वैशाख पूर्णिमा के पावन अवसर पर नारायणी गंडक नदी तट के बेलवा घाट परिसर में महाआरती का हुआ भव्य आयोजन
बगहा : भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित आदि कवि महर्षि वाल्मीकि की तपो दिव्य भूमि वाल्मीकिनगर के बेलवा घाट परिसर में वैशाख पूर्णिमा के पावन अवसर पर 116 वीं नारायणी गंडकी महाआरती कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ समवेत स्वर में नाम संकीर्तन से किया गया। कथा पूजा के दौरान आचार्य पंडित अनिरुद्ध द्विवेदी ने कहा कि वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा एवं सत्य विनायक पूर्णिमा भी कहते हैं। बतादें,बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध का जन्म नेपाल के लुंबिनी नामक जगह पर वैशाख पूर्णिमा के दिन ही हुआ था। इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार भी बताया गया है ।
वाल्मीकिनगर में ताम्र भद्र,सोनभद्र और नारायणी तीन नदियों का संगम है। संगम तट पर पूर्णिमा के दिन कथा पूजा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
बता दूँ, 6 नवंबर 2014 से हर पावन पूर्णिमा एवं विशेष अवसर पर नारायणी गंडकी महा आरती की जाती है ।
नारायणी गंडकी महाआरती के साथ-साथ दैनिक चलंत दरिद्र नारायण भोज द्वारा लावारिस दिव्यांग,मानसिक बीमार और जरूरतमंदों को हर दिन सुबह शाम घूम घूम कर भोजन दिया जाता है।
बतातें चलें कि इस बार की वैशाख पूर्णिमा यानी बुद्ध पुर्णिमा विशेष स्थान रखने वाली है। क्योंकि पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है,यह संयोग 130 साल बाद बना है । कथा,पूजा,हवन और महाआरती द्वारा विश्व शांति,देश समृद्धि और विकसित भारत की कामना की गई।
इस अवसर पर थरुहट के समाजसेवी नागेंद्र प्रसाद महतो, अंजु देवी, आस्था कुमारी समेत वन विभाग के कर्मी भी मौजूद थे।
कथा पूजा एवं हवन के पश्चात विधिवत रूप से नारायणी गंडकी महाआरती की गई। हे नारायणी गंडकी माता महिमा तेरी हर कोई गाता पर भक्तगण झूमते रहे।
नवरत्न प्रसाद,वर्ल्ड मीडिया विजन के एमडी राजेश गुप्ता,फौजी विद्यासागर राणा, ईश्वर गुप्ता,लक्ष्मण सोनी,होम लाल प्रसाद,पप्पू गुप्ता,विजय गुप्ता,धर्मपाल गुरु वशिष्ट जी महाराज समेत कई गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।
May 07 2023, 16:03