सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने में डिजिटल साक्षरता मददगार-प्रो.सत्यकाम
![]()
प्रधानमंत्री के जन्मोत्सव पखवाड़े पर मुक्त विश्वविद्यालय में वेबीनार का आयोजन
संजय द्विवेदी प्रयागराज।उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के विज्ञान विद्या शाखा के तत्वावधान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मोत्सव पखवाड़े के अतर्गत डिजिटल इंडिया:सतत विकास की संभावनाएँ विषय पर एक वेबिनार का सफलतापूर्वक आयोजन किया।कुलपति प्रो. सत्यकाम ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि सतत विकास के लिए डिजिटल इंडिया की महत्ता आज प्रदर्शित हो रही है।डिजिटल शिक्षा प्लेटफ़ॉर्म और ऑनलाइन कोर्स के माध्यम से लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और कौशल विकास के अवसर मिल रहे है जो सतत विकास के लिए आवश्यक है।उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया पहल के माध्यम से देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में भी डिजिटल साक्षरता बढ़ रही है जिससे लोगों को सरकारी सेवाओं और अवसरों का लाभ उठाने में मदद मिल रही है।प्रो.सत्यकाम ने कहा कि डिजिटल इंडिया पहल न केवल आर्थिक विकास को मजबूत कर रही है बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय सततता को भी बढ़ावा दे रही है।कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के प्रो.सुधाकर पाण्डेय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए डिजिटल इंडिया मिशन की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया।उन्होंने बताया कि डिजिटल पहल शासन उच्च शिक्षा स्वास्थ्य सेवा कृषि उद्योग और वित्तीय समावेशन में क्रांति ला रही है। उन्होंने बताया कि डिजिटल उपकरण और प्लेटफॉर्म संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी)को प्राप्त करने में सीधे योगदान करते है।अतिथियों का स्वागत करते हुए विज्ञान विद्या शाखा के निदेशक प्रो.आशुतोष गुप्ता ने कहा कि डिजिटल इंडिया पहल सतत विकास के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।डिजिटल तकनीक के उपयोग से पेपरलेस कार्य को बढ़ावा मिल रहा है जिससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिल रही है।इस अवसर पर प्रतिभागियों ने डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण पर विचार-विमर्श किया।संवादात्मक चर्चा ने वेबिनार के शैक्षणिक महत्व को और समृद्ध किया।आयोजन सचिव डॉ. दिनेश कुमार गुप्ता एवं सह-आयोजन सचिव डॉ. राघवेंद्र सिंह ने ऑनलाइन जुड़े प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का समापन प्रोफेसर ए. के.मलिक के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।वेबिनार में विभिन्न संस्थानों के 50 से अधिक संकाय सदस्यो शोध विद्वानों और छात्रों की सक्रिय भागीदारी रही।
Sep 30 2025, 19:01