जैतखाम तोड़ने पर उग्र हुआ सतनामी समाज, कलेक्टर-एसपी दफ्तर में लगाई आग, दमकल की दो गाड़ियां समेत कई वाहन जलकर राख

बलौदाबाजार-  छत्तीसगढ़ के गिरौदपुरी के जैतखाम में तोड़फोड़ से सतनामी समाज उग्र हो गया है. आक्रोशित समाज के हजारों लोगों ने आज बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट-एसपी दफ्तर का घेराव कर उसे आग के हवाले कर दिया. परिसर में खड़ी सैकड़ों गाड़ियों सहित दमकल की दो गाड़ियों पर आग लगा दी. अधिकारियों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई. वहीं इस मामले में गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि पूरे मामले की न्यायिक जांच की जाएगी. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

गृहमंत्री ने सभी से सामाजिक सौहार्द्र बनाए रखने की अपील भी की है. बता दें कि प्रदर्शनकारी 3–4 हजार की संख्या में हैं. वहीं पुलिस बल की संख्या कम है. कलेक्टर कार्यालय के पीछे के रास्ते से कर्मचारियों को सुरक्षित निकला जा रहा है.

छत्तीसगढ़ के मंत्रिमंडल में क्या होगा बदलाव को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के बयान, कहा-

रायपुर-   क्या छत्तीसगढ़ के मंत्रिमंडल में बदलाव होगा? खाली हुए मंत्री पद कब तक भरे जायेंगे? सियासी गलियारों में उठ रहे सवालों पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सधे हुए अंदाज में जवाब दिया है। दिल्ली दौरे से लौटे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर में पत्रकारों से बातें करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में छत्तीसगढ़ को मिले प्रतिनिधित्व पर संतोष जताया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण में शामिल होने का उन्हें मौका मिला। ये काफी गौरवशाली क्षण था।

सीएम विष्णुदेव साय दिल्ली ने कहा कि सौभाग्य है कि केंद्रीय मंत्री परिषद में बिलासपुर संसद तोखन साहू जगह मिली है। छत्तीसगढ़ को पहले भी इतना ही प्रतिनिधित्व मिला था। वहीं मंत्रिमंडल में बदलाव और खाली मंत्री पद को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि “इंतजार करिए….जल्द ही फैसला लिया जाएगा”

इससे पहले रविवार का शाम दिल्ली में शपथ ग्रहण के बाद पत्रकारों संग चर्चा करते हुए सीएम साय ने कहा था कि – विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने और देश को विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने के लिए आज एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण हुआ। माँ भारती के सेवक, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने पर 3 करोड़ छत्तीसगढ़ वासियों की ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। मंत्री पद की शपथ लेने वाले सभी सदस्यों को भी अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ। ये सब मिलकर विकसित भारत के निर्माण के लिए काम करेंगे, जिसमें हमारे छत्तीसगढ़ का भी अहम योगदान होगा।

शिक्षकों की समस्याओं को लेकर वित्त मंत्री ओपी चौधरी से संयुक्त शिक्षक संघ की लंबी चर्चा

रायगढ़-   शिक्षकों की अलग-अलग समस्याओं को लेकर संयुक्त शिक्षक ने प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात की। उप प्रांताध्यक्ष गिरजा शंकर शुक्ला के नेतृत्व में संघ के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री से मुलाकात के दौरान उनसे अलग-अलग बिंदुओं पर चर्चा की। गृह ग्राम बयांग में वित्त मंत्री ओपी चौधरी से उप प्रांताध्यक्ष गिरजा शंकर शुक्ला एवं जिलाध्यक्ष राजकमल पटेल के अगुवाई में हुई मुलाकात के दौरान शिक्षकों की समस्याओं और उसके निराकरण पर लंबी चर्चा हुई।

गिरिजा शंकर शुक्ला ने वित्त मंत्री से जिला स्तर में शिक्षकों की लंबी परीक्षा अनुमति, सेवा पुस्तिका का संधारण एवं उसका सत्यापन, विभिन्न प्रकार के लंबित अवकाश स्वीकृत उसका वेतन भुगतान,छुट्टियों में कार्य करें शिक्षकों हेतु अर्जित अवकाश आदि विषयों को विस्तारपूर्वक चर्चा की। वित्त मंत्री ने ओपी चौधरी ने शिक्षकों की परेशानियों पर कहा कि जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में डीईओ और सभी बीईओ की बैठक कर इसका निराकरण का निर्देश दिया जाएगा।

प्रदेश स्तर पर शिक्षकों के इन समस्याओं के निराकरण हेतु एक एप का निर्माण हो जिसके माध्यम से सभी समस्याओं का समय सीमा में निराकरण हो, साथ ही शिक्षक-कर्मचारियों के ईलाज को कैशलेस सिस्टम करने एवं लंबित महंगाई भत्ता को शीघ्र प्रदान करने का आग्रह किया गया। जिस पर मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि राज्य स्तर में चर्चा कर इसका निराकरण किया जाएगा। चर्चा पूरी तरह से सौहार्दपूर्ण वातावरण में सकारात्मक रहा। प्रतिनिधि मंडल में संघ के उप प्रांताध्यक्ष गिरजा शंकर शुक्ला, जिलाध्यक्ष राजकमल पटेल पदाधिकारी टेकराम राठौर, रविन्द्र पटेल,दिनेश पटेल, नरेंद्र चौधरी,आदि शामिल रहे।

पूर्व सीएम बघेल बोले- यह गठबंधन वाली सरकार है, अपने ही बोझ तले दब जाएगी

रायपुर-   15 साल तक सत्ता में रहने वाली भाजपा सरकार को हराकर 2018 में भूपेश बघेल सीएम बने थे। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव में हार के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ”मोदी की गारंटी” को लेकर तमाम बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि, यह सरकार न ‘मोदी’ की सरकार है और न ही ‘मोदी की गारंटी’ की सरकार…

यह सरकार गठबंधन की सरकार है

पूर्व सीएम बघेल ने कहा कि, पहले सिर्फ एक फोटो नरेंद्र मोदी की लगा करती थी। लेकिन अब मजबूरी में अपने गठबंधन के साथियों की फोटो भी लगानी पड़ेगी। यह सब पीएम नरेंद्र मोदी की फितरत में नहीं है और यह सरकार अपनी ही बोझ तले दब जाएगी। क्योंकि गठबंधन वाली सरकार में काफी मसले ऐसे हैं जिन्हें हर कोई स्वीकार नहीं करेगा। जैसे अजित पवार गुट ने (Mos) स्वंतत्र प्रभार लेने से मना कर दिया है। जेडीयू अग्निवीर योजना की बात कर रही हैं। टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू हज जाने वालों को 10,0000 देने की बात कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के वोट परसेंटेज में ज्यादा अंतर नहीं

पूर्व सीएम ने कहा कि, छत्तीसगढ़ की जनता का जनादेश हमें स्वीकार है। हम अच्छे से लड़े हैं। वोट परसेंटेज में भी बेहद ज्यादा अंतर नहीं है। मिलजुल कर काम करना होगा और हार की समीक्षा पार्टी करेगी।

किसानों और ग्रामीणों के सच्चे साथी बनेंगे दामिनी और मेघदूत, मेघदूत एप्प से मौसम की मिलेगी सटीक जानकारी और दामिनी एप्प बचाएगी आकाशीय बिजली के कहर

रायपुर-   किसानों और ग्रामीणों के दो सच्चे साथी अब हमेशा उनके साथ रहेंगे। एक उन्हें मौसम संबंधी जानकारी से लैस करेगा, तो दूसरा आकाशीय बिजली की कहर से बचाएगा। छत्तीसगढ़ में मानसून की दस्तक के साथ ही खेती-किसानी का काम-काज शुरू हो जाता है। किसान भाई मौसम संबंधी सटीक जानकारी के लिए मेघदूत और आकाशीय बिजली से जनहानि और पशुहानि से बचाव के लिए दामिनी एप्प का सहारा ले सकते हैं।

भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने इन दोनों एप्प को लॉन्च किया है। इसे गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से किसी भी एंड्राइड मोबाईल पर डाउनलोड किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों को राजस्व विभाग और अन्य विभागों के मैदानी अमले के माध्यम से इन दोनों ही एप्प का प्रचार-प्रसार करने के साथ ही गांवों में मुनादी करने के निर्देश दिए गए हैं।

खेती-किसानी के सीजन में किसानों के लिए मौसम की सटीक जानकारी आवश्यक होती है, इससे खेती-किसानी का काम-काज व्यवस्थित और सुचारू ढंग से करने में मदद मिलती है। मेघदूत एप्प के माध्यम से किसान भाई मौसम पूर्वानुमान जैसे तापमान, वर्षा की स्थिति, हवा की गति एवं दिशा इत्यादि की जानकारी मिलेगी, जिससे किसान अपने क्षेत्र की मौसम से संबंधित पूर्वानुमान की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

मानसून के दौरान ही आकाशीय बिजली की घटनाओं का सिलसिला शुरू हो जाता है, इसके कारण अधिक संख्या में जन एवं पशु हानि की सूचनाएं प्राप्त होती है। इन घटनाओं में कमी लाने और लोगों को सचेत करने के लिए दामिनी एप्प तैयार किया गया है। इस एप्प के माध्यम से 20 से 31 किलोमीटर के दायरे में आकाशीय बिजली का पूर्वानुमान मिल जाएगा। इससे पशुहानि और जनहानि को रोकने में मदद मिलेगी।

ऐसे बनती है आकाशीय बिजली

जब ठंडी हवा संघनित होकर बादल बनती है तब इन बादलों के अंदर गर्म हवा की गति और नीचे ठंडी हवा के होने से बादलों में धनावेश (पॉजिटिव चार्ज) ऊपर की ओर एवं ऋणावेश (निगेटिव चार्ज) नीचे की ओर होता है। बादलों में इन विपरीत आवेशों की आपसी क्रिया से विद्युत आवेश उत्पन्न होता है। इस प्रकार आकाशीय बिजली उत्पन्न होती है। फिर धरती पर पहुंचने पर आकाशीय बिजली बेहतर चालक को तलाशती हैं, जिससे वह गुजर सके। इसके लिए धातु और पेड़ उपयुक्त होते हैं। बिजली अक्सर इन्हीं माध्यमों से पृथ्वी में जाने का रास्ता चुनती है। इसलिए बरसात के दिनों में लोग बिजली के खंभों, पेड़ों और धातुओं से दूर रहना चाहिए तथा बिजली के उपकरणों का प्रयोग सावधानीपूर्वक करें। जितना हो सके आकाशीय बिजली की स्थिति में मोबाइल का उपयोग नहीं किया जाए।

PET, पीपीएचटी और प्री-एमसीए की प्रवेश परीक्षा 13 जून को, एडमिट कार्ड जारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल की ओर से पीईटी, पीपीएचटी, प्री-एमसीए की प्रवेश परीक्षा 13 जून को होना है। इसके लिए प्रवेश पत्र जारी कर दिए गए हैं। अभ्यर्थी व्यापमं की वेबसाइट www.vyapam.cgstate.gov.in पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं। 

प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रदेशभर के इंजीनियरिंग और फार्मेसी कालेजों में प्रवेश दिए जाएंगे। इंजीनियरिंग और फार्मेसी के लिए लगभग 40 हजार छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है। परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में एक घंटे पहले पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।

साथ ही दो रंगीन फोटो और मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पेन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस समेत अन्य फोटोयुक्त आइडी प्रुफ लेकर परीक्षा देने के लिए केंद्र में पहुंचना है। मूल पहचानपत्र के अभाव पर परीक्षार्थी को केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

गिरौदपुरी धाम के जैतखांभ में हुई तोड़फोड़ की होगी न्यायिक जांच- उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

रायपुर-  सतनामी समाज के विभिन्न संगठनों एवं प्रतिनिधियों की मांग पर गिरौदपुरी धाम के पवित्र अमरगुफा के नजदीक जैतखांभ में हुई तोड़फोड़ पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस पूरे मामले के लिए न्यायिक जांच कराने की घोषणा की है। उन्होंने दो टूक कहा की प्रदेश में कही भी सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली घटनाओं को बर्दाश्त नही की जाएगी ऐसे कृत्य करने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सभी से सामाजिक साैहार्द्र बनाए रखने की अपील भी की है। गौरतलब है की विगत दिनों 15-16 मई रात को पूज्य जैतखांभ को क्षति पहुंचाने की कोशिश की गई थी।

विष्णुदेव साय सरकार की सुध से खेती-किसानी को नया सम्बल

रायपुर-   देश की जीडीपी में कृषि का बड़ा योगदान है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का मूल आधार भी कृषि ही है और यह धान का कटोरा कहलाता है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने अल्पावधि में राज्य के किसानों के हित में कई फैसले लिए हैं, इससे राज्य में खेती-किसानी को नया सम्बल मिला है। किसान बेहद खुश है। उनके मन में एक नई उम्मीद जगी है।

छत्तीसगढ़ की नई सरकार ने प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी तथा दो साल के बकाया धान बोनस की राशि 3716 करोड़ रूपए का भुगतान करके एक ओर जहां अपना संकल्प पूरा किया है, वहीं दूसरी ओर किसानों से बीते खरीफ विपणन वर्ष में 144.92 लाख मेट्रिक टन धान की रिकार्ड खरीदी की है। किसानों को समर्थन मूल्य के रूप में 31,914 करोड़ रूपए का भुगतान एवं किसान समृद्धि योजना के माध्यम से मूल्य की अंतर की राशि 13,320 करोड़ का भुगतान करके यह बता दिया है कि छत्तीसगढ़ की खुशहाली और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का रास्ता खेती-किसानी से ही निकलेगा।

किसानों का मानना है कि राज्य सरकार के अब तक के फैसलों से यह स्पष्ट हो गया है कि यह सरकार किसानों की हितैषी है। खेती-किसानी ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। कृषि के क्षेत्र में सम्पन्नता से ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और विकसित राज्य बनाने का सपना साकार होगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए छत्तीेसगढ़ सरकार ने इस साल कृषि के बजट में 33 प्रतिशत की वृद्धि की है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने संकल्प के मुताबिक समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान में प्रति क्विंटल 917 रूपए के मान से अंतर की राशि भी दे दी है। किसानों को प्रति क्विंटल के मान से 3100 रूपए के भुगतान की यह राशि देश में सर्वाधिक है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस साल के बजट में कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत 10 हजार करोड़ की व्यवस्था की गई है।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई अभिनव पहल की जा रही है। जशपुर जिले के कुनकुरी में कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र तथा बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट एवं प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी महाविद्यालय, सूरजपुर जिले के सिलफिली एवं रायगढ़ में शासकीय उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, तथा मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के खडगंवा में कृषि महाविद्यालय खोलने की व्यवस्था बजट में की है।

कृषि में आधुनिक उपकरणों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय की स्थापना एवं राज्य स्तरीय नवीन कृषि यंत्र परीक्षण प्रयोगशाला के भवन का निर्माण, दुर्ग एवं सरगुजा जिले में कृषि यंत्री कार्यालय तथा रासायनिक उर्वरकों की जांच के लिए सरगुजा जिले में गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी।

राज्य के किसानों को सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों से ब्याज मुक्त कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए 8 हजार 500 करोड़ का लक्ष्य तथा भूमिहीन कृषि मजदूरों की सहायता हेतु दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के तहत भूमिहीन परिवारों को प्रतिवर्ष 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता देने के लिए बजट में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान है।

छत्तीसगढ़ में किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, सौर सुजला योेजना के माध्यम से सिंचित रकबे में बढ़ोत्तरी का प्रयास किया जा रहा है। नवीन सिंचाई योजना के लिए 300 करोड़ रूपए, लघु सिंचाई की चालू परियोजनाओं के लिए 692 करोड़ रूपए, नाबार्ड पोषित सिंचाई परियोजनाओं के लिए 433 करोड़ रूपए एवं एनीकट तथा स्टाप डेम निर्माण के लिए 262 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान छत्तीसगढ़ सरकार ने किया है।

छत्तीसगढ़ में किसानों एवं भूमिहीन मजदूरों की स्थिति में सुधार, कृषि एवं सहायक गतिविधियां के लिए समन्वित प्रयास पर राज्य सरकार का फोकस है। चालू वित्तीय वर्ष कृषि बजट 33 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 13 हजार 435 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। किसानों को सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों से ब्याज मुक्त कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए 8500 करोड़ रूपए की साख सीमा छत्तीसगढ़़ सरकार ने तय की है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वर्तमान खरीफ सीजन को देखते हुए राज्यभर की सहकारी समितियों में सोसायटियो में गुणवत्तापूर्ण खाद-बीज भंडारण एवं उठाव की स्थिति पर निरंतर निगरानी रखने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसानों को खाद-बीज के लिए किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े, इसलिए पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने अपने खेती-किसानी के दीर्घ अनुभव के आधार पर कहा है कि खरीफ सीजन में किसान भाईयों द्वारा डी.ए.पी. खाद की मांग ज्यादा की जाती है। इसको ध्यान में रखते हुए डी.ए.पी. खाद की मांग और सप्लाई पर विशेष निगरानी रखी जानी चाहिए। खाद-बीज की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सेंम्पलिंग एवं प्रयोगशाला के माध्यम से जांच का विशेष अभियान संचालित किया जाए।

खरीफ सीजन 2024-25 के लिए राज्य में 13.68 लाख मैट्रिक टन उर्वरकों की मांग के विरूद्ध अब तक 9.13 लाख मैट्रिक टन उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है, जो मांग का 67 प्रतिशत है। सोसायटियों में विभिन्न खरीफ फसलों के बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। खरीफ सीजन 2024-25 में 5 लाख 59 हजार 203 क्विंटल बीज की मांग के विरूद्ध 6 लाख 39 हजार 4 क्विंटल बीज उपलब्ध है, जो कि मांग का 114 प्रतिशत है। सोसायटियों से किसान लगातार बीज का उठाव कर रहे है। अब तक 03 लाख 75 हजार क्विंटल बीज का उठाव किसानों ने किया है, जो कि बीज की डिमांड का 67 प्रतिशत है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी रायपुर के केमिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर ने खोजी शुगर लेवल टेस्ट स्ट्रिप , यूरीन के माध्यम से हो सकेगी शुगर

रायपुर-   नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रायपुर के केमिस्ट्री डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर कफील अहमद सिद्दिकी और उनके पीएचडी छात्र विभव शुक्ला ने एक महत्वपूर्ण खोज की है। उन्होंने एक क्रांतिकारी टेस्ट स्ट्रिप विकसित की है, जो मानव शरीर में यूरिन के माध्यम से शुगर लेवल की जांच कर सकती है। यह नवाचार ग्लूकोज मॉनिटरिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो रक्त परीक्षण से डरते हैं।

पारंपरिक रूप से, ग्लूकोज स्तर को डायबिटीज जैसी बीमारी की जांच के लिए ब्लड सैंपल लेकर मापा जाता है। हालांकि, उच्च रक्त ग्लूकोज स्तर ग्लाइकोसुरिया का कारण बन सकता है, जहां ग्लूकोज यूरिन में चला जाता है। सामान्यतः, यूरिन में ग्लूकोज स्तर नगण्य या अनुपस्थित होते हैं, लेकिन जब यह मौजूद होता है, तो यह अक्सर डायबिटीज या अन्य मेटाबोलिक समस्याओं को दर्शाता है। उच्च शुगर स्तर या हाइपरग्लाइसीमिया, अगर नियंत्रित नहीं किया गया तो, गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का सामान करना पड़ सकता है, जिससे किडनी, नसें, दिल और रक्त वाहिकाओं सहित अंग प्रभावित हो सकते हैं। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार, 2019 में लगभग 463 मिलियन वयस्क डायबिटीज से पीड़ित थे, और यह संख्या 2045 तक 700 मिलियन तक पहुंचने की संभावना है। डायबिटीज के नियंत्रण और इसकी जटिलताओं को रोकने के लिए नियमित मॉनिटरिंग करना बहुत आवश्यक है।

इसके बावजूद, कई लोग, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग, रक्त परीक्षण से डरते हैं और गलतफहमियों के शिकार बनते हैं। वे मानते हैं कि एक बूंद खून बनने में एक साल लगता है, जिससे वे शुगर परीक्षण के लिए रक्त देने से बचते हैं। यह नई यूरिन-आधारित टेस्ट स्ट्रिप इस डर को कम कर सकती है, जिससे ग्लूकोज मॉनिटरिंग अधिक सुलभ हो जाएगी।

डॉ. सिद्दिकी और उनकी टीम ने अपने अनुसंधान में आयरन डोप्ड जिंक-बेस्ड मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क का उपयोग किया, जिसमें उन्होंने क्रिएटिनिन, क्रिएटिन, यूरिया, ग्लूकोज आदि सहित यूरिन के विभिन्न घटकों का परीक्षण किया। उन्होंने पाया कि जब ग्लूकोज के संपर्क में आता है, तो UV लाइट पड़ने पर हरा रंग प्रदर्शित करता है, जबकि अन्य घटक कोई अलग रंग नहीं दिखाते। उन्होंने 80 से 300 mg/dL की ग्लूकोज सांद्रता का परीक्षण किया और 110 और 150 mg/dL की सांद्रता पर एक विशिष्ट तीव्रता देखी। यह परीक्षण मॉडल यूरिन और वास्तविक यूरिन दोनों का उपयोग करके किया गया, जिससे ऐसी टेस्ट स्ट्रिप्स का विकास हुआ जो इन ग्लूकोज सांद्रताओं पर एक विशिष्ट रंग परिवर्तन दिखाती हैं।

उन्होंने फ़िल्टर पेपर और कम्पोजिट से एक नवाचारी डिटेक्शन स्ट्रिप विकसित की। इस स्ट्रिप ने अल्ट्रा-सेंसिटिव डिटेक्शन क्षमताओं का प्रदर्शन किया, जो विभिन्न ग्लूकोज सांद्रताओं के अनुरूप ध्यान देने योग्य फ्लोरोसेंस परिवर्तन दिखाती है। इसका यह गुण इसे वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों के लिए एक व्यावहारिक उपकरण बनाता है।

डॉ. सिद्दिकी ने कहा कि उनका लक्ष्य ऐसी टेस्ट स्ट्रिप्स बनाना है जो सस्ती और आसानी से उपलब्ध हो, जैसे कि गर्भावस्था परीक्षण स्ट्रिप्स। उनका उद्देश्य यह है कि आम लोग अपने घर में बिना किसी इंजेक्शन या रक्त के अपने शुगर स्तर की सही जांच यूरिन के माध्यम से कर सकें। उनका अब तक किया गया यह शोध कार्य 'मटेरियल्स टुडे केमिस्ट्री' में प्रकाशित हुआ है, जो एक Elsevier प्रकाशन का Q1 जर्नल है।

यह अभूतपूर्व अनुसंधान ग्लूकोज डिटेक्शन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति लाएगा। यूरिन ग्लूकोज मॉनिटरिंग के लिए जिंक-MOF और इसके आयरन-डोप्ड कम्पोजिट का विकास एक नया, कुशल और उपयोगकर्ता-अनुकूल तरीका प्रस्तुत करता है। दुनिया भर में उच्च शुगर स्तर से प्रभावित लाखों लोगों के साथ, यह नवाचार डायबिटीज प्रबंधन और समग्र स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के लिए अपार संभावनाएं बनाएगा। नवविकसित MOF-आधारित टेस्ट स्ट्रिप्स ग्लूकोज मॉनिटरिंग के लिए एक मानक उपकरण बनने की क्षमता रखती हैं, विशेष रूप से उन सेटिंग्स में जहां रक्त परीक्षण व्यावहारिक नहीं होते हैं। अनुसंधान टीम की उन्नत, पर्यावरण-अनुकूल टेस्ट स्ट्रिप्स पर चल रही कार्यवाही भविष्य में और भी सुलभ और विश्वसनीय ग्लूकोज मॉनिटरिंग समाधान प्रदान करने हेतु प्रयासरत है।

स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल का निर्देश, लापरवाही करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई, मानवीय पहलुओं का रखा जाए ध्यान

रायपुर- सरगुजा जिले के विकासखण्ड अंबिकापुर अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नवानगर में प्रसूता द्वारा जमीन पर प्रसव किए जाने की घटना संज्ञान में आते ही स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने घटना की जांच के निर्देश दिए थे। मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच करवाई गई।

जांच के दौरान बीएमओ, संस्था प्रभारी, बीपीएम, स्टॉफ नर्स, एएनएम एवं स्थानीय मितानिन उपस्थित रहे। जांच के तहत सभी के समक्ष उक्त प्रकरण के बारे में बयान लिया गया, तथा जच्चा-बच्चा प्रसूता महिला एवं नवजात बच्चों को देखा गया। प्रसव को लेकर प्रोटोकॉल का पालन नही करने वाले खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ पी.एन. राजवाड़े को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।रात्रिकालिन स्टॉफ द्वितीय एएनएम मीना चौहान को तत्काल प्रभाव से हटाकर आयुष्मान मंदिर रेवापुर में कार्यादेशित किया गया। डयूटी में पदस्थ स्टॉफ नर्स बिना पूर्व सूचना के स्टॉफ नर्स कन्या पैंकरा कार्य में अनुपस्थित थी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया, निलंबन अवधि में संबंधित का मुख्यालय शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नवापारा किया गया। निलबंन अवधि में संबंधित को जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।

स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं की भविष्य में भी ऐसी गंभीर लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए और मरीजों के मानवीय पहलुओं का विशेष ध्यान रखा जाए।