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16 अक्टूबर को होगी साय कैबिनेट की बैठक

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में 16 अक्टूबर को राज्य कैबिनेट बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंडों और राज्य के विकास से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा, इस दौरान आगामी राज्योत्सव और धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा भी किये जाने की संभावना है।

बता दें कि प्रदेश की विष्णुदेव सरकार ने इस साल राज्य में 160 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है और 15 नवंबर से खरीदी शुरू करने का प्रस्ताव है। इन प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लगने की संभावना है। इसके साथ ही प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों द्वारा 4% महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ाने की मांग पर विचार और कुछ विभागों में नए पदों की स्वीकृति के प्रस्ताव भी कैबिनेट के समक्ष रखे जा सकते हैं। कैबिनेट बैठक में विधायकों के यात्रा भत्ते में वृद्धि के प्रस्ताव को भी मंजूरी के लिए पेश किया ज सकता है।

इसके अलावा, पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों को एक साथ कराए जाने पर भी चर्चा हो सकती है। इस संदर्भ में गठित आईएएस ऋचा शर्मा की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, जिसमें दोनों चुनाव एक साथ कराने की अनुशंसा की गई है।

गौरतलब है कि इससे पहले बीते 20 सितंबर को कैबिनेट की बैठक हुई थी, जिसके बाद मंत्रियों की व्यस्तता के कारण इस महीने की शुरुआत में प्रस्तावित बैठक स्थगित हो गई थी।

निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने का मामला गरमाया: डिप्टी सीएम साव बोले– समिति की रिपोर्ट पर जल्द निर्णय लेगी सरकार, पूर्व मंत्री डहरिया ने कहा

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में साय सरकार नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने की तैयारी में जुटी है. इस मामले में अब सियासत तेज हो गई है. डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा, नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ करने के लिए समिति का गठन किया गया था. समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है. सरकार इस रिपोर्ट पर विचार कर जल्द निर्णय लेगी. वहीं पूर्व मंत्री कांग्रेस नेता शिव डहरिया ने भाजपा पर राजनैतिक लाभ लेने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, दोनों चुनाव एक साथ कराना व्यवहारिक नहीं है.

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा, पूरे देश में वन नेशन वन इलेक्शन की चर्चा है. हम प्रयास कर रहे हैं कि धन और समय दोनों बच सके, इसके लिए नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ हो. कमेटी की रिपोर्ट सरकार के पास आ गई है. इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा.

भाजपा पर राजनैतिक लाभ लेने का आरोप

वहीं इस मामले में पूर्व मंत्री शिव कुमार डहरिया ने भाजपा पर राजनैतिक लाभ लेने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिया एक साथ चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है. बीजेपी हर जगह राजनैतिक लाभ लेने की कोशिश करती है. दोनों चुनाव का समय अलग-अलग है. ऐसे में एक साथ कैसे कर सकते हैं, ये व्यवहारिक नहीं है.

सूरजपुर हत्याकांड अपडेट : भीड़ ने SDM पर बोला हमला, अरुण साव ने कहा, लोग कानून न हाथ में न लें, भरोसा रखें, शिव डहरिया का आरोप, कहा-

सूरजपुर-   सूरजपुर कोतवाली थाना क्षेत्र में प्रधान आरक्षक तालिब शेख की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी गई है. डबल मर्डर से इलाके की गुस्साई भीड़ ने आरोपी आदतन बदमाश कुलदीप साहू के घर को आग हवाले कर दिया है. इसके साथ ही उसकी गाड़ी और गोदाम में भी आग लगा दी गई है. वहीं भीड़ को नियंत्रित करने पहुंचे एसडीएम जगन्नाथ वर्मा पर भी भीड़ ने हमला कर दिया और एसडीएम ने भागकर अपनी जान बचाई. इधर इस घटना को लेकर प्रदेश में सियासत गरमा गई है.

भीड़ से जान बचाकर भागते एसडीएम

इस घटना से लोगों में भारी आक्रोश है और आरोपी की गिरफ्तारी न होने से लोग नाराज हैं. इस दौरान गुस्साई भीड़ ने आरोपी के घर और वाहनों में आग लगा दी. वहीं मौके पर पहुंचे एसडीएम जगन्नाथ वर्मा पर भी भीड़ ने हमला किया, लेकिन एक पुलिसकर्मी ने उन्हें बचा लिया. उनके जान बचाकर भागने का वीडियो भी वायरल हो रहा है. वहीं मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है.

लोग कानून न हाथ में न लें- डिप्टी सीएम अरुण साव

इस घटना पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि प्रशासन अपनी कार्रवाई कर रही है. जो भी दोषी पाया जाएगा उन पर कार्रवाई होगी. किसी को भी कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है.

सरकार समाज को लड़ाने में लगी है – शिवकुमार डहरिया

डबल मर्डर पर पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि पहले भी बदमाश उनके घर में घटना कर चुका था. छत्तीसगढ़ में यदि पुलिस सुरक्षित नहीं है. ऐसे कानून व्यवस्था की स्थित क्या है यह सोच सकते हैं. जनता ने जनादेश दिया है तो सरकार को उसका सम्मान करना चाहिए. बहुत से अक्षम लोग बैठे हैं, जो निर्णय लेने में सक्षम नहीं है. कभी सांप्रदायिकता, कभी साहू-सतनामी समाज को लड़ाया जा रहा है.

बता दें कि रविवार को जिलाबदर बदमाश कुलदीप साहू ने गर्म तेल डालकर पुलिसकर्मी को गंभीर रूप से घायल कर दिया था और उसकी तलाश कर रहे पुलिसकर्मियों पर कार चढ़ाने की भी कोशिश किया था. जिसकी तलाश में प्रधान आरक्षक तालिब शेख भी जुटा हुआ था. इस बीच जब देर रात प्रधान आरक्षक तालिब शेख अपने महगंवा स्थित किराए के मकान में पहुंचा तो देखा कि घर खून से सना था. घर से पत्नी और बेटी गायब थी. जिनकी लाश आज घर से करीब 5 किलोमीटर दूर पीढ़ा गांव में खेत के नहर में अर्धनग्न अवस्था में मिली. दोनों की हत्या चाकू मारकर की गई है. एसपी सूरजपुर एमआर अहिरे का कहना है आदतन बदमाश कुलदीप साहू पर हत्या की आशंका है. ऐसे में पुलिस संदेही की तलाश में जुटी हुई है.

सांसद बृजमोहन ने नगर निगम अधिकारियों की ली समीक्षा बैठक, कार्यों को तेज गति से तत्काल पूरा करने के निर्देश दिए

रायपुर-    सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर में विकास कार्यों को गति देने के लिए रविवार को नगर निगम अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में बृजमोहन अग्रवाल ने राजधानी के विकास कार्यों को लेकर दिशा निर्देश दिए।

श्री अग्रवाल ने लाखे नगर से अश्वनी नगर की सड़क के तत्काल निर्माण के आदेश दिए और प्रियदर्शनी नगर में सामुदायिक भवन निर्माण के आदेश दिए साथ यहां विधायक निधि से 19 कार्य स्वीकृत हुए थे लेकिन 7 आज तक अधूरे है जिस पर सांसद ने नाराजगी जताते हुए उन्हें तत्काल पूरा करने और 3 कार्यों को दोबारा सैंक्शन करने के आदेश दिए।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने निगम अधिकारियों को कार्य में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट मांगी और जिन कार्यों की निविदा हो गई है उनका एक हफ्ते में वर्क ऑर्डर जारी करने का आदेश दिया।

श्री अग्रवाल ने बताया कि, रायपुर दक्षिण के 22 वार्डों में अनेकों महत्वपूर्ण प्रस्ताव काफी समय से पेंडिंग हैं जिस कारण स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए यह बैठक ली है जिसमे कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए साथ ही मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण योजना और SUDA के अंतर्गत आने वाले कार्यों की भी योजना बनाने के निर्देश दिए है।

गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित प्रसव के लिए बेहतर सुविधा - स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य सुविधाओं एवं संसाधनों में लगातार इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास सतत रूप से जारी है। इसी कड़ी में बलौदाबाजार में कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। जिला अस्पताल बलौदाबाजार में इस वर्ष जनवरी 2024 से माह सितंबर तक 9 माह में कुल 1816 सफल प्रसव कराए गए हैं। उक्त प्रसव में से 1354 सामान्य प्रसव तथा 462 सिजेरियन शामिल है। सिजेरियन में आकस्मिक और पूर्व नियोजित दोनों ही सम्मिलित हैं।

जिला अस्पताल बलौदाबाजार के सिविल सर्जन डॉक्टर के. के. टेम्भूरने ने बताया कि अस्पताल में तीन स्त्री रोग विशेषज्ञों के साथ कुशल प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ अपनी सेवाएं देते हैं। यहाँ आधुनिक सुविधाओं से युक्त प्रसव कक्ष स्थापित है। प्रसव के बाद नवजात शिशु के देखभाल हेतु विशेष एस.एन.सी.यू. भी स्थापित है। उक्त कुल प्रसव में 161 बच्चों को उक्त एस.एन.सी.यू. में भर्ती कर उनकी विशेष देखभाल भी की गई।

ग्राम खैरा से माह सितंबर में अपनी 23 वर्षीय पत्नी को प्रसव पीड़ा पर जिला अस्पताल लेकर आएं नोहर पटेल ने बताया कि अस्पताल में आने पर उन्हे बताया गया कि फीटल डिस्ट्रेस की स्थिति है जिसमें भ्रुण तक ऑक्सीजन पहुँचने में दिक्कत होती है और बच्चे की धड़कन बढ़ती है। ऐसे में ऑपेरशन के माध्यम से प्रसव हुआ जिसमें मां और बच्चे दोनों ही स्वस्थ हैं। इसी प्रकार प्रोलांग लेबर (देर तक प्रसव पीड़ा) की स्थिति में आये हुए गिरौदपुरी के पास स्थित ग्राम खोसड़ा के रहने वाले महेंद्र पैकरा ने बताया कि 28 वर्षीय उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा काफी देर से हो रही थी जिस कारण जिला अस्पताल लेकर आया तथा यहाँ ऑपेरशन के माध्यम से प्रसव हुआ। अस्पताल में दवाई और अन्य सुविधाएं निःशुल्क प्राप्त हुई। इस प्रकार के ऑपेरशन का निजी अस्पताल में काफी पैसा खर्च होता, जो बच गया।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बलौदाबाजार डॉ. राजेश कुमार अवस्थी के अनुसार जिला अस्पताल एन.क्यू.ए.एस. प्रमाण पत्र धारी संस्था है। यह प्रमाण पत्र उच्च गुणवत्त्तापूर्ण सेवाएँ प्रदान करने के कारण राष्ट्रीय स्तर के मूल्यांकन के बाद प्राप्त हुआ है। अस्पताल में प्रसव की इस सुविधा को लगातार बेहतर से और बेहतर करने का प्रयास जारी है, जिससे आम जनता को इसका लाभ प्राप्त हो सके।

प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की हत्या करने वाले आरोपी के घर में लोगों ने लगाई आग
सूरजपुर- प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या (Double Murder) के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. हत्याकांड से गुस्साई भीड़ ने आरोपी कुलदीप के घर को आग के हवाले कर दिया है. घटनास्थल पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं. वहीं इस घटना के विरोध में व्यापारियों ने शहर बंद कर दिया है. मौके पर पुलिस बल पहुंच गई है और स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास में जुटी हुई है.
 
बता दें कि कोतवाली थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक तालिब शेख सूरजपुर रिंग रोड के पास किराए के मकान में पत्नी मेहू फैज और बेटी आलिया शेख (16 वर्ष) के साथ रह रहे थे. रविवार रात प्रधान आरक्षक पेट्रोलिंग से वापस लौटे तो देखा कि घर खून से सना था. घर से पत्नी और बेटी गायब थी. जिनकी लाश सूरजपुर से करीब 5 किलोमीटर दूर पीढ़ा गांव में खेत के नहर में अर्धनग्न अवस्था में मिली. इस हत्याकांड में जिलाबदर रह चुके बदमाश कुलदीप साहू पर हत्या की आशंका है, क्योंकि रविवार के दिन ही उसने पुलिसकर्मियों पर कार चढ़ाने की कोशिश की और खौलता तेल उड़ेल दिया था.
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व IAS टुटेजा और अनवर ढेबर के खिलाफ कार्यवाही रद्द करने से किया इंकार
रायपुर- छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी अनिल टूटेजा, रायपुर के महापौर के भाई अनवर ढेबर और अन्य दो के खिलाफ उत्तर प्रदेश में चल रही आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने से इंकार कर दिया है। जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया, जिसे टूटेजा और उनके साथियों के लिए एक बड़ी कानूनी शिकस्त के रूप में देखा जा रहा है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस घोटाले से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर मनी लॉन्ड्रिंग मामले को पहले ही खारिज कर दिया था, बावजूद इसके, हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में चल रही आपराधिक कार्यवाही को जारी रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने माना कि मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 50 के तहत दर्ज किए गए गवाहों के बयान, जिन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ साझा किया गया था, जांच और अभियोजन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का वैध आधार हो सकते हैं।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, “यह तर्क स्वीकार नहीं किया जा सकता कि PMLA की धारा 50 के तहत दर्ज किए गए बयान कभी भी आपराधिक जांच के लिए आधार नहीं बन सकते।” कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हालांकि ये बयान अदालत में स्वीकार्य सबूत के तौर पर नहीं माने जा सकते, फिर भी इन्हें जांच की दिशा में उपयोग किया जा सकता है।

दरअसल, इस मामले में अनिल टूटेजा, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी और निरंजन दास पर आरोप है कि उन्होंने 2,200 करोड़ रुपये के शराब सिंडिकेट का संचालन किया, जो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल के दौरान छत्तीसगढ़ में सक्रिय था। इस घोटाले में टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं हुईं, खासकर एक नोएडा स्थित कंपनी से जुड़े मामलों में, जिसने छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग को होलोग्राम्स की आपूर्ति की थी। ये होलोग्राम्स शराब की बोतलों पर लगने वाले आबकारी शुल्क की ट्रैकिंग के लिए अहम थे।

अनिल टूटेजा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने कोर्ट में यह तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईडी की अभियोजन शिकायत को खारिज करने के बाद इस आपराधिक मामले को भी रद्द कर दिया जाना चाहिए। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पीके गिरी ने सफलतापूर्वक यह दलील दी कि उत्तर प्रदेश में दर्ज एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल), और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत संज्ञेय अपराधों को दर्शाती है।

अदालत ने माना कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आरोप गंभीर हैं और जांच को जारी रखने के लिए पर्याप्त आधार हैं। इस फैसले के साथ, सभी आरोपियों, जिनमें अनवर ढेबर भी शामिल हैं, के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी।

प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने उठाए सवाल, कहा-
रायपुर-    सूरजपुर के कोतवाली थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या (Double Murder) कर दी गई है. दोनों की लाश घर से करीब 5 किलोमीटर दूर पीढ़ा गांव में नहर के पास खेत में संदिग्ध हालात में मिली है. इस हत्याकांड के बाद प्रदेश में सियासत भी गरमा गई है. पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़वासी बहुत ही कष्ट के साथ प्रदेश को एक ‘भयावह अपराध प्रदेश’ में तब्दील होते हुए देख रहे हैं. प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या ने एक बार फिर सरकार और कानून-व्यवस्था की निष्क्रियता को उजागर किया है.

इस हत्या को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है. उन्होंने पोस्ट में लिखा, सभी छत्तीसगढ़ वासी बहुत ही कष्ट के साथ प्रदेश को एक ‘भयावह अपराध प्रदेश’ में तब्दील होते हुए देख रहे हैं. अपराधी निर्भीक हैं जैसे उन्हें या तो प्रशासन का डर नहीं, या उसके समर्थन पर पूरा भरोसा है.

सूरजपुर में प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या ने एक बार फिर सरकार और कानून-व्यवस्था की निष्क्रियता को उजागर किया है. जब एक पुलिसकर्मी के परिवार को इस तरह के खतरे में है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या हाल होगा? सरकार की सुरक्षा व्यवस्था में चूक ने हमारे समाज को एक डरावने भविष्य में धकेल दिया है. दुर्दांत अपराधी निर्मम हत्याएं जैसे भयंकर से भयंकर अपराध कर किस प्रकार फरार हो जा रहे हैं – क्यों पुलिस प्रशासन को इतना कमज़ोर कर दिया गया है कि वो स्वयं खतरे में हैं? क्यों लगातार हो रहे अपराध और समाज में फैलते भय के बाद भी सरकार में सुधार की कोई योजना नहीं है? भाजपा सरकार जवाब दे कि आखिर कब तक प्रदेश को ऐसी बर्बरता और अराजकता को सहन करना पड़ेगा? याद रहे हमारे सुरक्षा बल और उनके परिवार भी छत्तीसगढ़ परिवार का हिस्सा हैं- उनके विरुद्ध ऐसे अन्याय और अपराध नाकाबिले बर्दाश्त हैं. अब और खामोशी नहीं!.

प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की हत्या, एसपी सहित आलाधिकारी पहुंचे मौके पर …
सूरजपुर-   छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां सूरजपुर कोतवाली थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या (Double Murder) कर दी गई है. दोनों की लाश घर से करीब 5 किलोमीटर दूर पीढ़ा गांव में नहर के पास खेत में संदिग्ध हालात में मिली है. इस घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. यह मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है.

घटना की सूचना मिलते ही सूरजपुर के पुलिस अधीक्षक समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है. फिलहाल, पुलिस टीम आरोपी की सरगर्मी से तलाश में जुटी हुई है.

मिली जानकारी के अनुसार, कोतवाली थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक तालिब शेख सूरजपुर रिंग रोड के पास किराए के मकान में पत्नी मेहू फैज और बेटी आलिया शेख (16 वर्ष) के साथ रह रहे थे. रविवार रात प्रधान आरक्षक पेट्रोलिंग से वापस लौटे तो देखा कि घर खून से सना था. घर से पत्नी और बेटी गायब थी. जिनकी लाश आज सुबह सूरजपुर से करीब 5 किलोमीटर दूर पीढ़ा गांव में खेत के नहर में अर्धनग्न मिली. इस हत्याकांड में जिलाबदर रह चुके बदमाश कुलदीप साहू पर हत्या की आशंका है, क्योंकि रविवार के दिन ही उसने पुलिसकर्मियों पर कार चढ़ाने की कोशिश की और खौलता तेल उड़ेल दिया था.

पुलिसकर्मी के साथ कुलदीप का हुआ था विवाद

मामले में जानकारी देते हुए एडिशनल एसपी संतोष कुमार महतो ने बताया कि रविवार को सूरजपुर के चौपाटी में एक पुलिसकर्मी से कुलदीप साहू ने बहस किया. यह कह कर की तुम्हारी पुलिस मेरे जीना हराम कर रखी है. जिसपर आरक्षक ने कहा मैं तो एक आरक्षक हूं, वरिष्ठ अधिकारी जो कर रहे होंगे मुझे क्या पता तो उसने होटल से खौलते हुए कड़ाई भरी तेल फेंक दिया. इसमें आरक्षक पूरी तरह से जल गया. इसके बाद उसे इलाज के लिए अंबिकापुर रेफर किया गया. मामले की जानकारी के बाद कुलदीप के खिलाफ अपराध दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की गई. इस दौरान अंधेरे में वह एक कर में बैठा हुआ था इस दौरान उसने पैदल खोजबीन कर रहे पुलिस वालों पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया.

इसी बीच शहर से बाहर स्थित प्रधान आरक्षक के तालिब शेख घर जा पहुंचा तभी तालिब शेख की पत्नी ने अपने पति को कॉल किया. लेकिन बात नहीं हो पाई. उसके बाद तालिब शेख ने भी अपनी पत्नी से कांटेक्ट करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई. जिसके बाद प्रधान आरक्षक को अंदेशा हुआ और घर पहुंचा. जहां प्रधान आरक्षक शेख ने देखा कि घर में फूल फैला हुआ था, बीवी और बच्ची घर पर नहीं थे. इसके बाद दोनों की तलाश चलती रही. वहीं घर के बाहर चाकू मिला और काफी सरगर्मी से तलाश शुरू की गई तो पत्नी और बेटी की लाश शहर के करीब 5 किलोमीटर दूर मिली.

कुलदीप लगातार कार्रवाई था से नाराज

हत्या की वारदात के बाद खबर यह भी सामने आई है कि कुलदीप कोतवाली पुलिस की लगातार कार्रवाई से नाराज था. ऐसे में कुलदीप के भाई संदीप ने एक व्यक्ति को छत से धक्का दे दिया था. मामले की शिकायत पर जब पुलिस ने संदीप को गिरफ्तार किया तो उसके भाई कुलदीप ने बहुत हुज्जत की थी. विवाद तब और गहराया जब जिला बदर हो चुके कुलदीप के चाचा के खिलाफ जिला बदर की अवहेलना के मामले में कार्रवाई की गई. बताया जा रहा है कि पुलिस की लगातार कार्रवाई से कुलदीप बौखलाया हुआ था.

सर्वसम्मति से छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष चुने गए सलीम राज

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्ताव लाया गया. इसके बाद सलीम राज को सर्वसम्मति से छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष चुने गए. छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ग़ुलाम मिन्हाजुद्दीन के खिलाफ कांग्रेस सरकार के समय नियुक्त वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य इमरान मेमन, पूर्व विधायक खुज्जी, फ़िरोज़ ख़ान, फैसल रिज़वी और भाजपा सरकार में नियुक्त सदस्य सलीम राज ने वर्तमान राज्य शासन के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. अविश्वास प्रस्ताव के लिए दशरथ लाल साहू पिछड़ा वर्ग और अल्प संख्यक विकास विभाग पीठासीन अधिकारी नियुक्त किए गए थे.

पीठासीन अधिकारी दशरथ लाल साहू ने इस प्रस्ताव के संबंध में वक़्फ़ बोर्ड के सभी सदस्यों को 26/09 /2024 की तारीख़ वाली नोटिस जारी की थी। अविश्वास प्रस्ताव की कारवाई के लिए दिनांक 14/10/2024 को दिन के साढ़े दस बजे वक़्फ़ बोर्ड कार्यालय में हाजिर होने की जानकारी दी गई थी। वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य रियाज़ हुसैन ने इस नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। उनके द्वारा धारा 20क के तहत लाए गए अविशवास प्रस्ताव के संबंध में 20 क (घ)के परंतुक के तहत यह प्रावधान है :- ऐसी बैठक की सूचना कम से कम (एटलीस्ट) 15 दिन पहले दी जाएगी। अविश्वास प्रस्ताव की बैठक नोटिस तामिली दिनांक के 15 दिन के भीतर की जा रही जो धारा 20 क (घ) के (मेंडेटरी)अनिवार्य आदेशात्मक प्रावधान का उल्लंघन है बताया है.

इस आदेश की कोई प्रति की तमीली रियाज हुसैन ने नहीं होना बताया, जबकि अविश्वास प्रस्ताव के लिए पीठासीन अधिकारी उसी विभाग का नहीं होना चाहिए। वक़्फ़ एक्ट में स्पष्ट लिखा है कि इस नोटिस के तामील होने के बाद भी कम से कम 15 दिन बाद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होने के लिए बैठक बुलाई जा सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। रियाज ने अपने अविश्वास प्रस्ताव के लिए नियुक्त नए पीठासीन अधिकारी मार्टिन लकड़ा को आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा के कार्यालय में दिनांक 09/10/2024 को एक तीन पेज की कई बिंदुओं वाली आपत्ति प्रस्तुत की, जिसमें बोर्ड के तीन सदस्य इमरान मेमन, फ़िरोज़ ख़ान और फैज़ल रिज़वी के वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य के रूप में अधिवक्ता अज़ीमुद्दीन के द्वारा चुनौती देने की जानकारी याचिका पर 14/10/2024 से प्रारंभ होने वाले सप्ताह में लिस्ट होना है।

अधिवक्ता अज़ीमुद्दीन की रिट याचिका 1947/2023 सिविल में पारित अंतरिम आदेश दिनांक 27/04/2023 की प्रति भी लगाई है, जिसमें आदेशित किया गया है कि याचिका के लंबित रहने के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य वक़्फ़ बोर्ड द्वारा लिए गए सभी निर्णय उपरोक्त याचिका में पारित होने वाले अंतिम आदेश के अधीन रहेंगे। आपत्तिकर्ता रियाज हुसैन छत्तीसगढ़ वक़्फ़ बोर्ड द्वारा अपनी आपत्ति में उच्च न्यायालय का हवाला देकर अविश्वास प्रस्ताव की कारवाई को आगे बढ़ाना आदेश की अवमानना बताया है। उक्त आपत्तियों के बावजूद देखने वाली बात है कि पीठासीन अधिकारी मार्टिन लकड़ा अवर सचिव पशुधन विभाग छत्तीसगढ़ शासन क्या निर्णय इन आपत्तियों का करते हैं।