जनपद के विभिन्न विद्यालयों में अग्नि सुरक्षा जन-जागरूकता प्रशिक्षण अभियान का किया गया आयोजन
अमेठी। अग्निशमन अधिकारी शिवदरस प्रसाद ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष दीपावली का मुख्य पर्व 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जायेगा व दीपावली पर्व पर प्रत्येक परिवार में दीप प्रज्जवलित कर तथा आतिशबाजी कर हर्षोल्लास से खुशियों से मनाया जाता है तथा ऐसे शुभ अवसर के समय थोड़ी सी लापरवाही माहौल को गम में परिवर्तित कर सकती है।
उन्होंने बताया कि आगामी दीपावली पर्व को दृष्टिगत रखते हुये पुलिस अधीक्षक अमेठी के आदेशानुसार अग्निशमन एवं आपात सेवा केन्द्र अमेठी द्वारा अग्नि सुरक्षा जन-जागरूकता प्रशिक्षण अभियान चलाया गया तथा जन-जागरूकता प्रशिक्षण अभियान में अग्निशमन अधिकारी अमेठी शिवदरस प्रसाद द्वारा अपनी पूरी टीम के साथ जनपद के प्राथमिक विद्यालय भैरवपुर, प्राथमिक विद्यालय टिकरिया भौसिंहपुर, उच्च प्राथमिक विद्यालय कंसारा, संग्रामपुर, उच्च प्राथमिक विद्यालय जरौटा, संग्रामपुर, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, संग्रामपुर, कालिकन इंटर कॉलेज, संग्रामपुर में अभियान चलाकर छात्र-छात्राओं, अध्यापक-अध्यापिकाओं एवं स्टाफ को जागरुक करते हुए आग लगने के सम्भावित कारकों के बारे में विस्तार से जानकारी देकर विभिन्न प्रकार के फायर एक्सटिंग्यूशरों को चलाने के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए घरों एवं रसोईघरों में अग्निसुरक्षा, एलपीजी से बचाव एवं सावधानियों के सम्बन्ध में प्रशिक्षण देकर जागरुक किया।
उन्होंने बताया कि आग बुझाने के अनेक तरीकों सहित इवैक्वेशन ड्रिल कराकर छात्र-छात्राओं, अध्यापक-अध्यापिकाओं एवं स्टाफ को आग लगने की स्थिति में भवन से सुरक्षित मार्ग द्वारा बाहर निकलने का अभ्यास कराया गया तथा अभियान के दौरान दीपावली पर्व को देखते हुये अग्निशमन अधिकारी द्वारा विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई। इस क्रम में उन्होंने बताया कि गैस लीक होने पर किचेन में बिजली के स्विच को आफ अथवा आन न करें एवं गैस सिलेण्डर सदैव खड़ा रखे, निर्धारित समय पर गैस में लगे रबर पाईप को बदल दें एवं रात्रि में सोने से पहले गैस सिलेण्डर का वाल्व बन्द कर दें व जलते हुये स्टोव व लालटेन में मिट्टी का तेल न भरें, भोजन बनाते समय अपने शरीर के कपड़ों का प्रयोग चूल्हे पर चढ़े बर्तनों को उतारने के लिए न करें, खाना बनाते समय ढीले-ढाले आँचल को बांध कर रखें, उसे चूल्हे व स्टोव की आग की लपटों से बचाकर रखें तथा घर में बिजली के कटे-फटे तारों को तुरन्त बदलवा दें या मरम्मत करा लें, सही ढंग का फ्यूज लगायें व एक ही प्लग पर कई यंत्र न लगाएं।
उन्होंने बताया कि कुकिंग गैस सिलेण्डर में लीकेज का आभास होते ही आस-पड़ोस की अन्य अंगीठियाँ व जलती हुई बीडी-सिगरेट को तुरन्त बुझा दें, आग लगने पर सबको बतायें व आग बुझाने का प्रयास करें, कपड़े में आग लगने पर दौड़े नहीं, बल्कि जमीन पर लेटकर लुढ़के, फ्लेम प्रूफ बिजली की व्यवस्था किया जाय, धूम्रपान, माचिस का प्रयोग अथवा अन्य कोई आग लगने वाली वस्तु का प्रयोग सुरक्षा घेरे के अन्दर न किया जाय तथा जिस सिलेण्डर में आग लगी हो उसे फायर एक्सटिंग्यूशर से बुझायें व आग लगे सिलेण्डर को गोदाम से बाहर कर दें। उन्होंने बताया कि दीया/मोमबत्ती सुरक्षित स्थान पर सजायें, बिजली की झालर आदि से बिजली के बोर्ड पर अतिरिक्त भार न दें तथा शार्ट सर्किट होने से आग लगने की ओर विशेष रूप से सतर्क रहें व झुग्गी, झोपड़ी, आरा मशीन, भूसे के ढेर से दूर पटाखों को छुड़ायें, दीपावली पर मोटे और चुस्त कपड़े पहनें तथा ढीले और लहरदार सिन्थेटिक कपड़ों को न पहनें, अपने घर में पटाखे चलाते समय अग्नि दुर्घटना से तुरन्त निपटने हेतु 2 बाल्टी पानी भर कर तैयार रखें तथा पटाखों को जलाने के लिए मोमबत्ती को डन्डे में बांधकर प्रयोग करें।
उन्होंने बताया कि जलते हुए पटाखों से उचित दूरी रखें, पटाखे छोड़ते समय चुस्त और मोटे सूती कपड़े पहनें, पटाखों को सुरक्षित स्थान पर आग के स्रोत एवं ज्वलनशील पदार्थों को दूर रखें, पूजन अर्चन हेतु प्रयोग में लाये गये अगरबत्ती धूपबत्ती तथा मोमबत्ती को जलते हुए नहीं छोड़ना चाहिए, पूर्ण रूप से उक्त पूजन सामग्री के बुझ जाने का बाद ही पूजा स्थल को छोड़ना चाहिये व पटाखों को जलाते समय सिन्थेटिक अथवा सिल्क और ढीले वस्त्र को न पहनें तथा पटाखों को हाथ में पकड़कर जलाने का प्रयास न करें, जो पटाखे चलाते समय चल नहीं पाते हैं उनको उठाकर देखने का प्रयास न करे कि वह क्यों नहीं चला। उन्होंने बताया कि घरों के अन्दर/किचन के पास पटाखे किसी भी दशा में न चलायें, पटाखों को कभी भी जेब में न रखें, पटाखों के ऊपर झुककर कभी भी उनको चलाने का प्रयास न करें व जनता द्वारा प्रयोग में लाये जाने वाले सार्वजनिक स्थान यथा फुटपाथ, सड़क आदि पर आतिशबाजी न चलायें, पटाखों को मोमबत्ती या दीये के पास न चलायें तथा बच्चों को जलता हुए पटाखा किसी के ऊपर न फेकने दें। उन्होंने बताया कि प्रयोग किये गये पटाखों में बची सामग्री से पटाखा निर्मित करने का प्रयास न करें, घनी बस्तियों में अथवा पेट्रोल पम्प, तेल के भण्डार, आरा मशीन, पण्डाल जैसे स्थानों के पास पटाखें अथवा राकेट न चलायें व जल जाने पर रनिंग वाटर का प्रयोग करें तथा चिकित्सक से सलाह लें।
उन्होंने बताया कि अपने क्षेत्र के फायर स्टेशन का टेलीफोन नम्बर याद रखें व पुलिस थाने पर भी आग की सूचना दें, आग लगने पर फायर ब्रिगेड को टेलीफोन करके अवश्य बुलाये जो हर समय नि:शुल्क उपलब्ध है तथा सूचना देने समय संयमित आवाज में साफ तौर पर पूरा विवरण दें व तत्काल पहुंचने का मुख्य स्थान बता दें एवं फायर ब्रिगेड के पहुंचने तक आग बुझाने का हर सम्भव प्रयास करते रहें, घी, तेल व पेट्रोलियम की आग को पानी से न बुझाए उसे फोम एक्सटिंग्यूशर या मिट्टी व बालू से बुझाने का प्रयास करें। उन्होंने बताया कि कपड़ों में आग लगने पर कम्बल का प्रयोग करें अथवा जमीन पर लेटकर लुढ़के एवं फायर ब्रिगेड आने पर बेकार भीड़ एकत्र न करें तथा आग से घिरने पर खिड़की, दरवाजा आदि से शोर लगाकर अपनी ओर ध्यान आकर्षित करें तथा भारी चीजों से रस्सी या कपड़े बांधकर उससे उतरने का प्रयास करें, छत से छलांग न लगाये व आग फैलने से रोकने हेतु दरवाजे खिड़कियॉ बंद रखें। इस दौरान जागरूकता अभियान में प्राथमिक विद्यालय भैरवपुर, प्राथमिक विद्यालय टिकरिया भौसिंहपुर, उच्च प्राथमिक विद्यालय कंसारा, संग्रामपुर, उच्च प्राथमिक विद्यालय अरौटा, संग्रामपुर, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, संग्रामपुर, कालिकन इंटर कॉलेज, संग्रामपुर के प्रधानाचार्य एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं सहित हजारों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने प्रशिक्षण में भाग लिया तथा अग्निशमन तथा आपात सेवा केन्द्र अमेठी के प्रशिक्षक फायर सर्विस चालक राजेन्द्र प्रसाद दूबे, फायरमैन अमित कुमार, अरविन्द कुमार, योगेश प्रताप सिंह, सौरभ व रणजीत यादव ने प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
Nov 03 2024, 13:48