ब्रेकिंग्/कोडरमा में वनरक्षी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए
कोडरमा में निगरानी विभाग ने वनरक्षी अमरेंद्र कुमार को घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा है. वनरक्षी अमरेंद्र कुमार को कोडरमा थाना क्षेत्र के शिवम पेट्रोल पंप के समीप से गिरफ्तार किया गया.
सीएम हेमंत सोरेन आज 524 करोड़ की सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना की रख रहे हैं आधारशिला
देवघर : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज मंगलवार को सारठ प्रखंड के सिकटिया में 524 करोड़ की सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना की आधारशिला रख रहे हैं.
जानकारी के अनुसार इस मेगा लिफ्ट एरिगेशन योजना से देवघर और जामताड़ा जिले की 27 पंचायतों के 208 गांवों में लगभग 14 हजार हेक्टेयर भूमि का पटवन करने का लक्ष्य है.
गरबा एक्सप्रेस के पहिए में लगी थी आग, ट्रैक मैन और ट्रेन के चालक की सतर्कता से झारखंड टला रेल हादसा
ट्रैक मैन और ट्रेन की चालक की सतर्कता से झारखंड में एक बड़ा रेल हादसा टल गया. दरअसल गरबा एक्सप्रेस के पहिए में अचानक लग गयी. ये घटना सुबह 4:08 बजे चेगरो और चौधरीबांध स्टेशन के बीच की है.
सूचना प्राप्त होने के बाद रेलवे के कर्मी हरकत में आ गये और ट्रेन को रोक दिया गया. इसके बाद कंट्रोल धनबाद को इसकी सूचना दी गयी और आग पर काबू पाया गया.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED निलंबित इंजीनियर वीरेंद्र राम के 3 सहयोगियो की गिरफ्तारी के साथ खुले राज
ईडी ने टेंडर कमीशन मामले में ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के तीन सहयोगियों तारा चंद, नीरज मित्तल और राम प्रकाश भाटिया को गिरफ्तार किया है। ईडी ने तीनों को छह दिन की रिमांड पर लेने के लिए विशेष कोर्ट से आग्रह किया है।
ईडी ने कोर्ट को बताया की जांच के पहले चरण में ताराचंद के पास तीन फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड मिले। इन फर्जी दस्तावेज का इस्तमाल कर तीन कंपनियां खोली गई थी। इन कंपनियों के नाम पर तीन अलग-अलग खाते खोले, जिसके माध्यम से काले धन को सफेद बनाया गया। तारा चंद के उन सभी तीन खातों का संचालन नीरज मित्तल ने किया था।
ED ने रिमांड पिटिशन में बताया है कि राम प्रकाश भाटिया को 24 जून को दिल्ली में गिरफ्तार कर रांची लाया गया। ताराचंद से रांची में पूछताछ के दौरान गिरफ्तार किया गया है। नीरज मित्तल को भी पूछताछ के दौरान रांची से पकड़ा गया था। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि तीनों ही आरोपी ईडी को पूछताछ में सहयोग नहीं किए हैं, जिसके चलते उनसे रिमांड पर पूछताछ की आवश्यकता है।
सुरक्षित किडनी के लिए रहे सतर्क, जानिए कैसे करें अपनी किडनी की देखभाल...?
आपकी रीढ़ के दोनों किनारों पर, आपके गुर्दे आपके पसली के पिंजरे के नीचे स्थित मुट्ठी के आकार के अंग हैं । ये शरीर के बहुत सारे काम करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात, वे अतिरिक्त पानी, अपशिष्ट पदार्थ और अन्य दूषित पदार्थों को छानकर आपके रक्त को शुद्ध करते हैं ।
ये अपशिष्ट पदार्थ आपके मूत्राशय में जमा हो जाते हैं और फिर मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाते हैं । आपके गुर्दे आपके शरीर में पीएच, नमक और पोटेशियम के स्तर को भी नियंत्रित करते हैं । वे हार्मोन भी उत्पन्न करते हैं जो लाल रक्त कोशिकाओं(RBC) के विकास को नियंत्रित करते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं ।
किसी के पूर्ण स्वास्थ्य के लिए उसकी किडनी का स्वास्थ्य बने रहना महत्वपूर्ण है ।
यदि आपके गुर्दे स्वस्थ हैं तो आपका शरीर कचरे को प्रभावी ढंग से छानता और उसका निर्वहन करता है और आपके शरीर को ठीक से संचालित करने में सहायता करने के लिए हार्मोन बनाता है ।
किडनी को अच्छा और स्वस्थ बनाए रखने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं ।
एक्टिव और फिट रहें :
नियमित व्यायाम आपके स्वास्थ्य के लिए कईं तरह से फायदेमंद होता है। यह क्रोनिक किडनी रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। यह ब्लड प्रैशर को कम करने और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद कर सकता है, जो कि गुर्दे की क्षति को रोकने में महत्वपूर्ण है । व्यायाम करने के लाभों का आनंद लेने के लिए आपको अधिक परिश्रम करने की आवश्यकता नहीं है। चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना और यहां तक कि नृत्य भी आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छे व्यायाम हैं।
अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित करें :
मधुमेह या अन्य बीमारी वाले लोग जो हाई ब्लड प्रैशर का कारण बनते हैं, गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकते हैं । जब आपके शरीर की कोशिकाएं आपके खून में ग्लूकोज (शर्करा) का उपयोग नहीं कर पाती हैं, तो आपके गुर्दे को इसे छानने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है । वर्षों के व्यायाम के बाद, इससे जानलेवा चोट लग सकती है । दूसरी ओर, ब्लड शुगर नियंत्रण नुकसान के जोखिम को कम करता है। यदि नुकसान का जल्द पता चल जाता है, तो आपका डॉक्टर आगे होने वाले नुकसान को सीमित करने या रोकने के लिए कदम उठाने में सक्षम हो सकता है ।
ब्लड प्रैशर मॉनिटर करें :
हाई ब्लड प्रैशर से किडनी खराब हो सकती है। जब उच्च रक्तचाप को मधुमेह, हृदय रोग या उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ जोड़ा जाता है, तो परिणाम आपके शरीर के लिए विनाशकारी हो सकते हैं । 120/80 सामान्य बल्ड प्रैशर माना जाता है । यदि आपका ब्लड प्रैशर 139/89 के बीच है तो आपको हाई बल्ड प्रैशर है । इस समय जीवनशैली और पोषण में बदलाव आपके बल्ड प्रैशर को कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं । यदि आपका बल्ड प्रैशर लगातार 140/90 से अधिक है, तो यह हाई बल्ड प्रैशर का संकेत हो सकता है । आपको अपने ब्लड प्रैशर पर कड़ी नज़र रखने, जीवनशैली में बदलाव करने और संभवतः दवा लेने के बारे में अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए ।
अपना वजन देखें और स्वस्थ भोजन करें :
मोटे या अधिक वजन वाले लोगों को गुर्दे में समस्या के सहित कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का खतरा होता है । इनमें मधुमेह, हृदय रोग और गुर्दे की समस्याएं शामिल हैं । सोडियम, प्रोसेस्ड मीट और अन्य किडनी को नुकसान पहुंचाने वाले खाद्य पदार्थों में कम संतुलित आहार खाने से किडनी की क्षति को कम करने में मदद मिल सकती है । फूलगोभी, ब्लूबेरी, सामन, साबुत अनाज, और अन्य ताजे, स्वाभाविक रूप से कम सोडियम वाले खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ।
अधिक मात्रा में तरल पदार्थ :
एक दिन में आठ गिलास पानी पीने की कहावत चमत्कारी नहीं है, लेकिन इसके लिए प्रयास करना एक उत्कृष्ट लक्ष्य है क्योंकि यह आपको हाइड्रेटेड रखता है। नियमित रूप से पर्याप्त पानी पीना किडनी के लिए अच्छा होता है। पानी गुर्दे के नमक और विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करता है । इसके कारण गुर्दे की बीमारी होने का संभावित जोखिम कम हो जाता है। रोजाना 1.5 से 2 लीटर पानी पीने का नियम बनाएं । आपको कितना पानी चाहिए, इसमें आपका स्वास्थ्य और जीने का तरीका एक बड़ी भूमिका निभाता है । अपने दैनिक पानी के सेवन की योजना बनाते समय मौसम, व्यायाम, लिंग, समग्र स्वास्थ्य, और आप गर्भवती हैं या स्तनपान जैसे कारकों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। जिन लोगों को पहले गुर्दे की पथरी हुई है, उन्हें भविष्य में पथरी बनने से बचने के लिए अतिरिक्त पानी पीना चाहिए ।
धूम्रपान न करें :
जब आप धूम्रपान करते हैं, तो आपके शरीर की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है । परिणामस्वरूप आपके पूरे शरीर और गुर्दे में रक्त का प्रवाह बाधित होता है । धूम्रपान आपके गुर्दे को खतरे में डालता है। यदि आप धूम्रपान छोड़ देते हैं, तो आपका जोखिम कम हो जाएगा । दूसरी ओर, किसी ऐसे व्यक्ति के पास लौटने में, जिसने कभी धूम्रपान नहीं किया है, जोखिम के स्तर को कई साल लगेंगे ।
काउंटर पर मिलने वाली दवाओं की मात्रा से सावधान रहें :
यदि आप नियमित रूप से ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दर्द निवारक दवाओं का उपयोग करते हैं, तो आप अपने गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकते हैं । गैर-स्टेरायडल विरोधी भड़काऊ दवाएं (एनएसएआईडी), जैसे कि इबुप्रोफेन या नेप्रोक्सन, आपके गुर्दे को प्रभावित कर सकती हैं यदि आप उन्हें पुराने दर्द, सिरदर्द या गठिया के लिए नियमित रूप से लेते हैं । जो लोग नियमित रूप से दवा लेते हैं और उन्हें किडनी की समस्या नहीं है, उनके सुरक्षित होने की संभावना है। हालाँकि, यदि आप इन दवाओं को नियमित रूप से लेते हैं, तो आपके गुर्दे का स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है। यदि आपको परेशानी हो रही है, तो अपने चिकित्सक से उन दवाओं के बारे में बात करें जो आपके गुर्दे के लिए सुरक्षित हैं ।
यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में पहचान करते हैं जो उच्च जोखिम में है, तो अपने गुर्दे के कार्य का परीक्षण करवाना सुनिश्चित करें :
यदि आपको गुर्दे की चोट या बीमारी का उच्च जोखिम है, तो आपको नियमित रूप से अपने गुर्दे की जांच करवानी चाहिए ।
निम्नलिखित लोगों को नियमित जांच से लाभ हो सकता है ।
60 से अधिक उम्र के लोग और जन्म के समय कम वजन वाले लोग, जिन लोगों के परिवार में हृदय रोग है या जिनके परिवार में हृदय रोग होने की मेडिकल हिस्ट्री रही है, वे लोग जिन्हें हाई ब्लड प्रैशर है या जिनकी हिस्ट्री है, और मोटे लोग जो किडनी खराब होने से परेशान हैं । एक नियमित किडनी फंक्शन टेस्ट आपके किडनी के स्वास्थ्य की निगरानी करने और किसी भी बदलाव का पता लगाने का एक अच्छा तरीका है । किसी भी संभावित चोट से आगे निकलने से आगे की क्षति को धीमा करने या रोकने में मदद मिल सकती है ।
टुंडी प्रखंड के जीतपुर पंचायत में भाजपा जिला ग्रामीण द्वारा मोदी सरकार के 9 वर्ष पूरे होने पर लाभुक सम्मेलन का किया गया आयोजन
टुंडी प्रखंड के जीतपुर पंचायत में आज शनिवार को भाजपा जिला ग्रामीण द्वारा मोदी सरकार के 9 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में लाभुक सम्मेलन का आयोजन किया. इसमें टुंडी विधानसभा के सभी मंडल के लाभुकों को बुलाया गया था.
सम्मेलन में धनबाद सांसद पशुपतिनाथ सिंह जी, गिरीडीह के पूर्व सांसद रविन्द्र कुमार पांडेय,विधान सभा प्रत्याशी रहे युवा नेता विक्रम कुमार पांडेय मौजूद थे. अध्यक्षता कर रहे भाजपा जिलाध्यक्ष ग्रामीण ज्ञान रंजन सिन्हा के नेतृत्व में कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लाभुक शामिल हुए, सभी वक्ताओं ने सरकार द्वारा चलाई जा रही लाभकारी योजनाओं की जानकारी उपस्थित जनसमूह को दी.
झारखंड को मिलेगा 53 हज़ार करोड़ सड़क परियोजना का सौगात,भूमि अधिग्रहण, फॉरेस्ट क्लीयरेंस जैसे बाधाओं को दूर करने के लिए सरकार ने शुरू की पहल
(डेस्क खबर)
झारखंड में भूमि अधिग्रहण, फॉरेस्ट क्लीयरेंस आदि बाधाओं को दूर कर हाई-वे के निर्माण में तेजी लाने को लेकर झारखंड मंत्रालय में बैठक हुई थी। बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) चेयरमैन संतोष कुमार यादव शामिल थे।
मुख्य सचिव ने फोर लेन की चार नई सड़कें बनाने का प्रस्ताव एनएचएआई अध्यक्ष को सौंपा। इसमें बासुकीनाथ-दुमका-रामपुर हाट खंड, रांची-देवघर- साहिबगंज रोड, रांची से चाईबासा और जमशेदपुर से धनबाद तक पश्चिम बंगाल से होते हुए सीधी सड़क शामिल है। इसपर चेयरमैन ने एनएचएआई झारखंड के क्षेत्रीय अधिकारी को फिजिबिलिटी सर्वे कराने का निर्देश दिया।
झारखंड में 53 हजार करोड़ सड़क परियोजनाओं पर होगा काम
एनएचएआई के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने बताया कि झारखंड में एनएचएआई 53 हजार करोड़ से अधिक की सड़क परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इसमें इस वित्तीय वर्ष के दौरान शुरू होने वाली परियोजनाओं की लागत भी शामिल है। करीब 13 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर काम जारी है। जबकि करीब 17 हजार करोड़ की लंबित परियोजनाओं को शुरू करने पर जोर दिया जा रहा है। करीब 11 हजार करोड़ की परियोजनाएं पूरी कर ली गई हैं। ये सभी परियोजनाएं समय पर पूरी होती हैं तो राज्य को इसका नौ प्रतिशत जीएसटी यानी करीब 4.5 हजार करोड़ का फायदा होगा। यह फायदा सड़क के अलावा है।
चास-गोविंदपुर सेक्शन मार्ग का निरीक्षण,गोला-ओरमाझी फोर लेन का निर्माण शुरू
इससे पहले चेयरमैन ने एनएचएआई अधिकारियों के साथ विभिन्न सड़क परियोजनाओं की समीक्षा की। झारखंड मंत्रालय में बैठक के बाद वह चास-गोविंदपुर सेक्शन मार्ग का निरीक्षण करते हुए धनबाद पहुंचे। उन्होंने गोला-ओरमांझी सेक्शन फोर लेन हाई-वे निर्माण शुरू कराया। इस सड़का का शिलान्यास केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल किया था। यह परियोजना भारतमाला का हिस्सा है। गोला-ओरमांझी ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे 27.8 किमी लंबा होगा। इसके निर्माण पर करीब 1214 करोड़ रुपये खर्च होंगे। चेयरमैन ने पुंदाग टोल प्लाजा के पास पौधारोपण भी किया।
इन नई सड़कों के लिए राज्य सरकार ने किया है आग्रह
राज्य सरकार ने एनएच-114ए के बासुकीनाथ-दुमका-रामपुर हाट खंड को चार लेन बनाने, फोर लेन रांची-देवघर- साहिबगंज रोड, रांची से चाईबासा रोड (एनएच-75ई) को चार लेन का बनाने और जमशेदपुर से धनबाद तक पश्चिम बंगाल से होते हुए सीधी सड़क बनाने की मांग की है।
एनएचएआई चेयरमैन ने कहा कि मुख्य सचिव से भूमि अधिग्रहण और वन भूमि को लेकर हो रही परेशानी पर चर्चा हुई है। इन बाधाओं को दूर नहीं करने पर एनएचएआई को आर्थिक नुकसान हो रहा है। परियोजनाएं समय पर पूरी होने से सभी को लाभ मिलता है।
उन्होंने कहा कि भारत माला परियोजना को गति देने को लेकर भी रणनीति बनाई गई है। जमीन के बदले मुआवजा राशि को लेकर हो रही परेशानी पर भी चर्चा हुई है। उन्हें उम्मीद है कि परेशानियों को दूर कर काम में तेजी लाने में राज्य सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा। बैठक में पथ निर्माण सचिव सुनील कुमार, एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी वाईबी सिंह आदि मौजूद रहे।
वज्रपात से मरने वाले व्यक्ति को मिलने वाले मुआवजा से कम कीमत पर बचाई जा सकती है लोगों की जन्दगी,कैसे..?जानने के लिए पढिये पूरी खबर...?
राँची: बज्रपात के कारण मारने वाले को सरकार की कार्यशैली और उचित प्रबंधन से कई समस्याओं का हल हो सकता है।लेकिन सरकारें कोई भी हो इस दिशा में कोई काम ही नही करना चाहता है।आइये ऐसे हीं एक मिस मैनेजमेंट की बात करए हैं।
झारखंड में लगातार वज्रपात से मौत हो रही है। मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को सरकार 4 लाख रुपए मुआवजा तो देती है। एक मृतक के परिवार को जितना मुआवजा बांटा जाता है, उतने में 2 तड़ित चालक लगाकर सैकड़ों की जान बचाई जा सकती है।
मौत में मुआवजे से कम कीमत पर बच सकती है सैकड़ों जिंदगी, वज्रपात से निजात का ये है उपाय
झारखंड में मानसून की आहट के साथ वज्रपात का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। बचाव के उपाय और जागरुकता की कमी के कारण इसकी चपेट में आकर लोगों की जान तक चली जा रही है। राज्य में पिछले 1 पखवाड़े में 50 लोगों की मौत हो चुकी है। वज्रपात से मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को सरकार 4 लाख रुपए मुआवजा तो देती है। लेकिन, एक मृतक के परिवार को जितना मुआवजा बांटा जाता है, उतनी ही राशि में 2 तड़ित चालक लगाकर सैकड़ों लोगों की जान बचाई जा सकती है। वज्रपात से बचाव के लिए लगाए जाने वाले तड़ित चालक पर मात्र 1.5 से 2 लाख ही खर्च आता है। राज्य में अभी खेतीबाड़ी का समय है। किसान जब खेतों में उतरेंगे तो उनकी वज्रपात की चपेट में उनके आने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में वज्रपात से बचाव के लिए जागरुक करने का यही सही समय है।
सरकारी प्रतिष्ठानों में अनिवार्य है तड़ित चालक
राज्य के सरकारी भवनों, देवालयों व स्कूल भवनों पर तड़ित चालक लगाना आवश्यक है। तभी ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाने में तड़ित चालक मददगार साबित हो सकता है। लेकिन राज्य का आपदा प्रबंधन विभाग और प्राधिकार इस पर गंभीर नहीं है। लोगों को सर्तक करना जिला प्रशासन का काम मौसम विभाग वज्रपात को लेकर भी पूर्वानुमान जारी करता है। इस पूर्वानुमान को आम लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेवारी जिला प्रशासन की है। यह सूचना जितनी जल्दी और तेजी से संभावित इलाके के लोगों तक पहुंचाए जाने पर वज्रपात की चपेट में लोगों को आने से रोका जा सकता है। इससे उनकी जान बच सकती है।
वज्रपात से बचाव पर विशेषज्ञों की राय
झारखंड संग कई राज्यों में ठनका से बचाव पर काम करने वाले विशेषज्ञ कर्नल संजय श्रीवास्तव ने कहा कि जागरुकता से ही लोगों की जान बचायी जा सकती है। झारखंड की टीम ने विशेष ऐप विकसित किया है। इससे माध्यम से वज्रपात होने के 4-6 घंटे पूर्व इसकी सूचना मिल जाती है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान में भी इस जानकारी का उल्लेख रहता है। जिला प्रशासन जागरुकता रथा निकालता है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को वज्रपात से बचने के उपाय बताए जाते हैं।
मानसून से पहले नहीं की जाती है तैयारी
1. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की मौसम पूर्वानुमान की जानकारी जिलों के माध्यम से ग्रामीणों और किसानों तक पहुंचाने की फौरी व्यवस्था बंद हो गयी।
2. अखबारों और अन्य संचार माध्यमों से लोगों को वज्रपात से बचने के उपायों की जानकारी नहीं दी जा रही है।
3. राज्य के 18 जिलों में आपदा प्रबंधन अधिकारी नहीं हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ही प्रभार में है। इस विभाग को स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए।
हेल्थ टिप्स: लिवर है आपके शरीर का रिमोट कंट्रोल,स्वस्थ लिवर हीं आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य को करता है नियंत्रित,जानिए कैसे रखें लिवर को स्वस्थ
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सभी अंगों का ठीक तरीके से काम करते रहना आवश्यक माना जाता है। किडनी, लिवर जैसे अति-महत्वपूर्ण अंगों को स्वस्थ रखने के लिए निरंतर प्रयास करते रहने की आवश्यकता होती है। हालांकि देखने को मिला है कि जीवनशैली और आहार से संबंधित कई प्रकार की गड़बड़ी के कारण इन अंगों पर नकारात्मक असर हो रहा है। यही कारण है कि कम उम्र में हो लोगों में लिवर से संबंधित कई प्रकार के विकारों का जोखिम काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी उम्र के लोगों के लिए शरीर के इस अति महत्वपूर्ण अंग की देखभाल करते रहना बहुत आवश्यक है।
डॉक्टर्स कहते हैं, खान-पान में गड़बड़ी के कारण लिवर की सेहत बिगड़ सकती है, ऐसे में समय-समय पर इसकी सफाई करते रहना जरूरी हो जाता है। वैसे तो शरीर स्वाभाविक रूप से सभी अंगों की साफ-सफाई स्वयं करता रहता है पर अगर हम दिनचर्या और आहार को ठीक कर लें तो इन अंगों को बेहतर ढंग से डिटॉक्स करना आसान हो जाता है। सभी लोगों के लिए इस बात का ख्याल रखना जरूरी है। आइए जानते हैं कि लिवर डिटॉक्स करना क्यों जरूरी है और इसके लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
लिवर को डिटॉक्स करना इस महत्वपूर्ण अंग की साफ-सफाई के साथ संपूर्ण शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भी जरूरी है। लिवर डिटॉक्स करने से पेट की चर्बी को कम करने में मदद मिल सकती है। डिटॉक्स करने से शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद मिलती है, जिससे कई प्रकार की गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है। शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने, खून को साफ रखने और पाचन को बढ़ावा देने के लिए भी लिवर को डिटॉक्स करना आवश्यक माना जाता है। आइए लिवर को स्वस्थ रखने और डिटॉक्स करने के तरीकों के बारे में जानते हैं।
शराब से दूरी बनाना जरूरी
लिवर को स्वस्थ रखने के लिए शराब छोड़ना सबसे जरूरी माना जाता है, शराब का सेवन कई प्रकार से शरीर के आवश्यक अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है। मादक पेय को संसाधित करने के लिए लिवर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। शराब छोड़कर लिवर को साफ रखने में मदद मिल सकती है। अधिक शराब पीने वाले लोगों में फैटी लिवर से संबंधित समस्याओं का जोखिम अधिक होता है।
आहार में फाइबर की बढ़ाएं मात्रा
साबुत अनाज, फल और सब्जियां, लीन प्रोटीन, डेयरी आदि स्वस्थ चीजों का सेवन नियमित रूप से शरीर के लिए आवश्यक होता है। लिवर को स्वस्थ रखने के लिए भी आहार को संतुलित रखना जरूरी होता है। आहार में फाइबर वाली चीजों को शामिल करने से लिवर को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद मिलती है। फाइबर वाली चीजों का सेवन करना पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के साथ शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है।
दवाइयों के सेवन को लेकर बरतें सावधानी
अधिक दवाइयों के सेवन का लिवर पर दुष्प्रभाव हो सकता है, इस अंग को स्वस्थ रखने के लिए दवाइयों के सेवन को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। बिना डॉक्टरी सलाह के दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए। ओवर द काउंटर दवाओं के खुद से सेवन करना लिवर के लिए दिक्कतें बढ़ाने वाला हो सकता है। विशेषतौर पर अधिक पेन किलर को लिवर-किडनी के लिए नुकसानदायक माना जाता है।
Jun 28 2023, 11:35