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पीएम मोदी को राखी बांधेंगी पाकिस्तानी बहन, बोलीं- खुद तैयार की राखी,30 साल से निभा रही रिश्ता

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भारत और पाकिस्तान के बीच सियासी संबंध अच्छे नहीं है। दोनों देशों के बीच अक्सर तनाव की खबरें सामने आती हैं। बहुत कम ही ऐसे अवसर देखे गए हैं, जब दोनों देशों के बीच प्यार मोहब्बत की बातें होती है। इस बीच रक्षाबंधन पर भारत-पाकिस्तान के बीच भाई-बहन का प्यार देखने को मिलेगा।इस रक्षाबंधन प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी की कलाई पर उनकी पाकिस्तानी बहन राखी बांधेंगी।पीएम मोदी के इस मुंहबोली बहन का नाम कमर मोहसिन शेख है. कमर मोहसिन शेख ने कहा है कि उन्होंने अपने भाई (पीएम मोदी) के लिए खुद राखी बनाई है।

राखी पर पीएम मोदी को किताब भेंट करेंगी

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान कमर शेख ने कहा कि रक्षाबंधन के मौके पर वह प्रधानमंत्री मोदी को गिफ्ट के रूप में एग्रीकल्चर बेस्ड एक किताब भी भेंट करेंगी। उन्होंने कहा उनके भाई (पीएम मोदी) को किताब पढ़ने का बहुत शौक है। शेख ने कहा कि कोरोना के चलते 2-3 साल तक मैं उन्हें राखी बांधने नहीं जा सकी, लेकिन इस बार मैं राखी बांधूंगी और उनसे मुलाकात भी करूंगी।

30 साल से पीएम मोदी को राखी बांध रही

कमर शेख ने बताया कि वह पिछले 30 साल से पीएम मोदी को राखी बांध रही हैं।पीएम मोदी की राखी बहन कमर शेख ने कहा कि मैं तबसे उन्हें राखी बांधती आ रही हूं जब वो आरएसएस के साधारण कार्यकर्ता थे। तब से अबतक उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया है।

पीएम के इस बहन की सारी दुआं पूरी हुई

मोहसिन ने अपने और पीएम मोदी के बीच होने वाली कुछ मजाकिया बातों का भी जिक्र किया। कमर शेख ने अपने पहले रक्षाबंधन को याद करते हुए बताया कि जब उन्होंने पहली बार पीएम मोदी को राखी बांधी थी तब वो आरएसएस कार्यकर्ता थे, तब उनके लिए बहुत दुआ मांगी थी कि वो सीएम बनें और बाद में वो बन भी गए। आगे कहा कि जब मैंने फिर मोदी को राखी बांधी और कहा कि मैं चाहती हूं कि आप पीएम बनें, इसके लिए मैं दुआ करूंगी। इस पर उन्होंने हंसते हुए कहा था कि हां तेरी सारी दुआएं पूरी हो जाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि जब वो पीएम बनें तो मैं बहुत खुश थी। मैं उनके लिए दुआ करती हूं कि वो ऐसे ही आगे बढ़ते रहें और स्वस्थ्य रहें।

मध्यप्रदेश में भाजपा को झटका, पूर्व सीएम की पौत्रवधु रोशनी यादव ने छोड़ी पार्टी, थामेंगी कांग्रेस का दामन, उनका इस्तीफा सोशल मीडिया पर वायरल

भाजपा की बड़ी नेता और मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले की उपाध्यक्ष रोशनी यादव ने हाल ही में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बारह पंक्तियों के एक पत्र में उन्होंने इस्तीफा देने के अपने कारण बताए और पार्टी पर कई आरोप लगाए। उनका इस्तीफा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी शेयर किया गया है। अपनी राजनीतिक भागीदारी के अलावा, रोशनी यादव एक भक्ति गायिका के रूप में भी जानी जाती हैं और जिला पंचायत की सदस्य हैं। वह राजनीतिक पृष्ठभूमि से आती हैं, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव की पौत्रवधु हैं, जो मध्य प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। रोशनी यादव के त्याग पत्र ने पार्टी के नेतृत्व और कार्यकर्ताओं और जनता के प्रति उनके व्यवहार से निराशा व्यक्त की। उन्होंने महिलाओं के प्रति पार्टी के दृष्टिकोण और उनके खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं की आलोचना की। रोशनी यादव ने भाजपा सदस्य के रूप में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और महंगाई के बारे में जनता द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करने में अपनी असमर्थता का उल्लेख किया। उन्होंने इन्हीं कारणों से इस्तीफा देने के फैसले की घोषणा की।

खबर है कि रोशनी यादव 24 अगस्त को कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगी। उनके दल बदलने की अटकलें पिछले कुछ समय से चल रही थीं, खासकर उनके इस्तीफे से एक महीने पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से मुलाकात के बाद। राजनीतिक विश्लेषकों का सुझाव है कि रोशनी यादव निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र से टिकट की आकांक्षा रखती थीं, लेकिन भाजपा के भीतर उनकी उम्मीदें कम होती जा रही थीं, जिसके कारण संभवत: उन्होंने पाला बदलने का फैसला किया। रोशनी यादव एक राजनीतिक वंश से आती हैं, क्योंकि उनके ससुर राम नरेश यादव यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बाद में मध्य प्रदेश के राज्यपाल के रूप में कार्यरत थे। पारिवारिक विरासत को जारी रखते हुए, रोशनी यादव वर्तमान में जिला पंचायत की सदस्य हैं, और उनका हालिया कदम बड़े पैमाने पर राजनीति को आगे बढ़ाने के उनके इरादे को इंगित करता है।

अपनी राजनीतिक भागीदारी से परे, रोशनी यादव अपने आध्यात्मिक झुकाव के लिए जानी जाती हैं। वह पूजा और भक्ति गायन में संलग्न रहती है, अक्सर संबंधित सामग्री सोशल मीडिया पर साझा करती है। वह बागेश्वर धाम के आध्यात्मिक गुरु पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बहुत सम्मान देती हैं। सोशल मीडिया पर उनकी सक्रिय उपस्थिति ने उन्हें अपनी राजनीतिक और सामाजिक पहलों को प्रदर्शित करने की अनुमति दी है, और उन्हें गुरु पूर्णिमा सहित विभिन्न अवसरों के दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से आशीर्वाद मिला है।

चीन ने तो लद्दाख में पूरे चारागाह पर कब्जा कर लिया है : राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लद्धाख में दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावा करते रहे हैं कि भारत में किसी तरह की चीनी घुसपैठ नहीं हुई लेकिन वे झूठ बोल रहे हैं। चीनी घुसपैठ भी हुई है और लद्दाख के लोगों की जमीन पर उन्होंने कब्जा भी किया है, और ये बात यहां के लोग भी आपको बता देंगे।

राहुल गांधी ने लद्दाख दौरे के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि “भारत जोड़ो यात्रा में लद्दाख भी आना था लेकिन कुछ तार्किक कारणों की वजह से ऐसा नहीं हो पाया तो मैंने सोचा कि क्यों ना लद्दाख का विस्तृत दौरा किया जाए। इसलिए मैं लेह गया।

लद्दाख दौरे के दौरान राहुल पैंगोंग गए, फिर नुब्रा जाएंगे और फिर कारगिल भी जाएंगे और जो जनता के दिल की बात वो सुनेंगे।

पत्रकार की ओर से किए गए सवाल 17 अगस्त से जो आपका दौरा शुरू हुआ और आप युवाओं से मिलते रहे हैं तो युवाओं का क्या रिस्पांस है? का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि “लद्दाख में लोगों की काफी शिकायतें हैं। जो इनको स्टेटस दिया गया है उससे ये खुश नहीं हैं। इनको प्रतिनिधित्व चाहिए, और बेरोजगारी की समस्या है। सब लोग यही कह रहे हैं कि बेरोजगारी बहुत है और महंगाई बढ़ रही है।“

लद्दाख में काफी समय से चुनाव ना होने के सवाल पर राहुल कहते हैं कि यहां प्रतिनिधित्व की ज़रूरत है। राज्य को नौकरशाही के माध्यम से नहीं चलाना चाहिए। जनता की आवाज से राज्य चलना चाहिए।

राहुल गांधी के इस खुलासे के बाद भारतीय राजनीति को एक नया मुद्दा मिल गया है। हालांकि चीनी घुसपैठ की बातें देश में काफी समय पहले से गूंज रही थीं लेकिन राहुल गांधी ने ये भी साफ तौर पर बताया है कि लद्दाख की जिस जमीन पर चीनी घुसपैठ हुई है वो चारागाह जमीन पर की गयी है और ये बात वहां की जनता कह रही है। मतलब कल तक जिस जमीन पर लद्दाख के लोग अपने मवेशी को चराने जाते थे, वो जमीन अब चीन की हो गयी है। कुछ समय पहले तक चीनी घुसपैठ की खबरें उत्तराखंड से आ रही थीं और तब भी सरकार ने कहा था कि किसी तरह की घुसपैठ नहीं हुई है।

उधर, एएनआई से बात करते हुए शिवसेना(यूबीटी) सदस्य संजय राउत ने कहा कि “चीन ने भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है और इसके सबूत भी हैं। अगर रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री इसे स्वीकार नहीं करते हैं, तो मुझे लगता है कि यह भारत माता के साथ नाइंसाफी है। राहुल गांधी इस देश के प्रमुख नेता और सांसद हैं। अगर वो कोई बात सामने रखते हैं या कुछ कहते हैं तो सोच-समझकर कहते हैं। अगर राहुल ने ये बात कही है कि चीन ने हमारी जमीन कब्जे में ले ली है। उसके ऊपर प्रधानमंत्री हो या रक्षा मंत्री उनको जनता को गुमराह करने की जरूरत नहीं… सच बताइए बस यही राहुल जी चाहते हैं।”

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी कहा कि ‘चीन के साथ 19वें दौर की वार्ता विफल रही है, पिछले 3 साल से हर बार वार्ता से भारत को कोई फायदा नहीं हुआ।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘भारत माता’ की रक्षा के लिए बयानबाजी से कब आगे बढ़ेगी केंद्र सरकार? और सीमा पर पहले जैसी स्थिति कब बहाल होगी?

सुरजेवाला ने कहा कि अगर ”किसी ने भी भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया”, तो चीनियों के साथ बातचीत क्यों की जा रही है और क्या सेना प्रमुख का यह कहना गलत है कि चीनियों ने अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है?

राहुल गांधी के इस बयान पर हर किसी का अपना रुख है। सुरक्षा विशेषज्ञ और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी ने रविवार को कहा कि राहुल गांधी का दावा जिसमें ये कहा गया है कि भारत की जमीन पर चीन की सेना ने कब्जा किया है…वो गलत है। जब बातचीत चल रही है तो आप इस तरह का बयान नहीं दे सकते हैं।

संजय कुलकर्णी के अनुसार, भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता मुख्य रूप से इसलिए चल रही है क्योंकि दो टकराव के बिंदु हैं – डेमचोक और देपसांग, इन जगहों पर गश्त को प्रतिबंधित किया जा रहा है।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया तीन पैसे की गिरावट के साथ 83.13 प्रति डॉलर के अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद

 अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया तीन पैसे की गिरावट के साथ 83.13 प्रति डॉलर के अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। इस गिरावट का कारण कच्चे तेल के दाम में तेजी तथा विदेशी निवेशकों का बिकवाली दवाब है।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने के कारण रुपये में नकारात्मक रुझान के साथ कारोबार हो सकता है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.10 पर खुला। दिन में कारोबार के दौरान यह 83.05 से 83.16 के दायरे में घूमने के बाद अंत में अपने पिछले बंद भाव से तीन पैसे टूटकर 83.13 प्रति डॉलर के नये सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ।

पिछले कारोबारी सत्र में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया एक पैसे की गिरावट के साथ 83.10 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इस गिरावट का कारण घरेलू शेयर बाजार में कमजोर रुख तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी है। कच्चे तेल मूल्यों में आई तेजी और विदेशी निवेशकों के बिकवाली दबाव के कारण रुपये में गिरावट आई।

बीएनपी परिबा बाई शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि हालांकि अमेरिकी डॉलर में कमजोर रुख तथा घरेलू बाजार में तेजी से गिरावट पर कुछ अंकुश लगा।

चीनी केंद्रीय बैंक के अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए प्रमुख ब्याज दर को 0.10 प्रतिशत घटाकर 3.45 प्रतिशत करने के बाद अमेरिकी डॉलर में गिरावट आई।

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.14 प्रतिशत घटकर 103.23 रह गया।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.64 प्रतिशत बढ़कर 85.34 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर कारोबार कर रहा था।

वहीं बीएसई सेंसेक्स 267.43 अंक की तेजी के साथ 65,216.09 अंक पर बंद हुआ।

विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने सोमवार को 1,901.10 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

लप्पू सा सचिन' और 'झिंगुर' कहने वालीं मिथिलेश भाटी और सीमा हैदर आमने-सामने,

टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान मिथिलेश ने 'अपशब्दों' पर माफी मांगने से किया इनकार

 'लप्पू सा सचिन' और 'झिंगुर' कहने वालीं मिथिलेश भाटी और सीमा हैदर आमने-सामने आ गईं। एक टीवी चैनल पर हुई डिबेट के दौरान मिथिलेश ने 'अपशब्दों' पर माफी मांगने से पूरी तरह इनकार कर दिया है। साथ ही उन्होंने सीमा हैदर को मामले में नोटिस भेजने की भी चुनौती दी है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि मिथिलेश को सचिन के परिवार की तरफ से धमकी दी गई है, जिसका सीमा ने खंडन किया है।

धमकी देने के आरोप

मिथिलेश और उनकी बहन ने सचिन के परिवार पर धमकी देने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि इस संबंध में सचिन मीणा के चाचा के खिलाफ FIR भी दर्ज की जा चुकी है। आरोप ये भी हैं कि भाटी परिवार के घर के सामने हूटिंग कराई जा रही है। हालांकि, सचिन इन आरोपों से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है, 'न तो हमारे चाचा गए, न मैं गया, न पापा गए और न भैया गया। ये सब ये चाल चल रही हैं।' उन्होंने कहा कि अगर हमारे घर से कोई धमकी देने गया है, तो बेशक केस किया जाए।

अपशब्द कहने पर विवाद

मिथिलेश का कहना है कि उन्होंने सचिन के लिए अपशब्द नहीं, बल्कि 'प्यार से' बातें कही थीं। इस पर सीमा ने कहा, 'मेरे पति को इनके प्यार की जरूरत नहीं है...। ऐसा प्यार, दो महीने से गाली गलौच करना...।' सीमा ने आरोप लगाए कि मिथिलेश ने उनके बारे में भी अपशब्द कहे हैं। कुछ समय पहले एक वीडियो वायरल हुआ था, जहां मिथिलेश को सचिन को 'लप्पू' और झिंगुर जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते देखा गया था।

सीमा हैदर को दे दी चुनौती

अपशब्द कहने के आरोप लगा रहीं सीमा हैदर को मिथिलेश ने नोटिस भेजने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा, 'तू भेज नोटिस...।' साथ ही उन्होंने मामले में माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया है। इस दौरान उन्होंने सीमा को धमकी भी दे दी।

इसपर सीमा ने जवाब दिया, 'मैं इनसे कोई लड़ाई नहीं करना चाहती। जब ये मुझे गाली देने के लिए आ सकती थीं, तो आएं मारकर भी चली जाएं। अगर ये भगवान हैं और किसी की जिंदगी ले सकती हैं, तो आकर मार दें, कोई दिक्कत नहीं...।' उन्होंने कहा, 'आ जाओ मैडम, आपके लिए दरावाजा खुला है मेरा।'

सीमा-सचिन की कहानी

पाकिस्तान की रहने वाली सीमा गुलाम हैदर मार्च 2023 में करीब तीन देशों (पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, नेपाल) की सीमा लांघकर भारत पहुंची थीं। दावा किया जा रहा था कि वह PUBG गेम के जरिए रबुपुरा के रहने वाले सचिन के संपर्क में आई थीं। फिलहाल, सीमा का दावा है कि पुलिस और जांच एजेंसियां उनपर निगरानी कर रही हैं।

सीमा हैदर के बाद अब बांग्लादेश निवासी महिला अपने एक साल के बेटे के साथ पति की तलाश में नोएडा पहुंची, लेकिन प्यार के बदले मिली बेवफ़ाई, पढ़िए,

तीन देशों की सीमाओं को लांघ कर भारत के ग्रेटर नोएडा पहुंची पाकिस्तान की सीमा हैदर का मामला अभी थमा भी नहीं था कि अब बांग्लादेश निवासी महिला अपने एक साल के बेटे के साथ पति की तलाश में नोएडा पहुंच गई। महिला का 20 सेकेंड का एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें महिला पति की तलाश में भारत आने की बात कह रही है।

शिकायत में बांग्लादेश के ढाका की महिला ने बताया कि सौरभकांत तिवारी नामक युवक ने बांग्लादेश में 14 अप्रैल 2021 को उसके साथ निकाह किया था। अब सौरभकांत उसे छोड़कर भारत वापस आ गया। निकाह के बाद महिला और सौरभ का एक बेटा भी हुआ। महिला का आरोप है कि सौरभ पहले से शादीशुदा था और उसने इस बात को उससे छिपाया था। 

सौरभकांत बांग्लादेश में जनवरी 2017 से दिसंबर 2021 तक ढाका, बांग्लादेश में कल्टी मैक्स एनर्जीप्राइवेट लिमिटेड में नौकरी करता था। महिला ने पुलिस को अपने व अपने बेटे के पासपोर्ट, वीजा और नागरिक कार्ड उपलब्ध कराए हैं। गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट के मीडिया सेल का कहना है कि सौरभकांत तिवारी ने महिला के साथ शादी बांग्लादेश में की है। घटनास्थल बांग्लादेश का है। हालांकि, इस प्रकरण की जांच एसीपी महिला सुरक्षा को दी गई है।

क्या है मामला

एक बांग्लादेशी महिला ने सोमवार को नोएडा के रहने वाले सौरभ पर ढाका में काम करने के दौरान उससे शादी करने और बच्चा होने के बाद भाग जाने का आरोप लगाया। महिला ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि सौरभ पहले से शादीशुदा और दो बच्चों का बाप है। नोएडा पुलिस ने शिकायत का हवाला देते हुए कहा कि सौरभ ने 4 जनवरी, 2017 से 24 दिसंबर, 2021 तक ढाका में एक निजी फर्म में काम किया। उसने और बांग्लादेशी महिला ने 14 अप्रैल, 2021 को इस्लामिक रीति-रिवाजों के साथ निकाह किया। दोनों का एक बच्चा है। हालांकि बच्चा होने के बाद वह उसे बांग्लादेश में छोड़कर वापस आ गया। 

सौरभ ने कबूला इस्लाम

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून) आनंद कुलकर्णी ने पीटीआई को बताया, 'हमें बांग्लादेश से आई महिला से शिकायत मिली है। मामले को जांच के लिए महिला एवं बाल सुरक्षा विभाग को भेज दिया गया है। सभी दावों की जांच की जाएगी और दावों से संबंधित दस्तावेजों की जांच की जाएगी।' अधिकारी ने कहा, 'महिला ने यह भी दावा किया है कि सौरभ ने उससे शादी करने के लिए बांग्लादेश में इस्लाम धर्म अपना लिया था। इन सभी दावों का सत्यापन किया जा रहा है।' एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि महिला पर्यटक वीजा पर भारत आई है। दावा किया गया है कि शादी की जगह बांग्लादेश में है। पुलिस ने एक बयान में कहा, मामला आगे की जांच के लिए एसीपी (महिला एवं बाल सुरक्षा) को भेजा गया है।

शिवभक्तों के लिए खुशखबरी, रेलवे ने महाकाल के भक्तों को दिया बड़ा तोहफा, इस स्पेशल ट्रेन का किया ऐलान

भारतीय रेलवे ने महाकाल के भक्तों को बड़ा तोहफा दिया है। सावन और त्यौहार के अवसर को ध्यान में रखते हुए रेलवे की तरफ से भोपाल और उज्जैन के बीच अनारक्षित स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है। यानी इस गाड़ी में सारे को जनरल होंगे। इससे आम यात्रियों को महाकाल के दर्शन करने का फायदा प्राप्त हो सकेगा तथा अन्य ट्रेनों में पड़ रहे भारी दबाव को कम किया जा सकेगा। ये सावन स्पेशल उज्जैन-भोपाल के बीच आज से चलेगी। इसे विशेष रूप से सावन सोमवार और नाग पंचमी के मद्देनज़र अगले 3 दिन तक अनारक्षित स्पेशल के रूप में चलाने का फैसला लिया गया है। इसका वक़्त भी ऐसे रखा गया है कि भक्तों को सरलता से दर्शन हो सकें तथा वो रात में अपने घर पहुंच जाएं।

टाइम टेबल

ट्रेन नंबर 09307 उज्जैन-भोपाल स्पेशल ट्रेन उज्जैन स्टेशन से 21, 22 एवं 23 अगस्त को रात 10:25 बजे चलकर अगले दिन देर रात 1.35 बजे भोपाल पहुंचेगी।

ट्रेन नंबर 09308 भोपाल- उज्जैन स्पेशल (Bhopal- Ujjain Special Train)

ट्रेन भोपाल स्टेशन से 22, 23 एवं 24 अगस्त को रात 1:55 बजे रवाना होकर प्रातः 5.05 बजे उज्जैन स्टेशन पहुंचेगी।

इन स्थानों पर ठहराव

यह ट्रेन दोनों दिशाओं में मार्ग में ताजपुर, मक्सी, बेरछा, अकोदिया, शुजालपुर, कालापीपल, सीहोर तथा संत हिरदाराम नगर स्टेशनों पर रुकेगी। ट्रेन के ठहराव के वक़्त, आदि की विस्तृत जानकारी www.enquiry.indianrail.gov.in से ली जा सकती हैं।

इस कारण हुआ फैसला

बीते कई दिनों से भोपाल और उज्जैन के बीच में यात्रियों का आंकड़ा बढ़ रहा था। लोग त्यौहारों के लिए स्पेशल ट्रेन की मांग भी कर रहे थे। अब नागपंचमी एवं सावन के समापन पर निरंतर बढ़ रहे दबाव की वजह से रेलवे ने ये फैसला लिया है। इससे महाकाल के भक्तों को बहुत सहूलियत होगी।

उत्तराखंड में भूस्खलन से 4 की मौत, स्कूल बंद, हिमाचल में आज भारी बारिश, नई टिहरी-चंबा मोटर मार्ग अवरुद्ध

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 22-24 अगस्त तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है। मौसम विभाग ने 26 अगस्त तक बारिश की भविष्यवाणी करते हुए चंबा और मंडी जिलों के जलग्रहण क्षेत्रों में अचानक बाढ़ के मध्यम खतरे की भी चेतावनी दी है। मौसम कार्यालय ने कहा कि भारी बारिश के कारण भूस्खलन, अचानक बाढ़ और नदियों और नालों में जल स्तर में वृद्धि हो सकती है, इसके अलावा खड़ी फसलों, फलों के पौधों और नई फसल को नुकसान हो सकता है।

बता दें कि, पहाड़ी राज्यों में पिछले कुछ महीनों में लगातार बारिश के कारण व्यापक तबाही और मौतें देखी गई हैं। 

उत्तराखंड में भूस्खलन से 4 की मौत

पुलिस ने कहा कि सोमवार को उत्तराखंड के टिहरी जिले के चंबा में भूस्खलन की चपेट में आने से दो महिलाओं और एक 4 महीने के बच्चे सहित चार लोगों की मौत हो गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नवनीत सिंह भुल्लारेड ने कहा कि अब तक चार शव बरामद किए जा चुके हैं और एक अन्य लापता व्यक्ति की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि चंबा पुलिस स्टेशन के पास एक टैक्सी स्टैंड पर भूस्खलन होने से कुछ और वाहन भी फंस सकते हैं। इस बीच, भूस्खलन से नई टिहरी-चंबा मोटर मार्ग अवरुद्ध हो गया और राज्य आपदा राहत बल (SDRF) ने खोज और बचाव अभियान चलाने के लिए खुदाई मशीनें तैनात कीं।

भारी बारिश की चेतावनी के बीच स्कूल बंद

अगले दो दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर मंगलवार को टिहरी जिले के भिलंगना, चंबा, नरेंद्र नगर और जौनपुर में कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद कर दिए गए हैं। उत्तराखंड में भारी बारिश हो रही है जिससे कई जगहों पर भूस्खलन और अचानक बाढ़ आ गई है। मौसम विभाग ने मंगलवार को देहरादून, पौडी, नैनीताल, चंपावत और बागेश्वर समेत राज्य के पांच जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक, इन जिलों में भारी बारिश की संभावना है, जबकि अन्य जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

चांद पर पहुंचकर केवल जानकारियां ही नहीं अरबों का बिजनेस देगा चंद्रयान 3, स्पेस इकॉनमी में आएगा बूम

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भविष्य में चांद पर लोगों को बसाने की भी प्लानिंग है। इससे पहले ये जानना जरूरी है कि चांद पर जीवन कितना संभव है। इस मिशन मून में हिंदुस्तान इतिहास रचने जा रहा है।चांद पर जाने की रेस में भारत उन चुनिंदा देशों में हो जाएगा जो चांद पर वो खोज कर सकते हैं, जिनसे आगे जाकर भारत चंद्रमा पर अपना बेस बनाने में कामयाब हो सके।चंद्रयान 3 की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग सिर्फ भारत की वैज्ञानिक दक्षता की ही सफलता नहीं होगी। इस मिशन की सफलता से बहुत कुछ जुड़ा है। यह विकसित भारत बनने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस मिशन से कई तरह के मौके खुल जाएंगे। इन अवसरों से भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को दौड़ने के लिए बड़ी खुराक मिलेगी।

इस मिशन के साथ बड़ा आर्थिक पहलू भी जुड़ा हुआ है।दुनिया ने पहले ही अंतरिक्ष संबंधी प्रयासों से रोजमर्रा की जिंदगी में मिले फायदे देखे हैं जैसे कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जल पुनर्चक्रण के साथ स्वच्छ पेयजल तक पहुंच, स्टारलिंक द्वारा विश्वभर में इंटरनेट का प्रसार, सौर ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि और स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियां आदि। स्पेस एक्स जैसी कई कंपनियां चांद तक के ट्रांसपोर्ट को बड़ा बिज़नस मान रही हैं। चंद्रयान के ज़रिए भारत उस बड़े बिज़नस में अपनी हिस्सेदारी के लिए तैयार है।

भारत के LVM3 का इस्तेमाल कॉमर्शियल और टूरिज्म पर्पज के लिए

बीते दिनों अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस की कंपनी ‘ब्लू ओरिजिन’ ने इसरो के LVM3 रॉकेट के इस्तेमाल में अपना इंटरेस्ट दिखाया था। जेफ बेजोस अपनी स्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन में भारत के LVM3 का इस्तेमाल कॉमर्शियल और टूरिज्म पर्पज के लिए करना चाहते हैं। चंद्रयान-3 भारत के लिए भारी भरकम मून इकॉनोमी के दरवाजे खोलने वाला है।

अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में पिछले दशक में 91 प्रतिशत की वृद्धि

उपग्रह से मिलने वाली तस्वीरों और नौवहन के वैश्विक आंकड़ों की बढ़ती मांग के साथ कई रिपोर्टें दिखाती हैं कि दुनिया पहले ही अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था की तेजी से वृद्धि के चरण में है। ‘स्पेस फाउंडेशन’ ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 2023 की दूसरी तिमाही में 546 अरब डॉलर के मूल्य पर पहुंच चुकी है। यह आंकड़ा पिछले दशक में इस मूल्य में 91 प्रतिशत की वृद्धि को दिखाता है।

2025 तक 13 अरब डॉलर हो जाएगी भारत की स्‍पेस इकॉनमी

आंकड़ों के अनुसार, भारत की स्‍पेस इकॉनमी 2020 तक 9.6 अरब डॉलर की थी। 2025 तक इसके बढ़कर 13 अरब डॉलर हो जाने के आसार हैं। आज भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए भी खुला है। देश में 140 से ज्‍यादा स्‍पेस-टेक स्‍टार्टअप हैं। इनमें स्‍कायरूट, सैटश्‍योर, ध्रुव स्‍पेस और बेलाट्रिक्‍स जैसी कंपनियां शामिल हैं। ये ऐसी टेक्‍नोलॉजी बनाने पर काम कर रही हैं जिनका रोजमर्रा के जीवन में इस्‍तेमाल है। ये कंपनियां सैटेलाइट आधारित फोन सिग्‍नल, ब्रॉडबैंड, ओटीटी से लेकर 5जी और सोलर फार्म तक में स्‍पेस टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल करने के मौके तलाश रही हैं।भारत के स्‍पेस सेक्‍टर में पैसा लगाने के लिए निवेशक लालायित हैं। स्‍पेस इंडस्‍ट्री में सरकार निजी सेक्‍टर का ज्‍यादा पार्टिसिपेशन चाहती है। इसी मंशा से उसने भारतीय अंतर‍िक्ष नीति 2023 को मंजूरी दी है। यह निजी सेक्‍टर के लिए भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं को बढ़ाएगी।

चंद्रयान-3 की सफलता से बढ़ेगा निवेशकों का भरोसा

चंद्रयान-3 के सफल लॉन्‍च से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। वे भारत की स्‍पेस टेक्‍नोलॉजी में ज्‍यादा निवेश के लिए आकर्षित होंगे। एक्‍सपर्ट कहते हैं कि अगर चंद्रयान-3 मिशन सफल हुआ तो यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत चौथा देश बन जाएगा। इससे निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। गूगल जैसी कंपनियां पहले से ही भारत के स्पेस-टेक स्टार्टअप में निवेश कर रही हैं। ताज्‍जुब नहीं करना चाहिए अगर चंद्रयान -3 मिशन की सफलता के बाद विदेशी कंपनियों की ओर से निवेश बढ़ जाए। इसके अलावा निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी से नए स्टार्टअप, व्यवसाय और नौकरी के अवसर सामने आ सकते हैं। इससे आर्थिक विकास और इनोवेश को बढ़ावा मिलेगा।

इस स्थिति में बदली जा सकती है चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने की तारीख, इसरो का बड़ा बयान, रोमांच से भरपूर होगें आखिरी के 15 मिनट

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भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में इतिहास गढ़ने वाला है। भारत का महत्वकांक्षी मून मिशन चंद्रयान-3 अपने अंतिम चरण में है।हर बीतते वक्त के साथ हमारा चंद्रयान चांद के करीब पहुंच रहा है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) की तरफ से लैंडिंग की तारीख भी तय कर दी गई है। 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर यह चांद की सतह पर लैंड करेगा।हालांकि, इससे पहले विक्रम लैंडर के लिए अनुकूल स्थितियों को पहचाना जाएगा। इसरो के मुताबिक, लैंडिंग के लिए निर्धारित समय से ठीक 2 घंटे पहले यान को उतारने या न उतारने पर अंतिम निर्णय होगा।यानी इसरो की तरफ से इस तारीख में बदलाव भी किया जा सकता है। इस बात की जानकारी खुद इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।

23 अगस्त को आई बाधा तो 27 को होगी लैंडिंग

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी इसरो ने कहा कि चांद पर चंद्रयान की लैंडिंग 27 अगस्त तक बढ़ाई जा सकती है। अहमदाबाद स्थित इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने कहा, चंद्रयान के चांद पर उतरने से 2 घंटे पहले हम लैंडर और चांद की स्थिति का जायजा लेंगे और उसके बाद लैंडर के चांद पर लैंड कराने पर फैसला लेंगे।नीलेश एम देसाई ने बताया कि यह निर्णय उस समय लैंडर मॉड्यूल की सेहत, टेलीमेट्री डाटा और चंद्रमा की स्थिति के आधार पर होगा। अगर उस समय कोई ऐसी वजह सामने आई जो चंद्रयान 3 को उतारने के लिए अनुकूल नहीं लगी, तो लैंडिंग को टाल कर 27 अगस्त के लिए निर्धारित किया जाएगा। वहीं अगर कोई समस्या नजर नहीं आई, तो 23 अगस्त को ही लैंडर उतारा जाएगा।

लैंड़िंग के चार चरण

इसरो जब चंद्रयान-3 लैंडर को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के कोशिश करेगा तो मिशन को अंतिम 15 मिनट में प्रवेश करना होगा। इस दौरान लैंडर को उच्च गति वाली क्षैतिज स्थिति से एक लंबवत स्थिति में स्थानांतरित करना होगा।लैंडिंग का यह 15 मिनट रोमांच से भरपूर होगा। लैंड़िंग चार व्यापक चरणों में शुरू होगा। इसमें रफ ब्रेकिंग फेज, एल्टीट्यूड होल्ड फेज, फाइन ब्रेकिंग फेज औक टर्मिनल डिसेंट फेज शामिल है।

पहला चरण रफ ब्रेकिंग

लैंडर के लैंडिग की प्रक्रिया जब शुरू होगी तो पहला चरण रफ ब्रेकिंग चरण होगा। यह लगभग 690 सेकेंड का होगा। इस चरण में लैंडर लगभग 1.68 किमी प्रति सेकेंड (लगभग 6048 किमी प्रति घंटे) की गति से यात्रा शुरू करेगा और उसे घटाकर 358 मीटर प्रति सेकेंड (लगभग 100 किमी प्रति घंटे) तक लाया जाएगा। लैंडर का स्पीड (क्षैतिज) कम करने के लिए 400 न्यूटन के 4 इंजन फायर किए जाएंगे।अंतरिक्षयान 690 सेकेंड में लगभग 745 किमी दूर पहुंचेगा जहां उसकी ऊंचाई चांद की सतह से केवल 7.4 किमी रह जाएगी।

दूसरा चरण एल्टीट्यूड होल्डिंग फेज

इसके बाद दूसरा चरण एल्टीट्यूड होल्डिंग फेज होगा. इसकी शुरुआत चांद की सतह से 7.4 किमी की ऊंचाई पर होगी।इस चरण में लगभग 10 सेकेंड में लैंडर की चांद की सतह से ऊंचाई घटकर 6.8 किमी की जाएगी। इस दौरान गति 336 मीटर प्रति सेकेंड हो जाएगी। इस चरण में 740 न्यूटन के बराबर 4 इंजन फायर जाएंगे।

तीसरा चरण फाइन ब्रेकिंग

तीसरा चरण फाइन ब्रेकिंग फेज होगा। इस चरण में लैंडर 6.8 किमी की ऊंचाई से अपनी यात्रा शुरु करेगा और चांद की सतह से लगभग 800 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचेगा। इसमें लगभग 175 सेकेंड का वक्त लगेगा। इस ऊंचाई पर लैंडर का स्पीड शून्य हो जाएगा और वह कुछ देर तक मंडराएगा। यह बहुत ही महत्वपूर्ण चरण होगा। क्योंकि, यहां से लैंडर के सेंसर चांद की सतह पर लेजर किरणें भेजकर लैंडिंग स्थल का मुआयना करेंगे कि, यह स्थल लैंडिंग के अनुकूल है या नहीं। इसके बाद वह चांद की सतह से लगभग 150 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचेगा।

आखिरी चरण टर्मिनल डिसेंट*

इसके बाद चांद की सतह से 150 मीटर की ऊंचाई लैंडर फैसला लेगा कि उसे इस स्थल पर लैंड करना है या नहीं। अगर लैंडिंग के लिए स्थिति अनुकूल नहीं होगी तो लैंडर वहां से 150 मीटर दूर चला जाएगा और वहां लैंड करेगा। यह आखिरी चरण टर्मिनल डिसेंट फेज होगा। विक्रम 150 मीटर की ऊंचाई से पहले 60 मीटर की ऊंचाई तक आएगा फिर वहां से 10 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचेगा। जब चांद की सतह से ऊंचाई सिर्फ 10 मीटर रह जाएगी तब वह धीरे से लैंडिंग के लिए आगे बढ़ेगा और उस समय उसकी गति केवल 1 या 2 मीटर प्रति सेकेंड रह जाएगी। इसके बाद जब लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा तो उसका कुल वजन 800 Kg रहेगा।