केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राजधानी रायपुर में नार्काेटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के आंचलिक इकाई कार्यालय का किया ऑनलाइन उद्घाटन
रायपुर-   केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में नार्काेटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के आंचलिक इकाई कार्यालय का ऑनलाइन उद्घाटन किया। अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में मादक पदार्थों के परिदृश्य पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता भी की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा, केन्द्रीय गृह सचिव, निदेशक, आसूचना ब्यूरो, महानिदेशक, एनसीबी, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।केन्द्रीय गृह मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 2047 में भारत की आज़ादी के शताब्दी वर्ष में नशामुक्त देश का संकल्प अब हर देशवासी का संकल्प बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि नशामुक्त भारत का संकल्प एक समृद्ध, सुरक्षित और वैभवशाली भारत के निर्माण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। श्री शाह ने कहा कि ड्रग्स सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि एक वैश्विक समस्या है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई को शिद्दत, गंभीरता और एक संपूर्ण रणनीति के साथ लड़ेंगे तो हम इस लड़ाई को जीत सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में नारकोटिक्स का अवैध व्यापार राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ जुड़ा हुआ है। श्री शाह ने कहा कि ड्रग्स के अवैध व्यापार से अर्जित धन आतंकवाद और वामपंथी उग्रवाद को बढ़ावा देता है और देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करता है। उन्होंने कहा कि ड्रग्स से न सिर्फ देश की युवा पीढ़ी बर्बाद होती है बल्कि देश की सुरक्षा भी कमज़ोर होती है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि सभी मिलकर नारकोटिक्स के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर आगे बढ़ें और मोदी जी के नशामुक्त भारत के संकल्प को पूरा करें। उन्होंने कहा कि आज एनसीबी के रायपुर जोनल कार्यालय का उद्घाटन हुआ है। उन्होंने कहा कि ये ज़ोनल ऑफिस न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे क्षेत्र में नारकोटिक्स पर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि देश के हर राज्य में एनसीबी की उपस्थिति हो। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हर राज्य में एनसीबी के कार्यालय की स्थापना कर राज्य सरकारों के सहयोग से नशे के कारोबार को ख़त्म करेगी।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज ड्रग्स ट्रैफिकिंग का ट्रेंड बदल रहा है औऱ ये नैचुरल से सिथेटिक ड्रग्स की ओर बढ़ रहा हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सेडेटिव उपयोग का प्रतिशत 1.45 है जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है और गांजा का उपयोग भी 4.98 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। अमित शाह ने ड्रग्स की तस्करी के मामलों की जांच में वैज्ञानिक तरीकों के इस्तेमाल पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमें टॉप टू बाटम और बाटम टू टॉप अप्रोच के साथ काम कर पूरे नेटवर्क को रूथलेस तरीके से ध्वस्त करने की ज़रूरत है। श्री शाह ने कहा कि जब तक हम पूरे नेटवर्क पर प्रहार नहीं करेंगे तब तक एक नशामुक्त भारत के लक्ष्य को हम प्राप्त नहीं कर सकेंगे।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ड्रग्स का उपयोग करने वाला व्यक्ति पीड़ित होता है, जबकि इसका व्यापार करने वाला अपराधी होता है। उन्होंने कहा कि ड्रग्स के डिटेक्शन, नेटवर्क के डिस्ट्रक्शन कल्प्रिट के डिटेंशन और एडिक्ट के पुर्नवास के चार सूत्रों पर चलकर ही हम इस लड़ाई में सफल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में होल ऑफ गर्वंनमेंट अप्रोच अपनाने से ही हमें पूर्ण सफलता मिलेगी।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 साल में एनसीबी की उपलब्धि बहुत अच्छी रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2004 से 2014 तक कुल 1,250 केस दर्ज हुए जबकि 2014 से 2024 तक के 10 साल में 230 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4,150 केस दर्ज हुए। 2004 से 2014 के बीच कुल 1,360 अरेस्ट हुए जो अब 6,300 हो गए हैं। इसी प्रकार, 2004 से 2014 के बीच 1 लाख 52 हज़ार किलोग्राम ड्रग्स पकड़ी गई जबकि 2014 से 2024 के बीच 257 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 5 लाख 43 हज़ार किलोग्राम ड्रग्स पकड़ी गई है। 2004 से 2014 के बीच ज़ब्त की गई ड्रग्स का मूल्य 5,900 करोड़ रूपए था जबकि 2014 से 2024 के बीच ज़ब्त की गई ड्रग्स का मूल्य 22,000 करोड़ रूपए है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक संगठित अप्रोच के तहत हम 10 साल में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई को एक अंजाम तक पहुंचाने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नशामुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश के युवा और आम जनता के बीच मादक पदार्थों के खिलाफ जागरूकता पैदा करके इस लड़ाई को एक जम आंदोलन बनाना होगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने नार्को कॉर्डिनेशन मैकेनिज़्म के तहत सभी 4 स्तरों पर नियमित बैठकें आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हाल ही में शुरू किए गए ’मानस’ पोर्टल का सभी को उपयोग करना चाहिए। श्री शाह ने सभी राज्यों से कहा कि वे ड्रग्स के मामलों में वित्तीय जांच के लिए भारत सरकार की एजेंसियों की मदद ले सकते हैं। गृह मंत्री ने संयुक्त समन्वय समिति के नियमित उपयोग की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि ड्रग्स के पूरे नेटवर्क को खत्म करने के लिए अंतर्राज्यीय मामलों को एनसीबी को सौंपना चाहिए।
 
मंत्री तोखन साहू ने लाइट मेट्रो ट्रेन के लिए रूस में किए गए MoU को बताया असंवैधानिक, मेयर ढेबर ने दिया जवाब

रायपुर-   रशिया में महापौर एजाज ढेबर द्वारा किए गए एमओयू को असंवैधानिक करार बताया जा रहा है। केन्द्रीय आवासन एवं शहरी विकास कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि महापौर द्वारा लाइट मेट्रो ट्रेन के लिए किया गया एमओयू असंवैधानिक है। केंद्र व राज्य सरकार की बिना अनुमति के इस तरह एमओयू नहीं किया जा सकता है। यह एमओयू नहीं, बल्कि जनता और देश का अपमान है। उन्होंने अपने निजी दौरे में कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया है।

वहीं, उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि महापौर ने जनता के साथ भद्दा मजाक किया है। उनके द्वारा न तो राज्य सरकार से कोई अनुमति ली गई और न ही केंद्र सरकार से कोई अनुमति प्राप्त है। यह चुनावी दिखावा है। इस एमओयू का कोई आधार नहीं है। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को महापौर द्वारा किए गए एमओयू के बाद बवाल बचा हुआ है। भाजपाई नेता एमओयू को लेकर आक्रामक हो चुके हैं।

दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोंचे, मेरा निजी दौरा नहीं

इधर, महापौर एजाज ढेबर का पूरे मामले में कहना है कि रशिया जाना उनका निजी दौरा नहीं है। भाजपा नेताओं को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोंचने की जरूरत है। मुझे यहां की सरकार ने निमंत्रण भेजा है, तब मैं आया हूं। मैं यहां अपने खर्चे से नहीं आया हूं, मैं रायपुर आकर विस्तार से सभी दस्तावेज पेश करूंगा।2024-25 निगम बजट में लाइट मेट्रो ट्रेन का प्रस्ताव शामिल है। सामान्य सभा में इसे पास किया गया। इस पर चर्चा भी हुई थी। मैंने मास्को की यात्रा का भी जिक्र किया था।

व्यक्तिगत यात्रा में एमओयू की वैधता नहीं

भाजपा विधायक राजेश मूणत का इस मामले में कहना है कि व्यक्तिगत यात्रा में एमओयू की बैधता नहीं है। महापौर वहां के कार्यक्रम में सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं। वहीं, निगम की नेताप्रतिपक्ष मीनल चौबे का कहना है कि महापौर की एमआइसी को ही उनके दौरे की जानकारी नहीं है, तो फिर यह उनका व्यक्तिगत दौरा कैसे नहीं हुआ।

छत्तीसगढ़ नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संचालक कुंदन कुमार ने कहा, महापौर के मास्को दौरे की जानकारी विभाग को नहीं है। उनके द्वारा इस संबंध में कोई आफिशियल जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। नियमानुसार उनके द्वारा इस तरह के एमओयू नहीं किए जा सकते हैं। इस संबंध में भारत सरकार और राज्य सरकार की अनुमति आवश्यक है। बाकी बातें दस्तावेज देखने के बाद ही स्पष्ट हो पाएंगी।

जाने विशेषज्ञों की राय

– दूसरे देश में जाकर एमओयू करने से पहले राज्य और केंद्र सरकार की अनुमति जरूरी।

– राज्य सरकार की अनुमति लेकर ही दूसरे देश में जाना अधिकृत यात्रा में आता है।

– आफिशियल दौरे से पहले संबंधित विभाग और सीएम की अनुमति आवश्यक होती है।

– इस तरह के प्रोजेक्ट के लिए बड़े फंड की आवश्यकता होती है, बिना राज्य और केंद्र सरकार के यह संभव नहीं है।

– इस तरह के एमओयू के लिए सीनियर अधिकारियों की मौजूदगी जरूरी होती है।

‘राष्ट्र गौरव का पुनर्जागरण व्याख्यान’ में गरजे अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, कहा- बहुत जल्द कृष्ण जन्मभूमि और ज्ञानवापी भी होगा हमारा…

रायपुर-   सनातन समाज अपने धर्म के लिए जाग जाए. देश में 22 जनवरी 2024 (अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा) जैसा दिन फिर से आएगा. बहुत जल्द मथुरा की कृष्ण जन्मभूमि और ज्ञानवापी भी हमारा होगा. यह बात राजधानी में रविवार को कुंदनलाल जैन विचार मंच की ओर से आयोजित में “राष्ट्र गौरव का पुनर्जागरण व्याख्यान” कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राम जन्मभूमि, कृष्ण जन्म भूमि और ज्ञानवापी मामलों में मुख्य अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कही. 

मेडिकल कॉलेज स्थित ऑडिटेरियम में जैन मुनि श्री विराग और RSS के मध्य क्षेत्र के संघचालक पूर्णेदु सक्सेना के साथ बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मंदिरों में दिए गए दान पर सरकार का हक़ है, लेकिन मस्जिदों में नहीं. इसको लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में कई पीआईएल दर्ज है.

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में 34 हज़ार मंदिर सरकार ने अधिग्रहित किया है. जिन मंदिरों में चढ़ावा ज़्यादा होता है, उन्हीं मंदिरों को सरकार अधिग्रहित करती है, लेकिन मस्जिदों में अधिग्रहित नहीं करती है. मिस मैनेजमेंट के नाम पर सरकार मंदिरों को अधिग्रहित करती है, क्या यह मिस मैनेजमेंट मस्जिदों में नहीं दिखता.

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मंदिर तोड़ने से देवता का अस्तित्व खत्म नहीं होता. देवता की संपत्ति के साथ कोई समझौता नहीं होगा. इस समय साजिश चल रही है कि जैन हिंदू समाज से अलग है.

वक्फ बोर्ड बिल पर विष्णु शंकर जैन ने कहा इसके लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद देना चाहिए. सरकारी संपत्ति को वक्फ अपनी संपत्ति नहीं कह सकती. बिल से वक्फ के अधिकार को शून्य करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि कुछ नेता बांग्लादेश जैसी घटना देश में होने की बात कहते हैं. केंद्र सरकार को ऐसे बयान देने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए.

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सेल्फ डिफेंस के लिए वैध तरीके से हमें आर्म्स वेपन रखना चाहिए. इसके साथ ही संविधान में अनुच्छेद 30 A पर अल्पसंख्यकों के अधिकार पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि रोहिंग्या देश में दीमक की तरह घुसे हुए हैं, इन्हें बाहर करना होगा. वहीं कश्मीरी पंडितों को भी बसना जरूरी है.

माओवाद आतंक प्रभावित बीजापुर जिले के पालनार कैम्प के आसपास के 31 युवाओं ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से की मुलाकात

रायपुर-   माओवादी आतंक से प्रभावित बीजापुर जिले के पालनार कैम्प के आस-पास के 5 गांव के 31 युवाओं ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नवा रायपुर में मुलाकात की। इनमें से कई युवा पहली बार बीजापुर से निकलकर राजधानी रायपुर आये हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, उपमुख्यमंत्री द्वय अरूण साव और विजय शर्मा एवं वन मंत्री केदार कश्यप भी उपस्थित थे।

केंद्रीय गृहमंत्री श्री शाह ने इन बच्चों से हाल-चाल पूछा और उन्हें उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। इन बच्चों ने राजधानी रायपुर के भ्रमण के दौरान पुरख़ौती मुक्तागन, महानदी भवन मंत्रालय, मीवान स्टील प्लांट, मैग्नेटो मॉल, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, पुरखौती मुक्तांगन, रेलवे स्टेशन और मैग्नेटो माल का भ्रमण किये। 23 अगस्त की रात से यह युवा रायपुर पहुँचे हैं। युवा कल गंगरेल बांध घूमते हुए वापस बीजापुर लौट जाएँगे।

गौरतलब है कि पालनार सुरक्षा कैम्प के आस-पास के इन बच्चों के गांवों में नियद नेल्लानार योजना के तहत सड़क, बिजली पानी राशन, स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी सहित सभी प्रकार की बुनियादी सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। साथ ही केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ सभी पात्र हितग्राहियों को दिलाया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत सुरक्षा कैम्प के पांच किलोमीटर की परीधि के गांवों में नियद नेल्लानार योजना संचालित की जा रही है। बीजापुर जिले के सुरक्षा कैम्पों के पास के 33 गांवों में नियद नेल्लानार योजना संचालित की जा रही है।

बीजापुर जिला प्रशासन की पहल पर पालनार कैम्प के पास के इन गांवों के बच्चों को राजधानी रायपुर में औद्योगिक विकास सहित रोजगार के क्षेत्र में नए नए अवसर एवं विकास की सभी गतिविधियों से परिचित कराया गया है। इससे इन युवाओं में नए उत्साह का संचार दिख रहा है। ये युवा अब रोज़गार मूलक गतिविधियों से जुड़कर अपना नया और सुंदर भविष्य बनाना चाहते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘‘पीपुल फॉर पीपल’’ अभियान का किया शुभारंभ, ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पीपल के पौधे का किया रोपण

रायपुर-    केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नवा रायपुर में निर्माणाधीन नवीन विधानसभा परिसर में ‘‘पीपुल फॉर पीपल’’ अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने इस मौके पर स्मार्ट सिटी योजना के तहत रेलवे स्टेशन, स्मार्ट रोड, पार्किंग एवं स्मार्ट स्कूल सहित 204.84 करोड़ रूपए की लागत से विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण किया। इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री द्वय अरूण साव और विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, वन मंत्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, खेल युवा कल्याण मंत्री टंक राम वर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक सर्व राजेश मूणत, किरण देव, पुरंदर मिश्रा, इंद्रकुमार साहू, मोती लाल साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

एक लाख पौधों का होगा रोपण

नवा रायपुर अटल नगर द्वारा ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान अंतर्गत ‘‘पीपुल फॉर पीपल’’ कार्यक्रम में एक लाख से अधिक स्थानीय प्रजाति के बड़े पेड़ रोपे जाएंगे। वर्तमान में 21,000 से अधिक पीपल के वृक्ष लगाये जा चुके हैं। नवा रायपुर अटल नगर का लक्ष्य है कि शहर में किसी भी स्थान पर खड़े होने पर पीपल का वृक्ष दिखाई दे।

पीपल के वृक्ष के संबंध में श्रीमद भगवद्गीता में भी भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि ‘‘वृक्षों में मैं पीपल हूं।’’ पीपल का वृक्ष 100 वर्षों से अधिक एवं 24 घण्टे जीवनदायिनी वायु प्रदान करने वाला वृक्ष है। कार्यक्रम अंतर्गत युवाओं को जोड़ने एवं जन सुविधा हेतु मोबाईल एप के माध्यम से ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान अंतर्गत ‘‘पीपुल फॉर पीपल’’ में वर्चुअल एडॉप्शन की सुविधा का उपयोग कर 2000 से ज्यादा जन सामान्य सहभागी भी बन चुके हैं।

रेलवे स्टेशन, स्मार्ट रोड, पार्किंग

नवा रायपुर अटल नगर से अन्य शहरों की कनेक्टीविटी के लिए बिछाई गई रेलवे लाईन में शहर के मध्य रेलवे स्टेशन की सुविधा उपलब्ध होगी। यह स्टेशन 75 करोड़ रूपए की लागत से तैयार की गई है। नवा रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 4 रेलवे स्टेशन निर्माण का कार्य किया जा रहा है। नवा रायपुर अटल नगर में लगभग 5.3 किलोमीटर में स्मार्ट सडक एवं अन्य आवश्यक अधोसंरचना का निर्माण 35.25 करोड़ रूपए की लागत से किया गया है। 100 बस के अतिरिक्त 148 कार, टैक्सी और लगभग 250 दोपहिया वाहनों की पार्किंग की सुविधा 23.12 करोड़ रूपए की लागत से विकसित की गई है।

विश्वस्तरीय स्मार्ट स्कूल

राखी गांव में विश्वस्तरीय स्मार्ट शैक्षणिक व्यवस्था की सुविधा एवं वृहद बहुद्देशीय सभागार प्रदान करने के लिए 18 करोड़ रूपए हायर सेकेण्डरी स्कूल तैयार किया गया है। इससे 1200 से ज्यादा बच्चों को विश्वस्तरीय शिक्षा का माहौल मिलेगा। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा हेतु 11 करोड़ रूपए की लगात से भवन निर्मित किया गया है। इस स्कूल में 950 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। नवा रायपुर अटल नगर के 11 ग्रामों में 10.35 करोड़ रूपए की लागत से प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों का उन्नयन किया गया है, जिससे लगभग 4300 स्कूली बच्चों को बेहतर शैक्षणिक माहौल मिलेगा।

भू-संवर्धन एवं वृक्षारोपण

बागवानी कार्य में जल निकायों का विकास के लिए 16 करोड़ रूपए की लागत से मंत्रालय के निकट जल संवर्धन, नालों, तालाबों को पुनर्जीवित करना एवं वृक्षारोपण का कार्य किया गया है। इसके अलावा वर्षा जल की प्राकृतिक धाराओं को विकसित कर भू-जल स्तर को बढाने के लिए 16.12 करोड़ रूपए की लागत से आवश्यक कार्य एवं नये तालाबों का निर्माण तथा वृक्षारोपण कार्य किये गये है।

अनुकम्पा नियुक्ति की याचिकाएं हाई कोर्ट ने की खारिज, कहा- आर्थिक संकट या गरीबी तय बुनियादी मापदंड…

बिलासपुर- अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर हाई कोर्ट में लगाई गई तीन अलग-अलग याचिकाओं को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि परिवार के मुखिया की मौत के बाद परिवार के सामने आने वाला आर्थिक संकट या गरीबी अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए तय बुनियादी मापदंड हैं. कोर्ट ने यह भी कहा कि इसके अलावा अनुकंपा नियुक्ति के लिए अधिकार के तौर पर दावा नहीं किया जा सकता. 

केस 1- रतनपुर में रहने वाले रामाधार तिवारी की पत्नी ने पति की मौत के बाद छोटे बेटे को अनुकम्पा नियुक्ति देने की मांग करते हुए याचिका लगाई गई. जिसमें कहा गया, कि उनके पति पुलिस विभाग में सहायक उप निरीक्षक के पद पर कार्यरत थे. 20 अगस्त 2007 को सेवा के दौरान उनकी मौत हो गई. जिसके बाद उनकी पत्नी ने अपने छोटे बेटे दीनानाथ तिवारी को अनुकंपा नियुक्ति के लिए अक्टूबर और दिसंबर 2007 में बिलासपुर एसपी को आवेदन दिया.

अगस्त 2012 में आवेदन को खारिज कर दिया गया. इसके लिए आधार बताया गया कि दीनानाथ के बड़े भाई केदारनाथ शिक्षाकर्मी वर्ग-3 के पद पर कार्यरत हैं. इस फैसले को चुनौती देते हुए 2014 में याचिका लगाई. कोर्ट ने मामले में सभी पक्षों सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी.

केस 2- इसी तरह बैकुंठपुर के रहने वाले यश मिश्रा को पिता की मौत के बाद अनुकम्पा नियुक्ति दी गई थी. उनकी मां सुनीता मिश्रा व्याख्याता थीं. वर्ष 2018 में मां के सरकारी नौकरी में रहने के आधार पर विभाग ने उन्हें सेवामुक्त कर दिया. जिसे लेकर हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई. यश ने अपने आवेदन में बताया था कि पिता की मौत के दौरान वह भिलाई में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था. पिता को ब्रेन कैंसर था. उनके इलाज में पूरी रकम खर्च हो गई. पिता की मौत के बाद पढ़ाई छोड़कर अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था. कोर्ट ने सुनवाई के बाद उनकी याचिका खारिज कर दी.

केस 3- कांकेर के रहने वाली सुमन के पिता राममूर्ति शर्मा ग्रामीण स्वास्थ्य संगठक के पद पर कार्यरत थे. जून 2019 में उनकी मौत हो गई, जिसके बाद सुमन ने जुलाई 2019 में राजनांदगाव के सीएमएचओ दफ्तर में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया. उनके भाई रमन शर्मा के कांकेर के गवर्नमेंट स्कूल में शिक्षाकर्मी वर्ग-1 बॉयोलॉजी के पद कार्यरत होने के आधार पर आवेदन खारिज कर दिया गया, जिसे लेकर होने कोर्ट में याचिका लगाई थी, लेकिन सुनवाई के बाद उनकी याचिका खारिज कर दी गई.

छत्‍तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में आदिवासी बच्चों को रोबोटिक्स और AI पढ़ाएगी साय सरकार

रायपुर-  छत्‍तीसगढ़ की मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने नक्सल प्रभावित और आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। यहां मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से सरकार ने राज्यभर के सरकारी स्कूलों में कौशल शिक्षा के एकीकृत पाठ्यक्रम चलाने के लिए तीन साल का अनुबंध किया है।

यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) 2023 के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य छात्रों को आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करना है। आदिवासी क्षेत्रों में बच्चों के कौशल विकास के लिए साय सरकार ने “नियद नेल्लानार योजना” शुरू की है। जिसका हिंदी में अर्थ है “आपका अच्छा गांव”।

इसके तहत शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं आदिवासियों को दी जा रही है। योजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एक जगह शिविर लगाकर पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में सभी तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं।

ऐसे चलेगा कौशल विकास का कार्यक्रम

स्कूल शिक्षा विभाग ने बच्चों के कौशल विकास के लिए मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ अनुबंध किया है। समझौते के तहत पहले दो शैक्षणिक वर्षों में 800 सरकारी स्कूलों में कौशल शिक्षा लागू की जाएगी। इस अवधि के दौरान 1,600 शिक्षक कक्षा छठवीं से 10 तक के 40,000 छात्रों को कौशल और जीवन कौशल की शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।

कार्यक्रम शुरू में कांकेर और कोंडागांव में शुरू होगा। बाद में राज्य के सभी 33 जिलों में विस्तार करने की योजना है। मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के सीईओ जयंत रस्तोगी ने किशोरों के सशक्तिकरण और विकास के लिए कौशल शिक्षा को लेकर सरकार के साथ योजना बना ली है।

सीएम साय ने आदेश दिया है कि आदिवासी बच्चों को उनकी सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने और शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में प्रदान की जाए। ऐसे में मातृभाषा जानने वाले स्थानीय शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

स्कूल शिक्षा सचिव का विशेष जोर

राज्य के स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने छात्रों को आधुनिक चुनौतियों के लिए तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पाठ्यक्रम रचनात्मक और रोजगारोन्मुखी होंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि 12वीं के बाद स्कूल से निकलने वाले युवाओं को बेहतर नौकरी के अवसर मिलें और वे समसामयिक जरूरतों के अनुरूप खुद को ढाल सकें।

साक्षरता दर बढ़ाने विद्यार्थी बनेंगे स्वयंसेवी शिक्षक : निरक्षरों को साक्षर बनाने पर 10वीं-12वीं के छात्रों को मिलेगा बोनस अंक

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में निरक्षरों को साक्षर बनाने अच्छी पहल की गई है. प्रदेश में साक्षरता दर बढ़ाने के लिए दसवीं-बारहवीं बोर्ड कक्षा के विद्यार्थी स्वयंसेवी शिक्षक बन सकते हैं. निरक्षरों को साक्षर करने में उनको दस अंक का बोनस दिया जाएगा.

राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण और एससीईआरटी के संचालक राजेंद्र कुमार कटारा ने कहा कि प्रदेश के असाक्षरों को गुणवत्तापूर्ण पठन-पाठन कर ही उन्हें मार्च 2025 की बुनियादी साक्षरता परीक्षा में बैठना है. इसके लिए प्रदेश में उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के लिए वातावरण तैयार किया जाना है. 1 से 7 सितंबर तक साक्षरता सप्ताह का आयोजन कर प्रदेश के सभी वर्गों के लिए अलग-अलग कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है. 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय उल्लास मेला पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में किया जाएगा, जिसमें प्रदेश के चुने हुए गतिविधियों के 10 स्टाल लगाए जाएंगे. इस कार्यक्रम का प्रसारण सभी जिलों में ब्लॉक मुख्यालयों में और पंचायत स्तर पर सीधे किया जाएगा. प्रत्येक स्तर पर यह कार्यक्रम आयोजित होंगे. पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री उल्लास साक्षरता केंद्रों का शुभारंभ करेंगे.

संचालक एससीईआरटी में आयोजित उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए आयोजित राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के उपलक्ष में राज्य स्तरीय उल्लास मेले का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक सहित जनप्रतिनिधि शिरकत करेंगे. बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के लिए नवाचारी गतिविधियों पर केंद्रित प्रदर्शनी भी मेले में लगाई जाएगी.

उन्होंने कहा कि जिले में गैर राजनीतिक व्यक्तियों को उल्लास कार्यक्रम के लिए ब्रांड एंबेसडर भी बनाया जाएगा. सभी जिले पूर्ण मनोयोग से उल्लास पोर्टल में शिक्षार्थियों व स्वयंसेवी शिक्षकों की एंट्री अति शीघ्र पूर्ण कराएं. उन्होंने यह भी कहा कि 10वीं व 12वीं के बोर्ड परीक्षा के शिक्षार्थियों को स्वयंसेवी शिक्षक के रूप में चयन कर सघन मॉनिटरिंग किया जाए, ताकि सही व्यक्ति को ही बोनस अंक प्राप्त हो सके. उन्होंने आज उपस्थित जिला अधिकारियों को उल्लास शपथ भी दिलाई.

कार्यक्रम के प्रारंभ में उल्लास कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी प्रशांत पांडेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा अनुशंसित उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला. उन्होंने प्रदेश में वातावरण निर्माण के लिए अपनाई जा रही विभिन्न प्रक्रिया पर एक पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन भी दिया. उन्होंने बताया कि उल्लास प्रवेशिका व उल्लास स्वयं सेवी शिक्षक मार्गदर्शिका एक सप्ताह के भीतर सभी जिलों में पहुंच जाएगी, जिसके 200 घंटे की पढ़ाई के पश्चात ही उन्हें परीक्षा में बैठाया जाना है.

पांडेय ने सीखने सिखाने की नवाचारी गतिविधि पर जोर देते हुए कहा कि हमें प्रत्येक जिले में नवाचारी शिक्षकों की सहायता से ऐसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है, जो स्थानीय संसाधनों से प्राप्त होते हैं. उन्होंने जादुई पिटारा एवं स्थानीय संसाधन जैसे सब्जी लकड़ी रेत गिट्टी इत्यादि के उपयोग कर सीखने सिखाने की गतिविधियों पर जोर दिया. उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रोग्राम के लिए सबसे पहले जिले में कुशल प्रशिक्षक तैयार किए जाने हैं. प्रत्येक संकुल प्रभारी को प्रशिक्षण देकर प्रत्येक संकुल में स्वयंसेवी शिक्षकों को सीधे प्रशिक्षण दिए जाकर उन्हें सक्षम बनाना है.

सोचा नहीं था, जहां भगवान जगन्नाथ का भव्य मंदिर बनवाया, वहीं का विधायक बनूंगाः पुरंदर मिश्रा

रायपुर- रायपुर उत्तर के विधायक पुरंदर मिश्रा शुक्रवार को रायपुर प्रेस क्लब के प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में बतौर मेहमान शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अपने धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक जीवन को लेकर पत्रकारों के साथ विस्तार से बातचीत की.

श्री मिश्रा ने बताया कि भगवान जगन्नाथ के प्रति बचपन से उनकी प्रगाढ़ आस्था रही है. आज वे जो कुछ भी हैं, भगवान जगन्नाथ की वजह से हैं. भगवान जगन्नाथ उन्हें रास्ता दिखाते गए और वे उस रास्ते पर चलते हुए आगे बढ़ते हुए.

विधायक श्री मिश्रा ने बताया कि उनकी शिक्षा सरायपाली और रायपुर में हुई. उन्होंने आयकर सलाहकार के तौर पर अपना पेशा शुरू किया. इस दौरान लोगों से मेलजोल बढ़ा. शुरुआती समय से ही वे जनसरोकार से जुड़े रहे हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ सर्व ओडिया समाज का गठन किया. झुग्गी-झोपड़ी प्रकोष्ठ में रहे और समाज के वंचित तबके के लिए काम किया. वे राजनीति में आना चाहते थे, लेकिन उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि रायपुर उत्तर विधानसभा, जहां उन्होंने भगवान जगन्नाथ का भव्य मंदिर बनवाया है, उसी क्षेत्र से उन्हें विधानसभा की टिकिट मिल जाएगी और वे चुनाव जीत जाएंगे. यह सब भगवान जगन्नाथ की कृपा और जनता के प्यार से संभव हुआ है. वे भगवान जगन्नाथ और जनता की सेवा सदैव तन, मन, धन से करते रहेंगे.

ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने हर संभव प्रयास

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए विधायक श्री मिश्रा ने कहा कि ट्रैफिक जाम की स्थित वाले ज्यादातर स्पाट उनके विधानसभा क्षेत्र में ही पड़ते हैं. उनके विधानसभा क्षेत्र में ही राज्यपाल, मुख्यमंत्री से लेकर सारे मंत्री, विधायक और अधिकारियों के निवास है. ट्रैफिक की समस्या से सभी को दो-चार होना पड़ रहा है. विधायक बनने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता यही है कि शहर की जनता को ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिले. इसके लिए उनकी ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. श्री मिश्रा ने बताया कि उनके क्षेत्र में अभी तक 15 करोड़ के विकास कार्य शुरू किए गए हैं. जनता की सुविधाओं में विस्तार पर लगातार काम किया जा रहा है. विष्णुदेव सरकार जनता के हित में लगातार काम कर रही है.

प्रेस क्लब में महिला पत्रकार कक्ष की घोषणा

इस अवसर पर विधायक श्री मिश्रा ने रायपुर की महिला पत्रकारों के लिए प्रेस क्लब में अलग से कक्ष और वाशरूम निर्माण के लिए विधायक निधि से पांच लाख रुपए देने की घोषणा की. साथ ही पत्रकारों को भगवान जगन्नाथ के दर्शन हेतु पुरी यात्रा का भी प्रस्ताव दिया, जिसे प्रेस क्लब ने स्वीकार कर लिया. यह यात्रा नवंबर-दिसंबर महीने में प्रस्तावित है. प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने घोषणा के लिए विधायक श्री मिश्रा के प्रति आभार व्यक्त किया. इस अवसर पर प्रेस क्लब के महासचिव वैभव शिव पांडेय, उपाध्यक्ष संदीप शुक्ला, कोषाध्यक्ष रमन हलवाई, संयुक्त सचिव तृप्ति सोनी, अरविंद सोनवानी समेत कार्यकारिणी सदस्य और बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे.

स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन, हाईकोर्ट ने सिटी मजिस्ट्रेट पर लगाया जुर्माना

बिलासपुर- हाईकोर्ट ने स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करने के मामले में कोरबा के सिटी मजिस्ट्रेट गौतम सिंह पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। प्रतिबंधात्मक धारा में जेल भेजने के सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश को हाईकोर्ट ने स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन माना है।

दरअसल, कोरबा के बालको में कार्यरत कर्मचारी लक्ष्मण साकेत क्वार्टर नंबर ईडब्ल्यूएस फेस-2 एमपी नगर थाना सिविल लाइंस रामपुर में रहता है। लक्ष्मण साकेत का उसकी पत्नी के साथ घरेलू विवाद चल रहा है। पत्नी ने पति के खिलाफ सिविल लाइन थाने में एक शिकायत दर्ज कराई। इस पर पुलिस ने महिला के पति पर सीआरपीसी की धारा 107, 16 के तहत कार्रवाई करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट के कोर्ट में पेश किया। जब अधिवक्ता ने साकेत की रिहाई को लेकर बेल बांड की राशि पेश की तो शाम पांच बजे सिटी मजिस्ट्रेट ने साल्वेंट श्योरिटी की शर्त लगा दी। इधर शाम हो जाने के कारण साकेत के अधिवक्ता साल्वेंट श्योरिटी पेश नहीं कर सके। इस आधार पर सिटी मजिस्ट्रेट ने साकेत लक्ष्मण को जेल भेज दिया।

सिटी मजिस्ट्रेट के फैसले को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी। मामले में छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव, सिटी मजिस्ट्रेट कोरबा, गृह विभाग के सचिव, पुलिस अधीक्षक कोरबा, सिविल लाइन के थाना प्रभारी और थाने में मामले की शिकायत करने वाली महिला संध्या साकेत को पक्षकार बनाया गया। याचिका में तर्क दिया गया कि सिटी मजिस्ट्रेट को साल्वेंट श्योरिटी मांगने का अधिकार नहीं है। मामले में मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा व न्यायाधीश बीडी गुरु की पीठ में सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सिटी मजिस्ट्रेट के फैसले को अवैध करार दिया और याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकार का हनन बताया। मामले में कोर्ट ने कोरबा पुलिस, अपर कलेक्टर पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया और इसका भुगतान 30 दिन के भीतर करने कहा है।