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जननायक कर्पूरी ठाकुर सामाजिक न्याय महारैली के लिए गोरखपुर पहुंचे अखिलेश यादव, 2024 को लेकर भरी हुंकार

गोरखपुर- जननायक कर्पूरी ठाकुर सामाजिक न्याय महारैली को सफल बनाने के लिए शनिवार को बतौर मुख्य अतिथि गोरखपुर जनपद के सहजनवां भीटी रावत के शारदा प्रसाद रावत महाविद्यालय में पहुंचे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विशाल महारैली को संबोधित किया।इस महारैली के द्वारा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कर्पूरी ठाकुर को केंद्र में रखकर नाई समाज को राष्ट्रीय नाई महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राम भवन शर्मा के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर एक जुट होने कि बात कही।

इस दौरान जनता को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने नाई समाज से समाजवादी पार्टी पर विश्वास बनाए रखने कि अपील की उन्होंने कहा गर्भ से कहो- हम नाई हैं समाजवादियों के भाई हैं। विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार जनता को छलने का काम किया है इनकी नीतियां जनता के विरोध में है। उन्होंने कहा देश में लोकसभा चुनाव होना है एनडीए की लड़ाई पीडीए (पिछड़ा,दलित,अल्पसंख्यक) से है अखिलेश यादव ने कहा लोकसभा चुनाव के लिए अगर हम एक हो जाएं तो भाजपा सरकार को सबक सिखाने का काम करेंगे।

अपने संबोधन के दौरान सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाजवादी सरकार बनने पर गोरखपुर में लखनऊ कि तर्ज़ एक बड़ा क्रिकेट स्टेडियम बनाने की बात कही। कार्यक्रम को अखिलेश यादव से पहले समाजवादी पार्टी के अन्य नेताओं ने संबोधित किया। और कार्यकाल के दौरान हुए पार्टी के विकास कार्यों को जनता को गिनाया।

कार्यक्रम की तैयारियां समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष बृजेश गौतम व सहजनवां के पूर्व विधायक के यशपाल रावत ने संयुक्त रूप से कार्यकर्ताओं के सहयोग से किया था। जननायक कर्पूरी ठाकुर सामाजिक न्याय महारैली के इस कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के सैंकड़ों कि संख्या में वरिष्ठ नेतागण,के साथ स्थानीय पदाधिकारी,कार्यकर्ताओं के अलावा लाखों की संख्या में जनता मौजूद रही।

नवंबर माह के पहले समाधान दिवस में 89 फरियादी तहसील में पहुंचे

गोरखपुर- तहसील मुख्यालय में नवंबर माह के पहले समाधान दिवस में खजनी तहसील मुख्यालय में स्थित सभागार में क्षेत्र से कुल 89 फरियादी अपनी समस्याएं लेकर अध्यक्षता कर रहे एसडीएम राजू कुमार के समक्ष पेश हुए। किंतु मौके पर किसी भी मामले का समाधान नहीं हुआ।संबंधित विभागों के अधिकारियों को नियत समय सीमा के भीतर मौके पर पहुंच कर जांच करने के बाद निस्तारण की जिम्मेदारी सौंपते हुए एसडीएम ने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

इस दौरान सर्वाधिक शिकायतें भूमि विवाद से संबंधित राजस्व विभाग की समस्याएं पायी गईं। इसके अलावां सार्वजनिक वितरण प्रणाली राशनकार्ड से जुड़े मामले पुलिस विभाग,बिजली विभाग और समाज कल्याण विभाग से जुड़े मामले पाए गए। सभी फरियादियों की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए एसडीएम ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निस्तारण करने का आदेश दिया।

मौके पर तहसीलदार दीपक कुमार गुप्ता,नायब तहसीलदार रामसूरत, बिजली विभाग से जेई सुखविंदर सिंह, आपूर्ति विभाग के गोपाल यादव, खजनी के एडीओ कृषि कमलेश सिंह,सरयु कैनाल प्रथम के अधिकारी और सभी राजस्व निरीक्षक सहित अन्य विभागों के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

*महामाया माता के मन्दिर में स्वर्णकार परिवार द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन*

गोरखपुर- गोला उपनगर के मेन चौक पर स्थित महामाया माता की सुप्रसिद्ध मन्दिर पर हर वर्ष की भांति शारदीय नवरात्रि के उपलक्ष्य में इस वर्ष भी सेठ लक्ष्मी प्रसाद सेवा ट्रस्ट के सौजन्य से स्वर्णकार परिवार द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है। जिसमें अधिक से अधिक भक्तगणों ने महाप्रसाद ग्रहण किया।

इस मौके पर आयोजक पुर्व चेयरमैन व चेयरमैन प्रतिनिधि गिरधारी लाल स्वर्णकार व भागीरथ प्रसाद स्वर्णकार ने कहा कि ऐसे आयोजनों से प्रेम व सौहार्द्र की भावना जागृत होती है।और समाज में एकता का संदेश जाता है।मां महामाया की कृपा से ऐसे धार्मिक कार्यक्रम होता रहे मां से हमारे सपरिवार की यही प्रार्थना है।

इस अवसर पर एलपीएम स्कूल के प्रबंध निदेशक अमरनाथ वर्मा अशोक जायसवाल डॉ रवि वर्मा सभासद श्रवण कुमार वर्मा किशन वर्मा युवा व्यापार मंडल अध्यक्ष शुभम वर्मा महबूब अली राम शब्द भारती रामानंद निषाद सहित अधिक संख्या में भक्तगण मौजूद रहे ।

मतदान के लिए पंजीकरण कराने को लेकर युवाओं को किया गया प्रेरित

गोरखपुर- गोला तहसील क्षेत्र स्थित बंशी चन्द पी जी कॉलेज चिलवा में शनिवार को युवाओं को मतदन हेतु पंजीकरण कराने कराने के लिए प्रेरित करते हुए महाविद्यालय के अधिकारी डॉ राणा सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि मतदाता लोक तंत्र की रीढ़ होती है। जागरूक मतदाता ही स्वस्थ्य सरकार के गठन में महत्व पूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है। प्रत्येक भारतीय को जिनकी उम्र 18 बर्ष हो चुकी हो वह अवश्य मतदाता पंजीकरण करावे। इसके लिए अपने गांव पर के बीएलओ से मिलकर फार्म 6 भरकर पंजीकरण करा लें। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डा कौशलेश मिश्रा व संचालन डा रोहित चन्द ने किया।

इस अवसर पर सन्तोष सिंह मृत्यंजय सिंह आनंद राय करुणेश मिश्रा सर्वदानंद शाही ममता शर्मा स्वेता दुबे सुरभि मिश्रा कमकेश यादव राम अधार सहित महा विद्यालय समस्त छात्र छात्राएं शिक्षक शिक्षिकाएं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।

रामलीला स्थल पर पहुच कर शत्रुघ्न कसौधन द्वारा भगवान की उतारी गई आरती

गोरखपुर। गोला उपनगर के स्वयंवर मैरेज हाल में चल रहे रामलीला में भाजपा जिला कोषाध्यक्ष शत्रुघ्न कसौधन ने पहुच कर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम, माता सीता लक्ष्मण, हनुमान की आरती किया।और रामलीला में भगवान की लीला का रोचक आनंद उठाया।

कसौधन ने कहा कि उपनगर गोला में बरसों से रामलीला का मंचन किया जा रहा है। जिसमें अपने नगर के लोगों का पूरा सहयोग रहता है।मां सरयू के आशीर्वाद से हमारे गोला नगर पंचायत जो छोटी अयोध्या के नाम से प्रसिद्ध है । इस मौके पर हम रामलीला आयोजन कमेटी के सभी लोगों को धन्यवाद देते हैं की जिन्होंने धार्मिक कार्य में हाथ बढ़ाए।

इस अवसर पर डॉ राजेश जायसवाल अनिरुद्ध कसौधन आदित्य जायसवाल अरविंद अग्रवाल सहित अधिक संख्या में दर्शन गण मौजूद रहे।

किसान वैज्ञानिक तकनीकी विधि से खेती करके बढ़ाएं उत्पादन: बीडीओ दिवाकर

गोलाबाजार, गोरखपुर। विकास परक योजनाओं के संचालित होने के कारण खेती योग्य जमीन का क्षेत्रफल घट रहा है। जनसंख्या बढ़ रही है जबकि हर नागरिक को भोजन उपलब्ध कराना वैज्ञानिक व सरकार एवं किसान भाइयों की जिम्मेदारी है। अधिकतम खाद्यान्न उत्पादन तभी संभव है जब आधुनिक कृषि यंत्रों उन्नतशील बीज व उर्वरक का प्रयोग कर खेती की जाए।

उक्त जानकारी विकास खंड बेलघाट परिसर में आयोजित किसान गोष्ठी में मुख्य अतिथि बीडीओ दिवाकर सिंह ने दी। आगे कहा कि किसान भाई सरकार की योजनाओं को अपनाकर देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाए।पुर्व अपर जिला कृषि अधिकारी रामअधार यादव ने गोष्ठी में खेती में आधुनिक कृषि यंत्रों व संतुलित उर्वरक का प्रयोग पर्यावरण का संरक्षण आदि पर विस्तार से दी जानकारी।

पशु चिकित्साधिकारी डाॅ आर के दर्शन ने पशुओं में लगने वाले रोग एवं निवारण तथा पशु पालन की योजनाओं की विस्तृत जानकारी दिया।प्रगतिशील किसान शांति सिंह ने महिलाओं से अनुरोध किया कि समूह बनाकर सब्जी की खेती करें और अपनी आय बढ़ाए। गोष्ठी में बृजेश शाही तारकेश्वर मिश्र मनोज चतुर्वेदी रणविजय कुमार कृष्ण कुमार ने खेती पशुपालन बीज शोधन प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि फसल बीमा आदि पर जानकारी दी।

अध्यक्षता रामदीन दुबे संचालन बृजेश शाही ने किया और धन्यवाद ज्ञापन सहायक विकास अधिकारी सुरेश वर्मा ने दिया। इस अवसर पर रीमा सिंह शांति सिंह राजलक्ष्मी शशि कला कंचन आधा सिंह अशोक नर्सिंग बृजेश शुक्ला बृजेश नंदन सहित अधिक संख्या में किसान गण मौजूद रहे।

सुरक्षा, संरक्षण व आत्मनिर्भरता की कुंजी हैं मिशन शक्ति,और मिशन वात्सल्य

गोरखपुर, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, संरक्षण और आत्मनिर्भता की कुंजी के तौर पर लागू की गयीं भारत सरकार की ‘मिशन शक्ति’ और ‘मिशन वात्सल्य’ योजनाओं को जमीन तक पहुंचाने की पहल पूरे प्रदेश में शुरू हो गयी है। इसके लिए प्रदेश के अलग अलग मंडलों में आयोजित हो रही मंडल स्तरीय कार्यशालाओं के प्लेटफार्म का उपयोग किया जा रहा है। इसी कड़ी में गोरखपुर मंडल की कार्यशाला कमिश्ननरेट सभागार परिसर में शुक्रवार को सम्पन्न हुई ।

गोरखपुर के मंडलायुक्त अनिल ढींगरा के तत्वावधान और महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक संदीप कौर, की अध्यक्षता में मंडल के सभी जिलों के प्रशासन, पुलिस व सहयोगी विभागों ने कार्यशाला में मजबूत कार्ययोजना बनाने के बारे में विमर्श किया। विषय विशेषज्ञों द्वारा दोनों योजनाओं के सभी पहलुओं के बारे में संबंधित विभागों का संवेदीकरण किया गया ।

कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए संदीप कौर ने कहा कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, संरक्षण और उत्थान की दिशा में कार्य कर रहे सभी सरकारी विभागों और स्वयंसेवी संस्थाओं के बीच कन्वर्जेंस को बढ़ाना है। प्रशासन की अगुवाई में पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल विकास सेवा और पुष्टाहार, खेलकूद और कौशल विकास समेत विभिन्न विभाग इन योजनाओं को ध्यान में रखते हुए मजबूत पहल करें ।

समाज में यह संदेश प्रमुखता से प्रसारित हो कि जिन महिलाओं और बच्चों के साथ कोई नहीं है, उनके साथ सरकार और उसके सभी विभाग खड़े हैं ।

राज्य सलाहकार नीरज मिश्र ने कहा कि मिशन वात्सल्य योजना को लागू करने में जिलाधिकारी की भूमिका काफी अहम है। जिले की बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष के तौर पर इस योजना के क्रियान्वयन और पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी जिलाधिकारी की ही है। उन्हें बाल कल्याण, बाल अधिकार और बाल संरक्षण के लिए कानूनों और प्रावधानों का क्रियान्वयन सुगम बनाना है।

विभिन्न योजनाओं का लाभ बच्चों और उनके परिवारों तक पहुंचे इसके लिए विशेष कार्यक्रमों में डीएम की भूमिका महत्वपूर्ण है। समाज कल्याण, दिव्यांगजन कल्याण, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन, शिक्षा विभाग, विधिक सेवा प्राधिकरण, कॉरपोरेट कार्य, आयुष, पुलिस, इलेक्ट्रॉनिक सूचना व प्रोद्यौगिकी, पंचायती राज, स्वास्थ्य विभाग, श्रम, न्याय, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार और खेलकूद विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करेंगे तो मिशन वात्सल्य का उद्देश्य साकार हो जाएगा।

बाल संरक्षण विशेषज्ञ सैयद मंसूर उमर कादरी ने कहा कि इन कार्यशालाओं से यह पहली बार हो रहा है की महिलाओं व बच्चों के संरक्षण और पुनर्वास हेतु एक साथ चर्चा कर रहे हैं। दोनो योजनाओं में असीमित संभावनाएं है जिनसे हम प्रदेश में बच्चों और महिलाओं से संबंधित संकेतकों में सुधार कर सकते हैं।

राज्य सलाहकार नीरज मिश्रा ने मिशन वात्सल्य के बारे में विस्तृत प्रस्तुति दी और बताया कि केंद्र सरकार की इस योजना का लक्ष्य कठिन परिस्थितियों वाले बच्चों की सहायता के साथ साथ उनके भरण पोषण की भी व्यवस्था करना है। यह नवाचारों के प्रोत्साहन के साथ साथ विभिन्न विभागों के मध्य कन्वर्जेंस पर जोर देती है।

वर्ष 2009 से पहले बालकों के संरक्षण के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने तीन योजनाएं लागू की थीं जिन्हें 2010 में एकीकृत बाल संरक्षण योजना में शामिल कर लिया । वर्ष 2017 में इस योजना का नाम बदल कर बाल संरक्षण सेवा योजना किया गया जिसे वर्ष 2021-22 में मिशन वात्सल्य का नाम दिया गया । यह बाल संरक्षण सेवाओं के लिए एक व्यापक योजना है।

वैधानिक निकायों की कार्यप्रणाली में सुधार, सेवा वितरण संरचना को मजबूत करना, उच्च स्तरीय संस्थागत देखभाल और सेवाएं, गैर संस्थागत समुदाय आधारित देखभाल को प्रोत्साहन, आपातकालीन आउटरीच सेवाएं और प्रशिक्षण एवं क्षमता वर्धन इसके प्रमुख अंग हैं।

राज्य सलाहकार प्रीतेश तिवारी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षण और सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति योजना के दो उपयोजनाओं संबल और सामर्थ्य का संचालन किया जा रहा है । संबल उप योजना के तहत वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और नारी अदालत जैसे घटकों का सहारा लिया जा रहा है ।

सामर्थ्य उप योजना के तहत श्रमजीवी महिलाओं के लिए सखी निवास, राष्ट्रीय शिशु गृह योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना और महिला सशक्तिकरण केंद्र (हब फॉर इम्पॉवरमेंट ऑफ वूमेन) का संचालन हो रहा है । ड्रिस्ट्रिक्ट हब फॉर वूमेन के जरिये महिलाओं के कल्याण पर जोर देने का प्रयास है। इसके जरिये महिलाओं और बालिकाओं से जुड़ी योजनाओं और कानूनों का प्रचार प्रसार करना है ।

इस तरह संबंधित योजनाओं तक उनकी पहुंच बनानी है। इसके लिए अन्य विभागों और स्टेकहोल्डर्स से समन्वय बनाना होगा। उन्होंने बताया कि वन स्टॉप सेंटर के जरिये प्रदेश में वर्ष 2016-17 से अब तक 1.60 लाख केस संदर्भित हुए हैं। इस सेंटर के जरिये हिंसा पीड़ित महिलाओं को एक ही छत के नीचे अल्प प्रवास (पांच दिन), चिकित्सकीय सहायता, परामर्श सेवाएं, विधिक सहायता और पुलिस सहायता सभी 75 जनपदों में दी जा रही हैं।

विभाग के राज्य सलाहकार प्रीतेश कुमार तिवारी ने मिशन शक्ति योजना के बारे में प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि यह योजना भारत सरकार की महिला नेतृत्व आधारित विकास की प्रतिबद्धता को साकार रूप देगी। इसका उद्देश्य संकटग्रस्त एवं हिंसा, दुर्व्यवहार, शोषण से प्रभावित महिलाओं और लड़कियों को तत्काल व्यापक सहायता, देखभाल और समर्थन देना है।

लिंग चयनात्मक विधियों को रोकने और उन्मूलन के लिए बच्चियों के अस्तित्व, संरक्षण, शिक्षा और विकास को यह सुनिश्चित करेगी। इस योजना के जरिये महिलाओं और लड़कियों के प्रति सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन लाने के लिए जनता के बीच जागरूकता पैदा करना है।

योजना के तहत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और कन्या सुमंगला योजना का कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है जिनका उद्देश्य बालिकाओं के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच का विकास है। पति की मृत्यु पर निराश्रित महिला पेंशन का भी प्रावधान है जिसमें लाभार्थी की अधिकतम आयु सीमा भी समाप्त कर दी गयी है । इसके लाभार्थियों की वार्षिक आय दो लाख तक होनी चाहिए।

कार्यशाला के दौरान आली संस्था की निदेशक एडवोकेट रेनू मिश्रा और ओंकार नाथ तिवारी ने सभी पहुलओं के बारे में प्रतिभागियों की शंकाओं का समाधान किया। किशोर न्याय, पॉक्सो, बाल विवाह, बाल श्रम, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण और पॉश अधिनियम के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी और सवाल पूछे गये।

कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक दिलीप कुमार ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। मिशन शक्ति और मिशन वात्सल्य संबंधी लघु फिल्मों का भी प्रदर्शन किया गया ।

कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से गोरखपुर मंडल के सभी जिलों के जिलाधिकारी भी जुड़े और कार्यशाला को सम्बोधित किया । अन्य जनपदों के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न विभागों के अधिकारी और प्रतिनिधिगण भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।

कार्यक्रम का संचालन महराजगंज जनपद के जिला प्रोबेशन अधिकारी ध्रुव चंद त्रिपाठी ने किया । आयोजन में जिला प्रोबेशन अधिकारी गोरखपुर समर बहादुर, डी टी आर पी नीरज शर्मा सहित जिला बाल संरक्षण इकाई गोरखपुर और हब फॉर वूमेन इम्पॉवरमेंट गोरखपुर ने विशेष सहयोग किया।

चेहरा देखकर योजनाओं का लाभ देती थीं पूर्व की सरकारें : सीएम योगी

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ ने कहा है कि 2014 के पूर्व की सरकारें जाति, मत, मजहब और चेहरा देखकर योजनाओं का लाभ देती थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में विकास की योजनाओं का लाभ हर गरीब, वंचित, दलित, महिला, नौजवान, अन्नदाता किसान को बिना भेदभाव और पूरी तत्परता से प्राप्त हो रहा है।

 इन योजनाओं के लाभार्थियों में अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों की बड़ी भागीदारी है। 

सीएम योगी शुक्रवार को 271 करोड़ रुपये की लागत वाली 140 विकास परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास समारोह व भाजपा के क्षेत्रीय अनुसूचित वर्ग महासम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। चंपा देवी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम योगी ने कहा कि आज देश, प्रदेश में व्यापक परिवर्तन आया है। हर व्यक्ति मत, पंथ, जाति, मजहब से ऊपर उठकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार और कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए पूरी तत्परता के साथ खड़ा है। यह अवसर बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का भी है।

 अभी 26 नवंबर की तिथि आएगी। इसी दिन बाबा साहब ने भारत के संविधान को लिखने का कार्य पूरा किया था। और, इस तिथि को प्रधानमंत्री ने संविधान दिवस के रूप में मनाना प्रारंभ किया है। बाबा साहब के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करना हर भारतीय का दायित्व है। 

सीएम योगी ने कहा कि डॉ अंबेडकर के प्रति भावों को व्यक्त करने के लिए, उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को दुनिया के सामने लाने का सशक्त माध्यम प्रदान करने का काम पीएम मोदी ने किया है।

 पीएम मोदी बाबा साहब से जुड़े पावन स्थलों को आने वाली पीढ़ी की प्रेरणा के लिए तीर्थ के रूप में स्थापित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में 15 नवंबर को जनजाति दिवस मनाने की भी बात कही। 

गरीबों, वंचितों को योजनाओं का लाभ बाबा साहब के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन

अनुसूचित वर्ग के क्षेत्रीय महासम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की तरफ से गरीबों, वंचितों को योजनाओं का लाभ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन के रूप में हैं। उन्होंने पीएम आवास समेत कई योजनाओं की उपलब्धियों का विस्तार से उल्लेख किया।

 बताया कि उत्तर प्रदेश में करीब साढ़े तीन करोड़ गरीबों को शौचालय मिले हैं जबकि देश के अंदर 10 करोड़ गरीबों को इस योजना का लाभ मिला है। इसी तरह यूपी में 15 करोड़ तथा देश मे 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है। उत्तर प्रदेश के अंदर एक करोड़ 75 लाख गरीबों को फ्री में रसोई गैस कनेक्शन मिले तो देश के अंदर यह संख्या 9 करोड़ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को दीपावली और होली में एक-एक फ्री गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने जा रही है।

पीएम स्वनिधि और स्वामित्व योजना से हो रहा गरीबों का उत्थान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम स्वनिधि योजना और स्वामित्व योजना को गरीबों का उत्थान करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि पीएम सम्मान निधि में सर्वाधिक लाभार्थी महिलाएं और अनुसूचित जाति के लोग हैं। यूपी में 14 लाख गरीबों को इस योजना से जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है। 

इसी तरह प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना से जिसका जहां मकान है, जमीन का पट्टा उसके नाम दिया जा रहा है। योजना से 75 लाख गरीबों, जिनमें बड़ी संख्या अनुसूचित जाति के लोगों की है, को लाभ मिल चुका है। सरकार दिसंबर 2023 तक एक करोड़ 25 लाख गरीबों को योजना के साथ जोड़ने के लिए आगे बढ़ रही है।

परिवर्तन का माध्यम बनती हैं विकास की योजनाएं

271 करोड रुपये के विकास कार्यों की सौगात का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की योजनाएं प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन लाने का माध्यम बनती हैं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जिन कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास हुआ है, वह पेयजल, सड़क, ड्रेनेज, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सभी बुनियादी जरूरतों से जुड़ी हैं।

 उन्होंने कहा कि आज बिना भेदभाव शासन की विकास व जन कल्याण वाली योजनाओं का लाभ हर गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं को पहुंचाने का कार्य हो रहा है। डबल इंजन की सरकार में योजनाओं का लाभ भी डबल स्पीड से मिल रहा है।

इंसेफेलाइटिस से पीड़ितों में थी दलितों की सर्वाधिक संख्या

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से प्रतिवर्ष 1200 से 1500 तक होने वाली मौतों का जिक्र करते हुए कहा कि पीड़ितों में सर्वाधिक संख्या अनुसूचित जाति और जनजाति के बच्चों की होती थी। आज डबल इंजन की सरकार ने इंसेफेलाइटिस को समाप्त कर बच्चों को जीने का अधिकार दिया है। 

एससी युवाओं को विदेश तक पढ़ने को छात्रवृत्ति देगी सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार ने तय किया है हर जनपद में अनुसूचित जाति और जनजाति के बच्चों को अभ्युदय कोचिंग के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया जाएगा। कोई भी अपने आप को उपेक्षित महसूस नहीं कर पाएगा।

 उन्होंने कहा कि सरकार ने यह निर्णय भी लिया है कि उच्च शिक्षा के लिए देश के किसी भी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय या दुनिया के किसी भी बड़े संस्थान में अनुसूचित जाति का युवा पढ़ने के लिए जाएगा तो सरकार उसे छात्रवृत्ति देगी। इसके लिए लखनऊ में बाबा साहब अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र के निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर आगे बढ़ रहा है।

दलित महापुरुषों को किया नमन, दीं दिवाली व छठ की शुभकामनाएं

अनुसूचित वर्ग के क्षेत्रीय महासम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महर्षि वाल्मीकि समेत प्राचीन, वैदिक, मध्य व आधुनिक काल के दलित महापुरुषों को नमन करने के साथ ही सभी लोगों को दीपावली व छठ पर्व की शुभकामनाएं भी दीं। 

गरीबों का उत्थान करने वाली है मोदी-योगी सरकार : भूपेंद्र चौधरी

अनुसूचित वर्ग महासम्मेलन में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि गैर भाजपा सरकारों में भ्रष्टाचार का बोलबाला होता था। कांग्रेस गरीबी हटाओ का नारा लगाती थी लेकिन गरीबों को ही हटाने पर लग जाती थी। जबकि मोदी-योगी सरकार गरीबों का उत्थान करने वाली सरकार है। उन्होंने कहा कि 2017 के पहले उत्तर प्रदेश अराजकता की चपेट में था।

 दलितों के साथ शोषण, उत्पीड़न आम बात थी। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश विकास और जन कल्याण के कार्यों में अग्रणी है। 

सम्मेलन को केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी, केंद्रीय आवास राज्यमंत्री कौशल किशोर, प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण, राज्यमंत्री विजयलक्ष्मी गौतम सांसद रविकिशन शुक्ल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सांसद बृजलाल, रमापति राम त्रिपाठी, जगदम्बिका पाल, कमलेश पासवान समेत गोरखपुर क्षेत्र के सांसदगण, विधायकगण, भाजपा अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया, भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय, प्रदेश, जिला इकाइयों के पदाधिकारियों व बड़ी संख्या में जनता की सहभागिता रही। 

 भुलई भाई को सम्मानित किया मुख्यमंत्री ने

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वयोवृद्ध पूर्व विधायक भुलई भाई को सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने आयुष्मान योजना, कृषि विभाग, पीएम आवास योजना, पीएम रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, ओडीओपी योजना के लाभार्थियों को भी मंच पर सम्मानित किया। 

89 विकास कार्यों का लोकार्पण व 51 का शिलान्यास किया सीएम ने

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को चंपा देवी पार्क मैदान से छह कार्यदायी संस्थाओं की 221.10 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण 89 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण तथा आठ कार्यदायी संस्थाओं की 49.48 करोड़ रुपये की लागत वाली 51 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। 

लोकार्पित होने वाली विकास परियोजनाओं में सर्वाधिक संख्या उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) की रही। कुल 50 परियोजनाओं पर 184 करोड़ 90 लाख 36 हजार रुपये खर्च कर 50 ग्राम पंचायतों में घर-घर नल से शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। पेयजल की इन नई परियोजनाओं से पिपराइच, कैम्पियरगंज, गोरखपुर ग्रामीण, चिल्लूपार, खजनी, चौरीचौरा, बांसगांव विधानसभा क्षेत्रों के लोगों को नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा।

गांव की चौपाल में नहीं पहुंचे ग्रामवासी,कुछ गिने चुने लोगों को दी गई जानकारी

खजनी गोरखपुर।ब्लॉक क्षेत्र के झुड़ियां गांव में चौपाल का आयोजन किया गया। जिसमें कुछेक गिने चुने गांव के लोग ही पहुंचे। लगभग आधा दर्जन गांव के 5 लोगों ने राशन न मिलने, तथा आधा दर्जन लोगों ने पेंशन और किसान सम्मान निधि नहीं मिलने से संबंधित शिकायतें की अधिकारियों ने समस्याओं की जांच के बाद उनका समाधान कराने का आश्वासन दिया।

दरअसल तय कार्यक्रम के अनुसार चौपाल की अध्यक्षता जिले के मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा को करनी थी, किन्तु अपरिहार्य कारणों से उनके अनुपस्थित रहने पर खजनी ब्लाॅक के सहायक विकास अधिकारी पंचायत राजीव दूबे की अध्यक्षता में चौपाल का आयोजन किया गया।

 वरिष्ठ जनपदीय अधिकारी के न पहुंचने की सूचना मिलने पर गांव के लोगों ने चौपाल में पहुंचने की जहमत नहीं उठाई। जिससे चौपाल में लगी ज्यादातर कुर्सियां खाली नजर आईं। इस दौरान सहायक विकास अधिकारी कृषि कमलेश सिंह के द्वारा उपस्थित किसानों को पराली प्रबंधन खेतों में धान की पराली न जलाने की अपील करते हुए। 

कृषि उपकरणों पर सरकार के द्वारा दी जा रही छूट तथा सरकारी कृषि बीज गोदाम भरोहियां में उपलब्ध रबी की फसलों के बीजों उन पर दी जाने वाली सब्सिडी की विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। साथ ही ग्रामसभा के सचिव सतीश चंद्र यादव ने गांव में हुए विकास कार्यों संपर्क मार्गों,नाली,सोख्ता,सरकारी स्कूल के कायाकल्प,आवास एवं अन्य निर्माण कार्यों के संदर्भ में बताया गया।

 इस दौरान ग्रामप्रधान अमित राम त्रिपाठी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

बता दें कि झुड़ियां गांव पूर्व सांसद स्वर्गीय शरद त्रिपाठी एवं देवरिया के वर्तमान सांसद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ.रमापति राम त्रिपाठी का पैतृक गांव है, किंतु गांव में लगी चौपाल के दौरान ज्यादातर ग्रामीणों की अनुपस्थिति रही।

सतत ग्रामीण विकास को पारिस्थितिकी अनुकूल प्रौद्योगिकी जरूरी: मुख्यमंत्री

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के साथ सतत ग्रामीण विकास के लिए पारिस्थितिकी अनुकूल प्रौद्योगिकी को अपनाना जरूरी है। यह कोई आवश्यक नहीं यूरोप का कोई विकास मॉडल उत्तर प्रदेश के लिए भी कारगर हो। तकनीकी आज की आवश्यकता है, पर पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए प्राचीन देसी पद्धतियों से जोड़कर इसे आगे बढ़ाना होगा।

सीएम योगी शुक्रवार को दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 'पर्यावरण, प्रौद्योगिकी और सतत ग्रामीण विकास' विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन कर रहे थे। इस संगोष्ठी का आयोजन महाविद्यालय के भूगोल विभाग की तरफ से, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सहयोग से किया जा रहा है। बतौर मुख्य अतिथि उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण जल, भूमि, जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों का समन्वित रूप है। यदि भूमि रहने लायक न रहे, जल पीने लायक न रहे, जीव-जंतुओं का अस्तित्व संकट में रहे तो प्रौद्योगिकी का क्या महत्व रहेगा। पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को सरकार या संस्थानों के भरोसे छोड़ दिया जाता है। जैसे नगरों में कूड़ा प्रबंधन को नगरीय निकायों की जिम्मेदारी मान ली जाती है। जबकि यह नागरिक जिम्मेदारी ज्यादा है। साथ ही इसमें महत्वपूर्ण आयाम यह है कि इसमें प्रौद्योगिकी के योगदान को बेहतर कैसे बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और संस्थानों के साथ समाज की भी जिम्मेदारी है कि वह पर्यावरण की रक्षा के लिए आगे आए। उसके अनुकूल प्रौद्योगिकी अपनाए। इसके लिए नई प्रौद्योगिकी को देसी तकनीकी से जोड़कर जैव परिस्थिति के अनुकूल बनाकर अपनाना होगा।

भारतीय समाज प्राचीनकाल से ही पर्यावरण के लिए संवेदनशील

सीएम योगी ने कहा कि भारतीय समाज प्राचीनकाल से ही पर्यावरण के लिए संवेदनशील रहा है। भारतीय मनीषा ने पृथ्वी को माता की संज्ञा दी है और कोई भी पुत्र मां पर प्रहार स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने दुनिया के लिए सतत विकास लक्ष्य तय किए। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के साथ पर्यावरण को भी सम्मिलित किया गया। इन लक्ष्यों को 2030 तक प्राप्त करने को लेकर सभी देशों के प्रयास पर जोर दिया गया है।

महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य मॉडल को अपनाने पर जोर

मुख्यमंत्री ने आज के दौर में सतत ग्रामीण विकास के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य के मॉडल को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस मॉडल में सरकार पर निर्भर रहने की बजाय ग्रामीणों के पारस्परिक सहयोग से कूड़ा प्रबंधन से लेकर ग्रामीण जीवन के स्वावलंबन का विजन है।

उन्होंने जल संचयन के लिए तालाबों के संरक्षण के प्राचीन पद्धति का उल्लेख करते हुए कहा कि गांवों में तालाब आदि का जल प्रदूषित होने से इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी सामने आई। इससे 40 वर्ष में करीब 50 हजार बच्चों की असामयिक मृत्यु हो गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के लिए नकारात्मक मॉडल से बचना होगा। सीएम ने कहा कि बैग लेकर जाने की बजाय पॉलीथिन में सामान लेकर आने की प्रवृत्ति से गंदगी, नाली जाम और गोवंश के बीमार होने की समस्या खड़ी हो रही है। पॉलीथिन वर्षों तक पर्यावरण के लिए चुनौती है।

नमामि गंगे परियोजना से कम हुआ नदी का प्रदूषण

मुख्यमंत्री ने जल प्रदूषण पर नियंत्रण और जल संरक्षण के लिए नमामि गंगे परियोजना और पंजाब के संत सींचेवाल मॉडल का भी विस्तार से उल्लेख किया। कहा कि 2016 में नमामि गंगे परियोजना लागू होने के बाद गंगा जल की शुद्धता, अविरलता और निर्मलता बढ़ी है। गांगेय डॉल्फिन जैसे जलीय जीव फिर से दिखाई दे रही हैं। गंगा नदी में स्नान करने से अब चकत्ते नहीं पड़ रहे हैं। कुल मिलाकर गंगा नदी का प्रदूषण काफी हद तक कम हुआ है। इसी तरह संत सींचेवाल के मॉडल से जल की शुद्धि का देसी और प्रभावी तरीका एक बार फिर सबके सामने आया है।

पराली संकट से गैस का चैंबर बनती जा रही है दिल्ली

पराली जलाने की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पांच-छह राज्यों को नोटिस जारी की है। पराली जलाने की समस्या से दिल्ली गैस का चैंबर बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में विकास व समय के अनुरूप तकनीकी न विकसित करने से पराली पर्यावरण और धरती की उर्वरा शक्ति के लिए खतरा बन गई। यदि कम्बाइन के साथ रैपर भी लगा दिया जाता तो पराली के छोटे-छोटे टुकड़े मिट्टी में ही सड़कर ग्रीन कम्पोस्ट बन जाते।

पीएम मोदी का लक्ष्य, 2070 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2070 तक भारत में जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। उनका स्वच्छ भारत मिशन भी पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता का प्रतीक है जिसमें ग्रामीणों को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति आग्रही बनाया गया।

सतत विकास के लिए नवाचारों पर ध्यान देना होगा : प्रो पूनम टंडन

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टंडन ने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों में समाज, देश दुनिया के लिए उपयोगी विषयों पर चर्चा होनी चाहिए। पर्यावरण, प्रौद्योगिकी और सतत विकास एक ऐसा ही उपयोगी विषय है। उन्होंने कहा कि रोज तेजी से बदल रही दुनिया में प्रौद्योगिकी एक दोधारी तलवार जैसी है। इसके फायदे हैं तो नुकसान भी। प्रौद्योगिकी से होने वाले नुकसान को कम करने व सतत विकास के लिए नवाचारों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। अच्छी बात यह है कि देश व प्रदेश में शासन की तरफ से नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

प्रौद्योगिकी और पर्यावरण के बीच अंतरसंबंध सुधारने की जरूरत : प्रो वीएन शर्मा

विशिष्ट अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रो वीएन शर्मा ने कहा कि प्रौद्योगिकी मानव निर्मित है, जबकि पर्यावरण जैव विविधता का भंडार होने के साथ स्वयं निर्मित है। प्रौद्योगिकी से पर्यावरण का संरक्षण होना चाहिए, न की इसका शोषण। प्रौद्योगिकी और पर्यावरण के सामंजस्य से होने वाला विकास सतत या टिकाऊ रहे, इसके लिए दोनों के बीच अंतरसंबंध को सुधारने पर भी लगातार ध्यान देना होगा।

दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ ओमप्रकाश सिंह ने स्वागत संबोधन के साथ राष्ट्रीय संगोष्ठी की प्रस्ताविकी प्रस्तुत की। इस अवसर पर सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के पदाधिकारी एवं सदस्य, राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रतिभागी, शिक्षक व बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय संगोष्ठी की स्मारिका का विमोचन भी किया।