/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz दुनिया के सबसे ताकतवर सेनाओं की लिस्ट जारी, जानें भारत का नंबर India
दुनिया के सबसे ताकतवर सेनाओं की लिस्ट जारी, जानें भारत का नंबर

#globalfirepowerindex2025indiarankfourth

दुनिया की टॉप आर्मी की रैंकिंग जारी करने वाले ऑर्गेनाइजेशन ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स ने साल 2025 की अपनी लिस्‍ट जारी कर दी है। इस सूची में भारत को जो रैंक हासिल हुई है, वो हैरान करने वाला है। इस सूची में भारत की दुनिया की टॉप-5 सबसे ताकतवर सैन्य शक्ति में शामिल किया गया है। यह रैंकिंग भारत की थलसेना, नौसेना और वायुसेना की बढ़ती रक्षा क्षमताओं को दिखाती है।

ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स में भारत की सेना चौथे नंबर पर है। रैंकिंग के अनुसार, अमेरिका की सेना 0.0744 स्कोर के साथ दुनिया की सबसे ताकतवर सैन्य शक्ति है। इसके बाद रूस (0.0788) और चीन (0.0788) का नंबर दिया गया है। भारत को दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सैन्य शक्ति बताया गया है और इसका स्कोर 0.1184 है। टॉप 5 शक्तिशाली सैन्य शक्ति में दक्षिण कोरिया ने भी जगह बनाई है और यह पांचवें स्थान पर है।

भारत छठी बार अपनी चौथी रैंकिंग को बरकरार रखे हुए है। भारत ने पिछले कुछ समय से रक्षा उत्पादन और आत्मनिर्भर होने पर जोर दिया है, जो उसकी ताकत को और भी बढ़ाता है। इंडेक्स में भारत की बढ़त का श्रेय सैन्य शाखाओं में आधुनिकीकरण को दिया जा सकता है। टॉप 10 ताकतवर देशों में फ्रांस है, जो नया शामिल हुआ है। पिछले साल की रैंकिग में यह 11वें नंबर पर था। इस बार फ्रांस 7वें नंबर पर आ गया है। पिछले साल सातवीं रैंक पर जापान था जो इस बार आठवें पर पहुंच गया।

पाकिस्‍तान की सेना 12वें नंबर पर

भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान जो कि हमारा नंबर 1 दुश्‍मन भी है. अब भारत पर आंख उठाने से पहले 100 दफा सोचेगा. भले ही पाकिस्‍तान के पास परमाणु हथियार हैं लेकिन इसके बाद भी वह जीपीएफ इंडेक्स में टॉप 5 तो छोड़ो टॉप 10 देशों में भी अपनी जगह नहीं बना पाया है. जीपीएफ इंडेक्स में पाकिस्तान को 12वां स्थान दिया गया है और वह ब्राजील से भी नीचे है.

इस मामले में दूसरे नंबर पर भारत

सबसे ज्यादा सैनिकों की बात करें तो इस मामले में भारत दूसरे नंबर पर है। भारत के पास 14,55,550 सैनिक हैं। इसके अलावा भारत के पास 11,55,000 रिजर्व सैनिक हैं। भारत के पास हथियारों की बात करें तो इसमें टी-90 भीष्म और अर्जुन टैंक, ब्रह्मोस मिसाइल और पिनाका रॉकेट सिस्टम जैसे उन्नत हथियार हैं। भारतीय वायुसेना ने अपने बेड़े में काफी विस्तार किया है। इंडियन एयरफोर्स के पास 2,229 विमान हैं, जिनमें 600 लड़ाकू जे, 899 हेलीकॉप्टर और 831 सहायक विमान शामिल हैं। भारतीय नौसेना ने भी 142,251 कर्मियों और 150 युद्धपोतों और पनडुब्बियों के साथ अपनी स्थिति मजबूत की है।

ट्रंप से मिलने पहुंचे बेंजामिन नेतन्याहू, मिडिल ईस्ट में होगी शांति?

#benjammin_netanyahu_meet_donald_trump

डोनाल्‍ड ट्रंप के सत्‍ता संभालने के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू अमेरिका के दौरे पहुंच गए हैं। गाजा और लेबनान में युद्ध तथा सीरिया में तख्‍तापलट के बाद पूरे पश्चिम एशिया में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। ट्रंप के सत्‍ता में आने से पहले हमास और इजरायल के बीच सीजफायर हुई है और कई बंदियों की रिहाई भी हुई है। इससे अब उम्‍मीद बनने लगी है कि खाड़ी देशों में शांति आएगी।

बेंजामिन नेतन्याहू का ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब गाजा युद्ध विराम का पहला चरण खत्म होने को है। बेंजामिन ने यूएस रवाना होने से पहले कहा कि मेरा मानना है कि हम सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं, शांति बना सकते हैं। ताकत के माध्यम से शांति के एक उल्लेखनीय युग को प्राप्त कर सकते हैं।

नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिकी राजधानी में उनकी बैठकों में इजराइल और क्षेत्र के सामने मौजूद खास और नाजुक मुद्दों पर चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि बातचीत में हमास पर विजय, हमारे सभी बंधकों की रिहाई और ईरानी आतंकवादी धुरी से निपटना शामिल हैं। साथ ही कहा कि ईरान का एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंस अरब के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए घातक है।

सऊदी अरब के साथ रिश्‍ते सामान्‍य करने पर चर्चा

इजरायली पीएम ने कहा कि इस मुलाकात में ट्रंप के साथ सऊदी अरब के साथ रिश्‍ते सामान्‍य करने को लेकर बातचीत करेंगे। उन्‍होंने कहा कि मैं शांति के दायरे को बढ़ाने पर बात करूंगा और ताकत के बल पर शांति हासिल करने का प्रयास करूंगा। सऊदी के साथ रिश्‍ते सामान्‍य करने को लेकर नेतन्‍याहू के प्रवक्‍ता दोस्‍तरी ने कहा कि हमारी इच्‍छा शांति पर पहुंचने की है और दूसरे पक्ष की भी यही इच्‍छा है। उन्‍होंने यह भी कहा कि अब संबंधों को सामान्‍य करना 7 अक्‍टूबर के पहले के मुकाबले ज्‍यादा चुनौतीपूर्ण है। इसकी वजह यह है कि सऊदी अरब ने शर्त रख दी है कि संबंधों को सामान्‍य करने को लेकर कोई भी बातचीत करने से पहले इजरायल को लड़ाई रोकनी होगी।

बजट 2025 में दिखा पड़ोसी देशों के साथ संबंधों का असर, जाने भारत ने किसे दी कितनी मदद?

#unionbudget2025indiaincreasedfinancialassistancetomaldives

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार (1 जनवरी) को आम बजट 2025-26 पेश किया। हर साल जब सरकार की ओर से बजट पेश किया जाता है तो हर आम और खास को इससे काफी आशा होती है। बजट केवल अपने देश के लिए लोगों का ही हित साधक नहीं होता, बल्कि पड़ोसी देशों की भी इसपर नजर होती है। इस बात पर सबकी नजर होती है कि सरकार ने किस देश के लिए कितनी सहायता राशि का ऐलान किया है, खासकर पड़ोसी देशों के लिए।भारत ने इस बार के बजट (2025-26) में विदेशी सहायता के मद में कटौती की है। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में विदेशी सहायता के लिए संशोधन आवंटन 5806 करोड़ रुपये था लेकिन इस साल इसे घटाकर 5,483 करोड़ रुपये कर दिया गया है। हालांकि, भारत ने अपने पड़ोसी देशों का पूरा ध्यान रखा है। भारत ने मालदीव और अफगानिस्तान के लिए सहायता बढ़ाई है, जबकि बांग्लादेश से रिश्तों में तल्खियों के बावजूद सहायता राशि में कटौती नहीं की गई है।

मालदीव हुआ “मालामाल”

बजट 2025 के फंड आवंटन में मालदीव को सबसे अधिक फायदा हुआ है। मालदीव को केंद्रीय बजट 2025 में अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच विकास सहायता में सबसे अधिक वृद्धि मिली है। दोनों देशों के बीच पिछले कुछ समय संबंधों में खटास के बाद इसे अहम माना जा रहा है।मालदीव के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से पेश किए गए 2025 के बजट में परिव्यय में लगभग 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई। बजट दस्तावेज के अनुसार, 2025-26 में मालदीव के लिए 600 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह वित्त वर्ष 2024-25 में द्वीप राष्ट्र को दिए गए 470 करोड़ रुपये से काफी अधिक है।

बांग्लादेश को क्या मिला?

शेख़ हसीना की सत्ता के पतन के बाद भारत और बांग्लादेश के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं, लेकिन इस बार के बजट में बांग्लादेश को मिलने वाली सहायता राशि को जस की तस रखा गया है। बांग्लादेश के बजट में सरकार ने कोई बढ़ोतरी नहीं की है। बांग्लादेश के लिए बजट राशि पिछले साल के 120 करोड़ में कोई फेरबदल नहीं हुआ है।

सबसे ज्यादा बजट भूटान के लिए

भारत सबसे ज़्यादा भूटान की आर्थिक मदद करता है। भारत ने 2025-26 के बजट में भूटान के लिए 2150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। जबकि पिछले वित्त वर्ष के दौरान इसके लिए संशोधित बजट 2543 करोड़ रुपये का था। भारत भूटान को इन्फ्रास्ट्रक्चर, पनबिजली परियोजनाओं और आर्थिक सहयोग से जुड़ी परियोजनाओं के लिए मदद देता है।

अफगानिस्तान की सहायता कम हुई

भारत अफगानिस्तान से बेहतर रिश्ते कायम करने की लगातार कोशिश कर रहा है. लेकिन, बजट में इसकी छाप नहीं दिखाई दी। अफगानिस्तान को पिछले साल 200 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई थी, जो 2025-26 में घटकर 100 करोड़ रुपये रह गई है। यह दो साल पहले दिए गए 207 करोड़ रुपये से काफी कम है। भारत तालिबान सरकार के साथ अपने व्यवहार में सतर्क रहा है और उसने अपनी भागीदारी को मानवीय सहायता और आर्थिक सहयोग तक ही सीमित रखा है।

म्यांमार को सहायता में वृद्धि

म्यांमार के बजट में 2024-25 के 250 करोड़ रुपये से 2025-26 के लिए 350 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। यह देश में चल रही उथल-पुथल के बीच किया गया है। केंद्र सरकार ने हाल ही में भारत-म्यांमार सीमा पर लोगों की आवाजाही के नियमों को कड़ा कर दिया है। नए नियमों के अनुसार, दोनों तरफ फ्री मूवमेंट रिजीम (एफएमआर) के तहत 16 किलोमीटर से लेकर 10 किलोमीटर तक की आवाजाही प्रतिबंधित है।

नेपाल के साथ 700 करोड़ रुपये का आवंटन बरकरार

हाल के दिनों में नेपाल पर चीन का असर बढ़ा है। लेकिन भारत नेपाल के साथ लगातार संबंध सुधारने की कोशिश में लगा है। भारत ने हाल में ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है, जिससे चीन के साथ नेपाल की नजदीकी बढ़े। वित्त वर्ष 2024-25 में नेपाल के लिए संशोधित बजट 700 करोड़ रुपये का था। वित्त वर्ष 2025-26 में भी इसमें कोई कटौती नहीं की गई है और इसे 700 करोड़ ही रखा गया है।

कौन हैं आर प्रज्ञानंद? जिन्होंने वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश को दी मात, जीता शतरंज का बड़ा खिताब

#praggnanandhaa_beats_gukesh_in_tiebreaker_to_clinch_tata_chess_title

ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानंद ने टाटा स्टील मास्टर्स का खिताब जीत लिया। प्रज्ञानंद ने विश्व चैंपियन डी गुकेश को टाईब्रेकर में 2-1 से खिताब पर कब्जा जमा लिया। बता दें कि इससे पूर्व दोनों भारतीय खिलाड़ी अंतिम दिन अपनी बाजियां हार गए थे लेकिन दोनों के बीच खिताब के लिए टाईब्रेकर मुकाबला हुआ था। जिसमें प्रज्ञाननंद ने बाजी मारी।

टाटा स्टील मास्टर्स 2025 में आर प्रज्ञानंद और डी गुकेश के बीच मुकाबला 2 फरवरी को विज्क आन जी (नीदरलैंड) में खेला गया। टाईब्रेक में 19 साल के प्रज्ञानंद ने 18 साल के गुकेश को शिकस्त दे दी। गुकेश को हमवतन अर्जुन एरिगैसी ने हराया। विश्व चैंपियन बनने के बाद गुकेश की ये पहली हार थी। जबकि प्रज्ञानंद जर्मनी के विंसेंट कीमर से हार गए। इन असफलताओं के बावजूद, वे लीडरबोर्ड में टॉप पर बने रहे, जिससे टूर्नामेंट टाईब्रेकर में चला गया।

टाईब्रेकर के बाद सडन डेथ की स्थिति आ गई। कड़े मुकाबले के बीच गुकेश नियंत्रण खो बैठे और अपना घोड़ा गंवा दिया। उसके बाद प्रज्ञानंद ने धैर्य बरतते सही तकनीक दिखाते हुए अंक बटोरा। प्रज्ञानंद ने मास्टर्स में पूर्ण अंक प्राप्त करने और अपनी पहली जीत हासिल करने के लिए सही तकनीक का प्रदर्शन किया तो दूसरी ओर गुकेश के लिए, यह लगातार दूसरा साल था जब वह पहले स्थान के लिए बराबरी पर रहे और टाईब्रेकर हार गए। पिछले साल के पिछले संस्करण में गुकेश चीनी वेई यी से भी हार गए थे।

प्रज्ञानंद टाटा स्टील मास्टर्स का खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय शतरंज खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने यह ट्रॉफी पांच बार जीती है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर के अमेरिका दौरे पर राहुल गांधी ने ऐसा क्या कहा, भड़क गया सत्ता पक्ष

#rahul_gandhi_in_lok_sabha_target_government_on_foreign_policy

संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चर्चा में हिस्सा लिया। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा। लोकसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शपथ का जिक्र किया और कहा कि पीएम मोदी को शपथ का निमंत्रण मिले इसलिए विदेश मंत्री जयशंकर को अमेरिका भेजा था।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर को तीन बार अमेरिका भेजा गया ताकि प्रधानमंत्री को वहां आने का न्योता मिल सके। दरअसल, राहुल गांधी ने कहा कि चीन आज एआई, बैट्री, इलेक्ट्रिक कार, ऑप्टिक्स के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन हम इसमें पीछे हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण में इस मुद्दे पर बात होनी चाहिए थी। साथ ही हमारे बैंकिंग सेक्टर पर दो या तीन बड़ी कंपनियों का ही प्रभाव नहीं होना चाहिए और छोटी और मध्यम वर्ग की कंपनियों को भी बैंकिंग सेक्टर तक आसान पहुंच होनी चाहिए। अगर ऐसा होता तो हमारे विदेश मंत्री को तीन-चार बार अमेरिका जाकर ये नहीं कहना पड़ता कि हमारे प्रधानमंत्री को आमंत्रित करें।' राहुल गांधी ने कहा कि 'अगर हमने इन क्षेत्रों में काम किया होता तो अमेरिका खुद हमारे प्रधानमंत्री को आमंत्रित करता।

राहुल गांधी के इस बयान पर सत्ता पक्ष ने आपत्ति जताई। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू जवाब देने के लिए उठे। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता को बिना किसी सबूत के ऐसे आरोप नहीं लगाने चाहिए। ये दो देशों का मुद्दा है। ये विदेश नीति का मामला है। रिजिजू ने कहा कि वो विपक्ष के नेता हैं। उन्हें जिम्मेदार होना चाहिए। रिजिजू ने कहा कि अगर विपक्ष के नेता के पास भले ही किसी स्रोत से ऐसी जानकारी हो, जो उन्होंने कहा है तो उसे सदन में रखना चाहिए।

राहुल गांधी ने तंज कसते हुए कहा कि मैं आपकी दिमागी शांति भंग करने के लिए माफी मांगता हूं। मैं ये सवाल को उठाने के लिए माफी मांगता हूं। आई एम सॉरी। इसपर रिजिजू ने कहा कि आपने सदन में झूठ बोला है। इसके लिए माफी मांगों। आपको देश के मामले में तो एक होना चाहिए। रिजिजू ने कहा कि विपक्ष के नेता को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। गंभीर विषय पर चर्चा चल रही है।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिनों अपने शपथ ग्रहण समारोह में चीन के राष्ट्रपति को आमंत्रित किया था, लेकिन भारत से विदेश मंत्री एस जयशंकर, ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। राहुल गांधी के बयान को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

लोकसभा में राहुल गांधी ने बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा, बोले-मेक इन इंडिया फेल

#parliamentbudgetsessionrahulgandhiattacksgovernment

लोकसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हुई है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लिया।राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इसमें नया कुछ नहीं। राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है। राष्ट्रपति का अभिभाषण वैसा नहीं था, जैसा होना चाहिए था। ये अभिभाषण अलग होना चाहिए। मैं यहां कुछ वैकल्पिक बातें बता रहा हूं और ऐसा अभिभाषण हो सकता था। इस दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर कई हमले किए।

रिलायंस, अडाणी, टाटा सब बढे पर तेज नहीं- राहुल

राहुल ने कहा कि पिछले 60 सालों में सबसे कम इंफ्रास्टक्चर हुआ है, तो इस सवाल का जवाब क्या है, युवाओं को क्या बताएंगे? कोई भी देश दो चीजों पर चलता है कंज्प्शन और प्रोडक्शन, 1990 से सभी सरकारों ने कंज्प्शन पर अच्छा काम किया। रिलायंस, अडाणी, टाटा, महिंद्रा सभी तेजी से बढ़े लेकिन ओवरऑल देश का विकास नहीं हुआ। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि युवाओं के रोजगार के मसले पर सरकारें गंभीर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस मसले पर पूर्व की यूपीए सरकार हो या फिर मौजूदा पीएम मोदी की सरकार दोनों ने इसका कोई जवाब नहीं दिया।

पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया को सफल बनाने का प्रयास नहीं किया-राहुल गांधी

नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया योजना अच्छी थी लेकिन, सच्चाई यह है कि यह योजना पूरी तरह विफल साबित हुई है। रोजगार के मसले पर इस सरकार की योजना साफ नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि मैं पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना नहीं करा रहा हूं। मैं नहीं कहूंगा कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने मेक इन इंडिया को सफल बनाने के लिए प्रयास नहीं किया, लेकिन वो इसमें असफल रहे।

भारत में मोबाइल फोन बनते नहीं, असेंबल हो रहे-राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद ने कहा कि देश में मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट आई है। उन्होंने मोबाइल का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि भारत में मोबाइल फोन बन नहीं रहे हैं। यहां ये असेंबल हो रहे हैं। मोबाइल का हर एक पार्ट चीन से आता है और अपने यहां उसे केवल असेंबल किया जाता है।

दुनिया आज पूरी तरह से बदल रही है

राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया आज पूरी तरह से बदल रही है। बदलाव जो हो रहा है कि दुनिया ईवी की तरफ बढ़ रही है, हम पेट्रोल से बैट्री की तरफ जा रहे हैं। सोलर और न्यूक्लियर एनर्जी की तरफ जा रहे हैं। ये बदलाव वॉर फेयर, एजुकेशन समेत हर जगह बदल रहा है। आखिरी बार हमने कंप्यूटर क्रांति देखी थी। कांग्रेस सरकार ने सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट पर ध्यान दिया था। मुझे याद है कि उस समय लोग हंस रहे थे। वाजपेयी ने भी कहा था कि कंप्यूटर का भारत में कोई भविष्य नहीं है।

यूक्रेन में युद्ध लड़ा जा रहा है, ईवी और इंजन से- राहुल गांधी

लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध लड़ा जा रहा है, ईवी और इंजन से है। इलेक्ट्रिक मोटर ड्रोन में है, इंजन टैंक में है। देखिए आज यूक्रेन में क्या हो रहा है टैंक का खात्मा हो रहा है लेकिन ड्रोन कमाल कर रहा है। ड्रोन पूरे टैंक को ध्वस्त कर रहा है। ड्रोन इलेक्ट्रिक मोटर है, ये बैट्री है। इलेक्ट्रिक कार और रोबॉट्स भी इलेक्ट्रिक मोटर है। चार तरह की तकनीक पूरी दुनिया को ड्राइव कर रही है, इलेक्ट्रिक मोटर, बैट्री, ऑप्टिकस, एआई।

दुनिया के बदलावों पर सरकार सजग नहीं- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया के बदलावों पर सरकार सजग नहीं है। चीन भारत से 10 साल आगे है, बैट्री, मोटर, ऑप्टिक से। राष्ट्रपति के अभिभाषण में युवाओं के लिए क्या था। जब हम अमेरिका की बात करते हैं तो हम अपने विदेश मंत्री को अपने पीएम को विदेशी मुद्दे पर बुलाने के लिए अमेरिका नहीं भेजते हैं। हम उन्हें ये जाकर नहीं कहते कि हमारे पीएम को बुलाइए। अगर हमारे पास प्रोडक्शन सिस्टम होता तो हम उनको मजबूर करते कि वो आकर हमारे पीएम को बुलाते।

चीन-कनाडा-मैक्सिको के बाद डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ लिस्ट में कौन, क्या अगला नंबर भारत का?

#trumptariffwaraffectindia

अमेरिका ने मेक्सिको, कनाडा और चीन पर टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है। ट्रंप ने मेक्सिको और कनाडा से आने वाले सामानों पर 25 फीसदी और चीन से इंपोर्ट पर 10 फीसदी का टैरिफ लगाने का फैसला किया है। ट्रंप के इस फैसले से तीनों देश नाराज हैं, वहीं पूरी दुनिया ट्रंप के इस फैसले को चिंतित है। सवाल है कि तीन देशों पर लगे टैरिफ के बाद अब किसकी बारी है? क्या अगला नंबर भारत का हो सकता है?

डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व में भारत की टैरिफ नीतियों की कड़ी आलोचना की है। वह भारत को 'टैरिफ किंग' तक कह चुके हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह से भारत की टैरिफ नीतियों की सख्त आलोचना पूर्व में की है। उससे ये अंदेशा है कि भारत भी उनके टैरिफ की हिट लिस्ट में होगा। हालांकि अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।भारत फिलहाल इससे बचा हुआ है लेकिन सवाल है कि क्या आगे भी इससे बच पाएगा?

ट्रंप के टैरिफ से बचने की कोशिश

शनिवार को भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का बजट पेश किया। सरकार ने कुछ कस्टम ड्यूटी कम की है। जिसका असर अमेरिका से होने वाले निर्यात पर पड़ता हुआ दिखाई दे सकता है। भारत ने हाई-एंड मोटरसाइकिल, कार और स्मार्टफोन पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी कम की है। इससे अमेरिकी कंपनियों जैसे हार्ले-डेविडसन, टेस्ला और ऐपल को फायदा होगा। भारत के कदम को ट्रंप के टैरिफ से बचने की कोशिश की तरह देखा गया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या कहा

वहीं, समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्रंप के टैरिफ को लेकर जब उनसे पूछा गया कि क्या इस घटना का असर भारत पर पड़ेगा तो उन्होंने कहा, हम नहीं जानते कि इसका हमारे लिए क्या परिणाम होगा। लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से हम पर असर हो सकता है। हम अभी नहीं जानते कि क्या होने वाला है। हम सतर्क रहेंगे, लेकिन हम इस समय यह अनुमान नहीं लगा सकते कि इसका हम पर क्या प्रभाव होगा। हालांकि, इस घटना से मैं चितिंत नहीं हूं।

अनावश्यक टैरिफ से फायदा नहीं- वित्त मंत्री

निर्मला सीतारमण ने एक संतुलित टैरिफ दृष्टिकोण की आवश्यकता की ओर इशारा किया। आवश्यक आयातों में अनावश्यक टैरिफ लगाए बिना घरेलू उद्योगों की रक्षा की जाए। कई वस्तुएं हैं, जो भारत में उपलब्ध नहीं है, उन पर ज्यादा टैरिफ लगाने से हमारा फायदा नहीं होने वाला

महाकुंभ भगदड़ पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, याचिका खारिज करने की बताई वजह

#stampede_at_prayagraj_maha_kumbh_supreme_court_refuses_to_entertain_a_pil

महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर प्रयागराज के संगम क्षेत्र में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 अन्य लोग घायल हो गए थे। इस मामल में दायर एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट से महाकुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट दिशा-निर्देश देने का अनुरोध करने को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी। शीर्ष अदालत ने इसपर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया।

महाकुंभ भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी की ओर से ये जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ पर स्टेटस रिपोर्ट और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है। इतना ही नहीं इसमें सभी राज्यों की ओर से मेले में सुविधा केंद्र खोलने की भी बात कही गई है, जिससे गैर हिंदी भाषी नागरिकों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो। याचिका में केंद्र सरकार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पार्टी बनाया गया है।

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने देशभर के करोड़ों लोग संगम पर जुटे थे। रात करीब डेढ़ बजे संगम नोज पर भगदड़ मच गई थी। भीड़ ने लोगों को कुचल दिया था। सरकार के मुताबिक, 30 लोगों की मौत हुई और 60 घायल हो गए थे। महाकुंभ नगर के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) वैभव कृष्ण ने बताया कि प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर मुख्य स्नान था। ब्रह्म मुहूर्त से पहले, देर रात एक से दो बजे के बीच, मेला क्षेत्र के अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ जमा हो गई।

भीड़ के दबाव के कारण दूसरी ओर के बैरिकेड्स टूट गए। बैरिकेड्स तोड़कर दूसरी ओर पहुंचे लोगों ने ब्रह्म मुहूर्त के स्नान का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को कुचलना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि इसके बाद मेला प्रशासन ने तुरंत एक मार्ग बनाकर एम्बुलेंस की मदद से 90 लोगों को अस्पताल पहुंचाया, जिनमें से 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई।

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की इस दलील पर गौर किया कि इस मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में पहले ही एक याचिका दायर की जा चुकी है और मौजूदा याचिका की शीर्ष अदालत में सुनवाई नहीं की जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने भगदड़ को दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार देते हुए याचिकाकर्ता और अधिवक्ता विशाल तिवारी को इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख करने को कहा।

पीठ ने तिवारी से कहा, यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है लेकिन आप इलाहाबाद हाई कोर्ट जाइए। शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की इन दलीलों पर गौर किया कि न्यायिक जांच शुरू की गई है।

बजट सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार, महाकुंभ में मची भगदड़ पर जवाब मांग रहा विपक्ष

#parliament_budget_session

बजट सत्र 2025 का आज तीसरा दिन है। संसद में जारी बजट सत्र के तीसरे दिन इस वक्‍त कुंभ भगदड़ को लेकर जोरदार हंगामा जारी है। विपक्षी नेता कुंभ में भगदड़ को चर्चा कराना चाहते हैं। सत्‍ता पक्ष अभी इसके लिए तैयार नहीं है।लोकसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हुई है।

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष का हंगामा देखने को मिला। विपक्ष महाकुंभ में हादसे को लेकर चर्चा करना चाहता है। बजट सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी सदस्य महाकुंभ में मची भगदड़ की घटना पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे।

लोकसभा स्पीकर ने कहा कि राष्ट्रपति ने कुंभ हादसे का भी जिक्र किया है उनके अभिभाषण पर चर्चा के दौरान इसपर बहस की जा सकती है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में नारेबाजी करने वाले विपक्षी दलों के सांसदों से कहा कि यदि जनता ने उन्हें नारे लगाने के लिए भेजा है जो यही काम करें या फिर कार्यवाही चलने दें।

विपक्षी दलों के सदस्यों ने ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ और ‘शेम शेम’ के नारे लगाए। बता दें कि मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का आरोप है कि सरकार ने इस घटना में मृतकों का सही आंकड़ा नहीं बताया।

शुरू हुआ ट्रे़ड वॉरः ट्रंप ने कनाडा-चीन-मैक्सिको को दिया आयात शुल्क का झटका, मिला करारा जवाब

#donaldtrumptariffsandtrade_war

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा, मेक्सिको और चीन पर नए टैरिफ लगा दिए हैं। ट्रंप ने कनाडा, मेक्सिको और चीन से आयातित वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है, जो शनिवार शाम से लागू हो गया। शनिवार को उन्होंने कनाडा और मैक्सिको से आयात होने वाले सामानों पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगाने के आदेश पर साइन किया। ट्रंप ने चीन से आने वाले सामानों पर 10 फीसदी आयात शुल्क लगाया है। अमेरिका के इस फैसले से एक ट्रे़ड वॉर (व्यापार युद्ध) छिड़ गया है। ट्रेड के क्षेत्र में ये तनातनी आने वाले दिनों में और ज्यादा बढ़ने जा रही है। ऐसा होता है तो सालाना 2.1 ट्रिलियन डॉलर ( करीब 181.72 लाख करोड़ रुपए) से अधिक का कारोबार प्रभावित होगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको से आने वाले समान पर टैरिफ और चीनी प्रोडक्ट्स पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है। ट्रंप के इस ऐलान का कई देशों में विरोध किया जा रहा है और कनाडा, मेक्सिको से लेकर चीन तक ने अमेरिका को करारा जवाब दिया है।

कनाडा- मेक्सिके ने दिखाए कड़े तेवर

कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि कनाडा भी अमेरिकी सामानों पर 25% शुल्क लगाएगा। ट्रूडो ने ऐलान किया कि ओटावा भी इसी तरह जवाब देगा और 155 बिलियन डॉलर तक के अमेरिकी आयातों पर 25 फीसद टैरिफ लगाएगा। ट्रूडो ने कहा कि इन टैरिफ में अमेरिकी बीयर, वाइन और बॉर्बन के साथ-साथ फल और फलों के जूस भी शामिल होंगे, जिसमें ट्रम्प के गृह राज्य फ्लोरिडा का संतरे का जूस भी शामिल है। कनाडा कपड़ों, खेल के प्रोडक्ट और घरेलू उपकरणों सहित अन्य समान को भी लक्षित करेगा।

अमेरिकी सरकार के मुताबिक 2022 में कनाडा देश के सामानों का सबसे बड़ा खरीदार था, जिसकी खरीद 356.5 बिलियन डॉलर है। अनुमान है कि 2023 में हर दिन 2.7 बिलियन डॉलर का सामान और सर्विस अमेरिका-कनाडा के बीच हुआ है।

इसी तरह मैक्सिकन राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने भी घोषणा की कि उन्होंने अपने अर्थव्यवस्था मंत्री को मैक्सिकन निर्यात पर संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए गए व्यापक शुल्कों के विरुद्ध नई टैरिफ और गैर-टैरिफ नीतियां लागू करने का आदेश दिया है।

चीन ने जताया विरोध

चीनी वस्तुओं पर टैरिफ लगाने के अमेरिकी आदेश को लेकर चीन ने तीखा विरोध दर्ज कराया है। रविवार को वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि चीन विश्व व्यापार संगठन में मुकदमा दायर करेगा और अपने हितों की रक्षा के लिए उचित जवाबी कदम उठाएगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय ने कहा, अमेरिका की ओर से एकतरफा टैरिफ वृद्धि विश्व व्यापार संगठन के नियमों का गंभीर उल्लंघन है। यह कदम न केवल अमेरिका के अपने मुद्दों को हल करने में नाकाम है बल्कि चीन-अमेरिका के सामान्य आर्थिक और व्यापार सहयोग को भी बाधित करता है। चीन अमेरिकी फैसले का कड़ा विरोध करता है और इससे बेहद असंतुष्ट है।