जगदंबिका पाल ने ओम बिरला को सौंपी वक्फ विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट, बजट सत्र में संसद में की जाएगी पेश

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वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर संसद की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) ने गुरुवार को ड्रॉफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी। इस दौरान जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे सहित अन्य भाजपा सांसद मौजूद रहे। विपक्ष का कोई सांसद नजर नहीं आया।जेपीसी ने एक दिन पहले ही ड्रॉफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। 16 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट डाला। वहीं 11 मेंबर्स ने विरोध किया। कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने इस बिल पर आपत्ति जताई।

समिति ने बुधवार को 655 पृष्ठों वाली इस रिपोर्ट को बहुमत से स्वीकार किया था, जिसमें बीजेपी के सदस्यों की ओर से दिए गए सुझाव को शामिल किया गया है। वहीं विपक्षी सदस्यों ने इसे असंवैधानिक बताया है। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट को 11 के मुकाबले 15 मतों से मंजूरी दे दी गई। इस समिति की रिपोर्ट को विपक्षी सदस्यों ने असहमति के नोट दिए हैं। विपक्षी पार्टी के सदस्यों का आरोप है कि यह कदम वक्फ बोर्डों को बर्बाद कर देगा।

बजट सत्र में पेश की जाएगी रिपोर्ट

जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपनी रिपोर्ट बजट सत्र के दौरान पेश करेगी। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। सेंट्रल बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी सिस्टम में सुधारों को लाकर इन चुनौतियों को हल करना है।

8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था

संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष की आपत्ति और भारी विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के जेपीसी को भेज दिया गया था। वक्फ बिल संशोधन पर बनी 31 सदस्यीय जेपीसी की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी

जेपीसी में हंगामे के बाद निलंबित हुए थे 10 मेंबर्स

जेपीसी की 24 जनवरी को दिल्ली में हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। आरोप लगाया कि बीजेपी दिल्ली चुनावों के कारण ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को संसद में जल्दी पेश करने पर जोर दे रही है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है। समिति ने बनर्जी-ओवैसी सहित 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया।

कनाडाई जांच एजेंसी ने कहा- निज्‍जर की हत्‍या में भारत क हाथ नहीं, ट्रूडो के आरोपों को किया खारिज

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कनाडा के निवर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को उन्हें के देश की जेंसी ने बड़ा झटका दिया है। विदेशी हस्तक्षेप पर कनाडा सरकार की तरफ से गठित मैरी जोसी हॉग आयोग ने भारत को बेदाग करार दिया है। कनाडा की जांच आयुक्त मैरी-जोसे हॉग ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोपों का खंडन किया है।

हॉग आयोग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर गलत सूचनाएं फैलाईं। हालांकि इसमें यह भी साफ कर दिया गया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों के संबंध को साबित करने को लेकर कोई ठोस लिंक नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, यह हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संदिग्ध भारतीय संलिप्तता के बारे में पीएम ट्रूडो की घोषणा के बाद चलाए गए गलत सूचना अभियान के मामले में हो सकता है। हालांकि, फिर भी किसी विदेशी संलिप्तता का कोई प्रमाणिक संबंध साबित नहीं हो सका। बता दें कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

123 पन्नों की रिपोर्ट में, छह भारतीय राजनयिकों को निष्काषित किए जाने का भी जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, 'अक्तूबर 2024 में, कनाडा ने भारत सरकार से जुड़े एजेंटों द्वारा कनाडाई नागरिकों के खिलाफ लक्षित अभियान की प्रतिक्रिया में छह भारतीय राजनयिकों और वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को निष्काषित कर दिया।' हालांकि, भारत ने भी इसके जवाब में छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित किया और अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने की घोषणा की।

वहीं, इस रिपोर्ट में भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान को कनाडा के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इसमें कहा गया है कि भारत ने चुनाव में तीन राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को चुपचाप पैसे से मदद की है। इसके लिए प्रॉक्सी एजेंटों का इस्तेमाल हुआ है।

हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारत के हस्तक्षेप संबंधी बातों को पूरी तरह से खारिज किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, हकीकत यह है कि कनाडा भारत के आंतरिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप करता रहा है।

बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने नवंबर 2023 में देश की संसद में आरोप लगाया था कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय राजनयिक समेत कई लोग शामिल थे। ट्रूडो ने कहा था कि उनके पास इससे जुड़े सबूत भी हैं। कनाडाई प्रधानमंत्री के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया था।

आदतों से बाज नहीं आ रहा कनाडा, अब लगाया चुनाव में दखल का आरोप, भारत ने लगाई लताड़

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भारत-कनाडा के बीच जारी कूटनीतिक तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच कनाडा ने भारत पर चुनावों में दखल देने का आरोप लगाया गया है।कनाडा में विदेशी हस्तक्षेप की जांच कर रहे एक आयोग ने भारत पर चुनावी दखल देने का आरोप लगाया है। भारत ने सख्ती से इसका जवाब दिया है। दरअसल, कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा और संसद सदस्यों की खुफिया कमिटी की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कनाडा के कुछ सांसद प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर विदेशी दखल में शामिल थे।भारत के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने कनाडा चुनाव में हस्तक्षेप पर कथित गतिविधियों के बारे में एक रिपोर्ट देखी है। वास्तव में यह कनाडा ही है जो भारत के आंतरिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप करता रहा है। इससे अवैध प्रवास और संगठित आपराधिक गतिविधियों के लिए भी माहौल तैयार हुआ है। मंत्रालय ने कहा कि हम भारत पर आक्षेप लगाने वाली रिपोर्ट को खारिज करते हैं। उम्मीद करते हैं कि अवैध प्रवासन को सक्षम करने वाली सहायता प्रणाली को आगे बरकरार नहीं रखा जाएगा।

इससे पहले कनाडा की एक जांच रिपोर्ट में आरोप लगाए गए कि भारत प्रॉक्सी एजेंटों के माध्यम से तीन राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को गुप्त रूप से वित्तीय मदद दे रहा था। रिपोर्ट के अनुसार भारत चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला दूसरा सबसे सक्रिय देश था। हालांकि आयोग की चेयरपर्सन मैरी-जोसे होग ने यह भी स्वीकार किया कि कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं मिला कि कनाडाई सांसदों ने किसी विदेशी सरकार के साथ मिलकर साजिश रची थी। रिपोर्ट में पाकिस्तान पर भी 2019 के चुनावों से पहले लिबरल पार्टी को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है।

कनाडा के एक अखबार की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि भारत ने संघीय चुनाव में तीन राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को गुप्त वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रॉक्सी एजेंटों का इस्तेमाल किया। इस मामले में तत्कालीन पीएम जस्टिन ट्रूडो ने सितंबर 2023 में न्यायमूर्ति मैरी जोस हॉग को चीन, रूस और अन्य देशों द्वारा चुनावों में किए गए हस्तक्षेप की जांच के लिए बने आयोग के नेतृत्व का जिम्मा सौंपा था।

पिछले साल कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा ने भारत पर चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाया था। कनाडाई खुफिया विभाग ने कहा था कि कनाडा में भारत सरकार का एक सरकारी प्रॉक्सी एजेंट था, जिसका चुनावों में हस्तेक्षप करने का इरादा था। 2021 में भारत सरकार ने छोटे जिलों में हस्तेक्षप करने की कोशिश की थी। भारत को लगता था कि कनाडाई चुनाव का एक हिस्सा खालिस्तानी आंदोलन और पाकिस्तान समर्थक राजनीति से जुड़ा हुआ है। दस्तावेज के अनुसार, खुफिया जानकारी के अनुसार, प्रॉक्सी एजेंट ने भारत समर्थक उम्मीदवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में दखल दिया जा सके।

रिपोर्ट में उस समय का जिक्र किया गया है जब कनाडा ने 14 अक्टूबर, 2024 को छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था, क्योंकि पुलिस ने सबूत जुटाए थे कि वे भारत सरकार के अभियान का हिस्सा थे। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि भारत ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में गलत सूचना फैलाई, हालांकि, रिपोर्ट ने यह कहकर खुद का खंडन किया कि कनाडा को उनकी हत्या पर किसी विदेशी राज्य से कोई लिंक नहीं मिला।

*कैग रिपोर्ट में देरी होने पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकारा, कहा- आपकी ईमानदारी पर संदेह

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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आई कैग रिपोर्ट का मुद्दा दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। 7 भाजपा विधायकों ने कैग की रिपोर्ट पर विधानसभा में चर्चा करवाने की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई थी, जिस पर सोमवार को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। दिल्ली हाईकोर्ट ने कैग रिपोर्ट पर विचार करने में देरी के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जिस तरह से आपने अपने कदम पीछे खींचे हैं, उससे आपकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है।

हाईकोर्टकी नाराजगी की वजह

कोर्ट ने विजेंदर गुप्ता सहित भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने जोर देते हुए कहा, “आपको रिपोर्ट को तुरंत स्पीकर के पास भेजना चाहिए था और सदन में बहस शुरू करवानी चाहिए थी। दरअसल, दिल्‍ली सरकार की यह जिम्‍मेदारी थी कि इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाता, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने ऐसा नहीं किया। यही वजह है कि हाईकोर्ट ने सरकार के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर की।

आपका टालमटोल बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण-हाई कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि आप जिस तरह से टालमटोल कर रहे हैं, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। आपको कैग रिपोर्ट को विधानसभा स्पीकर के पास भेजने और विधानसभा में चर्चा करने में तत्पर होना चाहिए था।

कैग रिपोर्ट में किया गया दावा

सीएजी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास के रिनोवेशन पर 33.66 करोड़ रुपये खर्च किए थे। लागत से 342 प्रतिशत ज्‍यादा रकम इस काम के लिए खर्च की गई। रिपोर्ट में कहा गया कि अरविंद केजरीवाल के घर के रिनोवेशन का काम 8.62 करोड़ रुपये की निविदा पर किया जाना था। इसकी अनुमानित लागत 7.61 करोड़ तय की गई थी। शुरुआत में ही यह 13.21 प्रतिशत ज्‍यादा थी। जब अरविंद केजरीवाल के घर का काम खत्‍म हुआ तो यह अनुमानित लागत से 342.31 प्रतिशत ज्‍यादा था। यह रकम निविदा राशि से 290.49 प्रतिशत अधिक पाई गई।

एक देश, एक चुनाव' पर 18 हजार पन्नों की रिपोर्ट, जेपीसी सदस्यों को मिला सूटकेस

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एक देश एक चुनाव संबंधी दो विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की पहली बैठक बुधवार को हुई। इस दौरान सत्ता पक्ष विपक्ष से जुड़े तमाम सांसदों ने अपनी अपनी बात समिति के सामने रखी। सत्ता पक्ष से जुड़े हुए सांसदों ने जहां इस बिल को देश की जरूरत बताया तो वहीं विपक्षी सांसदों ने बिल को राज्यों के अधिकतर छीनने वाला बिल बताया। बैठक के बाद समिति के तमाम सदस्यों को एक बड़े सूटकेस में 18,000 से ज्यादा पन्नों के दस्तावेज भी सौंपे गए।

केंद्र सरकार ने शीतकालीन सत्र में पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का प्रस्ताव सामने रखा था। इसके लिए 39 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया गया था। इस समिति की आज यानी बुधवार को पहली बैठक हुई। समिति की इस पहली बैठक में 37 सांसद मौजूद रहे। इस समिति में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के सदस्य शामिल हैं, प्रियंका गांधी वाड्रा (कांग्रेस) से लेकर संजय झा (जद (यू), श्रीकांत शिंदे (शिवसेना), संजय सिंह (आप), और कल्याण बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस) समेत कई नेता शामिल हैं।

बैठक के पहले दिन एक देश एक चुनाव से संबंधित विधेयक के प्रावधानों को समिति के सदस्यों के सामने रखा गया। साथ ही इसके प्रावधानों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा भी की गई। बैठक में विधेयक के समर्थन में इसकी जरूरत और पूर्व में दी गई विभिन्न सिफारिशों को भी समिति के सामने रखा गया।

जेपीसी की बैठक में सबसे पहले कानून और विधि मंत्रालय की ओर से वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर प्रेजेंटेशन दी गई, लगभग 18 हजार पेज का प्रेजेंटेशन कानून मंत्रालय ने दिया है। इसके बाद कानून मंत्रालय की तरफ से 18 हजार पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट को जेपीसी सदस्यों को सौंपा गई। जेपीसी सदस्यों को एक नीले रंग का सूटकेस मिला।

नई दिल्ली में जेपीसी की मीटिंग खत्म होने के बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया। जिसमें उनके हाथ में एक नीले रंग का ट्रॉली बैग नजर आ रहा है। उन्होंने लिखा, 'एक देश-एक चुनाव की जेपीसी में हज़ारों पन्ने की रिपोर्ट मिली है। आज ONOE की JPC मीटिंग की पहली मीटिंग हुई।'

बांग्लादेश ने भारत में घुसकर 5 किलोमीटर तक किया कब्जा? बीएसएफ ने बताई सच्चाई

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पांच अगस्त, 2024 को बांग्लादेश में शेख हसीना सत्ता से बाहर हुईं। उसके बाद से बांग्लादेश से लगातार ऐसी खबरें आती रही हैं जिसमें भारत के साथ उसके संबंधों की तल्खी जाहिर होती रही है। इस बीच बांग्लादेश ने भारत की सीमा में घुसकर भारत की जमीन पर कब्जा लेने का दावा किया है। दावा किया जा रहा है कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने भारत की 5 किलोमीटर भूमि पर कब्जा कर लिया है। हालांकि, भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने उन खबरों को खारिज कर दिया है।

बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने एक बयान में कहा कि बांग्लादेशी मीडिया में छपी इस रिपोर्ट में 'सत्यता और योग्यता' का अभाव है। बीएसएफ ने दावे से इनकार किया और कहा कि बीजीबी को एक विरोध पत्र भेजा गया है। बीएसएफ ने बीजीबी के दावे के बारे में केंद्र सरकार को भी सूचित किया है। बीएसएफ ने बीजीबी को लिखे पत्र में बांग्लादेश एजेंसी के दावे को निराधार, गैर-जिम्मेदाराना और किसी भी सच्चाई और योग्यता से रहित बताया।

बीजीबी के कमांडिंग ऑफिसर की पहचान करते हुए, बीएसएफ ने लिखा: 58 बीजीबी के नवनियुक्त कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल द्वारा किए गए झूठे और मनगढ़ंत दावे किये गए हैं। इस तरह की मीडिया रिपोर्ट केवल दोनों सीमा सुरक्षा बलों के बीच संबंधों को खराब करेंगे। पत्र में बीएसएफ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। पत्र में लिखा है,बीएसएफ और बीजीबी दोनों कोडलिया नदी के अपने किनारे पर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, जिसका केंद्र आईबी है।

बीएसएफ ने बताया कि जिस क्षेत्र का सवाल उठाया गया है, वह क्षेत्र उत्तर 24 परगना जिले के बागदा ब्लॉक के रणघाट गांव में है। अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) कोडलिया नदी के साथ चलती है, जिसे दोनों तरफ खंभों से सीमांकित किया गया है। बीएसएफ ने उन दावों का भी खंडन किया, जिसमें कहा गया है कि बीजीबी कर्मियों ने 19 दिसंबर से क्षेत्र में गश्त शुरू कर दी है।

बीएसएफ अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर कंटीले तार की बाड़ लगाने का काम शांतिपूर्ण ढंग से फिर से शुरू हो गया है। यह काम पहले कुछ समय के लिए रोक दिया गया था, क्योंकि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने आपत्ति जताई थी। मालदा के कालियाचक नंबर 3 ब्लॉक के सुकदेवपुर इलाके में यह काम सोमवार को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। बीजीबी ने दावा किया था कि यह काम बांग्लादेशी क्षेत्र में किया जा रहा है। लेकिन बातचीत के जरिए यह समस्या सुलझ गई और मंगलवार को काम बिना किसी बाधा के फिर से शुरू हो गया।

इससे पहले बीजीबी कमांडर ने नदी के तट पर खड़े होकर दावा किया कि जो नदी आप देख रहे हैं, उसे स्थानीय तौर पर कोटला नदी के नाम से जाना जाता है। आधिकारिक तौर पर हम इसे कोडालिया नदी के नाम से जानते हैं। पहले, यदि कोई बांग्लादेशी नागरिक नदी के करीब आता था या उसके पानी में उतरने की कोशिश करता था, तो हमारी प्रतिद्वंद्वी सेना (बीएसएफ) उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर कर देती थी। चूंकि यह नदी बांग्लादेश के अधिकार क्षेत्र में है, इसलिए हमने इस पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है। अब आप देख सकते हैं कि हमारे देश के लोग नदी में मछली पकड़ रहे हैं। यह अभ्यास पिछले दो सप्ताह से चल रहा है।

कैग रिपोर्ट में केजरीवाल के ‘काले कारनामों’, 'शीश महल' बनाने में उड़ाई नियमों की धज्जियां, खर्ज किए करोड़ों
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* दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का घर फिर चर्चा में है। दिल्‍ली चुनाव से ठीक पहले सीएजी यानी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने सरकारी आवास के रिनोवेशन पर 33.66 करोड़ रुपये खर्च किए। दावा किया गया कि सीएम हाउस पर तय लागत से 342 प्रतिशत ज्‍यादा रकम खर्च की गई। पहले ही अरविंद केजरीवाल के घर को 'शीशमहल' बता चुकी बीजेपी दिल्‍ली चुनाव के बीचे इसे मुद्दा बनाने की कोशिश करने में लगी है। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना इजाज़त लिए इमरजेंसी क्‍लॉज का इस्तेमाल करके बंगला बनाया है। साथ ही दावा किया कि एमसीडी की इजाजत लिये बिना बंगला बनाया गया। साल 2022 तक इस बंगले पर क़रीब 33 करोड़ रुपये खर्च किया गया। कैग रिपोर्ट में अरविंद केजरीवाल के बंगले को लेकर 139 सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीडब्ल्यूडी ने निजी संस्था के तौर पर काम किया, बिना इजाज़त करोड़ रुपये बंगला बनाने के लिए खर्च किए। पहले 7 करोड़ 91 लाख का बजट इमरजेंसी के तौर पर पास किया गया था। साल 2020 में पहला वर्क स्टीमेट बना जब दिल्ली कोविड की मार झेल रहा था। भाजपा नेता वीरेंद्र सचदेवा ने कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बंगले पर 75 से 80 करोड़ रुपये खर्च किए थे। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, कैग रिपोर्ट में 2023 और 2024 का खुलासा होना बाकी है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि 2020 में जब दिल्ली की जनता अपने लोगों को खो रही थी। उस समय अरविंद केजरीवाल अपना शीश महल बनवा रहे थे। किसी भी सरकारी विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई। इसके निर्माण में अनियमितताएं बरती गईं। पीडब्ल्यूडी विभाग ने 2024 में जो इन्वेंटरी घोषित की है और जो समान दिखाया है कि यह पीडब्ल्यूडी ने नहीं लगाया है, वह समान कहां से आया। वह किसका पैसा है? इसका जवाब अरविंद केजरीवाल को देना होगा।
नए वायरस पर क्या फिर झूठ बोल रहा चीन? कोरोना काल का डरावना मंजर फिर देखने को ना मिले

#chinadismissesreportsofmassivefluoutbreak

दुनिया में पांच साल पहले कोरोना वायरस ने दस्‍तक दी थी। चीन के वुहान में सामने आए इस वायरस ने देखते ही देखते लाखों लोगों को मौत की नींद में सुला दिया। कुछ वक्‍त गुजरा, वायरस का प्रकोप कम पड़ा, लोगों ने राहत की सांस ली। अब चीन में कोरोना जैसे एक नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) की दस्‍तक की खबर है। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो वहां के अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। यहां तक श्मशानों में भी शवों की दफनाने के लिए लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं। हालांकि, चीन इस बात को मानने से इनकार कर रहा है।

कोरोना के फैलाव के लिए दुनिया चीन को जिम्मेदार ठहराती है, लेकिन चीन ने कभी इसे स्वीकार नहीं किया। जिस तरह चीन ने समय रहते कोरोना पर दुनिया को सचेत नहीं किया था। क्या उसी तरह चीन इस बार भी जानकारी छिपा रहा है?

चीन ने फ्लू के प्रकोप की खबरों को खारिज किया

दरअसल, चीन ने देश में बड़े पैमाने पर फ्लू के प्रकोप संबंधी खबरों को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए शुक्रवार को कहा कि सर्दियों के दौरान होने वाली श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले पिछले साल की तुलना में इस वर्ष कम गंभीर हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेशियों के लिए चीन की यात्रा करना सुरक्षित है। मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने देश में 'इन्फ्लूएंजा ए' और अन्य श्वसन रोगों के फैलने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा, ''सर्दियों के मौसम में श्वसन संक्रमण चरम पर होता है।''

एक तरफ सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में चीन के अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ दिख रही है। दूसरी तरफ निंग ने कहा, ''पिछले वर्ष की तुलना में ये बीमारियां कम गंभीर प्रतीत होती हैं और छोटे स्तर पर फैल रही हैं।'' उन्होंने कहा, ''मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि चीन सरकार चीनी नागरिकों और विदेशियों के स्वास्थ्य की परवाह करती है। चीन में यात्रा करना सुरक्षित है।''

क्या है तस्वीरों का सच?

चीन नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से जूझ रहा है। चीन के सोशल मीडिया पर भीड़ भरे हेल्‍थ सेंटर्स की तस्‍वीरों का अंबार लगा है। चीन से सामने आई रिपोर्टों और सोशल मीडिया पोस्‍ट के मुताबिक, संक्रमितों से अस्‍पताल भरे हैं और अंतिम संस्‍कार स्‍थलों पर भीड़ बढ़ गई है। बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि इन्फ्लूएंजा ए, एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 सहित कई वायरस चीन में घूम रहे हैं। साथ ही इस तरह के दावे भी किए जा रहे हैं कि चीन ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है। चीन के अधिकारियों ने लोगों से मास्‍क लगाने और लगातार हाथ धोने के लिए कहा है। हालांकि इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

कोरोना की तरह चीन इस बार भी छिपा रहा जानकारी?

बता दें कि चीन में बच्चों में फैल रही इस बीमारी की जानकारी प्रो-मेड नाम की संस्था ने दी है। ये संस्था इंसान और पशुओं की बीमारी के फैलाव पर नज़र रखती है। इसी प्रो-मेड संस्था ने दिसंबर 2019 में कोविड 19 वायरस को लेकर चेतावनी दी थी, जबकि इसके 2 महीने बाद दुनिया को इस वायरस के खतरे का एहसास हुआ। अब प्रो-मेड ने एक बार फिर दुनिया को अलर्ट किया है, लेकिन चीन चुप्पी साधे हुए है।

चीन पर शक की क्‍या है वजह?

चीन कड़े सेंसरशिप कानूनों को लागू करता है। यही कारण है कि चीन से सच पूरी तरह से बाहर नहीं आ पाता है। ऐसे में चीन और चीन की सरकार हमेशा से ही संदेह के घेरे में रहती है।

CDS बिपिन रावत हेलीकॉप्टर क्रेश में बड़ा खुलासा, संसद में पेश हुई जांच रिपोर्ट

#panel_report_on_cds_bipin_rawat_chopper_crash_caused_human_error

देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत की मृत्यु के मामले में जांच के लिए गठित संसदीय समिति की रिपोर्ट सामने आ गई है।जिसमें हादसे के पीछे मानवीय चूक को वजह बताया है।साल 2021 में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत की मौत हुई थी। इस हादसे में उनकी पत्‍नी मधुलिका रावत समेत कुल 12 लोगों की जान चली गई थी। तब इस हादसे को लेकर कई तरह के दावे क‍िए गए लेकिन घटना के 3 साल बाद संसद की स्‍थायी समित‍ि ने उनकी मौत को लेकर जांच रिपोर्ट लोकसभा में पेश की है। रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया है क‍ि बिप‍िन रावत का हेलीकॉप्टर मानवीय त्रुटि की वजह से दुर्घटनाग्रस्‍त हुआ।

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में आठ दिसंबर 2021 को हुई एमआई-17 वी5 हेलिकॉप्टर दुर्घटना मामले की जांच रिपोर्ट संसद में मंगलवार को पेश की। रिपोर्ट में रक्षा संबंधी स्थायी समिति ने 13वीं रक्षा योजना अवधि के दौरान हुई भारतीय वायुसेना के विमानों की दुर्घटनाओं की संख्या पर आंकड़े साझा किए। कुल 34 दुर्घटनाएं हुईं थीं, जिनमें 2021-22 में भारतीय वायुसेना के नौ विमानों के साथ दुर्घटनाएं हुईं और 2018-19 में 11 विमान दुर्घटनाएं शामिल हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना 'ह्यूमन एरर (एयरक्रू)' के कारण हुई थी। यानी रिपोर्ट में साफ-साफ है कि पायलट की गलती की वजह से यह हादसा हुआ।

जांच दल ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट में कहा था, "घाटी में मौसम के अचानक बदलने से हेलीकॉप्टर बादलों में चला गया था। इससे पायलट को दिशा का अंदाजा नहीं रहा। इस वजह से 'कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन' हुआ।" दूसरे शब्दों में पायलट को पता ही नहीं चला कि हेलीकॉप्टर जमीन से टकराने वाला है। जांच दल ने फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का विश्लेषण किया था। सभी गवाहों से पूछताछ के बाद दुर्घटना का सबसे संभावित कारण पता लगाया गया था।

देश के पहले सीडीएस प्रमुख जनरल विपिन रावत 8 दिसंबर 2021 को अपनी पत्नी मधुलिका और 12 अन्य सशस्त्र बल कर्मी तमिलनाडु के कोयंबटूर के सुलूर एयरफोर्स बेस से वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज जा रहे थे। वे Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर में सवार थे। लैंडिंग से ठीक पहले ही हेलीकॉप्टर पहाड़ियों से टकरा गया था। इस घटना में हेलीकॉप्टर में सवार सभी 12 लोगों की मौत हो गई थी।

पहाड़ों की बर्फबारी के बाद ठिठुरी देश की राजधानी दिल्ली, उत्तर भारत में अगले चार दिन शीतलहर का अलर्ट

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पहाड़ों पर बर्फबारी के साथ-साथ हल्की बारिश हो रही है। कश्मीर के गुलमर्ग, राजदान पास, सोनमर्ग, जोजिला सहित कई पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हुई है, जिससे शीतलहर और तेज हो गई है। कश्मीर घाटी में पहले से ही तापमान माइनस में चल रहा है और उसके ऊपर से हो रही बर्फबारी ने कंपकपी बढ़ा दी है। जम्मू संभाग में भी सर्दी का पिछले साल का रिकॉर्ड टूट गया है। लेह और लद्दाख में भी खून को जमा देने वाली ठंड पड़ रही है। जिसका असर पूरे उत्तर भारत में दिख रहा है। इन इलाकों में लगातार तापमान गिर रहा है।

मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में दिल्ली, यूपी, बिहार, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को इस सर्दी का अब तक का सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। इस दौरान न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस डिग्री दर्ज किया गया। आईएमडी ने कहा कि दिसंबर की शुरुआत में न्यूनतम तापमान 37 वर्षों में पहली बार पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया है। आंकड़ों के अनुसार इस अवधि के दौरान सबसे कम न्यूनतम तापमान 6 दिसंबर 1987 को 4.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

येलो अलर्ट किया गया है जारी

मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में 12 दिसंबर को अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी में अगले दो दिनों तक शीतलहर चलने और घना कोहरे होने की संभावना, जिसकी वजह से विभाग ने येलो अलर्ट भी जारी किया है।

हिमाचल से आ रही हवाओं ने बढ़ाई ठंड

मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि हिमालय से सीधी आ रही बर्फीली हवाओं ने हरियाणा, एनसीआर और दिल्ली को अपने आगोश में ले लिया है। तापमान जमाव बिंदु के पास पहुंच गया है।हिमाचल प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर बुधवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री नीचे दर्ज किया गया जबकि कुछ इलाकों में हल्की बर्फबारी भी हुई। इस दौरान राज्य में जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति का ताबो सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 12.7 डिग्री नीचे दर्ज किया गया। पश्चिमी जिलों में खेत खलिहानों और खुले स्थानों पर पाला जमने लगा है। बारिश न होने से अभी सूखी ठंड का सामना लोगों को करना पड़ रहा है। हालांकि दिन में चमकदार धूप खिली रहने से दिन में ठंड से लोगों को राहत मिल रही है। 5-10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बर्फीली हवा चलने से कोहरा भी नहीं बन रहा है। बुधवार को प्रदेश में अधिकतर स्थानों पर दिन व रात का ताप मान सामान्य से नीचे बना हुआ है।

कश्मीर में बर्फबारी के बाद शीतलहर और तेज

इधर, कश्मीर के गुलमर्ग, राजदान पास, सोनमर्ग, जोजिला सहित कई पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हुई है, जिससे शीतलहर और तेज हो गई है। कश्मीर में रात के तापमान में सुधार आया है, लेकिन अधिकांश जिलों में दिन के साथ रात का पारा सामान्य से 2 से 6 डिग्री नीचे चल रहा है। राजधानी श्रीनगर में दिन का तापमान 8.8, पहलगाम में 4.2 और गुलमर्ग में माइनस 0.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लेह में खून जमा देने वाली ठंड के बीच दिन और रात का पारा शून्य डिग्री से नीचे चल रहा है। जम्मू में रात का पारा सामान्य से 5.2 डिग्री गिरकर 5.0 डिग्री तक पहुंच गया, जो इस सीजन की सर्द रात बीती। इस पारे ने पिछले साल का न्यूनतम तापमान का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। जम्मू में 19 दिसंबर 2023 को न्यूनतम तापमान 5.7 डिग्री दर्ज किया गया था।

जगदंबिका पाल ने ओम बिरला को सौंपी वक्फ विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट, बजट सत्र में संसद में की जाएगी पेश

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वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर संसद की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) ने गुरुवार को ड्रॉफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी। इस दौरान जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे सहित अन्य भाजपा सांसद मौजूद रहे। विपक्ष का कोई सांसद नजर नहीं आया।जेपीसी ने एक दिन पहले ही ड्रॉफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। 16 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट डाला। वहीं 11 मेंबर्स ने विरोध किया। कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने इस बिल पर आपत्ति जताई।

समिति ने बुधवार को 655 पृष्ठों वाली इस रिपोर्ट को बहुमत से स्वीकार किया था, जिसमें बीजेपी के सदस्यों की ओर से दिए गए सुझाव को शामिल किया गया है। वहीं विपक्षी सदस्यों ने इसे असंवैधानिक बताया है। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट को 11 के मुकाबले 15 मतों से मंजूरी दे दी गई। इस समिति की रिपोर्ट को विपक्षी सदस्यों ने असहमति के नोट दिए हैं। विपक्षी पार्टी के सदस्यों का आरोप है कि यह कदम वक्फ बोर्डों को बर्बाद कर देगा।

बजट सत्र में पेश की जाएगी रिपोर्ट

जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपनी रिपोर्ट बजट सत्र के दौरान पेश करेगी। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। सेंट्रल बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी सिस्टम में सुधारों को लाकर इन चुनौतियों को हल करना है।

8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था

संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष की आपत्ति और भारी विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के जेपीसी को भेज दिया गया था। वक्फ बिल संशोधन पर बनी 31 सदस्यीय जेपीसी की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी

जेपीसी में हंगामे के बाद निलंबित हुए थे 10 मेंबर्स

जेपीसी की 24 जनवरी को दिल्ली में हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। आरोप लगाया कि बीजेपी दिल्ली चुनावों के कारण ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को संसद में जल्दी पेश करने पर जोर दे रही है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है। समिति ने बनर्जी-ओवैसी सहित 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया।

कनाडाई जांच एजेंसी ने कहा- निज्‍जर की हत्‍या में भारत क हाथ नहीं, ट्रूडो के आरोपों को किया खारिज

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कनाडा के निवर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को उन्हें के देश की जेंसी ने बड़ा झटका दिया है। विदेशी हस्तक्षेप पर कनाडा सरकार की तरफ से गठित मैरी जोसी हॉग आयोग ने भारत को बेदाग करार दिया है। कनाडा की जांच आयुक्त मैरी-जोसे हॉग ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोपों का खंडन किया है।

हॉग आयोग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर गलत सूचनाएं फैलाईं। हालांकि इसमें यह भी साफ कर दिया गया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों के संबंध को साबित करने को लेकर कोई ठोस लिंक नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, यह हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संदिग्ध भारतीय संलिप्तता के बारे में पीएम ट्रूडो की घोषणा के बाद चलाए गए गलत सूचना अभियान के मामले में हो सकता है। हालांकि, फिर भी किसी विदेशी संलिप्तता का कोई प्रमाणिक संबंध साबित नहीं हो सका। बता दें कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

123 पन्नों की रिपोर्ट में, छह भारतीय राजनयिकों को निष्काषित किए जाने का भी जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, 'अक्तूबर 2024 में, कनाडा ने भारत सरकार से जुड़े एजेंटों द्वारा कनाडाई नागरिकों के खिलाफ लक्षित अभियान की प्रतिक्रिया में छह भारतीय राजनयिकों और वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को निष्काषित कर दिया।' हालांकि, भारत ने भी इसके जवाब में छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित किया और अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने की घोषणा की।

वहीं, इस रिपोर्ट में भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान को कनाडा के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इसमें कहा गया है कि भारत ने चुनाव में तीन राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को चुपचाप पैसे से मदद की है। इसके लिए प्रॉक्सी एजेंटों का इस्तेमाल हुआ है।

हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारत के हस्तक्षेप संबंधी बातों को पूरी तरह से खारिज किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, हकीकत यह है कि कनाडा भारत के आंतरिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप करता रहा है।

बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने नवंबर 2023 में देश की संसद में आरोप लगाया था कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय राजनयिक समेत कई लोग शामिल थे। ट्रूडो ने कहा था कि उनके पास इससे जुड़े सबूत भी हैं। कनाडाई प्रधानमंत्री के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया था।

आदतों से बाज नहीं आ रहा कनाडा, अब लगाया चुनाव में दखल का आरोप, भारत ने लगाई लताड़

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भारत-कनाडा के बीच जारी कूटनीतिक तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच कनाडा ने भारत पर चुनावों में दखल देने का आरोप लगाया गया है।कनाडा में विदेशी हस्तक्षेप की जांच कर रहे एक आयोग ने भारत पर चुनावी दखल देने का आरोप लगाया है। भारत ने सख्ती से इसका जवाब दिया है। दरअसल, कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा और संसद सदस्यों की खुफिया कमिटी की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कनाडा के कुछ सांसद प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर विदेशी दखल में शामिल थे।भारत के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने कनाडा चुनाव में हस्तक्षेप पर कथित गतिविधियों के बारे में एक रिपोर्ट देखी है। वास्तव में यह कनाडा ही है जो भारत के आंतरिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप करता रहा है। इससे अवैध प्रवास और संगठित आपराधिक गतिविधियों के लिए भी माहौल तैयार हुआ है। मंत्रालय ने कहा कि हम भारत पर आक्षेप लगाने वाली रिपोर्ट को खारिज करते हैं। उम्मीद करते हैं कि अवैध प्रवासन को सक्षम करने वाली सहायता प्रणाली को आगे बरकरार नहीं रखा जाएगा।

इससे पहले कनाडा की एक जांच रिपोर्ट में आरोप लगाए गए कि भारत प्रॉक्सी एजेंटों के माध्यम से तीन राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को गुप्त रूप से वित्तीय मदद दे रहा था। रिपोर्ट के अनुसार भारत चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला दूसरा सबसे सक्रिय देश था। हालांकि आयोग की चेयरपर्सन मैरी-जोसे होग ने यह भी स्वीकार किया कि कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं मिला कि कनाडाई सांसदों ने किसी विदेशी सरकार के साथ मिलकर साजिश रची थी। रिपोर्ट में पाकिस्तान पर भी 2019 के चुनावों से पहले लिबरल पार्टी को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है।

कनाडा के एक अखबार की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि भारत ने संघीय चुनाव में तीन राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को गुप्त वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रॉक्सी एजेंटों का इस्तेमाल किया। इस मामले में तत्कालीन पीएम जस्टिन ट्रूडो ने सितंबर 2023 में न्यायमूर्ति मैरी जोस हॉग को चीन, रूस और अन्य देशों द्वारा चुनावों में किए गए हस्तक्षेप की जांच के लिए बने आयोग के नेतृत्व का जिम्मा सौंपा था।

पिछले साल कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा ने भारत पर चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाया था। कनाडाई खुफिया विभाग ने कहा था कि कनाडा में भारत सरकार का एक सरकारी प्रॉक्सी एजेंट था, जिसका चुनावों में हस्तेक्षप करने का इरादा था। 2021 में भारत सरकार ने छोटे जिलों में हस्तेक्षप करने की कोशिश की थी। भारत को लगता था कि कनाडाई चुनाव का एक हिस्सा खालिस्तानी आंदोलन और पाकिस्तान समर्थक राजनीति से जुड़ा हुआ है। दस्तावेज के अनुसार, खुफिया जानकारी के अनुसार, प्रॉक्सी एजेंट ने भारत समर्थक उम्मीदवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में दखल दिया जा सके।

रिपोर्ट में उस समय का जिक्र किया गया है जब कनाडा ने 14 अक्टूबर, 2024 को छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था, क्योंकि पुलिस ने सबूत जुटाए थे कि वे भारत सरकार के अभियान का हिस्सा थे। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि भारत ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में गलत सूचना फैलाई, हालांकि, रिपोर्ट ने यह कहकर खुद का खंडन किया कि कनाडा को उनकी हत्या पर किसी विदेशी राज्य से कोई लिंक नहीं मिला।

*कैग रिपोर्ट में देरी होने पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकारा, कहा- आपकी ईमानदारी पर संदेह

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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आई कैग रिपोर्ट का मुद्दा दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। 7 भाजपा विधायकों ने कैग की रिपोर्ट पर विधानसभा में चर्चा करवाने की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई थी, जिस पर सोमवार को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। दिल्ली हाईकोर्ट ने कैग रिपोर्ट पर विचार करने में देरी के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जिस तरह से आपने अपने कदम पीछे खींचे हैं, उससे आपकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है।

हाईकोर्टकी नाराजगी की वजह

कोर्ट ने विजेंदर गुप्ता सहित भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने जोर देते हुए कहा, “आपको रिपोर्ट को तुरंत स्पीकर के पास भेजना चाहिए था और सदन में बहस शुरू करवानी चाहिए थी। दरअसल, दिल्‍ली सरकार की यह जिम्‍मेदारी थी कि इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाता, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने ऐसा नहीं किया। यही वजह है कि हाईकोर्ट ने सरकार के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर की।

आपका टालमटोल बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण-हाई कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि आप जिस तरह से टालमटोल कर रहे हैं, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। आपको कैग रिपोर्ट को विधानसभा स्पीकर के पास भेजने और विधानसभा में चर्चा करने में तत्पर होना चाहिए था।

कैग रिपोर्ट में किया गया दावा

सीएजी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास के रिनोवेशन पर 33.66 करोड़ रुपये खर्च किए थे। लागत से 342 प्रतिशत ज्‍यादा रकम इस काम के लिए खर्च की गई। रिपोर्ट में कहा गया कि अरविंद केजरीवाल के घर के रिनोवेशन का काम 8.62 करोड़ रुपये की निविदा पर किया जाना था। इसकी अनुमानित लागत 7.61 करोड़ तय की गई थी। शुरुआत में ही यह 13.21 प्रतिशत ज्‍यादा थी। जब अरविंद केजरीवाल के घर का काम खत्‍म हुआ तो यह अनुमानित लागत से 342.31 प्रतिशत ज्‍यादा था। यह रकम निविदा राशि से 290.49 प्रतिशत अधिक पाई गई।

एक देश, एक चुनाव' पर 18 हजार पन्नों की रिपोर्ट, जेपीसी सदस्यों को मिला सूटकेस

#onoe_first_meeting_jpc_members_received_18_thousand_pages_of_report

एक देश एक चुनाव संबंधी दो विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की पहली बैठक बुधवार को हुई। इस दौरान सत्ता पक्ष विपक्ष से जुड़े तमाम सांसदों ने अपनी अपनी बात समिति के सामने रखी। सत्ता पक्ष से जुड़े हुए सांसदों ने जहां इस बिल को देश की जरूरत बताया तो वहीं विपक्षी सांसदों ने बिल को राज्यों के अधिकतर छीनने वाला बिल बताया। बैठक के बाद समिति के तमाम सदस्यों को एक बड़े सूटकेस में 18,000 से ज्यादा पन्नों के दस्तावेज भी सौंपे गए।

केंद्र सरकार ने शीतकालीन सत्र में पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का प्रस्ताव सामने रखा था। इसके लिए 39 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया गया था। इस समिति की आज यानी बुधवार को पहली बैठक हुई। समिति की इस पहली बैठक में 37 सांसद मौजूद रहे। इस समिति में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के सदस्य शामिल हैं, प्रियंका गांधी वाड्रा (कांग्रेस) से लेकर संजय झा (जद (यू), श्रीकांत शिंदे (शिवसेना), संजय सिंह (आप), और कल्याण बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस) समेत कई नेता शामिल हैं।

बैठक के पहले दिन एक देश एक चुनाव से संबंधित विधेयक के प्रावधानों को समिति के सदस्यों के सामने रखा गया। साथ ही इसके प्रावधानों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा भी की गई। बैठक में विधेयक के समर्थन में इसकी जरूरत और पूर्व में दी गई विभिन्न सिफारिशों को भी समिति के सामने रखा गया।

जेपीसी की बैठक में सबसे पहले कानून और विधि मंत्रालय की ओर से वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर प्रेजेंटेशन दी गई, लगभग 18 हजार पेज का प्रेजेंटेशन कानून मंत्रालय ने दिया है। इसके बाद कानून मंत्रालय की तरफ से 18 हजार पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट को जेपीसी सदस्यों को सौंपा गई। जेपीसी सदस्यों को एक नीले रंग का सूटकेस मिला।

नई दिल्ली में जेपीसी की मीटिंग खत्म होने के बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया। जिसमें उनके हाथ में एक नीले रंग का ट्रॉली बैग नजर आ रहा है। उन्होंने लिखा, 'एक देश-एक चुनाव की जेपीसी में हज़ारों पन्ने की रिपोर्ट मिली है। आज ONOE की JPC मीटिंग की पहली मीटिंग हुई।'

बांग्लादेश ने भारत में घुसकर 5 किलोमीटर तक किया कब्जा? बीएसएफ ने बताई सच्चाई

#bsf_dismisses_reports_of_bgb_taking_control_of_indian_territory

पांच अगस्त, 2024 को बांग्लादेश में शेख हसीना सत्ता से बाहर हुईं। उसके बाद से बांग्लादेश से लगातार ऐसी खबरें आती रही हैं जिसमें भारत के साथ उसके संबंधों की तल्खी जाहिर होती रही है। इस बीच बांग्लादेश ने भारत की सीमा में घुसकर भारत की जमीन पर कब्जा लेने का दावा किया है। दावा किया जा रहा है कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने भारत की 5 किलोमीटर भूमि पर कब्जा कर लिया है। हालांकि, भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने उन खबरों को खारिज कर दिया है।

बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने एक बयान में कहा कि बांग्लादेशी मीडिया में छपी इस रिपोर्ट में 'सत्यता और योग्यता' का अभाव है। बीएसएफ ने दावे से इनकार किया और कहा कि बीजीबी को एक विरोध पत्र भेजा गया है। बीएसएफ ने बीजीबी के दावे के बारे में केंद्र सरकार को भी सूचित किया है। बीएसएफ ने बीजीबी को लिखे पत्र में बांग्लादेश एजेंसी के दावे को निराधार, गैर-जिम्मेदाराना और किसी भी सच्चाई और योग्यता से रहित बताया।

बीजीबी के कमांडिंग ऑफिसर की पहचान करते हुए, बीएसएफ ने लिखा: 58 बीजीबी के नवनियुक्त कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल द्वारा किए गए झूठे और मनगढ़ंत दावे किये गए हैं। इस तरह की मीडिया रिपोर्ट केवल दोनों सीमा सुरक्षा बलों के बीच संबंधों को खराब करेंगे। पत्र में बीएसएफ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। पत्र में लिखा है,बीएसएफ और बीजीबी दोनों कोडलिया नदी के अपने किनारे पर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, जिसका केंद्र आईबी है।

बीएसएफ ने बताया कि जिस क्षेत्र का सवाल उठाया गया है, वह क्षेत्र उत्तर 24 परगना जिले के बागदा ब्लॉक के रणघाट गांव में है। अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) कोडलिया नदी के साथ चलती है, जिसे दोनों तरफ खंभों से सीमांकित किया गया है। बीएसएफ ने उन दावों का भी खंडन किया, जिसमें कहा गया है कि बीजीबी कर्मियों ने 19 दिसंबर से क्षेत्र में गश्त शुरू कर दी है।

बीएसएफ अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर कंटीले तार की बाड़ लगाने का काम शांतिपूर्ण ढंग से फिर से शुरू हो गया है। यह काम पहले कुछ समय के लिए रोक दिया गया था, क्योंकि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने आपत्ति जताई थी। मालदा के कालियाचक नंबर 3 ब्लॉक के सुकदेवपुर इलाके में यह काम सोमवार को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। बीजीबी ने दावा किया था कि यह काम बांग्लादेशी क्षेत्र में किया जा रहा है। लेकिन बातचीत के जरिए यह समस्या सुलझ गई और मंगलवार को काम बिना किसी बाधा के फिर से शुरू हो गया।

इससे पहले बीजीबी कमांडर ने नदी के तट पर खड़े होकर दावा किया कि जो नदी आप देख रहे हैं, उसे स्थानीय तौर पर कोटला नदी के नाम से जाना जाता है। आधिकारिक तौर पर हम इसे कोडालिया नदी के नाम से जानते हैं। पहले, यदि कोई बांग्लादेशी नागरिक नदी के करीब आता था या उसके पानी में उतरने की कोशिश करता था, तो हमारी प्रतिद्वंद्वी सेना (बीएसएफ) उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर कर देती थी। चूंकि यह नदी बांग्लादेश के अधिकार क्षेत्र में है, इसलिए हमने इस पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है। अब आप देख सकते हैं कि हमारे देश के लोग नदी में मछली पकड़ रहे हैं। यह अभ्यास पिछले दो सप्ताह से चल रहा है।

कैग रिपोर्ट में केजरीवाल के ‘काले कारनामों’, 'शीश महल' बनाने में उड़ाई नियमों की धज्जियां, खर्ज किए करोड़ों
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* दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का घर फिर चर्चा में है। दिल्‍ली चुनाव से ठीक पहले सीएजी यानी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने सरकारी आवास के रिनोवेशन पर 33.66 करोड़ रुपये खर्च किए। दावा किया गया कि सीएम हाउस पर तय लागत से 342 प्रतिशत ज्‍यादा रकम खर्च की गई। पहले ही अरविंद केजरीवाल के घर को 'शीशमहल' बता चुकी बीजेपी दिल्‍ली चुनाव के बीचे इसे मुद्दा बनाने की कोशिश करने में लगी है। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना इजाज़त लिए इमरजेंसी क्‍लॉज का इस्तेमाल करके बंगला बनाया है। साथ ही दावा किया कि एमसीडी की इजाजत लिये बिना बंगला बनाया गया। साल 2022 तक इस बंगले पर क़रीब 33 करोड़ रुपये खर्च किया गया। कैग रिपोर्ट में अरविंद केजरीवाल के बंगले को लेकर 139 सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीडब्ल्यूडी ने निजी संस्था के तौर पर काम किया, बिना इजाज़त करोड़ रुपये बंगला बनाने के लिए खर्च किए। पहले 7 करोड़ 91 लाख का बजट इमरजेंसी के तौर पर पास किया गया था। साल 2020 में पहला वर्क स्टीमेट बना जब दिल्ली कोविड की मार झेल रहा था। भाजपा नेता वीरेंद्र सचदेवा ने कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बंगले पर 75 से 80 करोड़ रुपये खर्च किए थे। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, कैग रिपोर्ट में 2023 और 2024 का खुलासा होना बाकी है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि 2020 में जब दिल्ली की जनता अपने लोगों को खो रही थी। उस समय अरविंद केजरीवाल अपना शीश महल बनवा रहे थे। किसी भी सरकारी विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई। इसके निर्माण में अनियमितताएं बरती गईं। पीडब्ल्यूडी विभाग ने 2024 में जो इन्वेंटरी घोषित की है और जो समान दिखाया है कि यह पीडब्ल्यूडी ने नहीं लगाया है, वह समान कहां से आया। वह किसका पैसा है? इसका जवाब अरविंद केजरीवाल को देना होगा।
नए वायरस पर क्या फिर झूठ बोल रहा चीन? कोरोना काल का डरावना मंजर फिर देखने को ना मिले

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दुनिया में पांच साल पहले कोरोना वायरस ने दस्‍तक दी थी। चीन के वुहान में सामने आए इस वायरस ने देखते ही देखते लाखों लोगों को मौत की नींद में सुला दिया। कुछ वक्‍त गुजरा, वायरस का प्रकोप कम पड़ा, लोगों ने राहत की सांस ली। अब चीन में कोरोना जैसे एक नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) की दस्‍तक की खबर है। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो वहां के अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। यहां तक श्मशानों में भी शवों की दफनाने के लिए लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं। हालांकि, चीन इस बात को मानने से इनकार कर रहा है।

कोरोना के फैलाव के लिए दुनिया चीन को जिम्मेदार ठहराती है, लेकिन चीन ने कभी इसे स्वीकार नहीं किया। जिस तरह चीन ने समय रहते कोरोना पर दुनिया को सचेत नहीं किया था। क्या उसी तरह चीन इस बार भी जानकारी छिपा रहा है?

चीन ने फ्लू के प्रकोप की खबरों को खारिज किया

दरअसल, चीन ने देश में बड़े पैमाने पर फ्लू के प्रकोप संबंधी खबरों को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए शुक्रवार को कहा कि सर्दियों के दौरान होने वाली श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले पिछले साल की तुलना में इस वर्ष कम गंभीर हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेशियों के लिए चीन की यात्रा करना सुरक्षित है। मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने देश में 'इन्फ्लूएंजा ए' और अन्य श्वसन रोगों के फैलने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा, ''सर्दियों के मौसम में श्वसन संक्रमण चरम पर होता है।''

एक तरफ सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में चीन के अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ दिख रही है। दूसरी तरफ निंग ने कहा, ''पिछले वर्ष की तुलना में ये बीमारियां कम गंभीर प्रतीत होती हैं और छोटे स्तर पर फैल रही हैं।'' उन्होंने कहा, ''मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि चीन सरकार चीनी नागरिकों और विदेशियों के स्वास्थ्य की परवाह करती है। चीन में यात्रा करना सुरक्षित है।''

क्या है तस्वीरों का सच?

चीन नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से जूझ रहा है। चीन के सोशल मीडिया पर भीड़ भरे हेल्‍थ सेंटर्स की तस्‍वीरों का अंबार लगा है। चीन से सामने आई रिपोर्टों और सोशल मीडिया पोस्‍ट के मुताबिक, संक्रमितों से अस्‍पताल भरे हैं और अंतिम संस्‍कार स्‍थलों पर भीड़ बढ़ गई है। बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि इन्फ्लूएंजा ए, एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 सहित कई वायरस चीन में घूम रहे हैं। साथ ही इस तरह के दावे भी किए जा रहे हैं कि चीन ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है। चीन के अधिकारियों ने लोगों से मास्‍क लगाने और लगातार हाथ धोने के लिए कहा है। हालांकि इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

कोरोना की तरह चीन इस बार भी छिपा रहा जानकारी?

बता दें कि चीन में बच्चों में फैल रही इस बीमारी की जानकारी प्रो-मेड नाम की संस्था ने दी है। ये संस्था इंसान और पशुओं की बीमारी के फैलाव पर नज़र रखती है। इसी प्रो-मेड संस्था ने दिसंबर 2019 में कोविड 19 वायरस को लेकर चेतावनी दी थी, जबकि इसके 2 महीने बाद दुनिया को इस वायरस के खतरे का एहसास हुआ। अब प्रो-मेड ने एक बार फिर दुनिया को अलर्ट किया है, लेकिन चीन चुप्पी साधे हुए है।

चीन पर शक की क्‍या है वजह?

चीन कड़े सेंसरशिप कानूनों को लागू करता है। यही कारण है कि चीन से सच पूरी तरह से बाहर नहीं आ पाता है। ऐसे में चीन और चीन की सरकार हमेशा से ही संदेह के घेरे में रहती है।

CDS बिपिन रावत हेलीकॉप्टर क्रेश में बड़ा खुलासा, संसद में पेश हुई जांच रिपोर्ट

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देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत की मृत्यु के मामले में जांच के लिए गठित संसदीय समिति की रिपोर्ट सामने आ गई है।जिसमें हादसे के पीछे मानवीय चूक को वजह बताया है।साल 2021 में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत की मौत हुई थी। इस हादसे में उनकी पत्‍नी मधुलिका रावत समेत कुल 12 लोगों की जान चली गई थी। तब इस हादसे को लेकर कई तरह के दावे क‍िए गए लेकिन घटना के 3 साल बाद संसद की स्‍थायी समित‍ि ने उनकी मौत को लेकर जांच रिपोर्ट लोकसभा में पेश की है। रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया है क‍ि बिप‍िन रावत का हेलीकॉप्टर मानवीय त्रुटि की वजह से दुर्घटनाग्रस्‍त हुआ।

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में आठ दिसंबर 2021 को हुई एमआई-17 वी5 हेलिकॉप्टर दुर्घटना मामले की जांच रिपोर्ट संसद में मंगलवार को पेश की। रिपोर्ट में रक्षा संबंधी स्थायी समिति ने 13वीं रक्षा योजना अवधि के दौरान हुई भारतीय वायुसेना के विमानों की दुर्घटनाओं की संख्या पर आंकड़े साझा किए। कुल 34 दुर्घटनाएं हुईं थीं, जिनमें 2021-22 में भारतीय वायुसेना के नौ विमानों के साथ दुर्घटनाएं हुईं और 2018-19 में 11 विमान दुर्घटनाएं शामिल हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना 'ह्यूमन एरर (एयरक्रू)' के कारण हुई थी। यानी रिपोर्ट में साफ-साफ है कि पायलट की गलती की वजह से यह हादसा हुआ।

जांच दल ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट में कहा था, "घाटी में मौसम के अचानक बदलने से हेलीकॉप्टर बादलों में चला गया था। इससे पायलट को दिशा का अंदाजा नहीं रहा। इस वजह से 'कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन' हुआ।" दूसरे शब्दों में पायलट को पता ही नहीं चला कि हेलीकॉप्टर जमीन से टकराने वाला है। जांच दल ने फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का विश्लेषण किया था। सभी गवाहों से पूछताछ के बाद दुर्घटना का सबसे संभावित कारण पता लगाया गया था।

देश के पहले सीडीएस प्रमुख जनरल विपिन रावत 8 दिसंबर 2021 को अपनी पत्नी मधुलिका और 12 अन्य सशस्त्र बल कर्मी तमिलनाडु के कोयंबटूर के सुलूर एयरफोर्स बेस से वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज जा रहे थे। वे Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर में सवार थे। लैंडिंग से ठीक पहले ही हेलीकॉप्टर पहाड़ियों से टकरा गया था। इस घटना में हेलीकॉप्टर में सवार सभी 12 लोगों की मौत हो गई थी।

पहाड़ों की बर्फबारी के बाद ठिठुरी देश की राजधानी दिल्ली, उत्तर भारत में अगले चार दिन शीतलहर का अलर्ट

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पहाड़ों पर बर्फबारी के साथ-साथ हल्की बारिश हो रही है। कश्मीर के गुलमर्ग, राजदान पास, सोनमर्ग, जोजिला सहित कई पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हुई है, जिससे शीतलहर और तेज हो गई है। कश्मीर घाटी में पहले से ही तापमान माइनस में चल रहा है और उसके ऊपर से हो रही बर्फबारी ने कंपकपी बढ़ा दी है। जम्मू संभाग में भी सर्दी का पिछले साल का रिकॉर्ड टूट गया है। लेह और लद्दाख में भी खून को जमा देने वाली ठंड पड़ रही है। जिसका असर पूरे उत्तर भारत में दिख रहा है। इन इलाकों में लगातार तापमान गिर रहा है।

मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में दिल्ली, यूपी, बिहार, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को इस सर्दी का अब तक का सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। इस दौरान न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस डिग्री दर्ज किया गया। आईएमडी ने कहा कि दिसंबर की शुरुआत में न्यूनतम तापमान 37 वर्षों में पहली बार पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया है। आंकड़ों के अनुसार इस अवधि के दौरान सबसे कम न्यूनतम तापमान 6 दिसंबर 1987 को 4.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

येलो अलर्ट किया गया है जारी

मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में 12 दिसंबर को अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी में अगले दो दिनों तक शीतलहर चलने और घना कोहरे होने की संभावना, जिसकी वजह से विभाग ने येलो अलर्ट भी जारी किया है।

हिमाचल से आ रही हवाओं ने बढ़ाई ठंड

मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि हिमालय से सीधी आ रही बर्फीली हवाओं ने हरियाणा, एनसीआर और दिल्ली को अपने आगोश में ले लिया है। तापमान जमाव बिंदु के पास पहुंच गया है।हिमाचल प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर बुधवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री नीचे दर्ज किया गया जबकि कुछ इलाकों में हल्की बर्फबारी भी हुई। इस दौरान राज्य में जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति का ताबो सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 12.7 डिग्री नीचे दर्ज किया गया। पश्चिमी जिलों में खेत खलिहानों और खुले स्थानों पर पाला जमने लगा है। बारिश न होने से अभी सूखी ठंड का सामना लोगों को करना पड़ रहा है। हालांकि दिन में चमकदार धूप खिली रहने से दिन में ठंड से लोगों को राहत मिल रही है। 5-10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बर्फीली हवा चलने से कोहरा भी नहीं बन रहा है। बुधवार को प्रदेश में अधिकतर स्थानों पर दिन व रात का ताप मान सामान्य से नीचे बना हुआ है।

कश्मीर में बर्फबारी के बाद शीतलहर और तेज

इधर, कश्मीर के गुलमर्ग, राजदान पास, सोनमर्ग, जोजिला सहित कई पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हुई है, जिससे शीतलहर और तेज हो गई है। कश्मीर में रात के तापमान में सुधार आया है, लेकिन अधिकांश जिलों में दिन के साथ रात का पारा सामान्य से 2 से 6 डिग्री नीचे चल रहा है। राजधानी श्रीनगर में दिन का तापमान 8.8, पहलगाम में 4.2 और गुलमर्ग में माइनस 0.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लेह में खून जमा देने वाली ठंड के बीच दिन और रात का पारा शून्य डिग्री से नीचे चल रहा है। जम्मू में रात का पारा सामान्य से 5.2 डिग्री गिरकर 5.0 डिग्री तक पहुंच गया, जो इस सीजन की सर्द रात बीती। इस पारे ने पिछले साल का न्यूनतम तापमान का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। जम्मू में 19 दिसंबर 2023 को न्यूनतम तापमान 5.7 डिग्री दर्ज किया गया था।