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ईडी का बड़ा एक्शन: सैंटियागो मार्टिन के ठिकानों से 5 करोड़ रुपये कैश बरामद


कोलकाता: मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े अपराधों की जांच करने वाली एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने शुक्रवार को हरियाणा में बड़ा एक्‍शन लिया. ईडी को सैंटियागो मार्टिन उर्फ लॉटरी किंग के खिलाफ एक्‍शन के दौरान कुल पांच करोड़ रुपये कैश मिला. इतनी बड़ी संख्‍या में कैश बरामद हुआ कि ईडी की टीम भी नोट गिनते-गिनते थक गई. 

कोलकाता के ठिकाने से घर के कोने-कोने से ईडी ने यह कैश रिकवर किया. ईडी को कैश काउंटिंग के लिए मशीनों तक मंगवानी पड़ी. जिसके बाद काउंटिंग खत्‍म हो सकी।

ईडी ने इस मामले में हरियाणा के फरीदाबाद , कोलकाता, तमिलनाडु सहित 20 ठिकानों पर छापेमारी की.

“सैंटियागो मार्टिन उर्फ लॉटरी किंग के नाम से चर्चित आरोपी” के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चलाया गया। करोड़ों रूपये की नगदी के बारे में जब पूछा गया तो कुछ संतोषजनक जवाब नहीं मिला, उसके बाद उसे जब्त कर लिया गया है।

जांच एजेंसी के सूत्र के मुताबिक कैश कोलकाता वाले आवास से जब्त किया गया है.जांच एजेंसी द्वारा हरियाणा के फरीदाबाद तमिलनाडु सहित कुल 20 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन की कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

जांच एजेंसी ईडी और इनकम टैक्स के रडार पर मार्टिन बहुत पहले से रहा है लेकिन 14 नवंबर की सुबह – सुबह इस सर्च ऑपरेशन की कार्रवाई को अंजाम दिया गया ,जो 15 नवंबर शुक्रवार को भी कई लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन जारी रहा.

सिक्किम सरकार को लगाया 900 करोड़ का चूना!

जांच एजेंसी ईडी के रडार पर साल 2023 में ही मार्टिन आ गया था, जब केरल में फर्जी लॉटरी की बिक्री के माध्यम से उसने सिक्किम सरकार को करीब 900 करोड़ रुपए से अधिक के कथित तौर पर नुकसान पहुंचाया था. जांच एजेंसी द्वारा इस मामले में कार्रवाई करते हुए उसकी और उसकी कंपनी की करीब 457 करोड़ की संपत्ति को जब्त कर लिया गया था.

जांच एजेंसी के सूत्र के मुताबिक हरियाणा के फरीदाबाद में मार्टिन की एक फैक्ट्री है, जहां पर लॉटरी को छापने का काम चलता है. इस लोकेशन पर बेहद तरीके से लॉटरी छापने का काम चलता था. लेकिन इस मामले में तमाम इनपुट्स को पता करने के बाद यहां भी सर्च ऑपरेशन की कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

लॉटरी के धंधे की अगर बात करें तो पंजाब, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मेघालय, गोआ, महाराष्ट्र , नागालैंड आदि शहरों में लॉटरी पर प्रतिबंध नहीं है इसलिए उन लोकेशन पर इस लॉटरी का धंधा काफी चर्चित रहता है, लेकिन दिल्ली -एनसीआर में लॉटरी पर बैन है।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर यूट्यूबर सौरभ जोशी को धमकी देने वाला आरोपी गिरफ्तार


हल्द्वानी:- उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में रहने वाले फेमस यूट्यूबर सौरभ जोशी को लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर पत्र भेजकर दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने वाले आरोपी को पुलिस ने हल्द्वानी से गिरफ्तार किया है.

मामले के खुलासे के लिए एसएसपी नैनीताल ने पुलिस टीम गठित की थी, जबकि एसओजी टीम को तफ्तीश के निर्देश दिए थे. टीम ने 12 घंटे के अंदर आरोपी की गिरफ्तारी करते हुए कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.

एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा ने खुलासा करते हुए बताया कि हल्द्वानी निवासी यूट्यूब सौरभ जोशी ने पुलिस को दी तहरीर में कहा था कि उसे एक धमकी भरा पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें 2 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई है और पैसे नहीं देने पर परिवार के एक सदस्य को मार डालने की धमकी दी गई है.

मामले की गंभीरता और लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम जुड़े होने पर पुलिस टीम गठित की गई. सोमवार को पुलिस और एसओजी की टीम ने हल्द्वानी के रामपुर रोड से आरोपी को गिरफ्तार किया.

जल्दी पैसे कमाने के लिए अपनाया शॉर्टकट:

एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी का नाम अरुण कुमार (पुत्र पूरन सिंह निवासी फतेहगंज बिसौली जिला बदायूं उत्तर प्रदेश) है. आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वो पंजाब के मोहाली में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था, लेकिन वहां से मालिक ने निकाल दिया. इसके बाद उसने पैसे कमाने के चक्कर में यूट्यूबर सौरभ जोशी को लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर रंगदारी की धमकी दी.

उसने बताया कि इन दोनों लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसका फायदा उठाकर उसने सौरभ जोशी को धमकी दी. पकड़ा गया आरोपी हल्द्वानी में जाकर पहले सौरभ जोशी के घर की रेकी कर चुका है.

लॉरेंस गैंग से कोई संबंध नहीं

पुलिस ने पूरे मामले में सीसीटीवी कैमरे और सर्विलांस के आधार पर आरोपी अरुण कुमार को गिरफ्तार किया है. उसने बताया कि शॉर्टकट तरीके में अधिक कमाई करने के चलते सौरभ जोशी को धमकी भरा पत्र भेज कर दो करोड़ की रंगदारी मांगी.

पूछताछ में आरोपी का लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कोई संबंध नहीं पाया गया है. साथ ही अभी तक आरोपी की आपराधिक इतिहास की जानकारी भी नहीं मिली है. घटना का पुलिस ने 12 घंटे में खुलासा किया है जिसको देखते हुए एसएसपी ने पुलिस टीम को ढाई हजार रुपए ईनाम दिया है।

प्रोफेसर का अनुशासन, या अत्याचार?छात्र की हेयर स्टाइल नहीं आई पसंद तो प्रोफेसर ने नाई के दुकान में ले जाकर मुंडवा दिया सिर


हैदराबाद:- तेलंगाना के खम्मम जिले में स्थित एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मेडिकल छात्र का सिर नाई की दुकान में ले जाकर मुंडवा दिया गया क्योंकि उसकी हेयर स्टाइल कुछ सीनियर्स और एक सहायक प्रोफेसर को पसंद नहीं आई थी।

यह घटना 12 नवंबर को हुई थी, जब छात्रावास में कुछ सीनियर्स ने प्रथम वर्ष के छात्र से कहा कि उसकी हेयर स्टाइल मेडिकल कॉलेज के छात्र के लिए उचित नहीं है और उसे अपने बाल ट्रिम करवाने को कहा।. 

छात्र ने बाल ट्रिम करवा लिए, लेकिन फिर भी रैगिंग विरोधी समिति के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और सहायक प्रोफेसर ने उसे सैलून में ले जाकर उसका सिर मुंडवा दिया।

इस मामले ने तेलंगाना सरकार को गंभीरता से लेने पर मजबूर किया है, और स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा ने जांच का आदेश दिया है और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है ।

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने भी चिकित्सा अधिकारी को छात्रावास से हटाने का आदेश दिया है और घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है।

बेंगलुरु से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है पिता ने अपने बेटे को क्रिकेट बैट से पीटकर कर दी हत्या,बेटे की इस हरकत से पिता था परेशान


नई दिल्ली: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। बेंगलुरु में एक व्यक्ति ने अपने 14 साल के बेटे की क्रिकेट के बल्ले से पीट-पीट कर हत्या कर दी। पिता 14 साल के बेटे की मोबाइल की लत से और पढ़ाई में उसकी रुचि न होने को लेकर परेशान था।

इस वजह से पिता ने बहस के बाद क्रिकेट के बल्ले से पीट-पीट कर और दीवार पर उसका सिर पटक कर उसकी हत्या कर दी, जिससे पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई। पिता की पहचान रवि कुमार के रूप में हुई है। हत्या से पहले रवि कुमार ने अपने बेटे को न सिर्फ प्रताड़ित किया बल्कि इस मर्डर को छिपाने की कोशिश की थी।

पुलिस को कैसी मिली सूचना?

मामला तब सामने आया जब पुलिस को कुमारस्वामी लेआउट इलाके में एक स्कूली छात्र की संदिग्ध मौत की सूचना मिली। जब वे उसके घर पहुंचे तो पुलिस ने एक चौंकाने वाला नजारा देखा। जिसके बाद उन्होंने देखा कि किशोर की अर्थी तैयार थी और उसका परिवार उसके अंतिम संस्कार की तैयारी में लगा हुआ था। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया सच

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, लड़के के सिर पर गंभीर चोटें थीं और उसके शरीर पर कई घाव थे, जिससे पता चलता है कि मरने से पहले उस पर बेरहमी से हमला किया गया था। पुलिस जांच से पता चला कि पेशे से बढ़ई पिता अपने बेटे कक्षा 9 के छात्र - की पढ़ाई में अरुचि के कारण बेहद नाराज थे।

नाराजगी जब ज्यादा बढ़ी तो उन्होंने अपने बेटे को दीवार पर पटक दिया और कहा, "मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि तुम जियो या मरो।"

जमीन पर गिरा लड़का और कराहता रहा

लड़का जमीन पर गिर गया और दर्द से कराहता रहा। सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक उसकी हालत बिगड़ती रही। लेकिन जांच के मुताबिक, सांस रुकने के बाद ही उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

बेंगलुरु एयरपोर्ट पर बड़ी तस्करी का पर्दाफाश, 40 दुर्लभ जीव जन्तु बरामद


बेंगलुरु: सीमा शुल्क अधिकारियों को बड़ी कामयाबी मिली है. अधिकारियों ने बेंगलुरु एयरपोर्ट पर एक अंतरराष्ट्रीय वन्य जीव तस्कर गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस मामले में दो तस्कर पकड़े गए हैं. 

तस्करों के पास से 40 दुर्लभ और लुप्तप्राय जानवरों को बरामद किए गये हैं. तस्करों से पूछताछ की जा रही है.

देवनहल्ली के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा 40 दुर्लभ और लुप्तप्राय जानवरों को बचाया गया. 

बेंगलुरु कस्टम अधिकारियों ने विदेश से बेंगलुरु में वन्यजीवों की तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. बेंगलुरु कस्टम अधिकारियों ने ट्रॉली बैग में छिपाकर तस्करी के प्रयास के दो मामलों में 40 जंगली जानवरों को सुरक्षित बचा लिया.

आरोपी 12 नवंबर को कुआलालंपुर से देवनहल्ली केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा. तस्करी के बारे में खुफिया जानकारी प्राप्त करने वाले बेंगलुरु सीमा शुल्क अधिकारियों ने एक अभियान चलाया. दो यात्रियों से पूछताछ की और उनके ट्रॉली बैग की जांच की. तलाशी के दौरान दुर्लभ जानवरों से भरे बैग मिले.

ट्रॉली बैग में कुल 40 दुर्लभ जानवरों की तस्करी करने की कोशिश की गई. एक बैग में 24 जानवर थे जिनमें अल्दाबरा विशाल कछुए, लाल पैर वाले कछुए, छिपकलियां, शिंगलबैक स्किंक, गैंडा इगुआना, एल्बिनो चमगादड़ और दूसरे बैग में 16 अन्य जानवर हैं.इनमें ल्यूटिनो इगुआना, गिब्बन, बेबी अमेरिकन एलीगेटर, बेबी लेपर्ड कछुए, लाल पैर वाले कछुए शामिल हैं. सभी जानवर जीवित हैं. अधिकारियों ने बताया कि दोनों यात्रियों को सीमा शुल्क अधिनियम और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया. उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

जानिए ठंड में बच्चों को जायफल क्यों खिलाना चाहिए


जायफल एक महत्वपूर्ण मसाला है जो न केवल स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग होता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। खासकर ठंड के मौसम में यह बच्चों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन इसे देने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

1. जायफल के फायदे

पाचन में मदद:

 जायफल बच्चों के पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह गैस और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में भी कारगर है।

इम्यून सिस्टम को बढ़ावा:

 ठंड में शरीर को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। जायफल बच्चों के इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करता है और वायरल बिमारियों से बचाव करता है।

सर्दी-खांसी में राहत: 

जायफल के एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण सर्दी, खांसी और जुकाम के इलाज में मदद कर सकते हैं। यह बच्चों के गले में होने वाली जलन और खांसी को भी कम करता है।

नींद में सुधार:

जायफल में हल्के सिडेटिव गुण होते हैं, जो बच्चों को बेहतर नींद दिलाने में मदद कर सकते हैं। रात को सोते समय थोड़ी सी जायफल का पाउडर दूध में मिलाकर देने से आरामदायक नींद मिल सकती है।

2. सावधानियाँ

खानपान में संतुलन:

बच्चों को जायफल का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। ज्यादा मात्रा में सेवन से पेट में जलन या उल्टी हो सकती है। इसलिए, इसे छोटे हिस्सों में ही देना चाहिए।

बच्चों की उम्र:

साल से छोटे बच्चों को जायफल देना उचित नहीं है। इससे उन्हें एलर्जी या पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

मेडिकल कंडीशन:

अगर बच्चे को किसी प्रकार की विशेष बीमारी है, जैसे कि एलर्जी, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

3. कैसे दें जायफल

दूध में मिलाकर: 

बच्चों को जायफल पाउडर दूध में डालकर दे सकते हैं, जो स्वाद में भी अच्छा लगता है और आसानी से पच जाता है।

खीर या हलवा में: 

आप बच्चों की खीर या हलवे में जायफल का पाउडर मिला सकते हैं। इससे स्वाद भी बढ़ेगा और इसके फायदे भी मिलेंगे।

फलों में डालकर: 

जायफल का पाउडर ताजे फलों के ऊपर भी छिड़का जा सकता है, जो एक नया स्वाद देने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है।

निष्कर्ष

ठंड में बच्चों को जायफल देने के फायदे हैं, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। किसी भी प्रकार के एलर्जी या स्वास्थ्य समस्या के मामले में पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर सरकार ने किया बड़ा फैसला,दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम,अब बिरसा मुंडा चौक के नाम से जाना जाएगा

भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस को काफी उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के जमुई में कार्यक्रम कर रहे हैं तो वहीं, दिल्ली में भी केंद्र सरकार की ओर से बड़ा ऐलान किया गया है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बिरसा मुंडा की जयंती पर ऐलान किया है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सराय काले खां ISBT चौक का नाम बदलकर बिरसा मुंडा चौक रखा जाएगा।

दिल्ली के सराय काले खां ISBT चौक को अब बिरसा मुंडा चौक के नाम से जाना जाएगा। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने दिल्ली के मशहूर सराय काले खां ISBT चौक का नाम बदलकर बिरसा मुंडा चौक रख दिया है। 

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नाम बदलने का ऐलान किया। इसके अलावा इस चौक के पास ही बिरसा मुंडा की भव्य प्रतिमा का भी अनावरण किया गया है।

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किया ऐलान

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "मैं आज घोषणा कर रहा हूं कि यहां आईएसबीटी बस स्टैंड के बाहर बड़े चौक को भगवान बिरसा मुंडा के नाम से जाना जाएगा। इस प्रतिमा और उस चौक का नाम देखकर न केवल दिल्ली के नागरिक बल्कि बस स्टैंड पर आने वाले लोग भी निश्चित रूप से उनके जीवन से प्रेरित होंगे।"

बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर उनकी भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, "अभी हमारे एलजी साहब ने मुझे बताया कि ये 30 हज़ार हेक्टेयर ज़मीन जिस पर ये बांसेरा बनाया गया है, कभी कूड़े का ढेर हुआ करता था और आज यहां लाखों पक्षी आते हैं। जब कोई सरकार लोगों और समाज के कल्याण को ध्यान में रखकर आती है, तो ये उसका उत्तम उदाहरण है।

उत्पाद विभाग की छापेमारी में रांची में शराब की मिनी फैक्ट्री का हुआ खुलासा,250 ब्रांडेड शराब की बोतलें ज़ब्त


रांची : सहायक आयुक्त उत्पाद अरुण कुमार मिश्रा के निर्देश पर गुरुवार को उत्पाद विभाग की टीम ने यह कार्रवाई की है। उत्पाद विभाग ने टाटीसिल्वे थाना के महिलोंग के महुआ टोली बस्ती में छापेमारी कर एक अवैध विदेशी शराब की मिनी फैक्ट्री का खुलासा किया है।

रांची के सहायक आयुक्त उत्पाद के निर्देश पर गुरुवार को उत्पाद विभाग की टीम ने यह कार्रवाई की है।

250 ब्रांडेड शराब की बोतलें ज़ब्त

छापेमारी के क्रम में मनोज कुजूर के मकान के अंदर और मकान के पीछे करकट के कमरे से 980 प्लास्टिक बोतल में विदेशी शराब और 250 ब्रांडेड शराब की बोतलें ज़ब्त की गई है

घटनास्थल से मकान मालिक मनोज कुजूर को हिरासत में लिया, जबकि मुख्य अभियुक्त चंदन यादव की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

सभी प्लास्टिक बोतल के नकली शराब को ब्रांडेड शराब की बोतलों में भरा जा रहा था। मौके से अवैध विदेशी शराब 828 लीटर बरामद किया गया।

झारखंड स्थापना दिवस: विकास की अवधारणा को लेकर बिरसा मुंडा जयंती पर हुआ था अलग झारखंड राज्य की स्थापना


ममता कुमारी 

आज झारखंड का स्थापना दिवस है,15नवम्बर 2000 को बिहार से काट कर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने अलग झारखंड राज्य कि स्थापना की थी. इस सोच के साथ की छोटे छोटे राज्यों के प्रशासनिक व्यवस्था दुरुस्त होगी और विकास पर फोकस किया जा सकेगा.लेकिन इस सोच को साकार रूप देने में आज तक राजनेता सफल नहीं हो पाए.

यूं तो झारखंड भारत के पूर्वी भाग में स्थित एक ऐसा राज्य है, जहाँ प्रकृति ने खनिज,वन संसाधन से सम्पन्न बनाया है यहाँ का इतिहास आदिवासी संस्कृति और संघर्ष से भरा पड़ा है। बिरसा मुंडा की जयंती यहाँ के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।

सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत

झारखंड, जो भारत के सबसे खूबसूरत और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर राज्यों में से एक है, 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर एक नए राज्य के रूप में स्थापित हुआ। इस दिन को झारखंड स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। झारखंड का इतिहास सदियों पुराना है, जहां यह क्षेत्र मुंडा, संथाल, उरांव जैसी अनेक आदिवासी समुदायों की भूमि रही है। इन समुदायों ने न केवल इस क्षेत्र की भूमि, जंगल और पानी की सुरक्षा की बल्कि भारतीय संस्कृति में भी अपना विशिष्ट योगदान दिया।

झारखंड की संस्कृति आदिवासी समुदायों से गहराई से जुड़ी है, जिनकी कला, नृत्य, गीत और हस्तकला राज्य के पहचान का हिस्सा हैं। यहां का छऊ नृत्य, करम पर्व, सरहुल और मगही गीत झारखंड की अनूठी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं। इसके अलावा, झारखंड का भूगोल और खनिज संसाधन भी इसे एक महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र बनाते हैं।

बिरसा का त्याग और बलिदान बना प्रेरणा का श्रोत

बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के एक छोटे से गाँव में हुआ था। वे मुंडा आदिवासी समुदाय से संबंध रखते थे और बचपन से ही अपने अधिकारों के प्रति जागरूक थे। ब्रिटिश शोषण और धार्मिक आक्रमण से त्रस्त होकर बिरसा ने अपने समुदाय को संगठित किया और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए 'उलगुलान' (विद्रोह) की शुरुआत की।

बिरसा मुंडा न केवल एक महान योद्धा थे, बल्कि एक समाज सुधारक और धार्मिक नेता भी थे। उन्होंने अपने अनुयायियों को ब्रिटिश राज के अत्याचारों के खिलाफ संगठित होने के लिए प्रेरित किया। उनके संघर्ष का प्रमुख उद्देश्य आदिवासियों की भूमि की रक्षा और उनके परंपरागत अधिकारों को बनाए रखना था। उन्होंने अपने अनुयायियों को यह भी सिखाया कि वे प्रकृति के प्रति आदर और सम्मान करें, जो उनकी धार्मिक मान्यता का हिस्सा था।

झारखंड स्थापना दिवस और बिरसा मुंडा जयंती का महत्व

झारखंड का स्थापना दिवस और बिरसा मुंडा की जयंती एक ही दिन मनाई जाती है, जो आदिवासी समुदायों के अधिकारों और उनके संघर्ष का प्रतीक है। यह दिन राज्य में एक महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाया जाता है, जहां लोग बिरसा मुंडा के योगदान को याद करते हैं और उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लेते हैं।

बिरसा मुंडा का प्रभाव आज भी झारखंड और अन्य आदिवासी समुदायों में देखा जा सकता है। वे सभी आदिवासी समुदायों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं और उनकी मूर्ति राज्य के विभिन्न भागों में स्थापित की गई है। झारखंड सरकार इस दिन को विशेष उत्सव के रूप में मनाती है और बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित करती है।

झारखंड स्थापना दिवस और बिरसा मुंडा जयंती का यह दिवस न केवल एक ऐतिहासिक अवसर है बल्कि आदिवासी समुदायों की संस्कृति, उनके संघर्ष और उनके अधिकारों की पहचान को भी दर्शाता है। बिरसा मुंडा का बलिदान और उनका संघर्ष झारखंड के हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है, और झारखंड का स्थापना दिवस उनके योगदान को नमन करने का सर्वोत्तम अवसर है।

दुनिया को योग की शिक्षा देने वाले योग गुरु शरत जोइस की हार्ट अटैक से हुई मौत,जानें कौन थे शरत जोइस


नयी दिल्ली : प्रसिद्ध योग प्रशिक्षक और योग के दिग्गज गुरु कृष्ण पट्टाभि जोइस के पोते शरत जोइस का निधन हो गया। सोमवार को अमेरिका के वर्जीनिया में उन्होंने अंतिम सांस ली है।

शरत जोइस 53 वर्ष के थे। खबरों की मानें तो वर्जीनिया विश्वविद्यालय के पास एक हाइकिंग ट्रेल पर दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। इस दौरान वह घूमने निकले थे।

शरत जोइस की बहन शर्मिला महेश ने उनकी मृत्यु की पुष्टि की। उन्होंने लिखा कि यह लिखते हुए मेरे हाथ कांप रहे हैं। गहरे दुख के साथ हम सभी को सूचित करना चाहते हैं कि सरस्वती के बेटे और मेरे भाई शरत जोइस का आज तड़के अमेरिका में निधन हो गया।

शरत जोइस के योग केंद्र की तरफ से भी उनके निधन की खबर की पुष्टि की। योग केंद्र की तरफ से जारी किए गए के बयान में कहा गया है कि यह बहुत दुख की बात है कि हम अपने प्रिय गुरु शरत जोइस के अचानक निधन की खबर आपके साथ साझा कर रहे हैं। उनका निधन 11 नवंबर, 2024 को वर्जीनिया, अमेरिका में हुआ।

कौन थे शरत जोइस?

शरत जोइस प्रसिद्ध योग प्रशिक्षक और योग के दिग्गज गुरु कृष्ण पट्टाभि का पोते थे। उन्होंने अपने दादा कृष्ण पट्टाभि जोइस से यह कला सीखी। गुरु कृष्ण पट्टाभि दुनिया भर में प्रसिद्ध थे और उन्हें मानने वालों में ग्वेनेथ पाल्ट्रो और मैडोना जैसी हस्तियां शामिल थीं। 

2009 में अपने दादा की मृत्यु के बाद जोइस ने उनकी विरासत को संजोने के लिए जाना जाता है।

2019 में शरत जोइस की मां सरस्वती रंगास्वामी ने संस्थान का नाम बदलकर के पट्टाभि जोइस अष्टांग योग शाला रख दिया। 

शरत ने एक नया केंद्र, शरत योग केंद्र खोला। शरत के संस्थान में कथित तौर पर हर महीने 5,000 से ज्यादा आवेदन आते थे। जिसमें हर सत्र में लगभग 350-400 छात्र आते थे। उन्होंने प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जिन्होंने अष्टांग योग को अफ्रीका, एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका सहित महाद्वीपों में फैलाया।

न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, अपनी मृत्यु के दिन जोइस वर्जीनिया विश्वविद्यालय में एक सेमिनार में गए थे और लगभग 50 छात्रों के साथ पदयात्रा पर भी गए। उनके अंदर थकावट दिख रही थी और वह सबसे पीछे चल रहे थे। कुछ दूर चलने के बाद एक बेंच पर बैठे और बाद में उससे गिर गए। बाद में पता चला कि उन्हें हार्ट अटैक आया था।