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गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रदेश के 14 स्वास्थ्य संस्थाओं को मिला गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण
रायपुर-    उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने वाले छत्तीसगढ़ के 14 शासकीय अस्पतालों को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। इनमें 10 आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र, 03 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेषज्ञों की टीम द्वारा विगत अक्टूबर व नवंबर माह में इन अस्पतालों में मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता के परीक्षण के बाद राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने गुणवत्ता आश्वासन के मानकों पर खरा उतरने वाले स्वास्थ्य केंद्रों को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य में स्वास्थ्य सुविधाएं लगातार बेहतर हो रही हैं और 14 शासकीय अस्पतालों को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र मिलना इसी का नतीजा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा महासमुंद ज़िले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र भदरसी को 91.29% , बड़े टेमरी को 90.27%, झलप को 91.93% व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नयापारा को 88.89% के साथ सूरजपुर ज़िले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र नवापाराकला को 76.09%, धरमपुर को 87.75% व कांकेर जिले आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र मुसरपट्टा को 94.2%,पीवी89 को 85.58%, कोदागांव को 93.36%, माकरीखुना को 81.54 व बलौदाबाजार ज़िले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद् ठेलकी को 86.83%, रायगढ़ जिले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र छर्राटानगर को 82.39%, बस्तर जिले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र जमावड़ा को 88.99% व रायपुर ज़िले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र सिलयारी को 88.15% अंक प्राप्त हुए हैं ।
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र प्रदान करने के पूर्व विगत माह भारत सरकार के विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया गया। इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं।
परख सर्वेक्षण से होगा शिक्षा गुणवत्ता का आंकलन : बच्चों की दक्षता जांचने छत्तीसगढ़ के 3420 स्कूलों में हाेगी परीक्षा,केंद्र सरकार करेगी मानिटरिंग
रायपुर-     केंद्र शासन, स्कूल शिक्षा मंत्रालय (एनसीईआरटी) द्वारा छत्तीसगढ़ सहित सभी राज्यों के शासकीय और अशासकीय स्कूलों के कक्षा 03 से 09 तक के विद्यार्थियों की दक्षता को जांचने-परखने राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 परीक्षा का आयोजन 4 दिसंबर को किया जाएगा. राज्य शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने हर स्तर पर व्यापक प्रशासनिक, प्रबंधकीय व अकादमिक तैयारी प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं, ताकि सभी विद्यार्थी पूर्व तैयारी कर स्वयं को भी परख सके.

परख-2024 आकलन कार्य सभी जिलों में शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक तथा प्राचार्य डाइट को संयुक्त रूप से नोडल अधिकारी बनाया गया है. कुल 99 जिला स्तरीय अधिकारी जिले में परख क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संभालेंगे. इसी तरह सभी 146 विकासखंडों में बीईओ, बीआरसीसी तथा संकुल प्राचार्य को संयुक्त जिम्मेदारी सौंपते हुए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत देशभर में एक साथ होने जा रहे इस सर्वेक्षण का प्राथमिक उद्देश्य स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठचर्या रूपरेखा 2023 के साथ उच्च गुणवत्ता युक्त वैश्विक मूल्यांकन विकसित करना है. बता दें केंद्र शासन द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जा चुका है. इस राष्ट्रीय सर्वेक्षण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप कक्षा तीन, छह एवं नौ में आधार भूत प्रारंभिक एवं मध्य चरणों के अंत में छात्रों की दक्षता का आकलन किया जा रहा है. यह सर्वेक्षण छत्तीसगढ़ के मात्र छात्रों का नहीं बल्कि, शिक्षक, स्कूल तथा संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था का मूल्याँकन सिद्ध होगा, जिसके आधार पर भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ सहित अन्य सभी राज्यों की शैक्षणिक गुणवत्ता का श्रेणी निर्धारण भी होगा.

परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण में कक्षा 3 के लिए भाषा, गणित एवं हमारे आसपास की दुनिया से 90 मिनट में 45 प्रश्न पूछे जाएंगे. कक्षा 6 के लिए उक्त विषयों से संबंधित 51 प्रश्न 90 मिनट में पूछे जाएंगे. कक्षा 9 में भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान के 60 प्रश्न 120 मिनट पर हल करने होंगे. परीक्षार्थियों को एक ही प्रश्न पत्र दिया जाएगा. परख मूल्यांकन माइनस मार्किंग नहीं होगी. केंद्र सरकार के नियमानुसार जिस माध्यम की शाला चयनित की गई, उस माध्यम की प्रथम भाषा पर सर्वे प्रश्नपत्र होगा. यदि अंग्रेजी माध्यम की कई शाला सेम्पल शाला के रूप में चयनित की जाती है तो वहां अंग्रेजी भाषा में आकलन परीक्षा निर्धारित होगी.

राज्य में परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 के लिए सेंपल शालाओं के रूप में जिले की शासकीय सहित राज्य शासन से अनुदान प्राप्त शालाओं, गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय शालाओं, केंद्रीय, नवोदय विद्यालयों को सीधे भारत शासन, स्कूल शिक्षा वि नई दिल्ली द्वारा चयनित व निर्धारण किया गया है. छत्तीसगढ़ राज्य के लिए 33 जिलों में कुल 3420 स्कूलों को चुना गया है. इस मूल्यांकन सर्वेक्षण या परीक्षा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि मूल्याँकन कार्य की पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के शासकीय या अशासकीय किसी भी शिक्षक को परीक्षक या पर्यवेक्षक के रूप में कार्य में नियुक्त नहीं किया जाएगा, बल्कि परीक्षा का मूलभूत कार्य राज्य के शासकीय डाइट कालेज में छात्राध्यापक या प्रशिक्षु शिक्षक अर्थात् अध्यनरत डीएलएड, बीएड एवं एमएड के प्रशिक्षणार्थियों द्वारा संपन्न कराया जाएगा.

विशेष परिस्थिति में शासकीय कॉलेज के विद्यार्थी, अशासकीय प्रशिक्षण संस्थाओं के डीएलएड, बीएड, एमएड प्रशिक्षणार्थियों को लिया जा सकेगा. परीक्षा कार्य संपन्न कराने वाले ऐसे लगभग 3800 छात्राध्यापकों को जिले के 33 डाइट के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे सुचारू पूर्वक परीक्षा कार्य बिना बाधा के पूरा करा सकें. इस सर्वेक्षण के पारदर्शी क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार द्वारा सीबीएसई के प्रशासनिक व अकादमिक अमले को ऑब्जर्वर के रूप में नियुक्त किया गया है, जो प्रत्येक निर्धारित परीक्षा केंद्र (चयनित शाला) में मानटरिंग करेंगे.

राज्य के विद्यार्थी अपनी शैक्षिक दक्षता का राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें इसके लिए परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण की पूर्व तैयारी के रूप में एससीईआरटी तथा समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्या द्वारा राज्य के सभी स्कूलों के कक्षा 3, 6 तथा 9 के विद्यार्थियों को प्रश्न बैंक एवं रीडिंग कार्ड उपलब्ध कराया गया है. उनके लिए विशेष तौर पर सभी निजी व सरकारी स्कूलों में मॉक टेस्ट का विशेष आयोजन किया जा रहा है. इस कार्य में राज्य के लगभग 146 निजी शिक्षा महाविद्यालयों के 19000 छात्र अध्यापकों का भी स्वैच्छिक सहयोग लिया जा रहा है. इसके अलावा राज्य के सभी बीआरसीसी, सीआरसीसी, प्राचार्य (हाई व हा.से.), प्रधान पाठक तथा विषय शिक्षकों को मार्गदर्शन देकर प्रशिक्षित किया जा रहा है.

परिक्षेत्र स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता में साई कॉलेज विजेता, संभाग की 16 टीमों ने लिया भाग

अम्बिकापुर-  श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय की क्रिकेट टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए परिक्षेत्र स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता (पुरूष वर्ग) का खिताब जीता है। राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता में संभाग की 16 टीमों ने भाग लिया जिसमें साई कॉलेज की टीम ने लीग मैच में मनेन्द्रगढ़ के शासकीय विवेकानन्द महाविद्यालय को 79 रनों को लक्ष्य दिया था। मनेन्द्रगढ़ की रनों के दबाव में आ कर लक्ष्य का निर्धारित ओवरों में पूरा नहीं कर सकी। क्वार्टर फाइनल में साई कॉलेज टीम का मुकाबला पटना की शासकीय नवीन महाविद्यालय टीम से हुआ। पटना की टीम द्वारा दिये लक्ष्य का साई कॉलेज की टीम ने चार ओवरों में पूरा कर लिया। साई कॉलेज टीम का सेमीफाइनल में मुकाबला उदयपुर की शासकीय नवीन महाविद्यालय की टीम से हुआ। लक्ष्य का पीछा करते हुए उदयपुर की टीम 40 रनों पर ऑलआउट हो गयी। फाइनल मुकाबले में साई कॉलेज की टीम का सामना अम्बिकापुर के सरस्वती महाविद्यालय की टीम से हुआ। सरस्वती महाविद्यालय की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 68 रनों को लक्ष्य दिया। साई कॉलेज की टीम ने सात ओवरों में लक्ष्य पूरा कर 9 विकेट से मैच जीत लिया। टीम के कप्तान नीतेश कुजूर ने फालनल मुकाबले में शानदार बल्लेबाजी की।

अपर संचालक डॉ. रिजवान उल्ला ने विजेता खिलाड़ियों को शील्ड प्रदान किया। टीम के कोच तिलक राज टोप्पो, खेल प्रभारी सोनाली गोस्वामी और खिलाड़ियों को प्रबंध समिति के अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले, सचिव अजय कुमार इंगोले और प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बधाई दी है।

चित्रकोट में होगी बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक : CM साय समेत कई नेता होंगे शामिल, पर्यटकों के लिए 2 दिन बंद रहेगा मिनी नियाग्रा

जगलदपुर-    छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद पहली बार बस्तर में विकास प्राधिकरण की बैठक आयोजित की जा रही है. यह बैठक मिनी नियाग्रा कहे जाने वाले प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात में होगी. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय करेंगे.

बैठक में प्राधिकरण की उपाध्यक्ष लता उसेंडी, प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा अरुण साव और वन मंत्री केदार कश्यप भी उपस्थित रहेंगे. बैठक में बस्तर के विकास से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं. इस बैठक के मद्देनजर चित्रकोट जलप्रपात को 2 दिनों 17 व 18 नवंबर को पर्यटकों के लिए बंद रखने का आदेश जिला प्रशासन ने जारी किया है.

बस्तर कलेक्टर, एसपी और बस्तर आईजी कार्यक्रम स्थलों का निरीक्षण कर रहे हैं. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बस्तर एसपी शलभ सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के मूवमेंट वाले इलाकों में फोर्स तैनात कर दी गई है. जगह-जगह चेक पोस्ट लगाकर सुरक्षा जांच की जा रही है. होटल व लॉज की भी पुलिस द्वारा चेकिंग की जा रही है.

फार्म हाउस में पिलाया जा रहा था हुक्का, रायपुर पुलिस ने छापा मारकर लोगों को किया गिरफ्तार…
रायपुर-  ग्राम पिरदा स्थित सतपाल फार्म हाउस में हुक्का पिलाया जा रहा था. सूचना मिलने पर पुलिस की टीम ने दबिश दी, जहां सात आरोपियों को गिरफ्तार कर 8 हुक्का पॉट के साथ दस हजार रुपए कीमत का 200 ग्राम फ्लेवर जब्त किया. 

फार्म हाउस में हुक्का पिलाए जाने की सूचना पर रायपुर पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा के दिशा निर्देशन और एसएसपी संतोष सिंह के मार्गदर्शन पर विधानसभा थानांतर्गत ग्राम पिरदा में हुक्का पिलाने की सूचना पर एएसपी ग्रामीण कीर्तन राठौर, सीएसपी विधानसभा केशरी नंदन नायक और सीएसपी नया रायपुर करन उइके ने टीम तैयार कर मुखबिर द्वारा बताई गई जगह पर दबिश दी.

पकड़े गए आरोपियों में शेख सागर पिता शेख नवाबुद्दीन (29 वर्ष), शोएब आलम पिता अली हैदर (29 वर्ष), मनु शर्मा पिता ओम प्रकाश शर्मा (24 वर्ष), श्रेष्ठ शर्मा पिता स्व. अजय शर्मा (24 वर्ष), अनमोल जदवानी पिता स्व. दिलीप जदवानी (24 वर्ष), विनेश लालवानी पिता देवपाल लालवानी (29 वर्ष) और संजय महानंद पिता अनुजा महानंद (39 वर्ष) शामिल हैं. पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 698/2024 धारा 4A, 4B, 21(1) कोटपा एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है.

पटवारियों ने अधिकारियों पर लगाया ये गंभीर आरोप… 17 को बनेगी आगे की रणनीति…

रायपुर-    संसाधनों और सुविधाओं के अभाव में जूझ रहे प्रदेश के पटवारियों पर आला अफसरों द्वारा अवकाश के दिन भी दबाव डालकर काम लेने से अब नाराजगी फूट रही है. पटवारियों ने डरा-धमकाकर काम लेने के खिलाफ अब मोर्चा खोलने का मन बना लिया है.
वहीं तीन माह पूर्व दिए गए आश्वासन को नजरअंदाज करने पर भी रणनीति तय होगी. राजधानी में 17 नवंबर को राजस्व पटवारी संघ जुटेगा. इस दौरान राज्य सरकार के कोरे आश्वासन और शीर्ष अधिकारियों की प्रताड़ना पर मंथन कर फैसले लिए जाएंगे. राज्य शासन द्वारा मौखिक समझौते से पलटने के अलावा अफसरों की प्रताड़ना के खिलाफ राजस्व पटवारी संघ रणनीति तय करेगा.
संघ ने इस बात पर विरोध जताया कि संसाधानों के अभाव में भी आला अफसर उनसे 6जी की स्पीड से दबावपूर्वक काम लेने धमकाने लगे हैं. अवकाश के दिनों में भी दबाव बनाया जा रहा है. वहीं आधी रात को वॉट्सएप के जरिए मैसेज डालकर तत्काल जानकारी मांगने कहा जाता है. जमीनी समस्याओं को नजरअंदाज कर समूह के कार्यों को अकेले पटवारियों से करने दबाव बनाया जा रहा है. एक ही समय में कई कार्यों को तत्काल नहीं करने पर कार्रवाई की धमकी देकर प्रताड़ित करने के खिलाफ भी मोर्चाबंदी होगी.
जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम विवादों में घिरा, सर्व आदिवासी समाज ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
बालोद-  जिले के आदिवासी ब्लॉक डौंडी के पुलिस ग्राउंड में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम को लेकर विवाद पैदा हो गया है. सर्व आदिवासी समाज बालोद जिलाध्यक्ष तुकाराम कोर्राम ने कार्यक्रम की कड़ी निन्दा करते हुए कहा कि जिला प्रशासन जनजातीय समाज को लेकर गंभीर नहीं है. 

सर्व आदिवासी समाज बालोद के जिलाध्यक्ष तुकाराम कोर्राम ने आयोजन को लेकर प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिरसा मुंडा को याद कर आदिवासी इस दिन मूलनिवासी आदिवासी अधिकार दिवस के रूप में मनाते हैं, लेकिन प्रशासन इस आयोजन के माध्यम से जनजातीय समाज को डायवर्ड करने की साजिश रच रहा है.

उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज को लेकर जिला प्रशासन गंभीर नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन को आयोजन करने से पहले सर्व आदिवासी समाज का बैठक करना था.

वहीं गुरुनानक जयंती पर स्कूली अवकाश होने के बावजूद स्कूली बच्चों को स्कूली वेशभूषा पहनाकर आयोजन में भीड़ बढ़ाने के लिए प्रशासन की ओर से आयोजन स्थल पर एकत्रित किया.

आदिवासियों के लिए आयोजित कार्यक्रम में आदिवासी समाज के एक भी पदाधिकारी नजर नहीं आए. आयोजन में कांकेर लोकसभा सांसद, विधायक, जिला व जनपद पंचायत के जनप्रतिनिधि सहित भाजपा पदाधिकारी मौजूद रहे, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में प्रशासन भीड़ जुटाने में नाकाम रही.

छत्तीसगढ़ पारिस्थितिकी पुनर्स्थापन नीति पर द्वितीय राज्य स्तरीय परामर्श कार्यशाला, नवा रायपुर में 18 नवंबर को होगा आयोजन
रायपुर-   राज्य में पारिस्थितिकी बहाली के लिए एक ठोस नीति तैयार करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य वन और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा एक दिवसीय राज्य स्तरीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यशाला 18 नवंबर 2024 को टीसीएच अरण्य भवन, नवा रायपुर में आयोजित होगी, जिसमें राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों, विषय विशेषज्ञों, शैक्षिक संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों और सामुदायिक प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी।

बता दें कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ में पारिस्थितिकी बहाली के प्रमुख क्षेत्रों और रणनीतियों की पहचान करना है, ताकि राज्य में पारिस्थितिकी तंत्र की व्यवस्थित और वैज्ञानिक बहाली सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, कृषि भूमि, आर्द्रभूमि और गांवों की आम भूमि की पारिस्थितिकी बहाली के लक्ष्यों पर भी आम सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा।

यह मुख्य अतिथि होंगे शामिल

कार्यशाला में प्रयागराज में ICFRE के इको रिहैबिलिटेशन सेंटर वैज्ञानिक और प्रमुख डॉ. संजय सिंह, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग छत्तीसगढ़ के एमजीएनआरईजीएस राज्य कार्यालय में अधीक्षण अभियंता विनय गुप्ता, छत्तीसगढ़ कृषि विभाग के उप निदेशक सतीश अवस्थी और सेवानिवृत्त आईएफएस, पूर्व पीसीसीएफ डॉ. आर. के. सिंह बतौर स्पीकार शामिल होंगे।

गौरतलब है कि कार्यशाला में भाग लेने वाले विशेषज्ञ और हितधारक राज्य की पारिस्थितिकी बहाली नीति को अंतिम रूप देने में विभाग की मदद करेंगे और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। यह पहल राज्य में पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और समग्र पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

देखें कार्यशाला का शेड्यूल –

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने साल 2025 का जारी किया कैलेंडर, साल की 26 छुट्टियों के अलावा 26 दिनों का ग्रीष्मावकाश तो 10 दिनों का रहेगा शीतकालीन अवकाश…
बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने साल 2025 का कैलेंडर जारी कर दिया है. इसमें देश-प्रदेश में मनाए जाने वाले तीज-त्योहारों के लिए 26 दिनों की छुट्टियों के अलावा 26 दिनों का ग्रीष्मकालीन और 10 दिनों का शीतकालीन अवकाश शामिल है. इसके अलावा रविवार और महीने के दूसरे और तीसरे शनिवार को उच्च न्यायालय और रजिस्ट्री बंद रहेंगे. 

2025 कैलेंडर के अनुसार, ग्रीष्मावकाश के कारण छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट 12 मई 2025 से 6 जून 2025 तक बंद रहेगा, लेकिन इस दौरान रजिस्ट्री खुली रहेगी. इसी तरह शीतकालीन अवकाश के कारण हाई कोर्ट 22 दिसंबर 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक बंद रहेगा, लेकिन रजिस्ट्री शीतकालीन अवकाश के दौरान 22 से 24 दिसंबर 2025 तक खुली रहेगी और 26 से 31 दिसंबर तक बंद रहेगी.

मिलाद-उन-नबी, ईद-उल-फितर, ईद-उल-जुहा और मुहर्रम के कारण घोषित अवकाश चंद्रमा की दृश्यता के आधार पर परिवर्तन के अधीन हैं. यदि राज्य सरकार टीवी/आकाशवाणी/समाचार पत्र के माध्यम से इन तिथियों में कोई परिवर्तन घोषित करती है, तो उसका पालन किया जाएगा और उस दिन भी माननीय मुख्य न्यायाधीश की स्वीकृति से अवकाश के रूप में मनाया जाएगा.

इसके अलावा उच्च न्यायालय स्थापना के अधिकारी एवं कर्मचारी राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2025 के लिए निर्धारित वैकल्पिक अवकाशों की सूची में से वर्ष में तीन वैकल्पिक अवकाश लेने के हकदार होंगे. हाई कोर्ट राज्य सरकार द्वारा अचानक निर्धारित अवकाश को स्थायी समिति के अनुमोदन से मनाएगा.

मध्यम वर्ग को संपत्ति रजिस्ट्री में बड़ी राहत: अब गाइड लाइन मूल्य पर ही लगेगा रजिस्ट्री शुल्क, वास्तविक मूल्य पर मिल सकेगा बैंक लोन

रायपुर-   छत्तीसगढ़ सरकार ने संपत्ति खरीदने वाले मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी राहत दी है। अब किसी भी प्रापर्टी की खरीद-बिक्री में गाइड लाइन दर से सौदे की रकम अधिक होने पर भी रजिस्ट्री शुल्क गाइड लाइन दर के अनुसार ही लिया जाएगा। इससे बैंक लोन पर निर्भर मध्यम वर्गीय परिवार को वास्तविक मूल्य के आधार पर ऋण मिल सकेगा।

उल्लखेनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस फैसले से विशेषकर उन नागरिकों को लाभ होगा, जो बैंक ऋण के माध्यम से संपत्ति खरीदते हैं। पूर्व में संपत्ति की खरीद-बिक्री में गाइड लाइन दर और सौदे की राशि में जो भी अधिक होता था, उस पर रजिस्ट्री शुल्क देना आवश्यक था। उदाहरण के लिए यदि किसी संपत्ति का गाइड लाइन मूल्य 6 लाख रुपये है और उसका सौदा 10 लाख में हुआ, तो रजिस्ट्री शुल्क 10 लाख पर 4 प्रतिशत के हिसाब से 40 हजार रुपये देना पड़ता था।

इस नियम में संशोधन के बाद संपत्ति खरीदने वाले अब सौदे की रकम गाइड लाइन दर से अधिक होने पर भी वास्तविक मूल्य को अंकित कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। 6 लाख रुपये की गाइड लाइन मूल्य वाली प्रॉपर्टी का सौदा 10 लाख में होता है, तो भी रजिस्ट्री शुल्क 6 लाख के 4 प्रतिशत के हिसाब से 24 हजार रुपये देय होगा। इस तरह 16 हजार रुपये की बचत होगी।

खास बात यह है कि इस संशोधन से मध्यम वर्गीय परिवारों को वास्तविक मूल्य के आधार पर अधिक बैंक ऋण प्राप्त करने में सहूलियत होगी। इसके अलावा इस निर्णय संपत्ति बाजार में पारदर्शिता व स्पष्टता को बढ़ाने में भी सहायक होगा और वास्तविक मूल्य दर्शाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा।