पक्की फुलवारी मुहल्ले के नाले पर काबिज अतिक्रमणकारियों के पक्ष में बोर्ड से पारित करा लिया गया दूसरी तरफ नाला:गरिमा
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==नगर निगम बोर्ड की 5 सितम्बर की बैठक में महापौर द्वारा सख्त रवैया अपनाने पर पुनः नगर आयुक्त ने शुरू की है तीन माह बाद पहल,
==दशकों से बह रहे नाले को बंद करने वाले अतिक्रमणकारियों को लाभ पहुंचाने के लिए अतिक्रमण नहीं हटाकर, 70 लाख की लागत वाली नई योजना के लिए आरसीडी नाला तोड़ कर बनाने वाले प्रस्ताव को बताया गलत,
बेतिया। नगर निगम के वार्ड पांच के कतिपय अतिक्रमणकारियों द्वारा दशकों पुराने सार्वजनिक नाले को अवरूद्ध करने का मामला फिर गरमा गया है। नगर निगम के वार्ड संख्या 5, 6 और 7 के हजारों परिवारों के पानी का बहाव रोकने वालों के विरुद्ध नगर निगम के स्तर से बरती गई ढिलाई पर महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने बीते पांच सितंबर को संपन्न बोर्ड की बैठक में कड़ा रुख अपनाया था।
महापौर ने कहा कि पक्की फुलवारी के दशकों से बहते हुए आ रहे नाले के अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई के उनके आदेश की अवमानना की जा रही है। महापौर द्वारा बैठक में पूछा गया कि दशकों से बहते हुए आ रहे नाले को अतिक्रमण करने वालों की नापी अभी तक क्यों नहीं हुई है और उन लोगों ने अब तक अपना मूल कागजात क्यों नहीं दिखाया। तब नगर आयुक्त शंभू कुमार द्वारा बताया कि सार्वजनिक नाले के चिन्हित अतिक्रमणकारियों एजाजुल हसन,
रिजवान हसन और इमरान अहमद द्वारा नगर निगम की नोटिस पर उर्दू में लिखे की कागजात की अपठनीय छाया प्रति मुहैया कराने जिसमे दिनांक भी अंकित नहीं था, के बावजूद अनेक पार्षदगण के कहने पर उनको थाने में दिए एफआईआर का आवेदन बीते 26 जून 2023 को वापस लेना पड़ा। इस पर महापौर ने पूछा कि अतिक्रमणकारियों के हित मे दशकों से बहते आ रहे नाले का निर्माण नहीं कराकर तीन-तीन वार्ड के हजारों की आबादी के जल निकासी की समस्या की अनदेखी का औचित्य क्या है? आखिर अतिक्रमणकारियों के द्वारा किस अधिकार से नाले को बंद कर दिया गया है। सबसे ज्यादा परेशान पक्की फुलवारी मुहल्ले के लोगों को क्यों जल जमाव में रहने लिए छोड़ दिया गया है।
इतना ही नहीं दशकों से बहते आ रहे नाले के अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं करके, करीब 70 लाख की लागत वाले नए नाले की योजना के लिए आरसीडी के नाला तोड़ने तक की योजना का प्रस्ताव बीते पांच सितंबर को संपन्न नगर निगम बोर्ड की बैठक से पारित करा लिए जाने को भी महापौर श्रीमती सिकारिया ने गलत करार दिया है। वही इसके बाद नगर आयुक्त शंभू कुमार ने शुक्रवार को नगर निगम के वार्ड 3, 4, 5, 6, 7, 8, और वार्ड 9 के पार्षदगण के साथ शनिवार 9 सितंबर को अपने कार्यालय कक्ष में सुझाव वार्ता की बैठक आयोजित करने की सूचना जारी की है।
इधर महापौर श्रीमती सिकारिया ने बताया कि विगत 26 जून 2023 को मैं स्वयं नगर आयुक्त के साथ मौके पर गई थी। अतिक्रमणकारियों द्वारा दशकों से बहते हुए नाले को अवरुद्ध करने के कारण कानूनी कार्रवाई का आदेश उनके द्वारा देने के बावजूद नगर आयुक्त द्वारा थाने में दिया गया आवेदन वापस ले लिया गया। वह भी बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे पर महापौर द्वारा कड़ा रुख अपनाने पर अब पहल की जा रही है।
Sep 09 2023, 16:00