सुप्रीम कोर्ट की बिहार सरकार को फटकार, कहा, शराब के मामले में जेल में बन्द आरोपियों को क्यों न जमानत दे दी जाए, विशेष अदालतों के गठन को अब तक क्
बिहार में करीब छह साल से लगातार शराबबंदी है। ऐसे में लाखों लोग शराबबंदी के मामले में जेल में या तो बंद है या फिर उन पर मुकदमा चल रहा है। इसी मामले को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को जबरदस्त फटकार लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा है कि जब तक बिहार में बुनियादी ढांचा नहीं बन जाता है तब तक के लिए सभी आरोपियों को जमानत क्यों नहीं दे दिया जाता है ?
जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि साल 2016 में बिहार मध्य निषेध और उत्पाद अधिनियम लगाया गया था। राज्य सरकार ने विशेष अदालतों के गठन के लिए अब तक जमीन का आवंटन तक नहीं किया है।
पीठ ने राज्य सरकार के वकील से पूछा कि जब तक बुनियादी ढांचे का निर्माण करने लिया जाता तब तक के लिए गिरफ्तार सभी आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया जाए !
अधिनियम की एक धारा का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि जहां तक शराब के सेवन के लिए जुर्माना लगाने का प्रावधान है, यह ठीक है, लेकिन इसका संबंध कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा अभियुक्तों को सजा देने की शक्ति से है।
एमिकस क्यूरी एडवोकेट गौरव अग्रवाल ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने कार्यकारी मजिस्ट्रेटों को शक्तियां प्रदान करने के बारे में अपनी आपत्ति व्यक्त की है। इसके बाद पीठ ने राज्य सरकार के वकील को इस मुद्दे पर आवश्यक निर्देश प्राप्त करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि मामले में क्या किया जा सकता है।
Feb 23 2023, 15:56