बेतिया : मेयर पर हिटलर शाही एवं जनता से सौतेला व्यवहार करने का लगा आरोप.

मेयर के खिलाफ सड़क पर सड़क पर उतरे युवा

बेतिया। बेतिया शहर के चेकपोस्ट मुख्य मार्ग पर गरिमा देवी सिकारिया पर हिटलर शाही एवं जनता से सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए सड़क जाम कर दिया गया। युवाओं ने आरोप लगाया कि मेयर शहर के विकास में बाधा लगा रही हैं।महापौर एवं नगर आयुक्त की आपसी लड़ाई में यहां की आम जनता पीस रही है।यही कारण है कि आज चुनाव जीतने के आठ महीने बाद भी विकास के नाम पर एक ईंट तक नहीं रखी गई। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहें राष्ट्रीय आजाद मंच के पूर्व अध्यक्ष विशाल कुमार मिश्र ने कहा कि चुनाव से पहले भी घोषणाएं ही होती थी और चुनाव के बाद भी केवल घोषणाएं ही हो रही हैं।जनता त्रस्त है,बेहतर बेतिया बनाने का नारा था।लेकिन बदतर बेतिया बनते जा रहा हैं।आठ महीने बाद भी एक सड़क तक का ना बनना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।वर्चस्व की लड़ाई में विकासकर पूर्णता बाधित है।ये दर्शाता है की जनहित के कार्यों के लिए महापौर बेहद लापरवाह है।

वहीं छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्रा ने कहा कि जनता ने 70 प्रतिशत मतों से विजयी बनाया था लेकिन मैडम पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुई और नगर निगम की जनता के साथ विश्वास घात कर रही है। मोनू मिश्र एंव राहुल आनंद ने कहा कि विकास केवल सोशल मीडिया पर ही हो रहा है। धरातल पर विकास का कोई लेना-देना नहीं दिखाई दे रहा है।मेयर जिस प्रकार से तानाशाही रवैया अपना रही हैं। आने वाले दिनों में जनता उन्हें करारा जवाब देगी। युवाओं ने चेतावनी दिया कि यदि शहर के सड़कों के गढ्ढों को नहीं भरा जाएगा।शहर में जाम से मुक्ति नहीं मिलेगा और पक्की फुलवारी के लोगों को जल जमाव से राहत नहीं मिलेगा तो हम युवा चरणबद्ध आंदोलन करने को बाध्य होंगे। मौके पर भास्कर भारद्वाज,प्रशांत मिश्र,शिवम सिंह,यीशु रत्न,संजय कुमार,पुलकित कुमार इत्यादि ने अपना आक्रोश व्यक्त किया। दुसरी तरफ मेयर के नजदीक सत्रों का कहना था कि आरोप मनगढंत है, मेदर विकास का काम कर रहीं हैं।

हजारों वर्षों के ऐतिहासिक दस्तावेजों दुर्लभ पांडुलिपियों को कंप्यूटराइज करने की हुई मांग

ऐतिहासिक बेतिया राज की हजारों वर्षों के ऐतिहासिक दस्तावेजों दुर्लभ पांडुलिपियों को कंप्यूटराइज करने की सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने पुनः की मांग। बेतिया राज के 1000 वर्ष से 5000 वर्षों तक ऐतिहासिक दस्तावेजों, दुर्लभ पांडुलिपियों, प्राचीन धरोहरों को संरक्षित किया जा सके।

सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सचिव ,डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ अमानुल हक वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड डॉ अमित कुमार लोहिया एवं पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने संयुक्त रूप से कहा कि, बेतिया राज की अंतिम महारानी जानकी कुंवर ने अनेक रचनात्मक कार्य किए ताकि बेतिया के आम जनों के जीवन को सरल एवं सुलभ बनाया जा सके। बेतिया राज द्वारा

महारानी विक्टोरिया के बड़े बेटे एडवर्ड -7 के सम्मान में स्थापित बेतिया अस्पताल को भव्य बनाने का प्रयास किया, महारानी जानकी कुंवर ने अपने 1 वर्ष के शासनकाल 1896-1897 में बेतिया मेडिकल कॉलेज के लिए एक बड़ी धनराशि मुजफ्फरपुर स्थित बैंक में जमा कराई ताकि बेतिया में उच्च श्रेणी का मेडिकल कॉलेज ,अस्पताल स्थापित हो एवं देश-विदेश से लोग इलाज के लिए बेतिया की तरफ रुख करें। महारानी जानकी कुंवर का मेडिकल कॉलेज अस्पताल का सपना लगभग 110 वर्ष बाद पूरा हुआ ,उन्होंने मंदिरों , गिरजा घरो, मदरसों ,धर्मशालाओ एवं अनेक पाठशालाओं की स्थापना कराई ,इसी बीच अफगानिस्तान से लेपिस लजूली नामक हीरा को मांगा कर भारत के राजा रजवाड़ों के बीच चर्चा का विषय बन गई, जनता द्वारा किए गए उनके कार्यों से अंग्रेज नाखुश थे ।इसी बीच एक षड्यंत्र के तहत 1897 ई को महारानी जानकी कुंवर को मानसिक रूप से बीमार घोषित करते हुए बेतिया राज कोर्ट ऑफ वार्ट्स के हवाले कर दिया गया।

सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ,मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं बेतिया पश्चिम चंपारण के बुद्धिजीवियों का एक शिष्टमंडल पहल करते हुए बेतिया राज कचहरी स्थित बेतिया राज के ऐतिहासिक धरोहरो को जीवंत रूप देने के लिए एक जन जागरण अभियान चला रहा है। इसके लिए एक ब्लू प्रिंट तैयार की जा रही है ताकि आने वाली पीढ़ी अपने गौरवशाली इतिहास को जान सके।

इस अवसर पर वक्ताओं ने मांग करते हुए कहा कि बेतिया राज की जमीन पर बसे लोगों का सर्वेक्षण कर बेतिया राज के लगभग 1000 से 5000 वर्षों तक के गौरवशाली रिकॉर्ड रूम को कंप्यूटराइज करने की मांग थी ताकि बहुमूल्य धरोहरों को संरक्षित किया जाए।

कुलपति से मिला अभाविप का प्रतिनिधिमंडल, स्थायी प्राचार्य सहित कई मांगों का सौंपा गया ज्ञापन

बेतिया - अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, पश्चिम चम्पारण का एक प्रतिनिधिमंडल जिला संयोजक अभिजीत राय की अध्यक्षता में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो• शैलेन्द्र चतुर्वेदी से मिल कर उन्हें सात सूत्रीय मांगों वाला ज्ञापन सौंपा।

जिला संयोजक अभिजीत राय ने कहा की एबीवीपी हमेशा छात्रों के हित को लेकर लड़ने वाली संगठन है। हमने कल कुलपति से मिलकर विभिन्न शैक्षणिक समस्याओं के उपर अपना ज्ञापन सौंपा है। जिसमें से प्रमुख मांग निम्न है की पूर्व में हीं अभाविप के प्रयासों से घोषित विवि के एक्सटेंशन काउंटर को अविलम्ब बेतिया में चालू किया जाए, एमजेके तथा आरएलएसवाई महाविद्यालय में स्थाई प्राचार्य की नियुक्ति तथा एमजेके एवं मौलाना अब्दुल कलाम आजाद एवं अन्य महाविद्यालय में परीक्षा के दौरान पंखा व शुद्ध पेयजल की अनुपलब्धता की सुचना के उपर विस्तृत जाँच आदि सम्मिलित था।

जिला संयोजक ने कुलपति से यह भी कहा की एमजेके महाविद्यालय का प्रशासन पूर्णतः गैर-लोकतान्त्रिक रवैया अपना रहा है। तथा पंखा घोटाले की जो बात सामने आ रही है कुलपति इसपे भी जाँच टीम गठित करें। कार्यकर्त्ता चंदन सैनी एवं नगर मंत्री रंजीत श्रॉफ ने कहा की कन्या उत्थान योजना में जिस प्रकार धांधली देखने को मिल रही है वह अत्यंत क्षुब्ध करने वाला है। पूरा का पूरा छात्र कल्याण विभाग दलालों का अड्डा बना हुआ है।

यह भी कहा की एमजेके महाविद्यालय में संगीत, भौतिकी तथा संस्कृत का प्राध्यापक का ना होना यह काफ़ी दुर्भाग्य का विषय है। जिला आयाम के प्रमुख विशाल दीक्षित व नगर सह मंत्री प्रिन्स शर्मा ने कहा की जिले के सभी महाविद्यालयों में स्थायी कर्मचारी की काफ़ी कमी है। विश्वविद्यालय को अविलम्ब किसी आयोग द्वारा सभी रिक्त पदों पर बहालियां कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा की उदाहरण के तौर पर अगर एमजेके महाविद्यालय को देखें तो यहाँ कर्मचारियों की इतनी कमी है की प्राचार्य ने अपने करीबी पुराने चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को महाविद्यालय के कई महत्वपूर्ण तृतीय वर्ग के पदों पर बैठाया है।

मौके पर अमन शर्मा, विशाल दीक्षित, प्रिन्स शर्मा, अभयानन्द दीक्षित, मिथलेश शर्मा, आशीष कुमार आदि उपस्थित रहे।

दुर्घटना से पीड़ित परिवार को राशन, स्वास्थ्य और पढाई कराने की जिम्मेदारी दिनेश अग्रवाल ने ली

बगहा-बेतिया राष्ट्रीय पथ727 पर अग्रवाल वाटिका के पास विगत 29 अगस्त को बस और बाईक की भीषण दुर्घटना में गांधीनगर के एक युवक की दर्दनाक मौत हो जाने के बाद मेरा स्वाभिमान संस्था के अध्यक्ष दिनेश अग्रवाल ने शनिवार को पहुंचकर पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हूए 6 माह तक की राशन की व्यवस्था तथा बच्चों की पढ़ाई कराने की जिम्मेदारी लेने की घोषणा की है। 

उक्त आशय की जानकारी दिनेश अग्रवाल ने देते हुए बताया है कि पीड़ित परिवार को संजीवनी कार्ड बना दिया गया है जिसके अंतर्गत बच्चों को 1 से 2 लाख तक मुफ्त इलाज की व्यवस्था तथा परिवार में अन्य बड़े सदस्यों को 1 से 2 लाख तक की आकस्मिक दुर्घटना तथा मृत्यु सहायता राशि प्रदान की जायेगी। 

उन्होंने बताया कि दुर्घटना में मृत्यु का शिकार हुए बाईक सवार का नाम प्रमोद महतो उम्र 38 वर्ष, पिता भागीरथ महतो, जो चार भाइयों में दूसरे नंबर पर था, वो अपने पीछे पत्नी सहित पांच बेटियां तथा एक बेटा, जिसकी उम्र लगभग 6 वर्ष हैं, को छोड़ गया है।मौके पर वार्ड पार्षद जितेंद्र कुमार के साथ ग्रामीण वासी और मेरा स्वाभिमान के टीम के लोग उपस्थित रहें।

वाल्मीकि नगर: घर में अजगर सांप निकलने से मची भगदड़

वाल्मीकि नगर: वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना वन प्रमंडल दो के वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र से सटे रिहायशी क्षेत्रों में वन्यजीवों का निकलने का सिलसिला इन दिनों काफी बढ़ गया है।

इसी क्रम में शनिवार की सुबह वाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र के टंकी बाजार निवासी ज्ञान प्रकाश साह के घर में वन क्षेत्र से भटक कर एक अजगर सांप घुस आया। अजगर सांप को देख घर के परिजनो में अफरा- तफरी मच गई। 

गृहस्वामी ज्ञान प्रकाश साह के द्वारा इसकी सूचना वाल्मीकि नगर स्थित वन विभाग को दी। इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र के वनपाल सोनू कुमार ने वंरक्षी आजाद कुमार के नेतृत्व में वनकर्मी गोरख राम,मणिभूषन कुमार, मनेंद्र कुमार आदि वन कर्मियों को घटनास्थल पर रवाना किया। 

वन कर्मियों की कड़ी मशक्कत के बाद अजगर सांप का सुरक्षित रेस्क्यू कर वन कक्ष संख्या एम 29 के वन क्षेत्र में सुरक्षित छोड़ दिया । 

इस बाबत पूछे जाने पर वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र के वनपाल सोनू कुमार ने बताया कि वन क्षेत्र और रिहायशी क्षेत्र सटे होने के कारण वन्य जीव कभी कभार रिहायशी क्षेत्र में आ जाते हैं।ग्रामीणों से अपील है कि अगर किसी भी प्रकार के वन्य जीव को देख तो उसके साथ छेड़छाड़ ना करें।तथा इसकी सूचना तुरंत वन कार्यालय को दे।

वाल्मीकि नगर: जंगली बंदर के हमला में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल

वाल्मीकि नगर: थाना क्षेत्र में इन दिनों जंगली बंदरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी क्रम में शनिवार को वाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र के टंकी बाजार स्थित भरिहानी गांव निवासी अजय ठाकुर उम्र लगभग 50 वर्ष पिता अर्जुन ठाकुर को जंगली बंदरो के झुंड ने हमला बोल काट-काट कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया है।

 आनन-फानन में घायल के परिजनों व ग्रामीणो द्वारा वाल्मीकि नगर स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया।जहा चिकित्सक डॉ संजय कुमार सिंह द्वारा उपचार किया गया। परिजनो ने वन विभाग से बंदरों से निजात दिलाने की मांग की है।

इस बाबत घायल के परिजनो ने बताया कि उनपर जंगली बंदर के झुंड ने हमला बोल काट-काट कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया। इस बीच आसपास मौजूद अन्य ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे।जिनके द्वारा हो-हल्ला करने पर जंगली बंदरो का झुंड जंगल की तरफ भाग खड़ा हुआ।

वाल्मीकि नगर-बगहा मुख्य पथ पर टंकी बजार स्थित ब्रंह्म स्थान के समीप बाईक के ठोकर से साइकिल दुर्घटना में चार जख्मी

बेतिया: वाल्मीकि नगर–बगहा मुख्य पथ पर टंकी बजार स्थित ब्रंह्म स्थान के समीप शुक्रवार की देर शाम टंकी बजार से हवाई अड्डा चौक की ओर साइकिल पर सवार होकर जा रहे दो किशोर को पीछे से एक तेज रफ्तार से जा रही बाइक ने अनियंत्रित होकर ठोकर मार दी।जिससे मोटरसाइकिल व साइकिल पर सवार चारो बुरी तरह से जख्मी हो गए। 

एक साइकिल पर दो सवार किशोर एक वाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र के हवाई अड्डा के धनहा टोला गांव निवासी हरिकेष कुमार उर्म लगभग 17 वर्ष पिता शरण बैठा व दुसरा सवार वाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र के रमपुरवा हरिजन टोला गांव निवासी निखलेश कुमार उम्र लगभग 16 वर्ष पिता कृष्णा राम के बताए जाते है।तथा वही मोटरसाइकिल पर सवार दो युवक लौकरिया थाना क्षेत्र के बलुआ गांव निवासी विनोद कुमार एवं दुसरा राजू कुमार बताए जाते है।

आनन-फानन मे राहंगीरो द्वारा चारो जख्मी को टंकी बजार स्थित एक निजी क्लीनिक में लाया गया।समाचार लिखे जाने तक जहां जख्मी चारो का उपचार जारी था।जख्मी किशोर हरिकेष कुमार ने बताया कि शुक्रवार की देर शाम हम दोनो सब्जी खरीदने वाल्मीकि नगर के टंकी बाजार आए थे।

टंकी बाजार से अपने घर साइकिल पर सवार होकर दोनो जा रहे थे।इसी बीच एक तेज रफ्तार से जा रही मोटरसाइकिल पर सवार दो व्यक्ति ने पीछे से मेरे साइकिल में ठोकर मार दी।जिससे हन दोनो बुरी तरह से जख्मी हो गए।

स्कूली स्तर से ही पढ़ाई में नैतिक शिक्षा के साथ देश की सभ्यता व संस्कृति की पढ़ाई अनिवार्य:गरिमा

बेतिया : नगर निगम की महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने कहा कि हमारे विद्यार्थियों में स्कूली स्तर से ही पठन पाठन में नैतिक शिक्षा के साथ देश की सभ्यता व संस्कृति की पढ़ाई अनिवार्य है। वे शुक्रवार को नगर राज ड्योढी स्थित सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में पश्चिम और पूर्वी चम्पारण में संचालित विद्या भारती के कुल 42 शिशु/विद्या मंदिरों के की प्रतियोगिता के प्रतिभागी कुल करीब आठ सौ विद्यार्थी और आचार्यगण उपस्थिति में समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्वलित द्वारा करने के बाद बोल रहीं थीं। 

महापौर श्रीमती सिकारिया ने कहा कि हमारे समय में स्कूल स्तर से ही पठन पाठन में नैतिक शिक्षा के साथ देश की सभ्यता और संस्कृति की पढ़ाई अनिवार्य हुआ करती थी। बाद के पाठ्यक्रम में इसकी अनदेखी के कारण हमारी शिक्षा प्रणाली देश के स्वच्छ चरित्र के सशक्त नागरिक तैयार करने कमजोर साबित होती रही है। लेकिन नई शिक्षा नीति पर आधारित पाठ्यक्रमों में देश की विज्ञानपरक सभ्यता,संस्कृति के सम्यक ज्ञान का बेहतर समावेश होना स्वागत योग्य पहल है। 

महापौर ने इस प्रतियोगी प्रतिस्पर्द्धा में शामिल विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि प्रतियोगिता से प्रतिभा में निखार आता है। ऐसी प्रतियोगिता विद्यार्थियों में ज्ञान विज्ञान में गुणवत्तापूर्ण विकास का सशक्त माध्यम हो सकती है। 

वही स्थानीय प्रधानाचार्य सुशील कुमार ने विभाग स्तरीय इस प्रतियोगिता के आयोजन के लिए विद्या भारती और लोक शिक्षा समिति के अधिकारीगण का आभार व्यक्त करने के साथ सबका स्वागत किया। 

प्रतियोगिता के उद्घाटन सत्र में चम्पारण विभाग प्रमुख अनिल राम, सरस्वती विद्या मंदिर बरवत के प्रधानाचार्य, विद्यालय समिति प्रबंध समिति के सचिव रविरंजन यादव, कोषाध्यक्ष सुभाष रूंगटा आदि गणमान्य लोगों का विशेष योगदान रहा।

सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन ने पौधा एवं वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधकर किया वृक्षाबंधन, पर्यावरण संरक्षण एवं पेड़ पौधों के संरक्षण का लिया संकल्प

           

बेतिया - आज दिनांक 31 अगस्त 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन ,निरोज ग्रीन इंडिया फाऊंडेशन , मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा ऐतिहासिक शहीद स्मारक में पेड़ पौधों एवं वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधकर वृक्षाबंधन किया गया। 

इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ नीरज गुप्ता संस्थापक निरोज ग्रीन इंडिया परिवार फाउंडेशन, डॉ अमानुल उल हक वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डिजिटल क्रिएटर गौरव राज एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन की रोकथाम एवं पेड़ पौधों के संरक्षण का संकल्प लिया। 

इस अवसर पर पेड़ों एवं वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधकर वृक्षाबंधन किया गया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एम्बेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन डॉ एजाज अहमद डॉ नीरज गुप्ता, डॉ अमानुल हक ने संयुक्त रूप से कहा कि पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन की रोकथाम एवं पेड़ पौधों के संरक्षण के लिए सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन, निरोज ग्रीन इंडिया परिवार फाउंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट ,शहीद स्मारक समिति एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा विगत कई वर्षों से वृक्षाबंधन अभियान चलाया जा रहा है। 

प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन पर पौधारोपण एवं पेड़ पौधों को रक्षा सूत्र बांधकर नई पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागृत किया जाता रहा है। नई पीढ़ी को जलवायु परिवर्तन की रोकथाम एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागृत करने के लिए यह छोटा सा अभियान आने वाले दिनो मे नई पीढ़ी के लिए मिल का पत्थर साबित होगा।

पुरुषजन के अजेय होने की कामना और नारीत्व के रक्षा की प्रार्थना का पवित्र त्योहार है रक्षाबंधन:गरिमा

बेतिया : नगर निगम की महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने लाल बाजार स्थित अपने आवासीय कार्यालय पर विभिन्न क्षेत्रों से आए नागरिकगण के साथ रक्षा बंधन का त्योहार मनाया। इससे पूर्व उन्होंने अपनी सास माता सुमन सिकरिया की उपस्थिति में ससुर पिता भोलानाथ सिकारिया के हाथों में रक्षा सूत्र बांध कर रक्षाबंधन बांध कर अपनी 'रक्षा कवच' बने रहने का आशीर्वाद लिया। 

इस मौके पर उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन, पुरुषजन के अजेय होने की कामना और नारीत्व के रक्षा की प्रार्थना का पवित्र त्योहार है। यहां रक्षा बंधन का तात्पर्य बांधने वाले एक ऐसे धागे से है, जिसमें मूलतः बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर जीवन के हर संघर्ष तथा मोर्चे पर उनके सफल होने तथा निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसर रहने की ईश्वर से प्रार्थना करती हैं। 

भाई इसके बदले अपनी बहनों की हर प्रकार की विपत्ति से रक्षा करने का वचन देते हैं और उनके शील एवं मर्यादा की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। 

श्रीमती सिकारिया ने कहा कि इसके अतिरिक्त भी रक्षा बंधन के त्योहार को लेकर अनेक पौराणिक मान्यताएं हैं। जिसके अनुसार विष्णु ने वामन अवतार के रूप में राक्षस राजा बलि से तीन पग में उनका सार राज्य मांग लिया था और उन्हें पाताल लोक में निवास करने को कहा था। तब राजा बलि ने भगवान विष्णु को अपने मेहमान के रूप में पाताल लोक चलने को कहा। जिसे विष्णु भगवान मना नहीं कर सके। लेकिन, जब लंबे समय से विष्णु भगवान अपने धाम नहीं लौटे तो माता लक्ष्मी जी को चिंता होने लगी।तब नारद मुनी ने उन्हें राजा बलि को अपना भाई बनाने की सलाह दी और उनसे उपहार में विष्णु जी को मांगने को कहा। 

मां लक्ष्मी ने ऐसा ही किया और इस संबंध को प्रगाढ़ बनाते हुए उन्होंने राजा बलि के हाथ पर राखी या रक्षा सूत्र बांधा और तभी से राखी अर्थात रक्षाबंधन की शुरुआत हुई। 

महापौर श्रीमती सिकारिया ने एक अन्य पौराणिक मान्यता का उल्लेख करते हुए बताया कि देवताओ और असुरों के संग्राम में देवताओं के पराजित हो जाने के बाद देवराज इंद्र देव तक को छुप कर रहना पड़ गया था। तभी इंद्राणी ने श्रावणी पूर्णिमा के पावन अवसर पर द्विजों से स्वस्तिवाचन करवा कर रक्षा का तंतु लिया और इंद्र की दाहिनी कलाई में बांधकर युद्धभूमि में लड़ने के लिए भेज दिया। 

इस 'रक्षा बंधन' के प्रभाव से दैत्य भाग खड़े हुए और इंद्र की विजय हुई।राखी बांधने की प्रथा की शुरुआत यहीं से होने की वैदिक मान्यता है।