झारखंड विधानसभा का 23वां स्थापना दिवस : रामचंद्र सिंह को उत्कृष्ट विधायक का सम्मान

रांची: आज झारखंड विधानसभा का 23वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने दीप प्रज्वलित कर स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन किए। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उपस्थित रहे।

स्थापना दिवस समारोह के दौरान मनिका के कांग्रेस विधायक रामचन्द्र सिंह को भगवान बिरसा मुंडा उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वही दूसरी ओर देश की सीमा की रक्षा में शहीद जवानों और कई खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया गया। समारोह में 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा के टॉपर बच्चों को भी सम्मानित किया गया। 

आज पूरे दिन स्थापना दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। समारोह की शुरुआत विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो के स्वागत भाषण से किया गया। झारखंड विधानसभा के 23 वर्षों के कार्यकाल पर विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने कहा कि अब समय आ गया है कि झारखंड अपने साथ अस्तित्व में आए राज्यों से भी विकास के मामले में आगे बढ़े। राज्य में विकास की गति तेज हुई है। इसमें और तेजी आएगी।

विधानसभा के चयनित छह उत्कृष्ट पदाधिकारी, कर्मचारी को स्वर्गीय कपिलेश्वर प्रसाद पुरस्कार से सम्मानित किया। इनमें झारखंड विधानसभा के संयुक्त सचिव मिथिलेश कुमार मिश्रा, अवर सचिव विष्णु पासवान, प्रशाखा पदाधिकारी नीलेश कुमार सिंह व नियाज अहमद, वरीय सचिवालय सहायक तापस कुमार यादव व माइकल लकड़ा शामिल हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है। इस अवसर पर झारखंड के लोकगीतों की प्रस्तुति होगी। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम में बॉलीवुड सिंगर जावेद अली और गजल गायक कुमार सत्यम अपनी प्रस्तुति देंगे। इसके इलावा हास्य कलाकार रविंद्र जॉनी की भी प्रस्तुति होगी।

ओरमांझी के चुटूपालू घाटी में एक ट्रेलर, एक ट्रैक्टर और दो कार में टक्कर, दो की मौत

राँची: ओरमांझी के चुटूपालू घाटी में एक ट्रेलर, एक ट्रैक्टर और दो कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई. दोनों मृतक उत्तराखंड में फंसे मजदूर राजेंद्र बेदिया व सुकराम बेदिया के चचेरे भाई बताए जा रहे हैं. 

मरने वालों में ट्रेलर का चालक और खालासी शामिल है. वहीं, घायल रामगढ़ के अस्पताल में भर्ती है. घटना के बाद दोनों ओर सड़क जाम है.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव आज टाटा होते हुए रांची आएंगे,वहां।से विमान से दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे

रांची: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव आज मंगलवार को रांची आयेंगे. अश्विनी वैष्णव टाटा से स्पेशल ट्रेन से पुरूलिया होते हुए रांची पहुंचेंगे और वहां से एक।विमान से दिल्ली के लिए रवाना होंगे. 

पुरुलिया के सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो के अनुसार रेल मंत्री की ट्रेन पुरुलिया के बलरामपुर, पुरुलिया, जॉयपुर व झालदा स्टेशन पर होते रांची जायेंगे.

आचार संहिता उल्लंघन मामले में सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर हुई आज सुनवाई

रांची : सरायकेला खरसावां के आदित्यपुर थाना में आचार संहिता उल्लंघन मामले में दर्ज प्राथमिकी को चुनाैती देनेवाली हेमंत सोरेन की याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट में 21 नवंबर को सुनवाई हो.रही है. इस मामले में हेमंत सोरेन के खिलाफ 21 नवंबर तक पीड़क कार्रवाई करने पर रोक है.

 पिछली सुनवाई के दाैरान हाइकोर्ट ने पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दायर करने का निर्देश दिया था. 

उल्लेखनीय है कि प्रार्थी हेमंत सोरेन ने याचिका दायर कर आदित्यपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी (418/2014) को निरस्त करने की मांग की है.

शराब घोटाला से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले के आरोपी योगेंद्र तिवारी की पीएमएलए कोर्ट में आज पेशी

राँची: शराब घोटाला से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में आरोपी शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी को जेल में न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद मंगलवार को पीएमएल कोर्ट रांची में पेश किया जायेगा. इस मामले में इडी ने 19 अक्टूबर को योगेंद्र तिवारी को गिरफ्तार किया था.

 इसके बाद 14 दिनों तक रिमांड पर इनसे पूछताछ की थी. फिर इडी कोर्ट में पेशी के बाद न्यायिक हिरासत में योगेंद्र तिवारी को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया था.

उगते सूर्य को अर्घ्य के देने साथ संपन्न हुआ लोक आस्था का महापर्व छठ


रांची:लोक आस्था का महापर्व छठ आज हुआ संपन्न।देश भर में छठ पर्व को बड़े धूम-धाम से मनाया गया। आज प्रतःकाल बेला में व्रती महिलाओं ने उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद उनकी और मां छठी मैया की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की और इसके बाद व्रत का पारण किया। बता दें कि, यह व्रत कुल 36 घंटे का था। जिसे व्रती महिलाओं ने छठ पूजा के समापन के बाद खोला है।

यह पर्व बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड राज्य में बड़े धूम-धाम के साथ मनाया गया। करीब लाखों की संख्या में व्रती महिलाओं ने जगह-जगह घाटों पर अपनी आस्था की उपस्थिति दर्ज करवाई। आज छठ पर्व का चौथा और आखिरी दिन था। 

चार दिनों तक चला ये पर्व

छठ का यह पर्व 17 नवंबर 2023 नहाय खाय से शुरू हुआ था और आज 20 नवंबर 2023 को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की विधि के साथ पूर्ण रूप से संपन्न हुआ। चार दिनों के चलने वाले इस पर्व में व्रती महिलाओं ने खरना के बाद से व्रत का संकल्प लिया था। यह व्रत कुल 36 घंटे का होता है। 

बता दें कि, यह व्रत निर्जला रखा जाता है। आज इस व्रत का पारण कर महिलाओं ने छठ के प्रसाद के साथ अन्न-जल को ग्रहण किया।

व्रत रखने के पीछे की मान्यता

छठ पूजा का व्रत घर की महिलाएं रखती हैं। यह व्रत छठी मैया और सूर्य भगवान को समर्पित होता है। 

मान्यता है कि छठी मैया निसंतान दांपतियों को संतान का वर्दान देती हैं और घर की सुख-समृद्धी का भी आशीर्वाद देती है। इस वजह से महिलाएं छठ पर्व का व्रत रखती है। जिससे उनकी संतान को दीर्घायु की प्राप्ति हो और जिनकी संतान नहीं हैं, उन विवाहित दंपतियों को संतान का सुख मिले। इस व्रत को पूरे नियम के साथ रखना चाहिए तभी इसका फल प्राप्त होता है।

सूर्य मंदिर कमेटी ने छठ पूजा के अवसर पर कतरास प्रेस क्लब अध्यक्ष इंद्रजीत पासवान को किया सम्मानित


कतरास : छठ पूजा के पवन अवसर पर  रविवार शाम को नदी किनारे स्थित सूर्यनारायण मंदिर परिसर में मंदिर कमेटी के सदस्यों ने कतरास प्रेस क्लब के अध्यक्ष इंद्रजीत पासवान को अंग वस्त्र एवं सूर्य मंदिर का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। 

मौके पर सूर्य मंदिर कमेटी के विजयj गुप्ता, मनोज गुप्ता, पंकज गुप्ता, के अलावा प्रेस क्लब कतरास के संरक्षक राजकुमार मधु, उमेश श्रीवास्तव, दीपक गुप्ता, न्यूज़ टुडे के संपादक सोहन विश्वकर्मा आदि मौजूद थे।

लोक आस्था का महापर्व छठ पर विभिन्न संस्थाओं के साथ काली पूजा समिति डोरंडा ने छठ व्रतियों के बीच बाटी पूजा सामग्रीl


न्यू काली पूजा समिति काली मंदिर रोड डोरंडा के पूजा प्रांगण से छात्रवृत्तियों के बीच पूजा सामग्री फल फूल प्रसाद सहित अन्य पूजा सामग्री छठ व्रतियों के बीच वितरित की गई। 

इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष शंभू गुप्ता ने कहा कि सूर्य उपासना का यह छठ पर्व समर्पण सादगी और स्वच्छता का प्रतीक है। काली पूजा के संरक्षक बिट्टू घोष, विक्की घोष, मिठू घोष सहित अन्य सदस्य क्यों ने अपना योगदान दिया।

राम भरत मिलाप समिति के डोरंडा बाजार स्थित कार्यालय से छठ व्रतियों के बीच पूजा सामग्री में कच्ची हल्दी कच्ची अदरक फल फूल एवं पूजा सामग्री का वितरण किया गया। रास्ते की पूरी सफाई कर पानी का छिड़काव छठव्रतियों के सुलभ संचालन के लिए कराया गया। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष रोहित शारदा के साथ बी के विजय, विनय ठाकुर, सुनील विजय, संदीप विजय ,भारत अग्रवाल, रवि कुमार, सहित अन्य सदस्यों ने अपना योगदान दिया।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन हटनिया तालाब छठ घाट पर परिजनों संग पहुंच कर अस्तचलगामी सूर्य को अर्पित किया अर्घ्य


 मुख्यमंत्री ने छठी मईया से राज्य की उन्नति और राज्यवासियों के सुख -समृद्धि, खुशहाली, और निरोग जीवन के लिए प्रार्थना की

 राँची: भगवान भास्कर को समर्पित लोक आस्था और उपासना के महापर्व छठ की महिमा ऐसी है कि श्रद्धा और भक्ति- भाव में हर कोई समाहित हो जाता है। आम हो या खास, सभी पवित्रता के बंधन में बंध जाते हैं।  

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन भी अपनी धर्मपत्नी कल्पना सोरेन और दोनों पुत्रों के साथ हटनिया तालाब घाट पर एक आम श्रद्धालु के रूप में हजारों श्रद्धालुओं के बीच पहुंचे। उन्होंने यहां न्यू पुलिस लाइन निवासी और दैनिक मजदूरी करने वाले मनोज शाह की धर्मपत्नी और व्रतधारी अलका देवी तथा रेस्टोरेंट में वेटर का काम करने वाले मनोज कुमार की धर्मपत्नी अनिता देवी (व्रतधारी) के परिजनों के साथ अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रतधारी का आशीर्वाद लिया।  

 मुख्यमंत्री ने इस पावन अवसर पर छठी मईया से राज्य की उन्नति और राज्यवासियों के सुख -समृद्धि, खुशहाली, शांति और निरोग जीवन की प्रार्थना की।

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि महापर्व छठ की अलौकिक परंपरा निभाने की संस्कृति सदियों से चली आ रही है। इस महापर्व में सभी तरह के फासले मिट जाते हैं। छठी मईया के लिए हर कोई समर्पित भाव से अपनी सेवा देता है। व्रतधारी 36 घंटे का निर्जला उपवास रखकर भगवान भास्कर की उपासना करते हैं। यह महापर्व असीम आस्था, पवित्रता, आत्मानुशासन, स्वच्छता और प्रकृति पूजा का प्रतीक है ।

छठ पूजा में ठेकुआ का खास महत्व, जाने इसका सूर्य देव से संबंध

कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है आस्था का छठ महापर्व। चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व में छठी माता और सूर्य देव की उपासना की जाती है। इसी छठ पूजा में ठेकुआ का खास महत्व रहता है।

छठ पूजा में बहुत से पकवान छठी मैया के लिए बनते हैं, लेकिन कहा जाता है कि बिना 'ठेकुआ' के छठ पूजा अधूरी होती है। आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत 17 नवंबर से हो चुकी है। यह पर्व 4 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है। छठी मैया को छठ के पर्व में खासतौर पर ठेकुआ का भोग लगाया जाता है जिसे परवर्ती बड़ी पवित्रता के साथ बनती है।

कहा जाता है कि जब छठ का नाम लिया जाता है तो उसमें ठेकुआ का नाम जरूर आता है। क्योंकि छठी माता को ठेकुआ बेहद ही प्रिय है। मान्यता है कि छठ पर्व ठेकुआ के बिना अधूरा माना जाता है, क्योंकि ठेकुआ छठ पर्व का विशेष प्रसाद है। ठेकुआ गेहूं के आटे, गुड़ और सूजी से बनाया जाता है। ठेकुआ के आकार-प्रकार और रंग की बात करें तो यह बहुत हद तक सूर्य देव जैसा दिखता है। जिसके कारण ठेकुआ को सूर्य भगवान का प्रतीक भी माना गया जाता है। ठेकुआ, जो शर्दी समेत अन्य कई बीमारियों से बचाता है। माना जाता है कि ठेकुआ की परंपरा भी सालों पुरानी है। लेकिन इसके पीछे यह भी कारण है कि ठंडे पानी में व्रती और परिवार के लोग रहते है इससे शर्दी खासी स्वाभाविक रूप से हो जाती है लेकिन ठेकुआ गुड़ से बना होता है और गुड़ शर्दी खासी से बचाव के लिए एक उपयोगी बताया जाता है। 

यह एक ऐसा मात्र पर्व है जिसमें डूबते हुए सूर्य को भी उम्मीद मान कर पूजा अर्चना की जाती है। इसके बाद रात भर व्रती घाट पर मौजूद रहती है। फिर सुबह उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देने के साथ आस्था का महापर्व छठ सम्पन्न होता है। इसके बाद ही निर्जला व्रत खत्म होता है और व्रती अन्न ग्रहण करती है।