गणित के जादूगर थे श्रीनिवास रामानुजन - हरिकिशुन गिरी
गोरखपुर। सरस्वती शिशु मंदिर (10+2) पक्कीबाग गोरखपुर में श्रीनिवास रामानुजन की 136 वी जयंती के शुभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य एवं वैदिक गणित प्रमुख हरिकिशुन गिरी ने कहा कि श्रीनिवास रामानुजन ने गणित के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया है।
गणित के विशेषज्ञ उनकी जबरदस्त योग्यता को पहचानते हैं। सबसे उल्लेखनीय बातें है कि श्रीनिवास रामानुजन ने उस समय अपने देश को गौरवान्वित किया जब भारत ब्रिटिश के कब्जे में था। उनके जन्मदिन को भारत सरकार गणित दिवस के रूप में मनाती है।
रामानुजन को संख्या का जादूगर भी कहा जाता है। ऐसा लगता है वह संख्या के साथ खेलते थे। संख्याओं के साथ उनका गहरा संबंध था। इंग्लैंड के प्रसिद्ध प्रोफेसर हार्डी के सशक्त समर्थन और अपनी अद्वितीय प्रतिभा के आधार पर रामानुजन 1917 में रॉयल सोसाइटी के फैलो निर्वाचित किए गए। उस वर्ष फेलोशिप के लिए 104 विद्वानों का नामांकन किया गया था। उसमें से केवल 15 व्यक्ति निर्वाचित हुए, रामानुजन उनमें से एक थे।
यह सम्मान पाने वाले में प्रथम भारतीय थे। 27 मार्च 1919 को वे इंग्लैंड से भारत पहुंचे। भारत में रामानुजन का भव्य स्वागत किया गया। अस्वस्थ होने के कारण शारीरिक रूप से रामानुजन अत्यंत दुर्बल हो चुके थे। उनकी बीमारी का इलाज प्रारंभ किया गया था। परंतु स्वस्थ नहीं हो सके मात्र 33 वर्ष की अवस्था में उनका स्वर्गवास हो गया।
रामानुजन की गणित में विशेष रूचि थी। हाई स्कूल तक अपनी कक्षा में वे हमेशा प्रथम आए हाई स्कूल की परीक्षा सन 1904 में पास की और उसमें अच्छा स्थान प्राप्त करने पर उन्हें छात्रवृत्ति मिली। तमिलनाडु में इनका जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। लेकिन विलक्षण प्रतिभा के धनी होने के कारण यह भारत ही नहीं संपूर्ण संसार में छा गए।
इस अवसर पर विद्यालय के आचार्य श्री शिवकुमार त्रिपाठी जी एवं छात्रा बहन अंशिका राय ने भी अपने विचार रखे। अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ राजेश सिंह के द्वारा श्रीनिवास रामानुजन जी के जीवन पर प्रकाश डाला गया एवं गीता जयंती के अवसर पर बोलते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत गीता कर्म का सिद्धांत है। हमें कर्म करना चाहिए फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए।
इस अवसर पर विद्यालय के छात्र छात्राओं के द्वारा गणित से संबंधित मॉडल व प्रोजेक्ट को भी प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर समस्त विद्यालय परिवार उपस्थित रहा।
Dec 22 2023, 17:45