वाराणसी सामूहिक हत्याकांड: छोटे भाई प्रशांत ने किया बड़ा खुलासा, अकेले भतीजे विक्की ने खत्म कर दिया ताऊ का परिवार, यह रही वजह

लखनऊ/वाराणसी । यूपी के काशी के भदैनी निवासी एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या में शक के घेरे में आए बड़े भतीजे विशाल गुप्ता उर्फ विक्की के छोटे भाई प्रशांत गुप्ता उर्फ जुगनू ने परिवार के बारे में अहम जानकारियां दी। जुगनू ने पुलिस को बताया कि उसके पिता कृष्णा और मां बबिता की हत्या बड़े पापा राजेंद्र ने गोली मार कर कराई थी। मां-बाप का केस खत्म हो गया तो विक्की अकसर दादी से लड़ता था कि उसे गवाह क्यों नहीं बनाया गया? वह गवाही देता और बताता कि उसके मां-बाप की किसने और कैसे हत्या कराई थी। जुगनू ने पुलिस को बताया कि जब उसके मां-बाप की हत्या की गई थी तो उसे धकेल कर विक्की ने ही बचाया था। हालांकि इसके बावजूद उसके पेट और बाजू में गोली लगी थी। जुगनू ने कहा कि उसके बड़े पापा ने कभी उसे, विक्की और बहन डाली को एकसाथ नहीं बैठने दिया। तीनों बस दादी के सहारे किसी तरह से पले-बढ़े। बड़े पापा का डर ऐसा था कि वो जहां कहते थे, वह वहां आंख मूंद कर दस्तखत कर देता था। विक्की बचपन से ही बड़े पापा को पसंद नहीं करता था और कभी-कभार उनकी बात का विरोध करता था। इसी चक्कर में उसकी पिटाई भी होती रहती थी। भदैनी निवासी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू और तीन बच्चों नमनेंद्र, सुबेंद्र व गौरांगी का शव गत पांच नवंबर को उनके घर में मिला था। पांचों की गोली मार कर हत्या की गई थी। वारदात के बाद से ही राजेंद्र का बड़ा भतीजा विक्की लापता है, जबकि छोटा भतीजा पुलिस की निगरानी में है। पुलिस के लाख जतन के बाद वारदात के आठवें दिन मंगलवार को भी विक्की का पता नहीं लग सका। इस संबंध में डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि पुलिस टीमें हरसंभव प्रयास कर रही हैं कि विक्की गिरफ्त में आ जाए। उम्मीद है कि जल्द ही हमें बेहतर परिणाम मिलेंगे। फॉरेंसिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट और क्राइम सीन के अनुसार पुलिस का अब मानना है कि विक्की ने अकेले ही अपने बड़े पापा सहित पांचों लोगों की हत्या की है। पुलिस के अनुसार भदैनी स्थित घर में नीतू, नमनेंद्र, गौरांगी और सुबेंद्र में किसी का भी शव बेड पर नहीं था। पुलिस का कहना है कि विक्की के साथ शूटर होते तो वह कहीं न कहीं कैमरे में जरूर कैद होते। वहीं, सोये हुए राजेंद्र को बिस्तर पर लगी मच्छरदानी के बाहर से गोली मारी गई थी। पुलिस के अनुसार, वारदात में एक असलहा और दो मैगजीन के इस्तेमाल की प्रबल संभावना है। विक्की की दादी शारदा देवी दो रोटी खाती हैं। मगर, एक रात वह अपनी बड़ी बहू नीतू को तीन रोटी अतिरिक्त बनाने को कहीं थी। इस पर नीतू ने पूछा भी था कि आज आखिरकार इतनी भूख कैसे लगी है। हालांकि उम्र ज्यादा होने की वजह से शारदा देवी को याद नहीं है कि वह तीन अतिरिक्त रोटी दीपावली की रात बनवाई थी या उससे एक रात पहले बनवाई थीं। पुलिस से बातचीत करने के दौरान भी शारदा देवी भूल जाती हैं कि उन्होंने कुछ देर पहले क्या बताया था। उनकी उम्र को देखते हुए पुलिस कर्मी भी उनसे परिवार के सदस्य की तरह ही बातचीत करते हुए नए तथ्यों को टटोलने की कोशिश करते हैं। राजेंद्र अपने पीछे करोड़ों की संपत्ति छोड़ गया है। राजेंद्र सहित परिवार के पांचों सदस्यों को मुखाग्नि उसके छोटे भतीजे जुगनू ने पुलिस की निगरानी में दी थी। उसके बाद भी जुगनू पुलिस की निगरानी में ही है। ऐसे में मृत्यु के बाद हिंदू धर्म के अनुसार पांचों का क्रिया-कर्म भी नहीं हो पा रहा है। दसवां और तेरही पर भी संशय है। कारण कि राजेंद्र के रिश्तेदार उसके घर से दूरी बनाए हुए हैं। मां शारदा देवी बुजुर्ग होने के साथ ही बीमार भी हैं। एकाध रिश्तेदार जो घर पर मौजूद हैं, उनकी भी उम्र इतनी है कि अकेले कुछ कर पाना उनके वश की बात नहीं है। इसे लेकर भदैनी इलाके के लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं। वाराणसी में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। भदैनी इलाके में एक बहुमंजिला मकान के अलग-अलग तल से मंगलवार को एक महिला, उसके दो बेटों और एक बेटी का शव मिला था। जबकि घटनास्थल से लगभग 14 किलोमीटर दूर मीरापुर रामपुर स्थित निर्माणाधीन मकान में महिला के पति का अर्धनग्न शव बेड पर मिला। उसे भी गोली मारी गई थी। पांचों की कनपटी और सीने में गोली मारी गई थी। दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखा के आधार पर पुलिस दावा कर रही है कि पांचों लोगों की हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया। पुलिस पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। परिवार के मुखिया मृत राजेंद्र पर अपने पिता, छोटे भाई और उसकी पत्नी के साथ ही एक चौकीदार की हत्या का आरोप था। जानकारी के अनुसार, भदैनी पावर हाउस के सामने की गली में राजेंद्र गुप्ता (56) का पांच मंजिला (भूतल और चार मंजिला) मकान है। मकान के अगले हिस्से में प्रथम, द्वितीय और तृतीय तल पर राजेंद्र का एक-एक फ्लैट है। जबकि, अन्य फ्लैट और उससे सटे टिनशेड में 40 किरायेदार रहते हैं। राजेंद्र के साथ घर में मां शारदा देवी के अलावा उसकी दूसरी पत्नी नीतू (45), बेटे नमनेंद्र (24) व सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (17) रहते थे। मंगलवार की सुबह 11 बजे घर की सफाई करने के लिए रीता देवी प्रथम तल स्थित फ्लैट पर पहुंची। दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई। इस बीच रीता ने धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। अंदर जाने पर रीता ने देखा कि नीतू फर्श पर खून से लथपथ निढाल पड़ी थी। वह भाग कर दूसरे तल पर स्थित फ्लैट में गई तो वहां एक कमरे में नमनेंद्र फर्श पर खून से लथपथ पड़ा था और गौरांगी एक कोने में मृत पड़ी थी। वहीं, सुबेंद्र का शव बाथरूम में मिला। सूचना पाकर पुलिस पहुंची तो राजेंद्र घर पर नहीं था। राजेंद्र के मोबाइल नंबर को पुलिस ने सर्विलांस की मदद से ट्रैक करना शुरू किया तो उसकी लोकेशन मीरापुर रामपुर गांव में मिली। पुलिस वहां पहुंची तो निर्माणाधीन मकान के एक कमरे में मच्छरदानी लगे बिस्तर पर राजेंद्र निढाल पड़ा था।
मथुरा रिफाइनरी में ब्लास्ट के बाद लगी भीषण आग, प्रोडक्श मैनेजर समेत दस लोग झुलसे

लखनऊ/मथुरा। थाना रिफाइनरी क्षेत्र अंतर्गत मंगलवार की शाम इंडियन ऑयल की रिफाइनरी में अचानक ब्लास्ट हो गया। इसकी आवाज एक किलोमीटर तक सुनाई दी। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने वहां पर झुलसे सभी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चार की हालत गंभीर होने पर उन्हें सिटी अस्पताल भेजा गया।थाना रिफाइनरी क्षेत्र स्थित इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन मंगलवार शाम को एबीयू प्लांट के अंदर टेस्टिंग के दौरान प्लांट में अचानक आग लग गई। बताया गया कि 40 दिन से शटडाउन रखा गया था। सब कुछ फाइनल होने के बाद इसको दोबारा चालू किया गया। अनुमान है कि इसमें लीकेज रह गया। फर्नेस फटने से ब्लास्ट हो गया। इसके बाद प्लांट में आग लग गई। इसके कुछ वीडियो भी सामने आए हैं।

बताया जा रहा है कि प्लांट में काम चल रहा था। हादसे के बाद करीब 10 लोग घायल हो गए। घायलों में प्रोडक्शन मैनेजर राजीव भी शामिल है। झुलसे लोगों में चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। उपचार के लिए इन्हें सिटी हॉस्पिटल एवं दिल्ली मेट्रो भेज दिया गया है। रिफाइनरी प्रशासन ने गंभीर रूप से झुलसे हरिशंकर, इरफान, अजय शर्मा, राजीव कुमार को सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। यहां उनकी गंभीर हालत होने के चलते चिकित्सकों ने दिल्ली स्थित मेट्रो हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। प्राइवेट अस्पताल में घायल लोगों की परिजन पहुंच चुके हैं। घायलों का आईसीयू में इलाज चल रहा है।

इटावा में पूरे परिवार की हत्या करने के बाद खुदकुशी करने जा रहे कारोबारी को पुलिस ने बचाया, किया चौकाने वाला खुलासा
लखनऊ । इटावा में परिवार की हत्या करने के बाद खुदकुशी करने जा रहे कारोबारी को बचा लिया गया। कारोबारी ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने यह भी बताया कि इस हत्याकांड को अंजाम क्यों दिया गया? सराफा कारोबारी ने सोमवार सुबह लगभग पांच बजे अपनी पत्नी, तीन बच्चों को नींद की गोलियां खिलाकर बेसुध किया। फिर एक-एक कर रस्सी से गला दबाकर चारों की हत्या कर दी। वह खुद भी ट्रेन से कटकर जान देने जा रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे बचा लिया।

पूछताछ में आरोपी सराफा कारोबारी ने बताया कि पत्नी की सहमति पर ही उसने चारों की हत्या की। पुलिस ने कारोबारी के साले की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज करके उसे जेल भेज दिया है।कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला लालपुरा निवासी सराफा कारोबारी मुकेश वर्मा (51) ने पुलिस पूछताछ में सहमति से पूरे परिवार के जान देने की बात स्वीकार की है। बताया कि वह पारिवारिक कलह की वजह से दो साल से मानसिक तनाव में चल रहा था। कुछ पारिवारिक सदस्यों ने उससे 15 लाख रुपये हड़प लिए थे, साझे की जमीन को लेकर भी प्रताड़ित कर रहे थे। पारिवारिक सदस्यों से लेनदेन के विवाद में परेशान चल रहा था। इसे लेकर करवाचौथ से पहले पत्नी से मरने की बात कही थी। पत्नी ने समझाकर कहा था कि खुद अकेले क्यों मारोगे हम सब भी साथ मरेंगे। पत्नी के समझाने पर निर्णय बदल लिया था।


पत्नी-बच्चों की हत्या करने के बाद रात करीब 8:20 पर पत्नी के फोन पर स्टेट्स लगाया कि ये सब खत्म हो गए। इसके बाद सीओ सिटी के सीयूजी नंबर पर सुसाइड नोट और ये सब खत्म का संदेश भी भेजा। सुसाइड नोट में परिवार और खुद मरने की बात लिखी थी। स्टेशन के पास मरुधर एक्सप्रेस से कटने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने पकड़ लिया। आरोपी ने बताया कि 2004 में कैंसर पीड़ित पहली पत्नी नीतू को भी उसने नींद की गोलियां देकर मुक्ति दी थी। बच्चों की तकलीफ देखकर पत्नी ने फंदा लगाकर जान देने की कोशिश की, लेकिन बेसुध होने की वजह से वह फंदे पर नहीं झूल सकी। बच्चों की तकलीफ देख पत्नी के कहने पर सबसे पहले रस्सी से उसी का गला कसकर मार डाला।

फिर भूतल पर ही भाव्या और अभीष्ट की भी रस्सी से गला कसकर हत्या कर दी। इसके बाद पहली मंजिल पर बने कमरे में सो रही काव्या को भी बेहोशी की हालत में मार डाला। चारों की हत्या करने के बाद वह करीब तीन घंटे तक बाथरूम में ही पड़ा रहा। इसके बाद लगभग नौ बजे दोनों कमरों में ताले डालकर बाहर चला गया।मुकेश ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि जब बच्चों को नींद की गोलियां दीं तो उन्होंने पूछा, पापा ये क्या कर रहे हो। इस पर मैंने सिर पर हाथ फेरते हुए कहा कि बेटा अकेला छोड़कर नहीं जा सकता। तुम्हें भी लेकर जा रहे हैं। मुझे कोई पछतावा नहीं।


दीपावली पर कारोबारी की पहली पत्नी की बेटी भाव्या (20) घर आई थी। वह दिल्ली विवि. से बीकॉम की पढ़ाई कर रही थी। पूरा परिवार साथ में ही था। रविवार को सराफ ने पत्नी से फिर मरने की इच्छा जताई तो उसने सबके साथ मरने की बात कही। कहा मुझे पहले मार देना। बच्चों को तड़पता नहीं देख पाउंगी। उसकी सहमति पर ही सोमवार सुबह लगभग पांच बजे पत्नी रेखा (40), भाव्या, काव्या (15) और अभीष्ट को पानी में नींद की गोलियां खिला दीं। । सभी के मुंह से झाग आने लगा और वह बेसुध होने लगे।
यूपी: मीट कारोबारियों के ठिकानों में खुलासा, 1200 करोड़ नगदी का हिसाब नहीं, भूमिका संदिग्ध
लखनऊ। मीट कारोबारियाें के ठिकानों पर आयकर विभाग के छापों के बाद हुई जांच में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। आयकर विभाग ने उच्चाधिकारियों को भेजी अपनी गोपनीय रिपोर्ट में कहा कि इन कंपनियों ने 1200 करोड़ रुपये नकदी को कहां खपाया है, इसका जांच में पता नहीं चल सका है। इतना ही नहीं, ये कंपनियां कश्मीर की निजी सुरक्षा एजेंसियों की सेवाएं ले रही हैं, जिनकी भूमिका संदिग्ध है। ये देश की सुरक्षा के लिए खतरे का सबब बन सकता है, लिहाजा उच्चस्तरीय जांच कराना जरूरी है।

आयकर विभाग ने दिसंबर 2022 में बरेली के मारिया ग्रुप, रहबर ग्रुप, अल-सुमामा ग्रुप, लखनऊ एवं उन्नाव के रुस्तम ग्रुप और आगरा के एचएमए ग्रुप के ठिकानों पर छापा मारा था। यहां मिले दस्तावेजों की करीब एक साल तक हुई गहन पड़ताल में सामने आया कि संभल के प्रवीण रस्तोगी ने मीट कंपनियों को मनी लांड्रिंग के जरिए 524 करोड़ रुपये की नकद दिए थे। रहबर ग्रुप की 68 करोड़ की काली कमाई का खुलासा भी हुआ। साथ ही, रुस्तम ग्रुप का 535 करोड़ रुपये और मारिया ग्रुप की 102 करोड़ रुपये की बोगस बिक्री का पता चला।

आयकर विभाग ने अपनी रिपोर्ट में 1200 करोड़ रुपये की इस रकम को संदिग्ध गतिविधियों में खपाने में आशंका जताई है। खासकर देश के संवेदनशील इलाके के युवाओं को सुरक्षा का काम देने और बड़ी तादाद में नकद ट्रांजेक्शन कराना किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है। जम्मू-कश्मीर से जुड़ी निजी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कई अन्य मीट कारोबारियों को भी सुरक्षा दिए जाने के प्रमाण मिले थे। जिसके बाद आयकर विभाग ने इन एजेंसियों के बारे में भी सुराग जुटाए तो बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई।

रिपोर्ट के मुताबिक मीट कारोबारियों की फैक्टरी और आवास पर सुरक्षा का काम कश्मीरी युवा कर रहे हैं, जो संदेहास्पद है। यह रकम जमात-ए-उलेमा हिंद और देवबंद जैसे संगठनों को भेजी गई। 40 देशों को भैंस का मांस निर्यात करने वाली आगरा की एचएमए एग्रो की जांच में सामने आया कि उसने एक अरबी अनुवादक भी रखा है, जो खाड़ी देशों के कुछ लोगों के लगातार संपर्क में रहता है। इसके संचालक आगरा के पूर्व बसपा विधायक जुल्फिकार अहमद भुट्टो हैं।
वाराणसी सामूहिक हत्या कांड : जीजा की बातें सुनकर पुलिस हैरान, जानिये क्यों
लखनऊ/वाराणसी। यूपी काशी में भदैनी निवासी परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के मामले में लापता बड़े भतीजे विशाल गुप्ता उर्फ विक्की के दिल्ली में रहने वाले बहनोई से पुलिस ने पूछताछ की। उन्होंने पुलिस को बताया कि जून 2023 में जब उनकी शादी हुई थी तो विशाल नहीं आया था। विक्की से वह कभी मिले नहीं थे, बल्कि एकाध-दो बार ही उनकी बातचीत हुई थी। उन्हें परिवार की आपराधिक घटनाओं की भी जानकारी नहीं दी गई थी।यह सुनकर पुलिस भी आश्चर्यचकित रह गई कि जो युवक अपनी सगी बहन की शादी में नहीं आया था। वह दो साल बाद बड़े पापा के परिवार और दादी के साथ दीपावली का त्योहार मनाने अचानक ही चला आया। हालांकि अहमदाबाद, मुंबई, बंगलूरू और दिल्ली में कई स्थानों पर दबिश के बावजूद वारदात के छठे दिन रविवार को भी विशाल का पता नहीं लगा।

परिवार के पांच लोगों की हत्या
भदैनी के रहने वाले राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू और तीन बच्चों नमनेंद्र, सुबेंद्र व गौरांगी की गोली मार कर हत्या की गई है। पांचों का शव उनके मकान में गत पांच नवंबर को मिला था। राजेंद्र पर उसके छोटे भाई व उसकी पत्नी, पिता और चौकीदार की हत्या का आरोप था।राजेंद्र के छोटे भाई कृष्णा का बड़ा बेटा विशाल वारदात के बाद से लापता है। जबकि, वह चार जून को राजेंद्र के घर के आसपास ही देखा गया था। उससे पहले उसने अपनी दादी शारदा देवी को कहा था कि वह बड़े पापा की हत्या दीपावली पर ही करेगा।

पुलिस ने दिल्ली में रहने वाली उसकी बहन और बहनोई से संपर्क किया। पुलिस को पता लगा कि बहन गर्भवती है। बहनोई ने बताया कि वह गारमेंट्स का काम करते हैं। विक्की ने आखिरी बार अक्तूबर में अपनी बहन के लिए प्रसाद भिजवाया था। विक्की की बहन से भी उसकी खास बातचीत नहीं होती थी। डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि पुलिस की 10 टीमें विक्की की तलाश में लगी हैं। उसके गिरफ्त में आते ही वारदात की गुत्थी सुलझने में देरी नहीं लगेगी।

मुंबई से लाए गए युवकों से हुई पूछताछ
गत चार नवंबर की भोर में राजेंद्र के घर से कुछ दूरी पर चार युवक सामान लेकर जाते हुए सीसी कैमरे में कैद हुए थे। पुलिस उनकी खोजबीन करते हुए उन्हें मुंबई से वापस लाई। पूछताछ में चारों ने बताया कि वह पूजा-पाठ का काम करते हैं। पांच नवंबर की सुबह उन्हें मुगलसराय से मुंबई के लिए ट्रेन में सवार होना था। पुलिस ने चारों की हर तरह से तस्दीक कराई और पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया। उन युवकों में से एक ने पुलिस को बताया कि नीतू आंटी ही रोजाना सुबह पांच बजे अपने घर का पंप वाला मोटर स्टार्ट करती थी।पुलिस का मानना है कि विक्की वारदात को अकेले भी अंजाम दे सकता है। इसके लिए उसने दो असलहे का इंतजाम किया होगा। कारण कि भदैनी स्थित राजेंद्र के घर पर बाहरी आदमी आते तो इलाके के किसी न किसी व्यक्ति की नजर जरूर पड़ी होती।


नीतू की सहेली शिल्पी ने पुलिस को बताया कि विक्की के खाते में प्रतिमाह उसकी बड़ी मां 10 हजार रुपये भेजती थी। नीतू कहती थी कि विक्की साफ्टवेयर डेवलपर का काम फ्रीलांसिंग में करता है। इसलिए उसको बहुत पैसे नहीं मिल पाते हैं। पुलिस की जांच में भी सामने आया कि सितंबर महीने तक नीतू ने विक्की के खाते में प्रतिमाह 10 हजार भेजा था।

वाराणसी में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या
वाराणसी में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। भदैनी इलाके में एक बहुमंजिला मकान के अलग-अलग तल से पांच नवंबर को एक महिला, उसके दो बेटों और एक बेटी का शव मिला था। जबकि घटनास्थल से लगभग 14 किलोमीटर दूर मीरापुर रामपुर स्थित निर्माणाधीन मकान में महिला के पति का अर्धनग्न शव बेड पर मिला। उसे भी गोली मारी गई थी। पांचों की कनपटी और सीने में गोली मारी गई थी।

दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखा के आधार पर पुलिस दावा कर रही है कि पांचों लोगों की हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया। पुलिस पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। परिवार के मुखिया मृत राजेंद्र पर अपने पिता, छोटे भाई और उसकी पत्नी के साथ ही एक चौकीदार की हत्या का आरोप था।

फ्लैट में रहता था राजेंद्र गुप्ता का परिवार
जानकारी के अनुसार, भदैनी पावर हाउस के सामने की गली में राजेंद्र गुप्ता (56) का पांच मंजिला (भूतल और चार मंजिला) मकान है। मकान के अगले हिस्से में प्रथम, द्वितीय और तृतीय तल पर राजेंद्र का एक-एक फ्लैट है। जबकि, अन्य फ्लैट और उससे सटे टिनशेड में 40 किरायेदार रहते हैं। राजेंद्र के साथ घर में मां शारदा देवी के अलावा उसकी दूसरी पत्नी नीतू (45), बेटे नमनेंद्र (24) व सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (17) रहते थे।

सफाई करने वाली आई तो हुआ हत्याकांड का खुलासा
मंगलवार की सुबह 11 बजे घर की सफाई करने के लिए रीता देवी प्रथम तल स्थित फ्लैट पर पहुंची। दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई। इस बीच रीता ने धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। अंदर जाने पर रीता ने देखा कि नीतू फर्श पर खून से लथपथ निढाल पड़ी थी। वह भाग कर दूसरे तल पर स्थित फ्लैट में गई तो वहां एक कमरे में नमनेंद्र फर्श पर खून से लथपथ पड़ा था और गौरांगी एक कोने में मृत पड़ी थी। वहीं, सुबेंद्र का शव बाथरूम में मिला। सूचना पाकर पुलिस पहुंची तो राजेंद्र घर पर नहीं था। राजेंद्र के मोबाइल नंबर को पुलिस ने सर्विलांस की मदद से ट्रैक करना शुरू किया तो उसकी लोकेशन मीरापुर रामपुर गांव में मिली। पुलिस वहां पहुंची तो निर्माणाधीन मकान के एक कमरे में मच्छरदानी लगे बिस्तर पर राजेंद्र निढाल पड़ा था।

हत्या, दो शादी और एक महिला से करीबी
पुलिस के अनुसार, राजेंद्र पर उसके पिता व एक चौकीदार के साथ ही छोटे भाई व छोटे भाई की पत्नी की हत्या का आरोप था। ये घटना वर्ष 1997 की है। इसी आरोप में राजेंद्र जेल भी गया था। पुलिस के मुताबिक, राजेंद्र ने दो शादी की थी। हाल के दिनों में एक अन्य महिला से भी उसकी करीबी बढ़ी थी। राजेंद्र की पहली पत्नी अपने बेटे के साथ कई साल से पश्चिम बंगाल के आसनसोल रहती है।
उप्र में दस आईएएस अधिकारियाें के तबादले
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में रविवार को 10 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है।शासन ने 2019 बैच की प्रतीक्षारत आईएएस अधिकारी सान्या छाबड़ा को प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम की जिम्मेदारी सौंपी हैं। उदय भानु त्रिपाठी को विशेष सचिव,नगर विकास विभाग का कार्यभार सौंपा गया है।

डा. कंचन सरन को एडिशनल कमिश्नर आगरा से सचिव राज्य महिला आयोग उत्तर प्रदेश। वहीं, वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को रिटायरमेंट से डेढ़ महीने पहले प्रतीक्षारत कर दिया गया है। उनके विभाग की जिम्मेदारी श्रम एवं सेवायोजन व खनन विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार तृतीय को दी गई है।

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. राजशेखर को प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) का कार्यभार सौंपा गया है।

से नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के सचिव पद, पीएम कृषि सिंचाई योजना के स्टेट नोडल आफिसर और उत्तर प्रदेश भूमि सुधार निगम का चार्ज ले लिया गया है। अब उनके पास उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) के प्रबंध निदेशक का पद रह गया है। उनसे लिए गए विभागों की जिम्मेदारी अनिल गर्ग को सौंपी गई है। वे वर्तमान पद के साथ स्टेट नोड अफसर, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना तथा प्रबंध निदेशक यूपी भूमि सुधार निगम के पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की विशेष सचिव व जल निगम की संयुक्त प्रबंध निदेशक प्रणता ऐश्वर्या को यूपी एग्रो का एमडी बनाया गया है। खाद्य एवं रसद विभाग के विशेष सचिव और विधिक बांट-माप विज्ञान के नियंत्रक प्रभाष कुमार को नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति विभाग और संयुक्त प्रबंध निदेशक जल निगम (ग्रामीण) बनाया गया है।

इसी तरह रवि रंजन को यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन के पद पर वह यथावत रहेंगे। राज्य पर्यटन विकास निगम के एमडी पर प्रतीक्षारत चल रहीं सान्या छाबड़ा को भेजा गया है। प्रणता ऐश्वर्या को यूपी एग्रो का एमडी बनाया गया है।
देव दीपावली पर्व पर गौ माता के गोबर से बनाए दीयों से दमकेंगे काशी के गंगा घाट, 30 हजार दीये बनाने का लक्ष्य
लखनऊ/वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की है। इन प्रयासों से न केवल महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है, बल्कि उनके आत्मसम्मान में भी वृद्धि हो रही है। खासकर वाराणसी जिले में देव दीपावली के मौके पर गाय के गोबर से बने दीपों का निर्माण कर रही महिलाओं की सफलता इस बात का गवाह है कि कैसे सरकार ने उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत किया है।

गाय के गोबर से बने दीपों के निर्माण में जुटी हैं महिलाएं

देव दीपावली के मौके पर, वाराणसी के गंगा घाटों पर लाखों दीप जलाने की तैयारी हो रही है। खास बात यह है कि इन दीपों का निर्माण गाय के गोबर से किया जा रहा है और यह कार्य स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कर रही हैं। 07 स्वयं सहायता समूहों की 25 परिवारों की महिलाएं इस कार्य में जुटी हुई हैं और उनका लक्ष्य 30,000 गोबर से बने दीप तैयार करना है। पहले जहां देव दीपावली पर महिलाएं मुश्किल से 400-500 रुपये कमाती थीं, अब उन्हें इस कार्य के लिए लगभग 4,000 से 5,000 रुपये की आय हो रही है। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं अब घर-घर जाकर दीपों की बिक्री नहीं करतीं, बल्कि उन्हें पहले से ही बड़े पैमाने पर आर्डर मिलने लगे हैं। ग्राम अहरक की राधिका ने बताया कि पहले उन्हें दीपों को बेचने के लिए घर-घर जाना पड़ता था, लेकिन अब प्रदेश सरकार के प्रयासों से उन्हें पहले से ही आर्डर मिल जाते हैं, जिससे उनकी आय में जबरदस्त वृद्धि हुई है। महिलाएं अब आत्मनिर्भर बनी हैं और अपने पैरों पर खड़ी हैं, जिसका सीधा लाभ उनके परिवारों को मिल रहा है।

सरकार की योजनाओं से महिलाएं को मिल रहा प्रोत्साहन

प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं को रोजगार और सशक्तिकरण के नए अवसर प्रदान किए हैं। इस मिशन से जुड़ी महिलाएं गाय के गोबर से बने दीपों का निर्माण कर रही हैं, और इन दीपों की बिक्री से उनकी आय में वृद्धि हो रही है। इसके अलावा, सरकार ने महिलाओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए गाय के गोबर का उपयोग करके उन्हें एक स्वच्छ और पर्यावरण फ्रेंडली रोजगार का अवसर दिया है।

देव दीपावली पर काशी में 12 लाख दीपों से रोशन होंगे घाट

15 नवंबर को काशी में मनाई जाने वाली देव दीपावली में 17 लाख दीपों से घाट रोशन होंगे, जिसमें गाय के गोबर से बने दीप भी शामिल होंगे। देव दीपावली पर गाय के गोबर से बने दीपों के निर्माण में महिलाओं की भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि जब महिलाओं को सही अवसर मिलते हैं, तो वे समाज में बदलाव ला सकती हैं।
उपचुनाव के बीच सपा-भाजपा में पोस्टर वार जारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभाओं के उपचुनाव में चल रहे धुंआधार प्रचार के बीच समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच पोस्टर वार जारी है। दोनों पार्टियों के नेता जनसभाओं के माध्यम से जहां एक दूसरे पर हमलावर हैं, वहीं सोशलमीडिया पर पोस्टर जारी कर एक दूसरे पर आरोप—प्रत्यारोप लगा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान कटेंगे तो बंटेंगे को लेकर सपा ने इसकी काट में नए-नए नारे गढ़ रही है तो भाजपा नए नारों के साथ पोस्टर जारी कर योगी के बयानों का समर्थन कर रही है। इसके बाद आए दिन सपा भाजपा के बीच पोस्टरवार जारी है। भाजपा इस बीच लगातार जारी पोस्टर वार के माध्यम से समाजवादी पार्टी के परिवारवाद पर हमलावर है। भाजपा ने रविवार को भी 'जीतेंगे तो लूटेंगे' के पोस्टर पर सपा के बड़े नेताओं अखिलेश यादव, शिवपाल यादव के साथ उनके ही परिवार के धर्मेन्द्र यादव व तेज प्रताप का फोटो लगाया है। इस पोस्टर पर लिखा है कि परिवार डेवलपमेंट अथारिटी प्रजेंट्स। भाजपा उत्तर प्रदेश के सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर लिखा 'सैफई के ठग बांटने की कर रहे तैयारी' लाल टोपी काले कारनामे। इसके अलावा भाजपा ने रविवार को ही एक और पोस्टर सोशल मीडिया पर जारी किया। भाजपा ने योगी के बयान की कटिंग लगाकर पोस्टर पर लिखा'जहां दिखे सपाई वहां बिटिया घबराई।
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद मुख्य शूटर को मिलने थे दस लाख रुपये , शूटरों ने कई दिन तक की रेकी, मौका मिलने पर कर दी हत्या
लखनऊ/बहराइच। मुम्बई के चर्चित बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में लारेंस विश्नोई गैंग का मुख्य शूटर शिव कुमार को उसके चार साथियों के साथ यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है।

मुख्य आरोपित ने स्वीकारा है कि बाबा सिद्दकी की हत्या के एवज में उसे दस लाख रुपये मिलेंगे। हर माह कुछ न कुछ मिलता रहेगा। हत्या के लिए शस्त्र, मोबाइल, सिम, शुभम एवं यासीन ने उपलब्ध कराया था। हत्या के बाद बात करने के लिए शूटरों को अलग-अलग सिम दिया गया था।

पूछताछ में शिवकुमार ने स्वीकारा कि वो और धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वाले हैं। पूना में कबाड़ का काम करता था। मेरी और शुभम की दुकान आमने—सामने थी। शुभल लारेंस विश्नोई के लिए काम करता है। उसने मेरी बात स्नैप चैट से लारेंस के भाई अनमोल से करायी थी। इस दौरान उससे कहा गया कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के एवज में उसे दस लाख रुपये मिलेंगे। हर माह कुछ न कुछ मिलेगा।

हत्या के लिए शस्त्र, मोबाइल, सिम, शुभम एवं यासीन ने उपलब्ध करायी थी। हत्या के बाद बात करने के लिए शूटरों को अलग-अलग सिम दिया गया था। पिछले कई दिनों से हम बाबा सिद्दीकी की रेकी कर रहे थे। 12 अक्टूबर की रात सही मौका मिलने पर उनकी हत्या कर दी। मौके पर दो लोग पकड़ लिए गये और मैं फरार हो गया था। फोन रास्ते में फेंक दिया। यहां से पहले मैं पूना गया। पूना से झांसी आया था। झांसी से लखनऊ आ गया। ट्रेन में सफर के दौरान एक यात्री के मोबाइल से अनुराग कश्यप से बात की थी। इस दौरान उसने बताया कि अखिलेंद्र, ज्ञान प्रकाश व आकाश ने तुम्हे छिपाने के लिए नेपाल में इंतजाम कर लिया है। इसलिए मैं बहराइच आया और अपने दोस्तों के साथ नेपाल भाग रहा था, तभी पकड़ लिया गया।

एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि पकड़ा गया अपराधी शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा, जो मुख्य शूटर है। इसके अलावा उसके साथी अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव और अखिलेंद्र प्रताप सिंह है। ये तीनों मुख्य शूटर के मददगार है। अनुराग शूटर धर्मराज का भाई है।

उल्लेखनीय है कि शूटरों ने मुम्बई सरकार में मंत्री और फिल्म अभिनेता सलमान खान के करीबी जियाउद्दीन अब्दुल रही सिद्दीकी उर्फ बाबा सिद्दीकी की हत्या उनके विधायक पुत्र जीशान सिद्दीकी के खेरनगर स्थित कार्यालय के बाहर 12 अक्टूबर की रात को गोली मारकर हत्या कर दी थी। गिरफ्तार शूटरों ने खुलासा कि बाबा सिद्दकी की हत्या जेल में बंद कुख्यात अपराधी लारेंस विश्वनोई के इशारे पर किया गया था।

महाराष्ट्र निवासी शुभम सोनकर व जालंधर निवासी मो. यासीन अख्तर इन शूटरों के हैंडलर्स थे, जिन्होंने लाजीस्टिक व मृतक की लोकेशन उपलब्ध करायी थी। अपराधियों को पकड़ने के लिए मुंबई पुलिस ने यूपी एसटीएफ की मदद मांगी थी। जांच के दौरान पाया गया कि शूटर बहराइच में छिपे हुए हैं। मुंबई की टीम लखनऊ आयी थी।

एसटीएफ के उपनिरीक्षक जावेद आलम सिद्दकी मुख्य आरक्षी अन्य टीमों को लगाया गया। एसटीएफ टीम ने आरोपितों को नानपारा थाना क्षेत्र के हाराबहसरी नहर पुलिया के पास से रविवार को गिरफ्तार किया है। शूटरों को मुम्बई पुलिस अपने साथ ले गई है।
डबल डेकर इलेक्ट्रिक बस की सेवा शुरू होने से यातायात की समस्या दूर होगी: सीएम योगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आकांक्षा हाट कार्यक्रम से पहले प्रदेश की पहली डबल डेकर इलेक्ट्रिक बस सेवा का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दिखाकर बस को रवाना किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों के साथ बस में सफर भी किया और बस की खूबियों के बारे में जाना।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश की पहली डबल डेकर इलेक्ट्रिक बस की सेवा शुरू होने से यातायात की समस्या को दूर करने में मदद मिलेगी। साथ ही यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इलेक्ट्रिक होने के कारण यह बस प्रदूषण कम करने में सहायक होगी। वहीं आने वाले समय में प्रदेश के दूसरे प्रमुख शहरों में भी इसी तरह की डबल डेकर इलेक्ट्रिक बस सेवा की शुरूआत की जाएगी।

सीएम योगी ने कहा कि यहां पर हिंदूजा ग्रुप इलेक्ट्रिक व्हीकल का प्लांट भी स्थापित कर रहा है, जिसका प्रोडेक्शन जल्द ही शुरू हो जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्थानीय कला और सेल्फ हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए लगातार सरकार विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है। इसके जरिये यहां के कारीगरों को नया मंच और रोजगार के अवसर के भरपूर मौके दिए जा रहे हैं।