सरायकेला: बंगाल के मिंटू सूत्रधर 18 बर्षों से बना रहा है चांडिल क्षेत्र में मूर्ति,20 हजार की डिजाइन वाले मूर्ति की मिला है आर्डर।
सरायकेला : कोल्हान में बसंत पंचमी को देखते पश्चिम बंगाल के चढ़ीदा से मिंटू सूत्रधर झारखंड राज्य में अपना हुनर दिखाने पहुंचे । आगामी 14 फरबरी को बिद्धा के देवी मां सरस्वती माता की पूजा अर्चना होने वाले हे। इसे देखते हुए कोल्हान के विभिन्न जगह पर मूर्तिकार ने डेरा डाल चुके ओर मूर्ति बनाने के लिए , खड़,विचाली ,सूतली, पटरी, बांस के सहयोग से मां सरस्वती माता की विचालि से ,(मां
परीकाटा मुंह ) बनाने जा रहा हे।
कहा के यह कारीगर
पुरुलिया जिला के बाघमुडी थाना क्षेत्र के चढ़ीदा गांव सूत्रधर की बहुल गांव माना जाता हे।इस गांव के लोगो बारों महीना मूलभूत रूप से मूर्ति बनाते हे,ओर जीविका जीवन यापन करते हे।बचपन से इन परिवार के लोग जुड़े हे ,ओर अपना पहचान बना लेता । सूत्रधर गांव में 300 परिवार के लोग निवास करते हे।
इन परिवार के लोगो द्वारा विभिन्न प्रकार के मूर्ति और मुखोस बनाया जाता अपना और इसी से जीविका चलता हे। मिंटू सूत्रधर चढ़ीदा ने बताया की सीजन के समय मूर्ति बनाने के लिए ,18 बर्ष से सरायकेला जिला के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र से जुड़ा हु,साथ ही पूर्वी सिंहभूम जिला के जमशेदपुर , उड़ीसा राज्य में विश्वकर्मा पूजा ,दुर्गा पूजा, काली पूजा ,मनसा पूजा ,गणेश, लक्ष्मी ,ओर सरस्वती पूजा के सीजन पर घर से निकल जाते हे।ओर ऑडार के अनुसार उस जगह पर पांच से छह कारीगर के साथ काम करते रहते हे।ओर लोगो का विश्वास जीतना हम लोगो का मुख्य उद्देश्य हे, हर तरह के मूर्ति बनाकर दिखाते जिसे पार्टी खुश हो जाते हे।
चांडिल बाजार में दो जनवरी 2024 से पांच कारीगर के साथ बसंत पंचमी में मां सरस्वती माता की मूर्ति बनाने के लिए तैयारी में जुटे हूं , इस बर्ष 130 मूर्ति बनाने जा रहा हु , प्रत्येक मूर्ति का साइज 3,4 ,6,10, फिट का मूर्ति बनाया जा रहा हे। सबसे बड़े मूर्ति का 20 हजार रुपया ऑडार
मिला हे। डिजाइन के अनुसार मां का मूर्ति का कीमत होता है ,शुरू 6 रुपया से लेकर 20 हजार का मूर्ति बनाया जा रहा हे। मकर संक्रांति के कारण अबतक ऑडार दो मूर्ति का मिला पर्व पार हो जाने के बाद ,सभी मूर्ति की ऑडार मिल जाएगा ।15 फरबरी के बाद हम लोग आपने घर चले जाएंगे ,मूर्ति बनाकर जो कमाई होता है उसी से जीवन गुज़ार बसर होता, सीजन के समय हम लोग घर में नही रहते सभी लोग।मूर्ति बनाने के लिए ,झारखंड ,उड़ीसा आदि।राज्य में जाकर मूर्ति बनाने की ऑडार लेकर कार्य करते हे।मूर्ति की आकृति को निखारना हमारे हाथी की कमाल हे।ओर शिल्पिकार परिवार के लिए भगवान विश्वकर्मा असीम कृपा माने जाते हे।तभी चलकर हम लोगो अच्छे मूर्ति बनाते हे।
Jan 10 2024, 18:39