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दीपावली के बाद क्यों मनाया जाता है भाई दूज ?जानें इनकी पीछे की पौराणिक कथा

दिवाली के बाद भैया दूज का त्योहार मनाया जाता है. रक्षाबंधन की तरह भैया दूज भी बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है. यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है. जिसमें साल का पहला भैया दूज चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. भाई दूज का पर्व भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं और बदले में भाई उन्हें उपहार देते हैं. इस त्योहार को देशभर में भाई फोटा, भाऊ बीज, भाई बिज, भाऊ बीज, भ्रातृ द्वितीय, यम द्वितीया, भतृ दित्य, भाई तिहार और भाई टिक्का के नाम से भी जाना जाता है. हर साल यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है.

कब है भैया दूज

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाई दूज की तिथि का आरंभ 2 नवंबर शाम 8 बजकर 21 मिनट पर होगा और तिथि का समापन 3 नवंबर रात 10 बजकर 5 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, भाई दूज का पर्व रविवार 3 नवंबर को मनाया जाएगा

भाई दूज 2024 पर तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त

भाई दूज के दिन तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त की शुरुआत दोपहर 1 बजकर 19 मिनट से लेकर 3 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. भाई दूज के दिन तिलक लगाने के लिए कुल 2 घंटे 12 मिनट तक का समय मिलेगा.

कैसे हुई भैय दूज की शुरुआत

पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया की दो संताना थी एक यमराज और दूसरी यमुना. यमराज अपनी बहन यमुना को बहुत प्रेम करते थे. यमुना अपने भाई से बार-बार अपने घर आने को कहती थी. एक बार कार्तिक शुक्ल द्वितीया को उन्होंने अपने भाई से घर पर आने का वचन ले लिया. भाई दूज के दिन ही यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए. तब यमुना ने अपने भाई यमराज का भव्य स्वागत किया. इसके बाद यमराज को तिलक लगाकर भोजन कराया. यमुना का अपने भाई के प्रति इतना प्रेम और आदर देख यमराज प्रसन्न हुए और यमुना से वरदान मागनें को कहा. जिसके बाद वरदान में यमुना ने अपने भाई से कहा कि हर साल आप इस दिन मेरे घर आना. इसके बाद से ही भाई दूज या यम द्वितीया की परंपरा शुरु हुई.

भाई दूज का महत्व

भाई दूज के दिन भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. इस दिन बहने अपने भाई को तिलक लगाकर और नारियल देकर सभी देवी-देवताओं से भाई की सुख-समृद्धि और दिर्घायु की कामना करती है. उसके बाद भाई अपनी बहन की रक्षा का वादा करते हैं.

लखनऊ में ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश की गई,ट्रैक पर रखे गए थे पत्थर-पेड़ की डालियां

देश के तमाम हिस्सों से ट्रेन को पलटाने की साजिश में आए दिन खबरें सामने आ रही हैं. कभी रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर तो कभी फिश प्लेट से छेड़छाड़ की खबरें सामने आती रही हैं. अब उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भी ट्रेन को पटरी से उतारने की फिर से साजिश की गई थी.

इसके लिए लकड़ी की बड़ी डाल और ट्रैक पर छोटे-छोटे पत्थर रखे गए थे. बरेली से वाराणसी जा रही ट्रेन हादसे का शिकार होते-होते बची. ट्रैक पर रखी गई पेड़ की डाली इंजन में फंस गई. इस कारण से ट्रेन का एक्सल काउंटर टूट गया.

मलिहाबाद रेलवे स्टेशन के पास लोको पायलट की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. इंजन में पेड़ की डाली फंसने के बाद उन्होंने तुरंत ही ट्रेन को रोक दिया. इसके बाद उन्होंने इसके बारे में रेलवे के अधिकारियों को इसकी सूचना दी. सीनियर सेक्शन इंजीनियर रेल पथ मलिहाबाद अजय कुमार ने पुलिस में इसकी शिकायत की. पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज करा दी है.

सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही

रेलवे ट्रैक पर पेड़ की डाली और पत्थर को किसने लाकर रखा है, इसके लिए रेलवे स्टेशन पर लगाए गए तमाम सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. एक के बाद एक इस तरह के कामों से रेलवे के कर्मचारियों की भी चुनौतियां बढ़ गई है. पुलिस इस मामले में जांच कर रही है.

इस मामले को लेकर सीनियर सेक्शन इंजीनियर अजय कुमार ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. उन्होंने शिकायत में बताया है कि ट्रैक पर डाली और पत्थर रखने से बरेली और वाराणसी जाने वाली ट्रेन के इंजन में फंस गई. इस कारण से ट्रैक पर लगे सिग्नल डिवाइस को भी बहुत नुकसान पहुंचा है.

ट्रेनों का संचालन हुआ प्रभावित

इंजन में पेड़ की डाली के फंसने के कारण लोको पायलट ने तुरंत ब्रेक लगा दी. किसी तरह का कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ और न ही किसी के जान जाने की सूचना है. फिलहाल सिग्नल डिवाइस को नुकसान होने से इस रूट पर आने वाली ट्रेनों के संचालन में थोड़ी रुकावट देखने को मिल सकती है. जल्द ही रेलवे कर्मचारियों की तरफ से इसे ठीक करने की कोशिश की जा रही है.

महाराष्ट्र सीट शेयरिंग को लेकर राहुल गांधी क्यों है नाराज, जानें

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के सीट शेयरिंग को लेकर एक तरफ विवाद सुलझने का दावा किया है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस में ही इस पर कलह शुरू हो गई है. कहा जा रहा है कि मुंबई और विदर्भ की मजबूत सीट उद्धव को दिए जाने से राहुल कांग्रेसियों पर नाराज हैं. शुक्रवार (25 अक्टूबर) को कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बैठक में राहुल ने नाराजगी भी जाहिर की.

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, राहुल का कहना था कि जिन सीटों पर हम मजबूत थे, उन्हें उद्धव को इसलिए दे दिया गया, क्योंकि कुछ लोग अपने बेटे-बेटियों को टिकट दिलाना चाह रहे थे.

किन सीटों को दिए जाने से राहुल हैं नाराज?

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, मुंबई की बांद्रा-पूर्व, नासिक-मध्य, रामटेक और अमरावती की सीट शिवसेना (यूबीटी) को दिए जाने से राहुल ने नाराजगी जाहिर की. राहुल का कहना था कि इन सीटों पर 2019 में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतरीन था. फिर भी हमने इसे शिवसेना (यूबीटी) को क्यों दे दिया?

बांद्रा पूर्व सीट पर कांग्रेस ने 2019 में जीत दर्ज की थी. नासिक मध्य में कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी. रामटेक सीट पर पिछली बार निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी. यहां से शिवसेना चुनाव ही नहीं लड़ी थी. इसके बावजूद इस बार यह सीट शिवसेना (यूबीटी) को दे दी गई है.

हालांकि, इनमें से एक-दो सीटों पर कहा जा रहा है कि शिवसेना (उद्धव) अपना दावा छोड़ सकती है. संजय राउत ने हाल ही में इसके संकेत भी दिए थे.

हाईकमान महाराष्ट्र के नेताओं से इस बात के लिए भी नाराज है कि जब शुरुआत में शिवसेना (उद्धव) और एनसीपी (शरद) कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने को तैयार थी तो फिर बाद में बराबर-बराबर का बंटवारा क्यों हुआ?

कहा जा रहा है कि नाराज राहुल बीच में ही कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बैठक छोड़ चले गए. हालांकि, बैठक इसके बाद भी एक घंटे तक चलती रही. कांग्रेस अब जिन सीटों पर ज्यादा पेच फंसा है, उसे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक कर सुलझाएगी.

सीट बंटवारे को लेकर मची थी खिंचातानी

कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के बीच सीट बंटवारे को लेकर खिंचातानी मची हुई थी. कहा जाता है कि करीब 20-25 सीटों पर कांग्रेस के नाना पटोले और शिवसेना (उद्धव) के संजय राउत पीछे हटने को तैयार नहीं थे. आखिर में कांग्रेस हाईकमान ने नाना पटोले की जगह बाला साहेब थोराट की फील्डिंग लगाई.

थोराट ने इसके शरद पवार और उद्धव से मुलाकात कर सीट शेयरिंग का बेस तैयार किया. कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद) बराबर-बराबर की सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

इसके अलावा गठबंधन में शेतकारी संगठन, समाजवादी पार्टी और सीपीएम को जगह दी गई है. इन पार्टियों को कितनी सीटें दी गई है, उसका खुलासा अभी तक नहीं किया गया है.

नेताओं के परिवार भी टिकट की रेस में

महाराष्ट्र कांग्रेस के कई नेता अपने परिवार के लोगों को टिकट दिलाने में जुटे हैं. पूर्व अध्यक्ष बाला साहेब थोराट अपनी बेटी जयश्री के लिए टिकट चाह रहे हैं तो नेता प्रतिपक्ष विजय वट्टेविडर भी अपने परिवार को टिकट दिलाने में जुटे हैं.

मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ की धारावी सीट से उनकी बहन ज्योति को टिकट दिया गया है. वहीं कांग्रेस ने विलासराव देशमुख के दोनों बेटे को लातूर से टिकट भी दिया है.

29 अक्टूबर तक नामांकन, चुनाव 20 नवंबर को

महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों के लिए 29 अक्टूबर तक नामांकन की आखिरी तारीख है. इसके बाद नाम वापस लेने और स्क्रूटनी का काम होगा. 20 नवंबर को महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों के लिए मतदान प्रस्तावित है. 23 नवंबर को महाराष्ट्र के नतीजे आएंगे.

राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 सीटों पर जीत जरूरी है. इस बार महायुति (शिवसेना-शिंदे, बीजेपी और एनसीपी-अजित) का मुकाबला महाविकास अघाड़ी (शिवसेना-उद्धव, कांग्रेस और एनसीपी-शरद) से है.

2019 में भारतीय जनता पार्टी 105 सीटों पर जीत कर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बना ली. हालांकि, 2022 में शिवेसना में टूट के बाद बीजेपी को सत्ता में आने का मौका मिला.

गुरुग्राम के एक मकान में लगी भीषण आग, चार लोगों की मौत

हरियाणा के गुरुग्राम के एक मकान में भीषण आग लग गई. इस हादसे में चार लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई. वहीं, हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और चारों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. यह हादसा सरस्वती एनक्लेव के जी ब्लॉक में शुक्रवार देर रात साढ़े 12 बजे के करीब हुआ.

स्थानीय लोगों के मुताबिक,शुक्रवार की देर रात साढ़े 12 बजे सरस्वती एनक्लेव के जे ब्लॉक स्थित मकान में आग की लपटें उठती दिखाई दीं. अंदर से घर का दरवाजा बंद था. आशंका जताई जा रही है कि हादसे के वक्त शायद परिजन कमरे में सो रहे थे, इसी वजह से उन्हें आग लगने की भनक तक नहीं लगी.

पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान कर ली गई है. चारों के नाम अमन, साहिल, नूर आलम और मोहम्मद मुश्ताक हैं. चारों दोस्त थे. अमन की उम्र 17 साल, वहीं साहिल 22 वर्ष का था. नूर आलम की उम्र 27 साल बताई जा रही है. वहीं, मोहम्मद मुश्ताक की उम्र 28 वर्ष है. चारों बिहार के मोतिहारी जिले के रहने वाले हैं. मुश्ताक और नूर एक गारमेंट फैक्ट्री में टेलर की नौकरी करते थे. साहिल गुरुग्राम घूमने के इरादे से आया था. वहीं, अमन 10वीं में पढ़ाई करता है.

अरविंद केजरीवाल को सरकारी आवास देने की मांग: दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस किया जारी

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के लिए सरकारी आवास की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले पर आज सुनवाई करेंगे.

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से 17 सितंबर को इस्तीफा दिया था. इसके बाद 4 अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास खाली कर दिया था. फिलहाल वो फिरोजशाह रोड के बंगला नंबर 5 में रह रहे हैं. ये बंगला आम आदमी पार्टी के पंजाब से राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल को आवंटित है.

राष्ट्रीय पार्टी के मुखिया हैं, इसलिए मिले आवास’

आम आदमी पार्टी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल के पास दिल्ली में घर नहीं है. चूंकि अरविंद केजरीवाल एक राष्ट्रीय पार्टी, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं. ऐसे में अरविंद केजरीवाल को सरकारी आवास मिलना चाहिए. सरकारी आवास की मांग करते हुए आम आदमी पार्टी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है.

आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि AAP एक राष्ट्रीय पार्टी है, ऐसे में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक को सरकारी आवास मुहैया कराई जानी चाहिए. इसके लिए बाकी राष्ट्रीय पार्टियों के अध्यक्षों का हवाला भी दिया गया है. हालांकि, अब देखना है कि केंद्र सरकार हाई कोर्ट में क्या जवाब देती है.

बीजेपी पर लगाया हमले का आरोप

दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमले की कोशिश का आरोप लगाया है. पार्टी ने आरोप लगाया है कि हमला बीजेपी ने कराया है. पार्टी ने दावा किया है कि पूर्व सीएम पर उस समय हमला किया गया जब वो विकासपुरी में पदयात्रा निकाल रहे थे.

पिछले हफ्ते बीजेपी पर साधा था निशाना

पिछले हफ्ते शनिवार को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें गिरफ्तार करने के पीछे बीजेपी का मकसद आम आदमी पार्टी को तोड़ना था. आजादी के बाद से किसी अन्य राजनीतिक दल को उस तरह के हमले का सामना नहीं करना पड़ा जैसा आम आदमी पार्टी को झेलना पड़ा, लेकिन AAP टूटी नहीं. यह संगठन के कारण है.

स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा: 49 दवाएं मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं, चार दवाएं नकली

केंद्रीय औषधि नियामक प्राधिकरण ने व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाले कैल्शियम सप्लीमेंट शेल्कल 500 और पैन डी समेत चार दवाओं के नमूनों को नकली पाया है. जबकि 49 दवाओं के नमूनों को स्टैण्डर्ड क्वालिटी के अनुरूप नहीं पाया गया है. दवाओं के कुछ बैच जिन्हें ‘क्वालिटी में कमी’ वाली लिस्ट में शामिल किया गया है, वो अल्केम हेल्थ साइंस, अरिस्टो फार्मास्यूटिकल्स, कैमिला फार्मास्यूटिकल्स, इनोवा कैप्टन, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स और इप्का लेबोरेटरीज जैसी कंपनियों के हैं.

दरअसल सितंबर के लिए अपनी मंथली ड्रग अलर्ट रिपोर्ट में 49 दवाओं के नमूनों में पेरासिटामोल, पैन डी, कैल्शियम और विटामिन डी-3 को नकली घोषित किया है. वहीं ऑक्सीटोसिन, मेट्रोनिडाजोल और फ्लुकोनाजोल को ‘क्वालिटी में कमी’ वाली लिस्ट में शामिल किया गया है.

सीडीएससीओ ने की कार्रवाई

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) राजीव सिंह रघुवंशी ने कहा कि कम प्रभाव वाली दवाओं का प्रतिशत कम करने के लिए समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है. उन्होंने कहा कि सीडीएससीओ (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन) द्वारा दवाओं की सतर्क कार्रवाई और निगरानी से कम प्रभाव वाली दवाओं के प्रतिशत में भारी कमी आती है.

तीन हजार नमूनों की जांच

रघुवंशी ने कहा कि टेस्ट किए गए लगभग तीन हजार नमूनों में से 49 दवाओं को वापस लेने के लिए कहा गया क्योंकि वो मानक के अनुरुप नहीं (एनएसक्यू) पाई गईं. कुल नमूनों में से केवल 1.5 प्रतिशत दवाएं कम प्रभावकारी पाई गईं. किसी विशिष्ट बैच की दवा के नमूने के गुणवत्ता मानकों पर खरे न उतरने का मतलब यह नहीं है कि उस नाम से बेची जाने वाली सभी दवाएं घटिया हैं. एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, केवल उस विशिष्ट बैच को मानक गुणवत्ता का नहीं माना जाता है.

दवाओं की क्वालिटी में कमी

केंद्रीय औषधि नियामक प्राधिकरण ने अपनी अगस्त की रिपोर्ट में 50 से अधिक दवाओं के नमूनों को लिस्टेड किया था, जिनमें पेरासिटामोल, पैन डी, कैल्शियम और विटामिन डी 3 और एंटी डायबिटिक ड्रग्स शामिल थीं, जिन्हें ‘क्वालिटी में कमी’ वाली लिस्ट में शामिल किया गया था.

स्मार्टफोन की स्लो चार्जिंग की समस्या का समाधान: जानें क्यों होती है धीमी चार्जिंग और कैसे करें इसे ठीक

Smartphone के आने से बहुत से काम आसान हो गए हैं, कई काम तो फोन के जरिए ही निपट जाते हैं लेकिन मोबाइल फोन तभी काम करता है जब फोन की बैटरी चार्ज हो. बहुत से लोगों की शिकायत होती है कि फोन को चार्ज करने के लिए लगाया लेकिन फोन बहुत ही स्लो चार्ज होता है. क्या आप लोग जानते हैं कि आखिर फोन किस वजह से धीमी स्पीड से चार्ज होने लगता है?

Slow Mobile Charging की दिक्कत किसी को भी हो सकती है, ऐसे में आप लोगों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि आखिर किस कारण से दिक्कत आ रही है और कैसे इस परेशानी को दूर किया जा सकता है?

क्या हो सकते हैं कारण?

चार्जर और केबल: अगर आपके मोबाइल फोन का चार्जर या केबल खराब हो गया है, तो आपको स्लो चार्जिंग की दिक्कत से जूझना पड़ सकता है. यही नहीं अगर डेटा केबल भी खराब है तो भी आपको स्लो चार्जिंग की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. दूसरे केबल या फिर चार्जर से फोन को चार्ज करके चेक करें, अगर दूसरे चार्जर या केबल से फोन तेजी से चार्ज हो रहा है तो इसका मतलब आपके मोबाइल फोन के चार्जर या फिर केबल को बदलने का वक्त आ गया है.

फोन का इस्तेमाल करते हुए चार्ज करना: बहुत से लोग इस तरह की गलती करते हैं कि फोन को चार्ज पर तो लगा देते हैं लेकिन साथ ही साथ फोन को भी चलाते रहते हैं. मोबाइल चार्ज करते वक्त इस तरह की गलती करना बंद करें.

चार्जिंग पोर्ट में गंदगी: चार्जिंग पोर्ट में अगर धूल या फिर गंदगी जमी हुई है तो भी आपका फोन तेजी से चार्ज होने के बजाय स्लो स्पीड में चार्ज होगा. अगर आपको स्लो चार्जिंग की दिक्कत आ रही है तो एक बार ये जरूर चेक कर लें कि कहीं चार्जिंग पोर्ट में गंदगी तो नहीं है. अगर गंदगी नजर आ रही है तो घर के नजदीकी मोबाइल रिपेयरिंग वाले भईया या फिर कंपनी के ऑथोराइज्ड सर्विस सेंटर जाकर इसे क्लीन करवाएं.

बैटरी की समस्या: धीरे-धीरे फोन की क्षमता कम होने लगती है जिस कारण फोन स्लो चार्ज होने लगता है, अगर बैटरी खराब हो चुकी है तो भी आपके फोन में स्लो चार्जिंग की दिक्कत हो सकती है. स्लो चार्जिंग की दिक्कत होने पर फोन की बैटरी को चेंक करवाएं और अगर बैटरी खराब है तो तुरंत बैटरी को चेंज करवाएं.

ओडिशा में दाना तूफान में फंसी बुजुर्ग महिला को ASHA कार्यकर्ता ने बचाया, सोशल मीडिया पर जमकर हो रही है सराहना

चक्रवात दाना का प्रभाव कम हो गया है, लेकिन इससे सबसे ज्यादा प्रभावित ओडिशा हुआ है. इस बीच ओडिशा के केंद्रापाड़ा जिले की ASHA कार्यकर्ता सिबानी मंडल ने चक्रवात दाना के खतरे के बीच एक मिसाल पेश की है. खसमुंडा गांव में सिबानी मंडल ने एक बुजुर्ग महिला को अपनी पीठ पर उठाकर सुरक्षित आश्रय स्थल तक पहुंचाया. सिबानी मंडल ने इस काम की प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो और सोशल मीडिया पर जमकर सराहना हो रही है.

ASHA कार्यकर्ता भारत में स्वास्थ्य सेवाओं का समुदायों तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य करती हैं. इसके अलावा WHO द्वारा इन्हें वैश्विक स्वास्थ्य सेवा में योगदान के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है.

ASHA कार्यकर्ता कौन हैं?

ASHA कार्यकर्ता, यानी Accredited Social Health Activists, ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने का काम करती हैं. ASHA का मतलब हिंदी में “आशा” होता है, जो इनके काम के उद्देश्य को भी दर्शाता है. आशा महिला कार्यकर्ता स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने, मातृ-शिशु स्वास्थ्य देखभाल में मदद करने, टीकाकरण, पोषण और स्वच्छता जैसी सेवाएं समुदायों तक पहुंचाती हैं. 2022 में, ASHA कार्यकर्ताओं को WHO के डायरेक्टर-जनरल के ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया था, जो उनके योगदान को वैश्विक स्तर पर मान्यता देता है. ASHA कार्यकर्ता स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करने, प्राथमिक चिकित्सा देने, प्रसव पूर्व देखभाल, बच्चों के टीकाकरण, और महिला स्वास्थ्य को लेकर महत्वपूर्ण सेवाएं देती हैं.

प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाई जा रही हरसंभव मदद

चक्रवात दाना की वजह से 25 अक्टूबर को ओडिशा के भितरकनिका और धामरा तटों पर लैंडफॉल हुआ. इसके अलावा इलाके में तेज हवाएं (110 किमी/घंटा) और भारी बारिश हुई. जगतसिंहपुर, केंद्रापाड़ा और बालासोर जैसे तटीय जिलों में सड़कों पर पेड़ गिरने से रास्ते बाधित हुए हैं. जानकारी के मुताबिक राहत और बहाली कार्य तेजी से चल रहा है, और एनडीआरएफ की टीमें रास्ते साफ करने में जुटी हैं. मुख्यमंत्री मोहन माझी ने बताया कि अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है और प्रभावित क्षेत्रों में हरसंभव मदद पहुंचाई जा रही है.

दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई: लॉरेंस बिश्नोई गैंग के 7 शूटर्स गिरफ्तार, हथियार भी बरामद

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए सात शूटर्स को गिरफ्तार कर लिया है. स्पेशल सेल की टीम ने सभी शूटर्स को पंजाब और आसपास के राज्यों से गिरफ्तार किया है. पुलिस टीम ने गिरफ्तार किए गए शूटर्स के पास से हथियार भी बरामद किए हैं. ये सभी शूटर्स आरजू गैंग में काम कर रहे थे जो लॉरेंस गैंग का हिस्सा थे. इस गैंग के सभी शूटर्स को अनममोल बिश्नोई ऑपरेट कर रहा था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के खिलाफ पैन इंडिया कार्रवाई कर रही है. फिलहाल गिरफ्तार किए गए शूटर्स से पूछताछ की जा रही है.

पुलिस की टीमें बाबा सिद्दीकी के मर्डर के बाद अलग-अलग राज्यों में लॉरेंस बिश्नोई गैंग में शामिल अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. गैंग से जुड़े लोगों की लगातार तलाश जारी है. पुलिस का मानना है कि आने वाले दिनों में और भी कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं. पुलिस ने बताया कि बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं जीशान अख्तर और शिवा नाम का शूटर अब भी फरार है.

बिश्नोई गैंग के 7 शूटर्स अरेस्ट

लॉरेंस गैंग पर एनआईए ने भी शिकंजा कसा है. लॉरेंस के भाई पर एनआईए ने 10 लाख रुपए का ईनाम घोषित किया है. एनआई द्वारा ईनाम घोषित किए जाने के बाद लॉरेंस के भाई अनमोल की मुश्किलें बढ़ गई हैं. अनमोल बिश्नोई का नाम सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में भी सामने आया था. स्पेशल सेल ने बिश्नोई गैंग के सात शूटर्स को पकड़ा है जोकि हरियाणा और राजस्थान में एक मर्डर करने वाले थे. ये सभी पहले भी मर्डर और जबरन वसूली की कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं. जानकारी के मुताबिक आरजू बिश्नोई गैंग लॉरेंस गैंग से जुड़ा हुआ हैं लेकिन इसे अनमोल बिश्नोई ऑपरेट करता है.

शूटर्स के पास से कई हथियार बरामद

हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली से गैंग के 7 शूटर्स पकड़े गए हैं. इसमें पहली गिरफ्तारी 23 अक्टूबर को हुई जिसमें सुखराम नाम का शख्स कमला नगर से पकड़ा गया था. इसके बाद साहिल और अमोल को अरेस्ट किया गया था रितेश सबसे पहले अरेस्ट हुआ. वहीं बाद में प्रमोद संदीप और बदल की गिरफ्तारी हुई. इनके पास से 6 ऑटोमैटिक पिस्टल और 24 जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं. साथ ही इनके पास से चोरी की कार मोटरसाइकिल और gps ट्रैकर डिवाइस बरामद हुआ है. इस डिवाइस का इस्तेमाल करके टारगेट को ट्रैक करते थे और पीछा कर सुनसान इलाके में वारदात को अंजाम देते थे.

जानकारी के मुताबिक इस गैंग के शूटर्स गंगा नगर में पूर्व एमएलए राजकुमार गर्ग के भांजे सुनील पहलवान को टारगेट कर रहे थे. इनको अभी ये टारगेट मिला था इसके बाद और काम मिलना था. इस गैंग का मुखिया आरजू फरार है. वहीं अनमोल के इशारे पर सभी शूटर्स वारदातों तो अंजाम दे रहे थे.

दिल्ली में शिक्षा क्रांति: सीएम आतिशी ने मटियाला में विश्वस्तरीय स्कूल का किया शिलान्यास

दिल्ली सरकार ने मटियाला विधानसभा के द्वारका सेक्टर-19 में विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस शानदार स्कूल बनाने का ऐलान किया है. शुक्रवार को सीएम आतिशी ने इसका शिलान्यास किया. जानकारी के मुताबिक यह स्कूल 104 कमरे, 6 अत्याधुनिक लैब, लाइब्रेरी, लिफ्ट, शानदार एम्फीथिएटर,बास्केट बॉल कोर्ट, बैडमिंटन कोर्ट से लैस होगा. दिल्ली सरकार ने कहा है कि स्कूल सालभर में बनकर तैयार हो जाएगा. अंबरहई, कुतुब विहार, सरिता विहार, पोचमपुर, भगत सिंह एनक्लेव सहित आसपास के हजारों बच्चों के लिए वर्ल्ड क्लास एजुकेशन हब बनेगा. इस अवसर पर स्थानीय विधायक गुलाब सिंह ‘मटियाला’ और अधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग मौजूद रहे.

सीएम आतिशी ने कहा कि दिल्लीवालों ने अगर केजरीवाल को वोट नहीं दिया तो आगे से उनके बच्चों की शिक्षा पर कोई काम नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली के बच्चों का भविष्य अब दिल्लीवालों के हाथ में है. उन्हें शिक्षा पर काम करने वालों को चुनना है या जात-पात की राजनीति करने वालों को चुनना है.

दिल्ली में पहले स्कूल बदहाल थे

सीएम आतिशी ने कहा कि 2015 तक दिल्ली में सरकारी स्कूल बदहाल थे, स्कूलों में शिक्षक नहीं होते थे, बच्चे टाटपट्टी पर बैठकर पढ़ने को मजबूर थे. 2015 तक दिल्ली में सरकारी स्कूल बदहाल होते थे. ये सरकारी स्कूल टीन-टप्पर में चलते थे. स्कूल के अंदर घुसते ही सबसे पहले टॉयलेट की बदबू आती थी. क्लासरूम की कमी के कारण बच्चे टॉयलेट के बाहर टाट-पट्टी पर बैठकर पढ़ने को मजबूर थे. क्लासरूम में टेबल-कुर्सियां नहीं होती थी, लाइटें-खिड़कियां टूटी होती थी.

2015 के बाद दिल्ली में शिक्षा क्रांति

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने सिर्फ़ कहा नहीं बल्कि एक के बाद एक हर सपने को पूरा करने के लिए कदम भी बढ़ाये. 2015 में दिल्ली देश का पहला ऐसा राज्य बना जिसने शिक्षा के अपने बजट को दोगुना किया. अपने सरकार के कुल बजट का लगभग एक चौथाई हिस्सा शिक्षा पर लगाया. बड़ी संख्या में स्कूलों में बिल्डिंग बनने शुरू हुए, क्लासरूम्स बने.

उन्होंने कहा कि, पिछली सरकारो में जहां सिर्फ़ नेता विदेश दौरों पर जाया करते थे. अरविंद केजरीवाल जी के मार्गदर्शन में दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षकों को दुनिया की सबसे बेहतरीन यूनिवर्सिटी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी , सिंगापुर में शानदार ट्रेनिंग के लिए भेजा गया.