पिंजरा पोल गौशाला स्थापना की 106वी वर्षगांठ पर ऐतिहासिक पिंजरा गौशाला को विकसित करने की फिर उठी मांग

बेतिया: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा स्थापित ऐतिहासिक पिंजरा पोल गौशाला को विकसित करने की फिर उठी मांग ।

जाने-माने गांधीवादी चिंतक सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ0 एजाज अहमद (अधिवक्ता) डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ अमानुल हक संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट,डॉ शाहनवाज अली ,डॉ अमित कुमार लोहिया ने संयुक्त रूप से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा स्थापित ऐतिहासिक पिंजरा पोल गौशाला को और भी विकसित करने की मांग सरकार से करते हुए कहा कि आज से लगभग 106 वर्ष पूर्व 7 अक्टूबर 1917 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने चंपारण सत्याग्रह आगमन पर अपने 48 वे जन्मदिन के उपलक्ष में ऐतिहासिक पिंजरा पोल गौशाला की स्थापना स्वतंत्रता सेनानियों , बेतिया के बुद्धिजीवियों एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से स्वयं ही आधारशिला रखी थी। अपने 106 वर्षों के इतिहास में ऐतिहासिक पिंजरापोल गौशाला समिति योगदान सराहनीय रहा है ।

 चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष 2017 पर सरकार द्वारा एक अनुदान राशि पिंजरापोल गौशाला को उपलब्ध कराई गई थी ।संसाधनों के अभाव में ऐतिहासिक पिंजर पोल गौशाला अपने उद्देश्यों की समुचित पूर्ति नहीं कर पा रहा है ।

 चंपारण की गांधीवादी विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों एवं स्वयं डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता की इच्छा है कि सरकार इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षण प्रदान करते हुए मूलभूत सुविधाओं को विकसित करें ताकि आने वाली नई पीढ़ी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं अपने पुरखों द्वारा स्थापित ऐतिहासिक पिंजरा पोल गौशाला को देखकर स्मरण कर सके यही होगी सरकार द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि।

मेरी माटी मेरा देश" अभियान के तहत विभिन्न गांवो से संग्रहित की गई माटी को ब्लॉक स्तर पर एक कलश में मिश्रित कर भव्य कार्यक्रम का आयोजन

बेतिया: 44 वाहिनी सशस्त्र सीमा बल नरकटियागंज एवं पोस्ट ऑफिस बेतिया द्वारा “आजादी का अमृत महोत्सव” कार्यक्रम के अंतर्गत "मेरी माटी मेरा देश" अभियान के तहत चनपटिया एवं बेतिया ब्लॉक के विभिन्न गांवो से संग्रहित की गई माटी को ब्लॉक स्तर पर एक कलश में मिश्रित कर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया तथा उपस्थित सभी स्थानीय लोगों को “आज़ादी का अमृत महोत्सव” एवं माटी पर आधारित फिल्म भी दिखाई गई |

कार्यक्रम में मेरी माटी मेरा देश थीम, देश भक्ति गीत, स्लोगन, राष्ट्रीय तिरंगा, म्युजिकल सिस्टम, बच्चों द्वारा सांस्कृतिक/देश भक्ति कार्यक्रम इत्यादि द्वारा देश भक्ति के रंग में रंगते हुए कार्यक्रम को बहुत ही जोश व् उत्साह से आयोजित किया गया | स्थानीय लोगों ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए बेतिया व चनपटिया ब्लॉक के गांवो से संग्रह की गई माटी को ब्लॉक स्तर पर एक कलश में मिश्रित कर उत्साहपूर्वक कार्यक्रम में भाग लिया |

   

  "मेरी माटी मेरा देश" अभियान के तहत 44 वाहिनी सशस्त्र सीमा बल ने नरकटियागंज ब्लॉक, लौरिया, चनपटिया, बेतिया, गौनाहा, और मैंनाटांण ब्लॉक के गांव-गाँव जाकर प्रत्येक घरों से चुटकी भर माटी संग्रहित की है | यह माटी ब्लॉक स्तर पर एकत्र की गई, तत्पश्चात यह अमृत कलश राजधानी पटना होते हुए देश की राजधानी नई दिल्ली में संग्रहित की जाएगी एवं देश भर के लगभग 7500 ब्लॉकों से संग्रहित की गयी माटी से एक “अमृत वाटिका” का निर्माण किया जायेगा |

कार्यक्रम के दौरान श्री संजीव कुमार राय, सुपुत्र स्वर्गीय झोटिल प्रसाद राय स्वतंत्रता सेनानी, सम्मानित अतिथि, श्री शैलेन्द्र कुमार सुमन, सम्मानित अतिथि, सम्मानित अतिथि, श्री राजेंद्र कुमार बैठा, ब्लॉक प्रमुख चनपटिया, श्रीमती गायत्री देवी, उप मुख्य पार्षद नगर परिषद बेतिया, श्री राजेश्वर प्रसाद यादव, प्रधानाचार्य, राम लखन सिंह यादव कॉलेज बेतिया, श्री राम विनय उरांव, इंस्पेक्टर पोस्ट ऑफिस बेतिया, 44 वाहिनी के उप-कमान्डेंट श्री हरिमेंद्र कुमार दुबे, समवाय अधिकारी, अधीनस्थ अधिकारी , जवान, ग्रामीण महिलाएं, स्कूल के बच्चे, शिक्षक, NCC के छात्र/छात्रा, बलकार्मिक सहित बेतिया एवं चनपटिया के नेहरू युवा केंद्र के प्रतिनिधि सहित 250 अन्य लोग

 शामिल रहे |

बेतिया व चनपटिया ब्लॉक का यह अमृत कलश, अमृत वाटिका के निर्माण के लिए दिल्ली भेजें जाने हेतु नेहरू युवा केंद्र के प्रतिनिधि किशन श्रीवास्तव,दीपू कुमार बेतिया ब्लॉक एवं रितु कुमारी व गुड्डू कुमार चनपटिया ब्लॉक को मुख्य अतिथि द्वारा उपरोक़्त गणमान्य व अन्य की उपस्थिति में सौपा गया l

भारतीय दंड संहिता 1862 पारित होने की 161 वीं वर्षगांठ पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया

 आज दिनांक 6 अक्टूबर 2023 को भारतीय दंड संहिता 1862 पारित होने की 161 वीं वर्षगांठ पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया

,जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड डॉ शाहनवाज अली , डॉ अमित कुमार लोहिया, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक डॉ अमानुल हक, सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से कहा कि भारतीय दंड संहिता भारत गणराज्य का आधिकारिक आपराधिक कोड है। यह आपराधिक कानून के सभी पहलुओं को कवर करने के उद्देश्य से एक पूर्ण कोड है। 

यह 1862 में सभी ब्रिटिश प्रेसीडेंसी में लागू हुआ, हालांकि यह उन देशी रियासतों पर लागू नहीं हुआ, जिनकी अपनी अदालतें और कानूनी प्रणालियाँ थीं। आज ही के दिन 6 अक्टूबर 1862को इसे कानून के तोर पर पारित किया गया था।

भारतीय दंड संहिता का पहला मसौदा थॉमस बबिंगटन मैकाले की अध्यक्षता में प्रथम विधि आयोग द्वारा तैयार किया गया था। मसौदा इंग्लैंड के कानून के सरल संहिताकरण पर आधारित था, जबकि एक ही समय में नेपोलियन संहिता और 1825 के लुइसियाना नागरिक संहिता से तत्व लिए गए थे।संहिता का पहला मसौदा वर्ष 1837 में गवर्नर-जनरल के समक्ष परिषद में प्रस्तुत किया गया था, लेकिन बाद के संशोधनों में दो दशक लग गए। संहिता का पूर्ण प्रारूपण 1850 में तैयार किया गया था ।

इस के बाद 1856 में विधान परिषद को प्रस्तुत किया गया था। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 के कारण इसे ब्रिटिश भारत की क़ानून की किताब में रखने में देरी हुई।

कोड 1 जनवरी, 1860 को बार्न्स पीकॉक द्वारा कई संशोधनों के बाद लागू हुआ, जो कलकत्ता उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम करने के लिए था।

 अंग्रेजों के आगमन से पहले, भारत में प्रचलित दंड कानून, अधिकांश भाग के लिए, मध्य कालीन भारती कानून थे। अपने प्रशासन के पहले कुछ वर्षों के लिए, ईस्ट इंडिया कंपनी ने देश के आपराधिक कानून में हस्तक्षेप नहीं किया ।1772 में, लार्ड वॉरेन हेस्टिंग्स के प्रशासन के दौरान, ईस्ट इंडिया कंपनी ने पहली बार हस्तक्षेप किया था, इस के बाद 1861 तक, समय-समय पर, ब्रिटिश सरकार द्वारा मध्यकालीन भारतीय कानून में बदलाव किया था, फिर भी 1862 तक, जब भारतीय दंड संहिता लागू हुई, तो मध्य कालीन कानून निस्संदेह प्रेसीडेंसी शहरों को छोड़कर आपराधिक कानून का आधार था

। इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता डॉ मुकेश कुमार अधिवक्ता मिनहाज उल हक अधिवक्ता ने संयुक्त रूप से कहा कि भारतीय दंड संहिता विगत 161 वर्षों से भारत में न्याय का आधार साबित हो रहा है।

मंडल कारा बेतिया में कैदियों की हुई टीबी की जांच, महिला कैदियों को टीबी से बचाव को किया गया जागरूक

बेतिया - स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के अनुसार कारागार में कैदियों के स्वास्थ्य सम्बंधित परेशानी को देखते हुए समय समय पर मेडिकल कैंप का आयोजन करने की सलाह दी गईं है। इसके आलोक में कैदियों की टीबी, एचआईवी, शुगर, बीपी व अन्य कई तरह की जाँच की जा रही है। साथ ही उन्हें बीमारियों की पहचान हेतु लक्षण व बचाव हेतु उपाय बताए जा रहे हैं। ताकि कैदी सुरक्षित रहें। गुरुवार को मंडल कारा बेतिया में कैदियों के बीच टीबी जांच शिविर का आयोजन कर 60 कैदियों की जांच हुई 13 कैदीयों का सैंपल कलेक्शन किया गया। 

इस दौरान जिला यक्ष्मा केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चेतन जायसवाल ने बताया कि विभागीय निर्देश के आलोक में हर महीने की 5 तारीख़ को मंडल कारा में कैदियों के बीच टीबी बीमारी की जांच की जाती है। ताकि कैदियों के शरीर में संभावित एवं छिपे हुए टीबी का ससमय पता लगाकर स्क्रीनिंग कर उन्हें बेहतर उपचार प्रदान किया जा सके । 

महिला कैदियों को टीबी से बचाव को किया जागरूक 

केएचपीटी की जिला लीड मेनका सिंह ने महिला कैदियों को टीबी के बारे में विस्तृत जानकारी दी। बताया कि अगर किसी व्यक्ति को लगातार दो हफ्तों से ज्यादा खांसी, बुखार,बलग़म में खून आना,वजन में कमी,भूख न लगने की शिकायत हो तो उन्हें सरकारी अस्पताल में जाकर अपनी जाँच कराने की सलाह दी जाती है।मेनका ने बताया कि सामुदायिक जागरूकता से ही टीबी को समाज से पूरी तरह समाप्त कर सकते हैं। 

2025 तक टीबी उन्मूलन का है लक्ष्य

जिले के सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे ने कहा कि टीबी एक गंभीर संचारी रोग है। जिसका समय पर इलाज न होने से एक दूसरे से संक्रमण बढ़ने की संभावना बनी रहती है। जिले को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए शिक्षित वर्ग व समाजसेवी संस्थाओं को आगे आकर लोगों को जागरूक करना होगा। उन्होंने बताया कि जेल में बंद कैदियों की जांच इसी क्रम में एक अच्छी पहल है। इस पहल के जरिए जेल में बंद कैदियों की भी टीबी की जाँच व पहचान सुनिश्चित हो सकेगी।

मौके पर एसटीएलएस राजीव कुमार, एसटीएस प्रभुनाथ राम,जिला यक्ष्मा केंद्र के डीईओ सूरज कुमार,अशोक कुमार आदि उपस्थित थे।

सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन की सभागार सत्याग्रह भवन में "प्रेस की स्वाधीनता एवं लोकतंत्र की मजबूती" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।

                

 आज दिनांक 6 अक्टूबर 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन की सभागार सत्याग्रह भवन में "प्रेस की स्वाधीनता एवं लोकतंत्र की मजबूती" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।

इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय पीस एम्बेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक डॉ अमानुल हक, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने संयुक्त रूप से कहा कि प्रेस की स्वाधीनता एवं लोकतंत्र की मजबूती को आगे आए नई पीढ़ी के पत्रकार एवं मीडिया कर्मी ।

इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद अंतर्राष्ट्रीय पीस एम्बेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन ,रवि सिंघानिया एवं डॉ अमानुल उल हक वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट ने नई पीढ़ी के मीडिया कर्मियों एवं पत्रकारों से अपील करते हुए कहा कि विचारों का स्वतंत्र आदान-प्रदान एवं प्रेस लोगों को सामाजिक मानदंडों के साथ सोचने के लिए प्रेरित करता है।

 उन विचारों और विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करता है जो देश भर के लोगों द्वारा सुने जाने योग्य हैं।

व्यक्ति या निकाय को उनके कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराना है। 

अक्सर, लोग अपने कार्यों को छिपाने की कोशिश करते हैं एवं मीडिया को इसमें शामिल किए बिना मामले को निपटाने की कोशिश करते हैं। प्रेस ऐसी स्थितियों को प्रकाश में लाता है एवं यह सुनिश्चित करता है कि आम लोगों के समर्थन से सही ढंग से न्याय मिले। इस पर प्रवक्ताओं ने कहा कि

लोगों की आवाज़ बने नई पीढ़ी के पत्रकार एवं मीडिया कर्मी।

 प्रेस एक चैनल के रूप में कार्य करता है जो बहुसंख्यक एवं सही लोगों के विचारों को लिखता और बोलता है। यह उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है जो दबा दिए गए हैं और उन मुद्दों को सामने लाता है जिनके बारे में बात की जानी चाहिए। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ पत्रकारिता।

 चूंकि मीडिया एक स्वतंत्र संस्था है जो सरकार को देश हित में चुनौती देती है। इसलिए इसे सरकार की न्यायपालिका, विधायी एवं कार्यकारी निकायों के साथ-साथ लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी कहा जा सकता है।

हालाँकि उस समय से कुछ प्रगति हुई है जब 'मीडिया की स्वतंत्रता' का अनुमान लगाया जा सकता है, लेकिन आज स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। हाल के वर्षों में घृणा अपराध, झूठे आरोप, गलत चित्रण के कारण मुकदमे, फर्जी समाचार आदि के बहुत सारे मामले सामने आए हैं।

सालाना पौने तीन करोड़ राजस्व वाले बस स्टैंड को शीघ्र ही मिलेगा अत्याधुनिक मॉडल लुक: गरिमा

बेतिया। नगर निगम महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने बताया कि नगर निगम को सालाना पौने तीन करोड़ का राजस्व देने वाले नगर के बस स्टैंड को शीघ्र ही अत्याधुनिक मॉडल लुक मिलेगा।

उन्होंने बताया कि नगर निगम क्षेत्र की कुल करीब तीन लाख की आबादी के अतिरिक्त जिला मुख्यालय से रोजाना के हजारों बस यात्रियों को अब यहां पेयजल, रौशनी, शौचालय, मूत्रालय से लेकर यात्री और स्टॉफ विश्रामालय तक की बेहतर सुविधा बस स्टैंड में ही मिलेगी।

इसके लिए शीतल प्याउ, शौचालय, मूत्रालय निर्माण के साथ चकाचक रौशनी की व्यवस्था बहाल करने के मेरे उपरोक्त योजना को नगर विकास एवम आवास विकास विभाग से भी लिखित अनुमति मिल गई है। महापौर ने बयाया कि यहां के बस स्टैंड से प्रतिदिन हजारों यात्रियों के आवागमन होता है। बावजूद इसके यहां बुनियादी सुविधाओं के नहीं होने की बात उठती रही है। सभी आधुनिक सुविधाओं की बहाली शीघ्र सुनिश्चित की जायेगी।महापौर श्रीमती सिकारिया ने बताया यात्रियों के साथ बदसलूकी विशेष कर महिला सुरक्षा पर भी नगर निगम प्रशासन नजर रखेगा।

उन्होंने बताया की इसकी निगरानी के लिए पूरे बस स्टैंड परिसर में तीसरी आंख के रूप में उच्च शक्ति के नाइट विजन सीसी टीवी कैमरे भी लगेंगे। इसके अलावें आग से सुरक्षा के लिए फायर फाइटिंग सिस्टम को प्रभावी बनाने के लिए यहां आग निरोधी सिलिंडर स्थापित करने की व्यवस्था की जायेगी।

महापौर ने बताया कि बेतिया के जिला मुख्यालय के बस स्टैंड से अप डाउन मिला कर करीब डेढ़ सौ बसों में ही प्रतिदिन 25 हजार के करीब यात्री यहां से रोजाना आते जाते हैं। यात्रियों के अलावें वाशिंग पीट, वर्कशाप, व्यवस्थित कैंटीन के अतिरिक्त निकट भविष्य में पुलिस चौकी जैसी सुविधाएं भी हमारे यात्रियों को मिलेंगी।

वार्ड 5 स्थित पक्की फुलवारी मुहल्ले में फिर से गंदे पानी के जमाव की शिकायत मिलते ही फिर पहुंचीं नगर निगम की महापौर गरिमा, दी यह सख्त निर्देश

बेतिया - नगर निगम के वार्ड 5 स्थित पक्की फुलवारी मुहल्ले में जल जमाव की शिकायत पर पहुंचीं महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने दल बल सहित पूरी समस्या का गुरुवार को भी अवलोकन किया। सघन बस्ती में नाले के गंदे पानी के जमाव को उन्होंने जन स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक बताया। 

उन्होंने साथ रहे प्रभारी नगर आयुक्त सह सिटी मैनेजर अरविंद कुमार से कहा कि ऐसी स्थिति के कारण डेंगू का प्रकोप फैलने के खतरा है। इस लिए तत्काल ह्यूम पाइप के साथ पंपिंग सेट लगाकर पानी निकालना सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने पीड़ित लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि स्थाई तौर पर पानी निकलते रहने की भी व्यवस्था की जा रही है। 

श्रीमती सिकारिया ने मौके पर मौजूद नगर निगम के पदाधिकारी और सफाई निरीक्षक से कहा कि पक्की फुलवारी का नाला जो बह रहा है। उसकी मैन्युअल सफाई नीचे वाले तल से गहराई तक सिल्ट निकालकर पानी का बहाव सुनिश्चित किया जाय। उनके द्वारा जल जमाव की समस्या का स्थाई निदान होने तक नियमित साफ सफाई करने का आदेश दिया। 

मौके पर नगर पार्षद प्रतिनिधि संजय शर्मा, इंद्रजीत यादव, पूर्व पार्षद दिनेश कुमार, सिटी मैनेजर अरविंद कुमार, कनीय अभियंता सुजय सुमन, जुलम साह, तबरेज आलम इत्यादि मौजूद रहे।

नगर पेपर लीक एवं परीक्षा रद्द होने पर आक्रोश मार्च निकाल कर मुख्यमंत्री का किया गया पुतला दहन

आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, बेतिया के द्वारा नगर पेपर लीक एवं परीक्षा रद्द होने जैसे विभिन्न विषयों के उपर आक्रोश मार्च निकाल कर मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री इस्तीफा दो, कुर्सी कुमार मुर्दाबाद आदि नारों से वातावरण गुंजायमान हो गया।

जिला संयोजक अभिजीत राय ने कहा की सिपाही भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र एक बार फिर लीक होना सरकार के मुँह पर एक कड़ा तमाचा है।

विभिन्न प्रतियोगि परीक्षाओं में इस तरह की लगातार घटनाएं न केवल सरकार का निकम्मा व्यवहार को उजागर करती है, अपितु सरकार की हम नहीं सुधरेंगे वाली नीति को भी दिखाती है।

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विशाल झा व् नगर सह मंत्री द्वय अभिषेक गुप्ता, प्रशांत मिश्रा ने कहा की बिहार के युवा परिश्रम करते हुए वर्ष भर पसीना बहाते हैं किन्तु येन मौके पर प्रश्न पत्र लीक हो जाना उनके भविष्य पर कुष्ठाघात हीं है। यह प्रवृति युवाओं को शंशय एवं अनिश्चितता के गर्त में ढकेलती है। बिहार के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के लिए एक अभिशाप की तरह है।

महाविद्यालय इकाई उपाध्यक्ष शैलेश कुशवाहा व अनमोल तिवारी ने कहा की युवाओं के उपर एक तय सीमा के भितर परिवार के भरण पोषण की व्यवस्था करना एक मजबूरी होती है लेकिन आज बिहार सरकार के इस रवैया के कारण युवा संबल नहीं बन पा रहे हैं। युवाओं को बेरोजगारी का दंश झेलना पड रहा है। मौके पर प्रकाश शर्मा, आदित्य राज, मधुरंजन तिवारी, रिशु पटेल, विराट सागर आदि उपस्थित रहे।

नगर निगम क्षेत्र के सभी 46 वार्डों में खुलेगा संसाधन-सुविधा संपन्न अलग अलग कार्यालय : गरिमा

बेतिया : महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र के सभी 46 वार्डों में सभी जरूरी संसाधन-सुविधा संपन्न अलग अलग कार्यालय खुलेंगे। मंगलवार की शाम तक चली नगर निगम बोर्ड की बैठक में सर्व सहमति से इसका निर्णय लिया गया।

पारित प्रस्ताव के हवाले से श्रीमती सिकारिया ने बताया कि नव स्थापित वार्ड कार्यालय में एक अलमीरा, लैपटॉप, स्कैनर, प्रिंटर की सुविधा के साथ माननीय पार्षद के लिए एक सेट कुर्सी-टेबल और आगंतुकगण के लिए 20-20 कुर्सियां लगाई जयेंगीं। इसके साथ ही उन्होंने बताया की वार्डों में इसके लिए उपयुक्त सरकारी भवन नहीं होने के कारण कार्यालय के लिए भाड़े के मकान का चयन किया जाएगा। 

इसके साथ ही श्रीमती सिकारिया ने बताया कि उपरोक्त उपस्कर और जरूरी सामानों की खरीदारी गवर्नमेंट ई मार्केट अर्थात जेम पोर्टल के माध्यम से सभी संसाधनों की खरीदारी का निर्णय सर्व सहमति से लिया गया है। इन कार्यालयों के माध्यम से वार्ड के नागरिकों को मिलने वाली सभी सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

गरिमा देवी सिकारिया ने नगर निगम के विभिन्न वार्डों के लिए चयनित छह विकास योजनाओं का कार्यादेश बांटा।

बेतिया। नगर निगम की महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने बुधवार को नगर निगम के विभिन्न वार्डों के लिए चयनित छह विकास योजनाओं का कार्यादेश बांटा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जारी कार्यादेश में निर्धारित समय सीमा में निर्धारित मानक गुणवत्ता के साथ निर्माण को पूरा करना है।

कुल 43,23,195 की लागत वाली छह योजनाओं के बाबत श्रीमती सिकारिया ने बताया कि इनमें 4,68630 की लागत से वार्ड संख्या-09 में तुरहा टोली में लाल बाबु साह के घर से महफुज आलम के घर तक आरसीसी नाला निर्माण कार्य शामिल है। वही वार्ड 30 में एजी मिशन कैम्पस में टीचर स्टाफ क्वाटर तक 6,90750 रुपए की लागत से सड़क एवं नाला निर्माण का कार्य शामिल है।

इसी प्रकार 1,85445 की लागत से

वार्ड-46 के बैधनाथपुर में देव नारायण महतो के घर से हरिहर साह के घर होकर सुन्दर महतो के घर तक सड़क निर्माण एवं नाला निर्माण कार्य का कार्यादेश जारी किया गया है। इसके साथ ही महापौर ने बताया कि वार्ड नं०-40 में 7,22250 की लागत वाली सुरेश यादव के घर से भाया राजकुमार कुशवाहा के घर के नजदीक से कोहड़ा नदी तक आरसीसी नाला निर्माण कार्य एवं पेवर ब्लॉक रोड निर्माण कार्य का कार्यादेश जारी कर दिया गया है।

इसके साथ ही वार्ड -05 में रामरूप गोस्वामी मठ से संजय जायसवाल के मकान होते हुए एनएच 727 तक कुल 6,56280 की लागत से आरसीसी नाला निर्माण कार्य शामिल है। महापौर ने बताया कि इसी क्रम में वार्ड में 23 में मनोज कुमार के घर से धीरज प्रसाद के घर तक आरसीसी नाला और मनोज कुमार के घर से शत्रुघन बैठा के घर तक नाला निर्माण कार्य का भी कार्यादेश जारी किया गया है। इस पर कुल 15,99840 की लागत आने वाली है।