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मुख्यमंत्री गुरुनानक जयंती के अवसर पर आयोजित प्रकाशपर्व में हुए शामिल

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर के खालसा स्कूल प्रांगण में गुरुनानक जयंती के अवसर पर आयोजित प्रकाश पर्व में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने कीर्तन दरबार में मत्था टेका और सभी छत्तीसगढ़ वासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रकाश पर्व पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि आज इस पवित्र दिन सिख समुदाय के अपने भाइयों-बहनों के बीच आकर मैं बहुत खुशी का अनुभव कर रहा हूँ। गुरु नानक देव जी का जीवन न केवल सिख समुदाय के लिए प्रेरक है अपितु सभी भारतीयों के लिए उनका जीवन प्रेरणादायी है। गुरु नानक जी के वचनों में सामाजिक एकता पर जोर दिया गया है। उन्होंने एक समतामूलक समाज के निर्माण पर जोर दिया। देश की आज़ादी में सिख समाज का बहुत बड़ा योगदान है। सिख समाज का इतिहास बहुत ही गौरवशाली और समृद्ध है। धर्म के प्रति समर्पण और सेवा की भावना सिख समाज की अभिन्न पहचान है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जब हम गुरु गोविंदसिंह जी का जीवन देखते हैं तो हमें पता चलता है कि उनके पुत्र साहेबजादे बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी पर धर्म बदलने का दबाव आया। उन्होंने शहादत कबूल की लेकिन धर्म नहीं बदला। ऐसा इतिहास सिख समाज का रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहेबजादों के शहादत दिवस 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया और हर साल हम गर्व के साथ यह दिन मनाते हैं।

इस अवसर पर विधायक पुरन्दर मिश्रा, संजय श्रीवास्तव, भूपेंद्र सवन्नी, मनमोहन चावला व गुरुद्वारा कमेटी के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग उपस्थित थे।

मनपसंद एप पर सियासत : अजय चंद्राकर के बयान पर PCC चीफ बैज का पलटवार, कहा –

रायपुर-   छत्तीसगढ़ मदिरा प्रेमियों के लिए लॉच किए गए मनपसंद एप पर सियासत शुरू हो गई है. विधायक अजय चंद्राकर के बयान पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने पलटवार किया है. बैज ने कहा है कि कांग्रेस में सभी कार्यकर्ता से लेकर नेता मर्द हैं. बीजेपी में सिर्फ विजय बघेल मर्द हैं. यदि अजय चंद्राकर को शक है तो बंद कमरे में भूपेश बघेल से बातचीत कर लें, समझ आ जाएगा.

वहीं नई उद्योग नीति को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने नई उद्योग नीति को फेल बताते हुए कहा, दो करोड़ नौकरी देने वाले 10 साल में अब तक नौकरी नहीं दे पाए. उद्योग नीति यह सफल नहीं हो सकती. आम जनता से लेकर उद्योगपति सभी नाराज हैं. नई उद्योग नीति फेल है. नगरीय निकाय चुनाव में ये साफ हो जाएगा.

हमेशा से आदिवासियों की विरोधी रही है भाजपा : बैज

जनजातीय गौरव दिवस में मंत्री रामविचार नेताम के बयान पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने तंज कसते हुए कहा, मोदी बीजेपी के भगवान हो सकते हैं, लेकिन आदिवासियों और देश की जनता के नहीं. जनजातीय गौरव दिवस को लेकर बैज ने कहा, भाजपा हमेशा से आदिवासियों की विरोधी रही है. आदिवासियों को जेल भेजना, फ़र्ज़ी एनकाउंटर करना, 15 साल की सरकार में आदिवासियों पर बीजेपी ने अत्याचार किया. हमारी सरकार ने उन्हें छुड़ाने, जल जंगल ज़मीन दिलाने का काम किया इसलिए बीजेपी ढोंग करना बंद करे.

छत्तीसगढ़ में चीतल और तेंदुए की खाल की तस्करी, वन 5 अमले ने 5 आरोपियों को रंगे हाथ दबोचा

महासमुंद-  महासमुंद जिले के बागबाहरा वन परिक्षेत्र में वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चीतल की खाल और तेंदुए की खाल के टुकड़े के साथ 5 तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनमें से तीन आरोपी चुरकी और दो मरार कसीबाहरा के रहने वाले हैं। ये तस्कर खाल बेचने की योजना बना रहे थे, लेकिन वन विभाग की टीम ने जाल बिछाकर इन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया।

बता दें कि उदंती वन्यजीव अभयारण्य के उपसंचालक को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग चितल की खाल को बेचने की फ़िराक में है। इस सूचना के आधार पर उदंती वन्यजीव अभयारण्य के उपसंचालक ने टीम तैयार की। इसके बाद टीम ने खरीददार बनकर ओंकारबंद में तस्करों से संपर्क किया और दस हजार रुपये में सौदा तय किया। जब आरोपी खाल लेकर आए, तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों की पहचान मानसिंग (40), सुकालु (45), हरक (40), गिरधर ध्रुव (38), और पिलाराम बेलदार (50) के रूप में हुई है।

पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि एक महीने पहले ओंकारबंद के जंगल में चीतल का शिकार कर मांस खा लिया था और बची हुई खाल को दस हजार रुपये में बेचने की योजना बना रहे थे। वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 9, 39(3), 44(1), 48, और 51 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें बागबाहरा न्यायालय में पेश किया है। जब्त की गई सामग्री में चीतल की पूरी खाल और तेंदुए के सिर की खाल शामिल हैं। वन विभाग ने बताया कि इनमें से कुछ आरोपी आदतन शिकारी हैं।

अब खाली जमीनों पर भी टैक्स वसूलेगा निगम, कमिश्नर ने रखा 500 करोड़ कर वसूली का लक्ष्य

रायपुर-    रायपुर नगर निगम ने इस साल के लिए 500 करोड़ रुपये के टैक्स वसूली का रिकॉर्ड लक्ष्य तय किया है. इस टारगेट को पूरा करने के लिए निगम इस साल खाली और डायवर्टेड जमीनों पर भी टैक्स लगाने जा रहा है.  

बता दें, पिछले साल निगम ने 300 करोड़ रुपये की टैक्स वसूली की थी. वहीं इस साल जोन क्रमांक- 6, 8, 9 और 10 कमिश्मनरी के अंतर्गत 2 हजार स्क्वेयर फीट से लेकर 1-1 हेक्टेयर से अधिक खाली जमीनों पर टैक्स वसूल कर 500 करोड़ रुपए टैक्स वसूली के टार्गेट को पूरा किया जाएगा. ऐसे खाली प्लाटों की स्थिति जानने के लिए निगम ने पिछले महीने जिला प्रशासन के भू अभिलेख और रजिस्ट्री शाख को पत्र लिखा था, जिसकी पूरी जानकारी अब दे दी गई है. इसमें 1 लाख 60 हजार प्लॉट की रजिस्ट्री और डायवर्सन की जानकारी सामने आते ही निगम ने जोन स्तर पर डिमांड जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.

इस मामले में निगम आयुक्त अविनाश मिश्रा ने बताया कि निगम के जनप्रतिनिधियों की मांग थी कि किसी भी प्लॉट की रजिस्ट्री की तारीख से टैक्स न वसूला जाए. वहीं यह डाटा भी निगम को प्रशासन से हाल ही में दिया गया है, इसलिए इन प्लॉट्स पर इसी साल से ही टैक्स लिया जाएगा.

फोटो- निगम आयुक्त अविनाश मिश्रा (फाइल फोटो)

आज हुई निगम की समीक्षा बैठक में आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने कहा कि जोनवार सूची दो दिनों के भीतर जोन कमिश्नरी भेज दी जाएगी, जिसके बाद तेजी से भू-स्वामियों की सत्यापन रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी.

राजस्व वसूली में 150 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुमान

यदि इस साल से रायपुर नगर निगम खाली प्लॉट्स से टैक्स वसूलने में सफल रहता है, तो कुल राजस्व में 150 करोड़ रुपये का अतिरिक्त इजाफा हो सकता है. राजस्व अधिकारियों के अनुसार, 2 हजार वर्गफीट के प्लॉट से लगभग 2,500 रुपये तक का टैक्स लिया जा सकता है, जो कुल वसूली में महत्वपूर्ण योगदान करेगा.

कर्नाटक के निगम के शैक्षणिक दौरे से किया अध्ययन

बता दें, पिछले महीने रायपुर नगर निगम के महापौर, सभापति और पार्षदों के साथ अधिकारियों का एक दल कर्नाटक के शैक्षणिक भ्रमण पर गया था, जहां उन्होंने स्थानीय निगम द्वारा खाली प्लॉट्स पर टैक्स लगाए जाने की प्रक्रिया का अध्ययन किया था. इस अध्ययन के बाद निगम ने अपने टैक्स वसूली अभियान को और भी मजबूत करने का निर्णय लिया है.

मोबाइल नंबरों भी होंगे अपडेट

नगर निगम ने शहर के 3 लाख 25 हजार प्रॉपर्टी मालिकों के मोबाइल नंबर को अपने रिकॉर्ड में अपडेट किया है. हालांकि, वॉट्सएप चैटबोट और ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से भेजे गए संदेशों में से केवल 1 लाख 10 हजार तक ही लोगों तक पहुंच पा रहे थे. इस समस्या के समाधान के लिए निगम ने स्वसहायता समूह की महिलाओं और राजस्व विभाग को एक-एक घर का सर्वे करने का निर्देश दिया है.

3 नर कंकाल मिलने के मामले में आया नया अपडेट: 45 दिन से लापता मां, बेटी और बेटे की होने की आशंका, परिजन ने इनपर जताया शक …

बलरामपुर-  जिले दहेजवार पंचायत के बंद पड़े फ्लाई ऐश ईट भट्टे के पास 3 नर कंकाल मिलने से सनसनी फैल गई। बताया जा रहा है कि आज सुबह दहेजवार से कुछ लोग ईट भट्टे के पास से गुजर रहे थे, तभी उन्होंने वहां आसपास नर कंकाल के टुकड़े बिखरे मिले थे। जिसके बाद उन्होंने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी, इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। वहीं अब इस खबर के फैलने के बाद एक युवक ने आशंका जताई है कि यह नर कंकाल उसकी लापता मौसी, भाई और बहन का है।

बता दें कि यह दावा करने वाले युवक का नाम बिट्टू श्रीवास है। जो जशपुर के कुनकुरी का रहने वाला है, उसने बताया कि उसकी मौसी कौशल्या ठाकुर (उम्र 36 साल) बीते 27 सितंबर को अपनी बेटी बेटी मुक्तावती उर्फ मुस्कान ठाकुर (उम्र 17 साल) और बेटा मिंटू ठाकुर (उम्र 5 साल) के साथ बाजार जाने के लिए निकली थी, जिसके बाद से तीनों लापता है। बिट्टू ने बताया कि मौसी कौशल्या के पति सूरजदेव ठाकुर और परिजनों ने तीनों की झारखंड और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों में तलाश की, जब उनका कोई सुराग नहीं मिला तो उन्होंने 1 अक्टूबर को तीनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट कुसमी थाने में दर्ज कराई, लेकिन अब तक उनका कही भी पता नहीं चल सका है।

झारखंड के रहने वाले शख्स पर जताई हत्या की आशंका

बिट्टू ने बताया कि ग्रामीणों इस बीच उन्हें जानकारी मिली की झारखंड में गढ़वा जिले के बरगढ़ में रहने वाले आरिफ अंसारी का कौशल्या के घर में आना जाना लगा रहता था। इसके बाद कौशल्या के पति सूरजदेव ठाकुर ने शक के आधार पर उसके खिलाफ कुसुमी थाने में शिकायत दर्ज कराई। बिट्टू ने बताया की जब पुलिस ने आरिफ ने इस बारे में पूछताछ की गई तो उसने अपने भाई मुख्तार अंसारी पर शक जताया है। बहरहाल पुलिस सूरजदेव ठाकुर को लेकर बलरामपुर गई है। अगर तीनों के नर कंकाल गुमशुदा महिला और बच्चों से मेल खाते हैं तो उनका डीएनए टेस्ट कराया जाएगा।

आज सुबह मुख्यमंत्री के कॉल ने निशा के लिये खोली किलिमंजारो फतह की राह

रायपुर-     अलसुबह आज बिलासपुर में रहने वाली निशा यादव के पास एक फोन आया और फोन पर एक सौम्य सी आवाज में किसी ने उससे कहा आपको किलिमंजारो चढ़ना है, आप खर्च की चिंता न करें। निशा चकित हुई और आश्चर्य से पूछा आप कौन हैं, सामने से आवाज आई बेटा मैं विष्णु देव साय बोल रहा हूं।

निशा ने आश्चर्यचकित भाव से कहा आप सच में मुख्यमंत्री बोल रहे हैं। उसे यकीन नहीं हो रहा था, लेकिन जब मुख्यमंत्री ने पूरी बात बताई और कहा कि आप अपने लक्ष्य पर फोकस करें। छत्तीसगढ़ के हर एक बेटी का सपना पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। छत्तीसगढ़ सरकार आपके साथ खड़ी है।

मुख्यमंत्री के स्नेहपूर्ण आश्वासन को सुनकर निशा की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। निशा को इस बात पर भी यकीन करना पड़ा मुश्किल हो रहा था कि बिना किसी आवेदन या आग्रह के मुख्यमंत्री ने उनका सपना पूरा करने की पहल की है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने निशा के साथ पर्वतारोहण के बारे विस्तार से बात की। निशा ने मुख्यमंत्री को यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस की चढ़ाई के दौरान आई चुनौतियों के बारे में बताया। उसने बताया कि पर्वत की यात्राएं रोमांच से भर देती हैं। पर्वतों की चोटी पर तिरंगा फहराना गर्व से भर देता है। निशा ने आगे बताया कि अब अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो को फतह करना चाहती हैं और उनका अंतिम लक्ष्य माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने का है।

निशा ने नम आवाज में मुख्यमंत्री को आगे बताया कि मैं पिछले कई दिनों से सो नहीं पा रही थी। मेरे पिता ऑटो चालक हैं और मेरे सपने को पूरा कर पाना उनके लिए कठिन था। मन में बड़ी दुविधा थी कि यह कैसे संभव हो पाएगा, मेरा सपना कैसे पूरा होगा । आज आप ने मेरी सारी चिंताओं को दूर कर दिया है। मुख्यमंत्री मैं आपको बहुत धन्यवाद देती हूं।

निशा की आत्मविश्वास भरी इन बातों को सुनकर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ को अपनी बेटियों पर गर्व है। हम चाहेंगे कि छत्तीसगढ़ की बेटी माउंट एवरेस्ट पर भी तिरंगा फहराए। उन्होंने कहा कि आर्थिक हालात से हौसले पस्त नहीं होते। उन्होंने निशा को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपका आत्मविश्वास और जुनून जरूर आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचाएगी।

शहर के भीतर फिर नजर आया तेंदुआ, इलाके में दहशत का माहौल, सतर्क रहने वन विभाग ने कराई मुनादी …

गरियाबंद-      छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में एक बार फिर तेंदुआ नजर आया है, जिससे क्षेत्र के लोग दहशत में हैं. तेंदुआ प्रमुख रूप से पैरी कॉलोनी, जेल वार्ड, जिला अस्पताल, पानी ठंकी और आसपास के मोहल्लों में देखा गया है. पिछले कुछ दिनों से यह तेंदुआ लगातार गरियाबंद के कुत्तों का शिकार कर रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों में भय का माहौल है.

विशेष जानकारी के अनुसार, तेंदुआ महाविद्यालय और खेल मैदान के पास स्थित टिकरे पर भी देखा गया है. इस घटनाक्रम के बाद, लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं और पालतू जानवरों को बाहर भेजने से भी बच रहे हैं. स्थानीय लोग वन विभाग से तेंदुए को जल्द सुरक्षित स्थान पर भेजने की अपील कर रहे हैं, ताकि इलाके में शांति बहाल हो सके.

वन विभाग ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए अपनी सतर्कता बढ़ा दी है. विभाग ने कर्मचारियों की ड्यूटी बढ़ाई है और मुनादी कर क्षेत्रवासियों को तेंदुआ के बारे में सचेत किया जा रहा है. वन विभाग का अनुमान है कि तेंदुआ गर्भवती हो सकती है और प्रसव के बाद वह इस क्षेत्र से बाहर निकल जाएगी.

सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती, डिवीजन बेंच में लगाई याचिका, सुनवाई के दौरान इस बात पर हैरान हुए चीफ जस्टिस, कही ये बात…

बिलासपुर-    एक मामले में पेश वकालतनामे में पांच अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर देखकर चीफ जस्टिस उस वक्त चौंक गए, जब एक अधिवक्ता ने पैरवी करने के लिए और समय की मांग कर दी. सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई के लिए लगी थी. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद याचिकाकर्ता के पांच में से एक अधिवक्ता ने पैरवी के लिए समय की मांग कर दी. अधिवक्ता द्वारा समय की मांग किए जाने से नाराज चीफ जस्टिस ने बार कौंसिल आफ इंडिया से कोर्ट में पैरवी के संंबंध में मापदंड तय करने और नियम बनाने कहा है. डिवीजन बेंच ने बीसीआई को मामला रेफर करने और इस पर गाइडलाइन जारी करने की बात कही है.

दरअसल सूरजपुर जिले के निवासी अंर्तध्यानी यादव व अन्य ने सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच में याचिका लगाई है. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के एक अधिवक्ता ने डिवीजन बेंच से पैरवी के लिए समय की मांग कर दी. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि डिवीजन बेंच ने केस के संबंध में अपनी तैयारी पूरी कर ली है. पैरवी करने के बजाय एनवक्त पर अगली तारीख की मांग करना उचित नहीं है. इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि जिसे पैरवी करना है वह आज उपस्थित नहीं हो पाए हैं.

अधिवक्ता के जवाब के बाद जब चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता द्वारा पेश फाइल की पड़ताल की तब यह देखकर हैरान हो गए कि उसमें पांच अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर हैं. चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित अधिवक्ता से पूछा कि जब हलफनामे में पांच अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर हैं तो फिर सिर्फ एक अधिवक्ता की अनुपस्थिति के कारण क्यों अगली तारीख मांगी जा रही है. न्यायालयों में पेंडेंसी की मुख्य वजह सुनवाई के दिन कोर्ट में अधिवक्ताओं की गैर मौजूदगी भी है. आंकड़ों के मुताबिक वकीलों की अनुपस्थिति के कारण प्रदेश में करीब 46 हजार से ज्यादा मामले पेंडिंग हैं.

शराब पर सियासत: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पोस्ट किया वीडियो, अजय बोले- मर्दों वाली राजनीति करें, नहीं तो जाएं और कराएं ये टेस्ट…

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में शराब मामले को लेकर सियासी घमासान तेज होता नजर आ रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ ने हाल ही में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर से जुड़ा एक वीडियो अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. इसमें विधायक अजय चंद्राकर शराब के मुद्दे पर बयान देते नजर आए. इसके बाद अब विधायक अजय चंद्राकर ने पूर्व सीएम बघेल पर जमकर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि अगर भूपेश बघेल में थोड़ी भी राजनीतिक नैतिकता है, तो मेरा पूरा वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट और कांग्रेस के पेज पर शेयर करें. उन्होंने आगे कहा- पूर्व सीएम चुनौती स्वीकार करें. मर्दों जैसी राजनीति करें. नहीं, तो जाकर फिर टेस्टोस्टेरोन-टेस्ट कराए…

बता दें, आबकारी विभाग ने शराब प्रेमियों के लिए एक नया ऐप बनाया है. इसे लेकर गुरुवार को पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा था कि नकली माल से लोग बचेंगे और असली माल पियेंगे. वहीं शराब बंदी पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा था- शराब बंदी कभी बीजेपी का मुद्दा था ही नहीं, शराबंदी कांग्रेस का मुद्दा था. झूठ-मूठ का गंगाजल की कसम खाने वाली ऐसी राजनीति बीजेपी नहीं करती.

वहीं अब पूर्व सीएम द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो को लेकर विधायक अजय चंद्राकर ने उन्हें पूरी वीडियो अपलोड करने की चुनौती देते हुए कहा कि इससे कांग्रेस की करतूत और उनका दृष्टिकोण जनता के सामने आ आएगी, कि शराब बंदी हमने कहा था, या उन्होंने कहा था.

भाजपा विधायक ने पूर्व सीएम बघेल पर चुटकी लेते हुए कहा कि वह सोचते थे कि भूपेश बघेल मर्दों जैसी राजनीति करते हैं. एक साल के अंदर भूपेश बघेल इतने मुद्दा विहीन हो गए हैं कि उनको एडिट वीडियो के सहारे नेतागिरी चमकानी पड़ रही है. उन्होंने आगे कहा कि “पूर्व सीएम चुनौती स्वीकार करें. मर्दों जैसी राजनीति करें. नहीं, तो जाकर फिर टेस्टोस्टेरोन-टेस्ट कराए…

देखें पूर्व सीएम की तरफ से पोस्ट किया गया विधायक अजय चंद्राकर का वीडियो:

झीरम घाटी हत्याकांड में शामिल महिला नक्सली ने किया आत्मसमर्पण, 20 लाख रुपए का था इनाम

रायपुर-   छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरम घाटी हत्याकांड में शामिल 20 लाख की इनामी नक्सली मंजुला उर्फ निर्मला ने आज तेलंगाना के वारंगल में पुलिस के पास आत्म समर्पण कर दिया है. मंजुला ने वारंगल में पुलिस कमिश्नर के पास जाकर सरेंडर कर दिया है. मंजुला कुख्यात नक्सली लीडर कोडी कुमार स्वामी उर्फ आनंद एवं कोडी वेंकन्ना उर्फ गोपन्ना की बहन है और साथ ही दंडकरण स्पेशल जोनल कमिटी, साउथ सब डिविजन ब्यूरो की मेंबर है. वह 1994 में माओवादी संगठन में शामिल हुई थी और आज 15 नवंबर 2024 को उसने पुलिस के सामने आत्म समर्पण कर दिया है.

बता दें, यह घटना 25 मई 2013 की है, जब छत्तीसगढ़ में एक खौ़फनाक और भयावह हत्याकांड हुआ था, जिसे राज्य का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड माना जाता है. इस हमले में दिग्गज कांग्रेस नेता नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार सहित 30 कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी. इस हमले के बाद, भाजपा और कांग्रेस दोनों सरकारों के कार्यकाल में जांच का सिलसिला चलता रहा, लेकिन इस हत्याकांड के अपराधियों का पर्दाफाश और इसके पीछे के रहस्यों को अब तक नहीं सुलझाया जा सका है.

इस जघन्य हत्याकांड की जांच के लिए अलग-अलग विभागों ने अपनी-अपनी जांच की, जिसमें सुरक्षा में चूक और आपराधिक कृत्य की जांच शामिल थी. हालांकि, इन सब के बावजूद, झीरम घाटी में हुई इस दर्दनाक घटना के बारे में अब तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आ सकी है. 30 कांग्रेस नेताओं की इस हत्या की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने 27 मई 2013 को दो दिन बाद एनआईए को सौंप दी थी, लेकिन इसके बाद भी यह मामला अनसुलझा ही बना रहा.