सुनील सांगवान जिनके जेलर रहते हुए राम रहीम को मिली 6 बार परोल, बीजेपी ने क्यों की टिकट देने के मेहरबानी?
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हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर है। सभी पार्टियां जोर-शोर से चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं। इसी क्रम में सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर रहे है। बीजेपी ने भी प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। प्रत्याशियों की सूची में एक नाम की खूब चर्चा हो रही है। यह नाम उस पूर्व जेल अधिकारी का है जिन्होंने डेरा सच्चा सौदा चीफ को छह बार पैरोल दी है।गुरमीत राम रहीम रेप और हत्या के दोषी हैं और रोहतक की सुनारिया जेल में क़ैद हैं। जिसे बार-बार पैरोल देने वाले जेलर सुनील सांगवान पर बीजेपी मेहरबान दिखी। पार्टी ने सुनील सांगवान को चरखी दादरी से टिकट दिया है।
जेल अधीक्षक पद से वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद सुनील सांगवान बीते दिनों बीजेपी में शामिल हुए हैं।सुनील सांगवान को बीजेपी में शामिल कराने में इतनी जल्दी दिखाई गई कि हरियाणा सरकार ने रविवार यानी 1 सितंबर को ही गुरुग्राम जिला जेल के अधीक्षक पद से वीआरएस के उनके आवेदन को मंजूर करने की प्रक्रिया पूरी कर ली।
बीबीसी की खबर के मुताबिक जेल महानिदेशक (डीजी) ने 1 सितंबर को राज्य के सभी जेल अधीक्षकों को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्होंने उसी दिन 'नो ड्यूज' प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया। डीजी की तरफ़ से जारी पत्र में कहा गया, "सुनील सांगवान, अधीक्षक जेल, जिला जेल, गुरुग्राम ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए अनुरोध किया है। इसलिए आग्रह है कि सुनील सांगवान, अधीक्षक जेल, गुरुग्राम के पक्ष में नो-ड्यूज प्रमाण पत्र शाम 4 बजे तक जारी कर दिया जाए।''
सुनील सांगवान ने जेल विभाग में 22 साल से अधिक काम किया है। वो साल 2002 में हरियाणा जेल विभाग में शामिल हुए थे। उन्होंने राज्य की कई जेलों में बतौर जेल अधीक्षक काम किया है, इसमें रोहतक की सुनारिया जेल भी है जहां उन्होंने पांच साल तक अपनी सेवाएं दी हैं। ये वो ही जेल है जहां राम रहीम सज़ा काट रहे हैं। राम रहीम को कुल 10 बार पैरोल या फरलो पर जेल से बाहर भेजा जा चुका है। इनमें से 6 बार ऐसा सुनील सांगवान के बतौर जेल अधीक्षक रहते हुआ।
उनके कार्यकाल के दौरान ये वो मौके हैं जब राम रहीम को जेल से बाहर भेजा गया।
• 24 अक्टूबर 2020 को एक दिन की आपातकालीन पैरोल
• 21 मई 2021 को एक दिन की आपातकालीन पैरोल
• 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले 7 से 28 फरवरी तक 21 दिन की फरलो दी गई थी।
• हरियाणा नगर निगम चुनाव 2022 से पहले 17 जून से 16 जुलाई तक 30 दिन की पैरोल।
• आदमपुर विधानसभा उपचुनाव 2022 से पहले 15 अक्टूबर से 25 नवंबर तक 40 दिन की पैरोल।
• 21 जनवरी से 3 मार्च, 2023 तक 40 दिन की पैरोल।
हरियाणा सरकार पर उठे थे सवाल
बार-बार पैरोल मिलने पर राज्य सरकार पर कई तरह के सवाल भी उठे थे। शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि बिना इजाजत राम रहीम को पैरोल या फरलो न दी जाए। बाद में हाईकोर्ट ने पैरोल या फरलो का जिम्मा राज्य सरकार पर भी छोड़ दिया था।
Sep 11 2024, 18:24