/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz बंगाल पंचायत चुनाव के बाद मतगणना के बीच हिंसा जारी, भाजपा विधायक को मिली हमले की धमकी, बीरभूम में सीपीएम का प्रदर्शन, आगजनी India
बंगाल पंचायत चुनाव के बाद मतगणना के बीच हिंसा जारी, भाजपा विधायक को मिली हमले की धमकी, बीरभूम में सीपीएम का प्रदर्शन, आगजनी


पश्चिम बंगाल के बीजेपी विधायक और महासचिव अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि इस पंचायत चुनाव में लोगों की हत्याएं हुईं और हमारी सीएम और 'भाइपो' जिन्होंने बड़े-बड़े दावे किए थे कि यह शांतिपूर्ण चुनाव होगा, उन्होंने कोई बयान नहीं दिया है। गोलीबारी हुई, मेरे निर्वाचन क्षेत्र में बमबारी हुई, फर्जी मतदान हुआ। इसलिए, हमें इस चुनाव से कोई उम्मीद नहीं है। कई मतगणना केंद्रों पर भाजपा के मतगणना एजेंटों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है। मुझे जानकारी मिली है कि जहां मैं बैठी हूं, वे आज दोपहर तक यहां हमला कर देंगे।

बीरभूम जिले के नानूर में मतगणना केंद्र में सीपीएम एजेंट को प्रवेश ना करने देने के खिलाफ सड़क पर टायर जलाकर सीपीएम विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं सीपीएम का विरोध तृणमूल और पुलिस के खिलाफ है। बता दें कि बीरभूम जिले के किरणाहार में मतगणना केंद्र में भाजपा एजेंट समेत विरोधी एजेंट को प्रवेश नहीं करने दिया गया। पूर्व बर्दवान जिले के कटवा में मतगणना केंद्र में सीपीएम और भाजपा एजेंट और प्रार्थी को प्रवेश नहीं करने देने का आरोप दोनों दलों ने लगाया है।

 बोले राज्यपाल सीवी आनंद बोस

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस कहते हैं, "बंगाल में बढ़ती हिंसा के खिलाफ लगातार लड़ाई जारी रहेगी, हम निश्चित रूप से नियंत्रण कक्ष के उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे जो राजनीतिक नियंत्रण कक्ष में बैठते हैं और मैदान पर गुंडों को मार्गदर्शन या रिमोट कंट्रोल करते हैं। यह एक संपूर्ण कार्रवाई होगी." निश्चित रूप से बहुत कड़ी कार्रवाई होगी क्योंकि यह हिंसा नई पीढ़ी के भविष्य को प्रभावित कर रही है...हम बंगाल को नई पीढ़ी के रहने के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाएंगे...''

बंगाल में आज भी हिंसा, मतगणना केंद्र जा रहे भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर टीएमसी ने किया हमला

पूर्व बर्दवान जिले के बुदबुद थाना के गलसी एक ब्लॉक के महाकाली विद्यालय मतगणना केंद्र जा रहे भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर सत्तारुढ़ तृणमूल ने हमला कर दिया। जिसमें घायल भाजपा के एक कार्यकर्ता और कांग्रेस के दो कार्यकर्ता मानकर ग्रामीण अस्पताल में भर्ती हैं। भाजपा और कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया है। हालांकि, तृणमूल ने इससे इनकार कर दिया है।

मणिपुर में घुसे म्यांमार के 11 नागरिकों को सुरक्षाबलों ने हिंसा प्रभावित चुराचांदपुर जिले से किया गिरफ्तार, बम गोली से हुए जख्म का करा रहे थे

पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर बीते 2 महीनों से हिंसा की आग में जल रहा है। वहीं, इस हिंसा के पीछे विदेशी लोगों के हाथ होने की बात भी कही जा रही है। इस बीच मणिपुर में घुसे म्यांमार के 11 नागरिकों को अरेस्ट किया गया है। ये बिना वैध दस्तावेज के भारत में घुसे थे। इनकी गिरफ्तारी 10 जुलाई को हिंसा प्रभावित चुराचांदपुर जिले से की गई है। गिरफ्तार किए गए सभी लोग मणिपुर की बॉर्डर से सटे म्यांमार के तमू (Tomu) शहर के निवासी हैं। ये सभी विदेशी नागरिक चुराचांदपुर जिला हॉस्पिटल में बम और गोली से हुए घावों का उपचार करवा रहे थे। हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इन्हें ये चोटें कैसे लगी थी।

बता दें कि यह मामला 16 जून को तब उजागर हुआ, जब चुराचांदपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी को अस्पताल में म्यांमार के नागरिकों का उपचार किए जाने के संबंध में जानकारी मिली। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 28 जून के मेडिकल डाक्यूमेंट्स से कम से कम म्यांमार के 5 नागरिकों का जिला अस्पताल में उपचार होने की पुष्टि होती है। इनकी शंखत थर्गयी (15 जून से 28 जून तक भर्ती रहा), खैपी (15 जून को भर्ती हुआ), लुलमिनलाल (15 जून को भर्ती), कोनम (17 जून को भर्ती) और लोकी (17 जून को भर्ती हुआ) के रूप में हुई है। 20 अप्रैल को म्यांमार के 3 अन्य नागरिकों को इसी अस्पताल में एडमिट कराया गया था। इनकी शिनाख्त अवंगफ्योवाई, नगाम्बोई और डेविड थेटपिंग के तौर पर हुई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आशंका जताई जा रही है कि मणिपुर के चुराचांदपुर और बिष्णुपुर जिलों में हिंसा के दौरान म्यांमार के ये नागरिक जख्मी हुए थे। घायलों में लोकी की हालत सबसे नाजुक बताई जा रही है, जिसके पेट में गहरी चोट लगी है। उसका ICU में उपचार चल रहा है। बता दें कि मणिपुर में हिंसा के दौरान मैतेई समूह ने कुकी विद्रोहियों को म्यांमार से मदद मिलने का दावा भी किया था। ध्यान रहे कि मणिपुर में हिंसा का एक मुख्य कारण म्यांमार और बांग्लादेशी से आए गैर कानूनी घुसपैठिए भी हैं। मैतेई समुदाय इस घुसपैठ को अपनी पहचान के लिए खतरा बताता रहा है। 

उल्लेखनीय है कि, उत्तर पूर्व भारत म्यांमार के साथ 1,643 किलोमीटर की बॉर्डर साझा करता है। आधिकारिक आँकड़ों के मुताबिक, म्यांमार के तक़रीबन 52,000 शरणार्थी पूर्वोत्तर राज्यों में बसे हुए हैं। इनमें से 7800 शरणार्थी मणिपुर में भी रहते हैं, जहाँ इन्हें बाकायदा शरणार्थी का दर्जा दिया गया है। इसके साथ ही, म्यांमार और बांग्लादेश से बड़ी तादाद में आए अवैध घुसपैठिए भी मणिपुर में बसे हुए हैं। इनके आँकड़े सरकार के पास भी मौजूद नहीं हैं। मैतेई संगठनों का कहना है कि म्यांमार और बांग्लादेश से बड़े पैमाने पर अवैध आप्रवास के चलते उन्हें कई किस्म की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

बता दें कि, म्यांमार से मणिपुर में घुसपैठ की ये पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी पुलिस ने जून 1, 2019 को भारत-म्यांमार बॉर्डर के पास स्थित मोरेह शहर से 9 रोहिंग्याओं को फर्जी आधार कार्ड के साथ पकड़ा था। इसके अलावा इम्फाल के तुलीहाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 10 अगस्त 2019 को रोहिंग्या समुदाय के 6 लोगों को पकड़ा गया था। ये घुसपैठिए फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के माध्यम से नई दिल्ली से यहाँ पहुँचे थे। तब राज्य के सीएम बिरेन सिंह ने रोहिंग्याओं की घुसपैठ पर चिंता प्रकट की थी और चौकसी बढ़ा दी थी। घुसपैठ अब भी जारी है।

आंध्र प्रदेश में बड़ा हादसा, नहर में जा गिरी बारातियों से भरी बेकाबू बस, सात लोगों की मौत; एक दर्जन घायल

आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में मंगलवार को भीषण सड़क हादसा हुआ है। बारातियों से भरी एक बस नगर में जा गिरी है। हादसे में सात लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए। हादसे की वजह का पता नहीं चल सका है। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है। अधिकारियों ने हादसे की जानकारी दी है।

सात लोगों की मौत, एक दर्जन घायल

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रकाशम जिले में मंगलवार तड़के बारातियों से भरी एक बस नहर में गिर गई। हादसे में सात लोगों की मौत हो गई, मृतकों में एक बच्चा भी शामिल है। इसके अलावा हादसे में एक दर्जन लोग घायल भी हुए हैं।

बस में सवार थे 40 लोग

जानकारी के मुताबिक, ये हादसा मंगलवार तड़के दर्शी इलाके के पास हुआ है। बस पोडिली से काकीनाडा जा रही थी। तभी बस बेकाबू होकर सागर नहर में गिर गई। बताया जा रहा है कि बस में करीब 40 लोग सवार थे। हादसे की जानकारी फौरन पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने बचाव अभियान शुरू किया।

चालक को झपकी आने की वजह से हुआ हादसा!

हादसे की वजह की जांच की जा रही है। पुलिस ने बस चालक को झपकी आने की आशंका जताई है। पुलिस के अनुसार, आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) की बस किराए पर ली गई थी।

मृतकों की पहचान अब्दुल अजीज (65), अब्दुल हानी (60), शेख रमीज (48), मुल्ला नूरजहां (58), मुल्ला जानी बेगम (65), शेख शबीना (35) और शेख हिना (6) के रूप में हुई है।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, 10 आतंकी गिरफ्तार, जेकेएलएफ और हुर्रियत को फिर से जिंदा करने की हो रही साजिश!

#jammu_and_kashmir_police_arrest_10_ex_terrorists

जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ लगातार अभियान जारी है। इस बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन जेकेएलएफ और हुर्रियत को फिर से जिंदा करने की साजिश रचने वाले 10 पूर्व आतंकवादियों को एक साथ धर दबोचा है। बताया जा रहा है कि ये पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के इनपुट पर काम कर रहे थे।इन सभी लोगों को पुलिस ने 10 जुलाई को गिरफ्तार किया।

कश्मीर में आतंकी हिंसा और अलगाववादी एजेंडे का दुष्चक्र शुरू करने व हुर्रियत और जेकेएलएफ को फिर से खड़ा करने की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के इशारे पर रविवार को लालचौक से कुछ ही दूरी पर कोठीबाग पुलिस स्टेशन के पास स्थित मोहम्मद यासीन बट ने ईद मिलन पार्टी का आयोजन किया था। मोहम्मद यासीन बट जेकेएलएफ का एक पुराना कमांडर है।मोहम्मद यासीन बट जेकेएलएफ का एक पुराना कमांडर है और टेरर फंडिंग के मामले में भी उससे पूछताछ हो चुकी है। उसने हुर्रियत कान्फ्रेंस, समेत विभिन्न अलगाववादी संगठनों के नेताओं के अलावा जेकेएलएफ के कुछ पुराने कमांडरों को बुलाया था।

पुलिस को इस बैठक की भनक लग गई और उसने दबिश देकर वहां मौजूद सभी को हिरासत में ले लिया।पूछताछ के दौरान पहली नजर में यह पता चला है कि वे जेकेएलएफ और हुर्रियत को फिर से एक्टिव करने की साजिश रच रहे थे। श्रीनगर के कोठीबाग पुलिस स्टेशन में इन सभी पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की धारा 10, 13 और आईपीसी की धारा 121 ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच जारी और जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी लोग अपने पाकिस्तान स्थित आकाओं के निर्देशन में इन संगठनों को फिर से जिंदा करने की साजिश रच रहे थे। शुरुआती जांच से पता चला है कि वे विदेश में मौजूद संस्थाओं के संपर्क में थे। उनमें से कुछ ऐसे कई समूहों के सदस्य थे, जो फारूक सिद्दीकी और जेकेएलएफ के राजा मुजफ्फर की अध्यक्षता वाले कश्मीर ग्लोबल काउंसिल की तरह अलगाववाद का प्रचार करते हैं।

जांच में पता चला कि 13 जून को एक बैठक हुई थी जिसमे ये सभी लोग शामिल थे। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनकी पहचान मोहम्मद यासीन, मोहम्मद रफीक, शम्सुद्दीन रहमानी के तौर पर हुई है। इसके अलावा जहांगीर अहमद, खुर्शीद भट्ट, शब्बीर डार, सज्जाद हुसैन,फिरदौस, हसन, सोहेल को भी गिरफ्तार किया गया है।

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर मौत बनकर आठ किमी दौड़ती रही बस, स्कूल बस की टक्कर से टीयूवी कार सवार छह लोगों की मौत, सीसीटीवी फुटेज में दिखा भयंकर ह

 दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर गलत दिशा में चल रही स्कूल बस की टक्कर से टीयूवी कार सवार छह लोगों की मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल दो लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसा अकबरपुर बहरामपुर के पास थाना क्रासिंग रिपब्लिक क्षेत्र में मंगलवार सुबह छह बजे हुआ।

कार मेरठ से दिल्ली की तरफ जा रही थी और आरोपित बस चालक गाजीपुर में सीएनजी भरवाने के बाद गलत दिशा से क्रासिंग रिपब्लिक की ओर लौट रहा था।‌

बस खाली थी और चालक धर्मेंद्र के नशे में होने की भी बात सामने आई है। पुलिस ने आरोपित चालक को हिरासत में ले लिया है। मृतकों में इंचौली (मेरठ) के नरेंद्र, अबिता, हिमांशु, दीपांशु, वंशिका व एक अन्य शामिल हैं। सभी खाटूश्याम दर्शन के लिए जा रहे थे।

आठ किलोमीटर गलत दिशा में मौत बनकर दौड़ती रही बस

डीएमई पर गलत दिशा में चलने वालों और प्रतिबंधित वाहन के खिलाफ कार्रवाई के तमाम दावे किए जाते हैं, लेकिन ग्रेटर नोएडा के बाल भारती पब्लिक स्कूल की बस के चालक ने दिल्ली से डीएमई पर प्रवेश किया और आठ किलोमीटर तक गलत‌ दिशा में मौत बनकर दौड़ती रही। सुबह के समय पुलिस की सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आठ किलोमीटर के दायरे में कहीं भी बस को नहीं रोका गया।

एलिवेटेड रोड के पास से डीएमई पर प्रवेश‌‌ करते समय पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। हालांकि यातायात पुलिस कर्मियों की ड्यूटी सुबह आठ बजे से शुरू होती है।

हालांकि अलग-अलग थानों की पीसीआर व लैपर्ड के गश्त के दावे किए जाते हैं, लेकिन कौशांबी, इंदिरापुरम, क्रासिंग रिपब्लिक व विजयनगर थाने के भी किसी पुलिसकर्मी ने इसके बारे में सूचना नहीं दी। हादसा इतना भीषण हुआ कि कार का काट-काटकर शव निकालने पड़े।

एडीसीपी यातायात रामानंद कुशवाहा का कहना है कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं। बस चालक की गलती से हादसा हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट से सरकार को बड़ा झटका, ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने पर उठाया सवाल, 15 दिनों के भीतर नई नियुक्ति का निर्देश

#supreme_court_says_extension_of_tenure_of_ed_director_sanjay_kumar_mishra_is_illegal

सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को करारा झटका लगा है।सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) डायरेक्टर एस के मिश्रा को मिले सेवा विस्तार को गलत करार दिया है।कोर्ट ने ईडी के निदेशक संजय मिश्रा के कार्यकाल को घटा दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि संजय मिश्रा का कार्यकाल 31 जुलाई तक ही रहेगा। बता दें कि केंद्र सरकार ने लगातार तीसरे बार संजय मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ा दिया था।इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

15 दिनों के भीतर ईडी के नए डायरेक्टर की नियुक्ति का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के डायरेक्टर को एक और एक्सटेंशन देना अवैध बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ईडी डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा का तीसरी बार कार्यकाल नहीं बढ़ेगा। कोर्ट ने आगे यह भी कहा कि मिश्रा को 31 जुलाई तक दफ्तर खाली करना होगा। साथ ही कोर्ट ने सरकार से 15 दिनों के भीतर ईडी के नए डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए कहा है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ईडी और सीबीआई प्रमुखों को 5 साल का कार्यकाल देने के लिए सीवीसी, डीएसपीई अधिनियमों में संशोधन की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है।

तीसरी बार बढ़ाया गया था कार्यकाल

बता दें कि संजय कुमार मिश्रा को नवंबर 2018 में प्रवर्तन निदेशालय के पूर्णकालिक प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। केंद्र सरकार ने सबसे पहले 2020 में उनको एक साल का सेवा विस्तार दिया था। तब उन्हें 18 नवंबर, 2021 तक एक साल के लिए उनका कार्यकाल बढ़ाया गया था। फिर 2021 में कार्यकाल समाप्त होने से एक दिन पहले ही उन्हें दोबारा सेवा विस्तार दिया गया। ये दूसरी बार था। वहीं, 17 नवंबर 2022 को संजय कुमार मिश्रा का दूसरा सेवा विस्तार खत्म होने से पहले ही कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने एक वर्ष (18 नवंबर 2022 से 18 नवंबर 2023 तक) के लिए तीसरे सेवा विस्तार को मंजूरी दे दी थी।

यूसीसी को लेकर उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान, कहा- सबके लिए कानून और अधिकार समान होना भी जरूरी, हिंदू, सिख, ईसाई, दलित किसी को कोई छूट ना मिले

#omar_abdullah_spoke_on_ucc

देश भर में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बहस जारी है। संभावना है कि इसी महीने शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार इसे सदन में पेश कर सकती है। हालांकि, मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं, वहीं राजनीतिक दलों की राय इसे लेकर बंटी हुई है। इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने यूसीसी पर अपनी राय जाहिर की है।उन्होंने कहा कि यह यूनिफॉर्म सिविल कोड है इसलिए सबके लिए कानून और अधिकार समान होना भी जरूरी है। वरना लगेगा कि किसी खास समूह या समुदाय को निशाना बनाकर इसे लागू किया गया है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यूसीसी में सभी धर्मों और जातियों के लिए समान कानून और अधिकार होने चाहिए, न ही कोई छूट होनी चाहिए, फिर वह हिंदू, सिख, ईसाई, दलित या कोई भी हो। नहीं तो लगेगा कि इसे खास समुदाय और मुसलमान एवं मुस्लिम पर्सनल लॉ को निशाना बनाने के लिए लाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब समान अधिकार और कानून है।

बीजेपी इस समय सबसे कमजोर पार्टी-उमर

इस दौरान नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी में पड़ फूट को लेकर उमर अब्दुल्ला ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी इस समय सबसे कमजोर पार्टी हो चुकी है।उन्होंने कहा, बीजेपी इस समय अपने सबसे कमजोर दौर से गुजर रही है इसलिए वह एनडीए का पुनर्जागरण कर रही है और दूसरे दलों में फूट ड़ाल रही है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वह विपक्षी दलों को खत्म कर सकते हैं। 

आर्टिकल 370 पर सुनवाई होने होने पर जताई खुशी

वहीं, उन्होंने जम्मू-कश्मीर से हटाए गए आर्टिकल 370 को लेकर भी बयान दिया और कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि इस मुद्दे पर सुनवाई शुरू हो रही है। उमर ने कहा कि वह इस पर केंद्र की ओर से दर्ज की गई अर्जी पर कुछ नहीं कहेंगे, उस पर कोर्ट में जवाब दिया जाएगा

जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में निर्मला सीतारामन से दिल्ली और पंजाब के वित्त मंत्रियों की बहस, जानिए क्या है वजह?

#gst_meeting_punjab_and_delhi_finance_minister_heated_debate_with_nirmala_sitharaman

देश की राजधानी दिल्ली में जीएसटी की 50वीं बैठक में माहौल गरमा गया। मीटिंग के दौरान पंजाब और दिल्ली के वित्त मंत्रियों की केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारामन से बहस हो गई। बैठक के दौरान, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और दिल्ली के फाइनेंस मिनिस्टर आतिशी मार्लेना, निर्मला सीतारामन से भिड़ गए। सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि दिल्ली और पंजाब दोनों ही जीएसटी को पीएमएलए यानी मनी लांड्रिंग के तहत लाने का विरोध कर रहे हैं।बता दें कि दिल्ली और पंजाब दोनों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी कि सरकार है।

दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक चल रही है। मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली और पंजाब जीएसटी को पीएमएलए यानी मनी लांड्रिंग के तहत लाने का विरोध कर रहे हैं। इसी दौरान दिल्ली की वित्त मंत्री और पंजाब के वित्त मंत्री की केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण से बहस हो गई। कहा जा रहा है कि इस बहस के बाद मीटिंग का माहौल काफी गरमा गया।

आम आदमी पार्टी की सरकार वाले राज्य दिल्ली और पंजाब में पीएमएलए को जीएसटी के अधीन लाने के फैसले का विरोध कर रहे हैं। इसी मुद्दे को लेकर केंद्र और राज्य के गृहमंत्रियों के बीच जोरदार बहस छिड़ी हुई है। बता दें कि दिल्ली सरकार एक लंबे समय से पीएमएलए को जीएसटी के अधीन लाए जाने का विरोध कर रही है।

उधर, दिल्ली में सरकारी अधिकारियों के ट्रांसफर- पोस्टिंग के अधिकार को लेकर केंद्र और आप सरकार के बीच विवाद चल रहा है। इस मामले में दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर केंद्र के अध्यादेश को चुनौती दी है, जिस पर सुनवाई चल रही है।

नेपाल में सोलुखुभु से काठमांडू जा रहा हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार, 5 विदेशी नागरिकों समेत 6 लोग थे सवार

#nepal_a_helicopter_with_6_people_on_board_has_gone_missing

नेपाल में मंगलवार सुबह एक हेलिकॉप्टर दादसे का शिकार हो या। जिसमें 5 विदेशी नागरिक समेत 6 लोग सवार थे।सोलुखुम्बु से राजधानी काठमांडू जा रहे इस हेलिकॉप्टर का संपर्क उड़ान के कुछ देर बाद ही टूट गया था, जिसके बाद अब इसके दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी आई है।

बताया गया है कि सुबह करीब 10 बजे इस हेलीकॉप्टर का संपर्क कंट्रोल टॉवर से टूट गया। इसके बाद से ही चॉपर की कोई जानकारी नहीं मिली है। द काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, लापता हुए हेलिकॉप्टर का सुबह करीब 10:15 बजे नियंत्रण टावर से संपर्क टूट गया। त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के महाप्रबंधक प्रताप बाबू तिवारी के अनुसार, कॉल साइन 9एन-एएमवी वाला हेलिकॉप्टर उड़ान के 15 मिनट बाद संपर्क रहित हो गया।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस हेलिकॉप्टर में पांच मैक्सिकन नागरिक समेत कुल 6 लोग सवार थे। मंगलवार सुबह 10.10 मिनट पर मनांग एयर के इस हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरी थी, इसके 15 मिनट बाद ही हेलिकॉप्टर का संपर्क टूट गया था।

धारा 370 हटाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में 2 अगस्त से रोज होगी सुनवाई, शीर्ष अदालत ने सभी पक्षों से 27 जुलाई तक मांगे जवाब

#article_370_hearing_will_be_heard_in_august

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की तरफ से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका के लेकर अहम निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत अब इस मामले की रोज सुनवाई करेगी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच-जजों की पीठ ने अनुच्छेद 370 मामले में 2 अगस्त से रोज सुनवाई करने की बात कही है। इसी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सभी पक्षकारों को 27 जुलाई तक अपने जवाब दाखिल करने को कहा है।

2 अगस्त से रोज होगी सुनवाई

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि याचिकाओं पर 2 अगस्त से सुनवाई शुरू करेंगे। सीजेआई ने कहा कि सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर रोजाना साढ़े दस बजे से सुनवाई होगी। 

बाद में बदलाव की नहीं होगी अनुमति

अदालत ने कहा कि 27 जुलाई तक सभी पक्ष इस मामले में अपना जवाब दाखिल करा दें, उसके बाद कोई बदलाव कराने की अनुमति नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि सुनवाई शुरू होने से पहले ये भी बताया जाए कि किस पक्ष से कौन-कौन जिरह करेगा। 

केंद्र के नए हलफनामे पर विचार करने से भी इनकार

साथ ही शीर्ष अदालत ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान केंद्र के नए हलफनामे पर विचार करने से भी इनकार कर दिया। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले केंद्र सरकार की तरफ से आर्टिकल 370 को लेकर एक हलफनामा दिया गया था। केंद्र ने जो नया हलफनामा दाखिल किया है, वो पिछले 4 साल में जम्मू-कश्मीर में स्थिति में आए सुधारों पर है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने का बचाव किया था। केंद्र ने सोमवार को शीर्ष अदालत से से कहा था कि यह कदम उठाये जाने के बाद जम्मू कश्मीर के पूरे क्षेत्र में ‘अभूतपूर्व’ शांति, प्रगति और समृद्धि देखने को मिली है। केंद्र ने कहा था कि कि आतंकवादियों की तरफ से सड़कों पर की जाने वाली हिंसा और अलगाववादी नेटवर्क अब ‘अतीत की बात’ हो चुकी है। हलफनामें में क्षेत्र की विशिष्ट सुरक्षा स्थिति का संदर्भ देते हुए केंद्र ने कहा था कि आतंकवादी-अलगाववादी एजेंडा से जुड़ी सुनियोजित पथराव की घटनाएं वर्ष 2018 में 1,767 थीं, जो घटकर 2023 में आज की तारीख में शून्य हो गई हैं। इसके साथ ही सुरक्षाकर्मियों के हताहत होने के मामलों में 2018 की तुलना में 2022 में 65.9 प्रतिशत की कमी का भी जिक्र किया गया था।

 

2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया गया था

बता दें कि 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया था। जिसके बाद इसका जमकर विरोध हुआ था और सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं। इससे जुड़ी 20 से ज्यादा याचिकाएं लंबित हैं, जिन पर एक साथ चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच सुनवाई करेगी।