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संसद में प्रियंका गांधी की एंट्री से कांग्रेस की सियासत में बड़े बदलाव की उम्मीद, जानें


सियासत में एंट्री के 5 साल बाद प्रियंका गांधी लोकसभा पहुंच गई हैं. प्रियंका के शपथ लेने से कांग्रेस और गठबंधन के नेता उत्साहित नजर आ रहे हैं. संजय राउत ने जहां प्रियंका को शेरनी की उपाधि दी है. वहीं खुद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे प्रियंका की एंट्री को ऊर्जा और शक्ति बता रहे हैं

ऐसे में यह चर्चा तेज हो गई है कि प्रियंका के संसद में आने से कांग्रेस के भीतर क्या कुछ बदलेगा?

संगठन से संसदीय राजनीति में प्रियंका

प्रियंका गांधी केरल के वायनाड सीट से सांसद चुनकर आई हैं. 2009 में राजनीतिक परिदृश्य में आए केरल की यह सीट 2019 में सुर्खियां बटोरी थी. 2019 में यहां से राहुल गांधी जीतकर संसद पहुंचे थे.

2024 में भी राहुल को यहां से जीत मिली, लेकिन रायबरेली से जीत जाने की वजह से राहुल ने यह सीट छोड़ दी. इसके बाद राहुल ने प्रियंका को वायनाड सीट की कमान सौंपी.

2019 में प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में आई थीं. उन्हें तब संगठन में भेज दिया गया था. 2022 तक प्रियंका उत्तर प्रदेश की प्रभारी रहीं, लेकिन उनके नेतृत्व में भी कांग्रेस यूपी में कुछ खास नहीं कर पाई. कांग्रेस ने इसके बाद प्रियंका की ड्यूटी यूपी से हटा दी.

प्रियंका गांधी अभी खरगे की टीम में महासचिव की भूमिका में हैं. हालांकि, उनके पास किसी भी राज्य का प्रभार नहीं है. प्रियंका पहली बार संसदीय राजनीति में आई हैं.

संसद में प्रियंका, कांग्रेस में क्या-क्या बदलेगा?

फ्लोर मैनेजमेंट में भूमिका- पिछले 10 साल में संसद के भीतर कांग्रेस का फ्लोर मैनेजमेंट काफी कमजोर रहा है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर जब सरकार बिल पेश करने जा रही थी, तब राज्यसभा में कांग्रेस के सचेतक ने ही दल बदल लिया था. प्रियंका के संसद में आने से इसमें सुधार होने की बात कही जा रही है. बड़े मुद्दों पर नई रणनीति के तहत कांग्रेस सरकार को घेर पाएगी.

99 सांसद वाली कांग्रेस मुख्य विपक्ष की भूमिका में है. फ्लोर मैनेजमेंट के लिए सहयोगियों को साधना भी उसी की जिम्मेदारी है. 2024 के चुनाव के बाद स्पीकर चुनाव के वक्त भी कांग्रेस फ्लोर मैनेजमेंट नहीं कर पाई थी. उस वक्त कांग्रेस के रवैए से तृणमूल नाराज हो गई थी.

बाद में राहुल गांधी ने अभिषेक बनर्जी से बात कर पूरे मामले का डैमेज कंट्रोल किया था.

2. कांग्रेस के पास हिंदी भाषी वक्ता- 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उत्तर भारत की डेढ़ दर्जन सीटों पर जीत हासिल की है, लेकिन ऐसा कोई नहीं है, जिसका भाषण पूरे हिंदी बेल्ट में पसंद किया जाता हो. प्रियंका के संसद में आने से कांग्रेस इस क्राइसिस से निपट सकती है.

नेता प्रतिपक्ष के पद पर होने की वजह से राहुल गांधी को अंग्रेजी और हिंदी दोनों ही भाषाओं में बोलना पड़ता है. प्रियंका के आने से यह दुविधा भी खत्म होगी. प्रियंका मजबूती से अपनी बात रखने के लिए जानी जाती हैं. ऐसे में संसद में उनका भाषण कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.

कहा जा रहा है कि प्रियंका मुख्य तौर पर महिलाओं के मुद्दे पर ज्यादा फोकस कर सकती हैं. मल्लिकार्जुन खरगे के एक बयान से इसके संकेत भी मिले हैं. खरगे ने कहा है कि प्रियंका महिलाओं की मजबूत आवाज है.

लोकसभा के बाद देश की सियासत में महिलाएं मुख्य धुरी बनकर उभरी हैं. झारखंड और महाराष्ट्र जैसे चुनाव के नतीजे बदलने में महिलाएं एक्स फैक्टर साबित हुई हैं.

3. गठबंधन की धुरी बन सकती हैं- संसद में प्रियंका गांधी के आने से कांग्रेस को एक फायदा गठबंधन के सहयोगियों को साधने में भी होगा. यूपी के अखिलेश यादव से लेकर अन्य नेताओं से उनके सियासी ताल्लुकात अच्छे हैं. पर्दे के पीछे से गठबंधन में प्रियंका कई बार बड़ी भूमिका निभा चुकी हैं.

संसद में प्रियंका के आने से अब सहयोगी दलों के नेता सीधे उन्हीं से बात करना चाहेंगे. पहले यह वैक्यूम बना हुआ था. यही वजह है कि कांग्रेस नेताओं के साथ-साथ सहयोगी दलों के नेता भी प्रियंका के संसद में आने से उत्साहित हैं.

संजय राउत ने प्रियंका को शेरनी की संज्ञा दी है. सपा की डिंपल भी संसद के भीतर प्रियंका को बधाई देती नजर आईं. वहीं प्रियंका के रोल में हुए इस बदलाव का असर उन नेताओं पर पड़ेगा, जो अभी यह काम देख रहे हैं.

वर्तमान में फ्लोर मैनेजमेंट से लेकर सहयोगियों को साधने तक की जिम्मेदारी केसी वेणुगोपाल पर है. वेणुगोपाल संगठन के महासचिव हैं. साथ ही वे लोकलेखा समिति के भी प्रमुख हैं.

ऐसे में अब प्रियंका के संसद में आने के बाद कहा जा रहा है कि उनका भार कुछ कम हो सकता है.

धीरेंद्र शास्त्री ने बांग्लादेश को लेकर दिया बड़ा बयान , कहा- हिंदू एकता दिखाएं और सरकार को जवाब दें।

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बांग्लादेश को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि वहां के हिंदुओं को एकता का परिचय देते हुए सड़कों पर उतरना चाहिए. धीरेंद्र शास्त्री ने बांग्लादेश की सरकार को सनातनी विरोधी बताया. उन्होंने भारत सरकार से इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की बात कही. उन्होंने इस्कॉन को सनातन संगठन बताया.

धीरेंद्र शास्त्री द्वारा 9 दिवसीय हिंदू सनातन एकता पदयात्रा निकाली जा रही है. पदयात्रा निवाड़ी जिले के ओरछा तिगैला पहुंची. यात्रा का समापन ओरछा में शनिवार को होना है. यात्रा के समापन के कुछ घंटो पहले पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने वीडियो जारी कर लोगों से अपील की है. उन्होंने लोगों से कहा है कि जो लोग यात्रा में कल आना चाहते है, वह वहीं रुक जाएं और यात्रा में शामिल ना हो. वह लाइव के माध्यम से शामिल हो जाएं.

‘हिंदू सड़कों पर उतरें, बांग्लादेश सरकार को जवाब दें’

यात्रा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मामले को उठाया जाना चाहिए. वहां हिन्दू परिवारों को लूटा जा रहा है. बहन बेटियों की अस्मिता लूटी जा रही है. मंदिर तोड़े जा रहे हैं. अगर वहां के हिंदू बुजदिल न हो कायर न हो तो वह अपनी एकता का परिचय देते हुए सड़कों पर उतरे. उन्होंने कहा कि वहां हिंदू वहां की सरकार को जबाव दें. वह सनातन विरोधी सरकार को जवाब दें.

हरिहर मंदिर की होगी स्थापना- धीरेंद्र शास्त्री

धीरेंद्र शास्त्री ने संभल मामले में कहा कि एएसआई सर्वे आने के बाद जल्द हरिहर मंदिर की स्थापना होगी. यह पैदल यात्रा छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम से ओरछा नगरी तक निकाली जा रही है. यह यात्रा करीब 160 किलोमीटर की है. इसे सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा नाम दिया गया है. पदयात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं.

ये लोग हुए यात्रा में शामिल

यात्रा में पीठाधीश्वर वैदेही वल्लभशरण दास महाराज, दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी, मध्यप्रदेश के पूर्व गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, राजस्थान के हवा महल विधायक बालमुकुंद आचार्य, सागर विधायक शैलेन्द्र जैन, मंदसौर जिले के सुवासरा विधायक हरदीप ​सिंह डंग, श्री रामराज संकल्पना ट्रस्ट के मुख्य संरक्षक व राष्ट्रीय हिंद वाहिनी संगठन अयोध्या धाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेशचंद द्विवेदी राजू, राष्ट्रीय महामंत्री नवीनचंद शुक्ला, राष्ट्रीय मंत्री शरद नामदेव, राकेश तिवारी, कमलेश नामदेव, एडवोकेट संजय प्रताप सिंह, मनीष गुप्ता, आकाश कनौजिया, विकास कनौजिया सहित राष्ट्रीय हिंदू वाहनी संगठन व श्रीराम राज्य संकल्पना ट्रस्ट के कार्यकर्ता शामिल हुए.

गुरुग्राम में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया बिहार का कुख्यात गैंगस्टर सरोज राय, 32 से ज्यादा आपराधिक मामले थे दर्ज, 2 लाख रुपये का था इनाम।

दिल्ली से सटे गुरुग्राम में पुलिस ने कुख्यात गैंगस्टर का एनकाउंटर किया है. गुरुग्राम पुलिस और बिहार पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में बिहार के गैंगस्टर सरोज राय कि एनकाउंटर में मौत हो गई. मारे गए बदमाश पर 2 लाख रुपये का इनाम घोषित था. उसके ऊपर 32 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज थे. पुलिस के मुताबिक, जब गैंगस्टर को पकड़ने पुलिस पहुंची तो उसने टीम पर हमला कर दिया.

जवाबी फायरिंग में सरोज की मौत हो गई. मुठभेड़ की घटना में एक पुलिस का जवान भी घायल हुआ है. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस बीच एक अन्य बदमाश मौके से भागने में सफल रहा. बिहार पुलिस की ओर से गुरुग्राम पुलिस को सूचना मिली थी कि बिहार का कुख्यात बदमाश सरोज राय जिसपर पर पुलिस ने 2 लाख रुपए का इनाम रखा हुआ है वह गुरुग्राम में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने वाला है.

क्रास फायरिंग में हुई बदमाश की मौत

एसीपी क्राइम वरुण दहिया के मुताबिक, पुलिस को सूचना मिली थी कि गैंगस्टर सरोज राय मेवात से गुरुग्राम में एंट्री करेगा, इसी के बाद गुरुग्राम पुलिस ने अलग-अलग जगह पर नाकेबंदी कर दी. गुरुग्राम के बार गुर्जर चौकी के पास आरोपी ने पुलिस से बचने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने इसे रोकने की कोशिश की तो उसने पुलिस के ऊपर फायरिंग कर दी. एसीपी क्राइम ने बताया कि पुलिस ने क्रास फायरिंग की, जिसमें बदमाश सरोज राय की मौत हो गई. इस घटना में बिहार पुलिस के एक जवान को भी गोली लगी है. उन्हें घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

32 से ज्यादा आपराधिक मामले थे दर्ज

गैंगस्टर सरोज राय के साथ एक अन्य बदमाश भी साथ था. वह पुलिस को चकमा देकर मौके से फरार होने में कामयाब रहा. पुलिस की जांच में मालूम हुआ है कि बदमाश सरोज राय बिहार में एक बड़ा गैंगस्टर था और पिछले काफी समय से उसने आतंक मचाया हुआ था. उसके ऊपर लगभग 32 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस ने जब इस गैंगस्टर को रोकने की कोशिश की तो इसने एक के बाद एक दर्जनों फायरिंग की. पुलिस तफ्तीश में जुटी हुई है कि बिहार के अलावा क्या इसने गुरुग्राम या हरियाणा के अन्य इलाकों में भी किसी तरह की वारदात को अंजाम दिया है.

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले भारत-पाकिस्तान के बीच बड़ा मैच

फरवरी-मार्च 2025 में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद जारी है. टीम इंडिया इस टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान का दौरा नहीं करने वाली है, तब से ही आईसीसी दोनों क्रिकेट बोर्ड के बीच फंसा हुआ है. माना जा रहा है कि 29 नवंबर को होने वाली बैठक के बाद इस टूर्नामेंट के शेड्यूल का ऐलान किया जा सकता है. वहीं, चैंपियंस ट्रॉफी से पहले भी भारत और पाकिस्तान की टीमों के बीच एक क्रिकेट मैच खेला जाएगा. ये मैच मेंस अंडर-19 एशिया कप में खेला जाएगा, जिसकी शुरुआत 29 नवंबर से होने जा रही है.

भारत-पाकिस्तान के बीच दुबई में होगी टक्कर

मेंस अंडर-19 एशिया कप 29 नवंबर से 8 दिसंबर तक यूएई में खेला जाएगा. इस टूर्नामेंट में कुल 8 टीमें हिस्सा लेंगी जिसमें भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, जापान, युएई और नेपाल का नाम शामिल है. मेंस अंडर-19 एशिया कप की शुरुआत 1989 में हुई थी. इस बार टूर्नामेंट का 11वां एडिशन खेला जाना है और लगातार चौथी बार इसकी मेजबानी यूएई के हाथों में होगी. इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली 8 टीमों को 4-4 के दो ग्रुप में बांटा गया है. ग्रुप ए में भारत, पाकिस्तान, जापान और यूएई को रखा गया है. वहीं ग्रुप बी में श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और नेपाल को रखा गया है.

भारत और पाकिस्तान की टीमें एक ही ग्रुप में हैं, ऐसे में दोनों टीमों की टक्कर ग्रुप स्टेज में ही देखने को मिलेगी. भारत और पाकिस्तान की टीमों के बीच ये मैच 30 नवंबर को दुबई के मैदान पर खेला जाएगा. ये मैच भारतीय समयानुसार सुबह 10.30 बजे से खेला जाएगा. इसके बाद 2 दिसंबर को शारजाह में भारतीय टीम की टक्कर जापान से होगी और फिर वह अपना आखिरी ग्रुप स्टेज मैच 4 दिसंबर को यूएई की टीम के खिलाफ खेलेगी.

अंडर-19 एशिया कप के लिए टीम इंडिया का स्क्वॉड

आयुष म्हात्रे, वैभव सूर्यवंशी, सी आंद्रे सिद्दार्थ, मोहम्मद अमान (कप्तान), किरण चोरमले (उपकप्तान), प्रणव पंत, हरवंश सिंह पंगालिया (विकेटकीपर), अनुराग कावड़े (विकेटकीपर), हार्दिक राज, मोहम्मद एनान, केपी कार्तिकेय, समर्थ नागराज, युधाजीत गुहा, चेतन शर्मा, निखिल कुमार.

नॉन ट्रेवलिंग रिजर्व: साहिल पारख, नमन पुष्पक, अनमोलजीत सिंह, प्रणव राघवेंद्र, डी दीपेश.

संभल हिंसा: इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर, सीबीआई जांच की मांग की गई

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार (24 नवंबर) को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी. हालांकि अब स्थिति नियंत्रण में है. इस हिंसा में 4 लोगों की मौत भी हुई. इसी मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. इस याचिका में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में CBI जांच कराने की मांग की गई है. इसके साथ ही याचिका में कलेक्टर और एसपी के साथ-साथ संबंधित अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की मांग की गई है.

आनंद प्रकाश तिवारी नाम के व्यक्ति द्वारा अधिवक्ता इमरान उल्लाह और विनीत विक्रम के जरिए दायर इस याचिका में यह मांग भी की गई है, कि संभल की जामा मस्जिद के सर्वे से लेकर अब तक पूरी जांच कराई जाए. इसके साथ ही घटना में मुरादाबाद परिक्षेत्र के मंडलायुक्त, संभल के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों की भूमिका की जांच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल से कराए जाने की मांग की गई है.

याचिका में प्रशासनिक लापरवाही और इस हिंसा में स्थानीय अधिकारियों की भूमिका का आरोप लगाया गया है. साथ ही भविष्य में धार्मिक स्मारक या स्थल के सर्वेक्षण में सहयोग के लिए जिले के अधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारियों के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश बनाने की भी मांग की गई है. 24 नवंबर को एक अधिवक्ता आयुक्त की अगुवाई में टीम द्वारा मुगलकालीन जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के बाद संभल में हिंसा भड़क गई थी. यह सर्वेक्षण एक स्थानीय अदालत के आदेश पर किया गया था.

सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा

पिछले रविवार को मस्जिद का दोबारा सर्वेक्षण किये जाने के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गयी थी तथा 25 अन्य जख्मी हो गये थे. हालांकि शहर में हालात लगभग सामान्य हो चुके हैं लेकिन मस्जिद के पास के बाजारों में कारोबारियों का दावा है कि घटना के बाद से उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा नुकसान मस्जिद से आधा किलोमीटर दूर स्थित सर्राफा बाजार में स्थित सर्राफा दुकान मालिकों को हुआ है.

संभल में सभी संवेदनशील स्थानों पर पुलिस बल तैनात है. सिर्फ संभल ही नहीं बल्कि मुरादाबाद मंडल के सभी पांच जिलों में सतर्कता बरती जा रही है. रविवार को हुई हिंसा में कितना नुकसान हुआ है इसका भी पता लगाया जा रहा है.

अब तक 31 आरोपी गिरफ्तार

रविवार को हुई हिंसा के बाद से ही पुलिस लगातार आरोपियों की धरपकड़ कर रही है, पूरे मामले में पुलिस ने इस मामले में सात मुकदमे दर्ज कर अब तक 31 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं.

नारनौल में अनोखा मामला: दुल्हन ने जयमाल के बाद किया शादी से इनकार, फिर बॉयफ्रेंड के साथ हुई गायब

हरियाणा के नारनौल से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां एक दुल्हन ने जयमाल के बाद जब दूल्हा मंडप पर बैठा तो दुल्हन ने अचानक से शादी कैंसिल कर दी. बोली- दूल्हे ने शराब पी रखी है. उसके मुंह से शराब की बदबू आ रही है. मैं यह शादी नहीं करूंगी. बारात वापस लौटाने के बाद दुल्हन फिर अगले दिन अचानक गायब हो गई. असलियत पता चली तो घर वाले माथा पीटकर रह गए.

मामला निजामपुर थाना क्षेत्र का है. तीन महीने पहले यहां रहने वाली एक लड़की का रिश्ता नांगल चौधरी के रहने वाले युवक संग तय हुआ था. लड़की का परिवार वैसे दिल्ली में रहता है. लेकिन मूल रूप से वो निजामपुर के रहने वाले हैं. इसलिए शादी का कार्यक्रम यहीं रखा गया. 27 नवंबर को दुल्हन के घर गाजे-बाजे के साथ बारात आई. बारातियों का धूमधाम से स्वागत किया गया.

इस शादी में दुल्हन का एक दोस्त भी आया था. जयमाल की रस्म हुई. फिर बारी आई सात फेरे लेने की. मंडप पर बैठते ही दूल्हे ने जब दुल्हन से हंसी मजाक शुरू किया तो वह उठ खड़ी हुई. दुल्हन ने कहा- दूल्हे ने शराब पी है. मैं इससे शादी नहीं करूंगी. यह सुनते ही दूल्हा बोला- ये झूठ कह रही है. मैंने कोई शराब नहीं पी. यह देख दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया.

बॉयफ्रेंड संग भागी दुल्हन

दुल्हन अपनी जिद पर अड़ी रही. नतीजा ये हुआ कि बारात को खाली हाथ ही वापस लौटना पड़ा. इसके बाद अगले दिन सभी ने पाया कि दुल्हन अपने कमरे में नहीं है. वहीं, उसका वो दोस्त भी गायब था जो दुल्हन की शादी में शामिल होने पहुंचा था. फिर पता चला कि वो दोस्त नहीं बल्कि दुल्हन का बॉयफ्रेंड है. यह जानकर दुल्हन के घर वालों के होश उड़ गए. उन्होंने थाने जाकर इसकी शिकायत दी. पुलिस अब दोनों की तलाश कर रही है.

क्या बोला दूल्हा पक्ष?

वहीं, दूल्हे पक्ष ने भी कहा- दुल्हन की ये पहले से ही प्लानिंग थी. अगर उसे शादी नहीं करनी थी तो पहले ही कह देती. हमें लड़की वालों ने बेवकूफ बनाया है. जयमाल के समय भी दुल्हन इशारों में अपने बॉयफ्रेंड से बातें कर रही थी. हमें शक तो था लेकिन कुछ कह नहीं सकते थे.

मध्य प्रदेश के खंडवा में मशाल जुलूस के दौरान बड़ा हादसा: 50 से ज्यादा लोग झुलसे, 30 घायल अस्पताल में भर्ती

मध्य प्रदेश के खंडवा में मशाल जुलूस के समापन समारोह में हादसा हो गया. मशालें रखते समय कुछ मशालें उलटी हो गईं और आग भड़क गई. हादसे में 50 से ज्यादा लोग झुलस गए. उन्हें इलाज क लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जुलूस में एक हजार से ज्यादा मशालें थीं. इनमें से 200 मशालें जलाई गईं थी. मशाल में लकड़ी का बुरादा और कपूर का चूरा था, जिससे आग और ज्यादा भड़क गई. मशाल जुलूस का आयोजन राष्ट्र भक्त वीर युवा मंच ने किया था.

आतंकवाद के खिलाफ आयोजित हुए कार्यक्रम में तेलंगाना के बीजेपी नेता टी राजा और पश्चिम बंगाल भाजपा प्रवक्ता नाजिया खान में शामिल हुई थीं. उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित किया था. कार्यक्रम का नेतृत्व हिंदूवादी नेता अशोक पालीवाल कर रहे थे. समापन के दौरान हादसा हो गया. हादसे के बाद वहां मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई. जिसमें भागने के कारण कई लोग घायल हुए हैं.

मशालें उलटी होने से लगी आग

कार्यक्रम खंडवा के बड़ाबम चौक में गुरुवार की शाम आयोजित किया गया था. समापन से पहले रात करीब 11 बजे मशाल जुलूस निकला गया. करीब 1000 मशालें जलाने का कार्यक्रम था. लेकिन इनमें 200 मशालें ही जल पाई थी. आधा घंटा तक मशाल जुलूस निकाला गया. घंटाघर चौक पर समापन के दौरान लोग मशालें रखने लगें. अचानक कुछ मशाल उलटी हो गईं और उन्होंने तेजी से आग पकड़ ली. एकदम आग की लपटें बढ़ने से लोग इससे झुलस गए. हादसे के बाद वहां अफरा-तफरी और भगदड़ मच गई.

30 घायल पहुंचे जिला अस्पताल

जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया. जैसे-तैसे आग को बुझाया गया. हादसे में 50 लोग घायल हो गए. इनमें कुछ लोग आग से झुलसे थे कई को भगदड़ के कारण चोट आई. पुलिस ने सभी को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया. पुलिस के मुताबिक, 30 लोगों को जिला अस्पताल लाया गया. जिनमें 12 लोगों को भर्ती किया गया. बाकी की प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी कर दी. घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे.

Whatsapp में ऐसे ढूंढें पुराने से पुराना मैसेज, सिर्फ डेट डालने से बनेगा काम

WhatsApp पर यूजर्स को पहले पुराना मैसेज ढूंढने में काफी परेशानी होती थी, यही वजह रही कि कंपनी ने यूजर्स की परेशानी को दूर करने के लिए ऐप में एक ऐसा काम का फीचर जोड़ा जिससे अब आसानी से किसी भी डेट के पुराने मैसेज को चुटकियों में ढूंढा जा सकता है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर पुराने मैसेज को कैसे आप चुटकियों में ढूंढ सकते हैं

इस काम के लिए बस आपको कुछ सिंपल स्टेप्स को फॉलो करना होगा. आपको पूरी चैट को ऊपर नीचे करने की जरूरत नहीं है, बस आपको डेट पता होनी चाहिए जिस दिन का मैसेज आपको खोजना है. डेट डालने से आपका काम बन जाएगा.

WhatsApp Chat में ऐसे खोजें पुराना मैसेज

सबसे पहले फोन में WhatsApp खोलें.

चैट पर जाएं: जिस चैट में आप मैसेज ढूंढना चाहते हैं, उस चैट को ओपन कीजिए.

सर्च आइकन पर क्लिक करें: चैट स्क्रीन के ऊपर दाएं कोने में तीन डॉट्स पर क्लिक करें और फिर सर्च ऑप्शन को चुनें.

कैलेंडर आइकन ढूंढें: सर्च बार में आपको कैलेंडर आइकन दिखाई देगा, इस आइकन पर क्लिक कीजिए.

तारीख चुनें: कैलेंडर आइकन पर क्लिक करने के बाद उस तारीख को चुनें जिसका मैसेज आप ढूंढ रहे हैं.

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इस फीचर का फायदा

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मुंबई की एनआईए कोर्ट ने तीन बांग्लादेशी नागरिकों को पांच साल की सजा सुनाई।

मुंबई की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) कोर्ट ने गुरुवार को तीन बांग्लादेशी नागरिकों को पांच साल की सजा सुनाई है. एनआईए की विशेष अदालत के आदेश के बाद तीनों बांग्लादेशी को जेल भेज दिया गया है. इन पर पुणे में बांग्लादेश के आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के आतंकियों को शरण देने का आरोप था. इसके साथ ही इस मामले में सजा पाने वालों की संख्या पांच पहुंच गई है.

एनआईए कोर्ट से सजा पाने वाले दोषियों में मोहम्मद हबीबुर्रहमान हबीब उर्फ राज जेसुब मंडल, हन्नान अनवर हुसैन खान (उर्फ हन्नान बाबुराली गाजी), और मोहम्मद अजराली सुब्हानल्लाह (उर्फ राजा जेसुब मंडल) शामिल हैं. तीन बांग्लादेशी नागरिकों को आईपीसी और विदेशी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है. आरोपियों पर 5 साल कैद के साथ 2 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

भारत में अवैध रूप से घुसपैठ करके आए थे

मुंबई की एनआईए कोर्ट ने इस मामले (RC-01/2018/NIA/MUM) में अब तक कुल पांच आरोपियों को दोषी ठहराया जा चुका है. इससे पहले अक्टूबर 2023 में रिपेन हुसैन उर्फ रुबेल और मोहम्मद हसन अली मोहम्मद आमिर अली को भी पांच साल कैद की सजा सुनाई गई थी. यह मामला सबसे पहले मार्च 2018 में पुणे पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था. पुलिस को जानकारी मिली थी कि पुणे में कई बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहे हैं.

पुलिस को जानकारी मिली कि ये एबीटी के सदस्यों को लॉजिस्टिक मुहैया कर मदद और शरण दे रहे हैं. पुलिस ने महाराष्ट्र के पुणे स्थित धोबीघाट, भैरोबा नाला इलाके से हबीब को पकड़ा था. बाद में कुल पांच बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया. मई 2018 में एनआईए ने मामले की जांच अपने हाथ में ली. जांच में पता चला कि गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक भारत में अवैध रूप से घुसपैठ करके आए थे.

एबीटी के सरगना को दी शरण

उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के जरिए पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड जैसे फर्जी भारतीय पहचान पत्र मुहैया करवाए गए. इन दस्तावेजों का इस्तेमाल वे सिम कार्ड लेने, बैंक खाते खोलने और भारत में नौकरी पाने के लिए कर रहे थे. एनआईए की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपियों ने एबीटी के कई सदस्यों, जिनमें एक मुख्य सदस्य समद मिया उर्फ तनवीर उर्फ सैफुल उर्फ तुषार बिस्वास शामिल था, इसको शरण और फाइनेंशियली मदद दी.

दिल्ली हाईकोर्ट ने बर्खास्त आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को बड़ी राहत, अंतरिम जमानत को बरकरार रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को धोखाधड़ी के आरोपों में 2022 बैच की बर्खास्त प्रशासनिक अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए जमानत पर अपना आदेश सुरक्षित रखा. जस्टिस चंद्रधारी सिंह ने कहा कि दोनों पक्षों को सुना गया है और इस मामले में कोर्ट फैसला सुरक्षित रखती है. हालांकि, उन्हें (पूजा) को गिरफ्तारी से दिया गया अंतरिम प्रोटेक्शन जारी रहेगा.

पूजा पर 2022 के सिविल सेवा परीक्षा में अपने आवेदन में गलत जानकारी देकर दिव्यांग कोटे का फर्जी लाभ लेने का आरोप है. हालांकि, वह अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करती हैं. उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस और संघ लोक सेवा आयोग ने शिकायत दर्ज कराई है. इस केस में हाईकोर्ट ने पूजा को 12 अगस्त को अंतरिम जमानत दी थी, जिसके बाद इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है.

हिरासत की कोई जरूरत नहीं

सुनवाई के दौरान पूजा के वकील ने कहा कि उनकी क्लाइअन्ट जांच में शामिल होने और सहयोग करने के लिए तैयार हैं, इसलिए उनकी हिरासत की कोई आवश्यकता नहीं है. उनके इस दावे का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि अपराध में अन्य लोगों की संलिप्तता का पता लगाने के लिए पूजा खेडकर से हिरासत में पूछताछ जरूरी है.

दस्तावेजों में बदलाव की शिकायत

सुनवाई के दौरान पुलिस के वकील ने कहा कि पूजा ने अलग-अलग परीक्षाओं में अलग-अलग दस्तावेजों का उपयोग किया है. उनके दिव्यांगता प्रमाण पत्र में गड़बड़ी मिली है. वहीं, यूपीएससी के वकील ने पूजा को जमानत देने का विरोध किया. पुलिस के वकील ने कहा कि पूजा से संबंधित केस में अभी जांच एजेंसियों ने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की जांच नहीं की है.

जांच को प्रभावित कर सकती है

दिल्ली पुलिस ने कहा कि अगर पूजा को केस में जमानत पर बाहर रखा जाता है, तो इस गहरी साजिश की जांच में बाधा उत्पन्न होगी, और इसका प्रभाव सिविल सेवा परीक्षा की शुचिता पर पड़ेगा. वहीं, यूपीएससी ने कहा कि पूजा ने आयोग और जनता से धोखाधड़ी की है. इस पर पूजा के वकील ने कहा कि पूजा पर यह आरोप तब लगे जब उन्होंने एक अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया.