देश की तीन युद्ध में भाग लेने वाले नायक देवराज तिवारी का आज हो रहा अंतिम संस्कार,कल सुबह 4.30 में हुआ था उनका निधन
देश के तीन युद्ध ,1962, 1965 और 1971 में अपना जोहर दिखाने वाले युद्धबीर नायक देवराज तिवारी नही रहे। उनका देहांत हो गया। उनकी अंत्येष्टि आज होगी।
जमशेदपुर के आकाशदीप प्लाजा स्थित क्वार्टर में रहने वाले देवराज तिवारी 10 जुलाई 1961 को भारतीय थल के इंजीनियरिंग कोर में भर्ती हुए थे। प्रशिक्षण के बाद ही उन्हें 1962, 1965 एवं 1971 युद्ध में देश की रक्षा में लड़ने का सौभाग्य प्राप्त था।
सफलतापूर्वक सेना में 20 साल सेवा देने के बाद 1 अगस्त 1981 को भारतीय सेना से सेवानिवृत होने के बाद केवल कंपनी में सेवा दिए। कल सुबह 4:30 बजे उनका टाटा मेन अस्पताल में हृदय गति रुकने से देहांत हो गया।
परिवार के लोगों के इंतजार में उनका पार्थिव शरीर टाटा मर्चरी में रखा गया था।
जहां से उनके सभी सगे संबंधी आने के बाद आज सुबह 8:00 बजे उनका पार्थिव शरीर टाटा मेन अस्पताल से आकाशदीप प्लाजा गोलमुरी स्थित उनके आवास पर लाया गया। जहां से पैतृक रीति रिवाज के बाद सैनिक सम्मान पूर्वक भुइयांडीह स्वर्णरेखा घाट के लिए अंतिम सम्मान यात्रा आज 10 बजे निकली जहाँ उनका अंतिम संस्कार हो रहा है।
देवराज तिवारी की पत्नी का निधन अभी एक महीना पहले ही हुआ था। वह नियमित डायरी में अपनी कविता लिखते थे और दो दिन पूर्व भी अपनी कविता के माध्यम से अपने हृदय का उद्धार व्यक्त किये थे। इस महान योद्धा के सम्मान यात्रा में पूर्व सैनिक सेवा परिषद पूर्वी सिंहभूम के प्रतिनिधियों के अलावा लौह नगरी के तमाम देशभक्त शामिल होंगे।
अस्पताल में देवशंकर तिवारी को सहयोग पहुँचाने वाले लोगों में सुशील कुमार सिंह राजीव रंजन दिनेश सिंह जावेद हुसैन हरेंदु शर्मा अजय केशरी प्रमोद कुमार राजू रंजन हँसराज सिंह सुरेंद्र मौर्या सतनाम सिंह आदि शामिल थे।
आज अंतिम संस्कार में काफी संख्यां में लोग शामिल हुए जो अश्रुपूरित नयनो से उन्हें अंतिम विदाई दिया।अभी समाचार लिखे जाने समय वैदिक रीति से उनका अंतिम संस्कार भुइयांडीह स्वर्णरेखा घाट पर हो रहा है
Nov 13 2023, 13:11