कतर में भारतीय इंजीनियर की गिरफ्तार, 3 महीने से जाल में हैं बंद, जाने क्या है आरोप?
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कतर में एक और भारतीय की गिरफ्तारी हुई है।गुजरात के वडोदरा के भारतीय नागरिक अमित गुप्ता को इस साल 1 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था। वर्तमान में वह जेल में हैं। जानकारी के अनुसार अमित गुप्ता पर डेटा चोरी का आरोप लगाया गया है। अमित गुप्ता कतर में आईटी दिग्गज टेक महिंद्रा के कंट्री हेड हैं। कतर में किसी भारतीय को हिरासत में लेने से जुड़ा यह 2022 के बाद से दूसरा मामला है।
गुजरात के वडोदरा के रहने वाले अमित गुप्ता के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि 1 जनवरी से उनके बेटे को बिना किसी आधिकारिक आरोप के हिरासत में रखा गया है। अमित के पिता के मुताबिक कतर की राज्य सुरक्षा ने हिरासत में लिया था। अमित के पिता जगदीश ओएनजीसी के एक रिटायर्ड मुख्य अभियंता हैं। शनिवार को उन्होंने वडोदरा सांसद हेमंग जोशी से मुलाकात की और अपने बेटे की रिहाई के लिए उनका समर्थन मांगा। जोशी ने आश्वासन दिया है कि वह हर तरह से उनकी मदद करेंगे।
भाजपा सांसद हेमंग जोशी ने मीडिया को बताया कि वडोदरा निवासी गुप्ता पिछले 10 वर्षों से कतर में टेक महिंद्रा के लिए काम कर रहे थे। जोशी ने कहा कि उन्हें कतर के सुरक्षाकर्मियों ने हिरासत में लिया। भाजपा सांसद ने कहा,उनके माता-पिता एक महीने के लिए कतर गए थे और उनसे मिलने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हुए।
वहीं, इस मामले में टेक महिंद्रा का बयान भी सामने आया है। कंपनी ने कहा कि कर्मचारी के परिवार से साथ संपर्क लगातार बनाए हुए हैं। टेक महिंद्रा के प्रवक्ता ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए बताया कि वह परिवार के साथ निकट संपर्क में हैं। परिवार को कंपनी की ओर से आवश्यक सहायता पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। दोनों देशों के अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय कर रहे हैं और इसके साथ उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। कंपनी ने कहा कर्मचारी की भलाई सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इस मामले में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने बताया कि कतर में भारतीय दूतावास अमित गुप्ता के परिवार की मदद कर रहा है। सूत्रों की मानें तो कतर में हमारा दूतावास एक भारतीय नागरिक अमित गुप्ता को कतर के अधिकारियों द्वारा चल रही जांच के सिलसिले में हिरासत में लिए जाने के बारे में जानता है।
यह मिशन नियमित आधार पर परिवार, अमित गुप्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील और कतर के अधिकारियों के संपर्क में है। हमारा दूतावास इस मामले में हर संभव सहायता प्रदान करना जारी रखे हुए है और मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए है।
बता दें कि कतर में किसी भारतीय को हिरासत में लेने से जुड़ा यह 2022 के बाद से दूसरा मामला है। उच्च पदस्थ अधिकारियों सहित आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को 2022 में हिरासत में लिया गया और बाद में 2023 में मौत की सजा सुनाई गई। बाद में कतर की एक अदालत ने उनकी सजा कम कर दी थी और फरवरी 2024 में कतर के अमीर के आदेश पर उन्हें रिहा कर दिया गया।
Mar 24 2025, 12:18