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केंद्रीय राज्य मंत्री, डिप्टी सीएम और विधायकों की मौजूदगी में 37 करोड़ रुपए के निर्माण और विकास कार्यों का हुआ भूमिपूजन और लोकार्पण

मुंगेली- जिले के मदकूदीप स्थित अष्टभुजी गणेश मंदिर परिसर में 36 करोड़ 97 लाख रुपए से अधिक की राशि के विभिन्न निर्माण व विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया गया. इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में सभी नागरिकों से सहयोग की अपील की.

इस अवसर पर केन्द्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने कहा कि हमारी सरकार क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 मार्च को क्षेत्र को करोड़ों रुपए की विकास परियोजनाओं की सौगात दी है. गरीबों के लिए पक्के मकान निर्माण, राशन वितरण और स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर शौचालय निर्माण जैसे कार्य तेजी से किए जा रहे हैं. नारी सशक्तिकरण के लिए भी विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं. रोजगार मेलों के माध्यम से युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं सड़कों, रेलवे लाइनों और एयरपोर्टों के विस्तार के जरिए क्षेत्र में आधारभूत संरचनाओं को मजबूती दी जा रही है।


पूरी की जा रही है मोदी की गारंटी

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि जब से हमारी सरकार बनी है, तब से प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी को पूरा करने का काम किया जा रहा है, विकास के जो काम रूके हुए थे, उसे पूरा किया जा रहा है. मदकूद्वीप मांडूक्य ऋषि का आश्रम है. इसका सांस्कृतिक और पौराणिक महत्व है. साथ ही यहां की वनस्पतियां कई प्रकार की औषधियों से भरपूर है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के विकास और गौरव को आगे बढ़ाने लगातार प्रयास करेंगे. उन्होंने विभिन्न निर्माण व विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण के लिए क्षेत्रवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी. साथ ही राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मद से क्षेत्र के विकास के लिए 20 लाख रुपए की घोषणा की।

मदकूद्वीप का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व- विधायक कौशिक


बिल्हा विधायक धरम लाल कौशिक ने कहा कि मदकूद्वीप का ऐतिहासिक, पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व है. यहां मांडूक्य ऋषि का आश्रम है. इसका संरक्षण होना चाहिए. साथ ही गौ संवर्धन के लिए भी विशेष प्रयास होना चाहिए. उन्होंने करोड़ों रुपए के भूमिपूजन और लोकार्पण के लिया उप मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया तथा सलफा-चुनचुनिया मार्ग निर्माण के साथ मदकू द्वीप में रेस्ट हाउस के जीर्णाेद्धार की मांग की. जांजगीर लोकसभा क्षेत्र की सांसद कमलेश जांगड़े ने विकास कार्यों के लिए 20 लाख रुपए की घोषणा की. साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि इस स्थान को राष्ट्रीय मंच पर स्थान मिले और पर्यटन के रूप में स्थापित हो. उन्होंने समाज में एक व्यापक जनजागृति लाने और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए प्रेरित किया।


इस जगह पर हुआ है सत्यमेव जयते का उद्घोष

संत श्री रामरूपदास महात्यागी ने बताया कि मदकूद्वीप का प्राचीन नाम मांडूक्य द्वीप था, यहीं पर मांडूक्य ऋषि ने मुण्डकोपनिषद की रचना की है. इसी उपनिषद में ‘‘सत्यमेव जयते’’ का उद्घोष हुआ है, जो कि भारत का राष्ट्रीय वाक्य है. कलेक्टर कुन्दन कुमार ने जिले के विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और युवाओं को कौशल विकास प्रदान करने के साथ ही शासन की योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को दिलाना अपनी प्राथमिकता में बताया. उन्होंने कहा कि शासन द्वारा जिले के विकास के लिए जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई है, उसके लिए वे सतत प्रयास करेंगे.

इन दिग्गज नेताओं का रहा जमावड़ाइस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले, बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला, अक्षय ऊर्जा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी, भाटापारा के पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकांत पाण्डेय, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष विशेषर सिंह पटेल, जिला पंचायत सदस्य अम्बालिका साहू ,अफ़सरो में पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल, जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पाण्डेय सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी मौजूद रहे.

36 करोड़ 97 लाख रुपए का भूमिपूजन और लोकार्पणकार्यक्रम में 36 करोड़ 97 लाख 28 हजार रुपए निर्माण कार्यों का भूमिपूजन और विकास कार्यों का लोकार्पण किया गया, इनमें 36 करोड़ 65 लाख 11 हजार रुपए का भूमिपूजन तथा 32 लाख 17 हजार रुपए का लोकार्पण शामिल है. लोक निर्माण विभाग मुंगेली संभाग अंतर्गत 284.84 लाख रुपए की लागत से 3.50 किलोमीटर सरगांव से खपरी सड़क मार्ग का मजबूतीकरण एवं चौड़ीकरण, 375.23 लाख रुपए की लागत से 3.60 किलोमीटर बैतलपुर मदकू मार्ग का मजबूतीकरण एवं चौड़ीकरण, 446.32 लाख रुपए की लागत से 4.44 किलोमीटर करही से चुनचुनिया मार्ग का मजबूतीकरण एवं चौड़ीकरण, 2170.36 लाख रुपए की लागत से 12 किलोमीटर सरगांव से साकेत मार्ग का मजबूतीकरण एवं चौड़ीकरण किया जाएगा.

इसके अलावा 117.49 लाख रुपए की लागत से 1.40 किलोमीटर परसदा से केवईया मार्ग का निर्माण कार्य, 150.40 लाख रुपए की लागत से 1.75 किलोमीटर लमती से मचहा मार्ग का निर्माण कार्य, 75.23 लाख रुपए की लागत से ग्राम कंचनपुर में हाईस्कूल भवन निर्माण कार्य, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग मुंगेली अंतर्गत 12.66 लाख रुपए व 7.94 लाख रुपए की लागत से मदकूद्वीप में पचरी निर्माण कार्य, 19.64 लाख रुपए की लागत से मदकूद्वीप में रिटेनिंग वॉल एवं पिचिंग कार्य और 05 लाख रुपए की लागत से मदकूद्वीप में सीसी रोड का भूमिपूजन किया गया. इसी तरह मंडी समिति अंतर्गत 32.17 लाख रुपए की लागत से मदकूद्वीप में 1 कवर्ट शेड, सीसी रोड निर्माण और इंटरलाकिंग कांक्रीट ब्लाक का लोकार्पण किया गया.र्पण किया गया.

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जानिए पाक के रक्षा मंत्री ने अपने बयान में आखिर क्यों किया छत्तीसगढ़ का जिक्र

रायपुर- पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत के खिलाफ बयान दिया है, जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ का भी जिक्र किया है. पाकिस्तानी मीडिया से चर्चा के दौरान आसिफ ने भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पहलगाम हमले में पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं है और भारत के भीतर ही विभिन्न राज्यों में सरकार के खिलाफ बगावत हो रही है. इसी सिलसिले में उन्होंने छत्तीसगढ़ का उल्लेख करते हुए राज्य में जारी नक्सली हिंसा को ‘बगावत’ बताया.

ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि भारत के नागालैंड, मणिपुर और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में लोग “दिल्ली की सरकार” के खिलाफ हथियार उठा रहे हैं और अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का इस सब से कोई लेना-देना नहीं है और भारत को अपने भीतर की समस्याओं के लिए किसी और को दोष नहीं देना चाहिए।


क्या कहा ख्वाजा आसिफ ने?

मीडिया से चर्चा के दौरान ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान का इससे कोई ताल्लुक नहीं है, यह पूरी तरह से भारत के भीतर की स्थिति है. उनकी ‘सो-कॉल्ड रियासतों’ में बगावतें हो रही हैं नागालैंड से लेकर कश्मीर, साउथ में छत्तीसगढ़ और मणिपुर तक. इन सभी जगहों पर दिल्ली की सरकार के खिलाफ लोग अपने हुकूक (अधिकार) मांग रहे हैं.

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि भारत की ‘हिंदुत्व वाली सरकार’ अल्पसंख्यकों जिसमें मुसलमान, ईसाई और बौद्ध का शोषण कर रही है, जिसके चलते ऐसी गतिविधियां बढ़ रही हैं. आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी सूरत में आतंकवाद का समर्थन नहीं करता और भारत को अपने आंतरिक मुद्दों के लिए दूसरों को दोष देना आसान लगता है.

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने आतंकवाद पर भी मानी गलती

ख्वाजा आसिफ का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब हाल ही में एक ब्रिटिश मीडिया इंटरव्यू में उन्होंने कबूल किया कि पाकिस्तान पिछले 30 सालों से आतंकवादियों को समर्थन और प्रशिक्षण देता आ रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने यह सब अमेरिका और पश्चिमी देशों के इशारे पर किया और अब इसकी कीमत चुका रहा है.

आसिफ ने कहा कि अगर हमने सोवियत यूनियन के खिलाफ युद्ध में भाग न लिया होता और 9/11 के बाद जो हालात बने, वे न बने होते, तो आज पाकिस्तान का रिकॉर्ड साफ होता.

अपहरण और हत्या के मामले में दोषियों की आजीवन कारावास की सजा बरकरार, हाईकोर्ट ने कहा- शव की बरामदगी अनिवार्य नहीं

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपहरण और हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए आरोपियों की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है. कोर्ट ने मामले में स्पष्ट टिप्पणी करते हुए कहा कि भले ही मृतक का शव बरामद नहीं हुआ हो, लेकिन साक्ष्यों की पूरी श्रृंखला अभियुक्तों की संलिप्तता की पुष्टि करती है. यदि हर मामले में शव की बरामदगी पर जोर दिया जाएगा तो आरोपी हत्या के बाद शव को नष्ट करने का हर संभव प्रयास करेगा और सजा से बच सकता है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की डिवीजन बेंच ने चतुर्थ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, दुर्ग द्वारा 24 फरवरी 2021 को दिए गए निर्णय को सही ठहराया है.

मृतक हरिप्रसाद देवांगन के पुत्र आनंद देवांगन ने 18 जनवरी 2019 को नेवई थाना में अपने पिता के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई. जांच के दौरान आरोपियों आकाश कोसरे और संजू वैष्णव की गिरफ्तारी हुई. पूछताछ में उन्होंने हरिप्रसाद का अपहरण कर उसकी हत्या करने और फिर खोरपा गांव के पास खेत में भूसे से उसका शव जलाने की बात स्वीकार की. अभियोजन पक्ष ने अपना पूरा मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित किया. आरोपियों के कथन के आधार पर घटनास्थल से मृतक से संबंधित वस्तुएं जैसे जली हुई हड्डियां, टिफिन बॉक्स, आभूषण और व्यक्तिगत सामा बरामद किए गए. इन अवशेषों की फॉरेंसिक और डीएनए जांच करवाई गई. लेकिन डीएनए प्रोफाइल स्पष्ट रूप से नहीं मिल सकी.

फॉरेंसिक विशेषज्ञ ने गवाही दी कि बरामद हड्डियां मानव की थीं और लगभग 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति की थीं, जो मृतक की उम्र के अनुकूल थीं. अभियोजन पक्ष ने 20 गवाहों की गवाही कराई, जिनमें जांच अधिकारी अमित कुमार बेरिया, फॉरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. स्निग्धा जैन और अनुपमा मेश्राम शामिल थे. अभियुक्तों के वकीलों ने तर्क दिया कि दोषसिद्धि प्रत्यक्ष साक्ष्य या चश्मदीद गवाहों के अभाव में टिकाऊ नहीं है, और मृतक की पहचान भी प्रमाणिक रूप से स्थापित नहीं हो सकी. उन्होंने यह भी कहा कि जब्ती की गई वस्तुएं सार्वजनिक स्थानों से प्राप्त हुईं, जहां किसी का भी पहुंचना संभव था, और इन वस्तुओं या अपराध में प्रयुक्त वाहन की विधिसम्मत पहचान नहीं कराई गई.

कोर्ट ने डीएनए की पुष्टि न होने के बावजूद यह पाया कि अभियोजन पक्ष अपहरण, डकैती और हत्या की घटनाओं की एक ऐसी सुसंगत श्रृंखला प्रस्तुत करने में सफल रहा, जिससे यह साबित होता है कि अभियुक्त ही इस अपराध में दोषी है इसलिए अपील खारिज कर दी गई और निचली अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा गया.

छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश को नई रफ्तार, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने निवेशकों को दी बड़ी सौगात…

रायपुर- छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। निवेशकों को विभिन्न आवश्यक स्वीकृतियां और सेवाएं अब तय समय-सीमा में प्रदान की जाएंगी। इसके साथ ही, कई नई सेवाओं को छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2011 के तहत अधिसूचित भी कर दिया गया है, जिससे औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और निवेशकों का विश्वास मजबूत होगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ को निवेशकों के लिए देश का सबसे अनुकूल राज्य बनाना हमारी प्राथमिकता है। औद्योगिक विकास से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था सशक्त होगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के व्यापक अवसर भी सृजित होंगे। हमारी सरकार निवेशकों को त्वरित, पारदर्शी और जवाबदेह सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है।

राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड द्वारा जारी आदेश के अनुसार, खतरनाक तथा अन्य अपशिष्ट प्रबंधन के तहत अनुमति प्रदान करने के लिए 60 दिन, बायो-मेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु अनुमति के लिए 60 दिन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु स्वीकृति के लिए 30 दिन और निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु अनुमति के लिए भी 30 दिन की समय-सीमा तय की गई है। इसी तरह नदी या सार्वजनिक जलाशयों से जल दोहन हेतु अनुमति 300 दिनों में प्रदान की जाएगी, जबकि जल आपूर्ति एजेंसी से जल की अनुपलब्धता का प्रमाण पत्र 90 दिनों के भीतर जारी किया जाएगा।

भवन निर्माण से संबंधित पांच चरणों जैसे भवन योजना स्वीकृति, परिवर्तन या पुनरीक्षण की अनुमति, ध्वस्तीकरण एवं पुनर्निर्माण की अनुमति, प्लिंथ स्तर स्वीकृति तथा अधिभोग/पूर्णता प्रमाण पत्र के लिए अधिकतम 45 दिन की समय-सीमा निर्धारित की गई है। इसी प्रकार लिफ्ट और एस्केलेटर की स्थापना हेतु पंजीकरण, नवीनीकरण और निरीक्षण के लिए 45 दिन का समय तय किया गया है। स्टार्टअप इकाइयों के पंजीकरण के लिए भी 45 दिन की समय-सीमा तय की गई है।

इसके अलावा, निवेशकों की सुविधा केंद्र और निवेश प्रोत्साहन एजेंसी द्वारा प्रश्नों का प्रत्युत्तर 7 दिनों में तथा प्रश्नों और शिकायतों का निराकरण 15 दिनों के भीतर किया जाएगा। सेवा क्षेत्र की इकाइयों के प्रश्नों का समाधान भी 7 दिनों में और शिकायतों का निराकरण 15 दिनों में किया जाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि निवेशकों की सुविधा के लिए प्रक्रियाओं का सरलीकरण और सेवाओं का समयबद्ध निपटारा छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता है। हमें विश्वास है कि इससे छत्तीसगढ़ देश के औद्योगिक नक्शे पर और अधिक तेजी से अपना स्थान बनाने में सफल होगा।

गौरतलब है कि अब तक जिन सेवाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत अधिसूचित नहीं किया गया था, उन्हें इस आदेश के माध्यम से अधिसूचित माना जाएगा। यह आदेश राज्य में लागू हो चुका है। छत्तीसगढ़ शासन का यह प्रयास औद्योगिक विकास के क्षेत्र में राज्य को अग्रणी बनाने की दिशा मे मददगार साबित होगा।

बागियों पर भाजपा एक्शन : समीर पैकरा और उपेंद्र बहादुर को थमाया नोटिस, 7 दिन के अंदर मांगा जवाब

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने बागियों पर एक बार फिर एक्शन लिया है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ समीर पैकरा और उपेन्द्र बहादुर ने चुनाव लड़ा था। दोनों बागियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वहीं 7 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है। 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है. जिसमें समीरा पैकरा को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने पर नोटिस जारी किया गया है. साथ ही जिला पंचायत उपाध्यक्ष के पद पर अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने पर उपेंद्र बहादुर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. दोनों बागियों से 7 दिन के अंदर जवाब पेश करने के लिए कहा गया है। जवाब नहीं मिलने पर पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया जाएगा। 

तेंदूपत्ता घोटाला मामला : जेल में रहेंगे निलंबित IFS अशोक पटेल, कोर्ट ने 28 अप्रैल तक भेजा पुलिस रिमांड पर

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित तेंदूपत्ता बोनस घोटाले मामले में गिरफ्तार किए गए निलंबित डीएफओ (वनमंडलाधिकारी) और आईएफएस अधिकारी अशोक पटेल को आज आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) की विशेष अदालत में पेश किया गया. अदालत ने सुनवाई के बाद अशोक पटेल को 28 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है.

बात दें कि EOW ने अशोक पटेल को 2 दिन पहले ही पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था. पूछताछ के बाद अब एक बार फिर उन्हें पुलिस रिमांड पर भेजा गया है.

क्या है तेंदूपत्ता बोनस घोटाला?

आरोप है कि वर्ष 2021-22 में वन विभाग द्वारा तेंदूपत्ता बोनस वितरण के दौरान लगभग 7 करोड़ रुपये की आर्थिक अनियमितता हुई. यह राशि तेंदूपत्ता संग्राहकों को अप्रैल-मई 2022 में वितरित की जानी थी, लेकिन राशि के आहरण के बावजूद आदिवासी संग्राहकों को भुगतान नहीं किया गया. जब इस मामले की जानकारी पूर्व विधायक मनीष कुंजाम को हुई, तो उन्होंने जनवरी 2025 में कलेक्टर सुकमा और सीसीएफ को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की.

शिकायत के बाद कलेक्टर और वन विभाग ने अलग-अलग जांच समितियां गठित की. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तेंदूपत्ता संग्राहकों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें तत्कालीन डीएफओ सुकमा अशोक पटेल की भूमिका सामने आई. प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने पर उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया. इसके बाद से एसीबी और ईडब्ल्यू की संयुक्त टीम सुकमा और कोंटा क्षेत्र में तेंदूपत्ता प्रबंधकों पर निगरानी बनाए हुए है.

छत्तीसगढ़ को शिक्षा का राष्ट्रीय केंद्र बनाने का संकल्प : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को गुणवत्ता के आधार पर देश के टॉप 100 शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग में शामिल करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा किया गया तो अन्य राज्यों के विद्यार्थी भी पढ़ाई के लिए छत्तीसगढ़ को वरीयता देंगे, जिससे प्रदेश की शैक्षणिक छवि राष्ट्रीय स्तर पर सुदृढ़ होगी।मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में उच्च शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने निर्देशित किया कि कोरबा, दंतेवाड़ा और रायगढ़ जैसे जिलों में, जहां पर्याप्त डीएमएफ (जिला खनिज निधि) की राशि उपलब्ध है, वहां कुछ महाविद्यालयों को चिन्हित कर, विषय विशेष के राष्ट्रीय स्तर के मॉडल महाविद्यालयों के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे महाविद्यालय न केवल प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए, बल्कि देश-विदेश के विद्यार्थियों के लिए भी अध्ययन का केंद्र बन सकते हैं।

श्री साय ने नवीन शिक्षा नीति के अनुरूप 'प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस' की नीति को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों के ख्यातिलब्ध विषय विशेषज्ञों को शिक्षण से जोड़ने से विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान और समसामयिक जानकारियों का सीधा लाभ मिलेगा। इसी क्रम में उन्होंने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ को और अधिक उन्नत बनाने हेतु विशेष रणनीति और प्रयास किए जाने के निर्देश भी दिए।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. भारतीदासन ने विभागीय गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री उषा योजना के तहत बस्तर विश्वविद्यालय को मेरु योजना (बहु विषयक शिक्षा एवं शोध विश्वविद्यालय) के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। उन्होंने अवगत कराया कि शिक्षा सत्र 2024-25 से प्रदेश के 7 शासकीय तथा 17 निजी विश्वविद्यालयों, 335 शासकीय और 321 निजी महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर दिया गया है। उन्होंने इस नीति के विभिन्न प्रावधानों तथा चल रही प्रमुख गतिविधियों की भी जानकारी दी। उच्च शिक्षा सचिव डॉ. भारतीदासन ने रुसा 1.0 और 2.0 के तहत हुए कार्यों की प्रगति, प्राध्यापकों की विभागीय पदोन्नति, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग एवं व्यापमं द्वारा विभिन्न पदों पर भर्तियों की स्थिति तथा आगामी कार्ययोजनाओं के बारे में भी अवगत कराया। आगामी कार्ययोजनाओं में 'प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस', कौशल उन्नयन, रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देना तथा कौशल आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देना प्रमुख हैं।

इस बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव बसवराजू एस., उच्च शिक्षा आयुक्त डॉ. संतोष देवांगन सहित उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ : दृष्टिबाधित बच्चे अब स्मार्टफोन से करेंगे पढ़ाई, समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी

रायपुर- समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समग्र शिक्षा, रायपुर एवं एम. जंक्शन, कोलकाता के संयुक्त तत्वावधान में दृष्टिबाधित बच्चों के लिए स्मार्टफोन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. ठाकुर प्यारेलाल पंचायत ग्रामीण एवं विकास संस्थान, निमोरा में दो चरणों में आयोजित इस प्रशिक्षण का पहला चरण आज 26 अप्रैल 2025 को संपन्न हुआ. दूसरा चरण 28 से 30 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा.

समग्र शिक्षा से सीमा गौरहा, सहायक संचालक ने कहा कि बोर्ड के उपयोग से टाइपिंग करना और बच्चों को लिखित परीक्षा में सक्षम बनाना, स्मार्टफोन के उपयोग से पाठ्यपुस्तक को सॉफ्ट कॉपी में डाउनलोड कर पढ़ना, बच्चों की अध्ययन में आ रही समस्या को डिजिटल शिक्षा के माध्यम से दूर करना और बुकशेयर के माध्यम से ऑनलाइन लाइब्रेरी से बच्चों को जोड़ना. इन उद्देश्यों के तहत कार्य किया जा रहा है.

प्रथम चरण में 15 जिलों से कुल 40 दृष्टिबाधित एवं सहयोगी के रूप में बी.आर.पी. (समावेशी शिक्षा) एवं स्पेशल एजुकेटर उपस्थित रहे. एम. जंक्शन से पिया नंदी एवं मास्टर ट्रेनर डॉ. हॉमियार, संजोग, चिराग द्वारा दृष्टिबाधित बच्चों को स्मार्टफोन का सामान्य परिचय, ऑन-ऑफ करना, गेस्चर की विभिन्न क्रियाएं, टॉकबैक के अंतर्गत स्मार्टफोन को सुगम्य कर विभिन्न एप्लिकेशन, जिनमें इजी रीडर एवं बुकशेयर का उपयोग शामिल है, सिखाया गया, जिसके माध्यम से दृष्टिबाधित बच्चे सुगमता से अपनी कक्षा की पुस्तकों को पढ़ सकेंगे.

एम. जंक्शन द्वारा प्रशिक्षण में उपस्थित बी.आर.पी. एवं स्पेशल एजुकेटर की सहायता से सभी प्रायोगिक कार्यों को अच्छे ढंग से बच्चों को सिखाया गया तथा अभ्यास करवाया गया. प्रशिक्षण का दूसरा चरण दिनांक 28 से 30 अप्रैल 2025 तक ठाकुर प्यारेलाल पंचायत ग्रामीण एवं विकास संस्थान, निमोरा, रायपुर में आयोजित किया जाएगा.

सेंट्रल जेल में एक और कैदी ने की आत्महत्या, 2016 से हत्या, पॉक्सो जैसे गंभीर अपराध में था बंद

रायपुर- सेंट्रल जेल रायपुर में शनिवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब गंभीर अपराधों में बंद कैदी ओम प्रकाश ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना की जानकारी पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे. शव का पंचनामा कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया. मामले में पुलिस और जेल प्रशासन आत्महत्या के कारणों का पता लगाने में जुट गई है. इस घटना ने सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर फिर से गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.  

जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी ओम प्रकाश निषाद जेल में पिछले 2016 से जेल में बंद था, उसने आज फांसी लगा लिया है. आरोपी महासमुंद के नजदीकी गांव का रहने वाला था. आरोपी ओम के ऊपर 302 मर्डर, पॉक्सो सहित कई अपराध दर्ज थे. उन्होंने बताया कि आज मजीरस्टेड के सामने बॉडी प्रस्तुत की गई है. कल पोस्टमार्टम करके परिजनों को सौंप दिया जाएगा.

अफ्रिकन कैदी ने भी किया था सुसाइड

रायपुर केंद्रीय जेल में किसी बंद कैदी के आत्महत्या का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले इसी साल के 28 जनवरी को अफ्रीकी मूल के बंदी ने आत्महत्या की थी. कैदी पेट्रिक 2021 से ड्रस केस में जेल में बंद था. ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में गंज थाना पुलिस मृत कैदी का पंचनामा किया गया था.

सुरक्षा व्यवस्था पर बार-बार उठे सवाल

सेंट्रल जेल रायपुर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बार-बार सवाल उठते रहे हैं. नवंबर 2024 में जेल परिसर के गेट पर फायरिंग की भी घटना हुईं थी. जिसमें एक युवक बुरी तरह घायल हुआ था.

छत्तीसगढ़ में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का कैंपस शुरू, डिप्टी CM शर्मा ने कहा- युवाओं के लिए बहुत अच्छी अपॉर्चुनिटी,जानिए कैसे लें एडमिशन

रायपुर- छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने आज एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 176(3) के तहत सात वर्ष से अधिक सजा वाले प्रकरणों में अनिवार्य रूप से फॉरेंसिक साइंस एक्सपर्ट द्वारा जांच की जाएगी. ऐसे मामलों में फॉरेंसिक साइंस विशेषज्ञों की बढ़ती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, रायपुर में राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) का एक नया कैंपस शुरू किया गया है.

डिप्टी सीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की प्रेरणा से यह महत्वपूर्ण पहल की गई है. जब तक नया भवन बनकर तैयार नहीं हो जाता, तब तक गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज (GEC) रायपुर के परिसर से कैंपस का संचालन किया जाएगा.

तीन प्रमुख कोर्सों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू

  • एमएससी फॉरेंसिक साइंस (3 सीटें)
  • एमएससी डिजिटल फॉरेंसिक एंड इनफॉर्मेशन सिक्योरिटी (3 सीटें)
  • प्रोफेशनल डिप्लोमा इन क्राइम सीन मैनेजमेंट (20 सीटें)

इन सभी कोर्सों में प्रवेश के लिए स्नातक की योग्यता आवश्यक है. इच्छुक छात्र nfsc.nic.in/admission वेबसाइट पर जाकर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और आवेदन कर सकते हैं.

डिप्टी सीएम ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 18 मार्च 2025 से प्रारंभ हो चुकी है और आवेदन भरने की अंतिम तिथि 5 मई 2025 है. प्रवेश के लिए एग्जाम 7 और 8 जून 2025 को आयोजित होगा, तथा परिणाम 23 जून 2025 को घोषित किया जाएगा. यह परीक्षा राष्ट्रीय स्तर की होगी, लेकिन मेरिट सूची राज्य स्तर पर तैयार की जाएगी, जिससे छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए बड़ी संभावनाएं हैं.

फिलहाल 80 सीटों पर एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है. भविष्य में सीटों और कोर्सेज की संख्या बढ़ाने तथा लगभग 400-500 करोड़ रुपये की लागत से नया अत्याधुनिक भवन बनाने की योजना भी प्रस्तावित है.

डिप्टी सीएम ने युवाओं से अपील की है कि वे इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाएं और समय रहते आवेदन जरूर करें.