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बीएड-डीएड डिग्री विवाद पर हाईकोर्ट में सुनवाई : कोर्ट ने कहा – किसी की नौकरी छीनना किसी समस्या का समाधान नहीं, सरकार को दिया ये सुझाव…

रायपुर-    6 नवम्बर 2024 को हाईकोर्ट बिलासपुर में डीएड पक्ष की ओर से सरकार के विरुद्ध दाखिल किए गए कंटेम्प्ट केस की सुनवाई हुई. न्यायाधीश नरेंद्र कुमार व्यास ने कहा कि किसी की नौकरी छीनना किसी समस्या का समाधान नहीं है. उन्होंने सरकार को बीएड प्रशिक्षित नवनियुक्तों को वर्ग-2 में शिक्षक पद पर समायोजित करने का सुझाव देते हुए कहा कि ये चयनित हैं, मिडिल स्कूल में शिक्षण की योग्यता रखते हैं और इन्हें 1 वर्ष शिक्षण का अनुभव भी प्राप्त है.

जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बीएड प्रशिक्षितों को प्राथमिक के लिए योग्य नहीं माना है, लेकिन माध्यमिक स्कूलों में शिक्षण के लिए ये योग्य हैं. इन 2900 सहायक शिक्षकों के प्रति सरकार की ज़िम्मेदारी है. सरकार के पास अपनी शक्तियां है, जिनका प्रयोग कर इनकी सेवा सुरक्षित रखी जा सकती है.

गौरतलब है कि 2 अप्रैल 2024 को हाईकोर्ट और 28 अगस्त 2024 को सुप्रीमकोर्ट के फैसले से लगभग 2900 बीएड प्रशिक्षित नवनियुक्त सहायक शिक्षकों की नौकरी ख़तरे में आ गई है. ये सभी सहायक शिक्षक बस्तर और सरगुजा सम्भाग के सुदूर अंचल में विगत एक वर्ष से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. अप्रत्याशित रूप से नियमों में बदलाव की वजह से इन पर पदमुक्ति का ख़तरा मंडरा रहा है. सभी बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों ने पूर्व में भी वर्ग 2 (मिडिल) में समायोजन के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को विभिन्न शिक्षक संगठनों के माध्यम से ज्ञापन सौंपा है.

बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों का कहना है कि सहायक शिक्षकों को शिक्षक पद पर समायोजित कर दिया जाए, क्योंकि पूरी प्रक्रिया में अभ्यर्थियों का कोई भी दोष नहीं है. आज सभी 3000 शिक्षक सहित पूरे परिवार की आजीविका इसी नौकरी पर आश्रित है. मामले की अगली सुनवाई 28 नवम्बर को होगी. हाईकोर्ट ने सरकार को इन बिंदुओं पर विचार करने कहा है.

छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर पर गरमाई सियासत

रायपुर-     नवा रायपुर में तीन दिवसीय भव्य छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का आयोजन किया गया, लेकिन इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर न होने से विवाद खड़ा हो गया है. इसको लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए इसे छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा का अपमान बताया है. तो वहीं भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि बीजेपी ने हमेशा छत्तीसगढ़ महतारी के मान-सम्मान को बढ़ाने का काम किया है।

बीजेपी को छत्तीसगढ़ महतारी की इज़्ज़त नहीं – महंत

नेताप्रतिपक्ष चरणदास महंत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी को छत्तीसगढ़ महतारी की इज़्ज़त नहीं है. इन्हें न संस्कृति, न हमारे परंपरा, छत्तीसगढ़ियों के अचार-विचार किसी की इज़्ज़त नहीं है. जिनकी सेवा कर रहे हैं उनकी ही तस्वीर नहीं है. यह बयान उन्होंने रायपुर दक्षिण उपचुनाव के लिए जनसंपर्क अभियान के दौरान दिया.

बीजेपी ने छत्तीसगढ़ महतारी के मान-सम्मान को बढ़ाने का किया काम – अरुण साव

डिप्टी सीएम अरुण साव ने कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए कहा, बीजेपी ने छत्तीसगढ़ महतारी के मान-सम्मान को बढ़ाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि आज देश और दुनिया में छत्तीसगढ़ की पहचान बनी है वो केवल बीजेपी के कारण बनी है. कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ को कुपोषण, अशिक्षा और भुखमरी के कगार पर छोड़ दिया था. छत्तीसगढ़ को कांग्रेस ने देशभर में भ्रष्टाचार, अपराध और नशे के गढ़ के रूप में बदनाम करवाया. छत्तीसगढ़ के मान सम्मान और गौरव की बात इनके मुंह से शोभा नहीं देती. छत्तीसगढ़ का मान सम्मान बढ़ाने का काम हमारी सरकार विष्णुदेव साय के नेतृत्व में कर रही है.

धर्मांतरण पर उपमुख्यमंत्री के बयान पर महंत ने किया पलटवार

धर्मांतरण के मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव के बयान पर नेताप्रतिपक्ष चरणदास महंत ने पलटवार करते हुए कहा कि धर्मांतरण की परिभाषा क्या है, यह मंत्री बताएं. संविधान के अनुसार अगर कोई व्यक्ति पूजा करता है या मंदिर-मस्जिद जाता है, तो उसे धर्मांतरण का नाम देकर कांग्रेस को बदनाम करते है ,ये उचित नहीं है.

चुनाव में धार्मिक मुद्दों के उपयोग पर महंत की आपत्ति

महंत ने चुनाव के दौरान धार्मिक बाबाओं और संतों के छत्तीसगढ़ दौरों पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि धार्मिक एजेंडे पर काम नहीं करना चाहिए, हमारा लोकतंत्र है, संविधान है. उन्हें लोकतंत्र, भाईचारा और एकता के नाम से वोट मांगना चाहिए. तब सही चुनाव कहा जाएगा है.

रायपुर दक्षिण उपचुनाव के लिए जनसंपर्क अभियान में निकले नेता प्रतिपक्ष महंत ने ब्राह्मण समाज के लोगों से मुलाकात की और कहा कि “पहली बार ब्राह्मण युवा के लिए समाज से आशीर्वाद लेने निकले हैं. इनके पारिवारिक संबंधी के अनुसार प्रत्याशी हमने दिया. माहौल देखकर प्रसन्नता हुई. सबके आशीर्वाद से प्रत्याशी को विजय प्राप्त होगा.

महंत ने उपचुनाव के मुद्दों पर भी सरकार को घेरा और कहा, “यहां की गलियों और नालियों की हालत पांच साल पहले जैसी ही है, कोई सुधार नहीं हुआ है. ब्रजमोहन मंत्री रहे हैं, लेकिन क्षेत्र की स्थिति जस की तस बनी हुई है.”

शर्मनाक! ओवर ब्लीडिंग पर नर्स ने प्रसूता के परिजनों से कराई पूरे वार्ड की धुलाई…

बलरामपुर-    सरकार एक तरफ संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए तमाम प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर अस्पतालों में तैनात स्टॉफ सरकार के प्रयास को पलीता लगाती नजर आ रही है. ऐसा ही मामला वाड्रफ नगर सिविल अस्पताल में आया है, जहां प्रसूता के प्रसव के बाद उसके परिजनों से वार्ड की धुलाई कराई गई.

जानकारी के अनुसार, गैना गांव की गर्भवती महिला अपने परिजनों के साथ सिविल अस्पताल में प्रसव के लिए आई थी. प्रसव के दौरान ओवर ब्लीडिंग होने से ड्यूटी नर्स भड़क गई, और परिजनों से पूरे प्रसव वार्ड की धुलवाई करवाई.

अब सवाल यह है कि जब अस्पताल में सफाई के लिए पूरा अमला मौजूद है, तो फिर प्रसूता के परिजनों से सफाई क्यों कराई गई. मामले में बीएमओ शशांक गुप्ता ने परिजनों की शिकायत और मीडिया के जरिए मिली खबरों पर जांच करावा कर दोषी पाए जाने पर स्टाफ नर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.

डिप्टी कलेक्टर जय उरांव को हाईकोर्ट की डबल बेंच से मिली राहत, सिंगल बेंच के 2 फैसलों पर लगाई रोक

बिलासपुर-    भू अभिलेख शाखा से रिकार्ड गयाब होने के मामले में डिप्टी कलेक्टर जय उरांव को हाई कोर्ट की डबल बेंच से राहत मिली है. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के दो महत्वपूर्ण फैसले जिसमें सरकारी जमीन की अफरा-तफरा में हाथ काला करने वाले तब के अतिरिक्त तहसीलदार और वर्तमान में डिप्टी कलेक्टर व एक सरपंच के खिलाफ न्यायालयीन आदेश की अवहेलना के आरोप में नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. इन दोनों फैसले पर जस्टिस रजनी दुबे व जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की डिवीजन बेंच ने आगामी आदेश तक रोक लगा दी है. डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले पर त्रुटि पाते हुए यह आदेश जारी किया है.

याचिकाकर्ता लक्ष्मी वैष्णव ने सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए अपील की है, मामले की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच को बताया गया, कि सिंगल बेंच ने न्यायालयीन अवमानना का दोषी पाते हुए उसे सरपंच पद से हटाते हुए अमरिका बाई अजगले को ग्राम पंचायत का कार्यवाहक सरपंच नियुक्त करने का निर्देश जारी किया है. ऐसा आदेश या निर्देश न्यायालय की अवमानना अधिनियम के तहत पारित नहीं किया जा सकता है. याचिकाकर्ता को बहुमत से कार्यवाहक सरपंच के रूप में विधिवत चुना गया था और 16.01.2024 से वह बिना किसी चूक के अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रही है. इसलिए 18.09.2024 को सिंगल बेंच द्वारा जारी विवादित आदेश के प्रभाव और संचालन पर अन्य पक्षों को नोटिस दिए जाने तक रोक लगाई जाए. इधर अमरिका बाई अजगले के अधिवक्ता ने याचिकाकर्ता की प्रार्थना का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता अवमानना मामले में पक्षकार नहीं है और अवमानना मामले में अवमाननाकर्ता ने 23.04.2024 को पारित सिंगल बेंच के आदेश का पालन नहीं किया है, इसलिए अवमानना न्यायालय ने सही ढंग से आदेश पारित किया है और यह अपील स्वीकार्य खारिज किए जाने योग्य है.

मामले में दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि हमने दोनों पक्षों की दलील सुनी और कोर्ट द्वारा पारित 18.09.2024 के विवादित आदेश का भी अवलोकन किया है. अवमाननाकर्ता को सरपंच पद से हटाने का निर्देश जारी किया गया था और याचिकाकर्ता के अनुसार, वह जनवरी, 2024 से काम कर रही है. मामले में अंतरिम उपाय के रूप में, यह निर्देश दिया जाता है कि 18.09.2024 के आदेश का प्रभाव और संचालन सुनवाई की अगली तारीख तक स्थगित रहेगा.

वहीं डिप्टी कलेक्टर जय शंकर उरांव के अधिवक्ता ने डिवीजन बेंच से कहा कि याचिकाकर्ता उस समय उस पद पर तैनात नहीं था, जब सिंगल बेंच द्वारा 12.08.2024 को आदेश पारित किया गया था. यहां तक कि अवमानना मामले में 25.10.2024 को विवादित आदेश पारित करने के समय भी याचिकाकर्ता कहीं और पदस्थ था. सरकारी मजीन की हेरा-फेरी के संबंध में मुख्य आरोप संबंधित न्यायालय के रीडर के खिलाफ है कि उसने संबंधित रिकॉर्ड को गलत जगह रख दिया है. इसलिए याचिकाकर्ता को जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता. मामले में कोर्ट ने 25.10.2024 को अपीलकर्ता के खिलाफ जारी एफआईआर दर्ज करने के निर्देश को डिवीजन बेंच ने अगली सुनवाई तक प्रभाव और संचालन पर रोक लगा दिया है.

ये है पूरा मामला

पौंसरा की 2.15 एकड़ जमीन की खरीदी बिक्री 2013-14 में की गई थी. तब इसे लेकर जमकर विवाद हुआ था. विवाद सुलझने के बाद जमीन का नामांतरण कर दिया गया. नामांतरण आदेश में तात्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार जय शंकर उरांव के हस्ताक्षर हैं. पेखन लाल शेंडे ने रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण आदेश के दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध कराने की मांग करते हुए 31 अगगस्त 2024 को तहसीलदार बिलासपुर के समक्ष आवेदन पेश किया. लगातार स्मरण करने के बाद भी जब दस्तावेज नहीं उपलब्ध कराया गया. तो पेखन लाल शेंडे ने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका लगाई. मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने तहसीलदार बिलासपुर को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता को पूरे प्रकरण के दस्तावेज उपलब्ध कराने कहा. कोर्ट के निर्देश के बाद भी याचिकाकर्ता को दस्तावेज नहीं मिले. इस मामले में कोर्ट ने एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया था. जिसे लेकर अपील की गई थी, डीबी ने इस आदेश पर रोक लगाई है.

औद्योगिक विकास के लिए 118 एकड़ जमीन की मिली मंजूरी, उद्योगपतियों ने कहा- बस्तर में आर्थिक विकास में आएगी तेजी…

जगदलपुर-     राज्य सरकार ने बस्तर के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए जगदलपुर के नियानार गांव में 118 एकड़ भूमि के आवंटन की मंजूरी दे दी है. इस कदम से बस्तर क्षेत्र में सहायक उद्योगों की स्थापना को बल मिलेगा, खासकर नगरनार इस्पात संयंत्र के आसपास. इससे स्थानीय रोजगार में वृद्धि और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (BCCI) ने लंबे समय से इस भूमि आवंटन की मांग की थी, जिसे अब मुख्यमंत्री के नेतृत्व में स्वीकार किया गया और केबिनेट की स्वीकृति भी मिल गई है. इस भूमि आवंटन से छोटे और मध्यम उद्योगों की स्थापना को सरल बनाने में मदद मिलेगी.

बीसीसीआई के अध्यक्ष श्याम सोमानी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम बस्तर में औद्योगिक और व्यवसायिक वातावरण को और सशक्त बनाएगा. उनका मानना है कि इससे न केवल स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. इसके साथ ही, बस्तर का औद्योगिक क्षेत्र और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था तेजी से विकास की दिशा में बढ़ेगी.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय पहुंची श्री गुरुनानक की शोभायात्रा
रायपुर-     सिखों के पहले गुरू पूज्य श्री गुरुनानक के 555 वें प्रकाश पर्व के निमित्त रायपुर में आज भव्य शोभायात्रा निकाली गई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय जागृति मंडल में शोभा यात्रा-प्रभात फेरी का भव्य स्वागत किया गया. यहां मातृशक्ति द्वारा श्रद्धेय श्री गुरुनानक देव जी के जीवन कृतित्व को व्यक्त करने वाले अत्यंत प्रेरक कीर्तन प्रस्तुत किए गए. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने पालकी साहब में पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद लिया. इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रांत संघचालक टोपलाल वर्मा जी अपने उद्बोधन में कहा कि “श्रीगुरुनानक देवजी का संपूर्ण जीवन हिंदुत्व और धर्म की रक्षा में बीता.

उन्होंने कहा कि आज संपूर्ण समाज को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र हित में कार्य करने की आवश्यकता है. श्रीगुरुनानक देव भारत मां के सच्चे सुपुत्र व प्रेरणापुंज हैं.” इस अवसर पर बड़ी संख्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने पालकी साहब में पुष्प अर्पित कर उनके बताए मार्ग पर चलते हुए राष्ट्रहित में कार्य करने की मंगलकामना की. प्रभात फेरी के अवसर पर नारायण नामेदव ने पीता वारया ते लाल चारो वारे ओ हिंदू तेरी शान….गीत गाया, जिससे लोग राष्ट्रभक्ति के रंग में रंग गए.

कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ प्रचारक शांताराम सर्राफ, प्रांत कार्यवाह चंद्रशेखर देवांगन जी, प्रांत प्रचारक अभय राम वर्मा, सह प्रांत प्रचारक नारायण नामदेव, सह प्रांत प्रचार प्रमुख संजय तिवारी, महानगर संघचालक घनश्याम बिड़ला जी, सज्जन सिंह, जागीर सिंह, कुलविंदर सिंह तथा ज्ञानी सिंह समेत बड़ी संख्या में संघ के कार्यकर्ता व समाजसेवी उपस्थित रहे.

रायपुर दक्षिण में कमल खिलाने सुनील सोनी का जनसंपर्क जारी

रायपुर-  आगामी उपचुनाव को लेकर पूर्व सांसद और रायपुर दक्षिण से भाजपा प्रत्याशी सुनील सोनी का जनसंपर्क जारी है, प्रत्याशी सुनील सोनी ने पं. सुंदरलाल शर्मा वार्ड, टिकरापारा वार्ड और संजय नगर वार्ड में जनसंपर्क किया इस दौरान सांसद बृजमोहन अग्रवाल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक मोतीलाल साहू, भाजपा के अन्य नेता और कार्यकर्तगण के साथ बड़ी संख्या में स्थानीयजन भी उत्साहपूर्वक इस जनसंपर्क में शामिल हुए।

इसे लेकर प्रत्याशी सुनील सोनी ने कहा कि अपनों के बीच आशीर्वाद का सिलसिला जारी है, उपचुनाव में कमल खिलने के बाद विकास का सिलसिला भी दोगुनी तेजी से जारी रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी उपचुनाव लिए आशीर्वाद मांगने रायपुर दक्षिण में जनसंपर्क कर रहा हूं और इस दौरान पूरे उत्साह के साथ स्थानीय निवासियों का साथ और आशीर्वाद मिल रहा है, सभी एक बार फिर कमल खिलाने के लिए उत्सुक हैं और मैं विश्वास दिलाता हूं कि जन-जन का यह उत्साह, आशीवार्द और समर्थन व्यर्थ नहीं जाएगा और इस उपचुनाव में भाजपा की जीत के बाद हम भी रायपुर दक्षिण में दोगुनी तेजी से उन्नति का कमल खिलाने के लिए सतत समर्पित रहेंगे।

भाजपा प्रत्याशी सुनील सोनी ने रायपुर में कार्य करने के अपने अनुभवों के बारे में बताते हुए कहा कि रायपुर की जनता मेरे परिवार का हिस्सा है, महापौर से लेकर सांसद बनने तक सब रायपुर की जनता के आशीर्वाद से ही संभव हुआ और इस दौरान हमने क्षेत्र के विकास के लिए जो कार्य किए उससे जनता में उत्साह बढ़ा है तथा अब और भी अधिक लोगों का स्नेह और आशीर्वाद मिल रहा है और मुझे विश्वास है कि इस उपचुनाव में भी कमल खिलेगा और महापौर और सांसद के बाद अब विधायक के रुप में कार्य करने अवसर भी रायपुर दक्षिण की जनता देगी। मेरा आग्रह है कि आगामी 13 नवंबर को 2 नंबर पर कमल निशान का बटन दबाकर एक बार फिर रायपुर दक्षिण में भाजपा को प्रचंड मतों से विजयी बनाएं।

मूक-बधिर से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों की याचिका खारिज, हाई कोर्ट ने कहा- ट्रायल कोर्ट के फैसले में कोई त्रुटि नहीं

बिलासपुर-   गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में मूक-बधिर से सामूहिक दुष्कर्म के 5 आरोपियों की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के निर्णय को सही ठहराते हुए कहा कि अपीलकर्ताओं के अपराध के संबंध में निष्कर्ष पर पहुंचने में ट्रायल कोर्ट ने कोई कानूनी या तथ्यात्मक त्रुटि नहीं की है.

बता दें, 25 अगस्त 2019 की शाम करीब 6-7 बजे मरवाही पुलिस स्टेशन के अंतर्गत बाजार में आरोपियों ने मूक-बधिर पीड़िता को जबरन मोटरसाइकिल से तालाब के पास ले जाकर उससे सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. इस मामले में संजीव कुजूर, सूरज दास समेत पांचों आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 366/34, 342/34 और 376 (डी) के तहत जुर्म दर्ज किया गया.

जानकारी के मुताबिक, पीड़िता की चाची ने मरवाही पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराया, कि उसका बड़ा भाई उसके घर के पास रहता है, और उसकी 22 वर्षीय बेटी (पीड़िता), जो जन्म से मूक बधिर है, और इशारों के माध्यम से बातचीत करती है जिसे वह उसकी मां समझती है. पीड़िता हमेशा की तरह 25 अगस्त की शाम खाना (भीख) मांगने बाजार गई थी. देर रात 11 बजे के करीब वह रोती हुई घर लौटी. उसने उसे और अपनी मां को इशारे से बताया कि जब वह शाम बाजार से लौट रही थी, पांच लड़कों ने उसे जबरदस्ती मोटरसाइकिल पर बिठाया, उसे तालाब की सीढ़ियों पर ले गए, उसके हाथ-पैर बांध दिए और एक-एक करके उसके साथ बलात्कार किया. पीड़िता ने चेहरे, पीठ और कमर पर खरोंच के निशान दिखाए, साथ ही प्राइवेट पार्ट में दर्द होने की बात बताई. इसके बाद पीड़िता की चाची ने पीड़िता और परिजनों के साथ पुलिस स्टेशन में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

मामले में 25 वर्ष की सजा सुनाई गई

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दंडनीय अपराधों के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, मरवाही की अदालत में आरोप पत्र दायर किया. जहां से इसे 10.12.2019 को परीक्षण के लिए अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायालय को सौंप दिया गया. ट्रायल कोर्ट के जज ने आरोपियों  के खिलाफ 2 जनवरी 2020 को आईपीसी की धारा 366/34, 342/34 और 376डी के तहत दंडनीय अपराधों के लिए आरोप तय किए. मामले में आरोपियों का डीएनए टेस्ट फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, रायपुर को विश्लेषण हेतु भेजकर इसकी रिपोर्ट भी अदालत में पेश की गई. ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों को 25 वर्ष कैद की सजा सुनाई.

वहीं आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताते हुए हाईकोर्ट में अपील की थी, जिसे चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डीबी ने खारिज कर दिया. सुनवाई के बाद जजों ने कहा, कि ट्रायल कोर्ट ने अपीलकर्ताओं के अपराध के संबंध में निष्कर्ष पर पहुंचने में कोई कानूनी या तथ्यात्मक त्रुटि नहीं की है. इसके साथ ही अपील खारिज कर दी गई. हाई कोर्ट ने एफएसएल व डीएनए टेस्ट पीड़िता के बयान को सजा के लिए साक्ष्य माना है.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूर्व राज्यसभा सांसद स्वर्गीय गोपाल व्यास के अंतिम दर्शन में शामिल होकर दी भावभीनी श्रद्धांजलि

रायपुर-      मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज पूर्व राज्यसभा सांसद स्वर्गीय गोपाल व्यास के निधन पर पुरैना स्थित निवास पहुंचे और अंतिम दर्शन कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री श्री साय ने शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय गोपाल व्यास के मंशानुरूप उनका पार्थिव शरीर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को दान किया जाएगा। इस दौरान राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस, विधायक विक्रम उसेंडी एवं जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा श्री व्यास छत्तीसगढ़ राजनीति के पुरोधाओं में एक थे। वे 2006 से 2012 तक छत्तीसगढ़ राज्य से राज्यसभा सांसद रहे। श्री व्यास जी गृहस्थ रहते हुए भी महान संत थे। उनकी सरलता और सादगी ने सभी को प्रभावित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य रहा कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला। उन्होंने सदैव देश व समाज हित में कार्य किया। यह देश एवं प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है।मुख्यमंत्री श्री साय ने व्यास जी के साथ बिताए दिनों को याद करते हुए कहा कि मुझे अनेक अवसरों पर उनके साथ कार्यक्रमों में शामिल होने का मौका मिला। सामान्यतः किसी कार्यक्रम का शुभारंभ हम फीता काट कर करते हैं, लेकिन व्यास जी कहते थे कि मुझे यह व्यक्तिगत रूप से अच्छा नहीं लगता। हमारा काम काटने का नहीं बल्कि जोड़ने का है। श्री व्यास जी के निधन पर मुख्यमंत्री ने विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ईश्वर से शोक संतप्त परिजनों को संबल प्रदान करने की कामना की ।

पूर्व सांसद गोपाल व्यास का निधन, 92 की उम्र में ली अंतिम सांस
रायपुर-   भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य गोपाल व्यास का आज सुबह निधन हो गया. उन्होंने 92 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली. वे छत्तीसगढ़ राजनीति में एक महत्वपूर्ण हस्ती थे. व्यास ने 3 अप्रैल 2006 से 2 अप्रैल 2012 तक छत्तीसगढ़ राज्य से राज्यसभा सांसद के रूप में सेवा दी. वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ कार्यकर्ता रहे और पार्टी व संघ के लिए जमीनी स्तर पर महत्वपूर्ण कार्य किए.

उनके पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए उनके निज निवास HDD 33, विधायक कॉलोनी, रायपुर में सुबह 10:45 तक रखा गया है. इसके बाद देहदान के लिए AIIMS रायपुर के गेट नंबर 5 के लिए ले जाया जाएगा.

आपातकाल के समय जेल में रहे बंद

आपातकाल के दौरान गोपाल व्यास ने भी संघर्ष किया था और 1975 से 1977 तक रायपुर की जेल में बंद रहे. उनका योगदान भारतीय राजनीति में अहम था, और वे अपने संगठन के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहे. राज्यसभा से 13 फरवरी 2019 को सेवानिवृत्त होने के बाद वह सक्रिय राजनीति से दूर थे, लेकिन संगठन को मजबूत बनाने में उनका योगदान निरंतर था.

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने दिलाई थी सदस्यता

गोपाल व्यास ने छत्तीसगढ़ में भाजपा के सदस्यता अभियान में भी हिस्सा लिया था. करीब एक महीने पहले, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें सदस्यता दिलाई थी. इस दौरान, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और जेपी नड्डा ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके आशीर्वाद लिया था.

जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र थे व्यास

गोपाल व्यास का जन्म 15 फरवरी 1932 को हुआ था. उनका शिक्षा जीवन जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से जुड़ा था, और वे राजधानी रायपुर के विधायक कालोनी में अपने परिवार के साथ निवास करते थे. उनका निधन भाजपा और संघ परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति है.