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बिहार में हुए हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ने बताया सोची समझी साजिश, बिना नाम लिए केन्द्रीय गृह मंत्री पर बोला हमला

डेस्क : रामनवमी जुलूस के दौरान सासाराम और बिहारशरीब में हुए हिंसा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा है कि दोनो जगहीं पर हिंसा कराई गई। माहौल खराब करने करने की कोशिश की गई। वहीं उन्होंने इस मामले को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा राज्यपाल से मिलने पर भी सवाल खड़ा किया। 

आज पूर्व डिप्टी पीएम स्वर्गीय जगजीवन राम की जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम मंे शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान सासाराम बिहारीशरीफ हिंसा पर पूछे गये प्रश्न को लेकर कहा कि बिहार में हिंसा कराई गई। माहौल खराब करने की कोशिश की गई। कभी यहां कुछ होता ही नहीं है सब लोग यहां अलर्ट रहते हैं। अगर अचानक कहीं कुछ किया गया है तो उसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। हमलोग भी पूरी नजर बनाए हुए हैं। प्रशासन ने सही तरीके से सबकुछ संभाला है। सब कुछ जानबूझकर कराया गया गया। हिंसा की जांच जारी है। जल्द ही हिंसा का सच सामने आएगा। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दंगाइयों को उल्टा लटकाकर सीधा करने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप भूल गए जब 2017 में फिर हम इन लोगों के साथ गए थे तो एक घटना हुई थी। उसमें एक नेता का बेटा शामिल था, तो उसको भी हम अरेस्ट करवाए थे। ये लोग कभी कुछ किए हैं। जो यहां हुआ है आप सभी लोगों को मालूम है। एक एक आदमी को पता है कि प्रारंभ से ही हमने क्या- क्या किया है। 

उन्होंने कहा कि फेडरल सिस्टम में मुख्यमंत्री से बातचीत करने का प्रावधान होता है का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस देश के संविधान को जरा देख लीजिए। शुरु से बना है कि जो भी गवर्नर होते हैं तो क्या केवल उन्हीं से बात की जाती है? या सरकार से कोई बातचीत की जाती है। यह कानून बना हुआ है कि राज्य सरकार की सहमति से कुछ होता है जो लोग बोल रहे हैं वो कितना दिन से राजनीति में हैं और हमलोग कितना दिन से राजनीति में हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पार्टी थी वो कितना बढ़िया से काम करती थी। आजकल ये लोग कुछ काम नहीं कर रहे हैं सब चीज पर कब्जा कर लिए हैं, केवल अपना प्रचार कर रहे हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां राज्यों में अच्छा काम होता है उसकी कहीं चर्चा नहीं है। हमलोग इतना काम करते हैं कहीं कोई चर्चा नहीं होती है। केवल बिहार के अखबारों में छप जाती है दो जगहों पर जो कुछ भी हुआ उसको लेकर एक-एक चीजों पर नजर है और पूरे बिहार पर नजर है। इस संदर्भ में हमने तत्काल मिटिंग की थी। सारे अधिकारियों को हमने कह दिया है कि जितने लोग इसमें संलिप्त हैं चाहे वो किसी भी कम्यूनिटी के हों, किसी भी जाति के हों उन पर उचित कार्रवाई की जाय।

वहीँ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भाजपा का दरवाजा हमेशा के लिए बंद हो जाने वाले बयान पर पत्रकारों के पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी बातों का नोटिस नहीं लेते हैं। उनका कौन दरवाजा है? कोई दरवाजा है। उनका तो एकतरफा छपता ही है और हमलोगों की कोई बात नहीं छपेगी तो हमको क्या जरूरत है नोटिस लेने का। हम लोगों के बीच में हैं। मीडियाकर्मी बंधुओं से आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपसे हमें काफी उम्मीद है, आप जरा लोगों से अंदर से जाकर बात कीजिए, तब आपको सही बातों का पता चल जाएगा।

पूर्व डिप्टी पीएम बाबू जगजीवन राम की जयंती आज, सीएमम ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया नमन

डेस्क : आज देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व० जगजीवन राम की जयंती है। इस अवसर पर पटना में राजकीय समारोह का आयोजन किया गया। 

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्कुलर रोड, अणे मार्ग एवं कौटिल्य मार्ग के चौराहे पर अवस्थित स्व० जगजीवन राम की आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। 

वहीं इस अवसर पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम, विधि मंत्री शमीम अहमद, विधान पार्षद कुमुद वर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। 

इस अवसर पर सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा आरती पूजन, भजन कीर्तन, बिहार गीत एवं देशभक्ति गीत के कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।

बिहार में रामनवमी के दौरान हुए हिंसा के लिए पूर्व सीएम राबड़ी ने बीजेपी को ठहराया जिम्मेवार, बोलीं- भाजपा पहले दंगा कराती है और फिर हंगामा करती

डेस्क : रामनवमी जुलूस के दौरान सासाराम और नालंदा में बड़े स्तर पर हिंसा हुई थी। हालांकि अब दोनो जगहों पर स्थिति नियंत्रण में है। प्रशासन की ओर से एहतियातन पिछले 4 दिनों से दोनों जिलों में इंटरनेट सेवा बंद है। वहीं स्कूल-कॉलेज भी 4 अप्रैल तक बंद थे। दोनों जिलों में बड़े स्तर पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। प्रभावित इलाकों में अभी भी बाजार खुलने के बाद भी सडकों पर भीड़भाड़ कम देखी जा रही है। 

वहीं हिंसा, उपद्रव और आगजनी की घटनाओं के बाद प्रदेश की राजनीति गरम है। इस मामले की गूंज बिहार विधान सभा तक है। जिसपर बजट सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा लगातार हंगामा किया जा रहा है। विपक्षी दल भाजपा ने जहाँ घटनाओं के लिए सत्ताधारी महागठबंधन को जिम्मेदार ठहराया है वहीं भाजपा को सत्ताधारी दल निशाने पर लिए हुए हैं। 

इसी कड़ी में पूर्व सीएम व बिहार विधान परिषद् मे नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी ने भाजपा पर बड़ा हमला बोलीं है। उन्होंने भाजपा कथित आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा ही दंगा कराती है और ऐसी घटनाओं के बाद भाजपा ही हंगामा भी करती है। 

उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच चल रही है और उसके बाद सब साफ़ हो जाएगा कि कौन लोग थे जिन्होंने राज्य में हिंसा को भड़काने का काम किया। उन्होंने कहा कि आरआरएस और भाजपा के लोग ऐसा करते रहे हैं।

बजट सत्र के आज अंतिम दिन विस में हुआ भारी हंगामा, बीजेपी विधायक को किया गया मार्शल आउट, सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित

डेस्क : बिहार विधान मंडल के बजट सत्र का आज अंतिम दिन है। वहीं आज विस की कार्यवाही विपक्ष के भारी हंगामे के साथ शुरु हुई। आलम यह रहा कि विपक्ष के विधायक वेल में पहुंच गए। वहीं बीजेपी विधायक जीवेश मिश्रा को स्पीकर के आदेश पर मार्शल आउट किया गया। 

आज जैसे ही विधान सभा की कार्यवाही शुरू हुई नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सदन में कहा कि आज कार्यवाही का अंतिम दिन है। हमलोगों ने कई गंभीर मुद्दे उठाये लेकिन सरकार ने संज्ञान नहीं लिया। रामनवमी पर उपद्रव हुआ,सरकार पूरी तरह से लापरवाह रही। बिहार सरकार अपहरण, हत्या, रंगदारी की घटना को रोकने में विफल रही। स्पीकर ने कहा कि भाजपा विधायकों को जब बोलने से रोका तो विपक्षी विधायक हंगामा करते हुए वेल में पहुंच गए। भाजपा विधायक नीतीश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वेल में हंगामा करने लगे। स्पीकर ने मार्शल से कहा कि पोस्टर दिखा रहे विधायकों के हाथ से पोस्टर ले लें। 

इसके बाद स्पीकर ने संसदीय कार्य मंत्री को बोलने का मौका दिया। स्पीकर ने कहा कि जनहित के सभी मुद्दों पर सरकार हर समय जवाब देने को तैयार है। लेकिन विपक्ष का हंगामा करने का रवैया ठीक नहीं है। विपक्ष के भारी हंगामे के बीच ससंदीय कार्य मंत्री ने कहा कि यह कौन सी व्यवस्था है, विपक्ष के लोग बोलेंगे और दूसरे नहीं बोलेंगे, क्या सरकार की बात सुनना पसंद नहीं करते हैं? स्पीकर ने कहा कि विपक्ष की यह परिपाटी गलत है। ये लोग तुरंत वेल में पहुंच जाते हैं। 

वहीं हंगामा करने वाले भाजपा विधायक जीवेश मिश्र को मार्शल आउट किया। मार्शलों ने जीवेश मिश्र को टांग कर उन्हें सदन के बाहर लाकर छोड़ दिया। स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के निर्देश पर मार्शलों ने जीवेश ने सदन से उठाकर बाहर कर दिया। बाद में जीवेश ने कहा कि आज लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। स्पीकर द्वारा यह एकतरफा कार्रवाई गई है क्योंकि उन्होंने रामनवमी हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सदन में जवाब देने की मांग की थी। 

दरअसल, विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद जीवेश मिश्र ने रामनवमी पर सासाराम और नालंदा में हुई हिंसा का मुद्दा उठाया। उन्होंने सीएम नीतीश से मांग की कि वे सदन में आकर जवाब दें। इसी को लेकर जीवेश के हंगामा करने पर उन्हें स्पीकर ने मार्शलों से उठवाकर बाहर करा दिया। जीवेश मिश्र ने कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि बिहार में रामनवमी पर जो हिंसा हुई और हिंदुओं का कत्लेआम किया गया उसे लेकर उन्होंने सदन में आवाज उठाई थी। उसे लेकर मुख्यमंत्री से हमने सदन में आकर जवाब देने को कहा था। लेकिन स्पीकर ने एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए मार्शल आउट करने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि आज इस घटना से लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता देख रही है कि सदन में किस तरह से हिंदुओं पर हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। वहीं जीवेश मिश्र प्रकरण को लेकर सदन के भीतर भी हंगामा होता रहा। साथ ही स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी।

बिहार विधान परिषद् के 5 सीटों पर हुए चुनाव का आज मतगणना का कार्य शुरु, कई दिग्गजों के भाग्य का होगा फैसला

डेस्क : बिहार विधान परिषद् के स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के कुल पांच सीटों के लिए 31 मार्च को हुए चुनाव का आज मतगणना का कार्य शुरु हो गया है। बिहार की दोनों प्रमुख एलाएंस एनडीए और महागठबंधन के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण है। दोनो गठबंधन के लिए इस चुनाव का परिणाम काफी कुछ तय करेगा। दोनों गठबंधन की तरफ से अपनी जीत के दावे किए जा रहे हैं। वहीं चुनाव में कुछ निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं, जो अपनी जीत के दावे कर रहे हैं।  

बता दें इस चुनाव में 48 उम्मीदवार मैदान में हैं। जिनके भाग्य का फैसला आज होना है। इनमें विप के पूर्व सभापति अवधेश नारायण सिंह, महाचंद्र प्रसाद सिंह, संजीव कुमार सिंह , संजीव श्याम सिंह, वीरेंद्र नारायण यादव सहित अन्य प्रमुख नेता शामिल हैं।

सारण शिक्षक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए 9 उम्मीदवारों में भाजपा के महाचंद्र प्रसाद सिंह व जदयू के डॉ. वीरेंद्र नारायण यादव शामिल हैं। सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव को लेकर 12 उम्मीदवारों में भाकपा के आनंद पुष्कर व भाजपा के डॉ. धर्मेंद्र कुमार सिंह चुनाव लड़ रहे हैं।

गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से कुल 8 उम्मीदवारों में भाजपा से अवधेश नारायण सिंह व राजद से पुनीत कुमार सिंह शामिल हैं। गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से कुल 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें भाजपा के जीवन कुमार व जदयू के संजीव श्याम सिंह उम्मीदवार हैं।

कोशी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से 7 उम्मीदवारों में भाजपा के रंजन कुमार व जदयू के संजीव कुमार सिंह और पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) के ओम प्रकाश यादव चुनाव मैदान में बने हुए हैं।

सासाराम और बिहारशरीफ में हुई घटना को लेकर चिराग पासवान ने सीएम पर बोला हमला, कहा- नीतीश कुमार को पसंद है यह सब

डेस्क : रामनवमी के दौरान नालंदा के बिहारशरीफ और रोहतास के सासाराम में दो समुदायों के बीच हुए झड़प को लेकर बिहार की राजनीति गरम है। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे तक की मांग कर दी है। 

वहीं अब लोजा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व जमुई सांसद चिराग पासवान ने भी इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। आज पटना पहुंचे चिराग पासवान ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि बिहार में इस तरह की हिंसा हुई है। सच यह है कि यह सब नीतीश कुमार को पसंद आता है कि लोग एक दूसरे से झगड़े और उनकी राजनीति चलती रहे।

चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार को बांटना बड़ा पसंद है। कभी पिछड़ा-अतिपिछड़ा करते हैं तो कभी दलित – महादलित करते हैं। रामनवमी में हुई हिंसा सिर्फ उदाहरण है। यहां तो हर दिन हत्या, लूट और रेप जैसी घटनाएं हो रही है। 

चिराग पासवान ने कहा नीतीश कुमार बिहार के गृह मंत्री हैं, लेकिन खुद उनका ही गृह जिला आग में चार दिन तक चलता रहा और वह चुपचाप बैठे रहे। नीतीश कुमार बिहार को सुरक्षित रखने में नाकाम हो गए हैं। जो हालात हैं उसमें सिर्फ राष्ट्रपति शासन लागू करना ही सबसे बेहतर विकल्प है। इस संबंध में एक दिन पहले हमलोंगों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।

वहीं सत्ता पक्ष द्वारा हिंसा के लिए भाजपा को जिम्मेदार बताने पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि यह इल्जाम लगा देना कि इसके पीछे भाजपा का हाथ है। इससे राज्य की जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती है। यह आपके सिस्टम की नाकामी है कि इतनी बड़ी घटना की साजिश रची गई और किसी को भनक तक नहीं लगी। सिर्फ इल्जाम लगाने से कुछ नहीं होगा। अगर कोई तथ्य है उसे पेश करना चाहिए।

बिहारशरीफ और सासाराम की घटना के बाद पटना जिला प्रशासन सतर्क, सभी मजिस्ट्रेट को अलर्ट रहने को कहा

डेस्क : रामनवमी के दौरान नालंदा के बिहारशरीफ और रोहतास के सासाराम में दो समुदायों के बीच हुए झड़प होने के बाद तनाव को देखते हुए पटना जिला प्रशासन ने भी सभी मजिस्ट्रेट को अलर्ट कर दिया है। असामाजिक तत्व अशांति नहीं फैलाए, इसके लिए सभी थानेदारों को नजर रखने को कहा गया है। यदि कोई ऐसा करता है तो उसकी पहचान कर कार्रवाई करने को कहा गया है। जो संवेदनशील इलाके हैं, वहां विशेष चौकसी बरती जा रही है। 

पटना प्रमंडल के दो शहरों में रामनवमी के दिन दो समुदायों में हिंसक झड़प हो गई थी। अफवाह इतनी तेजी से फैलायी जा रही थी कि इसका असर अन्य शहरों पर नहीं पड़े, इसके लिए प्रशासन अलर्ट हो गया है। 

पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि सासाराम और बिहारशरीफ की घटना का असर पटना जिले पर नहीं हो, इसीलिए सभी मजिस्ट्रेट को अलर्ट कर दिया गया है। जिला नियंत्रण कक्ष भी काफी सक्रिय है। हालाकि दोनों शहरों में अब स्थिति सामान्य हो गई है। इसके बावजूद भी विशेष चौकसी बरती जा रही है।

वहीं प्रमंडलीय आयुक्त कुमार रवि ने पटना प्रमंडल के सभी छह जिलों के डीएम को अलर्ट रहने को कहा है। उन्होंने कहा है कि असामाजिक तत्वों की पहचान करें। सोशल साइट पर विशेष नजर रखी जाए। यदि कोई झूठा अफवाह फैलाता है तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें तथा ऐसे लोगों की सार्वजनिक पहचान भी बताएं ताकि समाज में ऐसे असामाजिक तत्वों पर हमेशा नजर रखी जा सके।

बिहार में बढ़ते कोरोना को लेकर राज्य सरकार सतर्क, जारी किया यह दिशा-निर्देश

डेस्क : पिछले कुछ दिनों से एकबार फिर प्रदेश में कोरोना के मामले सामने आ रही है। पटना, भागलपुर, गया जैसे शहरों में कोरोना के मामले मिलने के बाद राज्य सरकार ने सतर्कता बढ़ाने के लिए ऐहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही, मास्क पहनने के लिए प्रचार-प्रसार करने को भी कहा गया है।

बिना मास्क सरकारी अस्पतालों में प्रवेश नहीं मिलेगा। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से कोविड से बचने के सभी नियमों का पालन करने की अपील की है। विभाग ने कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पतालों में पूरी तैयारी रखने को भी कहा है। विशेषकर जांच में और तेजी लाने का निर्देश दिया गया है।

गौरतलब है कि बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अफसरों के साथ कोरोना की समीक्षा की थी। उसी के मद्देनजर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और स्वास्थ्य सचिव संजय सिंह ने सभी मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक, सभी सिविल सर्जनों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से समीक्षा बैठक की और कई निर्देश दिए।

स्वास्थ्य विभाग का आदेश

बिना मास्क सरकारी अस्पतालों में प्रवेश नहीं

कोविड बचाव के सभी नियमों का पालन करें आमलोग

बेड व ऑक्सजीन प्लांट समेत पूरी तैयारी रखें अस्पताल

कोरोना की जांच में और तेजी लाने का निर्देश

राज्यपाल सह कुलाधिपति ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ की बैठक, दिए यह निर्देश

डेस्क : राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होने कुलपतियों को परीक्षा का आयोजन एवं परीक्षाफल का प्रकाशन तय समय-सीमा के भीतर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। 

उन्होंने कहा कि बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में एक ही समय सारण के अनुरूप एक साथ परीक्षाओं के आयोजन एवं परीक्षाफल के प्रकाशन हेतु प्रयास करें। उन्होंने विश्वविद्यालयों में शोध को बढ़ावा देने पर जोर दिया और कहा कि शिक्षकों को शोध के प्रति अभिरुचि विकसित करनी चाहिए। सेवांत लाभ के लिए गठित कोषांग को कार्यशील करें तथा सेवानिवृत्त कर्मियों को इसका भुगतान तय समय-सीमा में करें। इसके लिए सभी आवश्यक तैयारी सेवानिवृत्ति के पूर्व ही कर ली जाए।

कुलाधिपति ने कुलपतियों को अंतर्विश्वविद्यालय खेलकूद प्रतियोगिता आयोजन प्रत्येक वर्ष बारी-बारी से प्रत्येक विश्वविद्यालय में आयोजित कराने का निर्देश दिया। कहा कि बिहार के सभी विश्वविद्यालय मिलकर देशभर के विश्वविद्यालयों की खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन भी कराएं। उन्होंने विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों को शिक्षण की नई तकनीकों एवं विधियों से अवगत कराने तथा आपसी ज्ञान, समझ व अनुभवों को एक-दूसरे के साथ साझा कराने का निर्देश दिया। 

उन्होंने कहा कि प्रत्येक विवि का एक अच्छा वेबसाइट होना चाहिए। शिक्षकों को टेक्नोसेवी होने पर जोर देते हुए कहा कि उन्हें शिक्षण संबंधी विभिन्न जानकारियों तथा नियमों/ परिनियमों से अवगत होना चाहिए। कुलाधिपति ने कहा,शिक्षकों का कार्य अन्य पेशा से भिन्न है तथा उन्हें एक निश्चित समय-सीमा से बाहर आकर भी बच्चों को बढ़ाना चाहिए। 

पढ़ाई में कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान देने पर उन्होंने जोर दिया और कहा कि उनके लिए सुधारात्मक शिक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए। बच्चों की व्यक्तिगत परेशानियों के कारण उनकी पढ़ाई में आ रही समस्याओं को जानकर उनके समाधान के लिए उनके काउंसिलिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। बेहतर शैक्षणिक वातावरण का निर्माण करते हुए बिहार की शैक्षणिक व्यवस्था को और भी सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। 

राज्यपाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोग्थू, बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, राज्यपाल सचिवालय के पदाधिकारी व अन्य लोग उपस्थित थे।

*सासाराम और बिहारशरीफ की घटना से बिहार हुआ शर्मसार, नैतिकता के आधार पर सीएम दें इस्तीफा : नेता प्रतिपक्ष*


डेस्क : रामनवमी के दौरान नालंदा के बिहारशरीफ और रोहतास के सासाराम में दो समुदायों के बीच हुए झड़प को लेकर बिहार की राजनीति गरम है। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे तक की मांग कर दी है। 

नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि सरकार नालन्दा और सासाराम के घटनाओं पर जो उदासीनता दिखा रही है वह निन्दनीय है। रामनवमी जुलूस से पूर्व थानों में पीस कमिटी की बैठक में रूट से लेकर सभी मुद्दों पर विचार विमर्श के बाद ही जुलूस निकाला गया। लेकिन प्रशासन एवं पुलिसकर्मियों की अकर्मण्यता कहें या साजिश कहें, जुलूस पर पत्थरबाजी कर आक्रमण किया गया। इस घटना के क्रम में हिंदुओं के घर को टारगेट करते हुए आगजनी की गई। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया गया। 

सिन्हा ने कहा कि हमने सदन के अंदर पीस कमेटी की कार्यवाही को सार्वजनिक करने की मांग की। लेकिन सरकार ने अनसुना कर दिया। इस घटना पर हमने सरकार से सदन में भी वक्तव्य की मांग की। संसदीय कार्य मंत्री ने संभवत अध्यक्ष बिहार विधानसभा से पहले ही बात कर लिया था कि हम सदन में नालंदा सासाराम पर वक्तव्य की बात कहेंगे, लेकिन आप अनुमति नहीं दीजिएगा और सदन में बिल्कुल यही हुआ। अध्यक्ष ने सरकार का वक्तव्य की अनुमति दिए बिना सदन स्थगित कर दिये। 

नेता विरोधी दाल विजय कुमार सिन्हा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि हमारी मांग है कि अर्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति के पूर्व इन दोनों जिलों में किस श्रेणी के कितने पुलिस बल प्रतिनियुक्त थे, सूची जारी की जाए। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों की सूची जारी की जाए। पीस कमेटी की कार्यवाही सार्वजनिक हो। 

विजय सिन्हा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए आगे कहा कि ने पूरे देश में बिहार को शर्मसार कर दिया है। बिहार फिर 90 वाले दंगा राज में पहुंच गया है। लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और मुख्य सचिव आमिर सुबहानी सहित चार-चार पावर सेंटर है। सरकार फेल कर गई है। हम नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री से इस्तीफा की मांग करते हैं।