बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में महिला लघु उद्योग पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आज भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली एवं प्रबंध अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वाधान मे ' उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमी के लिए स्टैंड अप योजना की ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच एवं सामाजिक - आर्थिक प्रभाव का आंकलन ' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आईसीएसएसआर द्वारा पोषित इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक श्री मनीष पाठक मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर प्रबंध अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रो अमित कुमार सिंह, डॉ कृष्ण मुरारी, डॉ सलिल सेठ एवं प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ० लता बाजपेयी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। सर्वप्रथम डॉ० लता बाजपेयी ने सभी को अतिथियों के परिचय एवं कार्यक्रम की रुपरेखा से अवगत कराया।

लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक मनीष पाठक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, कि स्टैंड अप योजना के माध्यम से महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को व्यापार के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाता है, जिससे कि वह स्वयं आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ- साथ राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दे सकें।

प्रो अमित कुमार सिंह ने महिलाओं में प्रबंधन के विशेष गुण की प्रशंसा की और कहा, कि महिलायें विपरीत परिस्थितियों में भी एक साथ कई जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है। साथ ही महिलाओं ने अन्य क्षेत्रों की तरह व्यापार के क्षेत्र में भी अग्रणी रहकर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है।
डॉ कृष्ण मुरारी ने चर्चा के दौरान कहा, कि आज का युग उद्यम केंद्रित युग है। लोग छोटे- छोटे व्यापार शुरू करके आत्मनिर्भर बन रहे हैं, जो कि किसी भी राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा कई ऐसी योजनायें चालू की गयी है, जिससे बैंक द्वारा व्यापार शुरू करने के लिए आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है।

प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ लता बाजपेयी ने कार्यशाला के विषय में विचार रखते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों में उद्यमशीलता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। ताकि सभी लोग श्रेष्ठ भारत को बनाने में अपना योगदान दे सकें। डॉ० सलिल सेठ ने भी इस प्रकार की कार्यशाला को महिलाओं एवं छोटे व्यापार शुरू करने की इच्छा रखने वालों के लिए उपयोगी बताया।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलायें एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में महिला लघु उद्योग पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आज भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली एवं प्रबंध अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वाधान मे ' उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमी के लिए स्टैंड अप योजना की ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच एवं सामाजिक - आर्थिक प्रभाव का आंकलन ' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आईसीएसएसआर द्वारा पोषित इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक श्री मनीष पाठक मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर प्रबंध अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रो अमित कुमार सिंह, डॉ कृष्ण मुरारी, डॉ सलिल सेठ एवं प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ० लता बाजपेयी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। सर्वप्रथम डॉ० लता बाजपेयी ने सभी को अतिथियों के परिचय एवं कार्यक्रम की रुपरेखा से अवगत कराया।

लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक मनीष पाठक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, कि स्टैंड अप योजना के माध्यम से महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को व्यापार के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाता है, जिससे कि वह स्वयं आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ- साथ राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दे सकें।

प्रो अमित कुमार सिंह ने महिलाओं में प्रबंधन के विशेष गुण की प्रशंसा की और कहा, कि महिलायें विपरीत परिस्थितियों में भी एक साथ कई जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है। साथ ही महिलाओं ने अन्य क्षेत्रों की तरह व्यापार के क्षेत्र में भी अग्रणी रहकर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है।
डॉ कृष्ण मुरारी ने चर्चा के दौरान कहा, कि आज का युग उद्यम केंद्रित युग है। लोग छोटे- छोटे व्यापार शुरू करके आत्मनिर्भर बन रहे हैं, जो कि किसी भी राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा कई ऐसी योजनायें चालू की गयी है, जिससे बैंक द्वारा व्यापार शुरू करने के लिए आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है।

प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ लता बाजपेयी ने कार्यशाला के विषय में विचार रखते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों में उद्यमशीलता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। ताकि सभी लोग श्रेष्ठ भारत को बनाने में अपना योगदान दे सकें। डॉ० सलिल सेठ ने भी इस प्रकार की कार्यशाला को महिलाओं एवं छोटे व्यापार शुरू करने की इच्छा रखने वालों के लिए उपयोगी बताया।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलायें एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में महिला लघु उद्योग पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आज भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली एवं प्रबंध अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वाधान मे ' उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमी के लिए स्टैंड अप योजना की ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच एवं सामाजिक - आर्थिक प्रभाव का आंकलन ' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आईसीएसएसआर द्वारा पोषित इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक श्री मनीष पाठक मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर प्रबंध अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रो अमित कुमार सिंह, डॉ कृष्ण मुरारी, डॉ सलिल सेठ एवं प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ० लता बाजपेयी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। सर्वप्रथम डॉ० लता बाजपेयी ने सभी को अतिथियों के परिचय एवं कार्यक्रम की रुपरेखा से अवगत कराया।

लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक मनीष पाठक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, कि स्टैंड अप योजना के माध्यम से महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को व्यापार के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाता है, जिससे कि वह स्वयं आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ- साथ राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दे सकें।

प्रो अमित कुमार सिंह ने महिलाओं में प्रबंधन के विशेष गुण की प्रशंसा की और कहा, कि महिलायें विपरीत परिस्थितियों में भी एक साथ कई जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है। साथ ही महिलाओं ने अन्य क्षेत्रों की तरह व्यापार के क्षेत्र में भी अग्रणी रहकर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है।
डॉ कृष्ण मुरारी ने चर्चा के दौरान कहा, कि आज का युग उद्यम केंद्रित युग है। लोग छोटे- छोटे व्यापार शुरू करके आत्मनिर्भर बन रहे हैं, जो कि किसी भी राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा कई ऐसी योजनायें चालू की गयी है, जिससे बैंक द्वारा व्यापार शुरू करने के लिए आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है।

प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ लता बाजपेयी ने कार्यशाला के विषय में विचार रखते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों में उद्यमशीलता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। ताकि सभी लोग श्रेष्ठ भारत को बनाने में अपना योगदान दे सकें। डॉ० सलिल सेठ ने भी इस प्रकार की कार्यशाला को महिलाओं एवं छोटे व्यापार शुरू करने की इच्छा रखने वालों के लिए उपयोगी बताया।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलायें एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में महिला लघु उद्योग पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आज भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली एवं प्रबंध अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वाधान मे ' उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमी के लिए स्टैंड अप योजना की ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच एवं सामाजिक - आर्थिक प्रभाव का आंकलन ' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आईसीएसएसआर द्वारा पोषित इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक श्री मनीष पाठक मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर प्रबंध अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रो अमित कुमार सिंह, डॉ कृष्ण मुरारी, डॉ सलिल सेठ एवं प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ० लता बाजपेयी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। सर्वप्रथम डॉ० लता बाजपेयी ने सभी को अतिथियों के परिचय एवं कार्यक्रम की रुपरेखा से अवगत कराया।

लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक मनीष पाठक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, कि स्टैंड अप योजना के माध्यम से महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को व्यापार के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाता है, जिससे कि वह स्वयं आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ- साथ राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दे सकें।

प्रो अमित कुमार सिंह ने महिलाओं में प्रबंधन के विशेष गुण की प्रशंसा की और कहा, कि महिलायें विपरीत परिस्थितियों में भी एक साथ कई जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है। साथ ही महिलाओं ने अन्य क्षेत्रों की तरह व्यापार के क्षेत्र में भी अग्रणी रहकर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है।
डॉ कृष्ण मुरारी ने चर्चा के दौरान कहा, कि आज का युग उद्यम केंद्रित युग है। लोग छोटे- छोटे व्यापार शुरू करके आत्मनिर्भर बन रहे हैं, जो कि किसी भी राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा कई ऐसी योजनायें चालू की गयी है, जिससे बैंक द्वारा व्यापार शुरू करने के लिए आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है।

प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ लता बाजपेयी ने कार्यशाला के विषय में विचार रखते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों में उद्यमशीलता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। ताकि सभी लोग श्रेष्ठ भारत को बनाने में अपना योगदान दे सकें। डॉ० सलिल सेठ ने भी इस प्रकार की कार्यशाला को महिलाओं एवं छोटे व्यापार शुरू करने की इच्छा रखने वालों के लिए उपयोगी बताया।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलायें एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में महिला लघु उद्योग पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आज भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) नई दिल्ली एवं प्रबंध अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वाधान मे ' उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमी के लिए स्टैंड अप योजना की ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच एवं सामाजिक - आर्थिक प्रभाव का आंकलन ' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आईसीएसएसआर द्वारा पोषित इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक श्री मनीष पाठक मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर प्रबंध अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रो अमित कुमार सिंह, डॉ कृष्ण मुरारी, डॉ सलिल सेठ एवं प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ० लता बाजपेयी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। सर्वप्रथम डॉ० लता बाजपेयी ने सभी को अतिथियों के परिचय एवं कार्यक्रम की रुपरेखा से अवगत कराया।

लखनऊ के अग्रणी जिला प्रबंधक मनीष पाठक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, कि स्टैंड अप योजना के माध्यम से महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को व्यापार के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाता है, जिससे कि वह स्वयं आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ- साथ राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दे सकें।

प्रो अमित कुमार सिंह ने महिलाओं में प्रबंधन के विशेष गुण की प्रशंसा की और कहा, कि महिलायें विपरीत परिस्थितियों में भी एक साथ कई जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है। साथ ही महिलाओं ने अन्य क्षेत्रों की तरह व्यापार के क्षेत्र में भी अग्रणी रहकर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है।
डॉ कृष्ण मुरारी ने चर्चा के दौरान कहा, कि आज का युग उद्यम केंद्रित युग है। लोग छोटे- छोटे व्यापार शुरू करके आत्मनिर्भर बन रहे हैं, जो कि किसी भी राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा कई ऐसी योजनायें चालू की गयी है, जिससे बैंक द्वारा व्यापार शुरू करने के लिए आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है।

प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ लता बाजपेयी ने कार्यशाला के विषय में विचार रखते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला का उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों में उद्यमशीलता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। ताकि सभी लोग श्रेष्ठ भारत को बनाने में अपना योगदान दे सकें। डॉ० सलिल सेठ ने भी इस प्रकार की कार्यशाला को महिलाओं एवं छोटे व्यापार शुरू करने की इच्छा रखने वालों के लिए उपयोगी बताया।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शिक्षक, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलायें एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहे।
महिला ने फांसी लगाकर दी जान
लखनऊ।
मोहनलालगंज क्षेत्र के भदेसुवा गांव में शुक्रवार को एक महिला ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।परिजनो की सूचना पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया।
मोहनलालगंज के भदेसुवा गांव में निर्मल कुमार अपनी पत्नी गीता 30वर्ष और दो मासूम बेटियों आरती,आयुषी व बेटे आलोक के साथ रहता है। निर्मल मजदूरी करता है। निर्मल ने बताया शुक्रवार की सुबह वह मजदूरी करने चला गया और बच्चे स्कूल चले गये। मां, बहन और भाभी खेतो में काम करने चली गयी। पत्नी गीता ने अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर छत में लगे पंखे में रस्सी के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।खेत से लौटी भाभी को गीता की आहट न मिली तो कमरे का दरवाजा खटखटाया लेकिन नही खुला। पड़ोसी को बुलाकर कमरे का दरवाजा तोड़ा तो अंदर फांसी के फंदे से पत्नी का शव लटकता मिला। सूचना के बाद पति निर्मल घर आया और पुलिस को घटना की सूचना दी। सिसेंडी चौकी इंचार्ज सुरेंद्र सिंह यादव ने पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया।

डीडीसी उपचुनाव में सपा प्रत्याशी रेशमा रावत का समर्थन करेगी काग्रेंस पार्टी

लखनऊ । लखनऊ जिला पंचायत के वार्ड-18 के उपचुनाव में काग्रेंस पार्टी ने सपा प्रत्याशी रेशमा रावत के समर्थन करते हुये कार्यकर्ताओं से सपा प्रत्याशी का सहयोग कर जिताने के निर्देश दियें है। लखनऊ काग्रेंस कमेठी के जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश त्रिपाठी ने बीते शुक्रवार को पत्र जारी करते हुये बताया पार्टी हाईकमान के निर्देश पर जिला पंचायत के वार्ड-18 के उपचुनाव में सपा प्रत्याशी रेशमा रावत के समर्थन का फैसला लिया गया है,पार्टी के सभी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को सपा प्रत्याशी के चुनाव में प्रचार-प्रसार कर भारी मतों से जिताने का संकल्प लिया।
रक्षाबंधन में महिलाओं की सुरक्षा एवं बेटियों की शिक्षा का लें संकल्प*
लखनऊ। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रक्षाबंधन के पवित्र त्योहार पर सभी बहनों, मातृशक्ति को विशेष रूप से बधाई देता हूं।

लखनऊ। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रक्षाबंधन के पवित्र त्योहार पर सभी बहनों, मातृशक्ति को विशेष रूप से बधाई देता हूं।

उप्र रेरा ने आवंटी को इकाई का कब्जा एवं विलम्ब अवधि का दिलवाया ब्याज
लखनऊ। उप्र रेरा कंसिलिएशन फोरम ने प्रोमोटर ‘मेसर्स बीसीसी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि.’ की गाज़ियाबाद स्थित 'भारत सिटी 2' परियोजना के एक आवंटी “श्री मनोज कुमार सहगल" को 'उनकी इकाई का कब्जा तथा कब्जा मिलने में हुई देरी के लिए ब्याज' दिलवाया और विवाद का समाधान करा दिया। दोनों पक्षों के मध्य आपसी सहमति से हुए समझौते के अनुसार आवंटी को तय समय से लगभग 6 वर्ष बाद इकाई का कब्जा मिला, कब्जे में विलम्ब के कारण प्राप्त होने वाली ब्याज की राशि का समायोजन एक वर्ष के अग्रिम रख-रखाव शुल्क तथा इकाई का प्रथम हस्तांतरण निःशुल्क करना निश्चित हुआ और इसके उपरान्त शेष राशि रुपये 75 हजार प्राप्त हुआ। इकाई का कब्जा प्राप्त होने तथा विवाद का समाधान होने से सन्तुष्ट आवंटी ने उ.प्र. रेरा के प्रयासों की सराहना की। 'एग्रीमेन्ट फॉर सेल' के अनुसार आवंटी ने प्रोमोटर की परियोजना में अप्रैल 2014 में एक इकाई बुक की थी । लगभग 27 लाख 65 हजार की लागत वाले इकाई के लिए आवंटी ने लगभग 26 लाख 66 हजार का भुगतान कर दिया था जिसका कब्जा अप्रैल 2017 में प्राप्त होना था। लेकिन तय समय तक इकाई का कब्जा न मिलने, अंतिम मांग राशि तथा विलंबित अवधि के ब्याज का समाधान न प्राप्त होने पर आवंटी ने 2021 में उप्र रेरा में शिकायत (NCR145/12/86483/2021) दर्ज की थी। सुनवाई में पारित आदेश आवंटी के पक्ष में आया था जिसका अनुपलान प्रोमोटर द्वारा किया जाना था। आवंटी ने पारित आदेश का कार्यान्वन सुनिश्चित करवाने हेतु पोर्टल पर ऑनलाइन 'आदेश का अनुपालन कराने का अनुरोध' दर्ज किया था। मामले में अग्रिम सुनवाई करते हुए प्राधिकरण को अवगत हुआ कि प्रोमोटर ने आवंटी को कब्जा देने का प्रस्ताव दिया था लेकिन शुल्कों का समायोजन नहीं किया था जिससे लिए आवंटी ने शुल्कों की गणना कराने तथा समझौते से समाधान कराने का अनुरोध किया था और इस प्रकार मामला कंसिलिएशन फोरम में आपसी सहमति से समझौते हेतु हस्तांतरित किया गया था।
नागरिक सुविधा दिवस पर एलडीए पहुंचे जिलाधिकारी

लखनऊ। शहरी क्षेत्रों में नागरिक सुविधाओ की समस्याओं के निस्तारण के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण गोमतीनगर में नागरिक सुविधा दिवस का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें ज़िला प्रशासन, लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, जल संस्थान, यातायात, लेसा, प्रदूषण तथा आवास विकास के अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं जो कि अपने-अपने विभाग से संबंधित समस्याओं का त्वरित निस्तारण कराएंगे। मंगलवार को नागरिक सुविधा दिवस के दृष्टिगत ज़िलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार जनसुनवाई के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण पहुंचे। उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण इंद्रमणि त्रिपति, सचिव लखनऊ विकास प्राधिकरण पवन गंगवार, अपर जिलाधिकारी (भू आ द्वितीय) सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।