Jan 09 2024, 14:56
भारत-पाकिस्तान को लेकर पूर्व उच्चायुक्त ने किए कई बड़े खुलासे, उरी से लेकर बालाकोट हमले और अभिनंदन की रिहाई तक का जिक्र
#former_high_commissioner_to_pakistan_ajay_bisaria_revealed_secret_in_his_book
अजय बिसारिया पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त रह चुके हैं। उनकी नई किताब आने वाली है, जिसमें उन्होंने कई दावे किए हैं।भारत के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने अपनी नई किताब 'एंगर मैनेजमेंट: द ट्रब्ल्ड डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान' में कई खुलासे किए हैं। करीब 35 साल तक विदेश सेवा में रहने वाले बिसारिया ने अपनी किताब में स्वतंत्रता के बाद से भारत और पाकिस्तान के संबंधों के अनेक पहलुओं पर रोशनी डाली है। अजय बिसारिया ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को जवाब देने को लेकर अपनी राय व्यक्त की है। बिसारिया ने कहा कि अगर आप आज पीछे मुड़कर देखें, तो निश्चित रूप से 2008 में, भारत को यह जवाब देना चाहिए था जो उसने आखिरकार 2016 और 2019 में सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के साथ दिया। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि आतंकवाद और 1980 के दशक में पंजाब में भारत को जो पीड़ा सहनी पड़ी, उसे कम किया जा सकता था यदि भारत ने 90 के दशक की शुरुआत में कठोर शक्ति कार्रवाई की होती।
बिसारिया ने अपनी किताब ‘एंगर मैनेजमेंट: द ट्रबल्ड डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान’ में बालाकोट में भारत के हवाई हमले के दौरान का जिक्र किया है। उन्होंने कहा है कि कई देशों ने अपने विशेष राजदूत भेजने की पेशकश की थी, लेकिन इसकी कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा, यहां तक कि चीन भी पीछे नहीं था। उसने सुझाव दिया था कि वह तनाव घटाने के लिए दोनों देशों में अपने उप मंत्री को भेज सकता है। भारत ने इस पेशकश को विनम्रतापूर्वक ठुकरा दिया था। उन्होंने लिखा है कि बालाकोट पर भारत के हवाई हमलों के एक दिन बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस के राजदूतों को पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश सचिव तहमीना जांजुआ ने पाकिस्तान की सेना से मिले एक संदेश के बारे में सूचित किया था। बिसारिया ने यह भी लिखा है कि पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करना चाहते थे।
अभिनंदन को छुड़ाने के लिए भारत ने तान दी थीं मिसाइलें
बालाकोट हवाई हमले के समय इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त रहे बिसारिया ने अपनी किताब में यह भी लिखा है कि पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकी हमला हुआ था। इसका बदला लेने के लिए वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के अंदर 100 किलोमीटर तक घुसकर बालाकोट और पीओके के आतंकी ठिकानों पर कहर बरपा दिया था। भारतीय कार्रवाई से गुस्साया पाकिस्तान जवाब देने के लिए अगले ही दिन भारत में घुस गया और 27 फरवरी को आसमान में हुई जंग की चपेट में विंग कमांडर अभिनंदन का मिग-21 बायसन भी आ गया। दुश्मनों के खदेड़ते हुए मिग-21 बायसन में आग लग सकती थी। ऐसे में विंग कमांडर अभिनंदन ने पैराशूट से छलांग लगा दी, लेकिन वे जिस जमीन पर पहुंचे वे इलाका पीओके का था। पाकिस्तानी सेना ने अभिनंदन को पकड़ लिया था। भारत अपने विंग कमांडर अभिनंदन वर्द्धमान को वापस लाने के लिए वायु सेना का एक प्लेन पाकिस्तान भेजना चाह रहा था, लेकिन पड़ोसी देश ने अनुमति नहीं दी। भारत ने अपने वायुसेना के लड़ाकू पायलट अभिनंदन वर्धमान को छुड़ाने के लिए पाकिस्तान की ओर नौ मिसाइलों को तान दिया था, जिससे पड़ोसी देश की सांसे फूल गई थीं।
इमरान खान पीएम मोदी को कर रहे थे बार-बार फोन
पूर्व उच्चायुक्त ने बताया कि भारतीय सेना की यह तैयारी देख कर पाकिस्तानी सेना और सरकार हिल गई। वह लड़ाई को आगे नहीं बढ़ाना चाहता था। तनाव कम करने की कोशिश में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के प्रधानमंत्री पीएम मोदी को कई बार फोन किया। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को समझ आ गया था कि अब उनके पास कोई और विकल्प नहीं है। इसलिए उन्हें पायलट को छोड़ने का फैसला लेना पड़ा था।
Jan 09 2024, 20:13