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किसी के साथ भी नहीं होने देंगे अन्याय : सीएम योगी
त्वरित व संतुष्टिपरक हो लोगों की समस्याओं का समाधान : मुख्यमंत्री

बख्शे न जाएं जबरन जमीन कब्जाने वाले

जनता दर्शन में सीएम योगी ने सुनीं 300 लोगों की समस्याएं, निस्तारण के लिए अफसरों को दिए निर्देश

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर प्रवास के दौरान शुक्रवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में करीब 300 लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया कि लोगों की समस्याओं का निस्तारण उनकी सरकार की विशेष प्राथमिकता है, इसलिए पीड़ितों की समस्याओं को गंभीरता और संवेदनशीलता से लेते हुए उनका समाधान त्वरित और संतुष्टिपरक तरीके से कराना सुनिश्चित कराएं।

उन्होंने अधिकारियों को दो टूक में यह भी हिदायत दी कि किसी की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले भूमाफिया और कमजोरों को उजाड़ने वाले दबंग किसी भी दशा में बख्शे न जाएं। उनके खिलाफ कठोर से कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। सरकार का संकल्प है कि किसी के भी साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

जनता दर्शन के दौरान शुक्रवार सुबह गोरखनाथ मंदिर परिसर में महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार के बाहर कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक मुख्यमंत्री खुद गए और एक-एक कर उनकी समस्याओं को सुना। सबको आश्वस्त किया कि किसी को भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, सबकी समस्या का समाधान हरहाल में किया जाएगा।

जनता दर्शन में कुछ महिलाएं जमीन से जुड़े विवादों में  प्रार्थना पत्र लेकर पहुंची थीं। कुछ की शिकायत थी कि दबंग उनकी जमीनों पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। इन शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जमीन कब्जाने में पेशेवर प्रवृत्ति वालों को भू माफिया के रूप में चिन्हित कर सख्ती की जाए।

किसी भी गरीब की जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करें जो नजीर बने। जमीनी विवादों का समाधान तत्परतापूर्वक इस तरह होना चाहिए जिससे पीड़ित व्यक्ति संतुष्ट दिखे। प्रार्थना पत्रों को उन्होंने अधिकारियों को हस्तगत करते हुए निर्देश दिया कि हर समस्या का निस्तारण त्वरित, गुणवत्तापूर्ण और संतुष्टिप्रद होना चाहिए।

पारिवारिक रिश्तों को लेकर विवाद संबंधी शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा कि सबसे पहले इसमें सभी पक्षों को एकसाथ बैठाकर संवाद करने की जरूरत है।

जनता दर्शन में गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लेकर पहुंचे लोगों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वस्त किया कि पैसे की तंगी से किसी का भी इलाज नहीं रुकने दिया जाएगा। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया कि संबंधित मरीज के इलाज संबंधी इस्टीमेट की प्रक्रिया को पूर्ण कर इसे जल्द से जल्द शासन को उपलब्ध कराया जाए। इस्टीमेट मिलते ही इलाज के लिए धन अवमुक्त हो जाएगा।

समूचे राष्ट्र के सनातनियों की आस्था के ज्योति पुंज हैं: ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ

राष्ट्र संत के रूप में युगों तक याद रहेंगे सामाजिक समरसता के अग्रदूत और  मंदिर आंदोलन के नायक


गोरखपुर। सामाजिक समरसता को ही आजीवन ध्येय मानने वाले श्रीराम मंदिर आंदोलन के नायक ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ का अहर्निश स्मरण एक ऐसे संत के रूप में होता है जिनमें समूचे राष्ट्र के सनातनियों की आस्था है। नाथपंथ की लोक कल्याण की परंपरा को धर्म के साथ राजनीति से भी संबद्ध कर महंत जी ने पांच बार मानीराम विधानसभा और चार बार गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी किया।  श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए हुए आंदोलन को निर्णायक पड़ाव देने के लिए इस राष्ट्रसंत को निश्चित ही युगों-युगों तक याद किया जाएगा। उनकी पुण्य स्मृति में आश्विन कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि (21 सितंबर, शनिवार) को गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन होगा। इसमें देशभर के प्रतिष्ठित साधु-संत और धर्माचार्य भी सहभागिता करेंगे।

18 मई 1919 को गढ़वाल (उत्तराखंड) के ग्राम कांडी में जन्में महंत अवेद्यनाथ का बचपन से ही धर्म, अध्यात्म के प्रति गहरा झुकाव था। उनके इस जुड़ाव को विस्तृत आयाम नाथपंथ के विश्वविख्यात गोरक्षपीठ में महंत दिग्विजयनाथ के सानिध्य में मिला।

गोरक्षपीठ में उनकी विधिवत दीक्षा 8 फरवरी 1942 को हुई और वर्ष 1969 में महंत दिग्विजयनाथ की आश्विन तृतीया को चिर समाधि के बाद 29 सितंबर को वह गोरखनाथ मंदिर के महंत व पीठाधीश्वर बने। योग व दर्शन के मर्मज्ञ पीठाधीश्वर के रूप में उन्होंने अपने गुरुदेव के लोक कल्याणकारी व सामाजिक समरसता के आदर्शों का फलक और विस्तारित किया। यह सिलसिला 2014 में आश्विन कृष्ण चतुर्थी को उनके चिर समाधिस्थ होने तक अनवरत जारी रहा।

*अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण को बना लिया जीवन का मिशन*

अयोध्या में प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों का योगदान स्वर्णाक्षरों में अंकित है। महंत दिग्विजयनाथ ने अपने जीवनकाल में मंदिर आंदोलन में क्रांतिकारी नवसंचार किया तो उनके बाद इसकी कमान संभाली महंत अवेद्यनाथ ने। नब्बे के दशक में उनके ही नेतृत्व में श्रीराम मंदिर आंदोलन को समग्र, व्यापक और निर्णायक मोड़ मिला।

आंदोलन की ज्वाला गांव-गांव तक प्रज्वलित हुई। मंदिर आंदोलन में यह महंत जी का ही अविस्मरणीय योगदान था कि उन्होंने धर्माचार्यों के बीच अपने-अपने मत-श्रेष्ठतावाद का खंडन कर भारत के लगभग सभी शैव-वैष्णव आदि धर्माचार्यों को एक मंच पर खड़ा कर दिया। परिणामतः जब श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ-समिति का गठन हुआ तो 21 जुलाई, 1984 को अयोध्या के वाल्मीकि भवन में सर्वसम्मति से महंत अवेद्यनाथ जी को अध्यक्ष चुना गया। तब से आजीवन श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के अध्यक्ष रहे और उनके नेतृत्व में भारत में ऐसे जनांदोलन का उदय हुआ जिसने भारत में सामाजिक-राजनीतिक क्रान्ति का सूत्रपात किया।

महंत अवेद्यनाथ जी ने श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के आजीवन अध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि निर्माण उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष के रूप में आंदोलन में संतो, राजनीतिज्ञों और आमजन को एकसूत्र में पिरोया। यह भी सुखद संयोग है कि पांच सदी के इंतजार के बाद अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण का मार्ग उनके शिष्य, वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज्य शासन में पूर्णता को प्राप्त हो रहा है। श्रीराम मंदिर का निर्माण महंत अवेद्यनाथ जी के जीवन का वह मिशन रहा जो उनके सुयोग्य उत्तराधिकारी की देखरेख में जारी है।

*सामाजिक समरसता को समर्पित धर्माचार्य*

महंत अवेद्यनाथ वास्तविक अर्थों में धर्माचार्य थे। धर्म के मूल मर्म सामाजिक समरसता को उन्होंने अपने जीवनपथ का उद्देश्य बनाया। आजीवन उन्होंने हिन्दू समाज से छुआछूत और ऊंच-नीच के भेदभाव को समाप्त करने के लिए वृहद अभियान चलाया।

अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बरहपंथ योगी महासभा के अध्यक्ष के रूप में महंतजी ने देशभर के संतों को भी अपने इसी अभियान से जोड़ा। अपने स्पष्ट विचारों के चलते पूरे देश के संत समाज में अति सम्माननीय रहे महंत अवेद्यनाथ दक्षिण भारत के मीनाक्षीपुरम में दलित समाज के सामूहिक धर्मांतरण की घटना से बहुत दुखी हुए। इस तरह की पुनरावृत्ति उत्तर भारत में न हो, इसी कारण से धर्म के साथ उन्होंने राजनीति की भी राह चुनी। उनका ध्येय हिन्दू समाज की कुरीतियों को दूर कर पूरे समाज को एकजुट करना था। इसे लेकर उन्होंने दलित बस्तियों में सहभोज अभियान शुरू किया जहां जातिगत विभेद से परे सभी लोग एक पंगत में भोजन करते।

काशी में डोमराजा के घर संतों और साधु समाज के साथ भोजन कर महंतजी ने सामाजिक समरसता का देशव्यापी संदेश दिया। सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने दलित कामेश्वर चौपाल के हाथों राम मंदिर के भूमिपूजन की पहली शिला रखवाई। समाजिक समरसता को सुदृढ़ करने के लिए दलितों, वंचितों के घर सहभोज का आयोजन तो उनके जीवनकाल में स्वस्थ रहने तक जारी रहा। सामाजिक एकता के लिए वह सदैव स्पष्टवादी रहे। उन्होंने इस प्रश्न पर धर्माचार्यों, संत-महात्माओं, राजनीतिज्ञों, किसी को भी क्षमा नहीं किया, यदि वे हिंदू समाज की एकता के विरुद्ध अथवा अस्पृश्यता के पक्ष में खड़े हुए।

*उद्धरणों से समझाते थे सामाजिक एकता की ताकत*

नाथपंथ, गोरक्षपीठ के अध्येता और महंत अवेद्यनाथ के जीवन के शोधार्थी डॉ. प्रदीप कुमार राव बताते हैं कि महंत अवेद्यनाथ सामाजिक समरसता को मजबूत करने के लिए प्रभु श्रीराम और देवी दुर्गा के उद्धरणों से संदेश देते थे। ऐसे संदेश उनकी दिनचर्या में शामिल थे।

महंतश्री लोगों को व्यावहारिक रूप में समझाते थे कि प्रभु श्रीराम ने शबरी के जूठे बेर खाए, निषादराज को गले लगाया, गिद्धराज जटायु का अंतिम संस्कार अपने हाथों किया, वनवास के दौरान वनवासियों से मित्रता की तो इसके पीछे उनकी सोच समरस समाज की स्थापना ही थी। वह बताते थे कि देवी दुर्गा की आठ भुजाएं समाज के चारों वर्णों से दो-दो भुजाओं की प्रतीक हैं। समाज के ये चारों वर्ण एकजुट हो जाएंगे तो वह भी देवी दुर्गा की भांति इतने सशक्त होंगे कि किसी भी शक्तिशाली पर नियंत्रण पा लेंगे। ठीक वैसे ही जैसे अष्टभुजी देवी दुर्गा सबसे तेज तर्रार और शक्तिशाली जीव शेर पर सवारी करती हैं।

*गुरु के बीजारोपित शिक्षा परिषद को बनाया वटवृक्ष*

शिक्षा के क्षेत्र में भी महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने अपने वरेण्य गुरुदेव महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज के सपनों को साकार किया। उन्होंने अपनी निष्ठा, सुदीर्घकालीन तपस्या और अनुभव की पूंजी से उत्तरोत्तर समृद्ध और समुन्नत करते हुए पूज्य गुरुदेव द्वारा बीजारोपित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद को वटवृक्ष जैसा वृहत्तर स्वरूप प्रदान किया। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अंतर्गत आज चार तीन दर्जन से अधिकन प्राथमिक से लेकर उच्च स्तर तक के शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान, चिकित्सा संस्थान तथा सेवा संस्थान संचालित हो रहे हैं। प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक के पारंपरिक शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ तकनीकी एवं स्वास्थ्य शिक्षा के संस्थानों में हजारों विद्यार्थी रोजगारपरक पुस्तकीय पाठ्यक्रमों के साथ-साथ भारतीयता तथा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ रहे हैं।

*राजनीतिक क्षेत्र में भी बनाया रिकार्ड*
महंत अवेद्यनाथ के नाम राजनीति के क्षेत्र में भी अनूठा रिकार्ड है। उन्होंने पांच बार (1962, 1967, 1969, 1974 व 1977) मानीराम विधानसभा सीट और चार बार (1970, 1989,1991 व 1996) गोरखपुर सदर संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व किया था। वह अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के उपाध्यक्ष व महासचिव के रूप में भी प्रतिष्ठित रहे। महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने सदैव राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, भारतीय संस्कृति की पुनर्प्रतिष्ठा, शैक्षिक पुनर्जागरण तथा हिंदू समाज की रक्षा में अपनी राजनीतिक भूमिका निर्धारित की।

प्रोफेसर अफरोज व मुफ्ती अब्दुल हकीम सब्जपोश अवॉर्ड से सम्मानित


गोरखपुर। सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार के मैदान में मोहसिन-ए-आज़म कांफ्रेंस हुई। मशहूर धर्मगुरु, शिक्षक व लेखक प्रोफेसर मोहम्मद अफरोज कादरी, वरिष्ठ मुफ्ती व लेखक अब्दुल हकीम नूरी व महराजगंज की संस्था तंजीमुल मकातिब व मदारिस को दीनी शिक्षा में अहम योगदान देने के लिए ’सब्जपोश अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। सम्मानित जनों को फूल, सम्मान पत्र व शील्ड पेश किया गया।  मकतब इस्लामियात जाफरा बाज़ार के बच्चों को कांफ्रेंस में विशेष प्रदर्शन करने पर ईनाम दिया गया। संयोजक हाफिज रहमत अली निजामी ने सभी मेहमानों का इस्तकबाल किया।

मुख्य वक्ता प्रोफेसर मो. अफरोज कादरी ने कहा कि अल्लाह व रसूल की मुहब्बत ज़िंदगी है और नफ़रत मौत। नफ़रत समाज को तोड़ती है और अल्लाह व रसूल की मुहब्बत सभ्य समाज का निर्माण करती है। नफरत आग लगाती है अल्लाह व रसूल की मुहब्बत उस आग को बुझाने का काम करती है। इस्लाम धर्म का संदेश मुहब्बत है। फैसला आपको करना है कि आप इस्लाम धर्म के साथ हैं या नहीं। आज के माहौल में पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शिक्षाओं पर अमल करके हम न सिर्फ अपने प्यारे देश बल्कि पूरे संसार में शांति स्थापित कर सकते हैं।

अध्यक्षता करते हुए मुफ्ती अब्दुल हकीम नूरी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम व पैग़बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शिक्षाओं पर पूरी संजीदगी व जिम्मेदारी के साथ हम सभी अमल करें। अगर हम इस पर अमल नहीं करते तो हमारा मुहब्बत का दावा कमजोर है। हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम तालीम हासिल करने पर खूब जोर दें। आपसी रिश्तों को मजबूत करें। मां-बाप, रिश्तेदार, भाई बहन, पड़ोसी के हक़ अदा करें। साफ सफाई का ध्यान रखें।

कुरआन-ए-पाक की तिलावत कारी शरफुद्दीन मिस्बाही ने की। नात-ए-पाक कासिद रजा इस्माईली, कैसर रज़ा, मौलाना महमूद रज़ा ने पेश की। अंत में सलातो सलाम पढ़ कर दुआ मांगी गई। कांफ्रेंस में मुफ्ती अख़्तर हुसैन, मुफ्ती मो. अज़हर, मुफ्ती मेराज अहमद, कारी मो. अनस, हाफिज अशरफ रज़ा, सैयद जव्वाद सब्जपोश, कारी मो. अजीमुद्दीन, मौलाना रमज़ान अली अमजदी, मौलाना दानिश रज़ा, आरिफ  सामानी, तारिक सामानी, हाफिज सद्दाम हुसैन, मौलाना मकसूद, हाफिज आमिर हुसैन, इरफ़ान अहमद, एहसान, अफसर अली, आसिफ अहमद, युसूफ, हाजी  रफीउल्लाह, मो. जैद, मो. शहनवाज आलम, मो. यूसुफ, मो. आकिब आदि ने शिरकत की।

हाईकोर्ट के आदेश पर कार्यमुक्त हुए इंटरकॉलेज के प्राचार्य,फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्ति का आरोप
खजनी गोरखपुर।एरिया के आदर्श इंटरकॉलेज हरदीचक में प्राचार्य के पद पर कार्यरत रहे अरूणेश कुमार सिंह को हाईकोर्ट के आदेश पर जिला विद्यालय निरीक्षक डाक्टर अमरकांत सिंह कार्यालय द्वारा निर्गत आदेश पत्र संख्या 6/6204 -12 वर्ष 2024-25 दिनांक 10 सितंबर 2024 के आधार पर प्रबंधक सत्यप्रकाश सिंह द्वारा कार्यमुक्त कर दिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार प्राचार्य अरूणेश कुमार सिंह पर साजिश के तहत पूर्णतया कूटरचित फर्जी प्रपत्रों से नौकरी प्राप्त करने, विभागीय अधिकारियों को गुमराह करने, दायित्वों और कार्यों का निर्वहन करने में अक्षम होने, उच्चाधिकारियों को आरोपित कर उन्हें ब्लैक मेल करके अवैधानिक कार्यों को संपन्न करने,सी.टी.ग्रेड में नियुक्ति माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 की धारा-16(छ:) व माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 18 के प्राविधानों अनुसार धारा 33(क) से सी.टी. ग्रेड में विनियमित नहीं होने, एल.टी.ग्रेड में अनर्ह होने के आरोप में हाईकोर्ट इलाहाबाद  के द्वारा आदेश प्राप्त होने के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देश पर काॅलेज मैनेजमेंट की बैठक में सामुहिक निर्णय के बाद कार्यमुक्त कर दिया गया है।

डीआईओएस कार्यालय गोरखपुर के द्वारा इसकी सूचना रजिस्ट्रार हाईकोर्ट इलाहाबाद, माध्यमिक शिक्षा निदेशक प्रयागराज/लखनऊ। उप सचिव उ.प्र.माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज,अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक उ.प्र. शिक्षा निदेशक प्रयागराज, संयुक्त शिक्षा निदेशक सप्तम मंडल गोरखपुर, वित्त एवं लेखाधिकारी माध्यमिक शिक्षा डीआईओएस कार्यालय गोरखपुर, प्रबंधक आदर्श इंटरकॉलेज हरदीचक गोरखपुर और अरूणेश सिंह को भेज दी गई है।

उक्त मामले में कार्यमुक्त हुए प्राचार्य अरूणेश कुमार सिंह ने बताया कि सभी आरोप निराधार हैं, मैं विगत 20 वर्षों से विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत रहा प्रबंधकीय साजिश का शिकार हुआ हूं।
वहीं प्रबंधक सत्यप्रकाश सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट इलाहाबाद तथा डीआईओएस के आदेश पर प्राचार्य को कार्यमुक्त किया गया है।
गोरखनाथ मंदिर में आईं पुंगनूर गाय, सीएम योगी ने खूब दुलारा,देश की अति दुर्लभ नस्ल की गाय है पुंगनूर, और समृद्ध हुआ गोरक्षपीठ का गोवंश संसार


गोरखपुर। गोसेवा के लिए देशभर में प्रसिद्ध गोरक्षपीठ में गोवंश का संसार अब और भी समृद्ध हो गया है। देश में अति दुर्लभ नस्ल में सम्मिलित आंध्र प्रदेश की पुंगनूर गाय को भी गोरखनाथ मंदिर की गोशाला में लाया गया है। बरबस ही सबका ध्यान आकर्षित करने वाली पुंगनूर नस्ल के गोवंश जोड़ी (बछिया और बछड़ा) के मंदिर की गोशाला में आने पर शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने खूब दुलारा और उन्हें अपने हाथों से गुड खिलाया।

गुरुवार को दोपहर बाद गोरखपुर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शुक्रवार सुबह की दिनचर्या परंपरागत रही। उन्होंने प्रातःकाल गोरखनाथ मंदिर में गुरु गोरखनाथ का दर्शन-पूजन किया और अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि स्थल पर जाकर मत्था टेका। वह जब भी गोरखनाथ मंदिर में होते हैं तो गोसेवा उनकी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा रहती है। पर, शुक्रवार का दिन गोसेवा के दृष्टिकोण से विशेष था। कारण, मंदिर की गोशाला में आंध्र प्रदेश के पुंगनूर नस्ल की देसी गोवंश की एक नन्ही जोड़ी (बछिया-बछड़ा) का भी यहां आगमन हो चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुंगनूर नस्ल की इस जोड़ी को खूब दुलार किया। दोनों के माथे पर हाथ फेरते हुए, गर्दन सहलाते हुए उन्होंने यह कहकर स्नेह दिया, ‘अरे रे रे, तुम्हें माई की याद आ रही है ना!’ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ देर तक उन्हें भावुक होकर दुलारते रहे और फिर अपने हाथों से उन्हें खुद खिलाया।

इसके अतिरिक्त उन्होंने मंदिर की गोशाला में अन्य गोवंश के साथ भी समय व्यतीत किया। गोशाला में सीएम योगी ने चारों तरफ भ्रमण करते हुए श्यामा, गौरी, गंगा, भोला आदि नामों से गोवंश को पुकारा। उनकी आवाज इन गोवंश के लिए जानी पहचानी है। प्यार भरी पुकार सुनते ही कई गोवंश दौड़ते-मचलते हुए उनके पास आ गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी के माथे पर हाथ फेरा, उन्हें खूब दुलारा और अपने हाथों से उन्हें गुड़ खिलाया। मुख्यमंत्री ने गोशाला के कार्यकर्ताओं से सभी गोवंश के स्वास्थ्य व पोषण की जानकारी ली और देखभाल के लिए जरूरी निर्देश दिए।

उनवल राज घराने के कर्मचारी की साइकिल चोरी

खजनी गोरखपुर।कस्बा संग्रामपुर उनवल नगर पंचायत में स्थित नई बाजार में उनवल राज घराने में काम करने वाले कस्बे के वार्ड संख्या 7 के निवासी स्वर्गीय रामकृपाल साहनी के पुत्र बृजेश साहनी की साइकिल को अज्ञात चोरों ने उड़ा दिया।

पीड़ित ने उनवल चौकी पर प्रार्थनापत्र देकर नामजद शिकायत दर्ज कराते हुए बताया है कि नई बाजार में स्थित नीम के पेड़ के नीचे साइकिल खड़ी करके काम करने गया था, सीसीटीवी फुटेज में साइकिल ले कर जाते हुए आरोपित नजर आ रहा है।

बता दें कि पुर्व में भी नगर पंचायत के सफाईकर्मी हरेंद्र की साईकिल चोरी हुई थी तथा वॉर्ड संख्या-1 के निवासी वीरेंद्र भारती की साईकिल भी चोरी हो गई थी जिसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस प्रकार की छोटी मोटी चोरियों की लंबी फेहरिस्त है जिससे स्थानीय नगरवासी लंबे समय से परेशान हैं।

जिनमें कई लोग अपनी शिकायतें भी दर्ज नहीं कराते स्थानीय लोगों ने बताया कि नशे की लत के शिकार नगर क्षेत्र के चोरों के द्वारा आए दिन लगातार इसी तरह से चोरियां की जा रही हैं।इन छुटभैया चोरों में स्थानीय पुलिस का रत्तीभर भी खौफ नहीं है। लोगों ने कहा कि इसी तरह से चलता रहा तो यही चोर आगे चलकर किसी बड़ी वारदात को भी अंजाम दे सकते हैं।

जीरो वेस्ट इवेंट के तहत नगर प्रशासन ने सफाई कर्मीयों को किया सम्मानित

गोला गोरखपुर। प्रधानमंत्री मोदी जी के जन्मदिन पर सेवा संकल्प पखवाड़ा अभियान के तहत नगर पंचायत गोला प्रशासन व सभासद सहित सभी कर्मचारीयों ने एक पेड़ मां के नाम पर किया पौधरोपण व साथ ही नगर प्रशासन ने नगर कर्मचारियों को किया सम्मानित।नगर पंचायत गोला की चेयरमैन लालती देवी व अधिशासी अधिकारी संजय तिवारी के नेतृत्व में नगर कर्मचारियों व सभासद गणों ने प्रधान मंत्री मोदी के जन्मदिन को सेवा संकल्प पखवारा अभियान के तहत मनाते हुए नगर में जीरो वेस्ट इवेंट कार्यक्रम में हर घर से कूड़ा कलेक्शन करने वाले सभी कर्मचारियों को सम्मानित किया।

साथ ही नगर स्थित वार्ड नंबर 17 स्थित राम लीला मैदान एक पेड़ मां के नाम पर पौध रोपण कर नगर सहीत क्षेत्र वासियों से अपने घरों के अगल बगल एक पेड़ लगाने का अपील किया । भाजपा जिलाकोषाध्यक्ष व सभासद प्रतिनिधि शत्रुघ्न कसौधन दिनेश सिंह रमाशंकर डॉ राजेश जायसवाल सीताराम मद्धेशिया सोनू जी सोनू वर्मा अजय गुप्ता महबूब अली लल्लन मद्धेशिया अमरनाथ जयसवाल अरुण त्रिपाठी रणजीत सिंह सहित नगर कर्मचारी मौजूद रहे।

जलस्तर घटाव पर मुश्किलें बरकरार

गोला गोरखपुर।सरयू व राप्ती नदी का जलस्तर लगातार तीन दिनों तक वृद्धि के बाद बुधवार शाम से घटने लगी हैं जिससे बाढ़ से घिरे 20 गांव के लोगों ने राहत की सांस ली ।

जलस्तर में घटाव जरूर हो रहा हैं मगर मुश्किलें जस का तस हैं.

बाढ़ की भीषण मार झेल रहे बड़हलगंज बगहा के गौरी साहनी नन्हे पाल गोविंद निरजंन इंदल पाल सौदागर सिंह का कहना है कि बाढ़ के समय सभी लोग आश्वासन देकर चले जाते हैं।उनके आश्वासन से जनता का विश्वास टूट चुका हैं ।

राहत सामग्री वितरण की हो रही मांग

बाढ़ व कटान प्रभावित गांव बगहा के अमरनाथ बेचनी देवी बरडीहा के प्रेमसागर आदि का कहना है कि पाचवी बार भीषण आने से घरों में रखा खाद्यसामग्री बर्बाद हो गया हैं हम लोगो की मांग हैं कि तहसील प्रसाशन राहत सामग्री वितरण करें जिससे कुछ राहत मिल सके ।

शो पीस बन कर खड़ी पानी की टंकियां, हर घर नल योजना में बड़ी धांधली

खजनी गोरखपुर। केंद्र और प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जिसके तहत गांवों में हर घर तक पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। किंतु जल निगम की लापरवाही से गांवों में बने हजारों लीटर को ओवर हेड वाटर टैंक (पानी की टंकियां) शो पीस बन कर खड़े हैं, और इनसे नियमित पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। कदाचित ऐसा किसी एक गांव में होता तो इसे तकनीकि खराबी मान लिया जाता। लेकिन दुर्भाग्यवश सभी गांवों में पानी की आपूर्ति की व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।

अधिकारियों की अनदेखी और विभागीय लापरवाही का नतीजा यह है कि पानी की सप्लाई के लिए जमीन के भीतर डाले गए पाइप टूट फूट कर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। गांवों की जिन सड़कों और गलियों से हो कर पाइप लाइन बिछाने का काम किया गया है उनकी मरम्मत भी नहीं की गई है। पानी आने और जाने की कोई समय सीमा भी निर्धारित नहीं है। वाटर लीकेज की समस्या और सप्लाई का पानी नहीं पहुंचने की समस्या से हर घर नल योजना पूरी तरह से फ्लॉप साबित हो गई है। गांवों के निवासियों की मानें तो कभी पानी आता है नहीं, विभागीय लापरवाही और अधिकारियों की मिलीभगत से पेयजल आपूर्ति व्यवस्था में लगे ठेकेदारों के द्वारा बड़ी धांधली के संकेत मिलते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शिकायतें सुनने वाला कोई जिम्मेदार भी नजर नहीं आता टंकियों में पानी भरने और घरों तक सप्लाई का पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी किसे सौंपी गई है, इसका भी पता नहीं है। इसमें बड़ा खेला हुआ है।

मिली जानकारी के अनुसार खुटभार गांव में स्थित पशु अस्पताल के समीप बने बड़े ओवर हेड वाटर टैंक से पूरे खजनी कस्बे, खुटभार, रूद्रपुर, खुटहना आदि गांवों में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की गई है लेकिन महीने में 15 दिन भी पानी नहीं आता है रूद्रपुर गांव की दलित बस्ती गायघाट और गौरापार मौजे में आज तक पानी की आपूर्ति नहीं हुई है। इसी प्रकार गोपालपुर गांव में बनी पानी की टंकी से घईसरा, पिपरां, बेलूडीहां और औंजी गांव में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था नहीं की गई है। गोपालपुर गांव में भी दर्जनों स्थानों पर पाइप फूटने लीकेज और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था बदहाली का शिकार है। उसी प्रकार सर्वसीं गांव में बनी पानी की टंकी और सहसीं गांव में बनी पानी की टंकी से भी पेयजल की आपूर्ति नहीं हो रही है।

गांवों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था बदहाली का शिकार है। सप्लाई शुरू होते ही सड़कों के किनारे संपर्क मार्गों पर और खेतों में जलभराव हो जाता है। इन अंडरग्राउंड फूटे पाइपों की मरम्मत नहीं की जाती है। कागजों में आंकड़ों के हिसाब से गांवों में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था ठीक बता कर सरकारी खजाने और धन का बंदरबांट हुआ है, तथा पानी के आपूर्ति की व्यवस्था पूरी तरह से फेल और बदहाली का शिकार हो चुकी है।

इलाके के अनिल कुमार तिवारी, दिलीप सिंह, राजेश पांडेय, विदुरमणि सिंह, पिंटू, शेषमणि पांडेय, श्रवण शेखर तिवारी, अलाउद्दीन, अवधेश तिवारी, सुधीर, मंगेश साहनी, अमित यादव, रमेश सिंह, धर्मेंद्र चौरसिया सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि हर घर नल योजना पूरी तरह से फ्लॉप साबित हो गई है, इसमें बड़े पैमाने पर धांधली और सरकारी धन का बंदरबांट किया गया है। इस संदर्भ में जल निगम के एक्सईएन अखिलानंद ने बताया कि समस्या गंभीर है, कार्यदाई संस्थाओं को सिर्फ 2 वर्षों तक मरम्मत की जिम्मेदारी दी जाती है। उसके बाद इसकी जिम्मेदारी ग्रामसभाओं की होती है, उन्होंने कहा कि शिकायतें दूर कराने की व्यवस्था की जाएगी।

पूर्व जिला पंचायत सदस्य की अंत्येष्टि ,आवास पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे लोग

खजनी गोरखपुर। ब्लॉक के भेउसा उर्फ बनकटा गांव के मूल निवासी रहे पूर्व जिला पंचायत सदस्य धर्मेंद्र सिंह (55 वर्ष) का आकस्मिक निधन हो गया। वे पिछले कुछ महीनों से गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे। बीते माह से वह बीमार चल रहे थे, और एसजीपीजीआई लखनऊ में उनका इलाज चल रहा था। निधन की सूचना मिलते ही गांव तथा आसपास के क्षेत्रों में माहौल गमगीन हो गया। आकस्मिक निधन की सूचना पर उनके पैतृक निवास पर पहुंचे दर्जनों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और शोक संतप्त परिजनों को धैर्य बंधाया। आज बनकटां घाट कुआंनों नदी के तट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

श्रद्धांजलि देने पहुंचे क्षेत्रीय विधायक श्रीराम चौहान, पूर्व विधायक संत प्रसाद खजनी ब्लॉक प्रमुख अंशु सिंह, बेलघाट ब्लॉक प्रमुख पूजा सिंह कौशिक, उरूवां ब्लॉक प्रमुख कृपाशंकर उर्फ जुगनू दुबे, डॉ बुद्धसागर सिंह, अरविंद सिंह, अनिल सिंह, रविंद्र सिंह, डब्लू सिंह, प्रदीप सिंह ,जंगशेर सिंह गुड्डू सिंह, सत्येंद्र बहादुर उर्फ पप्पू सिंह, संजय सिंह कृष्णमोहन सिंह, राजेंद्र यादव, हरेंद्र यादव, गया सिंह, उदय प्रताप सिंह, जयराम शाही, बालकेश मिश्रा, सुरेंद्र सिंह, शैलेंद्र कुमार सिंह, अवध बिहारी मिश्रा, गुड्डू सिंह, अखिलेश सिंह आदि लोगों ने उनके निधन को अपूर्णीय क्षति बताया।