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गाजा पट्टी”41 किलोमीटर लंबा जमीन का टुकड़ा, जिसके लिए इजरायल-हमास में दशकों से चल रहा खूनी संघर्ष

#whatisgaza_strip 

इजरायल और फलस्‍तीनी आतंकी गुट हमास के बीच गाजा पट्टी में भीषण युद्ध जारी है। दोनों देश एक दूसरे को मिटा देने पर अमादा नजर आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक इस युद्ध में अभी तक दोनों पक्षों के लगभग 1000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक युद्ध में अब तक इजराइल के 700 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और लगभग 2150 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इतना ही नहीं, हमास ने इजराइल के लगभग 100 लोगों को बंदी भी बना लिया है। वहीं,पिछले 2 दिनों में हमास के करीब 370 लोग मारे गए हैं और करीब 2200 लोग इस युद्ध में घायल हुए हैं।क्या आपको पता है इस खूनी संषर्ष की एक बड़ी वजह है 41 किलोमीटर लंबा जमीन का टुकड़ा, जिसके गाजा पट्टी के नाम से जानते हैं। 

क्या है गाजा पट्टी?

बता दें कि गाजा पट्टी, मिस्र, इजरायल और भूमध्य सागर के बीच स्थित एक छोटा सा एरिया है। यह दुनिया की सबसे ज्यादा घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है। आतंकी संगठन हमास गाजा पट्टी से ही ऑपरेट होता है और इजरायल पर अटैक कर रहा है। गाजा पट्टी की लंबाई करीब 41 किलोमीटर और चौड़ाई 6 से 12 किलोमीटर की है। गाजा पट्टी की जनसंख्या 20 लाख से ज्यादा है। बताया जाता है कि यहां हर वर्ग किलोमीटर में करीब 400 लोग रहते हैं।गाजा पट्टी में रहने वाले अधिकतर लोग फिलिस्तीनी हैं। इनमें शरणार्थी और मूल निवासी दोनों शामिल हैं। 

गाजा पट्टी का इतिहास

इजरायल की स्थापना 1948 में हुई थी और तभी से इजरायल-फिलिस्तीन के बीच संघर्ष शुरू हो गया था। 1948 में इज़रायल के निर्माण के बाद, मिस्र ने लगभग दो दशकों तक गाजा पट्टी पर नियंत्रण किया। 1967 के 6 दिवसीय युद्ध में अपने अरब पड़ोसियों के खिलाफ इज़रायल की जीत के बाद उसने गाजा पट्टी और पश्चिमी किनारे पर नियंत्रण हासिल कर लिया। अगले 38 वर्षों के लिए इजरायल ने गाजा पट्टी को नियंत्रित किया और 21 यहूदी बस्तियों का निर्माण किया। साल 2005 में, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दबाव में, इज़रायल ने गाजा से लगभग 9,000 इज़राइली बसने वालों और अपने सैन्य बलों को वहां से वापस बुला लिया। इससे गाजा पट्टी को फलस्‍तीनी प्राधिकरण द्वारा शासित किया जाना था, जो पश्चिम बैंक के कुछ हिस्सों को भी नियंत्रित करती है।

वर्तमान में गाजा पट्टी के हालात*

गाजा पट्टी पर हमास ने साल 2007 में शासन शुरू किया था। हमास ने साल 2007 में गाजा में चुनाव जीतने के बाद वहां नियंत्रण कर लिया। उसके बाद से कोई चुनाव नहीं हुआ है। संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार समूहों की अपील के बावजूद, इज़रायल ने 2007 से गाजा पर जमीन, हवा और समुद्री नाकाबंदी बनाए रखी है जिसका फलस्‍तीनी व‍िरोध कर रहे हैं। इजरायल का कहना है कि नाकाबंदी, जो उसे गाजा की सीमाओं पर नियंत्रण देती है और मिस्र द्वारा भी लागू की जाती है। उसका कहना है कि इजरायली नागरिकों को हमास से बचाने के लिए यह नाकेबंदी आवश्यक है।इसके बाद हमास और इजायल के बीच कई बार भीषण लड़ाई हो चुकी है।

*“गाजा पट्टी”41 किलोमीटर लंबा जमीन का टुकड़ा, जिसके लिए इजरायल-हमास में दशकों से चल रहा खूनी संघर्ष*

#whatisgaza_strip 

इजरायल और फलस्‍तीनी आतंकी गुट हमास के बीच गाजा पट्टी में भीषण युद्ध जारी है। दोनों देश एक दूसरे को मिटा देने पर अमादा नजर आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक इस युद्ध में अभी तक दोनों पक्षों के लगभग 1000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक युद्ध में अब तक इजराइल के 700 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और लगभग 2150 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इतना ही नहीं, हमास ने इजराइल के लगभग 100 लोगों को बंदी भी बना लिया है। वहीं,पिछले 2 दिनों में हमास के करीब 370 लोग मारे गए हैं और करीब 2200 लोग इस युद्ध में घायल हुए हैं।क्या आपको पता है इस खूनी संषर्ष की एक बड़ी वजह है 41 किलोमीटर लंबा जमीन का टुकड़ा, जिसके गाजा पट्टी के नाम से जानते हैं। 

क्या है गाजा पट्टी?

बता दें कि गाजा पट्टी, मिस्र, इजरायल और भूमध्य सागर के बीच स्थित एक छोटा सा एरिया है। यह दुनिया की सबसे ज्यादा घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है। आतंकी संगठन हमास गाजा पट्टी से ही ऑपरेट होता है और इजरायल पर अटैक कर रहा है। गाजा पट्टी की लंबाई करीब 41 किलोमीटर और चौड़ाई 6 से 12 किलोमीटर की है। गाजा पट्टी की जनसंख्या 20 लाख से ज्यादा है। बताया जाता है कि यहां हर वर्ग किलोमीटर में करीब 400 लोग रहते हैं।गाजा पट्टी में रहने वाले अधिकतर लोग फिलिस्तीनी हैं। इनमें शरणार्थी और मूल निवासी दोनों शामिल हैं। 

गाजा पट्टी का इतिहास

इजरायल की स्थापना 1948 में हुई थी और तभी से इजरायल-फिलिस्तीन के बीच संघर्ष शुरू हो गया था। 1948 में इज़रायल के निर्माण के बाद, मिस्र ने लगभग दो दशकों तक गाजा पट्टी पर नियंत्रण किया। 1967 के 6 दिवसीय युद्ध में अपने अरब पड़ोसियों के खिलाफ इज़रायल की जीत के बाद उसने गाजा पट्टी और पश्चिमी किनारे पर नियंत्रण हासिल कर लिया। अगले 38 वर्षों के लिए इजरायल ने गाजा पट्टी को नियंत्रित किया और 21 यहूदी बस्तियों का निर्माण किया। साल 2005 में, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दबाव में, इज़रायल ने गाजा से लगभग 9,000 इज़राइली बसने वालों और अपने सैन्य बलों को वहां से वापस बुला लिया। इससे गाजा पट्टी को फलस्‍तीनी प्राधिकरण द्वारा शासित किया जाना था, जो पश्चिम बैंक के कुछ हिस्सों को भी नियंत्रित करती है।

वर्तमान में गाजा पट्टी के हालात

गाजा पट्टी पर हमास ने साल 2007 में शासन शुरू किया था। हमास ने साल 2007 में गाजा में चुनाव जीतने के बाद वहां नियंत्रण कर लिया। उसके बाद से कोई चुनाव नहीं हुआ है। संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार समूहों की अपील के बावजूद, इज़रायल ने 2007 से गाजा पर जमीन, हवा और समुद्री नाकाबंदी बनाए रखी है जिसका फलस्‍तीनी व‍िरोध कर रहे हैं। इजरायल का कहना है कि नाकाबंदी, जो उसे गाजा की सीमाओं पर नियंत्रण देती है और मिस्र द्वारा भी लागू की जाती है। उसका कहना है कि इजरायली नागरिकों को हमास से बचाने के लिए यह नाकेबंदी आवश्यक है।इसके बाद हमास और इजायल के बीच कई बार भीषण लड़ाई हो चुकी है।

*एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान, पांच राज्यों के नतीजे तीन दिसंबर को, जानें पूरा शेड्यू

#assemblyelectiondateannouncementbyecimprajasthanchhattisgarhtelanganamizoram 

मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। इन राज्यों में 7 नवंबर से चुनाव शुरू होंगे जो 30 नवंबर तक चलेंगे।सभी राज्यों के नतीजे एक साथ 3 दिसंबर को आएंगे।आयोग के इस ऐलान के बाद पांचों राज्यों में आदर्श आचार सहिंता भी लागू हो गई है। इसका मतलब यह हुआ है कि अब यहां सरकारें किसी भी नए काम को शुरू नहीं कर पाएंगी। इसके साथ ही सरकार और प्रशासन चुनाव आयोग के हाथ में चला जाएगा। जिलों के डीएम चुनाव अधिकारी बन जाएंगे और इन राज्यों में प्रशासनिक फेरबदल या जिम्मेदारियों में बदलाव भी अब चुनाव आयोग ही करेगा। 

मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनावी कार्यक्रम की घोषणा करते हुए बताया कि तेलंगाना, राजस्थान मध्य प्रदेश और मिजोरम में एक ही चरण में चुनाव होंगे। वहीं नक्सल प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव संपन्न कराए जाएंगे।आयोग ने बताया कि मध्य प्रदेश में एक ही चरण में 17 नवंबर को मतदान होंगे। राजस्थान में 23 नवंबर, छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर और 17 नवंबर को मतदान होंगे, तेलंगाना में एक ही चरण में सभी सीटों पर 30 नवंबर को मतदान होंगे और मिजोरम की सभी सीटों पर 7 नवंबर को वोटिंग होगी। सभी राज्यों के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे।

कुल 16.14 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इन चुनावों में कुल 16.14 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे, जिनमें 8.2 करोड़ पुरुष मतदाता और 7.8 करोड़ महिला मतदाता होंगे। इस बार 60.2 लाख नए मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। इसके साथ ही उन्होंने राज्यवार आंकड़ा पेश करते हुए बताया कि मध्य प्रदेश में 5.6 करोड़, राजस्थान में 5.25 करोड़, तेलंगाना में 3.17 करोड़, छत्तीसगढ़ में 2.03 करोड़ वोटर, जबकि मिजोरम में 8.52 लाख वोटर अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।

पांचो राज्यों में कुल 17,734 मॉडल मतदान केंद्र

चुनाव आयोग ने बताया कि पांचो राज्यों में कुल 17,734 मॉडल मतदान केंद्र होंगे। जहां 621 मतदान केंद्रों का प्रबंधन पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा 8,192 पीएस पर महिलाएं कमान संभालेंगी। वहीं मध्य प्रदेश में आदिवासियों के लिए आरक्षित वन क्षेत्रों/अभयारण्यों में मतदान केंद्र स्थापित किये जायेंगे। इसके साथ ही मिजोरम में मतदान दल 22 गैर मोटर योग्य पीएस और 19 नदी मतदान केंद्रों से नाव द्वारा पैदल यात्रा करेंगे।

दिव्यांगों को घर पर मिलेगी वोटिंग की सुविधा

दिल्ली: छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिज़ोरम के आगामी विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, PwD के कुल मतदाताओं की संख्या 17.34 लाख है, अगर वे मतदान केंद्र पर आकर मतदान नहीं कर सकते हैं तो उन्हें उनके घर से भी मतदान करने की सुविधा मिलेगी।

अपराधिक उम्मीदवार को टिकट देने का कारण पार्टी को होगा बताना

वहीं अब अपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को तीन बार विज्ञापन देकर अपने अपराधिक रिकॉर्ड के बारे में बताना होगा। इसके साथ ही ऐसे उम्मीदवारों को चुनने के लिए पार्टी को भी कारण बताना होगा। चुनाव आयोग ने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और प्रलोभन-मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों की जागरूकता और सहयोग महत्वपूर्ण है।

*शाहरुख खान को मिली Y+ सिक्योरिटी, लाइफ थ्रेट के फोन कॉल आने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने बढ़ाई सुरक्षा*

#shahrukhkhangetsyplussecurity

बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान इस समय बॉक्स ऑफिस के बादशाह बने हुए हैं। उनकी फिल्म जवान ने कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह शाहरुख की इस साल की दूसरी फिल्म है, जो ब्लॉकबस्टर साबित हुई है। इस साल जनवरी में रिलीज हुई फिल्म ‘पठान’ ने भी बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई की थी। इन सबके बीच खबर आ रही है कि शाहरुख खान की जान को खतरा है।खतरे की आशंका देखते हुए शाहरुख को Y+ सुरक्षा दी गई है।

इस सुरक्षा के लिए सरकार को पैसे देने होंगे

दरअसल, शाहरुख ने राज्य सरकार को एक लिखित शिकायत दी थी कि उनकी फिल्म पठान और जवान की सफलता के बाद उन्हें धमकी भरे फोन कॉल आ रहे हैं। जिसके बाद राज्य सरकार ने उनकी सुरक्षा बढ़ाने का ये फैसला लिया है।शाहरुख खान की लिखित शिकायत के बाद राज्य सरकार के कहने पर आईजी ने वीआईपी सिक्योरिटी का आदेश दिया है और एक्टर की सुरक्षा को बढ़ाने को कहा। शाहरुख खान की ये सुरक्षा पेड होगी। यानी इसके लिए उन्हें सरकार को पैसे देने होंगे।

अंडरवर्ल्ड और गैंगस्टार के निशाने पर शाहरूख

शाहरुख खान को मुंबई पुलिस द्वारा मुहैया कराई गई Y+ सिक्योरिटी में 6 पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर और 5 वेपन्स के साथ 24 घंटे शाहरुख खान के साथ रहेंगे।इससे पहले सिर्फ 2 पुलिस वाले ही उनकी सिक्योरिटी में थे।दरअसल पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी की शाहरूख खान को जान का खतरा है। हाल ही में उनकी फिल्म पठान और जवान के हिट होने के बाद शाहरुख अंडरवर्ल्ड और गैंगस्टार के निशाने पर है।वीआईपी सिक्योरिटी के स्पेशल आईजीपी दिलीप सावंत ने इस मामले में एक नोटिस जारी किया था।

सलमान खान को पिछले साल दी गई थी Y+ सुरक्षा

बता दें कि इससे पहले बॉलीवुड एक्टर सलमान खान को पिछले साल Y+ सुरक्षा सिक्योरिटी प्रोवाइड की गई थी। पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में कथित रूप से शामिल लॉरेंस बिश्नोई गैंग से लगातार मिल रही कथित धमकियों को देखते हुए अभिनेता सलमान खान की सुरक्षा को मौजूदा एक्स श्रेणी से बढ़ाकर Y+ कर दिया गया था।

खालिस्तान आतंकी निज्जर की हत्या में चीन का हाथ! भारत को बदनाम करने के लिए ड्रैगन ने रची साजिश, चीनी ब्लॉगर का दावा

#independent_blogger_jennifer_zeng_alleges_china_hand_in_nijjar_killing

कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या एक बड़ा सवाल बना हुआ है। ये वो सवाल है जिसने भारत-कनाडा के रिश्ते खराब कर दिए हैं। इस बीच इस पूरी कहानी में एक नया मोड़ आया है। दरअसल, जहां कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर मढ़ा है। वहीं, अब एक स्वतंत्र ब्लॉगर जेनिपर जेंग ने इसे लेकर नया दावा किया है। उन्होंने खालिस्तानी समर्थक की हत्या के पीछे चीन का हाथ बताया है। जेनिफर जेंग का आरोप है कि निज्जर की हत्या के बाद चीन का उद्देश्य भारत और पश्चिम के बीच कलह पैदा करके भारत को फंसाना था।

जेनिफर ज़ेंग एक चीनी मूल की अधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार हैं जो वर्तमान में अमेरिका में रह रही हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ज़ेंग ने निज्जर की मौत को हत्या करार देते हुए कहा, 'आज कनाडा में सिख धार्मिक नेता हरदीप सिंह निज्जर की ‘हत्या’ के बारे में चौंकाने वाले खुलासे सीसीपी के भीतर से सामने आए हैं। यह आरोप लगाया गया है कि 'हत्या' सीसीपी एजेंटों द्वारा की गई थी। स्वतंत्र ब्लॉगर ने अपने आरोपों को चीनी लेखक और यूट्यूबर लाओ डेंग के हवाले से बताया है। जेनिफर के मुताबिक लाओ अब कनाडा में रहते हैं।

जेंग वीडियो में कहती हैं, लाओ ने कहा कि इस साल जून की शुरुआत में अपनी 'इग्निशन प्लान' के तहत सीसीपी राज्य सुरक्षा मंत्रालय ने एक उच्च रैंकिंग अधिकारी को अमेरिका के सिएटल भेजा। वहां एक गुप्त बैठक आयोजित की गई थी, इसका उद्देश्य भारत और पश्चिम देशों के बीच संबंधों को नुकसान पहुंचाना था।

जेंग ने आगे कहा, एजेंटों को कनाडा में सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का काम सौंपा गया था। बैठक के बाद सीसीपी एजेंटों ने सावधानीपूर्वक हत्या की योजना को अंजाम दिया। सीसीपी एजेंट के काम को अंजाम देने के तरीके के जोर देते हुए ब्लॉगर कहती हैं, 18 जून को आवाज न करने वाले बंदूकों से लैस एजेंटों ने निज्जर को ट्रैक किया। जब हत्या कर दी गई तो उन्होंने सबूत को मिटाने के लिए निज्जर की कार के डैश कैमरा को तोड़ दिया। हत्या के बाद एजेंट भाग गए। सभी सबूतों को खत्म करने के लिए सभी हथियारों को जला दिया। इसके अगले दिन ही वे लोग हवाई जहाज से कनाडा से रवाना हो गए।

चीन मूल की पत्रकार और ब्लॉगर जेंग का दावा है कि हत्यारों ने भारत को और अधिक फंसाने के लिए जानबूझकर भारतीय उच्चारण वाली अंग्रेजी सीखी। उनका कहना है कि ये कार्रवाइयां सीसीपी के गुप्त एजेंटों द्वारा रचित बड़ी योजना का हिस्सा थीं। ज़ेंग के अनुसार, लाओ डेंग ने खुलासा किया कि सीसीपी की “इग्निशन योजना” इस साल सीसीपी के दो सत्रों के बाद तैयार की गई थी, जिसको आगे बढ़ाने की कवायद में चीन ने यह साजिशें रची।

बता दें कि इस साल जून में, आतंकवादी हरदीप निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

*खालिस्तान आतंकी निज्जर की हत्या में चीन का हाथ! भारत को बदनाम करने के लिए ड्रैगन ने रची साजिश, चीनी ब्लॉगर का दावा*

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कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या एक बड़ा सवाल बना हुआ है। ये वो सवाल है जिसने भारत-कनाडा के रिश्ते खराब कर दिए हैं। इस बीच इस पूरी कहानी में एक नया मोड़ आया है। दरअसल, जहां कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर मढ़ा है। वहीं, अब एक स्वतंत्र ब्लॉगर जेनिपर जेंग ने इसे लेकर नया दावा किया है। उन्होंने खालिस्तानी समर्थक की हत्या के पीछे चीन का हाथ बताया है। जेनिफर जेंग का आरोप है कि निज्जर की हत्या के बाद चीन का उद्देश्य भारत और पश्चिम के बीच कलह पैदा करके भारत को फंसाना था।

जेनिफर ज़ेंग एक चीनी मूल की अधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार हैं जो वर्तमान में अमेरिका में रह रही हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, ज़ेंग ने निज्जर की मौत को हत्या करार देते हुए कहा, 'आज कनाडा में सिख धार्मिक नेता हरदीप सिंह निज्जर की ‘हत्या’ के बारे में चौंकाने वाले खुलासे सीसीपी के भीतर से सामने आए हैं। यह आरोप लगाया गया है कि 'हत्या' सीसीपी एजेंटों द्वारा की गई थी। स्वतंत्र ब्लॉगर ने अपने आरोपों को चीनी लेखक और यूट्यूबर लाओ डेंग के हवाले से बताया है। जेनिफर के मुताबिक लाओ अब कनाडा में रहते हैं।

जेंग वीडियो में कहती हैं, लाओ ने कहा कि इस साल जून की शुरुआत में अपनी 'इग्निशन प्लान' के तहत सीसीपी राज्य सुरक्षा मंत्रालय ने एक उच्च रैंकिंग अधिकारी को अमेरिका के सिएटल भेजा। वहां एक गुप्त बैठक आयोजित की गई थी, इसका उद्देश्य भारत और पश्चिम देशों के बीच संबंधों को नुकसान पहुंचाना था।

जेंग ने आगे कहा, एजेंटों को कनाडा में सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का काम सौंपा गया था। बैठक के बाद सीसीपी एजेंटों ने सावधानीपूर्वक हत्या की योजना को अंजाम दिया। सीसीपी एजेंट के काम को अंजाम देने के तरीके के जोर देते हुए ब्लॉगर कहती हैं, 18 जून को आवाज न करने वाले बंदूकों से लैस एजेंटों ने निज्जर को ट्रैक किया। जब हत्या कर दी गई तो उन्होंने सबूत को मिटाने के लिए निज्जर की कार के डैश कैमरा को तोड़ दिया। हत्या के बाद एजेंट भाग गए। सभी सबूतों को खत्म करने के लिए सभी हथियारों को जला दिया। इसके अगले दिन ही वे लोग हवाई जहाज से कनाडा से रवाना हो गए।

चीन मूल की पत्रकार और ब्लॉगर जेंग का दावा है कि हत्यारों ने भारत को और अधिक फंसाने के लिए जानबूझकर भारतीय उच्चारण वाली अंग्रेजी सीखी। उनका कहना है कि ये कार्रवाइयां सीसीपी के गुप्त एजेंटों द्वारा रचित बड़ी योजना का हिस्सा थीं। ज़ेंग के अनुसार, लाओ डेंग ने खुलासा किया कि सीसीपी की “इग्निशन योजना” इस साल सीसीपी के दो सत्रों के बाद तैयार की गई थी, जिसको आगे बढ़ाने की कवायद में चीन ने यह साजिशें रची।

बता दें कि इस साल जून में, आतंकवादी हरदीप निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

इजराइल-हमासःदोनों तरफ से करीब 1,100 से अधिक लोगों की गई जान, हर तरफ मची चीख पुकार

#israel_palestine_war

इजराइली सेना और हमास के लड़ाकों के बीच विध्वंसक जंग चल रही है। दोनों तरफ से हो रहे हमलों में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।जानकारी के मुताबिक इस युद्ध में अभी तक दोनों पक्षों के लगभग 1000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक युद्ध में अब तक इजराइल के 700 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और लगभग 2150 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इतना ही नहीं, हमास ने इजराइल के लगभग 100 लोगों को बंदी भी बना लिया है। तो वहीं इजराइल की सेना भी हमास पर लगातार हमले कर रही है। पिछले 2 दिनों में हमास के करीब 370 लोग मारे गए हैं और करीब 2200 लोग इस युद्ध में घायल हुए हैं।

युद्ध की आग में दोनों देशों के नागरिक झुलस रहे हैं और आम नागरिकों की जानें जा रही हैं। सोशल मीडिया पर जारी तस्वीरों में देखा गया है कि इजराइल की सड़कों पर लाशों के ढेर लगे हुए हैं। शवों तितर-बितर पड़े हुए हैं। वहीं इजराइल की एयर स्ट्राइक से फिलिस्तीन की इमारतें मलबे में तब्दील हो गई हैं। इलाके के इलाके खंडहर हो गए हैं, चारों तरफ चीख-पुकार के सिवा कुछ नहीं है।लोगों की आंखों में रोते-रोते आंसू सूख चुके हैं।

इजरायल की उस जगह से 260 शव मिले हैं जहां पर एक म्‍यूजिक फेस्टिवल का आयोजन हो रहा था। हमास आतंकियों ने दक्षिणी इजरायल में गाजा में बॉर्डर के करीब एक गांव में आयोजित हो रहे इस फेस्टिवल को निशाना बनाया था। हमास के आतंकियों ने यहां पर बिजली की सप्‍लाई काट दी थी और अचानक फायरिंग शुरू कर दी थी। इस जगह के जो वीडियोज आ रहे हैं वो भी काफी डराने वाले हैं। इनमें लोगों को अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते हुए देखा जा सकता है।

इस बीच, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में इस्राइल के स्थायी प्रतिनिधि गिलाद एर्दान ने कहा कि यह इस्राइल का 9/11 है। साथ ही, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब इस्राइल की बात आती है तो संयुक्त राष्ट्र की याददाश्त बहुत कमजोर हो जाती है, जिस आतंक को हम जल्दी से खत्म करते हैं, वह एक साइड नोट बनकर रह जाता है। हालांकि, इस बार ऐसा नहीं होगा।

बता दें कि शनिवार यानी 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजराइल पर हमला कर दिया। इसके बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ जंग का एलान कर दिया। इसके बाद से ही दोनों के बीच भीषण युद्ध जारी है। कोई भी पीछे हटने का नाम नहीं ले रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक इजराइल द्वारा युद्ध की घोषणा के बाद हमास ने अपने हमले और तेज कर दिए। हमास का दावा है कि उसने रविवार को दक्षिणी इजारइल के स्देरोट शहर पर करीब 100 रॉकेट फायर किए। इस हमले में कुछ लोगों को गंभीर चोटें भी आई हैं।

पांच राज्यों के चुनाव की तारीखों का ऐलान आज संभव, चुनाव आयोग ने 12 बजे बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस

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पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का आज ऐलान हो होगा। चुनाव आयोग ने आज 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है।चुनाव आयोग दिल्ली में स्थित आकाशवाणी के रंगभवन ऑडिटोरियम में तारीखों का ऐलान करेगा। इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त समेत चुनाव आयोग के प्रमुख अधिकारी मौजूद रहने वाले हैं। बता दें कि इस साल के अंत तक पांच राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं।

2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल

देश में 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इन चुनाव से पहले पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। इनमें से तीन राज्य ऐसे हैं, जो हिंदी बेल्ट में आते हैं। इसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। इसके अलावा दक्षिण भारत के तेलंगाना में भी चुनावी टक्कर देखने को मिलने वाली है। वहीं, पूर्वोत्तर भारत के मिजोरम को भी चुनाव के लिहाज से अहम माना जा रहा है, क्योंकि ये पूर्वी भारत में वोटर्स की पसंद को बताएगा।

10 से 15 दिसंबर के बीच हो सकता है मतदान

माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव कराया जा सकता है। इनके अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में एक ही चरण में चुनाव कराने का ऐलान संभव है। नवंबर महीने के मध्य से चुनावी प्रक्रिया शुरू हो सकती है, जो दिसंबर के मध्य तक चल सकती है। संभावना है कि चुनाव आयोग मतदान के लिए 10 से 15 दिसंबर के बीच की तारीख तय करे।ये भी कहा जा रहा है कि पांचों राज्यों में मतदान की तारीखें अलग-अलग हो सकती हैं लेकिन वोटों की गिनती एकसाथ हो सकती है।

किस राज्य की विधानसभा का कार्यकाल कब खत्म हो रहा?

40 सदस्यों वाली मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल दिसंबर में खत्म हो रहा है, जबकि 90 सदस्यों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा का कार्यकाल जनवरी में खत्म हो जाएगा। 230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा, 200 सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा और 119 सदस्यों वाली तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल भी जनवरी में ही खत्म हो रहा है। चुनाव आयोग पिछले दो महीनों से लगातार इन पांचों की राज्यों का दौरा कर रहा था, ताकि चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया जा सके

रिलायंस फाउंडेशन के सपोर्ट वाले 12 एथलीट्स ने एशियन गेम्स में जीते मेडल्स, नीता अंबानी ने दी बधाई

डेस्क: भारत एशियन गेम्स 2022 में अब तक 107 मेडल जीतने के साथ चौथे नंबर पर है। इन मेडल में 12 मेडल उन खिलाड़ियों ने जीते हैं जिन्हें रिलायंस फाउंडेशन ने अपना सपोर्ट दिया था। फाउंडेशन के सपोर्ट वाले इन खिलाड़ियों ने देश की सफलता में अपनी अहम भूमिका निभाई है। रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक अध्यक्ष नीता अंबानी ने टीम इंडिया को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी है। 

देश को गौरवान्वित करने के लिए बधाई

खबर के मुताबिक, इस मौके पर नीता अंबानी (Nita Ambani) ने कहा- एशियन गेम्स में हमारे देश को गौरवान्वित करने के लिए टीम इंडिया को बधाई। आपके 100 से ज्यादा जीते गए मेडल की संख्या भारत के युवाओं के सामर्थ्य को दर्शाते हैं। हमें रिलायंस फाउंडेशन के उन 12 खिलाड़ियों पर भी गर्व है, जिन्होंने गेम्स में मेडल जीते हैं। किशोर जेना, ज्योति याराजी, पलक गुलिया को विशेष तौर पर बधाई जिन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। रिलायंस फाउंडेशन में हम हमारे युवा एथलीटों का समर्थन करने और खेलों में प्रतिभा को बढ़ावा देने और उन्हें वित्तीय मदद देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इन खिलाड़ियों की रही शानदार उपलब्धि

लवलीना बोर्गोहेन ने 2024 में पेरिस ओलंपिक में अपना स्थान पक्का कर लिया है। एशियन गेम्स 2022 (आयोजन 2023 में) में गोल्ड मेडल मुकाबले तक पहुंचने वाली वह दूसरी भारतीय महिला मुक्केबाज बनीं और सिल्वर मेडल जीता। बोर्गोहेन ने टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसी तरह, किशोर जेना (Kishore Jena) के 87.54 मीटर के उल्लेखनीय भाला फेंक ने उन्हें सिल्वर मेडल दिलाया। नीरज चोपड़ा के बाद भारत के दूसरे सर्वश्रेष्ठ भाला फेंक खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की। पलक गुलिया 10 मीटर एयर पिस्टल कॉम्पिटीशन में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। 

कार्तिक कुमार और गुलवीर सिंह ने पुरुषों की 10,000 मीटर में भारत के 25 साल के पदक के सूखे को समाप्त किया। इससे पहले 1998 बैंकॉक एशियाड में गुलाब चंद ने ब्रोंज मेडल जीता था। ज्योति याराजी ने महिलाओं की 100 मीटर में सिल्वर मेडल जीतकर भारत के लिए पहला पदक सुरक्षित किया। मोहम्मद अफ़जल ने पुरुषों की 800 मीटर में सिल्वर मेडल हासिल किया, जबकि जिन्सन जॉनसन ने पुरुषों की 1500 मीटर स्पर्धा में ब्रोंज मेडल जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष एथलीट बने। बैडमिंटन में ध्रुव कपिला और तीरंदाजी में सिमरनजीत कौर ने योगदान दिया।

इजरायल-हमास विवाद पर जमात-ए-इस्लामी हिंद की प्रतिक्रिया, कहा- भारत सरकार दे फिलिस्तीन का साथ

डेस्क: इजरायल पर आतंकी संगठन हमास द्वारा शनिवार को हमला किया गया था। इस हमले में 5000 रॉकेट दागे गए और कई इजरायल के नागरिकों को मौत के घायल उतार दिया गया। इस दौरान इजरायल की सीमा में घुसपैठ कर आतंकियों ने कई पुरुष, महिलाओं और बच्चों को बंधक बना लिया। अब इजरायल ने जवाबी कार्रवाई शुरू की है। इसपर अब जमात-ए-इस्लामी हिंद ने प्रतिक्रिया दी है। जमात-ए-इस्लामी हिंद ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह इजरायल और फिलिस्तीन के बीच भड़की हिंसा को लेकर चिंतित है। मीडिया को दिए बयान में जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सदातुल्लान हुसैनी ने कहा कि हम इजरायल और फिलिस्तीन के बीच भड़की हिंसा से बहुत चिंतित हैं। 

जमात-ए-इस्लामी हिंदी की प्रतिक्रिया

उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वर्तमान में जो स्थिति पैदा हुई है, उसके पीछे फिलिस्तीनियों के खिलाफ कट्टर दक्षिणपंथी नेतन्याहू सरकार द्वारा फैलाई गई इजरायली आक्रामकता है। इस हिंसा ने अबतक सैकड़ों जानें ले ली है जिसमें बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इजरायल द्वारा कब्जा किए गए बस्तियों में इजरायली नीतियों, अक्सा मस्जिद के लगातार अपमान के कारण इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता की कमी रही है। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और यहूदी बस्तियों के विस्तार को तुरंत रोकना चाहिए। 

भारत दे फिलिस्तीन का साथ

जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष ने कहा, 'हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान करते हैं कि इजरायल को गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों के खिलाफ असंगत युद्ध शुरू करने से रोका जाए। जमात-ए-हिंद गांधी जी के उस कथन पर विश्वास करता है, 'फिलिस्तीन फिलिस्तीनियों का है, इंग्लैंड अंग्रेजों का या फ्रांस फ्रांसिसियों का। यह भारत की सदियों पुरानी नीति का आधार रहा है।' उन्होंने कहा कि जमात चाहता है कि भारत सरकार फिलिस्तीनियों का समर्थन करे। फिलिस्तीनियों को अपना राज्य स्थापित करने में भारत सरकार मदद करे व शांति कायम करने के लिए अपने वैश्विक प्रभाव का उपयोग करे।