वाल्मीकि नगर:: वन विभाग ने मगरमच्छ को पकड़ कर सुरक्षित गंडक नदी में छोड़ा

वाल्मीकि नगर: गंडक नदी के जलस्तर में उतराव-चराढ होने के कारण जलीय जीवो के निकलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी क्रम में शनिवार की सुबह थाना क्षेत्र के गोल चौक स्थित जी टाइप गंडक कॉलोनी निवासी नेचर गाइड सोनू कुमार के घर में गंडक नदी से भटक कर एक विशाल मगरमच्छ लगभग 6 फीट लम्बा जा पहुंचा।

इसी बीच गृहस्वामी सोनू कुमार की नजर उस मगरमच्छ पर पडी। गृहस्वामी सोनू कुमार द्वारा इसकी सूचना वन विभाग को दी गई।घटना की सूचना को गंभीरता से लेते हुए कोतराहा वन परिसर के वनपाल सोनू कुमार के नेतृत्व में वंरक्षी आजाद कुमार,शशि रंजन कुमार, वन कर्मिय शंकर यादव, मुंद्रिका यादव,योगेन्द्र बैठा, डब्ल्यूटीआई के फील्ड असिस्टेंट सुनील कुमार, नेचर गाइड सोनू कुमार आदि वन कर्मियों की टीम को घटनास्थल पर भेजा गया।

घटनास्थल पर पहुंचे वन कर्मियों की घंटों मशक्कत के बाद मगरमच्छ को पकड़ कर गंडक नदी में सुरक्षित छोड़ दिया। वनपाल सोनू कुमार ने आगे बताया कि पकड़े गए मगरमच्छ की लंबाई लगभग 6 फीट था।

 इन दिनों गंडक नदी के जल स्तर में उतराव-चढ़ाव होने के कारण जलीय जीव कभी काभार नदी व नहर से निकलकर रिहायशी क्षेत्रों में भटक कर चले आते हैं। वनपाल ने लोगों से अपील की है,कि किसी भी प्रकार के जलीय जीव व वन्यजीव दिखाई दे तो उसके साथ छेड़छाड़ ना करें।इसकी सूचना तुरंत वन कार्यालय को दें।

वाल्मीकि नगर: सड़क पर पेड़ गिरने से घंटो तक आवागमन रहा ठप

वाल्मीकि नगर: पिछले चार दिनों से हो रही झमाझम बारिश के चलते शुक्रवार की देर रात आई हल्की तेज आंधी से व झमाझम बारिश से वाल्मीकि नगर-बगहा मुख्य पथ के धोबहा और चमनिया सड़क के बीचो बीच दो पेड़ के गिर जाने के कारण घंटों तक आवागमन प्रभावित रहा।वही शनिवार की दोपहर बारिश व आंधी में गिरा जंगली पेड़ को राहगीरों के द्वारा वन विभाग कार्यालय को सूचित किया गया।

वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र के अंतर्गत भेडिहारी वन कार्यालय में तैनात वनपाल नवीन कुमार ने इस घटना की सूचना को गंभीरता से लेते हुए वन कर्मियों के टीम को घटनास्थल पर भेजा कर राहगींरो व वन कर्मियों के द्वारा गिरा जंगली पेड़ को कई घंटों के मशक्कत के बाद पेड को काट कर रास्ते से हटाया गया। तब जाकर मुख्य सड़क का आवागमन फिर से बहाल हुआ।

बगहा एक में नि:शुल्क नेत्र शिविर जांच में 125 मरीज की हुई जांच

बगहा: प्रखंड बगहा एक के इंगलिसिया पंचायत के इंगलिसिया गांव में पंचायत की मुखिया संध्या देवी के निवास स्थान पर शनिवार को स्वस्थ दृष्टि अभियान एवं ऑख की चिकित्सा आपके द्वार कार्यक्रम के तहत नि:शुल्क नेत्र शिविर का आयोजन अखंड ज्योति आई होस्पिटल बगहा के द्वारा संपन्न किया गया। 

नि:शुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन कांग्रेस पार्टी बगहा के पूर्व प्रत्याशी जयेश मंगलम सिंह उर्फ जय सिंह व मुखिया संध्या देवी के नेतृत्व में संपन्न कराया गया। शिविर में क्षेत्र के गरीब, असहाय नेत्र रोगियों की नि:शुल्क जांचकर दवा एवं चश्मा दी गई। 

अखंड ज्योति अस्पताल बगहा के चिकित्सक डा. राजकुमार ने बताया कि अत्याधुनिक तकनीक एवं फेको मशीन से दर्जनों नेत्र रोगियों की नेत्र जांच करते हुए दवा, चश्मा दी गई। उन्होंने बताया कि उपचार के बाद रोगियों को परामर्श भी दी गई। 

इस दौरान कांग्रेस पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष बगहा एक दिनेश यादव, पंचायत की मुखिया संध्या देवी व मुखिया प्रतिनिधि राजेश राव ने चिकित्सकों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। 

हालांकि प्रखंड अध्यक्ष ने मुखिया को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर समाजसेवी रामनाथ चौधरी, गोधन महतों, भूटेली शर्मा, धनंजय चौधरी, अखिलेश यादव, विजेंद्र चौधरी समेत कई लोग मौंजूद रहें।

*चार दिन से हो रही रूक-रूक कर झमाझम बारिश से गंडक नदी उफान पर*

बेतिया: वाल्मीकि नगर भारतीय क्षेत्र व पड़ोसी देश नेपाल के जलग्रहण वाले क्षेत्रों व पहाड़ी क्षेत्रों में पिछले लगातार चार दिनों से रुक-रुक कर हो रही झमाझम बारिश से गंडक नदी के जलस्तर में फिर एक बार वृद्धि जारी है।वहीं गंडक बराज द्वारा शनिवार की दोपहर दो लाख सत्रहर हजार चार सौ क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिससे गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है।

गंडक बराज के कार्यपालक अभियंता रज्जा समीम ने बताया कि जल स्तर में वृद्धि को देखते हुए गंडक बराज के सभी 36 फाटको को आंशिक रूप से खोल दिया गया है।उन्होंने आगे बताया कि पानी की बढ़ती स्थिति के मद्देनजर गंडक बराज पर तैनात सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को हाई अलर्ट कर दिया गया है।

 उन्होंने आगे बताया कि गंडक बराज के जल स्तर में बनी वृद्धि को देखते हुए रात दिन गंडक बराज पर कैंप किया गया है।तथा पल-पल की रिपोर्ट पर नजर रखी जा रही हैं। नेपाल के जल ग्रहण व पहाड़ी क्षेत्रों में पिछले चार दिनो से हो रही रूक-रूक के झमाझम बारिश होने के कारण गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। जिससे नीचले कई इलाकों में फिर से गंडक नदी व बरसाती पानी फैलने लगा है।

 वही गंडक नदी से सटे वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के अंतर्गत वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र के कक्षा संख्या एम 29 एवं 30, ठाडी,सिरला दियरा, चकदहवा, धनहिया आदि के जंगलो में गंडक का पानी और बरसात का पानी फैला रहा है। तथा वन क्षेत्र में बरसाती पानी व गंडक नदी का पानी घुसने से वन्य जीव सुरक्षित जगहों की तलाश में ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।

बेतिया: आत्म निर्भर बिहार के 'सात निश्चय -2 के तहत जिलाभर के बेसहारा वृद्धजनों को सहारा देने की योजना स्वीकृत

बेतिया: नगर निगम की महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने बताया कि 'आत्म निर्भर बिहार' सात निश्चय - 2 योजना के तहत जिला के बेसहारा वृद्धजनों को सहारा देने के लिए जल्द ही बेतिया जिला मुख्यालय में 50-50 बेड वाले दो आश्रय स्थलों का निर्माण नगर में शीघ्र शुरू किया जाएगा।

 महापौर श्रीमती सिकारिया ने आगे बताया कि 'मुख्यमंत्री वृद्धजन आश्रय स्थल' योजना के तहत 50-50 बेड की 2 यूनिट को राज्य सरकार के मंत्री परिषद द्वारा भी संबंधित आवंटन की स्वीकृति मिल गई है। जिसके तहत पश्चिम चंपारण जिला मुख्यालय में निर्माण नगर निगम द्वारा शीघ्र शुरू कर दिया जायेगा। इन वृद्धजन आश्रय स्थलों के संचालन की जिम्मेदारी नगर निगम को सौंपे जाने से पूरे जिले के निराश्रित बृद्धजनों को सुविधाजनक आवासन का सार्वजनिक आश्रय बन जायेगा।

 नगर निगम महापौर श्रीमती सिकारिया ने नगर विकास एवं आवास विभाग से जारी पत्र के हवाले से यह भी बताया कि कुल एक करोड़ छह लाख 35 हजार की इस योजना पर अमलीजामा पहनाने के लिए प्रथम किस्त के रूप में 53 लाख 17 हजार 500 रुपया का आवंटन भी विभाग स्तर से जारी कर दिया गया है।

 नगर निगम प्रशासन को इस आश्रय स्थल के संचालन के लिए स्थान का चयन कर इसकी जल्द शुरुआत कर देनी है। इन आश्रय स्थल के संचालन के लिए वार्षिक बजट 1 करोड़ 6 लाख 35000 रुपये रखा गया है। आवंटित राशि से इसे 100 बेड का सभी सुविधाओं से संपन्न वृद्धजन आश्रय स्थल को स्थापित कर विकसित किया जाएगा।

 उक्त वृद्धजन आश्रय स्थल का संचालन बेतिया नगर निगम के स्तर से कराया जाएगा। महापौर गरिमा देवी सिकरिया द्वारा बताया गया कि बेतिया में वृद्ध आश्रम निर्माण को लेकर वह काफी उत्साहित है।

मानवता की प्रतिमूर्ति मदर टेरेसा के जीवन दर्शन से प्रेरणा ले विश्व की नई पीढ़ी।

   

 यूक्रेन रूस संघर्ष, फलस्तीन इजराइल संघर्ष ,पश्चिम एशियाई देशों मे संघर्ष, म्यांमार में संघर्ष एवं चीन ताइवान संघर्ष समाप्त करने की सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने पुनः की अपील।

“विश्व शांति दूत एवं मानवता की प्रतिमूर्ति मदर टेरेसा की 113 वीं जन्मदिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन ।.”

बेतिया पश्चिम चंपारण।

सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में विश्व शांति एवं मानवता की प्रतिमूर्ति मदर टेरेसा की 113 वीं जन्मदिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ बुद्धिजीवियों, शिक्षकों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर विश्व शांति के लिए सर्व धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर संपूर्ण विश्व एवं विशेष रुप से दक्षिण एशिया में सुख, शांति, समृद्धि एवं विकास के लिए प्रार्थना की गई ,साथ ही यूक्रेन रूस संघर्ष

,फलस्तीन इजरायल संघर्ष ,पश्चिम एशियाई देशों में संघर्ष ,म्यांमार में संघर्ष एवं ताइवान चीन संघर्ष समाप्त करने की अपील के साथ ही इन देशों में युद्ध समाप्ति के लिए एवं स्थाई शांति स्थापित करने के लिए विशेष प्रार्थना की गई। इस अवसर पर अंतराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ0 एजाज अहमद (अधिवक्ता) एवं डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ने संयुक्त रूप से कहा कि मदर टेरेसा विश्व शांति दूत एवं मानवता की प्रतिमूर्ति थी। युगोस्लाविया गणराज्य में 26 अगस्त 1910 ई0 को उनका जन्म हुआ था। 18 वर्ष की आयु से ही उन्होंने मानव सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया। गरीब एवं असहाय बच्चों के लिए 1948 में कोलकाता स्थित एक विद्यालय की स्थापना की। इसके साथ ही मिशनरी ऑफ चैरिटी की स्थापना हुई। मदर टेरेसा ने यह साबित कर दिया कि सच्ची लगन एवं मेहनत से किया गया काम कभी निष्फल नहीं होता। 1996 उनकी संस्था मिशनरी ऑफ चैरिटी ने विश्व के 125 देशों में 755 निराश्रित गृह खोलें।

जिसमें लगभग विश्व के 05 लाख लाख भूखे लोगों के लिए पेट भर भोजन उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमें कोलकाता में मदर टेरेसा के साथ मिलकर मानवीय कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।मदर टेरेसा ने यह साबित कर दिया कि जीवन का लक्ष्य दुखी मानवता की सच्ची सेवा ही है एवं प्रेम के रूप से ही ईश्वर को पाया जा सकता है। आज विश्व में मदर टेरेसा के प्रेरणा और संबल से लाखों लोग जाति धर्म से ऊपर उठकर मानवता की सेवा में लगे हैं। मदर टेरेसा ने दिन-रात गरीबों की सेवा में लगी रहती थी। वह जरूरतमंदों तक खुद ही पहुंच जाती थी। कहते हैं कि एक बार एक गरीब परिवार में खाना नहीं बना था।

इस बात की जानकारी मदर टेरेसा को हुई। मदर टेरेसा खुद चावल का पात्र लेकर उस गरीब परिवार की घर पहुंची। दरवाजे पर मानो वह महिला खड़े होकर पहले से किसी के आने का इंतजार कर रही हो। घर पहुंचते ही दरवाजे पर उसे चावल का पात्र दिया। चावल का पात्र पाते ही महिला ने मदर टेरेसा का धन्यवाद किया। उस महिला ने मदर टेरेसा से कहा कि “मदद आप बैठिए मैं तुरंत आ रही हूं “। घर में पड़े टूटे हुए कुर्सी पर मदर टेरेसा बैठ गई। कुछ देर बाद वह महिला वापस लौटती है और मदर टेरेसा ने देखा कि चावल का दिया हुआ पात्र खाली है। यह देखकर मदर टेरेसा बोली. ..आप कहां गई थी..? महिला बोली …मेरे बगल की झोपड़ी में एक मुस्लिम परिवार रहता है। उनका परिवार कई दिनों से भूखा है। उस परिवार में छोटे-छोटे बच्चे हैं। उस परिवार को चावल की आवश्यकता मेरे परिवार से कहीं ज्यादा थी। मैं उन्हें चावल देने गई थी। मदर ने महिला की ओर गर्व से देखती रह गई। तभी महिला का पुत्र एक डिब्बा लेकर आया और बोला मदर लीजिए… ! मदर टेरेसा ने हैरानी से देखते हुए बोली इसमें क्या है?..

बालक ..बोला मुझे चीनी बहुत पसंद है। मेरी मां हमेशा मुझे खाने के बाद थोड़ा चीनी देती थी। मैं हर बार चीनी बचाकर इस डब्बे में जमा कर लेता था कि मन करने पर खाऊंगा। हमारी बस्ती में अनेक बच्चे भूखे हैं और आप भूखे लोगों के लिए भोजन बांट रही हैं! वह बच्चे चीनी के साथ सूखी रोटी अच्छी से खा लेंगे। मदर टेरेसा का बच्चे एवं महिला की मानवता देखकर अभिभूत हो गए और बोली … धन्य है यह भारत देश जहां स्वयं भूखे रहकर भी लोग दूसरों की भूख मिटाने का प्रयास करते हैं।

इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल ने संयुक्त रूप से युवाओं से आह्वान करते हुए कहा हुए कि हजारों हजार बरस की भारतवर्ष की परंपरा जहां भूखे रहकर भी लोग दूसरों की भूख मिटाने का प्रयास करें, इस परंपरा को जीवित रखने की आवश्यकता है। यही है राष्ट्र एवं मानवता के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि। डॉ एजाज अहमद, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल , डॉ अमित कुमार लोहिया,बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के शोधार्थी डॉ शाहनवाज अली, वरिष्ठ अधिवक्ता शंभू शरण शुक्ल ने संयुक्त रूप से कहा कि हमें मानवीय मूल्यों को जीवित रखते हुए भारतीय समाज में सुख,

शांति, समृद्धि एवं विकास के साथ प्रेम, भाईचारा एवं आपसी सौहार्द की आवश्यकता है ताकि मानव जीवन को और भी सरल एवं सुलह बनाया जा सके। साथ ही विश्व के संघर्षरत देशों में युद्ध विराम एवं स्थाई शांति ही होगी मानवता की प्रतिमूर्ति विश्व शांति दूत मदर टेरेसा के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि।

वाल्मीकि नगर-घर के अंदर से अजगर को पकड़ कर सुरक्षित जंगल में छोड़ा गया

इन दिनों वाल्मीकि नगर में हो रही झमाझम बारिश के कारण रिहायशी इलाकों के गांवो व सरेहो मे अजगरो के निकलने का सिलसिला नहीं थम रहा है।

इस क्रम में बुधवार की देर शाम वाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र के हवाई अड्डा के धनहा टोला निवासी शंभु बैठा पिता हरि बैठा के आवास में एक लगभग 12 फिट का अजगर सांप को देख घर के परिजनो में अफरा-तफरी मच गई।गृहस्वामी शंभु बैठा के द्वारा इसकी सूचना वाल्मीकि नगर स्थित वन कार्यालय को दी गई।

सूचना को गंभीरता से लेते हुए वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र स्थित कोतराहा वन परिसर के वनपाल सोनू कुमार ने वंरक्षी आजाद कुमार के नेतृत्व में वन कर्मिय गोरख राम को घटनास्थल स्थल पर भेजा।वन कर्मिय गोरख राम ने घटनास्थल पर पहुंच कर घर के अंदर छुपा हुआ अजगर सांप को कडी मशकत के बाद पकड़कर वीटीआर के कक्ष संख्या 29 के जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया।

इसकी पुष्टि करते हुए वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र के वनपाल सोनू कुमार ने बताया कि सूचना मिली थी,कि वाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र के हवाई अड्डा स्थित धनहा टोला निवासी शंभु बैठा के घर के अंदर एक बड़ा अजगर डेरा जमाया हुआ है। इस अजगर को पकड़ने के लिए वंरक्षी आजाद कुमार के नेतृत्व में वन कर्मिय गोरख राम को घटनास्थल पर भेजा गया।

 वन कर्मिय गोरख राम ने अजगर सांप को पकड़ कर वीटीआर के कक्ष संख्या 29 के जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया।वनपाल सोनू कुमार ने आगे बताया कि अजगर की लंबाई करीब 12 फीट और मोटाई करीब डेढ़ फिट है। अजगर को देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ उमड़ पड़ी थी।

बाइक दुर्घटना में दो युवक बुरी तरह से जख्मी।

वाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर पुल स्थित गोदाम टोला के निकट वाल्मीकि नगर -बगहा मुख्य पथ पर गुरुवार की दोपहर एक मोटरसाइकिल अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

मोटरसाइकिल पर सवार मोहम्मद हजरत हुसैन उम्र लगभग 35 वर्ष पिता मोहम्मद रजाक हुसैन एवं मोहम्मद नाजिर अली उम्र लगभग 29 वर्ष पिता मोहम्मद कमरूध्दिन अली दोनों जिला कुशीनगर थाना पडरौना निवासी बताया जाते है

।आनन-फानन में दोनों घायल युवकों को राहगीरों के द्वारा वाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर चौक स्थित एक निजी क्लीनिक में लाया गया।जहां दोनो घायलो उपचार जारी था।

घायल युवक मोहम्मद नाजिर अली ने बताया कि हम लोग वाल्मीकि नगर बुधवार को घूमने आए थे।गुरूवार की दोपहर अपने घर पडरौना जाने के क्रम में बाइक अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

नहर में डूबा हुआ दूसरा युवक का शव को नेपाल पुलिस ने चौथे दिन किया बरामद।

वाल्मीकि नगर भारत-नेपाल सीमा पर स्थित गंडक बराज से निकले मुख्य पश्चिमी नहर के एक नंबर साइफन गाईड बांध के समीप नहर में दो सगे भाई आपसी झगड़ा को लेकर नहर के पानी में बीती रविवार की दोपहर कूद पड़े थे ।

नहर की तेज धारा में हुए लापता दोनो सगे भाईयों में से छोटा भाई सुजित पाल के शव को सोमवार की शाम को बरामद कर लिया गया था।वही नेपाल पुलिस,एपीएफ,ग्रामीण, परिजनो स्थानीय गोताखोरो के द्वारा लागातार दूसरे भाई के शव की खोजबीन जारी थी।

गौरतलब हो कि बीती रविवार की दोपहर वाल्मीकिनगर थाना क्षेत्र के तीन नंबर पहाड़ ऊपरी शिविर वार्ड नंबर 14 निवासी स्वर्गीय सोनू पाल का 22 वर्षीय पुत्र राजू पाल व 20 वर्षीय पुत्र सुजीत पाल नेपाल के जीरो आरडी पर किसी कार्य वश आए थे। इसी दौरान दोनों भाइयों में किसी बात को लेकर झगड़ा होने लगी।

दोनों सगे भाइयों ने नेपाल के मुख्य पश्चिमी नहर के एक नंबर साईफन गाइड बांध के समीप नहर में कूद पड़े। जिससे वह दोनों सगे भाई नहर के पानी में लापता हो गए थे। बीती रविवार की देर शाम तक स्थानीय लोगो व नेपाल पुलिस,नेपाल एपीएफ व परिजनों तथा द्वारा खोजबीन की जा रही थी।वही बीती सोमवार को नहर के पानी में लापता दोनों सगे भाइयों में से एक का शव नेपाल के रानी बाजार स्थित गुदरीया गांव के निकट साइफन से बरामद कर लिया गया था। तथा दूसरे भाई के शव की तलाश नेपाल पुलिस,एपीएफ,ग्रामीण एवं स्थानीय गोताखोरो के द्वारा चौथे दिन बुधवार की शाम को दुसरा बाडा भाई राजू पाल उम्र लगभग 22 वर्ष के शव को नेपाल के बेलाटाडी गांव के समीप नहर से नेपाल पुलिस,एपीएफ और

स्थानीय गोताखोरो के सहयोग से बरामद कर लिया गया। इस बाबत पूछे जाने पर त्रिवेणी चौकी के प्रभारी इंचार्ज एएसआई रामबली महतो एवं एपीएफ के इंस्पेक्टर पदम पानी पांडे ने बताया कि डूबा हुआ युवक के शव को अपने कब्जे में लेकर नवल परासी जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया गया है। तथा उन्होंने आगे बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मृत्यु के कारणों का पता चल सकेगा।

एवं पोस्टमार्टम आने के बाद मृत् युवक के शव को उसके परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। इधर नेपाल मुख्य पश्चिमी नहर के सहायक अभियंता दूधनाथ प्रसाद ने बताया कि बंद नहर को सिंचाई विभाग उत्तर-प्रदेश की मांग पर जल प्रवाह शुरू कर दिया गया है।

चंद्रमा पर कदम रखने वाले विश्व के पहले अंतरिक्ष वैज्ञानिक स्वर्गीय नील आर्मस्ट्रांग की 11वी पुण्यतिथि पर वृक्षारोपण।

 डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ।अंतरिक्ष विज्ञान एवं सूचना प्रौद्योगिकी मे आगे आए विश्व की नई पीढ़ी।          

      चंद्रमा पर कदम रखने वाले विश्व के पहले अंतरिक्ष वैज्ञानिक नील आर्मस्ट्रांग की 11 वीं पुण्यतिथि पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि।

चंद्रमा पर कदम रखने वाले विश्व के पहले अंतरिक्ष वैज्ञानिक

नील आर्मस्ट्रांग‌ की 11 वीं पुण्यतिथि पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा सर्व धर्म श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय पीस एंबेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ अमित कुमार लोहिया,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमानुल हक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा डॉ महबूब उर रहमान  ने संयुक्त रूप से विश्व की नई पीढ़ी से आह्वान करते हुए कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान एवं सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई पीढ़ी आगे आए, जिस का सपना बरसों पहले नील आर्मस्ट्रांग एवं विभिन्न अंतरिक्ष विज्ञानीयो ने देखा था। इस अवसर पर वृक्षारोपण किया गया।  

पहले अंतरिक्ष वैज्ञानिक नील आर्मस्टॉग के कार्यों ने वैश्विक नायक बना दिया। एक फौलादी अमेरिकी पायलट के रूप में उन्होंने चंद्रमा पर पहले कदम के साथ "मानव जाति के लिए एक विशाल छलांग" बनाई थी।

उनकी की प्रेरणा और संबल ने भारत को चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव के सतह पर चन्द्रयान 3 के सफल उतरने पर में अहम भूमिका निभाई।  पृथ्वी पर लोगों को मंत्रमुग्ध करने एवं जगाने वाले विनम्र व्यक्ति की मृत्यु 82 वर्ष की आयु में 25 अगस्त 2012 को हुई थी।श्री आर्मस्ट्रांग ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने मानव जाति के लिए अंतरिक्ष का मार्ग प्रशस्त किया ।

उन्होंने 20 जुलाई 1969 को चंद्रमा पर उतरने वाले अपोलो 11 अंतरिक्ष यान की कमान संभाली थी, जो 20वीं सदी के वैज्ञानिक अभियानों में सबसे साहसी व्यक्ति थे। सतह पर पैर रखने के बाद उनके पहले शब्द इतिहास की किताबों में और उन लोगों की यादों में अंकित हैं, जिन्होंने उन्हें देखा था । इस मंच के माध्यम से हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और आशा करते हैं नई पीढ़ी एवं आने वाली नई पीढ़ीयो के लिए वह मार्गदर्शक रहेंगे। जब जब अंतरिक्ष एवं चंद्रमा की बात आएगी । विश्व के प्रथम अंतरिक्ष अनुसंधान वैज्ञानिक स्वर्गीय नील आर्मस्ट्रांग का नाम लिया जायेगा।