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महाराष्ट्र के अस्पतालों में अब मरीजों का मुफ्त इलाज ! जानिए शिंदे कैबिनेट की मीटिंग में और क्या क्या फैसला हुआ

महाराष्ट्र सरकार ने फैसला किया है कि लोग अब उसके सभी अस्पतालों में मुफ्त में चिकित्सा सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इन अस्पतालों का प्रबंधन सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाता है। यानी अगर कोई बीमार है और उसे इलाज या मेडिकल टेस्ट की जरूरत है, तो उसे पैसे नहीं देने होंगे। यह नया नियम 15 अगस्त से शुरू हुआ है और इसमें मेडिकल टेस्ट और इलाज जैसी कई सेवाएं शामिल हैं। सरकार ने यह फैसला 3 अगस्त को एक बैठक में किया है।

बता दें कि, राज्य में 2,418 अस्पताल और चिकित्सा केंद्र हैं जो मुफ्त इलाज की पेशकश करेंगे। बहुत से लोग, 25।5 मिलियन से अधिक, तबियत ठीक न होने पर सहायता पाने के लिए इन स्थानों पर जाते हैं। वहीं, सरकार में एक नेता अदिति तटकरे, जो महिलाओं और बच्चों से जुड़ी चीजों का ख्याल रखती हैं, ने कहा कि वे ऐसी जगह बनाने की योजना बना रहे हैं, जहां माता-पिता काम पर जाने पर अपने बच्चों को छोड़ सकें। ये जगहें स्कूलों की तरह होंगी, जहां बच्चे रह सकते हैं और खेल सकते हैं, जबकि उनके माता-पिता व्यस्त हैं। वे ये जगहें शहरों और गांवों में बनाना चाहते हैं। वे यह तय करने के लिए विभिन्न समूहों से बात कर रहे हैं कि इसे ठीक से कैसे किया जाए।

उन्होंने विभिन्न समूहों के महत्वपूर्ण लोगों के साथ बैठक की। उन्होंने ऐसी जगहों की आवश्यकता के बारे में बात की, जहां बच्चे रह सकें। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस बारे में एक नीति बनाना चाहते हैं, जो यह सुनिश्चित करने के लिए नियमों के एक सेट की तरह हो कि सब कुछ अच्छी तरह से हो। वे इस नीति को इस तरह से बनाना चाहते हैं जिससे बच्चों और अभिभावकों को मदद मिले। वे चाहते हैं कि 8 मार्च तक महाराष्ट्र के हर हिस्से में इनमें से कम से कम एक जगह हो। यह दुनिया भर की महिलाओं के लिए एक विशेष दिन है और वे तब तक इन स्थानों को तैयार कर लेना चाहती हैं। महाराष्ट्र को आठ हिस्सों में बांटा गया है और वे हर हिस्से में ऐसी जगह चाहते हैं।

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद लैंडिंग के कुछ देर बाद विक्रम ने भेजी पहली तस्वीर… आप भी देखिए

 

इसरो की तरफ से भेजा गया चंद्रयान-3 मिशन सफल हो गया है। चांद की सतह पर पहुंचते ही लैंडर ने काम करना शुरू भी कर दिया है। भारत यह सफलता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन चुका है। लैंडिंग के लिए 23 अगस्त 2023 की शाम के 6:04 का समय तय किया गया था और ठीक इसी समय इसरो ने इतिहास रचते हुए चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग करा दी है। इसी बीच अब चंद्रयान-3 ने लैंडिंग के बाद चांद की सतह की पहली तस्वीर भेजी है।

दरअसल, इसरो ने जानकारी देते हुए लैंडिंग के बाद लैंडर की पहली तस्वीर शेयर की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तस्वीर शेयर करते हुए इसरो ने लिखा, ‘चंद्रयान-3 लैंडर और MOX-ISTRAC, बेंगलुरु के बीच संचार लिंक स्थापित किया गया है। नीचे उतरते समय ली गई लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरे की तस्वीरें यहां दी गई हैं।

इससे पहले चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने चांद की सतह पर एकदम सटीक समय पर सॉफ्ट लैंडिंग की है। इसको लेकर देश खुशियों से झूम रहा है। बधाइयों का तांता लग गया। इस बीच ब्रिक्स सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ISRO के वैज्ञानिकों और देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अब सूर्य और शुक्र से जुड़े मिशन की बारी है।

उधर दुनिया के वैज्ञानिक और बड़े-बड़े देश इस प्रतिभा का लोहा मान रहे हैं। इसी कड़ी नासा ने भी इसरो को बधाई दी है। नासा के साथ-साथ दुनिया की अन्य दिग्गज स्पेस एजेंसियों ने बधाई देते हुए खुशी जताई है। यह मिशन इसलिए भी खास है क्योंकि चन्द्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा है। अभी तक कोई भी देश यह इतिहास नहीं रच पाया है।

मध्य प्रदेश BJP में टिकट के लिए कलह! सिंधिया फ्रेंड्स क्लब के अध्यक्ष ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने खून से लिखा पत्र

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही भारतीय जनता पार्टी अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर भले ही हैरान कर दिया हो। मगर इस सूची के जारी होने के बाद पार्टी में विरोध के सुर उठने लगे हैं। बीजेपी ने गोहद विधानसभा सीट से लाल सिंह आर्य को उम्मीदवार बनाया है, मगर उनका विरोध शुरू हो गया है। विधानसभा क्षेत्र के मौ के रूपाबई गांव में मतदाताओं के एक बड़े वर्ग ने पार्टी को वोट ना देने की कसम खाई है। वहीं ऐनो गांव में रहने वाले सिंधिया फ्रेंड्स क्लब के अध्यक्ष भीम सिंह गुर्जर ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने खून से पत्र लिखा है। 

उन्होंने यह पत्र आज ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके निवास जय विलास पैलेस में सौंपी। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि हमें रणवीर जाटव चाहिए। बता दें कि बीजेपी के प्रत्याशियों की सूची में रणवीर जाटव की जगह लाल सिंह को टिकट दिया गया है। चिट्ठी में लिखा गया है, महाराज साहब, रणवीर जाटव को टिकट नहीं दिया है। कार्यकर्ताओं का भविष्य खतरे में है। उन्होंने पार्टी को खून पसीने से सींचा है।'

चिट्ठी में लिखा गया है कि अन्याय नहीं न्याय चाहिए, महाराज साहब, रणवीर चाहिए। अंत में नीचे आई लव यू महाराज लिखा गया है। यह पत्र सामने आने के बाद गोहद में कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में आए भाजपा के कार्यकर्ताओं में असंतोष देखने को मिल रहा है। यह कार्यकर्ता अपने चहेते प्रत्याशी को टिकट न मिलने से निराश भी दिखाई दे रहे हैं।

चंद्रयान-3 की सफलता पर बोले कपिल सिब्बल, ट्वीट में कहा- जवाहरलाल नेहरू से लेकर अब तक की सभी सरकारों को बधाई

40 वर्षों तक कांग्रेस में सेवाएं देने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री, मशहूर वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने चंद्रयान की सफलता पर वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि वह अंतरिक्ष में भारत की इस सफलता से बेहद उत्साहित हैं और यह एक सपने के सच होने जैसा है। इसके लिए पूर्व कांग्रेस नेता ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर अब तक की सरकारों को बधाई दी है। 

 

रिपोर्ट के मुताबिक, समाजवादी पार्टी (सपा) की मदद से राज्यसभा पहुंचे कपिल सिब्बल ने कहा कि, 'चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने की घटना से मैं बहुत प्रभावित, उत्साहित और अभिभूत हूं। यह एक सपना सच होने जैसा है और हम सभी को वैज्ञानिकों पर गर्व है। हमें जवाहरलाल नेहरू से लेकर हर सरकार को बधाई देनी चाहिए जिन्होंने इसका समर्थन किया है। महान संगठन इसरो जिसने हमें विश्व स्तर पर गौरवान्वित किया है।'

चंद्रयान के लैंडर ने भेजी तस्वीरें

बता दें कि, चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद वहां की तस्वीर भी भेजी है। जिसे ISRO ने शेयर किया है। ISRO ने तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ''संचार लिंक हो गया है। चंद्रयान-3 के लैंडर और बेंगलुरु स्थित कमांड सेंटर के बीच स्थापित।'' ये तस्वीरें उतरते समय लैंडर क्षैतिज वेग कैमरे द्वारा लिया गया।

हिमाचल में बुधवार को भी 12 लोगों की मौत, भारी बारिश और भूस्खलन से मृतकों का आंकड़ा पहुंचा 120

 हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार बारिश और ताजा भूस्खलन से 13 और लोगों की मौत हो गई। वहीं, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दोनों राज्यों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश के कारण बादल फटने और भूस्खलन से हिमाचल प्रदेश में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि बुधवार को उत्तराखंड के पौरी जिले में एक और व्यक्ति की मौत हो गई। अधिकारियों ने कहा कि 400 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हो गईं और कई घर क्षतिग्रस्त हो गए।

हिमाचल में बारिश: 6 जिलों में रेड अलर्ट

IMD ने अगले 24 घंटों के लिए शिमला सहित राज्य के छह जिलों में "भारी से बहुत भारी बारिश और कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश" की भविष्यवाणी करते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। इस बीच, मध्यम से उच्च बाढ़ की चेतावनी नौ जिलों - शिमला, सिरमौर, कांगड़ा, चंबा, मंडी, हमीरपुर, सोलन, बिलासपुर और कुल्लू तक बढ़ा दी गई है। कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों के कुछ हिस्सों के लिए रेड अलर्ट चेतावनी जारी की गई थी। मौसम विभाग ने गुरुवार को भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी करते हुए एक नारंगी चेतावनी भी जारी की। भारी बारिश को देखते हुए शिमला, मंडी और सोलन जिलों में सभी स्कूल और कॉलेज बुधवार से दो दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं।

मूसलाधार बारिश के चलते कुल्लू-मंडी सड़क क्षतिग्रस्त होने के बाद बुधवार को कुल्लू जिले में सैकड़ों वाहन फंसे रहे। पंडोह से होकर जाने वाला वैकल्पिक मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया है। मलबा हटाने का काम चल रहा था। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, जो सड़कें प्रभावित हुई हैं उनमें राष्ट्रीय राजमार्ग 21 (मंडी-कुल्लू रोड) और एनएच 154 (मंडी-पठानकोट) शामिल हैं। भारी बारिश के तीन प्रमुख दौरों के बाद राज्य में कुल 709 सड़कें अब बंद हैं, जिससे मौत और विनाश हुआ है। कई घरों में दरारें भी आ गईं और एहतियात के तौर पर लोगों को हटाया जा रहा है।

बता दें कि, हिमाचल प्रदेश में इस महीने बारिश से संबंधित घटनाओं में 120 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 24 जून को राज्य में मानसून की शुरुआत के बाद से कुल 238 लोगों की मौत हो गई है और 40 लोग अभी भी लापता हैं। अधिकारियों ने कहा कि आपात स्थिति में जिला आपदा प्रबंधन केंद्र से टोल-फ्री नंबर 1077 के माध्यम से संपर्क किया जा सकता है।

चंद्रयान लैंडिंग के दूसरे दिन चन्द्रमा पर प्रज्ञान रोवर ने किया 'मून वॉक' ! अमेरिका बोला- भारत का पार्टनर बनने पर हमें गर्व

भारत ने बुधवार (23 अगस्त) को इतिहास रच दिया और चंद्र दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। चंद्रयान -3 की सुरक्षित लैंडिंग के बाद, चरण 2 में विक्रम लैंडर से रोवर, प्रज्ञान को बाहर निकाला गया, जो भी सफल रहा। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक नवीनतम पोस्ट में, ISRO ने कहा कि 'प्रज्ञान' चंद्रमा की सतह पर लॉन्च हो गया है। ISRO ने अपने पोस्ट में कहा कि, 'रोवर रैंप पर नीचे आया। चंद्रयान-3 रोवर: मेड इन इंडिया-मेड फॉर मून। सीएच-3 रोवर लैंडर से रैंप पर नीचे आया और भारत ने चंद्रमा पर सैर की।' 

आधिकारिक सूत्रों ने पहले इस घटनाक्रम की पुष्टि की थी। जैसे ही भारत ने अंतरिक्ष में कठिन कार्य पूरे किए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन लोगों को जवाब दिया, जिन्होंने इस विशाल प्रयास के लिए इसरो को बधाई दी। ऐसे ही एक संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि, 'भारत की सफलताएं 140 करोड़ भारतीयों की ताकत, कौशल और दृढ़ संकल्प से संचालित होती हैं।'

'गर्व है, आपका भागीदार बनकर खुश हूं': अमेरिका 

चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के बाद भारत को अमेरिकी राजनेताओं, समाचार पत्रों और अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थानों से प्रशंसा मिली। इस उपलब्धि ने देश को राष्ट्रों की एक विशेष लीग में शामिल कर दिया, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन शामिल हैं, जिनके पास चंद्र परिदृश्य पर रोवर्स हैं। प्रभावशाली ढंग से, भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के भीतर अपने रोवर को स्थापित करने वाला पहला राष्ट्र बनकर इस प्रतिष्ठित समूह का नेतृत्व किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का मानना है कि इस क्षेत्र में पानी के निशान हो सकते हैं।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने एक्स पर कहा कि, 'चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के लिए भारत को बधाई। यह इसमें शामिल सभी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए एक अविश्वसनीय उपलब्धि है।' हैरिस ने कहा कि, 'हमें इस मिशन और अंतरिक्ष अन्वेषण में अधिक व्यापक रूप से आपके साथ साझेदारी करने पर गर्व है।' बता दें कि हैरिस की मां भारत से थीं। अमेरिका का उपराष्ट्रपति राष्ट्रीय अंतरिक्ष परिषद का प्रमुख होता है।

गौरव का पल, भारत की 'चन्द्रविजय' ! ISRO ने की चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग, ये उपलब्धि पाने वाला दुनिया का पहला देश बना हिंदुस्तान

ISRO ने बुधवार को शाम को विश्वभर में इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंड कर चुका है, जो भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। भारत चंद्रमा की दक्षिणी सतह पर आसानी से अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश बन गया है। 140 करोड़ लोगों की प्रार्थना और ISRO के साढ़े 16 हजार वैज्ञानिकों की 4 साल की कड़ी मेहनत और लगन आखिर रंग ले ही लाई और अब पूरी दुनिया ही नहीं चांद भी भारत की मुठ्ठी में है।  

अब ISRO ने चांद पर तिरंगा लहरा दिया है। अब बच्चे केवल चंदा मामा नहीं बुलाएंगे। चांद की तरफ देख कर अपने भविष्य के सपने को भी देखेंगे। करवा चौथ की छन्नी से भारतीय स्त्री केवल चांद को ही नहीं, बल्कि भारत की बुलंदी भी दिखेगी। Chandrayaan-3 ने चांद की दक्षिणी सतह पर अपने कदम रख दिए हैं। बीते चार वर्षों से ISRO के साढ़े 16 हजार वैज्ञानिक जो मेहनत कर रहे थे, वो पूरी हो चुकी है। भारत का नाम अब विश्व के उन 4 देशों में जुड़ गया है, जो सॉफ्ट लैंडिंग में एक्सपर्ट हैं। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के पीछे वैज्ञानिकों की मेहनत के साथ ही लगभग 140 करोड़ लोगों की प्राथनाएं भी कबूल हो गई हैं।  

बता दें कि, दुनिया में अब तक चांद पर महज तीन देश सफलतापूर्वक उतर पाए थे। अमेरिका, रूस (तब सोवियत संघ) और चीन। लेकिन, ये भी दक्षिण ध्रुव पर नहीं उतरे थे। भारत के चंद्रयान-3 को सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता पाई है, तो भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन चुका है। वहीं, दक्षिणी ध्रुव के इलाके में लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश बनकर इतिहास रच दिया है।

चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग सफल, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत बना पहला देश, विश्वभर में रच दिया इतिहास

चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम चंद्रमा की सतह पर उतर गया। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल ने शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग की।

चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग सफल हो गई है। दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बन गया है। इसी के साथ भारत ने इतिहास रच दिया है। चांद की सतह से 50 मीटर से कम दूरी पर चंद्रयान-3। किसी भी वक्त लैंड कर सकता है।

लैंडिंग स्थल की ओर उतरना शुरू 

चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल विक्रम ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग स्थल की ओर उतरना शुरू कर दिया है।

पीएम मोदी वर्चुअली जुड़े 

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जोहान्सबर्ग से वर्चुअली जुड़ गए हैं। जानकारी के मुताबिक, लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह से सिर्फ दो किलोमीटर की दूरी पर है।

लैंडर विक्रम ने चंद्रमा की सतह की तस्वीरें साझा कीं 

 चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने चंद्रमा की सतह की तस्वीरें साझा कीं। इसरो का कहना है कि चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा की सतह से 17.8 किमी की ऊंचाई पर है।

लैंडिंग की आधी प्रक्रिया पूरी

 ISRO ने बताया कि चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम का पावर डिसेंट चरण शुरू हो गया है। लैंडिंग की आधी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक, स्वचालित लैंडिंग अनुक्रम (एएलएस) शुरू होने के बाद चंद्रयान -3 लैंडर विक्रम की ऊंचाई कम हो रही है और पावर डिसेंट चरण जारी है। एएलएस की शुरुआत के बाद लैंडर मॉड्यूल में कोई जमीनी हस्तक्षेप नहीं है।

चंद्रयान 3 : चंद्रमा पर लहराया भारत का तिरंगा, मिशन सफल, पूरे देश में झूम उठे लोग

 अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने अपना परचम लहराया। चन्द्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग ने एक नया इतिहास रच दिया है। इसके साथ ही पूरा देश खुशी से झूम उठा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इसरो के वैज्ञानिकों के साथ सारे देश को बधाई दी है। 

चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। ऐसा होने पर भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। सिर्फ भारतवर्ष ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया इस ऐतिहासिक पल का टकटकी लगाए इंतजार कर रही है। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग कर सकता है।

पावर डिसेंट शुरू

चंद्रयान-3 की लैंडिंग थोड़ी देर में हांगी। पावर डिसेंट शुरू हो गया है। अब मिशन की रफ्तार को कम किया जा रहा है। पहले चरण की प्रक्रिया 11 मिनट की है। लैंडिंग की 20 फीसदी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

एस सोमनाथ बेंगलुरु के मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स में मौजूद 

 इसरो प्रमुख एस सोमनाथ चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग देखने के लिए बेंगलुरु के मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स में मौजूद हैं।

धर्मान्तरण कानून के बाद अब NEP 2020 रद्द करेगी कर्नाटक सरकार, अपनी अलग 'शिक्षा नीति' बनाएगी कांग्रेस !

 कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक के बाद, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि राज्य सरकार, केंद्र की राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 (NEP 2020) को खत्म करके एक नई शिक्षा नीति बनाएगी। नीति और बैठक में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। डीके शिवकुमार ने कहा कि, हमने अपने घोषणापत्र में NEP 2020 को बंद करने का फैसला किया है। 

कांग्रेस नेता शिवकुमार ने आगे कहा कि तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों ने पहले ही इस नीति को रद्द कर दिया है और कहा कि सरकार राज्य के लिए नई शिक्षा नीति पर काम करने के लिए एक नई समिति का गठन करेगी। डिप्टी सीएम ने कहा कि, 'कर्नाटक में अच्छे मानव संसाधन हैं और यह एक ज्ञान केंद्र है। हमारे पास गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली की अपनी प्रणाली है। इसलिए हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति को खत्म कर रहे हैं। हमें कोई नागपुर शिक्षा नीति नहीं चाहिए। हम एक सप्ताह के भीतर एक नई समिति बना रहे हैं और वे इस पर गौर करेंगे।' इससे पहले एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक ट्वीट में डीके शिवकुमार ने दावा किया था कि कर्नाटक में शिक्षा प्रणाली "देश के लिए एक मॉडल" है। उन्होंने कहा था कि, 'कर्नाटक में शिक्षा प्रणाली देश के लिए एक मॉडल है। यही कारण है कि बैंगलोर आज आईटी राजधानी है। हमारी शिक्षा प्रणाली के कारण राज्य के कई लोग विदेशों में अच्छे पदों पर हैं।' कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने पिछले हफ्ते की शुरुआत में कहा था कि राज्य में अगले शैक्षणिक वर्ष से NEP रद्द कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार द्वारा लागू की गई NEP अगले शैक्षणिक वर्ष से पूरी तरह से रद्द कर दी जाएगी।

सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि, 'कुछ आवश्यक तैयारी करने के बाद NEP 2020 को समाप्त करना होगा। चुनाव परिणाम आने और सरकार बनने तक शैक्षणिक वर्ष शुरू हो चुका था, इसलिए वर्ष के मध्य में छात्रों को असुविधा से बचने के लिए एनईपी को इस वर्ष भी जारी रखा गया है।' उन्होंने कहा कि NEP का छात्रों, अभिभावकों और व्याख्याताओं और शिक्षकों ने एक साथ विरोध किया है। इस साल की शुरुआत में जुलाई में, कर्नाटक के प्राथमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा था कि राज्य शिक्षा विभाग ने केंद्र की NEP 2020 को नहीं अपनाने का फैसला किया है, बल्कि राज्य शिक्षा नीति (SEP) को लागू करेगा।

बता दें कि जुलाई 2020 में लॉन्च की गई NEP 2020 भारत में स्कूल से डॉक्टरेट स्तर तक शिक्षा क्षेत्र में एक आदर्श बदलाव के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों का एक सेट प्रदान करती है। नई शिक्षा नीति 2020 भारत की शिक्षा नीति है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा 29 जुलाई 2020 को घोषित किया गया था। सन 1986 में जारी हुई नई शिक्षा नीति के बाद भारत की शिक्षा नीति में यह पहला नया बदलाव था। यह नीति अंतरिक्ष वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन के नेतृत्व वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित है। 

क्या बोले केंद्रीय शिक्षा मंत्री

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा है कि, 'शिक्षा प्रगति का प्रतीक होनी चाहिए न कि राजनीतिक मोहरा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को बंद करने के कर्नाटक के मुख्यमंत्री के राजनीतिक रूप से प्रेरित फैसले के बारे में जानकर निराशा हुई। हमारी शिक्षा प्रणाली को विकास की जरूरत है, न कि प्रतिगमन की। एनईपी वर्षों के विचार-विमर्श का परिणाम था, जो सभी की आकांक्षाओं को दर्शाता था। कांग्रेस का यह निर्णय उसके सुधार विरोधी, भारतीय भाषा विरोधी और कर्नाटक विरोधी चरित्र को उजागर करता है। कर्नाटक ऐसे नेतृत्व का हकदार है जो प्रगति और समावेशिता को महत्व देता है, न कि क्षुद्र राजनीति को। आइए छात्रों को पहले रखें और क्षुद्र राजनीति बंद करें।'  

धर्मान्तरण कानून भी ख़त्म कर चुकी है कांग्रेस सरकार 

बता दें कि, राज्य की कांग्रेस सरकार पहले ही धर्मान्तरण कानून रद्द कर चुकी है, वो भी ऐसे समय में जब देश के विभिन्न हिस्सों से डरा-धमकाकर, लालच देकर, ब्रेनवाश करके, प्रेम जाल में फंसाकर लोगों का धर्मांतरण करने की घटनाएं लगातार सामने आ रहीं हैं। यहाँ तक कि, गेमिंग एप के जरिए छोटे-छोटे बच्चों का भी ब्रेनवाश कर उनका धर्मान्तरण किया जा रहा है, लेकिन उससे रक्षा करने का कानून अब कर्नाटक में हट चुका है। यानी एक तरह से अब कर्नाटक में धर्मान्तरण की खुली छूट है। वहीं, राज्य के पशुपालन मंत्री वेंकटेश ने गौहत्या रोकने वाले कानून की भी समीक्षा करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि, 'जब भैंस काटी जा सकती है, तो गाय क्यों नहीं।' उन्होंने कहा था कि, हम चर्चा करेंगे और इस पर फैसला लेंगे। ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं कि, क्या अब राज्य सरकार गौहत्या की भी छूट देने जा रही है ?