70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को केंद्र सरकार ने दी बड़ी सौगात, आयुष्मान भारत में मिलेगा 5 लाख तक का मुफ्त इलाज, कैबिनेट ने लगाई मुहर

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ये फैसला बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। अब इस मंजूरी के बाद, 70 साल से ऊपर के सभी बुजुर्गों को इस योजना के तहत हर साल 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल सकेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रमुख योजना आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत आय की परवाह किए बिना 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य कवरेज को मंजूरी दे दी है। इसका लक्ष्य छह 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों वाले लगभग 4.5 करोड़ परिवारों को पारिवारिक आधार पर 5 लाख रुपये के मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवर से लाभान्वित करना है।

एबी-पीएमजेएवाई पहले से ही करीब 55 करोड़ लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करा रही है। ये दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसका मकसद हर साल 12 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर देना है, ताकि उन्हें द्वितीयक और तृतीयक अस्पतालों में भर्ती होने की जरूरत पड़ने पर मदद मिल सके।

इस नई घोषणा के बाद अब 70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को इस योजना का सीधा फायदा होगा। बीते दिनों राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार का उद्देश्य है कि 70 साल से ज्यादा उम्र के हर बुजुर्ग को इस योजना का लाभ मिले और वे मुफ्त इलाज पा सकें। इस फैसले से बुजुर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी और उनके इलाज का बोझ उनके परिवारों पर कम होगा।

पेरिस पैरालंपिक में इतिहास रचने वाले पैरा एथलीट्स से मिले प्रधानमंत्री मोदी, खूब चला हंसी-मजाक का दौर

भारत ने टोक्यो पैरालंपिक का रिकॉर्ड तोड़ा था। टोक्यो में भारत ने 19 पदक जीते थे और देश पदक तालिका में 24वें स्थान पर रहा था, जबकि पेरिस में भारत 18वें स्थान पर रहा। भारत इस बार पेरिस में 25 पार के लक्ष्य के साथ उतरा था और उसे हासिल भी किया।

पेरिस पैरालंपिक खेलों में इतिहास रचने के बाद आज भारतीय दल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसका वीडियो भी सामने आया है। पीएम मोदी पैरा एथलीट्स से हंसी मजाक करते नजर आए। उन्होंने इतिहास रचने वाले एथलीट्स और उनके कोच की जमकर तारीफ की। पेरिस पैरालंपिक में रिकॉर्ड 29 पदक जीतने के बाद भारतीय एथलीट्स मंगलवार को देश लौटे थे। भारत ने पेरिस पैरालंपिक में सात स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य समेत 29 पदक जीते थे। भारत ने टोक्यो पैरालंपिक का रिकॉर्ड तोड़ा था। टोक्यो में भारत ने 19 पदक जीते थे और देश पदक तालिका में 24वें स्थान पर रहा था, जबकि पेरिस में भारत 18वें स्थान पर रहा। भारत इस बार पेरिस में 25 पार के लक्ष्य के साथ उतरा था और उसे हासिल भी किया।

इस दौरान पीएम मोदी के साथ खेल मंत्री मनसुख मांडविया और भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के अध्यक्ष देवेंद्र झाझरिया भी नजर आए। जूडो में पैरालंपिक पदक जीतकर इतिहास रचने वाले कपिल परमार ने पीएम मोदी को एक मोमेंटो गिफ्ट किया। पीएम मोदी ने फिर कपिल को ऑटोग्राफ भी दिया। वहीं, अवनि लेखरा ने पीएम मोदी को स्वर्ण पदक वाले ग्लव्स और एक जर्सी गिफ्ट की, जिसमें पीएम मोदी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद लिखा था। पीएम मोदी ने अवनि के सिर पर हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद दिया।

खेल मंत्रालय द्वारा साझा किए गए 43 सेकंड के वीडियो में पीएम को पदक विजेताओं के साथ बातचीत से पहले उन्हें बधाई देते देखा जा सकता है। भारत ने पैरालंपिक खेलों में अभूतपूर्व सात स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य पदक सहित 29 पदक जीतकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भारत ने इस बार सबसे ज्यादा 84 खिलाड़ियों के दल को पेरिस भेजा था।

देश लौटने के बाद से पैरालिंपियनों को सरकार द्वारा सम्मानित किया गया। खेल मंत्री मांडविया ने स्वर्ण पदक विजेताओं को 75 लाख रुपये, रजत विजेताओं को 50 लाख रुपये और खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले एथलीटों को 30 लाख रुपये दिए हैं। मिश्रित टीम स्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को 22.5 लाख रुपये देकर सम्मानित किया गया। इनमें तीरंदाज शीतल देवी शामिल हैं, जिन्होंने राकेश कुमार के साथ कांस्य पदक जीता था।

पेरिस पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता हरविंदर सिंह ने कहा कि वह पीएम मोदी से मिलकर खुश हैं। उन्होंने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं। मैं पेरिस पैरालंपिक में पैरा तीरंदाजी का चैंपियन बनकर लौटा हूं। यह देश के लिए ऐतिहासिक पदक है। मैंने प्रधानमंत्री को फाइनल में इस्तेमाल किया गया अपना एक तीर उपहार के रूप में दिया है। पीएम मोदी ने हमें काफी प्रेरित किया और पदक विजेताओं, प्रतिभागियों और सपोर्ट स्टाफ से बातचीत की।

नपुंसक हो जाएंगे...; पोलियो ड्रॉप को लेकर पाकिस्तान में फैलाई गई कैसी-कैसी अफवाहें, अब स्वास्थ्य कर्मियों का होने लगा कत्ल और रेप

भारत, चीन जैसे कई देश पोलियो से मुक्त हो चुके हैं। इसके बाद भी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में बच्चों में पोलियो के मामले सामने आ रहे हैं। इसकी वजह पोलियो की दो बूंद दवा को लेकर फैलाया गया अंधविश्वास है। इसके चलते हालात यह हैं कि खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और बलूचिस्तान के एक हिस्से में पोलियो वर्कर्स ही मार दिए जाते हैं। ऐसा ही केस बुधवार को सामने आया है, जब सिंध प्रांत के जैकबाबाद में एक पोलियो वर्कर को किडनैप कर लिया गया और उसका रेप किया गया। बमुश्किल पोलियो वर्कर को छुड़ाया गया और अस्पताल में एडमिट कराया गया है।

जिलाधिकारी जहूर मुर्री ने कहा कि हम पीड़िता की मेडिकल जांच करा रहे हैं। पोलियो वर्कर ने आरोप लगाया है कि उसे दो संदिग्ध लोगों ने पोलियो ड्राप्स पिलाने के लिए बुलाया था। इन लोगों के पास हथियार भी थे। इन दोनों की पहचान कर ली गई है और पुलिस का कहना है कि जल्दी ही अरेस्ट कर लेंगे। ऐसा ही एक केस खैबर पख्तूनख्वा के बजौर में आया है। यहां पोलियो कार्यकर्ता और उसकी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी को ही मार डाला गया। इन लोगों पर तब हमला हुआ, जब वे ड्यूटी करके लौट रहे थे। इसी दौरान बाइक सवार दो लोगों ने सड़क पर ही फायरिंग शुरू कर दी और वे मारे गए।

इसके साथ ही बजौर जिले में पोलियो का अभियान थम गया है। हालात ऐसे हैं कि पाकिस्तान में पोलियो अभियान के विरोध के कारण लोग दवा नहीं पिला रहे हैं और फिर से खतरनाक बीमारी के केस आने लगे हैं। 1990 के दशक में पाकिस्तान में हर साल करीब 20 हजार केस आते थे। यह संख्या तेजी से घटते हुए 2018 में सालाना 8 पर ही आ गई थी। लेकिन इस साल अब तक ही 17 मामले मिल चुके हैं, जबकि बीते पूरे साल में ही 6 केस आए थे। लेकिन अब फिर से रफ्तार पकड़ ली है, जो चिंता की बात है।

अब सवाल यह है कि आखिर पाकिस्तान में पोलियो से इतना परहेज क्यों है। इसकी वजह कट्टर इस्लामिकों और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों का प्रचार है। इन कट्टरपंथियों का प्रोपेगेंडा है कि पोलियो वैक्सीन पश्चिमी देशों का एक हथियार है, जिसके जरिए वे मुसलमानों को नपुंसक बनाना चाहते हैं। इसके अलावा उनका कहना है कि यह अल्लाह के फरमान के खिलाफ है। कई फायर ब्रांड मौलवियों की ओर से इसे गैर-इस्लामिक घोषित किया जाता रहा है। ऐसे में इस्लाम के ही तमाम अनुयायी भी अपने बच्चों को पोलियो पिलाने से बचते हैं।

AAP की 7वीं सूची जारी, हरियाणा की सभी 90 सीट पर उतारे प्रत्याशी, गठबंधन खत्म

आम आदमी पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपनी सातवीं सूची जारी कर दी है, जिसमें तीन नए उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इन उम्मीदवारों में जगाधरी से आदर्शपाल गुज्जर, नारनौंद से रणबीर सिंह लोहान, और नूंह से राबिया किदवई को टिकट दिया गया है। आप ने हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। पहले नारनौंद से राजीव पाली को टिकट मिला था, लेकिन अब उनकी जगह रणबीर सिंह लोहान को उम्मीदवार बनाया गया है। इससे पहले, आप ने अपनी छठी सूची जारी की थी, जिसमें 19 उम्मीदवारों के नाम शामिल थे। इसमें कालका से ओपी गुज्जर, पंचकूला से प्रेम गर्ग, अंबाला शहर से केतन शर्मा और मुलाना से गुरतेज सिंह जैसे नाम थे। इसके अलावा, पांचवीं और चौथी सूची में भी उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए थे, जिनमें नरवाना से अनिल रंगा, तोशाम से दलजीत सिंह, अंबाला छावनी से राज कौर गिल और करनाल से सुनील बिंदल शामिल हैं। आम आदमी पार्टी ने चुनाव प्रचार के लिए 40 स्टार प्रचारकों की भी घोषणा की है, जिसमें अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल, भगवंत मान, आतिशी, सौरभ भारद्वाज, संजय सिंह और मनीष सिसोदिया के नाम शामिल हैं। वहीं, कांग्रेस ने भी दो उम्मीदवारों की अपनी पांचवीं सूची जारी कर दी है, जिससे उसने कुल 88 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं।
महिलाओं के प्रति BJP का नकारात्मक रवैया', इंदौर में हुए गैंगरेप पर बोले राहुल गांधी

मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के महू के पास सेना के दो प्रशिक्षु अधिकारी एवं उनकी दो महिला मित्रों के साथ मारपीट और गलत व्यवहार का मामला सामने आया है। एक महिला के साथ कथित तौर पर गैंग रेप की वारदात भी हुई है। इस घटना को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों की कानून व्यवस्था लगभग अस्तित्वहीन है। इस घटना पर राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, "मध्यप्रदेश में सेना के दो जवानों के साथ हिंसा और उनकी महिला साथी के साथ दुष्कर्म पूरे समाज को शर्मसार करने के लिए काफी है। भाजपा शासित प्रदेशों की कानून व्यवस्था लगभग अस्तित्वहीन है।" राहुल गांधी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर बीजेपी सरकार का नकारात्मक रवैया अत्यंत चिंताजनक है। अपराधियों की निर्भीकता प्रशासन की पूर्ण नाकामी का परिणाम है, जिससे देश में असुरक्षित वातावरण पनप रहा है और यह भारत की बेटियों की स्वतंत्रता और आकांक्षाओं पर बंदिश डाल रहा है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि समाज एवं सरकार दोनों को शर्मिंदा होकर इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। देश की आधी आबादी की रक्षा की जिम्मेदारी से कब तक आंख चुराएंगे? कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी इस मामले में सरकार को घेरते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में सेना के जवान भी सुरक्षित नहीं हैं। उनके साथ लूट होती है और उनकी महिला मित्र के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया जाता है। उन्होंने इस घटना पर सवाल करते हुए कहा कि देश और प्रदेश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की इस दुष्कर्म की घटना पर कोई क्यों कुछ नहीं बोल रहा? यदि यह जंगलराज नहीं है तो और क्या है?
पथराव भी हिन्दुओं पर और कार्रवाई भी हिन्दुओं पर? सिद्धारमैया सरकार पर भड़की भाजपा

कर्नाटक में गणपति विसर्जन के दौरान मांड्या जिले के नागमंगला में एक जुलूस पर हमले को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने मांग की है कि इस घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा की जाए। 11 सितंबर को गणपति विसर्जन के दौरान जुलूस पर मस्जिद के सामने पथराव किया गया, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए, शोभा करंदलाजे ने कांग्रेस सरकार पर हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह घटना भगवान गणेश और हिंदुओं का अपमान है और यह कोई छोटी घटना नहीं है। करंदलाजे ने कहा, "जब भी कर्नाटक में सिद्धारमैया की सरकार होती है, हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई होती है। मांड्या में जो हुआ, वह भगवान गणेश और हिंदुओं का अपमान है। सरकार कहती है कि यह एक छोटी घटना थी, लेकिन अगर हिंदुओं की 25 दुकानों को जलाना छोटी घटना है, तो बड़ी घटना क्या होनी चाहिए?" उन्होंने सिद्धारमैया पर हिंदुओं के खिलाफ होने और अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण का आरोप लगाया, और दोषियों की गिरफ्तारी और एनआईए से जांच की मांग की। हालाँकि, कांग्रेस सरकार के अधीन काम करने वाली पुलिस ने अलग ही कहानी बताई है। मांड्या के पुलिस अधिकारी मल्लिकार्जुन बालादंडी ने बताया कि यह घटना तब हुई जब गणपति विसर्जन जुलूस उस जगह पर रुकी और लोग कुछ समय के लिए दरगाह के सामने नाचने लगे। इसके बाद मुस्लिम समूह ने जुलूस को वहां से जाने के लिए कहा, जिससे दोनों गुटों के बीच विवाद हो गया। पुलिस ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की और जुलूस को जारी रखने की अनुमति दी। जुलूस में शामिल लोगों ने बाद में नागमंगला थाने के सामने विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्हें जुलूस जारी रखने की अनुमति नहीं दी गई। एसपी बालादंडी ने पुष्टि की कि पुलिस ने लोगों को समझाया और जुलूस को जारी रखने की अनुमति दी।
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी का निधन, 72 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी का लंबी बीमारी के बाद 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। इसकी पुष्टि सीपीएम और एम्स से जुड़े सूत्रों ने की है। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वह पिछले कई दिनों से दिल्ली के एम्स में भर्ती थे। सूत्रों के मुताबिक, सीताराम येचुरी का निधन शाम 3 बजकर पांच मिनट पर हुआ। 

सीताराम येचुरी एक्यूट रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से पीड़ित थे। 19 अगस्त को उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। तब से यहां उनका इलाज चल रहा था। बीते दिन तबीयत बिगड़ने पर 72 साल के येचुरी को वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था।

सीताराम येचुरी के निधन पर बीजेपी, कांग्रेस समेत कई पार्टियों के नेताओं ने शोक जताया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने येचुरी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सीताराम येचुरी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ, जो कुछ साल पहले संसद में मेरे सहयोगी थे। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। 

सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव और पार्टी के संसदीय समूह के नेता हैं। उनका जन्म 12 अगस्त 1952 को चेन्नई में एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। 1975 में सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बने थे। कॉलेज के समय से ही वो राजनीति में आ गए। वह 2016 में राज्यसभा में सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। आपातकाल में जेएनयू में रहते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद वह लगातार तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। 1984 में उनको सीपीआई एम की केंद्रीय समिति में शामिल किया गया था। 2015 में उनको पार्टी का महासचिव चुना गया। येचुरी 2005 में पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए चुने गए थे।

पीएम मोदी ने सीजेआई के घर की गणेश पूजा, बढ़ा विवाद, जानें क्या कह रहा विपक्ष?

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के यहां जाकर भगवान गणेश की पूजा की। इसकी तस्वीर खुद प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट की। सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रूचूड़ के घर पर पीएम मोदी के गणेश पूजा में शामिल होने और गणेश आरती करने पर विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष इसपर हमलावर है और उसे चुनावी स्ट्रंट बताते हुए महाराष्ट्र चुनाव से जोड़ दिया है।

जजों की आचार संहिता का उल्लंघन- प्रशांत भूषण

सीजेआई के घर पीएम के जाने पर सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने हैरानी जताई है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'हैरत होती है कि सीजेआई चंद्रचूड़ ने मोदी को निजी मुलाकात के लिए अपने आवास पर आने की अनुमति दी। इससे न्यायपालिका को बहुत बुरा संकेत मिलता है, जिस पर नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि सरकार संविधान के दायरे में काम करे। इसलिए कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच एक दूरी होनी चाहिए।' उन्होंने दूसरी पोस्ट में जजों के लिए आचार संहिता का जिक्र कर कहते हैं कि इसका उल्लंघन हुआ है। उन्होंने लिखा, 'न्यायाधीशों के लिए आचार संहिता: एक न्यायाधीश को अपने पद की गरिमा के अनुरूप एक हद तक दूरी बरतनी चाहिए। वो ऐसा कोई कार्य या चूक नहीं करे जो उसके उच्च पद और उस पद के प्रति सार्वजनिक सम्मान के प्रतिकूल हो। आचार संहिता का उल्लंघन।'

संविधान संरक्षक नेताओं से मिलेंगे तो लोगों को संदेह होगा- राउत

कई विपक्षी नेताओं ने भी प्रधानमंत्री मोदी के मुख्य न्यायाधीश के आवास पर पूजा में शामिल होने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, "गणपति उत्सव मनाया जा रहा है और लोग एक-दूसरे के घर जा रहे हैं। मुझे जानकारी नहीं है कि प्रधानमंत्री किसी के घर गए हैं या नहीं। गणपति उत्सव दिल्ली में कई स्थानों और महाराष्ट्र सदन में मनाया जा रहा है। राउत ने कहा, हालांकि, प्रधानमंत्री सीजेआई के आवास पर गए। उन्होंने साथ में आरती की। हमें लगता है कि अगर संविधान के संरक्षक राजनीतिक नेताओं से मिलेंगे तो लोगों को संदेह होगा।"

क्या ऐसे में सीजेआई चंद्रचूड़ हमें न्याय दे पाएंगे- राउत

उन्होंने आगे कहा, महाराष्ट्र के हमारे मामले की सुनवाई पहले भी चल रही है। सीजेआई चंद्रचूड़ इसलिए हमें संदेह है कि क्या हमें न्याय मिलेगा, क्योंकि पीएम इस मामले में दूसरी पार्टी हैं। हमारे मामले में दूसरी पार्टी केंद्र सरकार है। मुख्य न्यायाधीश को इस मामले से खुद को दूर कर लेना चाहिए क्योंकि उनका संबंध दूसरे पक्ष से है। मामला खुलेआम दिख रहा है। क्या ऐसे में सीजेआई चंद्रचूड़ हमें न्याय दे पाएंगे? हमें तारीख पर तारीख मिल रही है और अवैध सरकार चल रही है… ऐसे में हम टूट गए। जो सीजेआई हमें न्याय देने वाले हैं, उनके साथ पीएम का ऐसा रिश्ता है, इसलिए महाराष्ट्र के मन में एक संदेह पैदा हुआ।

प्रियंका चतुर्वेदी ने कसा तीखा तंज

वहीं, शिवसेना सांसद (यूबीटी) प्रियंका चतुर्वेदी ने भी पीएम मोदी के सीजेआई के घर पहुंचने को लेकर तीखा तंज कसा है। उन्होंने कहा, उम्मीद है कि उत्सव समाप्त होने के बाद सीजेआई उचित समझेंगे और महाराष्ट्र में संविधान के अनुच्छेद 10 की घोर अवहेलना पर सुनवाई समाप्त करने के लिए थोड़ा स्वतंत्र होंगे। अरे रुकिए, वैसे भी चुनाव नजदीक हैं, इसे किसी और दिन के लिए स्थगित किया जा सकता है।

मुहम्मद यूनुस ने फिर दिखाई भारत को आंख, जानें SAARC को लेकर क्या बोले ?

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शेख हसीना सरकार के जाने के बाद से ही भारत और बांग्‍लादेश के बीच संबंधों को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं। बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस लंबे समय से समानता और निष्पक्षता का राग अलाप रहे हैं। बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस भारत से अच्छे रिश्तों की बात तो कर रहे हैं, लेकिन इसके साथ वो शर्तों का जिक्र भी कर देते हैं। बुधवार को एक बार फिर उन्होंने कहा कि बांग्लादेश अपने पड़ोसी देश भारत समेत अन्य देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन यह संबंध निष्पक्षता और समानता के आधार पर होने चाहिए।

मोहम्मद यूनुस ने बुधवार को टेलीविजन पर दिए गए अपने भाषण में बताया कि पदभार संभालने के बाद उनके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ सहित कई विदेशी नेताओं से बधाई कॉल आए। यूनुस ने कहा, “हम भारत और दूसरे पड़ोसियों के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं, लेकिन ये संबंध निष्पक्षता और समानता के आधार पर होने चाहिए।”

यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश ने बाढ़ से निपटने के लिए भारत के साथ उच्च स्तरीय द्विपक्षीय सहयोग वार्ता शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, ''मैंने दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए दक्षेस को पुनर्जीवित करने की भी पहल की है।'' दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं। यूनुस ने कहा, ''हम चाहते हैं कि विश्व बांग्लादेश को एक सम्मानित लोकतंत्र के रूप में मान्यता दे।''

पहले भी यूनुस भारत को अपनी शर्तों में बांधने की कोशिश कर चुके हैं। पिछले महीने उन्होंने कहा था अगर भारत शेख हसीना को अपने पास रखना चाहता है, तो रखे लेकिन उन्हें चुप रहना होगा। अगर ऐसा नहीं होता तो भारत को इसके परिणाम भुगतने होंगे।

बता दें कि बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस जबसे सत्ता पर काबिज हुए, तबसे लगातार भारत विरोधी निर्णय ले रहे हैं। पहले जमात ए इस्लामी बांग्लादेश पर से बैन हटाया। इसके बाद मोस्ट वांटेड बांग्लादेशी आतंकवादी जसीमुद्दीन रहमानी को जेल से रिहा किय़ा। साथ ही समय-समय पर अन्य मामलों को लेकर भारत को आंखें दिखा रहे हैं।

अजान से 5 मिनट पहले बंद कर दें दुर्गा पूजा का अनुष्ठान, बांग्लादेश में यूनुस सरकार का ये कैसा फरमान?

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बांग्लादेश में शेख हसीने के तख्तापलट के बाद हिंदुओं पर हमले हुए उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया गया। हालांकि, बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस ने इसका बचाव किया। यही नहीं हालात को सुधारने का भी दावा किया। पीएम मोदी से फोन पर बातचीत के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भरोसा दिया था। अब देश की इसी अंतरिम सरकार में गृह मंत्रालय ने तालिबानी फरमान जारी किया है। बांग्लादेश की सरकार ने बाकायदा फरमान जारी कर हिंदुओं को आदेश दिया है कि दुर्गा पूजा पंडालों में बजने वाले म्यूजिक सिस्टम मस्जिदों में होने वाली अजान और नमाज के वक्त बंद कर दिए जाएं।

मंगलवार 10 सितम्बर को जारी बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के आदेश में दुर्गा पूजा से पहले देश के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को निर्देशित किया गया है। इसमें पूजा समितियों को अजान और नमाज से पांच मिनट पहले दुर्गा पूजा से जुड़े अनुष्ठान और साउंड सिस्टम बंद करने का निर्देश दिया गया है।

बांग्लादेश की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (रि) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने मंगलवार को सचिवालय में बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद के नेताओं से मुलाकात की थी। बैठक के बाद गृह मामलों के सलाहकार ने दुर्गा पूजा से पहले कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कॉन्फ्रेंस के दौरान चौधरी ने कहा कि पूजा समितियों को अजान और नमाज से पांच मिनट पहले और उसके दौरान संगीत वाद्ययंत्र और साउंड सिस्टम बंद रखने के लिए कहा गया है।

बांग्लादेश की सरकार के इस तालिबानी फरमान का अब चौतरफा विरोध शुरू हो गया है।बांग्लादेश की यूनुस सरकार के इस तालिबानी फरमान का भारत में विरोध शुरू हो गया है। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने एक्स पर पोस्ट कर इस आदेश पर विरोध जताया। पोस्ट में दास ने लिखा, बांग्लादेश में गृह मंत्री के सलाहकार फरमान जारी कर रहे हैं कि हिंदुओं को अजान से 5 मिनट पहले अपनी सभी पूजा- अनुष्ठान और संगीत बंद कर देना चाहिए वरना उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। ये नया तालिबानी बांग्लादेश है।

बताते चलें कि बांग्लादेश की 13 करोड़ की आबादी में करीब 10 फीसदी हिंदू हैं। हालांकि, जिस तरह के आदेश मोहम्मद युनूस की सरकार की तरफ से जारी किए जा रहे हैं उससे साफ है कि यहां हिंदू न महफूज हैं और न ही आजाद। उन्हें अपने अनुसार दूर्गा पूजा मनाने की भी इस बार आजादी नहीं है। पहला से ही कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे हिंदुओं के ले हालात और बद्दतर होने वाले हैं। क्योंकि शेख हसीना सरकार ढहने के बाद उन कट्टरपंथियों को अपनी मनमानी करने का खुला मौका मिल गया है और इसमें यूनुस उनका बैकडोर से पूरा साथ दे रही है।