“न एजेंडा और न कोई लीडरशीप, 'इंडिया' गठबंधन को खत्म कर देना चाहिए, उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान
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लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को केन्द्र की सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए बड़े जोश के साथ तमाम विपक्षी पार्टियों ने 'इंडिया' गठबंधन बनाया। हालांकि, गठबंधन बनने पहले से ही इसके बने रहने पर सवाल उठने लगे थे। जो गठंबधन बनने के कुछ दिन बाद ही दिखने भी लगा। सबसे पहले गठबंधन की एक अहम पार्टी जेडीयू ने किनारा किनारा किया और भाजपा के साथ एनडीए में शामिल हो गई। इसके अलावा लोकसभा चुनावों में भी राज्य की पार्टियों ने कांग्रेस से किनारा किया। ना सिर्फ लोकसभा में बल्कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को इंडिया गंठबंधन की सहयोगी पार्टिया से अलग होकर चुनाव लड़ना पड़ रहा है। खासकर हरियाणा और महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम ने गठबंधन की रही-सही एकता पर जोरदार प्रहार किया। जिसके बाद लगभग पार्टियों ने राहुल गांधी की क्षमता पर सवाल उठाया है।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया है। इस चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कोई गठबंधन नहीं है। दोनों पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़ते हुए नजर आ रही है, जबकि लोकसभा चुनाव में ये दोनों ही पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा थीं। दिल्ली में आप-कांग्रेस के बीच जारी घमासान पर अब उमर अब्दुल्ला ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि अगर यह गठबंधन संसदीय चुनाव के लिए था तो इसे खत्म कर देना चाहिए।
इंडिया गठबंधन के घटक दल आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के दिल्ली में अलग-अलग चुनाव लड़ने से राजनीतिक गलियारों में दोनों पार्टियों के बीच मनमुटाव की खबरें हैं। इस पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया सामने आई है। मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने दिल्ली में भाजपा के खिलाफ लड़ रहे दलों को नसीहत देते हुए कहा कि भाजपा का मुकाबला किस तरह से बेतहर ढंग से किया जा सकता है, यह तो आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और वह पार्टियां तय करें जो वहां पर मैदान में हैं।
इस दौरान उनसे एक और सवाल पूछा गया कि आरजेडी के एक नेता की ओर से कहा गया है कि इंडिया गठबंधन लोकसभा के लिए था। जिस पर जवाब देते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जहां तक मुझे याद है कि इस पर कोई वक्त की सीमा नहीं लगाई गई थी। बदकिस्मती की बात यह है कि इंडिया गठबंधन की कोई बैठक नहीं बुलाई जा रही है। इसलिए इस पर कोई स्पष्टता नहीं है, न नेतृत्व को लेकर, न एजेंडा को लेकर और यह भी कि हम आगे साथ रहेंगे या नहीं। दिल्ली के चुनाव हो जाएं उसके बाद इंडिया गठबंधन के जो सहयोगी दल हैं उनको बुलाया जाए और इन बातों को स्पष्ट किया जाए। अगर यह सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए था तो इसे बंद करिए, फिर हम अपना काम अलग से करेंगे। अगर लोकसभा चुनाव के बाद यह विधानसभा के लिए भी है तो फिर हमें मिलकर काम करना होगा।
Jan 09 2025, 16:28