गणेश मेले के नटराज रंगमंच पर अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ
सम्भल । मिनी वृंदावन नगरी चंदौसी में गणेश जन्मोत्सव पर आयोजित होने वाले मेला गणेश चौथ के 63वें महोत्सव के दौरान जनरेशन पॉइंट मॉल के संयोजन में मेला संस्थापक डॉ० गिरिराज किशोर गुप्ता की स्मृति में मेले के नटराज रंगमंच पर अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। काव्यपाठ कवयित्री सपना सोनी द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तुति के साथ शुरू हुआ।
इस आयोजन में देशभर से आये सुविख्यात कवियों ने अपनी उत्कृष्ट रचनाओं के काव्यपाठ से श्रोताओं को तालियां बजाने, खिलखिलाकर हँसने और गुदगुदाने को मजबूर किया।कवि सम्मेलन का उद्धघाटन माध्यमिक शिक्षा मंत्री श्रीमती गुलाब देवी ने फीता काटकर किया।उत्तरप्रदेश के फिरोजाबाद से आये कवि लटूरी लट्ठ ने पढ़ा- मूंछ पे ताव लगाते फिरते, छप्पर पे नहीं फूंस रहे हैं।कपड़े नए सिला नहीं पाए, वही पुराने ठूंस रहे हैं।अर्थ व्यवस्था अपने घर की, आज यहां तक आ पहुंची है।जिस गन्ने में जूस नहीं है उस गन्ने को चूस रहे हैं।राजस्थान के दौसा से आयी सपना सोनी ने पढ़ा- कहीं पतझर तरसता है, कहीं सावन बरसता है। कहीं नभ में डरा सहमा हुआ बादल गरजता है। मेरे नयनों की झीलों में तेरी यादों के साए हैं,तुम्हारा नाम लेती हूं तो मेरा दिल धड़कता है।दिल्ली से आये अरुण जैमिनी ने पढ़ा- गंदा है पर धंधा है
बेरोजगारी से दुखी
हमारे एक मित्र ने हार कर कहा -
अब मैं क्या करूं ?
मैंने कहा धंधों की इस देश में क्या कमी है
कुछ नहीं बन सकते तो नेता बन जाओ
खादी का कुर्ता पहनो और देश को च्विंगम समझ कर चबाओ
अखबार नहीं पढ़ते तुम
इस देश में
नेताओं का सबसे अधिक उत्पादन है
तुम एक ईट उठाओगे
उसके नीचे बीस नेता पाओगे
सभी के मुंह भाषण देने की मुद्रा में खुले होंगे
सभी के हाथ वोट माँगने की मुद्रा में जुड़े होंगे
नेता बनने के बाद
जनता के बारे में सोचना भी पाप है
क्योंकि उसके बाद तो कुर्सी ही बीवी
कुर्सी ही मां और कुर्सी ही बाप है
वह बोला- नेता बनना अपने बस की बात नहीं खादी का कुर्ता
और खादी की धोती बहुत सताती है
तुम्हें पता नहीं खादी बड़े आदमी को बड़ा
और छोटे को छोटा बनाती है ।
मैंने कहा- तो फिर कवि हो जाओ
दो-तीन कविताएं बनाओ
एक गले बाज लड़की को पकड़ो
फिर पूरे देश में घूमो घुमाओ
कवि सम्मेलन में पैसा कमाओ
अगर मंच पर नहीं जमो
तो तुरंत अश्लील हो जाओ
इस देश के श्रोता अश्लीलता पर ही हंसते हैं उनकी इस कमजोरी का फायदा उठाओ जितना नीचे गिर सकते हो गिर जाओ
क्योंकि जितना नीचे गिरोगे
मंच पर उतना ही उठोगे
वह बोला -कविताएं तो जैसे तैसे बन जाएंगी लेकिन मैंने
सभ्यता और संस्कृति का जहर पिया है
लड़की कहाँ से लाऊँगा
और इतना अश्लील कैसे हो पाऊंगा ?
अगर तुम लाशों की भी जेब काट सकते हो
तो समाज सुधारक बन जाओ
नारी कल्याण के नाम पर रंगरलिया मनाओ और बाढ़ पीड़ितों के नाम पर चंदा पचाओ
पगले
इस देश की स्थिति पर तू क्यों शर्मिंदा है
यहाँ तो शादी करना भी एक धंधा है
भारी दहेज समेत एक लड़की को घर लाओ फिर उसे लकड़ी समझकर जलाओ
फिर दूसरा फिर तीसरा
फिर चौथा ब्याह रचाओ
और उनके साथ भी ऐसे ही
सांस्कृतिक कार्यक्रम अपनाओ
अरे मूर्ख जहां चाह वहां राह होती है
और तो और
बच्चे पैदा करने से भी आय होती है
बिना किसी देश की सहायता लिए
हम एक अरब चालीस करोड़ हो गए
इस धंधे को अपना लो क्या डर है
तुम्हें पता नहीं
इस मामले में हमारा देश आत्मनिर्भर है
जब भूखे मां-बाप
मनोरंजन के नाम पर बच्चे पैदा करते हैं
तो गर्भ से बच्चे विकलांग ही निकलते हैं
उन विकलांग बच्चों से भीख मंगवाओ
वह भी खाएं और तुम भी खाओ।
अरे,पेट भरना है तो नैतिकता को भूलना पड़ेगा इस खुशहाल देश में तुम्हें
परिस्थितियों की बाहों में ही झूलना पड़ेगा
इन कागजी डिग्रियों को कब तक चबाओगे
यह भी खत्म हो जाएगी तो फिर क्या खाओगे?
उत्तरप्रदेश के सम्भल से कवि सौरभ कांत शर्मा ने पढ़ा- मन हो जाए एक देवालय,सबके हृदय में भक्ति हो।
हो राम चरित मानस घर घर,घट में सबके अनुरक्ति हो।
हों राष्ट्रवाद के सब नायक मां का भगवा परिधान रहे।
और दसों दिशाओं में गूंजित यह वंदेमातरम गान रहे।।
उत्तरप्रदेश के हाथरस से आये कवि सबरस मुरसानी ने पढ़ा- स्वारथ को जो भी जीते हैं, उनकी भी क्या जिंदगानी है।
जो मातृभूमि पर मिट न सकी
वो भी क्या यार जवानी है।
हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई,
इनको सुधारें इनकी लुगाई।
उत्तरप्रदेश के ठाकुरद्वारा से आये शरीफ भारती ने पढ़ा- प्यार से जब उसने देखा रिश्ते फाइन हो गए,
हम भी उसके इश्क में कुछ और शाइन हो गए,
जब कोरोना सी शक्ल लेकर गए ससुराल हम,
सास-ससुरा, साले-साली कोरनटाइन हो गए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मेंथा व्यवसायी बाबू फूलप्रकाश वार्ष्णेय एवं मंच संचालक कवि सौरभकान्त शर्मा रहे।
इस दौरान सह प्रायोजक डॉ० अरविन्द गुप्ता सहित मेला परिषद से मुख्य सचिव हरिगोपाल वार्ष्णेय, ललित किशोर गुप्ता, सुधीर गुप्ता, रविंद्र कुमार रूपी, मनोज गुप्ता मीनू, डॉ० राजीव गुप्ता, विनय सर्राफ, एड० लोकेंद्र शर्मा, प्रजीत कुमार लालू, मेजर शशिकांत गुप्ता, सतेन्द्र मामा, मुकेश ब्रेड, प्रभात कृष्णा, अरविंद गुप्ता, प्रफुल्ल कुमार, राहुल चौधरी, संजय गुप्ता, अभिषेक गुप्ता, शुभम अग्रवाल, आकाश शर्मा, प्रमोद गुरु, आदित्य चौहान आदि उपस्थित रहे।
Sep 27 2023, 20:03