करेगा। मैंने इस मामले में जल्दी से जल्दी प्रधानमंत्री ऋषि सूनक से चर्चा के लिए समय मांगा है।