राजेंद्र पाटनी के बेटे ज्ञायक पाटनी ने छोड़ा बीजेपी का साथ, एनसीपी में हुए शामिल
दिवगंत बीजेपी विधायक राजेंद्र पाटनी के बेटे ज्ञायक पाटनी एनसीपी (शरद पवार) में शामिल हो गए हैं. ज्ञायक पाटना आगामी विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगे. वाशिम जिले से ताल्लुक रखने वाले पाटनी परिवार ने आनन फानन मुंबई पहुंचकर शरद पवार से मुलाकात की और एनसीपी (शरद गुट) जॉइन कर लिया. इस दौरान शरद पवार और जयंत पाटिल ने उनका स्वागत किया.
कारंजा विधानसभा में महाविकास अघाड़ी और महायुति का गणित अब 360 डिग्री के कोण में बदल गया है. दिवंगत विधायक राजेंद्र पाटनी के बेटे ज्ञायक पाटनी, जो बीजेपी से चुनाव लड़ने के इच्छुक थे, उन्होंने कमल का साथ छोड़कर एनसीपी (शरद पवार) का दामन थाम लिया है. शनिवार को मुंबई में शरद पवार की मौजूदगी में वह एनसीपी में शामिल हो गए.
कारंजा सीट से लड़ना चाहते थे चुनाव
दरअसल ज्ञायक पाटनी दिवंगत बीजेपी विधायक राजेंद्र पाटनी के बेटे हैं. राजेंद्र पाटनी के निधन के बाद वह बीजेपी से कारंजा सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक थे. राजेंद्र पाटनी उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाते थे. उनके निधन के बाद ज्ञायक पाटनी को फडणवीस ने ताकत दी और विधानसभा के लिए तैयार होने को कहा. देवेंद्र फडणवीस ने सोचा कि ज्ञायक को उनके पिता की मृत्यु के बाद सहानुभूति मिलनी चाहिए.
बीजेपी ने नहीं दिया टिकट
लेकिन चुनाव की घोषणा होने के बाद पाटनी को अचानक इंतजार करने के लिए कहा गया और बीजेपी उनकी जगह एनसीपी से आए साई दहाके को मैदान में उतारने की तैयारी कर ली. वहीं बीजेपी से उम्मीदवारी नहीं मिलने से नाराज ज्ञायक पाटनी ने कार्यकर्ताओं की बैठक ली. इस दौरान देखा गया कि उनके कार्यकर्ता काफी आक्रामक हो गये. इस बैठक में कार्यकर्ताओं ने पाटनी से जिद की कि उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए.
मनमाने ढंग से काम करने का आरोप
इसके बाद पाटनी ने शरद पवार, सुप्रिया सुले और अन्य प्रमुख नेताओं से मुलाकात के बाद एनसीपी में शामिल होने का फैसला किया. उन्होंने बीजेपी पर बिना किसी का विचार किए मनमाने ढंग से काम करने का आरोप लगाया है. जयंत पाटिल ने पाटनी का पार्टी में स्वागत किया और कहा कि यह निर्वाचन क्षेत्र हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
शरद पवार ने भी की तारीफ
वहीं शरद पवार ने भी दिवंगत विधायक राजेंद्र पाटनी के काम की सराहना की और ज्ञायक पाटनी को शुभकामनाएं दीं. साथ ही महाविकास अघाड़ी के कार्यकर्ताओं ने भी अपना काम करने का अनुरोध किया है. कारंजा निर्वाचन क्षेत्र में अचानक हुए फेरबदल से कार्यकर्ता और मतदाता भी असमंजस में हैं और चुनाव में इसका परिणाम देखना महत्वपूर्ण होगा.
Oct 27 2024, 11:23